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Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Poems in All books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cultures. They...Read More


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دلبر By Darshita Babubhai Shah

دلبر دلبر کی آنکھوں کے اشارے نہیں سمجھے، وہ اناڑی ہے۔ سمجھنے کے بعد بھی وہ نہ سمجھنے کا ڈرامہ کرتا ہے، وہ کھلاڑی ہے۔   میں کچھ بات کرنے کا لہجہ سمجھ سکتا ہوں۔ اب مجھے ایک لمحے...

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मी आणि माझे अहसास - 102 By Darshita Babubhai Shah

दिलबर दिलबरच्या डोळ्यातले संकेत समजत नाहीत, तो अनाड़ी आहे. समजल्यानंतरही तो न समजण्याचे नाटक करतो, तो खेळाडू आहे.   मी संभाषणाचा टोन समजू शकतो. आता मला क्षणात बदलत्या हवामानाच...

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HAPPINESS - 106 By Darshita Babubhai Shah

Dilbar He is a fool who does not understand the gestures of Dilbar's eyes. He is a player who pretends to be ignorant even after understanding.   I understand the tone of...

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હું અને મારા અહસાસ - 110 By Darshita Babubhai Shah

દિલબર દિલબરની આંખોમાંના સંકેતો સમજતા નથી, તે અણઘડ છે. સમજ્યા પછી પણ તે ન સમજવાનો ડોળ કરે છે, તે ખેલાડી છે.   હું કંઈક વિશે વાત કરવાનો સ્વર સમજી શકું છું. હવે મારે તને પળવારમાં...

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में और मेरे अहसास - 116 By Darshita Babubhai Shah

दिलबर दिलबर की आँखों के इशारे को ना समझे वो अनाड़ी हैं l समझकर भी ना समझी का दिखावा करे वो खिलाड़ी हैं ll   लहजा समझ में आ रहा है कुछ कुछ बात करने का l अब पलभर में बदलते हुए म...

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قلم بولتا ہے By Darshita Babubhai Shah

زبان خاموش ہے لیکن قلم بولتا ہے۔ دل میں اٹھنے والے الفاظ کو کھولیں۔   دل کی بات سننے کے بعد دل بولتا ہے۔ وہ صداقت کے سہارے سے ڈگمگاتی ہے۔   کتابوں میں ارمی کے بڑھتے ہوئے...

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রূপসী বঙ্গ - ষড় ঋতুরঙ্গ By Ashoke Ghosh

রূপসী বঙ্গ - ষড় ঋতুরঙ্গ   সুজলা সুফলা শস্য-শ্যামলা পরমা রূপসী বঙ্গ, দক্ষিণে সাগরে বহে উচ্ছ্বল তরঙ্গ। তুষার কিরীট মাথে উত্তরে হিমালয়, কলকল নাদে পবিত্র গঙ্গা সাগরের পানে ধায়। ঋতু বদল...

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لامحدود محبت By Darshita Babubhai Shah

کائنات کے دلوں سے نفرتیں مٹاتے رہیں۔ آؤ محبت کے شعلے جلاتے رہیں۔   ہر ایک کی اپنی مصیبت اور اپنا اپنا جال ہے۔ تمہیں جینے کا راستہ مل جائے، وہ گانا گنگناتے رہو۔   تبسم آنس...

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রাজনৈতিক তরজা By Ashoke Ghosh

                  রাজনৈতিক তরজা                       অশোক ঘোষ   গরীবের দুঃখ দেখে     জল এসে যায় নেতার চোখে              সইতে নারে যতেক নেতাগণ। ঘটা করি সভা ডেকে       নেতাগণ কয় হেঁ...

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ख़्वाबों की दुनिया में खो जाऊं By shweta

"मेरी उदाशी तुमे केसे नजर आयेगी ,तुम्हे देखकर तो हम मुस्कुराने लागते है.....️*********************************************************मर्द को बीवी का प्यार पाने के लिए कामयाब होना...

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મારા કાવ્યો - ભાગ 18 By Tr. Mrs. Snehal Jani

ધારાવાહિક:- મારા કાવ્યોભાગ:- 18રચયિતા:- શ્રીમતી સ્નેહલ રાજન જાનીહરિહરતિથિ આજની શ્રાવણ વદ આઠમ,ઉજવીશું સૌ 5251મો શ્રી કૃષ્ણ જન્મોત્સવ.સંયોગ કહે છે જ્યોતિષો આજનાં,છે બંધબેસતાં દ્વાપર...

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शायराना फिज़ा... 3 - इत्तेफ़ाक By Utpal Tomar

o o o o o o o o o o o o o o o o o o o o o o o o o o o~तेरा जुनूँ ~मैं तुझे जीने का सहारा नहीं, जीने की वजह बनना चाहत चाहता हूँ ||मैं तुझे आसमानी ख्वाब नहीं ,मेरे दिल की ज़मीनी हकीक...

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সংক্ষিপ্ত রামচরিত্র By Ashoke Ghosh

মানবাশোক বিরচিত অথ রামকথা   যদি থাকে গজানন, করিনু নমন, রামের মহিমা(?) আমি করিব বর্ণন ৷ ********                                                                                    ...

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کاغذ By Darshita Babubhai Shah

زندگی کا کورا کاغذ پڑھ سکتے ہو تو پڑھ لو۔ اگر چند لمحوں کی میٹھی یادیں بھر سکتے ہو تو بھر لو۔   میں خود کو خوبصورت بنانے کے لیے تیار ہونے میں گھنٹوں گزار رہا ہوں۔ اگر تم خوبصو...

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पिता : मेरे सच्चे दोस्त By Dev Srivastava Divyam

आज की रात मैं,फिर से बहुत रोया हूं ।उस दिन को याद कर, अंदर से मैं टूटा हूं ।वो तुम्हारा प्यार मेरे लिए, कि लड़ जाते थे दुनिया से ।जब डांटे माता श्री मुझे तो,बीच में आकर उनसे बचाते...

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কবিতামঞ্জরী - কবির কবিতাগুচ্ছ By Ashoke Ghosh

শ্রেষ্ঠ প্রাণী অশোক ঘোষ   ধরণীর মাঝে যত প্রাণী আছে সবা হতে আমি শ্রেষ্ঠ, আমি আপনার মেধায় আপনি মোহিত চাপড়াই মম পৃষ্ঠ। আমি ছাড়া আর অবনীর বুকে বিচরিছে যত প্রাণী, নিকৃষ্ঠ তারা জ্ঞান-...

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कृष्ण-अर्जुन संवाद By Dev Srivastava Divyam

हमारा दृष्टिकोणअर्जुन था बैठा शीश झुका कर,गाण्डीव को फेंक इस कुरुक्षेत्र में ।नहीं लड़ना था उसको अपने,सगे संबंधियों के विरोध में ।कृष्ण ने तब आकर के तुमको, गीता का था ज्ञान दिया ।क...

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मेरे सखा, मेरे राम By Dev Srivastava Divyam

बैठा था मैं आंखें मूंद,भजन करता अपने राम लला का ।विश्वास न हुआ इन आंखों पर,जब साक्षात चेहरा दिखा उनका ।बैठे थे वो आकर सामने,सिर पर मेरे हाथ था उनका ।मैं बस ताक रहा था उनको,होकर के...

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प्रेम की परिभाषा : कृष्ण और राधा By Dev Srivastava Divyam

*_प्रेम की परिभाषा : कृष्ण और राधा_* पहली बार जब राधा आई,गोकुल अपने पिता के संग ।नजर उनकी पड़ी कान्हा पर,ओखल से बंधे थे जिनके अंग ।प्रथम मिलन में हो गई वो मोहित, कृष्ण की उस मासूमि...

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कोहराम By Dev Srivastava Divyam

सुबह हुई, सूरज उग आया ।रोते हुए उसने रात को बिताया ।आंखों के सामने उसके,अंधेरा अब था छाया ।क्या करे वो उसको कुछ,समझ नहीं आ रहा था ।परिवार ही उसका उसको,समझ नहीं पा रहा था ।आंसू बहते...

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जीवन सरिता नोन - ९ (अंतिम भाग) By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

सप्तम अध्याय दूर हुआ भ्रम, जाग गई ज्‍यौं, अपने अस्‍त्र संभाले। तोड़ा कुड़ी का दर्रा- पाठा,तब आगे के पथ हाले।। सोचो क्‍या मनमस्‍त यहां, हर लीला है न्‍यारी। चलते रहना ही जीवन है,कुछ...

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خواہشات کا سمندر By Darshita Babubhai Shah

خواہشوں کا سمندر دور دور تک پھیل گیا ہے۔ ایک خواہش نے زمین و آسمان کو چھو لیا ہے۔   ایک حسن ہے جس نے آج سب کچھ لوٹ لیا ہے۔ دیکھو جذبات کا جہاز سمندر کے بیچوں بیچ ڈوب رہا ہے۔ &...

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लड़के कभी रोते नहीं By Dev Srivastava Divyam

आया था मैं जब दुनिया में,मां बाप मेरे थे मुस्करा उठे ।इकलौता ऐसा दिन था जब रोता देख मुझे,वो दोनों थे खुश हो रहे ।क्योंकि उसके बाद फिर कभी आई नहीं,आंखों में आंसू की धार मेरे ।चलने क...

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सक्स By Nikunj Patel

एक छोटीसी कहानि है जो हमने कविता मे पिरोई है,कहानी उनपे है जो अपनों के लिए अपने घर से दूर रहते है। और अपनों और ज़िम्मेदारी के बिच जुजते रहते है।पप्पा पकडे रखना सायकल, छोड़ ना मत वर्न...

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કવિતાના પ્રકારો By Harshad Kanaiyalal Ashodiya

કવિતાના ઘણા પ્રકારો છે, જે મેટ્રિક્સ, શૈલી, અને વિષયવસ્તુના આધારે અલગ પડી શકે છે. અહીં કેટલાક મુખ્ય કાવ્ય પ્રકારો:   1.       ગઝલ: આમાં એક વિષય સાથે જોડાયેલા અનેક શેર હોય છે, જેમકે...

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કાવ્ય સંગ્રહ. - 4 By રોનક જોષી. રાહગીર

ચૂંટીને ફૂલો સૌ કુમળાં માળી બની બેઠા છે,ન્યાયની પુકાર દલીલબાજી ટાળી બેઠા છે.કરે અવનવા અખતરા , ખતરા પેદા કરે ,સૌ કોઈ બગલાઓને હંસ જેવા ભાળી બેઠા છે.ઉલટા સુલટા ચશ્મા પહેરી દુનિયા જોતા...

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دلبر By Darshita Babubhai Shah

دلبر دلبر کی آنکھوں کے اشارے نہیں سمجھے، وہ اناڑی ہے۔ سمجھنے کے بعد بھی وہ نہ سمجھنے کا ڈرامہ کرتا ہے، وہ کھلاڑی ہے۔   میں کچھ بات کرنے کا لہجہ سمجھ سکتا ہوں۔ اب مجھے ایک لمحے...

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मी आणि माझे अहसास - 102 By Darshita Babubhai Shah

दिलबर दिलबरच्या डोळ्यातले संकेत समजत नाहीत, तो अनाड़ी आहे. समजल्यानंतरही तो न समजण्याचे नाटक करतो, तो खेळाडू आहे.   मी संभाषणाचा टोन समजू शकतो. आता मला क्षणात बदलत्या हवामानाच...

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HAPPINESS - 106 By Darshita Babubhai Shah

Dilbar He is a fool who does not understand the gestures of Dilbar's eyes. He is a player who pretends to be ignorant even after understanding.   I understand the tone of...

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હું અને મારા અહસાસ - 110 By Darshita Babubhai Shah

દિલબર દિલબરની આંખોમાંના સંકેતો સમજતા નથી, તે અણઘડ છે. સમજ્યા પછી પણ તે ન સમજવાનો ડોળ કરે છે, તે ખેલાડી છે.   હું કંઈક વિશે વાત કરવાનો સ્વર સમજી શકું છું. હવે મારે તને પળવારમાં...

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में और मेरे अहसास - 116 By Darshita Babubhai Shah

दिलबर दिलबर की आँखों के इशारे को ना समझे वो अनाड़ी हैं l समझकर भी ना समझी का दिखावा करे वो खिलाड़ी हैं ll   लहजा समझ में आ रहा है कुछ कुछ बात करने का l अब पलभर में बदलते हुए म...

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قلم بولتا ہے By Darshita Babubhai Shah

زبان خاموش ہے لیکن قلم بولتا ہے۔ دل میں اٹھنے والے الفاظ کو کھولیں۔   دل کی بات سننے کے بعد دل بولتا ہے۔ وہ صداقت کے سہارے سے ڈگمگاتی ہے۔   کتابوں میں ارمی کے بڑھتے ہوئے...

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রূপসী বঙ্গ - ষড় ঋতুরঙ্গ By Ashoke Ghosh

রূপসী বঙ্গ - ষড় ঋতুরঙ্গ   সুজলা সুফলা শস্য-শ্যামলা পরমা রূপসী বঙ্গ, দক্ষিণে সাগরে বহে উচ্ছ্বল তরঙ্গ। তুষার কিরীট মাথে উত্তরে হিমালয়, কলকল নাদে পবিত্র গঙ্গা সাগরের পানে ধায়। ঋতু বদল...

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لامحدود محبت By Darshita Babubhai Shah

کائنات کے دلوں سے نفرتیں مٹاتے رہیں۔ آؤ محبت کے شعلے جلاتے رہیں۔   ہر ایک کی اپنی مصیبت اور اپنا اپنا جال ہے۔ تمہیں جینے کا راستہ مل جائے، وہ گانا گنگناتے رہو۔   تبسم آنس...

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রাজনৈতিক তরজা By Ashoke Ghosh

                  রাজনৈতিক তরজা                       অশোক ঘোষ   গরীবের দুঃখ দেখে     জল এসে যায় নেতার চোখে              সইতে নারে যতেক নেতাগণ। ঘটা করি সভা ডেকে       নেতাগণ কয় হেঁ...

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ख़्वाबों की दुनिया में खो जाऊं By shweta

"मेरी उदाशी तुमे केसे नजर आयेगी ,तुम्हे देखकर तो हम मुस्कुराने लागते है.....️*********************************************************मर्द को बीवी का प्यार पाने के लिए कामयाब होना...

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મારા કાવ્યો - ભાગ 18 By Tr. Mrs. Snehal Jani

ધારાવાહિક:- મારા કાવ્યોભાગ:- 18રચયિતા:- શ્રીમતી સ્નેહલ રાજન જાનીહરિહરતિથિ આજની શ્રાવણ વદ આઠમ,ઉજવીશું સૌ 5251મો શ્રી કૃષ્ણ જન્મોત્સવ.સંયોગ કહે છે જ્યોતિષો આજનાં,છે બંધબેસતાં દ્વાપર...

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शायराना फिज़ा... 3 - इत्तेफ़ाक By Utpal Tomar

o o o o o o o o o o o o o o o o o o o o o o o o o o o~तेरा जुनूँ ~मैं तुझे जीने का सहारा नहीं, जीने की वजह बनना चाहत चाहता हूँ ||मैं तुझे आसमानी ख्वाब नहीं ,मेरे दिल की ज़मीनी हकीक...

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সংক্ষিপ্ত রামচরিত্র By Ashoke Ghosh

মানবাশোক বিরচিত অথ রামকথা   যদি থাকে গজানন, করিনু নমন, রামের মহিমা(?) আমি করিব বর্ণন ৷ ********                                                                                    ...

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کاغذ By Darshita Babubhai Shah

زندگی کا کورا کاغذ پڑھ سکتے ہو تو پڑھ لو۔ اگر چند لمحوں کی میٹھی یادیں بھر سکتے ہو تو بھر لو۔   میں خود کو خوبصورت بنانے کے لیے تیار ہونے میں گھنٹوں گزار رہا ہوں۔ اگر تم خوبصو...

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पिता : मेरे सच्चे दोस्त By Dev Srivastava Divyam

आज की रात मैं,फिर से बहुत रोया हूं ।उस दिन को याद कर, अंदर से मैं टूटा हूं ।वो तुम्हारा प्यार मेरे लिए, कि लड़ जाते थे दुनिया से ।जब डांटे माता श्री मुझे तो,बीच में आकर उनसे बचाते...

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কবিতামঞ্জরী - কবির কবিতাগুচ্ছ By Ashoke Ghosh

শ্রেষ্ঠ প্রাণী অশোক ঘোষ   ধরণীর মাঝে যত প্রাণী আছে সবা হতে আমি শ্রেষ্ঠ, আমি আপনার মেধায় আপনি মোহিত চাপড়াই মম পৃষ্ঠ। আমি ছাড়া আর অবনীর বুকে বিচরিছে যত প্রাণী, নিকৃষ্ঠ তারা জ্ঞান-...

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कृष्ण-अर्जुन संवाद By Dev Srivastava Divyam

हमारा दृष्टिकोणअर्जुन था बैठा शीश झुका कर,गाण्डीव को फेंक इस कुरुक्षेत्र में ।नहीं लड़ना था उसको अपने,सगे संबंधियों के विरोध में ।कृष्ण ने तब आकर के तुमको, गीता का था ज्ञान दिया ।क...

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मेरे सखा, मेरे राम By Dev Srivastava Divyam

बैठा था मैं आंखें मूंद,भजन करता अपने राम लला का ।विश्वास न हुआ इन आंखों पर,जब साक्षात चेहरा दिखा उनका ।बैठे थे वो आकर सामने,सिर पर मेरे हाथ था उनका ।मैं बस ताक रहा था उनको,होकर के...

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प्रेम की परिभाषा : कृष्ण और राधा By Dev Srivastava Divyam

*_प्रेम की परिभाषा : कृष्ण और राधा_* पहली बार जब राधा आई,गोकुल अपने पिता के संग ।नजर उनकी पड़ी कान्हा पर,ओखल से बंधे थे जिनके अंग ।प्रथम मिलन में हो गई वो मोहित, कृष्ण की उस मासूमि...

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कोहराम By Dev Srivastava Divyam

सुबह हुई, सूरज उग आया ।रोते हुए उसने रात को बिताया ।आंखों के सामने उसके,अंधेरा अब था छाया ।क्या करे वो उसको कुछ,समझ नहीं आ रहा था ।परिवार ही उसका उसको,समझ नहीं पा रहा था ।आंसू बहते...

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जीवन सरिता नोन - ९ (अंतिम भाग) By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

सप्तम अध्याय दूर हुआ भ्रम, जाग गई ज्‍यौं, अपने अस्‍त्र संभाले। तोड़ा कुड़ी का दर्रा- पाठा,तब आगे के पथ हाले।। सोचो क्‍या मनमस्‍त यहां, हर लीला है न्‍यारी। चलते रहना ही जीवन है,कुछ...

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خواہشات کا سمندر By Darshita Babubhai Shah

خواہشوں کا سمندر دور دور تک پھیل گیا ہے۔ ایک خواہش نے زمین و آسمان کو چھو لیا ہے۔   ایک حسن ہے جس نے آج سب کچھ لوٹ لیا ہے۔ دیکھو جذبات کا جہاز سمندر کے بیچوں بیچ ڈوب رہا ہے۔ &...

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लड़के कभी रोते नहीं By Dev Srivastava Divyam

आया था मैं जब दुनिया में,मां बाप मेरे थे मुस्करा उठे ।इकलौता ऐसा दिन था जब रोता देख मुझे,वो दोनों थे खुश हो रहे ।क्योंकि उसके बाद फिर कभी आई नहीं,आंखों में आंसू की धार मेरे ।चलने क...

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सक्स By Nikunj Patel

एक छोटीसी कहानि है जो हमने कविता मे पिरोई है,कहानी उनपे है जो अपनों के लिए अपने घर से दूर रहते है। और अपनों और ज़िम्मेदारी के बिच जुजते रहते है।पप्पा पकडे रखना सायकल, छोड़ ना मत वर्न...

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કવિતાના પ્રકારો By Harshad Kanaiyalal Ashodiya

કવિતાના ઘણા પ્રકારો છે, જે મેટ્રિક્સ, શૈલી, અને વિષયવસ્તુના આધારે અલગ પડી શકે છે. અહીં કેટલાક મુખ્ય કાવ્ય પ્રકારો:   1.       ગઝલ: આમાં એક વિષય સાથે જોડાયેલા અનેક શેર હોય છે, જેમકે...

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કાવ્ય સંગ્રહ. - 4 By રોનક જોષી. રાહગીર

ચૂંટીને ફૂલો સૌ કુમળાં માળી બની બેઠા છે,ન્યાયની પુકાર દલીલબાજી ટાળી બેઠા છે.કરે અવનવા અખતરા , ખતરા પેદા કરે ,સૌ કોઈ બગલાઓને હંસ જેવા ભાળી બેઠા છે.ઉલટા સુલટા ચશ્મા પહેરી દુનિયા જોતા...

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