hindi Best Spiritual Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Spiritual Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and...Read More


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परम भागवत प्रह्लाद जी - भाग26-दैत्यर्षि प्रह्लाद का शासन By Praveen kumrawat

[महर्षि शुक्राचार्य की नीति-शिक्षा, महर्षि नारदजी का उपदेश]राजसिंहासन पर बैठने के साथ ही दैत्यर्षि प्रह्लाद ने जिस संयम और नियम के साथ शासनसूत्र को चलाया, वह परमभागवत प्रह्लाद के अ...

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मां कब आयेगी - (भाग-२) By Dikshadixit

सुबह हो गई मीठी के पिता सुबह उठे और अपनी घड़ी के तरफ देखा सुबह के सात बज चुके थे, उनको सुबह ऑफिस के लिए देर हो रही थी।बह अपनी बेटी को एक तरफ सुला देते हैं, और जल्दी से उठ जाते हैं,...

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प्रेमशास्त्र - (भाग-६) By Vaidehi Vaishnav

उद्धव के गुरु बृहस्पति ने उन्हें बताया था कि कृष्ण रूप में तुम्हारे छोटे भाई भगवान विष्णु का अवतार हैं। यह जानते हुए भी कि श्रीकृष्ण भगवान के पूर्णवातर है फिर भी उद्धवजी को श्रीकृष...

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राधे की गूंज By Dikshadixit

मैं मुंबई शहर के सबसे बड़े कॉलेज में पी. एच. डी कर रही थी।आज हमारे कॉलेज में कुछ नए विद्यार्थी आने वाले थे, हम बहुत दुःखी थे। उन नए बच्चो को ले कर क्यों कि उनका जिस क्लास में दाखिल...

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एक बचपन की कहानी । By Karunesh Maurya

बचपन का ये वक्त हमेशा से ही बच्चों के लिए सबसे सुंदर अवधि रहा है। जब हम छोटे होते हैं तो हमारी दुनिया बहुत सीमित होती है। हमारे जीवन में खेल-खेल में बड़े होने का सपना, सफलता के लिए...

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भक्तराज ध्रुव - भाग 2 By Renu

यमुना के किनारे पहुँचकर ध्रुव ने पहले दिन उपवास किया। और दूसरे दिन से वे विधिपूर्वक भगवान्‌ की आराधना करने लगे। पहले महीने में तीन-तीन दिन पर कैथ और बेर के फल खा लेते तथा निरन्तर भ...

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मीठी –एक लगाव By Dikshadixit

हम अक्सर किसी ऐसे व्यक्ति से मिल जाते हैं, जिससे ना चाह कर भी एक अजीब सा रिश्ता बन जाता है। उससे दूर रहना बहुत मुस्किल सा लगने लगता है, एक लगाव सा होने लगता है और बही लगाव एक आदत ब...

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पवहारी बाबा By Praveen kumrawat

परमहंस रामकृष्ण के तिरोधान के पश्चात् विवेकानन्द का मन बहुत अशान्त हो गया था। अपने जीवन काल में रामकृष्ण देव बराबर उनका मार्ग दर्शन करते थे। अब वह सहारा नहीं रहा। फलतः जब स्वामी वि...

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ब्रह्मचारी... By Saroj Verma

अचलराज!तुम ऐसा नहीं कर सकते,महाराज अपारशक्ति ने हस्तक्षेप करते हुए कहा... किन्तु!क्यों महाराज? अचलराज ने पूछा.. क्योंकि तुम इस राज्य के उत्तराधिकारी हो,महाराज अपारशक्ति बोले... किन...

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नवरात्रों का वसंत By गायत्री शर्मा गुँजन

नवरात्रों का वसंत अनुराधा वैसे तो धर्म पुण्य में कुछ खास दिलचस्पी नहीं लेती अपने मन की मालकिन जो ठहरी ! वहीं नवरात्रे पर बाजार आहा ! क्या खूब सजा है रंगीन गेंदे, गुलाब ,चमेली की मा...

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गणगौर By Captain Dharnidhar

इस पर्व पर स्त्रियां शिव जी और गौरा की पूजा करती हैं। पूजा करते हुए दूब से पानी के छींटे देते हुए गीत गाती हैं :- गौर गौर गोमती ईसर पूजे पार्वतीपार्वती का आला-गीला , गौर का सोना का...

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चमत्कारी हनुमान बाहुक By Captain Dharnidhar

हनुमान बाहुक :- तुलसीदासजी का शीघ्र फलदायक चमत्कारिक स्तोत्र हनुमान बाहुक जपने मात्र से सभी कष्टों का निवारण.गोस्वामी तुलसीदास जी रचित 44 पद्यों का शीघ्र फलदायक स्तोत्र, जिसकी रचना...

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ऐसा मेरे ही साथ क्यों होता है… By TULSI RAM RATHOR

ऐसा मेरे ही साथ क्यों होता है? ये  ख़याल हम सबके के दिमाग में कभी न कभी ज़रूर आ ही जाता है. आपके मन में भी शायद कभी ये विचार ज़रूर आया होगा की “ऐसा मेरे ही साथ क्यों हुआ? बाकी सब त...

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आस्था.... By Saroj Verma

आस्था के तार ह्रदय के साथ जुड़े हुए होतें हैं एवं हमारी आस्था हमारी संवेदना से जुड़ी होती है,हमारे मन का विज्ञान ही आस्था को मान सकता है और समझ सकता है,आस्था प्रार्थना और विश्वास दोन...

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श्री श्री चैतन्य महाप्रभु By Praveen kumrawat

“जिन चैतन्य महाप्रभु ने उत्कृष्ट और परम उज्ज्वल रसमयी भक्ति सम्पत्ति वितरण के लिये कलियुग में कृपापूर्वक अवतार लिया है। वे स्वर्ण कान्तिवाले शचीनन्दन हरि हमारे हृदय में स्फूर्ति-ला...

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संत नागा निरंकारी महाराज By Praveen kumrawat

संतो और महात्माओ की महिमा का बखान करना बड़े सौभाग्य और परम पूण्य की बात है। संत नागा निरंकारी परम अवधूत थे। उन्होंने लोक-लोकान्तरों के आत्मरहस्य को जन्म-जन्मांतर से समझा था। प्रत्ये...

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आचार्य श्रीरामानन्द By Praveen kumrawat

आचार्य श्रीरामानन्द जी एक उच्चकोटि के आध्यात्मिकमहापुरुष थे। आचार्य रामानन्दजी का जन्म कान्यकुब्जब्राह्मणकुल मे माघ-कृष्ण सप्तमी, शुक्रवार, संवत् १३२४ को प्रयाग में त्रिवेणी तट पर...

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संत नामदेव By Praveen kumrawat

नामदेव का समय संवत् १३२७ वि० से संवत् १४०७ वि० है, इस पवित्र अवधि में उन्होंने दक्षिण और उत्तर भारत में संतमय की जिस प्रगाढ़ भगवद्भक्ति से परिपुष्टि की उसकी मौलिकता और अपूर्वता में...

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ढ़ाई अक्षर प्रेम के.. By Saroj Verma

पोथी पढ़-पढ़ जग मुवा, पंडित हुआ न कोय। ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय। हिंदी में जो शब्द है-प्रेम, उसमें ढाई अक्षर हैं; लेकिन कबीर का मतलब गहरा है,जब भी कोई व्यक्ति किसी से प्...

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शिव तांडव स्तोत्र By Dr. Bhairavsinh Raol

॥ शिव तांडव स्तोत्र ॥जटा टवी गलज्जलप्रवाह पावितस्थले गलेऽव लम्ब्यलम्बितां भुजंगतुंग मालिकाम्‌।डमड्डमड्डमड्डमन्निनाद वड्डमर्वयं चकारचण्डताण्डवं तनोतु नः शिव: शिवम्‌ ॥१॥जिन शिव की सघ...

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सत्य ना प्रयोगों - भाग 13 - अंतिम भाग By Miss Chhoti

अंतिम भाग "Change"... कोई यह न माने कि नाच आदि के मेरे प्रयोग उस समय की मेरी स्वच्छंदता के सूचक है। पाठकों ने देखा होगा कि उनमें कुछ समझदारी थी। मोह के इस समय में भी मैं एक हद तक स...

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परम भागवत प्रह्लाद जी - भाग26-दैत्यर्षि प्रह्लाद का शासन By Praveen kumrawat

[महर्षि शुक्राचार्य की नीति-शिक्षा, महर्षि नारदजी का उपदेश]राजसिंहासन पर बैठने के साथ ही दैत्यर्षि प्रह्लाद ने जिस संयम और नियम के साथ शासनसूत्र को चलाया, वह परमभागवत प्रह्लाद के अ...

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मां कब आयेगी - (भाग-२) By Dikshadixit

सुबह हो गई मीठी के पिता सुबह उठे और अपनी घड़ी के तरफ देखा सुबह के सात बज चुके थे, उनको सुबह ऑफिस के लिए देर हो रही थी।बह अपनी बेटी को एक तरफ सुला देते हैं, और जल्दी से उठ जाते हैं,...

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प्रेमशास्त्र - (भाग-६) By Vaidehi Vaishnav

उद्धव के गुरु बृहस्पति ने उन्हें बताया था कि कृष्ण रूप में तुम्हारे छोटे भाई भगवान विष्णु का अवतार हैं। यह जानते हुए भी कि श्रीकृष्ण भगवान के पूर्णवातर है फिर भी उद्धवजी को श्रीकृष...

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राधे की गूंज By Dikshadixit

मैं मुंबई शहर के सबसे बड़े कॉलेज में पी. एच. डी कर रही थी।आज हमारे कॉलेज में कुछ नए विद्यार्थी आने वाले थे, हम बहुत दुःखी थे। उन नए बच्चो को ले कर क्यों कि उनका जिस क्लास में दाखिल...

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एक बचपन की कहानी । By Karunesh Maurya

बचपन का ये वक्त हमेशा से ही बच्चों के लिए सबसे सुंदर अवधि रहा है। जब हम छोटे होते हैं तो हमारी दुनिया बहुत सीमित होती है। हमारे जीवन में खेल-खेल में बड़े होने का सपना, सफलता के लिए...

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भक्तराज ध्रुव - भाग 2 By Renu

यमुना के किनारे पहुँचकर ध्रुव ने पहले दिन उपवास किया। और दूसरे दिन से वे विधिपूर्वक भगवान्‌ की आराधना करने लगे। पहले महीने में तीन-तीन दिन पर कैथ और बेर के फल खा लेते तथा निरन्तर भ...

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मीठी –एक लगाव By Dikshadixit

हम अक्सर किसी ऐसे व्यक्ति से मिल जाते हैं, जिससे ना चाह कर भी एक अजीब सा रिश्ता बन जाता है। उससे दूर रहना बहुत मुस्किल सा लगने लगता है, एक लगाव सा होने लगता है और बही लगाव एक आदत ब...

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पवहारी बाबा By Praveen kumrawat

परमहंस रामकृष्ण के तिरोधान के पश्चात् विवेकानन्द का मन बहुत अशान्त हो गया था। अपने जीवन काल में रामकृष्ण देव बराबर उनका मार्ग दर्शन करते थे। अब वह सहारा नहीं रहा। फलतः जब स्वामी वि...

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ब्रह्मचारी... By Saroj Verma

अचलराज!तुम ऐसा नहीं कर सकते,महाराज अपारशक्ति ने हस्तक्षेप करते हुए कहा... किन्तु!क्यों महाराज? अचलराज ने पूछा.. क्योंकि तुम इस राज्य के उत्तराधिकारी हो,महाराज अपारशक्ति बोले... किन...

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नवरात्रों का वसंत By गायत्री शर्मा गुँजन

नवरात्रों का वसंत अनुराधा वैसे तो धर्म पुण्य में कुछ खास दिलचस्पी नहीं लेती अपने मन की मालकिन जो ठहरी ! वहीं नवरात्रे पर बाजार आहा ! क्या खूब सजा है रंगीन गेंदे, गुलाब ,चमेली की मा...

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गणगौर By Captain Dharnidhar

इस पर्व पर स्त्रियां शिव जी और गौरा की पूजा करती हैं। पूजा करते हुए दूब से पानी के छींटे देते हुए गीत गाती हैं :- गौर गौर गोमती ईसर पूजे पार्वतीपार्वती का आला-गीला , गौर का सोना का...

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चमत्कारी हनुमान बाहुक By Captain Dharnidhar

हनुमान बाहुक :- तुलसीदासजी का शीघ्र फलदायक चमत्कारिक स्तोत्र हनुमान बाहुक जपने मात्र से सभी कष्टों का निवारण.गोस्वामी तुलसीदास जी रचित 44 पद्यों का शीघ्र फलदायक स्तोत्र, जिसकी रचना...

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ऐसा मेरे ही साथ क्यों होता है… By TULSI RAM RATHOR

ऐसा मेरे ही साथ क्यों होता है? ये  ख़याल हम सबके के दिमाग में कभी न कभी ज़रूर आ ही जाता है. आपके मन में भी शायद कभी ये विचार ज़रूर आया होगा की “ऐसा मेरे ही साथ क्यों हुआ? बाकी सब त...

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आस्था.... By Saroj Verma

आस्था के तार ह्रदय के साथ जुड़े हुए होतें हैं एवं हमारी आस्था हमारी संवेदना से जुड़ी होती है,हमारे मन का विज्ञान ही आस्था को मान सकता है और समझ सकता है,आस्था प्रार्थना और विश्वास दोन...

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श्री श्री चैतन्य महाप्रभु By Praveen kumrawat

“जिन चैतन्य महाप्रभु ने उत्कृष्ट और परम उज्ज्वल रसमयी भक्ति सम्पत्ति वितरण के लिये कलियुग में कृपापूर्वक अवतार लिया है। वे स्वर्ण कान्तिवाले शचीनन्दन हरि हमारे हृदय में स्फूर्ति-ला...

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संत नागा निरंकारी महाराज By Praveen kumrawat

संतो और महात्माओ की महिमा का बखान करना बड़े सौभाग्य और परम पूण्य की बात है। संत नागा निरंकारी परम अवधूत थे। उन्होंने लोक-लोकान्तरों के आत्मरहस्य को जन्म-जन्मांतर से समझा था। प्रत्ये...

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आचार्य श्रीरामानन्द By Praveen kumrawat

आचार्य श्रीरामानन्द जी एक उच्चकोटि के आध्यात्मिकमहापुरुष थे। आचार्य रामानन्दजी का जन्म कान्यकुब्जब्राह्मणकुल मे माघ-कृष्ण सप्तमी, शुक्रवार, संवत् १३२४ को प्रयाग में त्रिवेणी तट पर...

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संत नामदेव By Praveen kumrawat

नामदेव का समय संवत् १३२७ वि० से संवत् १४०७ वि० है, इस पवित्र अवधि में उन्होंने दक्षिण और उत्तर भारत में संतमय की जिस प्रगाढ़ भगवद्भक्ति से परिपुष्टि की उसकी मौलिकता और अपूर्वता में...

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ढ़ाई अक्षर प्रेम के.. By Saroj Verma

पोथी पढ़-पढ़ जग मुवा, पंडित हुआ न कोय। ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय। हिंदी में जो शब्द है-प्रेम, उसमें ढाई अक्षर हैं; लेकिन कबीर का मतलब गहरा है,जब भी कोई व्यक्ति किसी से प्...

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शिव तांडव स्तोत्र By Dr. Bhairavsinh Raol

॥ शिव तांडव स्तोत्र ॥जटा टवी गलज्जलप्रवाह पावितस्थले गलेऽव लम्ब्यलम्बितां भुजंगतुंग मालिकाम्‌।डमड्डमड्डमड्डमन्निनाद वड्डमर्वयं चकारचण्डताण्डवं तनोतु नः शिव: शिवम्‌ ॥१॥जिन शिव की सघ...

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सत्य ना प्रयोगों - भाग 13 - अंतिम भाग By Miss Chhoti

अंतिम भाग "Change"... कोई यह न माने कि नाच आदि के मेरे प्रयोग उस समय की मेरी स्वच्छंदता के सूचक है। पाठकों ने देखा होगा कि उनमें कुछ समझदारी थी। मोह के इस समय में भी मैं एक हद तक स...

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