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Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Poems in All books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cultures. They...Read More


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में और मेरे अहसास - 114 By Darshita Babubhai Shah

क़ायनात में दिलों से नफ़रतों को मिटाते चलो l प्यार मोहब्बत के धर धर दिये जलाते चलो ll   हरएक की अपनी मुसीबत अपना फ़साना है l जीनेकी राह दिखे वो फ़साना गुनगुनाते चलो ll  ...

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મારા કાવ્યો - ભાગ 18 By Tr. Mrs. Snehal Jani

ધારાવાહિક:- મારા કાવ્યોભાગ:- 18રચયિતા:- શ્રીમતી સ્નેહલ રાજન જાનીહરિહરતિથિ આજની શ્રાવણ વદ આઠમ,ઉજવીશું સૌ 5251મો શ્રી કૃષ્ણ જન્મોત્સવ.સંયોગ કહે છે જ્યોતિષો આજનાં,છે બંધબેસતાં દ્વાપર...

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शायराना फिज़ा... 3 - इत्तेफ़ाक By Utpal Tomar

o o o o o o o o o o o o o o o o o o o o o o o o o o o~तेरा जुनूँ ~मैं तुझे जीने का सहारा नहीं, जीने की वजह बनना चाहत चाहता हूँ ||मैं तुझे आसमानी ख्वाब नहीं ,मेरे दिल की ज़मीनी हकीक...

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সংক্ষিপ্ত রামচরিত্র By Ashoke Ghosh

মানবাশোক বিরচিত অথ রামকথা   যদি থাকে গজানন, করিনু নমন, রামের মহিমা(?) আমি করিব বর্ণন ৷ ********                                                                                    ...

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کاغذ By Darshita Babubhai Shah

زندگی کا کورا کاغذ پڑھ سکتے ہو تو پڑھ لو۔ اگر چند لمحوں کی میٹھی یادیں بھر سکتے ہو تو بھر لو۔   میں خود کو خوبصورت بنانے کے لیے تیار ہونے میں گھنٹوں گزار رہا ہوں۔ اگر تم خوبصو...

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मी आणि माझे अहसास - 99 By Darshita Babubhai Shah

आयुष्याचा कोरा पेपर वाचता येत असेल तर वाचा. काही क्षणांच्या गोड आठवणी भरता आल्या तर भरून घ्या.   मी स्वतःला सुशोभित करण्यात तासनतास घालवत आहे. जर तुम्हाला सौंदर्याची प्रशंसा क...

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HAPPINESS - 103 By Darshita Babubhai Shah

If you can read the blank paper of life, then read it.   If you can fill it with the sweet memories of a few moments, then fill it.   My beloved is busy dressing up. &nbs...

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હું અને મારા અહસાસ - 107 By Darshita Babubhai Shah

જીવનનો કોરો કાગળ વાંચી શકો તો વાંચજો. થોડી ક્ષણોની મીઠી યાદો ભરી શકો તો ભરો.   હું મારી જાતને સુંદર બનાવવા માટે તૈયાર થવામાં કલાકો વિતાવી રહ્યો છું. જો તમે સૌંદર્યની કદર કરી શ...

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पिता : मेरे सच्चे दोस्त By Dev Srivastava Divyam

आज की रात मैं,फिर से बहुत रोया हूं ।उस दिन को याद कर, अंदर से मैं टूटा हूं ।वो तुम्हारा प्यार मेरे लिए, कि लड़ जाते थे दुनिया से ।जब डांटे माता श्री मुझे तो,बीच में आकर उनसे बचाते...

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কবিতামঞ্জরী - কবির কবিতাগুচ্ছ By Ashoke Ghosh

শ্রেষ্ঠ প্রাণী অশোক ঘোষ   ধরণীর মাঝে যত প্রাণী আছে সবা হতে আমি শ্রেষ্ঠ, আমি আপনার মেধায় আপনি মোহিত চাপড়াই মম পৃষ্ঠ। আমি ছাড়া আর অবনীর বুকে বিচরিছে যত প্রাণী, নিকৃষ্ঠ তারা জ্ঞান-...

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कृष्ण-अर्जुन संवाद By Dev Srivastava Divyam

हमारा दृष्टिकोणअर्जुन था बैठा शीश झुका कर,गाण्डीव को फेंक इस कुरुक्षेत्र में ।नहीं लड़ना था उसको अपने,सगे संबंधियों के विरोध में ।कृष्ण ने तब आकर के तुमको, गीता का था ज्ञान दिया ।क...

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मेरे सखा, मेरे राम By Dev Srivastava Divyam

बैठा था मैं आंखें मूंद,भजन करता अपने राम लला का ।विश्वास न हुआ इन आंखों पर,जब साक्षात चेहरा दिखा उनका ।बैठे थे वो आकर सामने,सिर पर मेरे हाथ था उनका ।मैं बस ताक रहा था उनको,होकर के...

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प्रेम की परिभाषा : कृष्ण और राधा By Dev Srivastava Divyam

*_प्रेम की परिभाषा : कृष्ण और राधा_* पहली बार जब राधा आई,गोकुल अपने पिता के संग ।नजर उनकी पड़ी कान्हा पर,ओखल से बंधे थे जिनके अंग ।प्रथम मिलन में हो गई वो मोहित, कृष्ण की उस मासूमि...

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कोहराम By Dev Srivastava Divyam

सुबह हुई, सूरज उग आया ।रोते हुए उसने रात को बिताया ।आंखों के सामने उसके,अंधेरा अब था छाया ।क्या करे वो उसको कुछ,समझ नहीं आ रहा था ।परिवार ही उसका उसको,समझ नहीं पा रहा था ।आंसू बहते...

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जीवन सरिता नोन - ९ (अंतिम भाग) By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

सप्तम अध्याय दूर हुआ भ्रम, जाग गई ज्‍यौं, अपने अस्‍त्र संभाले। तोड़ा कुड़ी का दर्रा- पाठा,तब आगे के पथ हाले।। सोचो क्‍या मनमस्‍त यहां, हर लीला है न्‍यारी। चलते रहना ही जीवन है,कुछ...

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خواہشات کا سمندر By Darshita Babubhai Shah

خواہشوں کا سمندر دور دور تک پھیل گیا ہے۔ ایک خواہش نے زمین و آسمان کو چھو لیا ہے۔   ایک حسن ہے جس نے آج سب کچھ لوٹ لیا ہے۔ دیکھو جذبات کا جہاز سمندر کے بیچوں بیچ ڈوب رہا ہے۔ &...

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लड़के कभी रोते नहीं By Dev Srivastava Divyam

आया था मैं जब दुनिया में,मां बाप मेरे थे मुस्करा उठे ।इकलौता ऐसा दिन था जब रोता देख मुझे,वो दोनों थे खुश हो रहे ।क्योंकि उसके बाद फिर कभी आई नहीं,आंखों में आंसू की धार मेरे ।चलने क...

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सक्स By Nikunj Patel

एक छोटीसी कहानि है जो हमने कविता मे पिरोई है,कहानी उनपे है जो अपनों के लिए अपने घर से दूर रहते है। और अपनों और ज़िम्मेदारी के बिच जुजते रहते है।पप्पा पकडे रखना सायकल, छोड़ ना मत वर्न...

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કવિતાના પ્રકારો By Harshad Kanaiyalal Ashodiya

કવિતાના ઘણા પ્રકારો છે, જે મેટ્રિક્સ, શૈલી, અને વિષયવસ્તુના આધારે અલગ પડી શકે છે. અહીં કેટલાક મુખ્ય કાવ્ય પ્રકારો:   1.       ગઝલ: આમાં એક વિષય સાથે જોડાયેલા અનેક શેર હોય છે, જેમકે...

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કાવ્ય સંગ્રહ. - 4 By રોનક જોષી. રાહગીર

ચૂંટીને ફૂલો સૌ કુમળાં માળી બની બેઠા છે,ન્યાયની પુકાર દલીલબાજી ટાળી બેઠા છે.કરે અવનવા અખતરા , ખતરા પેદા કરે ,સૌ કોઈ બગલાઓને હંસ જેવા ભાળી બેઠા છે.ઉલટા સુલટા ચશ્મા પહેરી દુનિયા જોતા...

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ادا کیا By Darshita Babubhai Shah

آنکھیں بند کر کے پینے کی ممانعت کیوں ہے؟ شراب پینے کی کوئی ممانعت نہیں ہے شراب پینے کی ممانعت کیوں ہے؟   رسم آج پھر تیزی سے بہتی رہی۔ شراب پینے پر کوئی ممانعت نہیں شراب پینے ک...

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The Childhood Enchantment By Asmita Madhesiya

Contents 1.CHILDHOOD WHISHPERS. 2.CHILDHOOD FRIENDSHIPS. 3.CHILDHOOD BAG BAGGAGE 4. CHILDHOOD FANTASY OR INGENUITY 5. CHILDHOOD PLAYING  Acknowledgement I would like to express my...

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Season By Asmita Madhesiya

Contents 1.The dance of leaves . 2.Winter’s Serenity . 3.The beauty of Butterflies . 4.Summer’s Warmth. 5.Spring’s Awakening.   The Dance of leaves . As autumn’s breeze begins to s...

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پناہ By Darshita Babubhai Shah

تباہ حال شہروں میں گھر تلاش کرنے کی بجائے۔ لوگوں کے چہروں کا بغور مطالعہ کرکے۔   کل کی پریشانیوں کو ایک طرف چھوڑ کر جو کچھ بھی ہو گا دیکھنا باقی ہے۔ خوشگوار زندگی گزاریں اور ا...

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ક્યારેક. - 3 By Pankaj

℘"ઓળખાણ પણ કેવી વિચિત્ર ખાણ નીકળી"ઓળખાણ પણ કેવી વિચિત્ર ખાણ નીકળી,લાલ જાજમ માં વિશ્વાસ ની લાશ નીકળી.વાસ આવે છે મારાં બળવાની એ શ્વાસ માં,ક્યારેક જો આપણી મુલાકાત નીકળી.તેં છે ઉછીના પ...

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سرد موسم By Darshita Babubhai Shah

خوشگوار نشہ آور موسم دل کو مائل کر رہا ہے۔ رنگ برنگے پھولوں کا گلدستہ دل لگی ہے۔   لاکھوں خواہشیں آج صدیوں سے پروان چڑھ رہی ہیں۔ دل میں خواہشوں کا بخور مہکتا ہے۔   ایک ہم...

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में और मेरे अहसास - 114 By Darshita Babubhai Shah

क़ायनात में दिलों से नफ़रतों को मिटाते चलो l प्यार मोहब्बत के धर धर दिये जलाते चलो ll   हरएक की अपनी मुसीबत अपना फ़साना है l जीनेकी राह दिखे वो फ़साना गुनगुनाते चलो ll  ...

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મારા કાવ્યો - ભાગ 18 By Tr. Mrs. Snehal Jani

ધારાવાહિક:- મારા કાવ્યોભાગ:- 18રચયિતા:- શ્રીમતી સ્નેહલ રાજન જાનીહરિહરતિથિ આજની શ્રાવણ વદ આઠમ,ઉજવીશું સૌ 5251મો શ્રી કૃષ્ણ જન્મોત્સવ.સંયોગ કહે છે જ્યોતિષો આજનાં,છે બંધબેસતાં દ્વાપર...

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शायराना फिज़ा... 3 - इत्तेफ़ाक By Utpal Tomar

o o o o o o o o o o o o o o o o o o o o o o o o o o o~तेरा जुनूँ ~मैं तुझे जीने का सहारा नहीं, जीने की वजह बनना चाहत चाहता हूँ ||मैं तुझे आसमानी ख्वाब नहीं ,मेरे दिल की ज़मीनी हकीक...

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সংক্ষিপ্ত রামচরিত্র By Ashoke Ghosh

মানবাশোক বিরচিত অথ রামকথা   যদি থাকে গজানন, করিনু নমন, রামের মহিমা(?) আমি করিব বর্ণন ৷ ********                                                                                    ...

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کاغذ By Darshita Babubhai Shah

زندگی کا کورا کاغذ پڑھ سکتے ہو تو پڑھ لو۔ اگر چند لمحوں کی میٹھی یادیں بھر سکتے ہو تو بھر لو۔   میں خود کو خوبصورت بنانے کے لیے تیار ہونے میں گھنٹوں گزار رہا ہوں۔ اگر تم خوبصو...

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मी आणि माझे अहसास - 99 By Darshita Babubhai Shah

आयुष्याचा कोरा पेपर वाचता येत असेल तर वाचा. काही क्षणांच्या गोड आठवणी भरता आल्या तर भरून घ्या.   मी स्वतःला सुशोभित करण्यात तासनतास घालवत आहे. जर तुम्हाला सौंदर्याची प्रशंसा क...

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HAPPINESS - 103 By Darshita Babubhai Shah

If you can read the blank paper of life, then read it.   If you can fill it with the sweet memories of a few moments, then fill it.   My beloved is busy dressing up. &nbs...

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હું અને મારા અહસાસ - 107 By Darshita Babubhai Shah

જીવનનો કોરો કાગળ વાંચી શકો તો વાંચજો. થોડી ક્ષણોની મીઠી યાદો ભરી શકો તો ભરો.   હું મારી જાતને સુંદર બનાવવા માટે તૈયાર થવામાં કલાકો વિતાવી રહ્યો છું. જો તમે સૌંદર્યની કદર કરી શ...

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पिता : मेरे सच्चे दोस्त By Dev Srivastava Divyam

आज की रात मैं,फिर से बहुत रोया हूं ।उस दिन को याद कर, अंदर से मैं टूटा हूं ।वो तुम्हारा प्यार मेरे लिए, कि लड़ जाते थे दुनिया से ।जब डांटे माता श्री मुझे तो,बीच में आकर उनसे बचाते...

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কবিতামঞ্জরী - কবির কবিতাগুচ্ছ By Ashoke Ghosh

শ্রেষ্ঠ প্রাণী অশোক ঘোষ   ধরণীর মাঝে যত প্রাণী আছে সবা হতে আমি শ্রেষ্ঠ, আমি আপনার মেধায় আপনি মোহিত চাপড়াই মম পৃষ্ঠ। আমি ছাড়া আর অবনীর বুকে বিচরিছে যত প্রাণী, নিকৃষ্ঠ তারা জ্ঞান-...

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कृष्ण-अर्जुन संवाद By Dev Srivastava Divyam

हमारा दृष्टिकोणअर्जुन था बैठा शीश झुका कर,गाण्डीव को फेंक इस कुरुक्षेत्र में ।नहीं लड़ना था उसको अपने,सगे संबंधियों के विरोध में ।कृष्ण ने तब आकर के तुमको, गीता का था ज्ञान दिया ।क...

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मेरे सखा, मेरे राम By Dev Srivastava Divyam

बैठा था मैं आंखें मूंद,भजन करता अपने राम लला का ।विश्वास न हुआ इन आंखों पर,जब साक्षात चेहरा दिखा उनका ।बैठे थे वो आकर सामने,सिर पर मेरे हाथ था उनका ।मैं बस ताक रहा था उनको,होकर के...

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प्रेम की परिभाषा : कृष्ण और राधा By Dev Srivastava Divyam

*_प्रेम की परिभाषा : कृष्ण और राधा_* पहली बार जब राधा आई,गोकुल अपने पिता के संग ।नजर उनकी पड़ी कान्हा पर,ओखल से बंधे थे जिनके अंग ।प्रथम मिलन में हो गई वो मोहित, कृष्ण की उस मासूमि...

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कोहराम By Dev Srivastava Divyam

सुबह हुई, सूरज उग आया ।रोते हुए उसने रात को बिताया ।आंखों के सामने उसके,अंधेरा अब था छाया ।क्या करे वो उसको कुछ,समझ नहीं आ रहा था ।परिवार ही उसका उसको,समझ नहीं पा रहा था ।आंसू बहते...

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जीवन सरिता नोन - ९ (अंतिम भाग) By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

सप्तम अध्याय दूर हुआ भ्रम, जाग गई ज्‍यौं, अपने अस्‍त्र संभाले। तोड़ा कुड़ी का दर्रा- पाठा,तब आगे के पथ हाले।। सोचो क्‍या मनमस्‍त यहां, हर लीला है न्‍यारी। चलते रहना ही जीवन है,कुछ...

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خواہشات کا سمندر By Darshita Babubhai Shah

خواہشوں کا سمندر دور دور تک پھیل گیا ہے۔ ایک خواہش نے زمین و آسمان کو چھو لیا ہے۔   ایک حسن ہے جس نے آج سب کچھ لوٹ لیا ہے۔ دیکھو جذبات کا جہاز سمندر کے بیچوں بیچ ڈوب رہا ہے۔ &...

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लड़के कभी रोते नहीं By Dev Srivastava Divyam

आया था मैं जब दुनिया में,मां बाप मेरे थे मुस्करा उठे ।इकलौता ऐसा दिन था जब रोता देख मुझे,वो दोनों थे खुश हो रहे ।क्योंकि उसके बाद फिर कभी आई नहीं,आंखों में आंसू की धार मेरे ।चलने क...

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सक्स By Nikunj Patel

एक छोटीसी कहानि है जो हमने कविता मे पिरोई है,कहानी उनपे है जो अपनों के लिए अपने घर से दूर रहते है। और अपनों और ज़िम्मेदारी के बिच जुजते रहते है।पप्पा पकडे रखना सायकल, छोड़ ना मत वर्न...

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કવિતાના પ્રકારો By Harshad Kanaiyalal Ashodiya

કવિતાના ઘણા પ્રકારો છે, જે મેટ્રિક્સ, શૈલી, અને વિષયવસ્તુના આધારે અલગ પડી શકે છે. અહીં કેટલાક મુખ્ય કાવ્ય પ્રકારો:   1.       ગઝલ: આમાં એક વિષય સાથે જોડાયેલા અનેક શેર હોય છે, જેમકે...

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કાવ્ય સંગ્રહ. - 4 By રોનક જોષી. રાહગીર

ચૂંટીને ફૂલો સૌ કુમળાં માળી બની બેઠા છે,ન્યાયની પુકાર દલીલબાજી ટાળી બેઠા છે.કરે અવનવા અખતરા , ખતરા પેદા કરે ,સૌ કોઈ બગલાઓને હંસ જેવા ભાળી બેઠા છે.ઉલટા સુલટા ચશ્મા પહેરી દુનિયા જોતા...

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ادا کیا By Darshita Babubhai Shah

آنکھیں بند کر کے پینے کی ممانعت کیوں ہے؟ شراب پینے کی کوئی ممانعت نہیں ہے شراب پینے کی ممانعت کیوں ہے؟   رسم آج پھر تیزی سے بہتی رہی۔ شراب پینے پر کوئی ممانعت نہیں شراب پینے ک...

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The Childhood Enchantment By Asmita Madhesiya

Contents 1.CHILDHOOD WHISHPERS. 2.CHILDHOOD FRIENDSHIPS. 3.CHILDHOOD BAG BAGGAGE 4. CHILDHOOD FANTASY OR INGENUITY 5. CHILDHOOD PLAYING  Acknowledgement I would like to express my...

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Season By Asmita Madhesiya

Contents 1.The dance of leaves . 2.Winter’s Serenity . 3.The beauty of Butterflies . 4.Summer’s Warmth. 5.Spring’s Awakening.   The Dance of leaves . As autumn’s breeze begins to s...

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پناہ By Darshita Babubhai Shah

تباہ حال شہروں میں گھر تلاش کرنے کی بجائے۔ لوگوں کے چہروں کا بغور مطالعہ کرکے۔   کل کی پریشانیوں کو ایک طرف چھوڑ کر جو کچھ بھی ہو گا دیکھنا باقی ہے۔ خوشگوار زندگی گزاریں اور ا...

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ક્યારેક. - 3 By Pankaj

℘"ઓળખાણ પણ કેવી વિચિત્ર ખાણ નીકળી"ઓળખાણ પણ કેવી વિચિત્ર ખાણ નીકળી,લાલ જાજમ માં વિશ્વાસ ની લાશ નીકળી.વાસ આવે છે મારાં બળવાની એ શ્વાસ માં,ક્યારેક જો આપણી મુલાકાત નીકળી.તેં છે ઉછીના પ...

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سرد موسم By Darshita Babubhai Shah

خوشگوار نشہ آور موسم دل کو مائل کر رہا ہے۔ رنگ برنگے پھولوں کا گلدستہ دل لگی ہے۔   لاکھوں خواہشیں آج صدیوں سے پروان چڑھ رہی ہیں۔ دل میں خواہشوں کا بخور مہکتا ہے۔   ایک ہم...

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