hindi Best Spiritual Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Spiritual Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and...Read More


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मैं ईश्वर हूँ - 1 By Satish Thakur

• 1. (ईश्वर का सम्बोधन) मैं ईश्वर हूँ, में कभी कुछ नही कहता किसी से नहीं कहता बस सुनता हूँ क्योंकि मैं ईश्वर हूँ। मेरा कोई धर्म नहीं न ही कोई जाति, और न कोई देश है, न तो में नर हू...

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अधर्म  का  व्यापार By Alok Mishra

अधर्म का व्यापार धर्म के नाम पर जहाँ देखिए पाखंड फैला है । इससे कुछ लोग धर्म पर ही उंगली उठाने लगे है। सबसे पह...

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अचानक By S Sinha

कहानी - अचानक “ नीतू, अब तो तुम्हारे सारे व्रत त्यौहार ख़त्म हो गए . कल...

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उजाले की ओर - 31 By Pranava Bharti

उजाले की ओर --------------- स्नेही मित्रो प्रणव भारती का नमस्कार मुझे याद आ रहा है अपना बचपन जब मैं उत्तर-प्रदेश के एक शहर में रहती थी | जैसे ही जाड़ों का मौसम आता गाड़ियाँ...

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स्वर्ग का टिकट By राज कुमार कांदु

शेठ धनीराम तीर्थयात्रा पर निकले ।कुछ आवश्यक सामान व एक हजार अशर्फियाँ थैले में डाल कर साथ ले गए थे । रात्रि विश्राम के लिए एक धर्मशाला में रुके ।वहीँ उनकी मुलाकात पड़ोस के गाँव के ए...

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राम- इतिहास के झरोखे से By Alok Mishra

मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम हमारी आस्था और विश्वास के प्रतीक हैं । वे नर के रुप में नारायण है जो इस धरती पर पापों का अंत और धर्म की स्थापना करने हेतु अवतरित हुए थे ।...

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मुंह खुला का खुला रह गया By r k lal

मुंह खुला का खुला रह गयाआर 0 के0 लालदीप बहुत ही संस्कारी लड़का था। उसके पापा अदावल उसकी तारीफ करते नहीं थकते थे। मन ही मन गुनगुनाते रहते, “मेरा नाम करेगा रोशन जग में मेरा राज दुलार...

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परमहंस मस्तराम गैारीशंकर बाबा - 5 - अंतिम भाग By रामगोपाल तिवारी (भावुक)

परमहंस मस्तराम गैारीशंकर बाबा5 आस्था के चरण से मथुरा प्रसाद शर्मा जी का यह वृतान्त पढ़कर हरवार मुझे लगता है-मैं अपने इस शरीर से पृथक हूँ। इसमें मैं उसी तरह निवास कर रहा हूँ जैसे अपन...

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रामचरित मानस-तुलसीदास की जन्म- स्थली राजापुर गौडा क्यों By ramgopal bhavuk

6 गोस्वामी तुलसीदास की जन्म- स्थली राजापुर गौडा ही क्यों? रामगोपाल भावुक कथाकार ए असफल और मैं दोनों ही मेरी कृति रत्नावली के संशोधित संसकरण के विमोचन हेतु गौंड रेल्वे स्टेशन पर...

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रामचरितमानस-रत्नावली का मानस By ramgopal bhavuk

4 रत्नावली का मानस रामगोपाल भावुक अस्थि चर्म मय देह मम, तामे ऐसी प्रीति। जो होती श्रीराम में, होत न तो भवभीति।। कर गह लाये नाथ तुम, बाजन वहु बजवाय। पदहु न परसाए तजत, रत्नावलि हि...

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रामचरितमानस - मानस में व्यग्य By ramgopal bhavuk

3 रामचरितमानस में व्यग्य पाण्डव पत्नी द्रोपदी ने व्यंग्य बाण चलाकर अन्धे के अन्धे होते हैं, महाभारत के महाविनाशकारी युद्ध को जन्म दिया। मातेश्वरी रत्नावली के शब्द, जितनी प्री...

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रामचरितमानस-मानस के मुहावरे By ramgopal bhavuk

रामचरितमानस-मानस के मुहावरे 2 मानस के मुहावरे मुहावरे बात को बजनदार बनाकर श्रोता के हृदय को उदीप्त करते हैं। जिससे कथ्य बजनदार बनकर श्रोता के हृदय में घर कर जात...

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रामचरितमानस-हिन्दी के विस्तार में मानस का योगदान By ramgopal bhavuk

रामचरितमानस 1 हिन्दी के विस्तार में मानस का योगदान निज भाषा उन्नति ऊहे सब उन्नति को मूल। बिन निज भाषा ज्ञान के मिटत न हिय को सूल।। उन्नति पूरी है तबहि जब घर की...

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परम पूज्य स्वामी हरिओम तीर्थ जी महाराज - 8 By रामगोपाल तिवारी

परम पूज्य स्वामी हरिओम तीर्थ जी महाराज 8 दिनांक 7.11.12 को मैं पुनः चित्रकूट से लौट रहा था। महाराज जी सांय सात बजे फोन मिला, तिवाडी जी हरीहर जी चले गये। मुझे इस की कतई स...

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शिव क्या है By Alok Mishra

शिव क्या है ? निराकारमोकडंरमूलं तुरीयं गिरा ज्ञान गोतीतमीशं गिरीशं । करालं महाकाल कालं कृपालं...

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माता का चमत्कार By आशा झा Sakhi

सृष्टि का आधार विश्वास है ,यदि आपको जगत जननी माँ पर अटूट विश्वास है तो वो आपका विश्वास कभी टूटने नहीं देती। माँ ,एक ऐसा शब्द है जो सृजनकर्ता है ,संचालक है ,पालनहार है इस जगत क...

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बुघ्घ वचन - ओशो वाणी By Sonu dholiya

प्रवचनमाला-- मरौ है जोगी मरौ प्रवचन नं---1भाग----8...बुद्ध के पास एक आदमी आया। उसने कहा. जो नहीं कहा जा सकता, वही सुनने आया हूं। बुद्ध ने आंखें बंद कर लीं। बुद्ध को आंखें बंद किये...

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अजब प्यार की गजब कहानी (भाग-1) By Kalpana Sahoo

युग बदलगया है, पर आज भी लोग अन्धबिश्वास को मानते हैं । और कभी-कभी ये साबित भी हुआ है की जो काम scince नहीं कर पाती है तभी लोगों की उमीद और बिश्वास कर दिखाती है । क्युंकी पेह...

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सच्ची भक्ति By Anil jaiswal

*गणेश चतुर्थी पर विशेषसिंधु देश की पल्ली नगरी में कल्याण नामक धनी व्यक्ति रहते थे। उनकी पत्नी थी इंदुमती। उनके विवाह को बहुत वर्ष बीत गए पर संतान का सुख उन्हें न मिला। इंदुमती ने ब...

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पंचकन्या - भाग - 3 By saurabh dixit manas

#अहिल्या_तारा_द्रौपदी_कुन्ती_और_मंदोदरी,#पंचकन्या_महारत्ने_महापातक_नाशनम......अर्थात नित्यप्रति पंचकन्याओं का नाम स्मरण करने से महापाप का भी नाश हो जाता है।#अब_आगे_पढिये...... गौतम...

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और आत्माराम मिल गए...... By Meenakshi Dikshit

आप संज्ञा शून्य से हो जाते हैं, जब कोई अपना बहुत दूर चला जाता है, अनंत की यात्रा पर,जहाँ से वो इस रूप में कभी वापस नहीं आएगा. आप उससे कभी मिल नहीं पायेंगे, उसे देख नहीं पायेंगे, उस...

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संस्मरण.. By Manoj Sharma

संस्मरण.. प्रश्न : क्या सच में उस दिन मैंने भगवान पे उजाला कर दिया था ?? हमारे शहर ग्वालियर और गुना के बीच एक जिला और पड़ता है, जिसे शिवपुरी के नाम से जानते हैं, शिवपुरी में प्रसिद्...

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दशानन का शिव भवन By Mahendra Sharma

शिवपुराण का एक प्रसंग हैदशानन जो रावण के नाम से प्रचलित हुआ, वह एक बहुत बड़ा वास्तु शास्त्री था और उतना ही बड़ा शिवभक्त भी था।शिवजीने खुद उसे सबसे बड़े भक्त होने का वरदान दिया था।उसका...

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मीराबाई By suraj sharma

ऐसी लागी लगन, मीरा हो गयी मगन ।।वो तो गली गली हरी गुण गाने लगी ॥ महलों में पली, बन के जोगन चली ।मीरा रानी दीवानी कहाने लगी ।। मीराबाई का जन्म १९४८, में जोधपुर में हुआ...

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काशी के गोकुल धाम By AKANKSHA SRIVASTAVA

नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैयालाल की.... https://youtu.be/5f4cLVn9pKo छैल छबीला,नटखट,माखनचोर, लड्डू गोपाल,गोविंदा,जितने भी नाम लिए जाए सब कम है। इनकी पहचान भले अलग अलग नामो...

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श्री मद्भगवतगीता माहात्म्य सहित - 21 (हनुमान चालीसा, हनुमानजी आरती और भजन) By Durgesh Tiwari

जय श्रीकृष्ण भक्तजनों!आज भगवान श्रीकृष्ण और श्रीगीताजी के अशीम अनुकम्पा से हनुमान चालीसा और आरती के साथ भजन को लेकर आपके सम्मुख उपस्थित हूँ।आप सभी हनुमान चालीसा के अमृतमय शब्दो को...

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गुनाहगार कोन ? - 3 By sk hajee

आशा है के गुनाहगार कोन ? इस धारावाहिक का दुसरा भाग आपको पसंद आया होगा । अभी हम इसके अगले भाग की तरफ बढ़ते है । सम्मेलन : इस समुह मे जो सम्मेलन होता है उसे इजतेमा या इस्तेमा कहते है...

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नरसी मेहता By suraj sharma

'वैष्णव जन तो तैणे कहिए जे पीड पराई जाणे रे' आप सबने ये भजन बहोत बार सुना होगा, गांधीजी को भी ये भजन प्यार था। पर क्या आप जानते है, इस काव्य की रचना किसने की थी...

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भक्ति और प्रेम By Prem Nhr

'भक्ति और प्रेम'बहुत पहले की बात है। एक बार दो अलग-अलग व्यक्तियों के मन में आया कि चलो घर का त्याग करते हैं। संसार बहुत बड़ा है जैसा खाने को मिलेगा खा लेंगे, जहाँ रहने को मि...

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कण कण उनका शस्त्र है By Ajay Kumar Awasthi

1. रामचरित मानस में कथा है कि भगवान श्री राम माँ सीता जी के साथ चित्रकूट में एक शिला पर बैठे थे और तभी जयंत नामक कौए ने माँ सीता के कोमल चरणों मे चोंच मार गया । माँ के चरण कमल में...

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मैं ईश्वर हूँ - 1 By Satish Thakur

• 1. (ईश्वर का सम्बोधन) मैं ईश्वर हूँ, में कभी कुछ नही कहता किसी से नहीं कहता बस सुनता हूँ क्योंकि मैं ईश्वर हूँ। मेरा कोई धर्म नहीं न ही कोई जाति, और न कोई देश है, न तो में नर हू...

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अधर्म  का  व्यापार By Alok Mishra

अधर्म का व्यापार धर्म के नाम पर जहाँ देखिए पाखंड फैला है । इससे कुछ लोग धर्म पर ही उंगली उठाने लगे है। सबसे पह...

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अचानक By S Sinha

कहानी - अचानक “ नीतू, अब तो तुम्हारे सारे व्रत त्यौहार ख़त्म हो गए . कल...

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उजाले की ओर - 31 By Pranava Bharti

उजाले की ओर --------------- स्नेही मित्रो प्रणव भारती का नमस्कार मुझे याद आ रहा है अपना बचपन जब मैं उत्तर-प्रदेश के एक शहर में रहती थी | जैसे ही जाड़ों का मौसम आता गाड़ियाँ...

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स्वर्ग का टिकट By राज कुमार कांदु

शेठ धनीराम तीर्थयात्रा पर निकले ।कुछ आवश्यक सामान व एक हजार अशर्फियाँ थैले में डाल कर साथ ले गए थे । रात्रि विश्राम के लिए एक धर्मशाला में रुके ।वहीँ उनकी मुलाकात पड़ोस के गाँव के ए...

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राम- इतिहास के झरोखे से By Alok Mishra

मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम हमारी आस्था और विश्वास के प्रतीक हैं । वे नर के रुप में नारायण है जो इस धरती पर पापों का अंत और धर्म की स्थापना करने हेतु अवतरित हुए थे ।...

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मुंह खुला का खुला रह गया By r k lal

मुंह खुला का खुला रह गयाआर 0 के0 लालदीप बहुत ही संस्कारी लड़का था। उसके पापा अदावल उसकी तारीफ करते नहीं थकते थे। मन ही मन गुनगुनाते रहते, “मेरा नाम करेगा रोशन जग में मेरा राज दुलार...

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परमहंस मस्तराम गैारीशंकर बाबा - 5 - अंतिम भाग By रामगोपाल तिवारी (भावुक)

परमहंस मस्तराम गैारीशंकर बाबा5 आस्था के चरण से मथुरा प्रसाद शर्मा जी का यह वृतान्त पढ़कर हरवार मुझे लगता है-मैं अपने इस शरीर से पृथक हूँ। इसमें मैं उसी तरह निवास कर रहा हूँ जैसे अपन...

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रामचरित मानस-तुलसीदास की जन्म- स्थली राजापुर गौडा क्यों By ramgopal bhavuk

6 गोस्वामी तुलसीदास की जन्म- स्थली राजापुर गौडा ही क्यों? रामगोपाल भावुक कथाकार ए असफल और मैं दोनों ही मेरी कृति रत्नावली के संशोधित संसकरण के विमोचन हेतु गौंड रेल्वे स्टेशन पर...

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रामचरितमानस-रत्नावली का मानस By ramgopal bhavuk

4 रत्नावली का मानस रामगोपाल भावुक अस्थि चर्म मय देह मम, तामे ऐसी प्रीति। जो होती श्रीराम में, होत न तो भवभीति।। कर गह लाये नाथ तुम, बाजन वहु बजवाय। पदहु न परसाए तजत, रत्नावलि हि...

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रामचरितमानस - मानस में व्यग्य By ramgopal bhavuk

3 रामचरितमानस में व्यग्य पाण्डव पत्नी द्रोपदी ने व्यंग्य बाण चलाकर अन्धे के अन्धे होते हैं, महाभारत के महाविनाशकारी युद्ध को जन्म दिया। मातेश्वरी रत्नावली के शब्द, जितनी प्री...

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रामचरितमानस-मानस के मुहावरे By ramgopal bhavuk

रामचरितमानस-मानस के मुहावरे 2 मानस के मुहावरे मुहावरे बात को बजनदार बनाकर श्रोता के हृदय को उदीप्त करते हैं। जिससे कथ्य बजनदार बनकर श्रोता के हृदय में घर कर जात...

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रामचरितमानस-हिन्दी के विस्तार में मानस का योगदान By ramgopal bhavuk

रामचरितमानस 1 हिन्दी के विस्तार में मानस का योगदान निज भाषा उन्नति ऊहे सब उन्नति को मूल। बिन निज भाषा ज्ञान के मिटत न हिय को सूल।। उन्नति पूरी है तबहि जब घर की...

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परम पूज्य स्वामी हरिओम तीर्थ जी महाराज - 8 By रामगोपाल तिवारी

परम पूज्य स्वामी हरिओम तीर्थ जी महाराज 8 दिनांक 7.11.12 को मैं पुनः चित्रकूट से लौट रहा था। महाराज जी सांय सात बजे फोन मिला, तिवाडी जी हरीहर जी चले गये। मुझे इस की कतई स...

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शिव क्या है By Alok Mishra

शिव क्या है ? निराकारमोकडंरमूलं तुरीयं गिरा ज्ञान गोतीतमीशं गिरीशं । करालं महाकाल कालं कृपालं...

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माता का चमत्कार By आशा झा Sakhi

सृष्टि का आधार विश्वास है ,यदि आपको जगत जननी माँ पर अटूट विश्वास है तो वो आपका विश्वास कभी टूटने नहीं देती। माँ ,एक ऐसा शब्द है जो सृजनकर्ता है ,संचालक है ,पालनहार है इस जगत क...

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बुघ्घ वचन - ओशो वाणी By Sonu dholiya

प्रवचनमाला-- मरौ है जोगी मरौ प्रवचन नं---1भाग----8...बुद्ध के पास एक आदमी आया। उसने कहा. जो नहीं कहा जा सकता, वही सुनने आया हूं। बुद्ध ने आंखें बंद कर लीं। बुद्ध को आंखें बंद किये...

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अजब प्यार की गजब कहानी (भाग-1) By Kalpana Sahoo

युग बदलगया है, पर आज भी लोग अन्धबिश्वास को मानते हैं । और कभी-कभी ये साबित भी हुआ है की जो काम scince नहीं कर पाती है तभी लोगों की उमीद और बिश्वास कर दिखाती है । क्युंकी पेह...

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*गणेश चतुर्थी पर विशेषसिंधु देश की पल्ली नगरी में कल्याण नामक धनी व्यक्ति रहते थे। उनकी पत्नी थी इंदुमती। उनके विवाह को बहुत वर्ष बीत गए पर संतान का सुख उन्हें न मिला। इंदुमती ने ब...

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पंचकन्या - भाग - 3 By saurabh dixit manas

#अहिल्या_तारा_द्रौपदी_कुन्ती_और_मंदोदरी,#पंचकन्या_महारत्ने_महापातक_नाशनम......अर्थात नित्यप्रति पंचकन्याओं का नाम स्मरण करने से महापाप का भी नाश हो जाता है।#अब_आगे_पढिये...... गौतम...

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दशानन का शिव भवन By Mahendra Sharma

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श्री मद्भगवतगीता माहात्म्य सहित - 21 (हनुमान चालीसा, हनुमानजी आरती और भजन) By Durgesh Tiwari

जय श्रीकृष्ण भक्तजनों!आज भगवान श्रीकृष्ण और श्रीगीताजी के अशीम अनुकम्पा से हनुमान चालीसा और आरती के साथ भजन को लेकर आपके सम्मुख उपस्थित हूँ।आप सभी हनुमान चालीसा के अमृतमय शब्दो को...

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आशा है के गुनाहगार कोन ? इस धारावाहिक का दुसरा भाग आपको पसंद आया होगा । अभी हम इसके अगले भाग की तरफ बढ़ते है । सम्मेलन : इस समुह मे जो सम्मेलन होता है उसे इजतेमा या इस्तेमा कहते है...

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नरसी मेहता By suraj sharma

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भक्ति और प्रेम By Prem Nhr

'भक्ति और प्रेम'बहुत पहले की बात है। एक बार दो अलग-अलग व्यक्तियों के मन में आया कि चलो घर का त्याग करते हैं। संसार बहुत बड़ा है जैसा खाने को मिलेगा खा लेंगे, जहाँ रहने को मि...

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कण कण उनका शस्त्र है By Ajay Kumar Awasthi

1. रामचरित मानस में कथा है कि भगवान श्री राम माँ सीता जी के साथ चित्रकूट में एक शिला पर बैठे थे और तभी जयंत नामक कौए ने माँ सीता के कोमल चरणों मे चोंच मार गया । माँ के चरण कमल में...

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