hindi Best Spiritual Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Spiritual Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and...Read More


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श्रीमद्भगवद्गीता मेरी समझ में - अध्याय 3 By Ashish Kumar Trivedi

अध्याय 3 कर्मयोग दूसरे अध्याय में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को लाभ हानि, राग द्वेष, मान अपमान से ऊपर उठकर एक स्तिथिप्रज्ञ व्यक्ति बनने का उपदेश दिया था। उन्होंने कहा था कि अर्जुन क...

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विक्रम और बेताल - 2 - पाप किसको लगा? By Your Dreams

पाप किसको लगा?काशी में प्रतापमुकुट नाम का राजा राज्य करता था। उसके वज्रमुकुट नाम का एक बेटा था। एक दिन राजकुमार दीवान के लड़के को साथ लेकर शिकार खेलने जंगल गया। घूमते-घूमते उन्हें...

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एक योगी की आत्मकथा - 40 By Ira

मेरा भारत लौटनाअत्यंत आनन्द के साथ मैं भारत की पवित्र हवा में फिर एक बार श्वास ले रहा था । हमारा जहाज “राजपूताना” २२ अगस्त १९३५ को मुंबई के विशाल बन्दरगाह में आकर खड़ा हो गया। जहाज...

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राम नाम की ओषधि काटत सभी क्लेश By prabha pareek

         राम नाम की औषघि काटे सभी कलेश गौस्वामी तुलसी दास जी कहते हैं कि मनुष्य का तन शरीर खेत है ओर मन ,वचन, कर्म किसान है। जैसे किसान बीज बोता है वैसे ही हम मन, वचन और कर्म से बी...

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गायत्री जप कभी निष्फल नही जाता By Captain Dharnidhar

हिंदू धर्म मे गायत्री मंत्र बहुत शक्तिशाली मंत्र है इसकी मदद से हम अपनी जिंदगी से जुड़ी हर समस्या का हल कर सकते हैं ।गायत्री मंत्र का जाप करने से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है. सांस...

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हनुमान जी की उड़ने की गति  By Binal Jay Thumbar

बचपन में जब हमारे बड़े हमें रामायण की कहानियां सुनाया करते थे तब हमें लक्ष्मण जी के बेहोश होने पर हनुमान जी का संजीवनी बूटी लेने जाना व जाने का किस्सा सुनाया जाता था जिसमे संजीवनी...

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भक्त राजा श्रीकुलशेखर जी By Renu

कोल्लिनगर (केरल) के राजा दृढव्रत बड़े धर्मात्मा थे, किंतु उनके कोई सन्तान न थी। उन्होंने पुत्र के लिये तप किया और भगवान् नारायण की कृपा से द्वादशी के दिन पुनर्वसु नक्षत्रमें उनके घ...

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सेवा और सहिष्णुता के उपासक संत तुकाराम - 11 By Charu Mittal

शिवाजी महाराज को उपदेशतुकाराम महाराज कोरे भजनानंदी नहीं थे, वरन् नैतिक, सामाजिक कर्तव्यों का भी उनको पूरा ज्ञान था। वे सच्चे त्यागी और आत्मज्ञानी थे, इसलिए सभी विषयों में मूल तथ्य...

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भक्त सुधन्वा By Renu

चम्पकपुरीके राजा हंसध्वज बड़े ही धर्मात्मा, प्रजापालक, शूरवीर और भगवद्भक्त थे। उनके राज्यकी यह विशेषता थी कि राजकुल तथा प्रजाके सभी पुरुष 'एकपत्नीव्रत' का पालन करते थे। जो...

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श्री ब्रह्माजी By Renu

श्रीब्रह्माजी, श्रीनारदजी, श्रीशंकरजी, श्रीसनकादिक, श्रीकपिलदेवजी महाराज, श्रीमनुजी, श्रीप्रह्लादजी, श्रीजनकजी, श्रीभीष्मपितामहजी, श्रीबलजी, महामुनि श्रीशुकदेवजी और श्रीधर्मराजजी—य...

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सत्यवादी राजा हरिश्चन्द्र By Renu

सूर्यवंशमें त्रिशंकु नाम के एक प्रसिद्ध चक्रवर्ती सम्राट् हो गये हैं, जिन्हें मुनि विश्वामित्र ने अपने योगबल से सशरीर स्वर्ग भेजने का प्रयत्न किया था। महाराज हरिश्चन्द्र उन्हीं त्र...

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शारदीय नवरात्रि By Sudhir Srivastava

आलेख शारदीय नवरात्रि शारदीय नवरात्रि देवी पूूजा को समर्पित एक हिन्दू त्योहार है, जो शरद ऋतु में मनाया जाता है। हिन्दू परम्परा में नवरात्रि का त्योहार, वर्ष में दो बार प्रमुख रूप से...

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मां लक्ष्मी यू आर ग्रेट By Wajid Husain

वाजिद हुसैन की कहानीदिनभर ऑफिस की बकझक से दिमाग वैसी खाली हो रहा था। शरीर भी थका हुआ था। रात के खाने की चिंता सता रही थी, फिर सोचा, 'खाना- पीना तो मर्द के दम से होता है, अकेली...

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वेद, पुराण, उपनिषद चमत्कार या भ्रम - भाग 16 By Arun Singla

शिष्य : जीवन जानने से क्या प्रयोजन है ? गुरु : जीवन जानने की दो विधि, दो रास्ते है, एक है पद्धति है धर्म द्वारा जानना और दुसरी पद्धति है विज्ञान द्वारा जानना. धर्म जोड़ कर जानता है,...

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श्राद्ध पक्ष में सनातन संस्कृति का महत्व By Sudhir Srivastava

आलेख श्राद्ध पक्ष का सनातन संस्कृति में महत्व हमारा देश और हिन्दू संस्कृति सनातन संस्कृति की मान्यताओं को गहराई से आत्मसात कर सतत् सदियों से अनवरत आगे बढ़ रहा है। कहने को हम आधुनिक...

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कृष्ण और रुक्मिणी विवाह By Kartik Arya

विदर्भ देश के राजा भीष्मक के पांच पुत्र और एक पुत्री थी| पुत्री का नाम रुक्मिणी था जो समकालीन राजकुमारियों में सर्वाधिक सुंदर और सुशील थी| उससे विवाह करने के लिए अनेक राजा और राजकु...

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देवों में श्रेष्ठ कौन...? By Kartik Arya

ब्रह्मा, विष्णु और महेश इन तीनों में श्रेष्ठ कौन हैं...? इसका निर्णय कैसे हुआ....? ये बात आप भी जानना चाहते होंगे। आज हम इसी बात पर चर्चा करने वाले हैं कि देवताओं में सबसे श्रेष्ठ...

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द्रौपदी स्वयंवर By Kartik Arya

स्वयंवर सभा में अनेक देशों के राजा-महाराजा एवं राजकुमार पधारे हुये थे। एक ओर श्री कृष्ण अपने बड़े भाई बलराम तथा गणमान्य यदुवंशियों के साथ विराजमान थे। वहाँ वे ब्राह्मणों की पंक्ति...

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ईश्वर सबके साथ By Rakesh Rakesh

जिस कॉलेज में राधा ने दाखिला लेने के लिए राधा कृष्ण की दिन रात पूजा अर्चना की थी, अब राधा उस कॉलेज अपने गांव को छोड़कर शहर के कॉलेज में दाखिला लेने की जिद अपने माता-पिता से कर रही...

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अनोखी प्रेम कहानी - 18 By Sangram Singh Rajput

भरोड़ा से दुलरा दयाल क्या गया मानो अंचल के प्राण ही चले गये । प्रकृति ने भी शोक - संतप्त हो अपनी हरीतिमा त्याग दी । पंछियों ने चहचहाना छोड़ दिया । महल सूनी , चौपाल सूना , • अंचल का...

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भगवान्‌ शंकर By Renu

द्वादश परम भागवतोंमें श्रीशिवजीका प्रमुख स्थान है। भगवान्‌के स्वभाव, प्रभाव, गुण, शील, माहात्म्य आदिके जाननेवालोंमें भी श्रीशिवजी अग्रगण्य हैं। भगवान्‌के नामके प्रभावको जैसा श्रीशि...

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संत एकनाथ By Renu

भक्‍तश्रेष्‍ठ भानुदास जी के पुत्र चक्रपाणि, चक्रपाणि के पुत्र सूर्यनारायण और सूर्यनारायण के पुत्र भक्‍तराज एकनाथ हुए। इनका जन्‍म संवत 1590 विक्रमी (1533 ई.) के लगभग हुआ था। इनके जन...

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श्रीमद्भगवद्गीता मेरी समझ में - अध्याय 3 By Ashish Kumar Trivedi

अध्याय 3 कर्मयोग दूसरे अध्याय में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को लाभ हानि, राग द्वेष, मान अपमान से ऊपर उठकर एक स्तिथिप्रज्ञ व्यक्ति बनने का उपदेश दिया था। उन्होंने कहा था कि अर्जुन क...

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विक्रम और बेताल - 2 - पाप किसको लगा? By Your Dreams

पाप किसको लगा?काशी में प्रतापमुकुट नाम का राजा राज्य करता था। उसके वज्रमुकुट नाम का एक बेटा था। एक दिन राजकुमार दीवान के लड़के को साथ लेकर शिकार खेलने जंगल गया। घूमते-घूमते उन्हें...

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एक योगी की आत्मकथा - 40 By Ira

मेरा भारत लौटनाअत्यंत आनन्द के साथ मैं भारत की पवित्र हवा में फिर एक बार श्वास ले रहा था । हमारा जहाज “राजपूताना” २२ अगस्त १९३५ को मुंबई के विशाल बन्दरगाह में आकर खड़ा हो गया। जहाज...

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राम नाम की ओषधि काटत सभी क्लेश By prabha pareek

         राम नाम की औषघि काटे सभी कलेश गौस्वामी तुलसी दास जी कहते हैं कि मनुष्य का तन शरीर खेत है ओर मन ,वचन, कर्म किसान है। जैसे किसान बीज बोता है वैसे ही हम मन, वचन और कर्म से बी...

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गायत्री जप कभी निष्फल नही जाता By Captain Dharnidhar

हिंदू धर्म मे गायत्री मंत्र बहुत शक्तिशाली मंत्र है इसकी मदद से हम अपनी जिंदगी से जुड़ी हर समस्या का हल कर सकते हैं ।गायत्री मंत्र का जाप करने से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है. सांस...

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हनुमान जी की उड़ने की गति  By Binal Jay Thumbar

बचपन में जब हमारे बड़े हमें रामायण की कहानियां सुनाया करते थे तब हमें लक्ष्मण जी के बेहोश होने पर हनुमान जी का संजीवनी बूटी लेने जाना व जाने का किस्सा सुनाया जाता था जिसमे संजीवनी...

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भक्त राजा श्रीकुलशेखर जी By Renu

कोल्लिनगर (केरल) के राजा दृढव्रत बड़े धर्मात्मा थे, किंतु उनके कोई सन्तान न थी। उन्होंने पुत्र के लिये तप किया और भगवान् नारायण की कृपा से द्वादशी के दिन पुनर्वसु नक्षत्रमें उनके घ...

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सेवा और सहिष्णुता के उपासक संत तुकाराम - 11 By Charu Mittal

शिवाजी महाराज को उपदेशतुकाराम महाराज कोरे भजनानंदी नहीं थे, वरन् नैतिक, सामाजिक कर्तव्यों का भी उनको पूरा ज्ञान था। वे सच्चे त्यागी और आत्मज्ञानी थे, इसलिए सभी विषयों में मूल तथ्य...

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भक्त सुधन्वा By Renu

चम्पकपुरीके राजा हंसध्वज बड़े ही धर्मात्मा, प्रजापालक, शूरवीर और भगवद्भक्त थे। उनके राज्यकी यह विशेषता थी कि राजकुल तथा प्रजाके सभी पुरुष 'एकपत्नीव्रत' का पालन करते थे। जो...

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श्री ब्रह्माजी By Renu

श्रीब्रह्माजी, श्रीनारदजी, श्रीशंकरजी, श्रीसनकादिक, श्रीकपिलदेवजी महाराज, श्रीमनुजी, श्रीप्रह्लादजी, श्रीजनकजी, श्रीभीष्मपितामहजी, श्रीबलजी, महामुनि श्रीशुकदेवजी और श्रीधर्मराजजी—य...

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सत्यवादी राजा हरिश्चन्द्र By Renu

सूर्यवंशमें त्रिशंकु नाम के एक प्रसिद्ध चक्रवर्ती सम्राट् हो गये हैं, जिन्हें मुनि विश्वामित्र ने अपने योगबल से सशरीर स्वर्ग भेजने का प्रयत्न किया था। महाराज हरिश्चन्द्र उन्हीं त्र...

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शारदीय नवरात्रि By Sudhir Srivastava

आलेख शारदीय नवरात्रि शारदीय नवरात्रि देवी पूूजा को समर्पित एक हिन्दू त्योहार है, जो शरद ऋतु में मनाया जाता है। हिन्दू परम्परा में नवरात्रि का त्योहार, वर्ष में दो बार प्रमुख रूप से...

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मां लक्ष्मी यू आर ग्रेट By Wajid Husain

वाजिद हुसैन की कहानीदिनभर ऑफिस की बकझक से दिमाग वैसी खाली हो रहा था। शरीर भी थका हुआ था। रात के खाने की चिंता सता रही थी, फिर सोचा, 'खाना- पीना तो मर्द के दम से होता है, अकेली...

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वेद, पुराण, उपनिषद चमत्कार या भ्रम - भाग 16 By Arun Singla

शिष्य : जीवन जानने से क्या प्रयोजन है ? गुरु : जीवन जानने की दो विधि, दो रास्ते है, एक है पद्धति है धर्म द्वारा जानना और दुसरी पद्धति है विज्ञान द्वारा जानना. धर्म जोड़ कर जानता है,...

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श्राद्ध पक्ष में सनातन संस्कृति का महत्व By Sudhir Srivastava

आलेख श्राद्ध पक्ष का सनातन संस्कृति में महत्व हमारा देश और हिन्दू संस्कृति सनातन संस्कृति की मान्यताओं को गहराई से आत्मसात कर सतत् सदियों से अनवरत आगे बढ़ रहा है। कहने को हम आधुनिक...

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कृष्ण और रुक्मिणी विवाह By Kartik Arya

विदर्भ देश के राजा भीष्मक के पांच पुत्र और एक पुत्री थी| पुत्री का नाम रुक्मिणी था जो समकालीन राजकुमारियों में सर्वाधिक सुंदर और सुशील थी| उससे विवाह करने के लिए अनेक राजा और राजकु...

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देवों में श्रेष्ठ कौन...? By Kartik Arya

ब्रह्मा, विष्णु और महेश इन तीनों में श्रेष्ठ कौन हैं...? इसका निर्णय कैसे हुआ....? ये बात आप भी जानना चाहते होंगे। आज हम इसी बात पर चर्चा करने वाले हैं कि देवताओं में सबसे श्रेष्ठ...

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द्रौपदी स्वयंवर By Kartik Arya

स्वयंवर सभा में अनेक देशों के राजा-महाराजा एवं राजकुमार पधारे हुये थे। एक ओर श्री कृष्ण अपने बड़े भाई बलराम तथा गणमान्य यदुवंशियों के साथ विराजमान थे। वहाँ वे ब्राह्मणों की पंक्ति...

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ईश्वर सबके साथ By Rakesh Rakesh

जिस कॉलेज में राधा ने दाखिला लेने के लिए राधा कृष्ण की दिन रात पूजा अर्चना की थी, अब राधा उस कॉलेज अपने गांव को छोड़कर शहर के कॉलेज में दाखिला लेने की जिद अपने माता-पिता से कर रही...

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अनोखी प्रेम कहानी - 18 By Sangram Singh Rajput

भरोड़ा से दुलरा दयाल क्या गया मानो अंचल के प्राण ही चले गये । प्रकृति ने भी शोक - संतप्त हो अपनी हरीतिमा त्याग दी । पंछियों ने चहचहाना छोड़ दिया । महल सूनी , चौपाल सूना , • अंचल का...

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भगवान्‌ शंकर By Renu

द्वादश परम भागवतोंमें श्रीशिवजीका प्रमुख स्थान है। भगवान्‌के स्वभाव, प्रभाव, गुण, शील, माहात्म्य आदिके जाननेवालोंमें भी श्रीशिवजी अग्रगण्य हैं। भगवान्‌के नामके प्रभावको जैसा श्रीशि...

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संत एकनाथ By Renu

भक्‍तश्रेष्‍ठ भानुदास जी के पुत्र चक्रपाणि, चक्रपाणि के पुत्र सूर्यनारायण और सूर्यनारायण के पुत्र भक्‍तराज एकनाथ हुए। इनका जन्‍म संवत 1590 विक्रमी (1533 ई.) के लगभग हुआ था। इनके जन...

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