Best Mythological Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Mythological Stories in All books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and...Read More


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गीत रामायणा वरील विवेचन - 31 - कोठे सीता जनकनंदीनी By Kalyani Deshpande

तिकडे श्रीराम सुवर्णमृगाच्या रूपातील मारीचाचा वध करून परतत असताना त्यांना वाटेत लक्ष्मण येताना दिसतात. त्यांना बघताच त्यांच्या छातीत चर्रर्रर्र होते. त्यांचा डावा डोळा फडफडू लागतो...

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श्री दधीचि जी By Renu

परोपकाराय सतां विभूतयः। एक बार की बात है, देवराज इन्द्र अपनी सभा में बैठे थे। उन्हें अभिमान हो आया कि हम तीनों लोकों के स्वामी हैं। ब्राह्मण हमें यज्ञमें आहुति देते हैं, देवता हमार...

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पौराणिक कथाये - 30 - फाल्गुन कृष्ण विजया एकादशी व्रत कथा By Devaki Ďěvjěěţ Singh

शास्त्रों में बताया गया है कि जो साधक एकादशी व्रत का पालन करता है, वह जीवन में लाभ प्राप्त करता है। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी का नाम विजया एकादशी है। विजया एकादशी व्रत रख...

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राजा रहूगण और जडभरत By Renu

प्राचीनकाल में भरत नाम के एक महान् प्रतापी एवं भगवद्भक्त राजा हो गये हैं, जिनके नाम से यह देश 'भारतवर्ष' कहलाता है । अन्त समय में उनकी एक मृगशावक में आसक्ति हो जाने के कारण...

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राजकुमारी शिवन्या - भाग 21 By Mansi

भाग २१ अब तक आपने देखा राजकुमारी शिवन्या, राजा विलम, राजा धरम ओर सेनापति सेना को ले कर युद्ध लड़ने चले गए परंतु राजकुमारी शिवन्या ने वीरेन को महल में ही रुकने को कहा महल की सुरक्षा...

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ग्वारिया बाबा By Renu

वृन्दावन में एक संत रहते थे। गौर वर्ण, लंबा शरीर, पैर तक लटकता ढीला-ढाला कुर्ता; शरीर का एक-एक रोम तक सफ़ेद हो गया था। उनके शरीर की थोड़ी झुर्रियां, रोम एवं केशों की श्वेतता ही कहत...

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श्री सगरजी By Renu

इक्ष्वाकुवंश में राजा हरिश्चन्द्र नामके चक्रवर्ती सम्राट् थे। उनके पुत्रका नाम रोहित था। रोहित से हरित का और हरित से चम्प का जन्म हुआ, जिसने चम्पापुरी बसायी। चम्प का सुदेव, सुदेव क...

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देव जगात आहे का? By Ankush Shingade

देव जगात आहे? *शिखांचा देवांवर विश्वास नव्हता असे नाही फक्त ते इश्वर एकच आहे असे मानायचे. मात्र देव देव करीत जाप करीत राहाणं या गोष्टीला प्राधान्य न देण्यापेक्षा कर्माला जास्त प्रा...

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राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा - 2 By Kishanlal Sharma

"कहां है राम?सारथी को देखकर व्यग्रता से दसरथ ने पूछा थासारथी राजा दशरथ की बात सुनकर चुप रहा तब वह फिर बोले,"तुम बोलते क्यो नही।कहां है मेरे रामजब सारथी सुमन्त फिर भी नही बोला तो रा...

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श्री शतरूपा जी By Renu

शतरूपाजी मानव सर्गकी आदिमाता हैं। ये स्वायम्भुव मनुकी पत्नी थीं। मनु और शतरूपासे ही मानवसृष्टिका आरम्भ हुआ । श्रुति भी कहती है- 'ततो मनुष्या अजायन्त।' मनु और शतरूपा दोनों ह...

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श्री सुदामा जी By Renu

विप्रवर सुदामा जन्मसे ही दरिद्र थे। श्रीकृष्णचन्द्र जब अवन्तीमें महर्षि सान्दीपनिके यहाँ शिक्षा प्राप्त करने गये, तब सुदामाजी भी वहीं गुरुके आश्रममें थे। वहाँ श्रीकृष्णचन्द्रसे उनक...

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महर्षि मैत्रेय जी By Renu

महर्षि मैत्रेय पुराणवक्ता ऋषि हैं। वे 'मित्र' के पुत्र होने के कारण मैत्रेय कहलाये। श्रीमद्भागवत में इनके सम्बन्ध में इतना ही मिलता है कि ये महर्षि पराशर के शिष्य और वेदव्य...

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भक्त पाण्डव By Renu

भक्त पाण्डव धर्मो विवर्धति युधिष्ठिरकीर्तनेन पापं प्रणश्यति वृकोदरकीर्तनेन। शत्रुर्विनश्यति धनञ्जयकीर्तनेन माद्रीसुतौ कथयतां न भवन्ति रोगा: ॥ *जैसे शरीर में पाँच प्राण होते हैं, वै...

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श्री विदुर जी एवं उनकी धर्मपत्नी By Renu

माण्डव्य ऋषि के शापसे यमराजजी ने ही दासीपुत्र के रूपमें धृतराष्ट्र तथा पाण्डु के भाई होकर जन्म लिया था। यमराजजी भागवताचार्य हैं। अपने इस रूप में मनुष्य-जन्म लेकर भी वे भगवान्‌ के प...

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श्रीलक्ष्मी जी By Renu

श्रीकमला (श्रीलक्ष्मी जी) भगवती लक्ष्मी जी विष्णुवल्लभा हैं, वे भगवान् विष्णु से अभिन्न हैं। उनके विषय में बताते हुए पराशर जी श्रीमैत्रेय जी से कहते हैं— हे द्विजश्रेष्ठ! भगवान् ‌क...

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रामायण युद्ध में हनुमान By SR Daily

रामायण युद्ध में हनुमानरामायण के सुन्दर-काण्ड में हनुमान जी के साहस और देवाधीन कर्म का वर्णन किया गया है। हनुमानजी की भेंट रामजी से उनके वनवास के समय तब हुई जब रामजी अपने भ्राता लछ...

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एकलव्य की गुरुभक्ति By SR Daily

एकलव्य की गुरुभक्तिआचार्य द्रोण राजकुमारों को धनुर्विद्या की विधिवत शिक्षा प्रदान करने लगे। उन राजकुमारों में अर्जुन के अत्यन्त प्रतिभावान तथा गुरुभक्त होने के कारण वे द्रोणाचार्य...

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दानवीर कर्ण By SR Daily

दानवीर कर्णकर्ण कुंती का पुत्र था| पाण्डु के साथ कुंती का विवाह होने से पहले ही इसका जन्म हो चुका था| लोक-लज्जा के कारण उसने यह भेद किसी को नहीं बताया और चुपचाप एक पिटारी में रखकर...

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महाभारत अर्जुन की प्रतिज्ञा By SR Daily

महाभारत अर्जुन की प्रतिज्ञामहाभारत का भयंकर युद्ध चल रहा था। लड़ते-लड़के अर्जुन रणक्षेत्र से दूर चले गए थे। अर्जुन की अनुपस्थिति में पाण्डवों को पराजित करने के लिए द्रोणाचार्य ने च...

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सीता गीत (कथामालीका) भाग ३ By गिरीश

समुद्र पार करण्यासाठी मारुतीने मोठी उडी मारली व तो त्याच्या पुण्याईमुळे सागरात न बुडता लंकेमध्ये पोहोचला व त्याने लंकापुरीत सर्वत्र शोध घेतला व अशोक वनात पोहोचला. रात्री तो रावण मी...

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भगवान विष्णु जी और माता लक्ष्मी जी By SR Daily

भगवान विष्णु जी और माता लक्ष्मी जीएक बार भगवान विष्णु जी शेषनाग पर बेठे बेठे बोर होगये, ओर उन्होने धरती पर घुमने का विचार मन मै किया, वेसे भी कई साल बीत गये थे धरती पर आये, ओर वह अ...

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स्वर्ण मंदिर By SR Daily

स्वर्ण मंदिरस्वर्ण मंदिर को हरमंदिर साहिब या दरबार साहिब भी कहा जाता है। इसके आस पास के सुंदर परिवेश और स्वर्ण की पर्त के कारण ही इसे स्वर्ण मंदिर कहते हैं। यह अमृतसर (पंजाब) में स...

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श्री शबरी जी By Renu

'पवित्र जीवन के बिना पवित्रतम परमात्मा को कोई नहीं प्राप्त कर सकता।’ उष:काल में पम्पासर के तटपर महर्षि मतंग अपने शिष्यों से कह रहे थे। अतः मनसा, वाचा, कर्मणा पवित्रता का पालन क...

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श्रीपृथुजी महाराज By Renu

महाराज 'अङ्ग' की पत्नी सुनीथा, जो साक्षात् मृत्यु की कन्या थीं, उससे 'वेन' नामक पुत्र हुआ, जो अपने नाना मृत्यु के स्वभाव का अनुसरण करने के कारण अत्यन्त क्रूर कर्म क...

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गीत रामायणा वरील विवेचन - 31 - कोठे सीता जनकनंदीनी By Kalyani Deshpande

तिकडे श्रीराम सुवर्णमृगाच्या रूपातील मारीचाचा वध करून परतत असताना त्यांना वाटेत लक्ष्मण येताना दिसतात. त्यांना बघताच त्यांच्या छातीत चर्रर्रर्र होते. त्यांचा डावा डोळा फडफडू लागतो...

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श्री दधीचि जी By Renu

परोपकाराय सतां विभूतयः। एक बार की बात है, देवराज इन्द्र अपनी सभा में बैठे थे। उन्हें अभिमान हो आया कि हम तीनों लोकों के स्वामी हैं। ब्राह्मण हमें यज्ञमें आहुति देते हैं, देवता हमार...

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पौराणिक कथाये - 30 - फाल्गुन कृष्ण विजया एकादशी व्रत कथा By Devaki Ďěvjěěţ Singh

शास्त्रों में बताया गया है कि जो साधक एकादशी व्रत का पालन करता है, वह जीवन में लाभ प्राप्त करता है। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी का नाम विजया एकादशी है। विजया एकादशी व्रत रख...

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राजा रहूगण और जडभरत By Renu

प्राचीनकाल में भरत नाम के एक महान् प्रतापी एवं भगवद्भक्त राजा हो गये हैं, जिनके नाम से यह देश 'भारतवर्ष' कहलाता है । अन्त समय में उनकी एक मृगशावक में आसक्ति हो जाने के कारण...

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राजकुमारी शिवन्या - भाग 21 By Mansi

भाग २१ अब तक आपने देखा राजकुमारी शिवन्या, राजा विलम, राजा धरम ओर सेनापति सेना को ले कर युद्ध लड़ने चले गए परंतु राजकुमारी शिवन्या ने वीरेन को महल में ही रुकने को कहा महल की सुरक्षा...

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ग्वारिया बाबा By Renu

वृन्दावन में एक संत रहते थे। गौर वर्ण, लंबा शरीर, पैर तक लटकता ढीला-ढाला कुर्ता; शरीर का एक-एक रोम तक सफ़ेद हो गया था। उनके शरीर की थोड़ी झुर्रियां, रोम एवं केशों की श्वेतता ही कहत...

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श्री सगरजी By Renu

इक्ष्वाकुवंश में राजा हरिश्चन्द्र नामके चक्रवर्ती सम्राट् थे। उनके पुत्रका नाम रोहित था। रोहित से हरित का और हरित से चम्प का जन्म हुआ, जिसने चम्पापुरी बसायी। चम्प का सुदेव, सुदेव क...

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देव जगात आहे का? By Ankush Shingade

देव जगात आहे? *शिखांचा देवांवर विश्वास नव्हता असे नाही फक्त ते इश्वर एकच आहे असे मानायचे. मात्र देव देव करीत जाप करीत राहाणं या गोष्टीला प्राधान्य न देण्यापेक्षा कर्माला जास्त प्रा...

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राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा - 2 By Kishanlal Sharma

"कहां है राम?सारथी को देखकर व्यग्रता से दसरथ ने पूछा थासारथी राजा दशरथ की बात सुनकर चुप रहा तब वह फिर बोले,"तुम बोलते क्यो नही।कहां है मेरे रामजब सारथी सुमन्त फिर भी नही बोला तो रा...

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श्री शतरूपा जी By Renu

शतरूपाजी मानव सर्गकी आदिमाता हैं। ये स्वायम्भुव मनुकी पत्नी थीं। मनु और शतरूपासे ही मानवसृष्टिका आरम्भ हुआ । श्रुति भी कहती है- 'ततो मनुष्या अजायन्त।' मनु और शतरूपा दोनों ह...

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श्री सुदामा जी By Renu

विप्रवर सुदामा जन्मसे ही दरिद्र थे। श्रीकृष्णचन्द्र जब अवन्तीमें महर्षि सान्दीपनिके यहाँ शिक्षा प्राप्त करने गये, तब सुदामाजी भी वहीं गुरुके आश्रममें थे। वहाँ श्रीकृष्णचन्द्रसे उनक...

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महर्षि मैत्रेय जी By Renu

महर्षि मैत्रेय पुराणवक्ता ऋषि हैं। वे 'मित्र' के पुत्र होने के कारण मैत्रेय कहलाये। श्रीमद्भागवत में इनके सम्बन्ध में इतना ही मिलता है कि ये महर्षि पराशर के शिष्य और वेदव्य...

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भक्त पाण्डव By Renu

भक्त पाण्डव धर्मो विवर्धति युधिष्ठिरकीर्तनेन पापं प्रणश्यति वृकोदरकीर्तनेन। शत्रुर्विनश्यति धनञ्जयकीर्तनेन माद्रीसुतौ कथयतां न भवन्ति रोगा: ॥ *जैसे शरीर में पाँच प्राण होते हैं, वै...

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श्री विदुर जी एवं उनकी धर्मपत्नी By Renu

माण्डव्य ऋषि के शापसे यमराजजी ने ही दासीपुत्र के रूपमें धृतराष्ट्र तथा पाण्डु के भाई होकर जन्म लिया था। यमराजजी भागवताचार्य हैं। अपने इस रूप में मनुष्य-जन्म लेकर भी वे भगवान्‌ के प...

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श्रीलक्ष्मी जी By Renu

श्रीकमला (श्रीलक्ष्मी जी) भगवती लक्ष्मी जी विष्णुवल्लभा हैं, वे भगवान् विष्णु से अभिन्न हैं। उनके विषय में बताते हुए पराशर जी श्रीमैत्रेय जी से कहते हैं— हे द्विजश्रेष्ठ! भगवान् ‌क...

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रामायण युद्ध में हनुमान By SR Daily

रामायण युद्ध में हनुमानरामायण के सुन्दर-काण्ड में हनुमान जी के साहस और देवाधीन कर्म का वर्णन किया गया है। हनुमानजी की भेंट रामजी से उनके वनवास के समय तब हुई जब रामजी अपने भ्राता लछ...

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एकलव्य की गुरुभक्ति By SR Daily

एकलव्य की गुरुभक्तिआचार्य द्रोण राजकुमारों को धनुर्विद्या की विधिवत शिक्षा प्रदान करने लगे। उन राजकुमारों में अर्जुन के अत्यन्त प्रतिभावान तथा गुरुभक्त होने के कारण वे द्रोणाचार्य...

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दानवीर कर्ण By SR Daily

दानवीर कर्णकर्ण कुंती का पुत्र था| पाण्डु के साथ कुंती का विवाह होने से पहले ही इसका जन्म हो चुका था| लोक-लज्जा के कारण उसने यह भेद किसी को नहीं बताया और चुपचाप एक पिटारी में रखकर...

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महाभारत अर्जुन की प्रतिज्ञा By SR Daily

महाभारत अर्जुन की प्रतिज्ञामहाभारत का भयंकर युद्ध चल रहा था। लड़ते-लड़के अर्जुन रणक्षेत्र से दूर चले गए थे। अर्जुन की अनुपस्थिति में पाण्डवों को पराजित करने के लिए द्रोणाचार्य ने च...

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सीता गीत (कथामालीका) भाग ३ By गिरीश

समुद्र पार करण्यासाठी मारुतीने मोठी उडी मारली व तो त्याच्या पुण्याईमुळे सागरात न बुडता लंकेमध्ये पोहोचला व त्याने लंकापुरीत सर्वत्र शोध घेतला व अशोक वनात पोहोचला. रात्री तो रावण मी...

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भगवान विष्णु जी और माता लक्ष्मी जी By SR Daily

भगवान विष्णु जी और माता लक्ष्मी जीएक बार भगवान विष्णु जी शेषनाग पर बेठे बेठे बोर होगये, ओर उन्होने धरती पर घुमने का विचार मन मै किया, वेसे भी कई साल बीत गये थे धरती पर आये, ओर वह अ...

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स्वर्ण मंदिर By SR Daily

स्वर्ण मंदिरस्वर्ण मंदिर को हरमंदिर साहिब या दरबार साहिब भी कहा जाता है। इसके आस पास के सुंदर परिवेश और स्वर्ण की पर्त के कारण ही इसे स्वर्ण मंदिर कहते हैं। यह अमृतसर (पंजाब) में स...

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श्री शबरी जी By Renu

'पवित्र जीवन के बिना पवित्रतम परमात्मा को कोई नहीं प्राप्त कर सकता।’ उष:काल में पम्पासर के तटपर महर्षि मतंग अपने शिष्यों से कह रहे थे। अतः मनसा, वाचा, कर्मणा पवित्रता का पालन क...

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श्रीपृथुजी महाराज By Renu

महाराज 'अङ्ग' की पत्नी सुनीथा, जो साक्षात् मृत्यु की कन्या थीं, उससे 'वेन' नामक पुत्र हुआ, जो अपने नाना मृत्यु के स्वभाव का अनुसरण करने के कारण अत्यन्त क्रूर कर्म क...

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