hindi Best Spiritual Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Spiritual Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and...Read More


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परम भागवत प्रह्लाद जी - वंश परिचय By Praveen kumrawat

भारतवर्ष के ही नहीं, सारे संसार के इतिहास में सबसे अधिक प्रसिद्ध एवं सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण वंश यदि कोई माना जा सकता है, तो वह हमारे चरित्रनायक परमभागवत दैत्यर्षि प्रहलाद का ही वंश...

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शिव तांडव स्तोत्र By Dr. Bhairavsinh Raol

॥ शिव तांडव स्तोत्र ॥जटा टवी गलज्जलप्रवाह पावितस्थले गलेऽव लम्ब्यलम्बितां भुजंगतुंग मालिकाम्‌।डमड्डमड्डमड्डमन्निनाद वड्डमर्वयं चकारचण्डताण्डवं तनोतु नः शिव: शिवम्‌ ॥१॥जिन शिव की सघ...

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सत्य ना प्रयोगों - भाग 13 - अंतिम भाग By Miss Chhoti

अंतिम भाग "Change"... कोई यह न माने कि नाच आदि के मेरे प्रयोग उस समय की मेरी स्वच्छंदता के सूचक है। पाठकों ने देखा होगा कि उनमें कुछ समझदारी थी। मोह के इस समय में भी मैं एक हद तक स...

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संत तुकाराम By Praveen kumrawat

विक्रम की सत्रहवीं सदी के महाराष्ट्र ने संत एकनाथ, समर्थ रामदास और संत तुकाराम के रूप में भारतीय इतिहास को परम पवित्र देन से समलंकृत किया है। तुकाराम महाराज ने अपनी वाणी से महाराष्...

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श्री शिव रुद्राष्टकम By Dr. Bhairavsinh Raol

भगवान शिव की अभिव्यक्ति को समर्पित एक अष्टकम या अष्टक (आठ छंदों वाली प्रार्थना) है। इस महान मंत्र की रचना स्वामी तुलसीदास द्वारा 15वीं शताब्दी में की गई थी। रुद्र को भगवान शिव की भ...

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नवकार मंत्र की महिमा By Dr. Bhairavsinh Raol

उदयगिरी की पहाड़ी पर 162 ईसापूर्व में हाथीगुम्फा अभिलेख में णमोकार मंत्र एवं जैन राजा खारबेळा का उल्लेख है।नवकार मंत्रणमो अरहंताणं - अरिहंतों को नमस्कार हो।णमो सिद्धाणं - सिद्धों क...

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संत एकनाथ By Praveen kumrawat

संत एकनाथ महाराज का नाम महाराष्ट्र में अत्यंत लोकप्रिय है। संत ज्ञानेश्वर का नाम गंभीर बना देता है, संत तुकाराम के नाम में लीनता है, संत समर्थ रामदास के नाम की धाक है, वैसे ही संत...

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राम नाम के प्रेमी भक्त श्रीपद्मनाभजी By Praveen kumrawat

नाम महानिधि मंत्र, नाम ही सेवा-पूजा। जप तप तीरथ नाम, नाम बिन और न दूजा॥ नाम प्रीति नाम वैर नाम कहि नामी बोलें। नाम अजामिल साखि नाम बंधन ते खोलें॥ नाम अधिक रघुनाथ ते राम निकट हनुमत...

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संत कबीरदास By Praveen kumrawat

संत कबीर मध्यकालीन संतमत के प्रवर्तकों में एक स्वीकार किये जा सकते है। उन्होंने परमात्मा राम को घट-घट में व्यापी बताकर लोककल्याण की साधना की, वे परम निरपेक्ष और निर्मल मति से सम्पन...

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संत ज्ञानेश्वर (ज्ञानदेव) By Praveen kumrawat

'हे ज्ञानियों के गुरु, राजाओं के महाराजा! आप ज्ञानदेव कहलाते हैं, इस महत्ता को मैं पामर क्या समझु। पैरों की जूती का पैरो में ही रहना ठीक है । ब्रह्मा आदि भी जब आप पर बलिहारी जा...

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महायोगी गुरु गोरखनाथ By Praveen kumrawat

गोरखनाथ महायोगी थे, उन्होंने आत्मा में शिवैक्य सिद्ध किया। जिस प्रकार दर्शन के क्षेत्र में व्यास के बाद आचार्य शंकर ने वेदांत का रहस्य समझाया उसी प्रकार योग के क्षेत्र में पतंजलि क...

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प्रेमशास्त्र - (भाग-५) By Vaidehi Vaishnav

ऊद्धव जी का रथ नन्दभवन के सामने रुका । रथ के पीछे ग्वालबालों का हुजूम था। ऊद्धव नन्दभवन में प्रवेश कर गए । नन्दबाबा ने ऊद्धव को ठीक वैसे ही गले से लगाया जैसे वो अपने कन्हैया को लगा...

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संत रविदास (रैदास) By Praveen kumrawat

प्रभु की भक्ति में जाति-पाँति का भेदभाव न कभी था और न कभी हो सकता हैं।रैदास ने स्वयं कहा हैं―जाति भी ओछी, करम भी ओछा। ओछा कि सब हमारा।।नीचे से प्रभु ऊच कियो है।कह रेदास चमारा।। भगव...

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सर्वश्रेष्ठ प्रेरणादायक श्लोक By Dr. Bhairavsinh Raol

वेदों और उपनिषदों के सर्वश्रेष्ठ प्रेरणादायक श्लोक: (१)ऋग्वेद का श्लोकपुमान पुमांसं परिपातु विश्वतः।स्रोतः ऋग्वेद 6.75.14लिप्यंतरणपुमान पुमानसं परिपातु विश्वत:।हिन्दी अनुवाद: मनुष्...

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कर्म योग - 5 - अंतिम भाग By PRAWIN

We Help Ourselves, Not The World एक बार एक गरीब आदमी था जिसे बहुत धन दौलत पाने को इच्छा थी। कहीं से उसने सुन लिया की भूत को पकड़ लेना चाहिए। फिर वो उस भूत से बहुत सारा धन और जो भी च...

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भक्त कवि श्रीजयदेव By Praveen kumrawat

गीत-गोविंद के प्रणेता प्रसिद्ध भक्त कवि जयदेव का जन्म पाँच सौ वर्ष पूर्व बंगाल के वीरभूमि जिले के अन्तर्गत केन्दुबिल्व नामक गांव मे हुआ था । इनके पिता का नाम भोजदेव और माता का नाम...

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मौन का सौन्दर्य... By Saroj Verma

महात्मा बुद्ध ने कहा है कि....सभी समस्याओं का समाधान मौन होता है.... मौन में वह ताकत होती है जिसमें हमारी अंतर्शक्ति को जगाने का सामर्थ्य होता है, वास्तव में मौन साधना की अध्यात्म...

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भक्त प्रह्लाद By Praveen kumrawat

भक्तराज असुर सम्राट 'प्रह्लाद जी' 'बेटा प्रह्लाद! कहाँ तो तेरा कोमल शरीर और तेरी सुकुमार अवस्था और कहाँ उस उन्मत्त के द्वारा की हुई तुझ पर दारुण यातनाएं। ओह! यह कैसा अभ...

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उर्मिला By दिनू

भगवान श्री राम को 14 वर्ष का वनवास हुआ तो उनकी पत्नी माँ सीता ने भी सहर्ष वनवास स्वीकार कर लिया।परन्तु बचपन से ही बड़े भाई की सेवा मे रहने वाले लक्ष्मण जी कैसे राम जी से दूर हो जाते...

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अटूट विश्वास By दिनू

अटूट विश्वास*रात के ढाई बजे थे, एक सेठ को नींद नहीं आ रही थी । वह घर में चक्कर पर चक्कर लगाये जा रहा था। पर चैन नहीं पड़ रहा था । आखिर थक कर नीचे उतर आया और कार निकाली ।**शहर की सड...

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दीपावली का त्यौहार By दिनू

भारतवर्ष में मनाए जाने वाले सभी त्यौहारों में दीपावली का सामाजिक और धार्मिक दोनों दृष्टि से अत्यधिक महत्त्व है। इसे दीपोत्सव भी कहते हैं। ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ अर्थात (हे भगवान!) म...

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भगवान का सत्कार By Raj Roshan Dash

एक गाँव में दामोदर नाम के एक गरीब ब्राह्मण रहा करते थे! ब्राह्मण को लोभ और लालच बिलकुल भी न था! वे दिन भर गाँव में भिक्षा व्रती करते और जो भी रुखा सुखा मिल जाता उसे भगवन का प्रशाद...

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कहानी करवाचौथ की By दिनू

प्राचीन काल में ‘करवा’ नाम की एक पतिव्रता स्त्री अपने पति के साथ नदी किनारे एक गाँव में रहती थी । कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी (चौथ) के दिन उसका पति नदी में स्नान करने के लि...

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मेरी भैरवी - 13 - माया का रहस्य और आध्यात्मिक साधना By निखिल ठाकुर

माया ने चुप्पी तोड़ते हुये क्या ..मैं इस युवक के साथ आध्यात्मिक साधना करूंगी...माया की बात सुनकर वहां उपस्थित सभी लोग दंग रह गये..और कुछ देर के बाद वो बजुर्ग बोला जो स्वर्ण महल का...

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श्रीमत् अष्टावक्रगीता का हिन्दी अनुवाद - भाग 2 By JUGAL KISHORE SHARMA

अष्टावक्र गीता अद्वैत वेदान्त का ग्रन्थ है जो ऋषि अष्टावक्र और राजा जनक के संवाद के रूप में है। भगवद्गीता, उपनिषद और ब्रह्मसूत्र के सामान अष्टावक्र गीता अमूल्य ग्रन्थ है। इस ग्रन्थ...

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बुद्ध और ध्यान दर्शन का संक्षिप्त अध्ययन By JUGAL KISHORE SHARMA

“बुद्धं शरणं गच्छामि” बौद्ध धर्म को जानने वालों के लिए मूलमंत्र है। इसकी दो और पंक्तियों में “संघं शरणं गच्छामि” और “धम्मं शरणं गच्छामि” भी है। बौद्ध धर्म की मूल भावना को बताने वाल...

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मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम व सीता By दिनू

रावण अत्यंत विनम्रतापूर्वक मारीचि को झुक कर प्रणाम करता है और मारीचि का माथा ठनक जाता है | रावण बोला मामा मारीचि चलिये स्वर्ण मृग बनना है आपको और राम को छल से भटका कर दूर ले जाना ह...

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कबीर समाज सुधारक विशिष्ट ज्ञान मानव मात्र परम कल्याण By JUGAL KISHORE SHARMA

कबीरदासजी के अनुसार मनुष्य की श्रेष्ठता उसके ऊँचे कर्मों के कारण होती है कर्म से ही मनुषय जाना जाता है। वस्तुतः कबीर की सामाजिक चिन्ता उस सच्चे आध्यात्मिक व्यक्तित्व की चिता थी जो...

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परम भागवत प्रह्लाद जी - वंश परिचय By Praveen kumrawat

भारतवर्ष के ही नहीं, सारे संसार के इतिहास में सबसे अधिक प्रसिद्ध एवं सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण वंश यदि कोई माना जा सकता है, तो वह हमारे चरित्रनायक परमभागवत दैत्यर्षि प्रहलाद का ही वंश...

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शिव तांडव स्तोत्र By Dr. Bhairavsinh Raol

॥ शिव तांडव स्तोत्र ॥जटा टवी गलज्जलप्रवाह पावितस्थले गलेऽव लम्ब्यलम्बितां भुजंगतुंग मालिकाम्‌।डमड्डमड्डमड्डमन्निनाद वड्डमर्वयं चकारचण्डताण्डवं तनोतु नः शिव: शिवम्‌ ॥१॥जिन शिव की सघ...

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सत्य ना प्रयोगों - भाग 13 - अंतिम भाग By Miss Chhoti

अंतिम भाग "Change"... कोई यह न माने कि नाच आदि के मेरे प्रयोग उस समय की मेरी स्वच्छंदता के सूचक है। पाठकों ने देखा होगा कि उनमें कुछ समझदारी थी। मोह के इस समय में भी मैं एक हद तक स...

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संत तुकाराम By Praveen kumrawat

विक्रम की सत्रहवीं सदी के महाराष्ट्र ने संत एकनाथ, समर्थ रामदास और संत तुकाराम के रूप में भारतीय इतिहास को परम पवित्र देन से समलंकृत किया है। तुकाराम महाराज ने अपनी वाणी से महाराष्...

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श्री शिव रुद्राष्टकम By Dr. Bhairavsinh Raol

भगवान शिव की अभिव्यक्ति को समर्पित एक अष्टकम या अष्टक (आठ छंदों वाली प्रार्थना) है। इस महान मंत्र की रचना स्वामी तुलसीदास द्वारा 15वीं शताब्दी में की गई थी। रुद्र को भगवान शिव की भ...

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नवकार मंत्र की महिमा By Dr. Bhairavsinh Raol

उदयगिरी की पहाड़ी पर 162 ईसापूर्व में हाथीगुम्फा अभिलेख में णमोकार मंत्र एवं जैन राजा खारबेळा का उल्लेख है।नवकार मंत्रणमो अरहंताणं - अरिहंतों को नमस्कार हो।णमो सिद्धाणं - सिद्धों क...

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संत एकनाथ By Praveen kumrawat

संत एकनाथ महाराज का नाम महाराष्ट्र में अत्यंत लोकप्रिय है। संत ज्ञानेश्वर का नाम गंभीर बना देता है, संत तुकाराम के नाम में लीनता है, संत समर्थ रामदास के नाम की धाक है, वैसे ही संत...

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राम नाम के प्रेमी भक्त श्रीपद्मनाभजी By Praveen kumrawat

नाम महानिधि मंत्र, नाम ही सेवा-पूजा। जप तप तीरथ नाम, नाम बिन और न दूजा॥ नाम प्रीति नाम वैर नाम कहि नामी बोलें। नाम अजामिल साखि नाम बंधन ते खोलें॥ नाम अधिक रघुनाथ ते राम निकट हनुमत...

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संत कबीरदास By Praveen kumrawat

संत कबीर मध्यकालीन संतमत के प्रवर्तकों में एक स्वीकार किये जा सकते है। उन्होंने परमात्मा राम को घट-घट में व्यापी बताकर लोककल्याण की साधना की, वे परम निरपेक्ष और निर्मल मति से सम्पन...

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संत ज्ञानेश्वर (ज्ञानदेव) By Praveen kumrawat

'हे ज्ञानियों के गुरु, राजाओं के महाराजा! आप ज्ञानदेव कहलाते हैं, इस महत्ता को मैं पामर क्या समझु। पैरों की जूती का पैरो में ही रहना ठीक है । ब्रह्मा आदि भी जब आप पर बलिहारी जा...

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महायोगी गुरु गोरखनाथ By Praveen kumrawat

गोरखनाथ महायोगी थे, उन्होंने आत्मा में शिवैक्य सिद्ध किया। जिस प्रकार दर्शन के क्षेत्र में व्यास के बाद आचार्य शंकर ने वेदांत का रहस्य समझाया उसी प्रकार योग के क्षेत्र में पतंजलि क...

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प्रेमशास्त्र - (भाग-५) By Vaidehi Vaishnav

ऊद्धव जी का रथ नन्दभवन के सामने रुका । रथ के पीछे ग्वालबालों का हुजूम था। ऊद्धव नन्दभवन में प्रवेश कर गए । नन्दबाबा ने ऊद्धव को ठीक वैसे ही गले से लगाया जैसे वो अपने कन्हैया को लगा...

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संत रविदास (रैदास) By Praveen kumrawat

प्रभु की भक्ति में जाति-पाँति का भेदभाव न कभी था और न कभी हो सकता हैं।रैदास ने स्वयं कहा हैं―जाति भी ओछी, करम भी ओछा। ओछा कि सब हमारा।।नीचे से प्रभु ऊच कियो है।कह रेदास चमारा।। भगव...

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सर्वश्रेष्ठ प्रेरणादायक श्लोक By Dr. Bhairavsinh Raol

वेदों और उपनिषदों के सर्वश्रेष्ठ प्रेरणादायक श्लोक: (१)ऋग्वेद का श्लोकपुमान पुमांसं परिपातु विश्वतः।स्रोतः ऋग्वेद 6.75.14लिप्यंतरणपुमान पुमानसं परिपातु विश्वत:।हिन्दी अनुवाद: मनुष्...

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कर्म योग - 5 - अंतिम भाग By PRAWIN

We Help Ourselves, Not The World एक बार एक गरीब आदमी था जिसे बहुत धन दौलत पाने को इच्छा थी। कहीं से उसने सुन लिया की भूत को पकड़ लेना चाहिए। फिर वो उस भूत से बहुत सारा धन और जो भी च...

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भक्त कवि श्रीजयदेव By Praveen kumrawat

गीत-गोविंद के प्रणेता प्रसिद्ध भक्त कवि जयदेव का जन्म पाँच सौ वर्ष पूर्व बंगाल के वीरभूमि जिले के अन्तर्गत केन्दुबिल्व नामक गांव मे हुआ था । इनके पिता का नाम भोजदेव और माता का नाम...

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मौन का सौन्दर्य... By Saroj Verma

महात्मा बुद्ध ने कहा है कि....सभी समस्याओं का समाधान मौन होता है.... मौन में वह ताकत होती है जिसमें हमारी अंतर्शक्ति को जगाने का सामर्थ्य होता है, वास्तव में मौन साधना की अध्यात्म...

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भक्त प्रह्लाद By Praveen kumrawat

भक्तराज असुर सम्राट 'प्रह्लाद जी' 'बेटा प्रह्लाद! कहाँ तो तेरा कोमल शरीर और तेरी सुकुमार अवस्था और कहाँ उस उन्मत्त के द्वारा की हुई तुझ पर दारुण यातनाएं। ओह! यह कैसा अभ...

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उर्मिला By दिनू

भगवान श्री राम को 14 वर्ष का वनवास हुआ तो उनकी पत्नी माँ सीता ने भी सहर्ष वनवास स्वीकार कर लिया।परन्तु बचपन से ही बड़े भाई की सेवा मे रहने वाले लक्ष्मण जी कैसे राम जी से दूर हो जाते...

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अटूट विश्वास By दिनू

अटूट विश्वास*रात के ढाई बजे थे, एक सेठ को नींद नहीं आ रही थी । वह घर में चक्कर पर चक्कर लगाये जा रहा था। पर चैन नहीं पड़ रहा था । आखिर थक कर नीचे उतर आया और कार निकाली ।**शहर की सड...

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दीपावली का त्यौहार By दिनू

भारतवर्ष में मनाए जाने वाले सभी त्यौहारों में दीपावली का सामाजिक और धार्मिक दोनों दृष्टि से अत्यधिक महत्त्व है। इसे दीपोत्सव भी कहते हैं। ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ अर्थात (हे भगवान!) म...

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भगवान का सत्कार By Raj Roshan Dash

एक गाँव में दामोदर नाम के एक गरीब ब्राह्मण रहा करते थे! ब्राह्मण को लोभ और लालच बिलकुल भी न था! वे दिन भर गाँव में भिक्षा व्रती करते और जो भी रुखा सुखा मिल जाता उसे भगवन का प्रशाद...

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कहानी करवाचौथ की By दिनू

प्राचीन काल में ‘करवा’ नाम की एक पतिव्रता स्त्री अपने पति के साथ नदी किनारे एक गाँव में रहती थी । कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी (चौथ) के दिन उसका पति नदी में स्नान करने के लि...

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मेरी भैरवी - 13 - माया का रहस्य और आध्यात्मिक साधना By निखिल ठाकुर

माया ने चुप्पी तोड़ते हुये क्या ..मैं इस युवक के साथ आध्यात्मिक साधना करूंगी...माया की बात सुनकर वहां उपस्थित सभी लोग दंग रह गये..और कुछ देर के बाद वो बजुर्ग बोला जो स्वर्ण महल का...

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श्रीमत् अष्टावक्रगीता का हिन्दी अनुवाद - भाग 2 By JUGAL KISHORE SHARMA

अष्टावक्र गीता अद्वैत वेदान्त का ग्रन्थ है जो ऋषि अष्टावक्र और राजा जनक के संवाद के रूप में है। भगवद्गीता, उपनिषद और ब्रह्मसूत्र के सामान अष्टावक्र गीता अमूल्य ग्रन्थ है। इस ग्रन्थ...

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बुद्ध और ध्यान दर्शन का संक्षिप्त अध्ययन By JUGAL KISHORE SHARMA

“बुद्धं शरणं गच्छामि” बौद्ध धर्म को जानने वालों के लिए मूलमंत्र है। इसकी दो और पंक्तियों में “संघं शरणं गच्छामि” और “धम्मं शरणं गच्छामि” भी है। बौद्ध धर्म की मूल भावना को बताने वाल...

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मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम व सीता By दिनू

रावण अत्यंत विनम्रतापूर्वक मारीचि को झुक कर प्रणाम करता है और मारीचि का माथा ठनक जाता है | रावण बोला मामा मारीचि चलिये स्वर्ण मृग बनना है आपको और राम को छल से भटका कर दूर ले जाना ह...

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कबीर समाज सुधारक विशिष्ट ज्ञान मानव मात्र परम कल्याण By JUGAL KISHORE SHARMA

कबीरदासजी के अनुसार मनुष्य की श्रेष्ठता उसके ऊँचे कर्मों के कारण होती है कर्म से ही मनुषय जाना जाता है। वस्तुतः कबीर की सामाजिक चिन्ता उस सच्चे आध्यात्मिक व्यक्तित्व की चिता थी जो...

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