जीवन के संग्राम में केवल वह ही विजय होता है जो अपने जीवन के challenges को face करना जानता है. रौशन नागर एक जीती जागती मिसाल हैं. रौशन ने बचपन में ही एक हादसे में दोनों हाथ और पैर गँवा दिए. छोटी उम्र में हुए इस हादसे ने उन्हें अंदर से हिलाकर रख दिया. पर रौशन ने हिम्मत ना हारते हुए हर चुनौती का डटकर सामना किया. रौशन ने अपने पढ़ाई फिर से शुरु की और अपने कन्धों पर पैन बाँध कर लिखना सीखा. आज रौशन कई लोगों को training और सहायता प्रदान कर रहे हैं और अपने जीवन को सफलतापूर्ण जी रहे हैं. देखिये रौशन की प्रेरणादायक कहानी हमारे इस जोश talk में और पाएं जीवन में कुछ कर गुजरने का motivation.
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