hindi Best Women Focused Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Women Focused in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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स्वस्थ, सुंदर, गुणवान, दीर्घायु-दिव्य संतान कैसे प्राप्त करे? - भाग 3 By Praveen kumrawat

नौ माह के संस्कारों पर निर्भर शिशु के जीवन की रचनानौ माह में माँ जितना आनंदमय जीवन जीती है उसी प्रमाण में शिशु को उसके जीवन में आनंद प्राप्त होता है। उदाहरण के लिए अगर नौ माह में म...

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सौतेली माँ से माँ बनने का सफर...... भाग - 7 By Tripti Singh

त्रिवेणी का फोन एक बार फिर बज उठा जब उसने देखा तो उस पर "बुआ जी" फ्लैश हो रहा था.......जिसे देख उसके चेहरे पर थोड़ी राहत आ गई और उसने झट से फोन उठा लिया.......... ह......हैलो.....ब...

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शर्मिंदगी की कबरगाह... By pooja

हम औरतें अपने शरीर को कितना जानती हैं?कुछ साल पुरानी बात है। देश की राजधानी के बड़े मीडिया हाउस में वुमेन हेल्थ पर एक सेमिनार हो रहा था। पूरा हॉल महिलाओं से खचाखच भरा था। वुमेन हेल...

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आई कैन सी यू - 19 By Aisha Diwan

कहानी में अब तक हमने पढ़ा की लूसी को बचाने के चक्कर में रोवन को चाकू लग गया था वह बुरी तरह ज़ख्मी था। चाकू सफेद साड़ी वाली चुड़ैल ने ही मारा था लेकिन वर्षा का शरीर इस्तेमाल कर के,...

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लड़कियां आत्महत्या करे तो लोग कहते है...... By pooja

ये दो कहानियां तकरीबन एक ही समय में दुनिया के दो अलग-अलग हिस्सों में घट रही थीं। दोनों कहानियों के पात्र भी एक जैसे थे- एक लड़का और एक लड़की। कहानी का घटनाक्रम भी बहुत अलग नहीं था।...

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बच्चों में डाले गर्भ से संस्कार - 7 By नीतू रिछारिया

गर्भ संवाद—गर्भ संवाद क्या है? क्या गर्भस्थ शिशु से संवाद सम्भव है? गर्भस्थ शिशु जिस तरह आहार के लिए मां पर निर्भर है, उसी तरह विचार के लिए भी मां पर निर्भर है।मां को दिया भोजन, दव...

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पीरियड शर्म है, एक टैबू है, डर है.....i By pooja

ये 1994 की गर्मियों की बात है। आठवीं की परीक्षाएं खत्म हो चुकी थीं और जून की तपती दोपहरियों में दिन भर सिर्फ खेलने, आम खाने और मौज करने का अनवरत सिलसिला चल रहा था। तभी एक दिन अचानक...

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बेटी साँवली पैदा हुई तो जहर दे दिया........ By pooja

हमारे गांव में एक कहावत बड़ी प्रचलित थी, जिसे घर की बड़ी-बूढ़ी औरतें हर उस बहू को सुनातीं, जो पेट से होती। कहावत थी- "कथरी हो तो सुथरी, बिटिया हो तो उजरी।" मतलब कि कथरी यानी बिछौना...

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मशरूफियत By SARWAT FATMI

मशरूफियत मशरूफियत इस कदर होगयी हैँ जैसे कभी मैं वो थी ही नहीं अपनों के बिच रह कर खुद को तन्हा पाया अकेलेपन को अपना दोस्त बना लिया खुद को मशरूफ रख खुद मे खुशियां ढूंढ़ने लगी पास सब थ...

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औरत का कोई अधिकार नहीं ?? By pooja

• मैरिटल रेप यानी अपनी पत्नी के साथ बलात्कार कोई अपराध नहीं है।• पति अगर अपनी पत्नी के साथ अप्राकृतिक सेक्स यानी एनल सेक्स यानी गुदा मैथुन करे तो वो भी बलात्कार नहीं है।एनल सेक्स य...

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इतना तो चलता है - 2 By Komal Mehta

बात करते है इतना तो चलता है यार।यदि तुम्हारा सहकर्मचारी बात बात पे ..तुम्हे छूता है,कभी तुम्हारे शोल्डर पर कभी तुम्हारे हाथ को,और तुम कैसे ये सोच सकते हो,कीइतना तो चलता है।यदि तुम्...

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सदाबहार के फूल By Sharovan

सदाबहार के फूल ***यदि सदाबहार ने उसका साथ दिया तो गोद तो उसकी भरेगी ही, घर का आंगन भी किलकारियों की तंरग से भर जायेगा। यह भेद भी केवल वह जानेगी और सदाबहार। इन्हें तो कुछ पता ही नही...

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ज़रा हटके ज़रा बचके - मूवी रिव्यू: By Chirag Kakkad

हैलो दोस्तों, में चिराग कक्कड़ कुछ नया करने का प्रयास कर रहा हूं और आज मैं आपको "ज़रा हटके ज़रा बचके" मूवी का रिव्यू देने वाला हूँ। ज़रा हटके ज़रा बचके मूवी रिव्यू: मैं आपको मूवी क...

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सजावटी मुस्कुराहट By SARWAT FATMI

सजावटी मुस्कुराहट लोग कहते हैं मैं एक अच्छी अदाकारा हूं रुख पर मुस्कान रख दुनिया को बदलने की चाहत में फिर सुबह एक नहीं किरण के साथ चल पड़ती हूं  कितनी भी रुकावट होती है बस एक सजावट...

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एक गृहणी By Asmita Madhesiya

लड़की जब तक अपने मां के घर में रहती है , या ये कह लो की लड़की जब तक अपने पिता के घर में रहती है तब तक उसका जीवन बिल्कुल अलग होता है । और जब उसका विवाह हो जाता है तब वो बिल्कुल जीवन...

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जिद्दी मोहब्बत - 1 By Gumnaam shayar

 **खुशी का ऑफिस का पल**मुंबई के सीनियर सरकारी ऑफिस में, खुशी सिंह राठौड़ अपने कार्यालय में बैठी थी। कमरे की दीवारें सुनहरे रंग की लकड़ी की थीं, और हर कोने में फाइन फर्नीचर था। कमरे...

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सेकेण्ड वाइफ़ - भाग 4 (अंतिम भाग) By Pradeep Shrivastava

 भाग-4 प्रदीप श्रीवास्तव इस संशय के बीच एक बजते ही मैं बात करने के लिए मोबाइल उठाता और फिर रख देता। डर यह भी था कि कहीं धनश्री जाग गई तो? बड़ी देर तक तरह-तरह की उलझनों से लड़न...

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लड़कियां बस प्यार ही देंगी, और लडके धोखा..... By pooja

ऐसा नहीं कि मेरे घर में प्रेम करने की मनाही थी। लेकिन सही-गलत, नैतिक-अनैतिक के एक हजार नियम जरूर थे और वो सारे नियम लड़कियों के लिए थे।जब मैं स्कूल पास कर कॉलेज जा रही थी तो एक दिन...

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सुकून By SARWAT FATMI

सुकून  कभी तेरे लिए मैं,और मेरे लिए तुम एक अजनबी थे  पर अब मेरी जिंदगी बन गए हो मेरे दिल के सुकून बन गए हो मेरे हर खुशी अब तुमसे ही है तेरे बिना एक पल भी गुजारा भी नामुमकिन है  कब...

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नजायज रिश्ते - भाग 14 By Gurwinder sidhu

,कमल ओर जोत अभी भी इक दूसरे से चिपके हुए थे।कमल के साथ जोत का पूरा जोबन और भी खिल चुका था। जोत का गोरा गोरा बदन और भी ज्यादा मीठी मीठी खुशबू खिलार रहा था। कमल ने भी नसे की हालत में...

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नुसरत - भाग 4 (अंतिम भाग) By Pradeep Shrivastava

भाग 4 “वास्तव में यह बात खुली ऐसे कि, एक बार ऐसी ही एक पार्टी में झगड़ा हो गया। सब के सब नशे में तो थे ही। उनकी गाली-गलौज, हुड़दंग से पड़ोसी जाग भी सकते हैं, उन सब ने ऐसा सोच...

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लागा चुनरी में दाग़--(अन्तिम भाग) By Saroj Verma

और जब डाक्टर सतीश ने अमोली को वहाँ देखा तो वो उससे बोले... "अमोली! तुम और यहाँ" "हाँ! सतीश! मैं ही हूँ",अमोली सतीश से बोली... "लेकिन तुम तीन चार सालों से कहाँ थी"?,सतीश ने अमोली से...

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भूले नहीं भूली जाती By SARWAT FATMI

आंखे नम हैँ ज़ुबान लड़खड़ा रही हैँ शायद कुछ कहना हैँ ,पर जज़्बातों ने रोक लिया ,क्यों  ??? पता नहीं जिंदगी युही चलती रहेगी और ज़स्बात मेरे दिल के किसी कोने मे दबी रह जाएगीरातों मे तेरी...

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स्वस्थ, सुंदर, गुणवान, दीर्घायु-दिव्य संतान कैसे प्राप्त करे? - भाग 3 By Praveen kumrawat

नौ माह के संस्कारों पर निर्भर शिशु के जीवन की रचनानौ माह में माँ जितना आनंदमय जीवन जीती है उसी प्रमाण में शिशु को उसके जीवन में आनंद प्राप्त होता है। उदाहरण के लिए अगर नौ माह में म...

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सौतेली माँ से माँ बनने का सफर...... भाग - 7 By Tripti Singh

त्रिवेणी का फोन एक बार फिर बज उठा जब उसने देखा तो उस पर "बुआ जी" फ्लैश हो रहा था.......जिसे देख उसके चेहरे पर थोड़ी राहत आ गई और उसने झट से फोन उठा लिया.......... ह......हैलो.....ब...

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शर्मिंदगी की कबरगाह... By pooja

हम औरतें अपने शरीर को कितना जानती हैं?कुछ साल पुरानी बात है। देश की राजधानी के बड़े मीडिया हाउस में वुमेन हेल्थ पर एक सेमिनार हो रहा था। पूरा हॉल महिलाओं से खचाखच भरा था। वुमेन हेल...

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आई कैन सी यू - 19 By Aisha Diwan

कहानी में अब तक हमने पढ़ा की लूसी को बचाने के चक्कर में रोवन को चाकू लग गया था वह बुरी तरह ज़ख्मी था। चाकू सफेद साड़ी वाली चुड़ैल ने ही मारा था लेकिन वर्षा का शरीर इस्तेमाल कर के,...

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लड़कियां आत्महत्या करे तो लोग कहते है...... By pooja

ये दो कहानियां तकरीबन एक ही समय में दुनिया के दो अलग-अलग हिस्सों में घट रही थीं। दोनों कहानियों के पात्र भी एक जैसे थे- एक लड़का और एक लड़की। कहानी का घटनाक्रम भी बहुत अलग नहीं था।...

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बच्चों में डाले गर्भ से संस्कार - 7 By नीतू रिछारिया

गर्भ संवाद—गर्भ संवाद क्या है? क्या गर्भस्थ शिशु से संवाद सम्भव है? गर्भस्थ शिशु जिस तरह आहार के लिए मां पर निर्भर है, उसी तरह विचार के लिए भी मां पर निर्भर है।मां को दिया भोजन, दव...

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पीरियड शर्म है, एक टैबू है, डर है.....i By pooja

ये 1994 की गर्मियों की बात है। आठवीं की परीक्षाएं खत्म हो चुकी थीं और जून की तपती दोपहरियों में दिन भर सिर्फ खेलने, आम खाने और मौज करने का अनवरत सिलसिला चल रहा था। तभी एक दिन अचानक...

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बेटी साँवली पैदा हुई तो जहर दे दिया........ By pooja

हमारे गांव में एक कहावत बड़ी प्रचलित थी, जिसे घर की बड़ी-बूढ़ी औरतें हर उस बहू को सुनातीं, जो पेट से होती। कहावत थी- "कथरी हो तो सुथरी, बिटिया हो तो उजरी।" मतलब कि कथरी यानी बिछौना...

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मशरूफियत By SARWAT FATMI

मशरूफियत मशरूफियत इस कदर होगयी हैँ जैसे कभी मैं वो थी ही नहीं अपनों के बिच रह कर खुद को तन्हा पाया अकेलेपन को अपना दोस्त बना लिया खुद को मशरूफ रख खुद मे खुशियां ढूंढ़ने लगी पास सब थ...

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औरत का कोई अधिकार नहीं ?? By pooja

• मैरिटल रेप यानी अपनी पत्नी के साथ बलात्कार कोई अपराध नहीं है।• पति अगर अपनी पत्नी के साथ अप्राकृतिक सेक्स यानी एनल सेक्स यानी गुदा मैथुन करे तो वो भी बलात्कार नहीं है।एनल सेक्स य...

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इतना तो चलता है - 2 By Komal Mehta

बात करते है इतना तो चलता है यार।यदि तुम्हारा सहकर्मचारी बात बात पे ..तुम्हे छूता है,कभी तुम्हारे शोल्डर पर कभी तुम्हारे हाथ को,और तुम कैसे ये सोच सकते हो,कीइतना तो चलता है।यदि तुम्...

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सदाबहार के फूल By Sharovan

सदाबहार के फूल ***यदि सदाबहार ने उसका साथ दिया तो गोद तो उसकी भरेगी ही, घर का आंगन भी किलकारियों की तंरग से भर जायेगा। यह भेद भी केवल वह जानेगी और सदाबहार। इन्हें तो कुछ पता ही नही...

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ज़रा हटके ज़रा बचके - मूवी रिव्यू: By Chirag Kakkad

हैलो दोस्तों, में चिराग कक्कड़ कुछ नया करने का प्रयास कर रहा हूं और आज मैं आपको "ज़रा हटके ज़रा बचके" मूवी का रिव्यू देने वाला हूँ। ज़रा हटके ज़रा बचके मूवी रिव्यू: मैं आपको मूवी क...

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सजावटी मुस्कुराहट By SARWAT FATMI

सजावटी मुस्कुराहट लोग कहते हैं मैं एक अच्छी अदाकारा हूं रुख पर मुस्कान रख दुनिया को बदलने की चाहत में फिर सुबह एक नहीं किरण के साथ चल पड़ती हूं  कितनी भी रुकावट होती है बस एक सजावट...

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एक गृहणी By Asmita Madhesiya

लड़की जब तक अपने मां के घर में रहती है , या ये कह लो की लड़की जब तक अपने पिता के घर में रहती है तब तक उसका जीवन बिल्कुल अलग होता है । और जब उसका विवाह हो जाता है तब वो बिल्कुल जीवन...

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जिद्दी मोहब्बत - 1 By Gumnaam shayar

 **खुशी का ऑफिस का पल**मुंबई के सीनियर सरकारी ऑफिस में, खुशी सिंह राठौड़ अपने कार्यालय में बैठी थी। कमरे की दीवारें सुनहरे रंग की लकड़ी की थीं, और हर कोने में फाइन फर्नीचर था। कमरे...

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सेकेण्ड वाइफ़ - भाग 4 (अंतिम भाग) By Pradeep Shrivastava

 भाग-4 प्रदीप श्रीवास्तव इस संशय के बीच एक बजते ही मैं बात करने के लिए मोबाइल उठाता और फिर रख देता। डर यह भी था कि कहीं धनश्री जाग गई तो? बड़ी देर तक तरह-तरह की उलझनों से लड़न...

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लड़कियां बस प्यार ही देंगी, और लडके धोखा..... By pooja

ऐसा नहीं कि मेरे घर में प्रेम करने की मनाही थी। लेकिन सही-गलत, नैतिक-अनैतिक के एक हजार नियम जरूर थे और वो सारे नियम लड़कियों के लिए थे।जब मैं स्कूल पास कर कॉलेज जा रही थी तो एक दिन...

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सुकून By SARWAT FATMI

सुकून  कभी तेरे लिए मैं,और मेरे लिए तुम एक अजनबी थे  पर अब मेरी जिंदगी बन गए हो मेरे दिल के सुकून बन गए हो मेरे हर खुशी अब तुमसे ही है तेरे बिना एक पल भी गुजारा भी नामुमकिन है  कब...

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नजायज रिश्ते - भाग 14 By Gurwinder sidhu

,कमल ओर जोत अभी भी इक दूसरे से चिपके हुए थे।कमल के साथ जोत का पूरा जोबन और भी खिल चुका था। जोत का गोरा गोरा बदन और भी ज्यादा मीठी मीठी खुशबू खिलार रहा था। कमल ने भी नसे की हालत में...

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नुसरत - भाग 4 (अंतिम भाग) By Pradeep Shrivastava

भाग 4 “वास्तव में यह बात खुली ऐसे कि, एक बार ऐसी ही एक पार्टी में झगड़ा हो गया। सब के सब नशे में तो थे ही। उनकी गाली-गलौज, हुड़दंग से पड़ोसी जाग भी सकते हैं, उन सब ने ऐसा सोच...

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और जब डाक्टर सतीश ने अमोली को वहाँ देखा तो वो उससे बोले... "अमोली! तुम और यहाँ" "हाँ! सतीश! मैं ही हूँ",अमोली सतीश से बोली... "लेकिन तुम तीन चार सालों से कहाँ थी"?,सतीश ने अमोली से...

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भूले नहीं भूली जाती By SARWAT FATMI

आंखे नम हैँ ज़ुबान लड़खड़ा रही हैँ शायद कुछ कहना हैँ ,पर जज़्बातों ने रोक लिया ,क्यों  ??? पता नहीं जिंदगी युही चलती रहेगी और ज़स्बात मेरे दिल के किसी कोने मे दबी रह जाएगीरातों मे तेरी...

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