hindi Best Spiritual Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Spiritual Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and...Read More


Languages
Categories
Featured Books

भवान्यष्टकम् By Dr. Bhairavsinh Raol

भवानी मां को स्तुति के आठ मंत्र में गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि।हे मां दुर्गा तुम्ही गति हो, तुम्हीं गति हो, तुम्हीं मेरी एकमात्र गति हो।यह प्रार्थना करते हैं।भवान्यष्टकम् आद...

Read Free

बनारस By Devendra Kumar Jaiswal

कई बनारसइसे 'बनारस' और 'काशी' भी कहते हैं। हिन्दू धर्म में सर्वाधिक पवित्र नगरों में से एक माना जाता है और इसे अविमुक्त क्षेत्र कहा जाता है। इसके अलावा बौद्ध एवं जै...

Read Free

श्रीमच्छङकराचार्यविरचितं आत्मषटकं By Dr. Bhairavsinh Raol

श्रीमच्छङकराचार्यविरचितं आत्मषटकं શ્રીમદ્ શંકરાચાર્ય રચિત આત્મષટકમ્ मनोबुद्ध्यहंकारचित्तानि नाहं न च श्रोत्रजिव्हे न च घ्राणनेत्रे ।न च व्योमभूमिर्न तेजो न वायुः चिदानंदरूपः शिवोऽह...

Read Free

अव्यक्तोपनिषत् By JUGAL KISHORE SHARMA

अव्यक्तोपनिषत् (अव्यक्तनृसिंहोपनिषत्)(सामवेदीया)स्वाज्ञानासुरराड्ग्रासस्वज्ञाननरकेसरी ।प्रतियोगिविनिर्मुक्तं ब्रह्ममात्रं करोतु माम् ॥ॐ आप्यायन्तु ममाङ्गानि वाक्प्राणश्चक्षुः श्रोत...

Read Free

।।बाल संस्कार।। By Dr. Bhairavsinh Raol

बाल संस्कार:शिशु के जन्म से लेकर उसके वयस्क होने तक उसे शिक्षित एवं संस्कारित करना पालन-पोषण या बाल संस्कार (पैरेन्टिंग) कहलाता है।अधिकांश शिशु एवं बालक/बालिका अपने माता-पिता के सा...

Read Free

ब्रह्म का अर्थ व आदि गुरु शंकराचार्य का अद्वैत दर्शन By Dr. Bhairavsinh Raol

ब्रह्म का अर्थ व आदि गुुरु शंकराचार्य का अद्वैत दर्शन :वेदों के अनुसार ब्रह्म : ब्रह्मांड शक्ति को वेदों में 'ब्रह्म' कहा गया है। ब्रह्म को आजकल लोग ईश्वर, परमात्मा, परमेश्...

Read Free

गिरफ्त By Anand Tripathi

जहां से इस कहानी की शुरवात होनी है। वो एक शब्द है जिसका उच्चारण ही आपको गहरे समुद्र तल में धकेल सकता है। गिरफ्त जिसका अर्थ है बंधन , ज़िम्मेदारी,बंदी,और जैसा भी कोई इसके प्रति अपनी...

Read Free

मज़बूरी का नाम By destiny patel

आखिर क्यों कहते हैं मज़बूरी का नाम महात्मा गाँधी। आपने किसी न किसी को ये कहते हुए जरूर सुना होगा “मजबूरी का नाम महत्मा गाँधी ” आज मैं आपको 05 कारण बताऊंगा जिसके चलते महत्मा गाँधी को...

Read Free

श्री दुर्गा सप्तशती का महत्व-श्री ललिता प्रसाद शास्त्री दतिया By ramgopal bhavuk

श्री दुर्गा सप्तशती का महत्व ललिता प्रसाद शास्त्री आचार्यराजराजेश्वरी पीठ दतिया मध्यप्रदेश ललिता परसाद शास्त्री वर्तमान में देह रूप में नहीं है, लेकिन वे माँ भगवती के बड़े साधक रहे...

Read Free

धर्मो रक्षति रक्षितः। By Dr. Bhairavsinh Raol

धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः अर्थात , जो धर्म की रक्षा करते करते हैं (रक्षितः), धर्म (धर्मो) उनकी रक्षा करता है( रक्षति ). आस्थावान हैं, विश्वासी हैं, माननेवाले हैं - धर्...

Read Free

राधा के मोहन By Damini

ये कथा है क्षीर सागर में बैठे विष्णु भगवान के आठवें अवतार की।भगवान कृष्ण ने वासुदेव तथा देवकी के पुत्र के रूप में जन्म लिया। वहीं भगवान अपने सातवे अवतरण में अर्थात् त्रेतायुग में ल...

Read Free

मेरी भैरवी - 10 - रहस्यमय तांत्रिक उपन्यास - मायावी जंगल By निखिल ठाकुर

माया के द्वारा मेरी जान बचाने के बाद मैं भी सतर्क हो गया था और माया के साथ ही पास की झाड़ियों में छिप गया। उस घनघोर अंधेंरे में कुछ भी सही से देख पाना मुश्किल सा था और धूंध के धुये...

Read Free

अध्यात्मिक जीवन... By Saroj Verma

“विचार व्यक्तित्त्व की जननी है, जो आप सोचते हैं बन जाते हैं”-- स्वामी विवेकानन्द.. आध्यात्मिक जीवन एक ऐसी नाव है जो ईश्वरीय ज्ञान से भरी होती है,यह नाव जीवन के उत्थान एवं पतन के थप...

Read Free

युधिष्ठिर का धर्म – १ By SANJIV PODDAR

" क्यों की मुझे दुर्योधन के धर्म की नहीं अपने धर्म की रक्षा करनी है " धृत क्रीड़ा में दुर्योधन और शकुनि के छल से पराजित होने के बाद जब धर्मराज अपने भाइयों के साथ वनवास में धौम्य ऋषि...

Read Free

एडजस्ट एवरीव्हेर By Dada Bhagwan

‘ एडजस्ट एवरीव्हेर’ इतना ही शब्द यदि आप जीवनमें उतार लेंगे तो बहोत हो गया | आपको शांति अपनेआप मिल जायेगी | प्रथम छह मास तक मुश्केली आयेगी | फिर खुदबखुद शांति हो जायेगी | पहेले छह म...

Read Free

भक्ति माधुर्य - 9 - अंतिम भाग By Brijmohan sharma

9 ऐक अंगेज पुलिस आफिसर को उपदेश,रमण महर्षि 2महर्षि अनेक वर्षों से विरूपाक्ष गुफा में ध्यान में लीन थे | एक दिन एक अंग्रेज पुलिस ऑफिसर को महर्षि मुंबई रेलवे स्टेशन पर दिखाई दिए | वह...

Read Free

श्री शिव रूद्राष्टकम By Jatin Tyagi

नमामीशमीशान निर्वाण रूपं, विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदः स्वरूपम् ।निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं, चिदाकाश माकाशवासं भजेऽहम् ॥ निराकार मोंकार मूलं तुरीयं, गिराज्ञान गोतीतमीशं गिरीशम्...

Read Free

सीता पर लांछन क्यों लगा ?? By गायत्री शर्मा गुँजन

राम और सीता धर्म की मूर्ति थे यह तो पूरी अयोध्या और रघुकुल में विख्यात था। । प्रश्न यह है कि रामराज्य जैसी सुंदर अयोध्या नगरी में मंगल ही मंगल होगा तो फिर मानव लीला का मायने क्या र...

Read Free

अनोखी प्रेम कहानी - 11 By Sangram Singh Rajput

कालचक्र की गति इतनी तीव्र हो गयी कि किसी को सोचने-समझने और चिंतन का अवकाश ही न मिला। भरोड़ा की हवेली में बरतुहार बनकर स्वयं माया दीदी पधारी थीं। माया दीदी की प्रतिष्ठा-ख्याति तो सम...

Read Free

अजूबा ही नहीं, एक तिलिस्म है मानवी शरीर . By Dr Jaya Shankar Shukla

अजूबा ही नहीं, एक तिलिस्म है मानवी शरीर ........................अपनी अंगुलियों से नापने पर 96 अंगुल लम्बे इस मनुष्य−शरीर में जो कुछ है, वह एक बढ़कर एक आश्चर्यजनक एवं रहस्यमय है। हम...

Read Free

त्रिकाल सिद्धि - 1 By Sangram Singh Rajput

आज मैं आप लोगों के सामने एक ऐसी कहानी लेकर आया हूं जो आपने ना कभी सुनी होगी ना जानी होगी । और ऐसी कहानियां और सच्ची घटनाएं छुप गई । जिनके बारे में आप कोई वर्णन नहीं है । और मैं बहु...

Read Free

अवधूत संत काशी बाबा - 6 - अंतिम भाग By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

अवधूत संत काशी बाबा 6 6.जीवनानंद पद श्री श्री 108 संत श्री काशी नाथ(काशी बाबा) महाराज- बेहट ग्वालियर(म....

Read Free

भवान्यष्टकम् By Dr. Bhairavsinh Raol

भवानी मां को स्तुति के आठ मंत्र में गतिस्त्वं गतिस्त्वं त्वमेका भवानि।हे मां दुर्गा तुम्ही गति हो, तुम्हीं गति हो, तुम्हीं मेरी एकमात्र गति हो।यह प्रार्थना करते हैं।भवान्यष्टकम् आद...

Read Free

बनारस By Devendra Kumar Jaiswal

कई बनारसइसे 'बनारस' और 'काशी' भी कहते हैं। हिन्दू धर्म में सर्वाधिक पवित्र नगरों में से एक माना जाता है और इसे अविमुक्त क्षेत्र कहा जाता है। इसके अलावा बौद्ध एवं जै...

Read Free

श्रीमच्छङकराचार्यविरचितं आत्मषटकं By Dr. Bhairavsinh Raol

श्रीमच्छङकराचार्यविरचितं आत्मषटकं શ્રીમદ્ શંકરાચાર્ય રચિત આત્મષટકમ્ मनोबुद्ध्यहंकारचित्तानि नाहं न च श्रोत्रजिव्हे न च घ्राणनेत्रे ।न च व्योमभूमिर्न तेजो न वायुः चिदानंदरूपः शिवोऽह...

Read Free

अव्यक्तोपनिषत् By JUGAL KISHORE SHARMA

अव्यक्तोपनिषत् (अव्यक्तनृसिंहोपनिषत्)(सामवेदीया)स्वाज्ञानासुरराड्ग्रासस्वज्ञाननरकेसरी ।प्रतियोगिविनिर्मुक्तं ब्रह्ममात्रं करोतु माम् ॥ॐ आप्यायन्तु ममाङ्गानि वाक्प्राणश्चक्षुः श्रोत...

Read Free

।।बाल संस्कार।। By Dr. Bhairavsinh Raol

बाल संस्कार:शिशु के जन्म से लेकर उसके वयस्क होने तक उसे शिक्षित एवं संस्कारित करना पालन-पोषण या बाल संस्कार (पैरेन्टिंग) कहलाता है।अधिकांश शिशु एवं बालक/बालिका अपने माता-पिता के सा...

Read Free

ब्रह्म का अर्थ व आदि गुरु शंकराचार्य का अद्वैत दर्शन By Dr. Bhairavsinh Raol

ब्रह्म का अर्थ व आदि गुुरु शंकराचार्य का अद्वैत दर्शन :वेदों के अनुसार ब्रह्म : ब्रह्मांड शक्ति को वेदों में 'ब्रह्म' कहा गया है। ब्रह्म को आजकल लोग ईश्वर, परमात्मा, परमेश्...

Read Free

गिरफ्त By Anand Tripathi

जहां से इस कहानी की शुरवात होनी है। वो एक शब्द है जिसका उच्चारण ही आपको गहरे समुद्र तल में धकेल सकता है। गिरफ्त जिसका अर्थ है बंधन , ज़िम्मेदारी,बंदी,और जैसा भी कोई इसके प्रति अपनी...

Read Free

मज़बूरी का नाम By destiny patel

आखिर क्यों कहते हैं मज़बूरी का नाम महात्मा गाँधी। आपने किसी न किसी को ये कहते हुए जरूर सुना होगा “मजबूरी का नाम महत्मा गाँधी ” आज मैं आपको 05 कारण बताऊंगा जिसके चलते महत्मा गाँधी को...

Read Free

श्री दुर्गा सप्तशती का महत्व-श्री ललिता प्रसाद शास्त्री दतिया By ramgopal bhavuk

श्री दुर्गा सप्तशती का महत्व ललिता प्रसाद शास्त्री आचार्यराजराजेश्वरी पीठ दतिया मध्यप्रदेश ललिता परसाद शास्त्री वर्तमान में देह रूप में नहीं है, लेकिन वे माँ भगवती के बड़े साधक रहे...

Read Free

धर्मो रक्षति रक्षितः। By Dr. Bhairavsinh Raol

धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः अर्थात , जो धर्म की रक्षा करते करते हैं (रक्षितः), धर्म (धर्मो) उनकी रक्षा करता है( रक्षति ). आस्थावान हैं, विश्वासी हैं, माननेवाले हैं - धर्...

Read Free

राधा के मोहन By Damini

ये कथा है क्षीर सागर में बैठे विष्णु भगवान के आठवें अवतार की।भगवान कृष्ण ने वासुदेव तथा देवकी के पुत्र के रूप में जन्म लिया। वहीं भगवान अपने सातवे अवतरण में अर्थात् त्रेतायुग में ल...

Read Free

मेरी भैरवी - 10 - रहस्यमय तांत्रिक उपन्यास - मायावी जंगल By निखिल ठाकुर

माया के द्वारा मेरी जान बचाने के बाद मैं भी सतर्क हो गया था और माया के साथ ही पास की झाड़ियों में छिप गया। उस घनघोर अंधेंरे में कुछ भी सही से देख पाना मुश्किल सा था और धूंध के धुये...

Read Free

अध्यात्मिक जीवन... By Saroj Verma

“विचार व्यक्तित्त्व की जननी है, जो आप सोचते हैं बन जाते हैं”-- स्वामी विवेकानन्द.. आध्यात्मिक जीवन एक ऐसी नाव है जो ईश्वरीय ज्ञान से भरी होती है,यह नाव जीवन के उत्थान एवं पतन के थप...

Read Free

युधिष्ठिर का धर्म – १ By SANJIV PODDAR

" क्यों की मुझे दुर्योधन के धर्म की नहीं अपने धर्म की रक्षा करनी है " धृत क्रीड़ा में दुर्योधन और शकुनि के छल से पराजित होने के बाद जब धर्मराज अपने भाइयों के साथ वनवास में धौम्य ऋषि...

Read Free

एडजस्ट एवरीव्हेर By Dada Bhagwan

‘ एडजस्ट एवरीव्हेर’ इतना ही शब्द यदि आप जीवनमें उतार लेंगे तो बहोत हो गया | आपको शांति अपनेआप मिल जायेगी | प्रथम छह मास तक मुश्केली आयेगी | फिर खुदबखुद शांति हो जायेगी | पहेले छह म...

Read Free

भक्ति माधुर्य - 9 - अंतिम भाग By Brijmohan sharma

9 ऐक अंगेज पुलिस आफिसर को उपदेश,रमण महर्षि 2महर्षि अनेक वर्षों से विरूपाक्ष गुफा में ध्यान में लीन थे | एक दिन एक अंग्रेज पुलिस ऑफिसर को महर्षि मुंबई रेलवे स्टेशन पर दिखाई दिए | वह...

Read Free

श्री शिव रूद्राष्टकम By Jatin Tyagi

नमामीशमीशान निर्वाण रूपं, विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदः स्वरूपम् ।निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं, चिदाकाश माकाशवासं भजेऽहम् ॥ निराकार मोंकार मूलं तुरीयं, गिराज्ञान गोतीतमीशं गिरीशम्...

Read Free

सीता पर लांछन क्यों लगा ?? By गायत्री शर्मा गुँजन

राम और सीता धर्म की मूर्ति थे यह तो पूरी अयोध्या और रघुकुल में विख्यात था। । प्रश्न यह है कि रामराज्य जैसी सुंदर अयोध्या नगरी में मंगल ही मंगल होगा तो फिर मानव लीला का मायने क्या र...

Read Free

अनोखी प्रेम कहानी - 11 By Sangram Singh Rajput

कालचक्र की गति इतनी तीव्र हो गयी कि किसी को सोचने-समझने और चिंतन का अवकाश ही न मिला। भरोड़ा की हवेली में बरतुहार बनकर स्वयं माया दीदी पधारी थीं। माया दीदी की प्रतिष्ठा-ख्याति तो सम...

Read Free

अजूबा ही नहीं, एक तिलिस्म है मानवी शरीर . By Dr Jaya Shankar Shukla

अजूबा ही नहीं, एक तिलिस्म है मानवी शरीर ........................अपनी अंगुलियों से नापने पर 96 अंगुल लम्बे इस मनुष्य−शरीर में जो कुछ है, वह एक बढ़कर एक आश्चर्यजनक एवं रहस्यमय है। हम...

Read Free

त्रिकाल सिद्धि - 1 By Sangram Singh Rajput

आज मैं आप लोगों के सामने एक ऐसी कहानी लेकर आया हूं जो आपने ना कभी सुनी होगी ना जानी होगी । और ऐसी कहानियां और सच्ची घटनाएं छुप गई । जिनके बारे में आप कोई वर्णन नहीं है । और मैं बहु...

Read Free

अवधूत संत काशी बाबा - 6 - अंतिम भाग By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

अवधूत संत काशी बाबा 6 6.जीवनानंद पद श्री श्री 108 संत श्री काशी नाथ(काशी बाबा) महाराज- बेहट ग्वालियर(म....

Read Free