Best Spiritual Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Spiritual Stories in All books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cu...Read More


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  • भगवद्गीता - अध्याय ८

    आठवा अध्यायअक्षरब्रह्म योगअर्जुन म्हणाला, ब्रह्म, अध्यात्म, कर्म कसे जाणावे?. अध...

  • નારદ પુરાણ - ભાગ 1

    મહર્ષિ પરાશર અને સત્યવતીના પુત્ર એવા મહર્ષિ કૃષ્ણદ્વૈપાયન વેદ વ્યાસે મૂળરૂપે એક...

  • नानी बाई रो मायरो

    नानी बाई रो मायरोनानी बाई ने (मायरा) भात भरने के लिए नरसी जी को बुलाया। नरसी जी...

भगवद्गीता - अध्याय ८ By गिरीश

आठवा अध्यायअक्षरब्रह्म योगअर्जुन म्हणाला, ब्रह्म, अध्यात्म, कर्म कसे जाणावे?. अधिभूत, अधिदैव म्हणजे काय? अधियज्ञ म्हणजे काय? या देहात कोण राहतो?. मृत्यू जवळ आला असता योगी तुला जाणत...

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નારદ પુરાણ - ભાગ 1 By Jyotindra Mehta

મહર્ષિ પરાશર અને સત્યવતીના પુત્ર એવા મહર્ષિ કૃષ્ણદ્વૈપાયન વેદ વ્યાસે મૂળરૂપે એક જ વેદ ઋગ્વેદને ચાર ભાગોમાં વહેંચી દીધો. તે ચાર વેદોને નામ આપ્યાં ઋગ્વેદ, યજુર્વેદ, સામવેદ અને અથર્વવ...

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अखा भगत By Renu

अखा भगत गुजराती भाषा के प्राचीन कवियों में महत्त्वपूर्ण स्थान है। वे अपने समय के सर्वोत्तम प्रतिभा संपन्न कवि थे। उनका समय 1592 से 1673 ई. तक माना जाता है। वृत्ति की दृष्टि से वे स...

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रामायण - अध्याय 7 - उत्तरकांड - 64 By MB (Official)

अध्याय 64 ऐल राजाची कथा ॥ श्रीसद्‌गुरुरामचंद्राय नमः ॥ ऐसी शक्रारिहत्यांची कथा । अति आश्चर्य अपूर्वता ।ऐकोनियां समस्तां । झाला बोलता श्रीराम ॥१॥होवोनि आनंदभरित । बोलावयाचा उपक...

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भाव का भूखा By DINESH KUMAR KEER

भाव का भूखा एक अमीर आदमी बहुत ही संकट में था । उसे लाखों - करोड़ों का नुकसान जो हुआ था, और सारी जीवन की कमाई डूबने के करीब थी ! जीवन की नाव डगमगा रही थी । वह कभी मंदिर नहीं गया था,...

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श्रीधर स्वामी By Renu

श्रीधर स्वामी के विषय में प्रामाणिक सामग्री तो उपलब्ध नहीं है, जो किंवदन्तियां हैं, उन्‍हीं के आधार पर कुछ जानकारी है। महापुरुषों के जीवन के सत्‍य को ऐसी किंवदन्तियां ही बहुत कुछ प...

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चोखा मेला By Renu

चोखा मेला महार जाति के थे। मंगलवेढ़ा नामक स्‍थान में रहते थे। बस्‍ती से मरे हुए जानवर उठा ले जाना ही इनका धंधा था। बचपन से ही ये बड़े सरल और धर्मभीरु थे। श्रीविट्ठल जी के दर्शनों क...

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नानी बाई रो मायरो By DINESH KUMAR KEER

नानी बाई रो मायरोनानी बाई ने (मायरा) भात भरने के लिए नरसी जी को बुलाया। नरसी जी के पास भात भरने के लिए कुछ नहीं था. वह निर्धन थे लेकिन भगवन की भक्ति का खजाना भरपूर था. वो कहते थे क...

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Psychology of People for not converting to other religion By Khandaker Sakib Farhad

If we look at our current society, we tend to believe that our religion is our religion and their religion is their religion. We should respect all religions because peace is the b...

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विसोबा सराफ By Renu

पण्‍ढरपुर से पचास कोस की दूरी पर औंढ़िया नागनाथ एक प्रसिद्ध शिवक्षेत्र है। यहीं पर यजुर्वेदी ब्राह्मण कुल में विसोबा का जन्‍म हुआ था। सराफी का काम करने के कारण ये 'सराफ' कह...

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સ્વર્ગમાં બનેલી જોડી By Bipin Ramani

સ્વર્ગમાં બનેલી જોડીમક્કમ મનોબળ ધરાવતી પાર્વતીએ તપસ્યા આદરી દીધી. કંઈપણ ખાધા. પીધા વિના સતત મંત્રોચ્ચાર કર્યા કરતી પાર્વતીને અપર્ણા નામ મળ્યું. અપર્ણા એટલે એવી સ્ત્રી જે એક પાંદડું...

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વ્યસનથી મુક્તિ, ચાર સ્ટેપ્સમાં By Dada Bhagwan

વ્યસનનું દૂષણ ઘણાં કાળથી સમાજમાં વ્યાપેલું છે. ખાસ કરીને યુવા જીવનમાં વ્યસનનો પગપેસારો થાય છે, દેખાદેખીથી અને કુસંગના રવાડે ચડવાથી! જો વ્યસન ન કરે તો બધા મિત્રો છંછેડે કે “આટલું નથ...

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नाम जप साधना - भाग 18 By Charu Mittal

भगवन्नाम महिमाहरिनामपरा ये च घोरे कलियुगे नराः ।त एव कृतकृत्याप्चश्न कलिर्बाधिते हि तान् ॥ “घोर कलियुग में जो मनुष्य हरिनाम परायण हैं वे ही कृतकृत्य हैं। कलियुग उन्हें बाधा नहीं पह...

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प्रभु श्रीराम By DINESH KUMAR KEER

प्रभु श्रीराम सालों बाद आज अयोध्या नगरी में प्रभु श्रीराम आए हैं ।सूनी आँखों ने आज प्रभु श्रीराम के दर्शन पाए हैं ।बालक - वृद्ध, नर - नारी सभी जश्न मनाते हैं ।देवगण, ऋषिगण - मुनिगण...

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श्री नामदेव जी By Renu

जल-थल और अग्नि आदि में सर्वत्र अपने इष्ट का ही दर्शन करूंगा — यह प्रतिज्ञा श्री नामदेव जी की उसी प्रकार निभी, जैसे कि त्रेतायुग में नरसिंह भगवान् के दास श्री प्रह्लाद जी की निभी थी...

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અહો! અહો! જ્ઞાની પુરુષ - Part 2 By Dada Bhagwan

જ્ઞાની પુરુષની દશા અટપટી હોય. સામાન્ય મનુષ્યથી કળાય તેમ ન હોય. જ્ઞાની પુરુષને આશ્રમનો શ્રમ ના હોય, ધજા ના હોય, પંથ કે વાડો ના હોય, ભગવું કે સફેદ વસ્ત્ર ના હોય, સીધાસાદા વેશમાં ફરતા...

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अंगद शिष्टाई - भाग २ By गिरीश

हे अंगदाचे मर्मभेदक असे बोलणे ऐकून रावण स्वत: बोलला. तू राजवाड्याच्या दरवाजाच्या मार्गाने न येता दुसऱ्याच मार्गाने आलास यामुळे आम्ही मौन राहिलो होतो. असे चुकीच्या मार्गाने आलेल्याश...

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मेरे प्रभु श्री राम आए हैं ...... By Purnima Kaushik

22 जनवरी का अत्यंत खुशियों से भरा दिन था, जिसका इंतजार अनेक वर्षों से भारत का प्रत्येक नागरिक कर रहा था। इस शुभ अवसर का इंतजार न जाने कितने वर्षों से सभी राम भक्त कर रहे थे। हमारे...

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અયોધ્યાશ્રી રામ પ્રાણ પ્રતિષ્ઠા મહોત્સવ ૨૨ ૦૧ ૨૦૨૪ By वात्सल्य

પ્રભુ શ્રી રામના ચરણોમાં મારા અનંત કોટી પ્રણામ....!!!!વરસોની તપસ્યા બાદ અને અથાગ પરિશ્રમ થકી તેમજ અનેક ભક્તોના ૫૦૦ વરસના લાંબા સમય સાથે અનેક ભક્તોની પ્રાણ આહૂતી અપાયા બાદ ભગવાન શ્ર...

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भगवद्गीता - अध्याय ८ By गिरीश

आठवा अध्यायअक्षरब्रह्म योगअर्जुन म्हणाला, ब्रह्म, अध्यात्म, कर्म कसे जाणावे?. अधिभूत, अधिदैव म्हणजे काय? अधियज्ञ म्हणजे काय? या देहात कोण राहतो?. मृत्यू जवळ आला असता योगी तुला जाणत...

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નારદ પુરાણ - ભાગ 1 By Jyotindra Mehta

મહર્ષિ પરાશર અને સત્યવતીના પુત્ર એવા મહર્ષિ કૃષ્ણદ્વૈપાયન વેદ વ્યાસે મૂળરૂપે એક જ વેદ ઋગ્વેદને ચાર ભાગોમાં વહેંચી દીધો. તે ચાર વેદોને નામ આપ્યાં ઋગ્વેદ, યજુર્વેદ, સામવેદ અને અથર્વવ...

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अखा भगत By Renu

अखा भगत गुजराती भाषा के प्राचीन कवियों में महत्त्वपूर्ण स्थान है। वे अपने समय के सर्वोत्तम प्रतिभा संपन्न कवि थे। उनका समय 1592 से 1673 ई. तक माना जाता है। वृत्ति की दृष्टि से वे स...

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रामायण - अध्याय 7 - उत्तरकांड - 64 By MB (Official)

अध्याय 64 ऐल राजाची कथा ॥ श्रीसद्‌गुरुरामचंद्राय नमः ॥ ऐसी शक्रारिहत्यांची कथा । अति आश्चर्य अपूर्वता ।ऐकोनियां समस्तां । झाला बोलता श्रीराम ॥१॥होवोनि आनंदभरित । बोलावयाचा उपक...

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भाव का भूखा By DINESH KUMAR KEER

भाव का भूखा एक अमीर आदमी बहुत ही संकट में था । उसे लाखों - करोड़ों का नुकसान जो हुआ था, और सारी जीवन की कमाई डूबने के करीब थी ! जीवन की नाव डगमगा रही थी । वह कभी मंदिर नहीं गया था,...

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श्रीधर स्वामी By Renu

श्रीधर स्वामी के विषय में प्रामाणिक सामग्री तो उपलब्ध नहीं है, जो किंवदन्तियां हैं, उन्‍हीं के आधार पर कुछ जानकारी है। महापुरुषों के जीवन के सत्‍य को ऐसी किंवदन्तियां ही बहुत कुछ प...

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चोखा मेला By Renu

चोखा मेला महार जाति के थे। मंगलवेढ़ा नामक स्‍थान में रहते थे। बस्‍ती से मरे हुए जानवर उठा ले जाना ही इनका धंधा था। बचपन से ही ये बड़े सरल और धर्मभीरु थे। श्रीविट्ठल जी के दर्शनों क...

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नानी बाई रो मायरो By DINESH KUMAR KEER

नानी बाई रो मायरोनानी बाई ने (मायरा) भात भरने के लिए नरसी जी को बुलाया। नरसी जी के पास भात भरने के लिए कुछ नहीं था. वह निर्धन थे लेकिन भगवन की भक्ति का खजाना भरपूर था. वो कहते थे क...

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Psychology of People for not converting to other religion By Khandaker Sakib Farhad

If we look at our current society, we tend to believe that our religion is our religion and their religion is their religion. We should respect all religions because peace is the b...

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विसोबा सराफ By Renu

पण्‍ढरपुर से पचास कोस की दूरी पर औंढ़िया नागनाथ एक प्रसिद्ध शिवक्षेत्र है। यहीं पर यजुर्वेदी ब्राह्मण कुल में विसोबा का जन्‍म हुआ था। सराफी का काम करने के कारण ये 'सराफ' कह...

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સ્વર્ગમાં બનેલી જોડી By Bipin Ramani

સ્વર્ગમાં બનેલી જોડીમક્કમ મનોબળ ધરાવતી પાર્વતીએ તપસ્યા આદરી દીધી. કંઈપણ ખાધા. પીધા વિના સતત મંત્રોચ્ચાર કર્યા કરતી પાર્વતીને અપર્ણા નામ મળ્યું. અપર્ણા એટલે એવી સ્ત્રી જે એક પાંદડું...

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વ્યસનથી મુક્તિ, ચાર સ્ટેપ્સમાં By Dada Bhagwan

વ્યસનનું દૂષણ ઘણાં કાળથી સમાજમાં વ્યાપેલું છે. ખાસ કરીને યુવા જીવનમાં વ્યસનનો પગપેસારો થાય છે, દેખાદેખીથી અને કુસંગના રવાડે ચડવાથી! જો વ્યસન ન કરે તો બધા મિત્રો છંછેડે કે “આટલું નથ...

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नाम जप साधना - भाग 18 By Charu Mittal

भगवन्नाम महिमाहरिनामपरा ये च घोरे कलियुगे नराः ।त एव कृतकृत्याप्चश्न कलिर्बाधिते हि तान् ॥ “घोर कलियुग में जो मनुष्य हरिनाम परायण हैं वे ही कृतकृत्य हैं। कलियुग उन्हें बाधा नहीं पह...

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प्रभु श्रीराम By DINESH KUMAR KEER

प्रभु श्रीराम सालों बाद आज अयोध्या नगरी में प्रभु श्रीराम आए हैं ।सूनी आँखों ने आज प्रभु श्रीराम के दर्शन पाए हैं ।बालक - वृद्ध, नर - नारी सभी जश्न मनाते हैं ।देवगण, ऋषिगण - मुनिगण...

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श्री नामदेव जी By Renu

जल-थल और अग्नि आदि में सर्वत्र अपने इष्ट का ही दर्शन करूंगा — यह प्रतिज्ञा श्री नामदेव जी की उसी प्रकार निभी, जैसे कि त्रेतायुग में नरसिंह भगवान् के दास श्री प्रह्लाद जी की निभी थी...

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અહો! અહો! જ્ઞાની પુરુષ - Part 2 By Dada Bhagwan

જ્ઞાની પુરુષની દશા અટપટી હોય. સામાન્ય મનુષ્યથી કળાય તેમ ન હોય. જ્ઞાની પુરુષને આશ્રમનો શ્રમ ના હોય, ધજા ના હોય, પંથ કે વાડો ના હોય, ભગવું કે સફેદ વસ્ત્ર ના હોય, સીધાસાદા વેશમાં ફરતા...

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अंगद शिष्टाई - भाग २ By गिरीश

हे अंगदाचे मर्मभेदक असे बोलणे ऐकून रावण स्वत: बोलला. तू राजवाड्याच्या दरवाजाच्या मार्गाने न येता दुसऱ्याच मार्गाने आलास यामुळे आम्ही मौन राहिलो होतो. असे चुकीच्या मार्गाने आलेल्याश...

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मेरे प्रभु श्री राम आए हैं ...... By Purnima Kaushik

22 जनवरी का अत्यंत खुशियों से भरा दिन था, जिसका इंतजार अनेक वर्षों से भारत का प्रत्येक नागरिक कर रहा था। इस शुभ अवसर का इंतजार न जाने कितने वर्षों से सभी राम भक्त कर रहे थे। हमारे...

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અયોધ્યાશ્રી રામ પ્રાણ પ્રતિષ્ઠા મહોત્સવ ૨૨ ૦૧ ૨૦૨૪ By वात्सल्य

પ્રભુ શ્રી રામના ચરણોમાં મારા અનંત કોટી પ્રણામ....!!!!વરસોની તપસ્યા બાદ અને અથાગ પરિશ્રમ થકી તેમજ અનેક ભક્તોના ૫૦૦ વરસના લાંબા સમય સાથે અનેક ભક્તોની પ્રાણ આહૂતી અપાયા બાદ ભગવાન શ્ર...

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