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Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Poems in All books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cultures. They...Read More


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  • बेफिक्री लड़की

    1] अजीब सी लड़की..मैं हूं लड़की अजीब सी.....सुनती तो सबकी, मगर करती सिर्फ अपने म...

  • में और मेरे अहसास - 93

    यमुना तट पर कृष्णा रास खेले राधा संग l सखी सहियर कृष्णा रास खेले राधा संग ll &nb...

  • माँ की ममता अपार

    माँ की ममता अपार,प्रेम की भेंट निरंतर।माँ ही है सबसे प्यारी,जननी, जीवन दातारी।जन...

बेफिक्री लड़की By K T

1] अजीब सी लड़की..मैं हूं लड़की अजीब सी.....सुनती तो सबकी, मगर करती सिर्फ अपने मन की हूं..जब भी बारिश आती है, तो मैं सब कुछ भूल कर पूरे मन से भीगती हूं..तेज हवाओं में भी, झूम के चल...

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جام پیو By Darshita Babubhai Shah

کرشنا نے جمنا کے کنارے رادھا کے ساتھ راس کھیلا۔ سخی سہیار کرشن راس کھیل رادھا کے ساتھ   ورنداون میں محبت کا عادی اپنے نیک ارادوں کو بھول جاتا ہے۔ گوپ گوپیوں نے رادھا کے ساتھ ک...

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मी आणि माझे अहसास - 79 By Darshita Babubhai Shah

यमुनेच्या तीरावर कृष्णाने राधासोबत रास खेळला. सखी सहियार कृष्ण रास खेळे राधा ll   वृंदावनात, प्रेम व्यसनी त्याच्या चांगल्या हेतूला विसरतो. गोप गोपी राधासोबत कृष्ण रास खेळतात....

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HAPPINESS - 83 By Darshita Babubhai Shah

Krishna played Raas with Radha on the banks of Yamuna. Sakhi Sahiyar Krishna Raas Khele with Radha ll   In Vrindavan, the love addict forgets his good intentions. Gop Gopis pl...

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હું અને મારા અહસાસ - 87 By Darshita Babubhai Shah

યમુના કિનારે કૃષ્ણ રાધા સાથે રાસ રમ્યા હતા. રાધા સાથે સખી સહિયર કૃષ્ણ રાસ ખેલ   વૃંદાવનમાં પ્રેમનો વ્યસની પોતાના સારા ઈરાદાને ભૂલી જાય છે. ગોપ ગોપીઓ રાધા સાથે કૃષ્ણ રાસ રમે છે...

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में और मेरे अहसास - 93 By Darshita Babubhai Shah

यमुना तट पर कृष्णा रास खेले राधा संग l सखी सहियर कृष्णा रास खेले राधा संग ll     वृन्दावन में प्रेम दीवानी सुधबुध बिसराके l गोप गोपियाँ कृष्णा रास खेले राधा संग ll  ...

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आंसू By Devansh

आंसू आंसू की बात करती है दुनिया कुछ लोग बिन आंसू रोते हैं...  अकेले में खुद को ही वो टोहते हैं।   टोहते है वो खुद को, वो देखे मन में रोते खुद को, अकेले में खुद को ही वो टोहते हैं।...

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મંથન મારું By shailesh koradiya "ZALIM"

જીવનમાં અનુભવ ઘણા કડવા જોઈએ, માણસ જાતજાતના બધાં મળવા જોઈએ.   માણસને માણસમાં ઈશ્વર દેખાતો નથી, એથી એને પથ્થર મૂર્તિ ઘડવા જોઈએ.   પ્રેમને જાણીને જે પામી શકતા નથી, એ પ્રેમીના હૃદય કદી...

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गुलदस्ता - 19 By Madhavi Marathe

               ११८ कलियोंने हलकेसे फुलों को कहाँ बताओ तो जरा, कैसे दिख रही है दुनिया, तुम्हारे खिल जाने से क्या लोगों के चेहेरे खिल गए है ? तुम्हारी सुगंध से उनके आँगन महक उठे है ?...

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دل والا By Darshita Babubhai Shah

دل کی محبت لامحدود ہے۔ محبت کا اظہار بار بار ہوتا ہے۔   خوش رہنے کی پوری کوشش کرو ملاقات کے لمحات کو یادگار بناتا ہے۔   میرے دوست اور عاشق کی لامحدود محبت۔ محبت کی چھلک پ...

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خاموش جذبات By Darshita Babubhai Shah

پیار، محبت، ضرورت، عادت، جسے بھی آپ کہتے ہیں۔ اوہ لامحدود محبت، جو کچھ بھی کہو۔   کچھ وقت ملے تو نکال لیں۔ دیکھ کر سکون ملتا ہے، جو بھی کہو۔   تڑپ اور ترس ہمیشہ سے خواہشا...

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The Truth Of The World By Pawan Kumar Saini

The Truth Of The World Two wordsI do not remember when by adding some words in reverse I started giving them the form of poetry with my understanding.Whatever I have seen, felt, fe...

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कवितेचे प्रकार माहिती By Ankush Shingade

रुबाई, चारोळी, हायकू, संवादिनी म्हणजे काय हो? आधुनीक काळ फार व्यस्ततेचा काळ आहे. या काळात स्री आणि पुरुष दोघंही कामाला जात असतात. त्यामुळंच कोणाकडं वेळच उरलेला नाही. तसं पाहता त्या...

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माँ की ममता अपार By बैरागी दिलीप दास

माँ की ममता अपार,प्रेम की भेंट निरंतर।माँ ही है सबसे प्यारी,जननी, जीवन दातारी।जन्म से लेकर बड़े होने तक,माँ का सहारा है बचपन का ठिकाना।वो ही थामती है हमारा हाथ,चाहे गर्भ में हो या...

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خواہشات کا معاملہ By Darshita Babubhai Shah

خواہشات کا تعلق صرف تم سے ہے۔ مکمل منزل کا راستہ صرف آپ کے ذریعے ہے۔   آپ کو محسوس کرنا محبت ہے، سنو۔ زندگی کا راستہ صرف آپ کی وجہ سے واضح ہے۔   سفر تمھارے ساتھ کیوں رک گ...

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मन में आशा के दीप जलाए रखना By Dr Yogendra Kumar Pandey

दीपावली यानी दीपों का त्यौहार। घरों में साफ-सफाई और रंगाई- पोताई के बाद चमकते घर आंगन, तोरण और बंदनवार से सजे द्वार, विविध रंगों से बनाई जाती रंगोलियां,धन की देवी लक्ष्मी जी के स्व...

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मुझ मैं बस मैं हूं, मैं हूं !!! By Makvana Bhavek

लोग कहते हैं मैं बहुत कोशिश करता हूं  लोग कहते हैं कि मैं सचमुच अजीब लगता हूँ  आप जानते हैं कि मेरा इरादा कोई नुकसान पहुंचाने का नहीं है  मैं बस खुद जैसा बनने की कोशिश कर रहा हूं ल...

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বউল বাতাস - 6 By Joy Bandyopadhyay

শিল্পীঅর্ধেক মুখ আঁকা সামনের ক্যানভাসেবাকি অর্ধেক আমার মনে জট পাকিয়ে আছেতোমার এক চোখে অতল পদ্মপুকুরের চাহনিআর এক চোখের ভাষা এখনও অস্ফুটআকাশের নীল নিয়ে দিয়েছিলাম প্রেক্ষাপটেতারাগুলো...

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કવિતા, ક્યા સરનામે? By Heena Hariyani

કવિતા , ક્યા સરનામે.....?અહી જે કાવ્ય સંગ્રહ મુકવામા આવ્યો છે ,તેમાથી અમુક રચનાઓ મારી અનહદ ગમતી રચનાઓ માની હોય, તેને પણ અહી સમાવી લીધી છે.હુ સમજણી થઇ ત્યાર થી છુટુ છવાયુ લખ્યા કરતી...

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نیلا آسمان By Darshita Babubhai Shah

نیلے آسمان نے مجھے بہت کچھ سکھایا۔ اداس چہرے کو مسکرانا سکھایا   پونم کی ملاقات کی رات اس کی سہیلی مجھے پیار کا ٹھنڈا مشروب پلایا   زندگی ہمیشہ ایک سفر ہے۔ میں نے آپ کو ا...

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काव्यजीत - 6 By Kavya Soni

1.ये जो दर्द मीठा सा हैबेचैन से अहसास हैबहके से मेरे जज़्बात हैखुमारी उसके इश्क की हैप्यार नैन की चाहत उसका दीदार हैजो नज़रों के सामने वो आ जाएदिल ये पाए करार हैक्या ये ही प्यार है...

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جنت By Darshita Babubhai Shah

آپ کیسا خوبصورت جرم کرنا چاہتے ہیں؟ کیا آپ کائنات کو جنت بنانا چاہتے ہیں؟   ہر ایک کو اپنے جیسا دل نہ سمجھیں۔ دوست تم خود کو شکست دینا چاہتے ہو۔   بہت بے ایمان، پڑھا لکھا...

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बेफिक्री लड़की By K T

1] अजीब सी लड़की..मैं हूं लड़की अजीब सी.....सुनती तो सबकी, मगर करती सिर्फ अपने मन की हूं..जब भी बारिश आती है, तो मैं सब कुछ भूल कर पूरे मन से भीगती हूं..तेज हवाओं में भी, झूम के चल...

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جام پیو By Darshita Babubhai Shah

کرشنا نے جمنا کے کنارے رادھا کے ساتھ راس کھیلا۔ سخی سہیار کرشن راس کھیل رادھا کے ساتھ   ورنداون میں محبت کا عادی اپنے نیک ارادوں کو بھول جاتا ہے۔ گوپ گوپیوں نے رادھا کے ساتھ ک...

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मी आणि माझे अहसास - 79 By Darshita Babubhai Shah

यमुनेच्या तीरावर कृष्णाने राधासोबत रास खेळला. सखी सहियार कृष्ण रास खेळे राधा ll   वृंदावनात, प्रेम व्यसनी त्याच्या चांगल्या हेतूला विसरतो. गोप गोपी राधासोबत कृष्ण रास खेळतात....

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HAPPINESS - 83 By Darshita Babubhai Shah

Krishna played Raas with Radha on the banks of Yamuna. Sakhi Sahiyar Krishna Raas Khele with Radha ll   In Vrindavan, the love addict forgets his good intentions. Gop Gopis pl...

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હું અને મારા અહસાસ - 87 By Darshita Babubhai Shah

યમુના કિનારે કૃષ્ણ રાધા સાથે રાસ રમ્યા હતા. રાધા સાથે સખી સહિયર કૃષ્ણ રાસ ખેલ   વૃંદાવનમાં પ્રેમનો વ્યસની પોતાના સારા ઈરાદાને ભૂલી જાય છે. ગોપ ગોપીઓ રાધા સાથે કૃષ્ણ રાસ રમે છે...

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में और मेरे अहसास - 93 By Darshita Babubhai Shah

यमुना तट पर कृष्णा रास खेले राधा संग l सखी सहियर कृष्णा रास खेले राधा संग ll     वृन्दावन में प्रेम दीवानी सुधबुध बिसराके l गोप गोपियाँ कृष्णा रास खेले राधा संग ll  ...

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आंसू By Devansh

आंसू आंसू की बात करती है दुनिया कुछ लोग बिन आंसू रोते हैं...  अकेले में खुद को ही वो टोहते हैं।   टोहते है वो खुद को, वो देखे मन में रोते खुद को, अकेले में खुद को ही वो टोहते हैं।...

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મંથન મારું By shailesh koradiya "ZALIM"

જીવનમાં અનુભવ ઘણા કડવા જોઈએ, માણસ જાતજાતના બધાં મળવા જોઈએ.   માણસને માણસમાં ઈશ્વર દેખાતો નથી, એથી એને પથ્થર મૂર્તિ ઘડવા જોઈએ.   પ્રેમને જાણીને જે પામી શકતા નથી, એ પ્રેમીના હૃદય કદી...

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गुलदस्ता - 19 By Madhavi Marathe

               ११८ कलियोंने हलकेसे फुलों को कहाँ बताओ तो जरा, कैसे दिख रही है दुनिया, तुम्हारे खिल जाने से क्या लोगों के चेहेरे खिल गए है ? तुम्हारी सुगंध से उनके आँगन महक उठे है ?...

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دل والا By Darshita Babubhai Shah

دل کی محبت لامحدود ہے۔ محبت کا اظہار بار بار ہوتا ہے۔   خوش رہنے کی پوری کوشش کرو ملاقات کے لمحات کو یادگار بناتا ہے۔   میرے دوست اور عاشق کی لامحدود محبت۔ محبت کی چھلک پ...

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خاموش جذبات By Darshita Babubhai Shah

پیار، محبت، ضرورت، عادت، جسے بھی آپ کہتے ہیں۔ اوہ لامحدود محبت، جو کچھ بھی کہو۔   کچھ وقت ملے تو نکال لیں۔ دیکھ کر سکون ملتا ہے، جو بھی کہو۔   تڑپ اور ترس ہمیشہ سے خواہشا...

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The Truth Of The World By Pawan Kumar Saini

The Truth Of The World Two wordsI do not remember when by adding some words in reverse I started giving them the form of poetry with my understanding.Whatever I have seen, felt, fe...

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कवितेचे प्रकार माहिती By Ankush Shingade

रुबाई, चारोळी, हायकू, संवादिनी म्हणजे काय हो? आधुनीक काळ फार व्यस्ततेचा काळ आहे. या काळात स्री आणि पुरुष दोघंही कामाला जात असतात. त्यामुळंच कोणाकडं वेळच उरलेला नाही. तसं पाहता त्या...

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माँ की ममता अपार By बैरागी दिलीप दास

माँ की ममता अपार,प्रेम की भेंट निरंतर।माँ ही है सबसे प्यारी,जननी, जीवन दातारी।जन्म से लेकर बड़े होने तक,माँ का सहारा है बचपन का ठिकाना।वो ही थामती है हमारा हाथ,चाहे गर्भ में हो या...

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خواہشات کا معاملہ By Darshita Babubhai Shah

خواہشات کا تعلق صرف تم سے ہے۔ مکمل منزل کا راستہ صرف آپ کے ذریعے ہے۔   آپ کو محسوس کرنا محبت ہے، سنو۔ زندگی کا راستہ صرف آپ کی وجہ سے واضح ہے۔   سفر تمھارے ساتھ کیوں رک گ...

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मन में आशा के दीप जलाए रखना By Dr Yogendra Kumar Pandey

दीपावली यानी दीपों का त्यौहार। घरों में साफ-सफाई और रंगाई- पोताई के बाद चमकते घर आंगन, तोरण और बंदनवार से सजे द्वार, विविध रंगों से बनाई जाती रंगोलियां,धन की देवी लक्ष्मी जी के स्व...

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मुझ मैं बस मैं हूं, मैं हूं !!! By Makvana Bhavek

लोग कहते हैं मैं बहुत कोशिश करता हूं  लोग कहते हैं कि मैं सचमुच अजीब लगता हूँ  आप जानते हैं कि मेरा इरादा कोई नुकसान पहुंचाने का नहीं है  मैं बस खुद जैसा बनने की कोशिश कर रहा हूं ल...

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বউল বাতাস - 6 By Joy Bandyopadhyay

শিল্পীঅর্ধেক মুখ আঁকা সামনের ক্যানভাসেবাকি অর্ধেক আমার মনে জট পাকিয়ে আছেতোমার এক চোখে অতল পদ্মপুকুরের চাহনিআর এক চোখের ভাষা এখনও অস্ফুটআকাশের নীল নিয়ে দিয়েছিলাম প্রেক্ষাপটেতারাগুলো...

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કવિતા, ક્યા સરનામે? By Heena Hariyani

કવિતા , ક્યા સરનામે.....?અહી જે કાવ્ય સંગ્રહ મુકવામા આવ્યો છે ,તેમાથી અમુક રચનાઓ મારી અનહદ ગમતી રચનાઓ માની હોય, તેને પણ અહી સમાવી લીધી છે.હુ સમજણી થઇ ત્યાર થી છુટુ છવાયુ લખ્યા કરતી...

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نیلا آسمان By Darshita Babubhai Shah

نیلے آسمان نے مجھے بہت کچھ سکھایا۔ اداس چہرے کو مسکرانا سکھایا   پونم کی ملاقات کی رات اس کی سہیلی مجھے پیار کا ٹھنڈا مشروب پلایا   زندگی ہمیشہ ایک سفر ہے۔ میں نے آپ کو ا...

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काव्यजीत - 6 By Kavya Soni

1.ये जो दर्द मीठा सा हैबेचैन से अहसास हैबहके से मेरे जज़्बात हैखुमारी उसके इश्क की हैप्यार नैन की चाहत उसका दीदार हैजो नज़रों के सामने वो आ जाएदिल ये पाए करार हैक्या ये ही प्यार है...

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جنت By Darshita Babubhai Shah

آپ کیسا خوبصورت جرم کرنا چاہتے ہیں؟ کیا آپ کائنات کو جنت بنانا چاہتے ہیں؟   ہر ایک کو اپنے جیسا دل نہ سمجھیں۔ دوست تم خود کو شکست دینا چاہتے ہو۔   بہت بے ایمان، پڑھا لکھا...

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