hindi Best Short Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Short Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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रक्षण By Deepak sharma

मेरी नींद नए आए यात्रियों ने तोड़ी।  “देखो तो यह सवारी कैसे मुंह ढांप कर सो रही है।” “जब कि अभी शाम के आठ ही तो बजे हैं।” दोनों पुरुष स्वर थे। निष्ठुर...

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You Are My Choice - 40 By Butterfly

आकाश श्रेया के बेड के पास एक डेस्क पे बैठा। "यू शुड रेस्ट। हम बाद में.." उसे बीच में रोकते हुए श्रेया ने कहा, "नहीं। मुझे आज ही और अभी ही बात करनी है।" श्रेया की आवाज ऊंची और गंभीर...

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True Love By Misha Nayra

Hello everyone this is a short story so, please give me ratings about this because I am not good in writing short stories. A girl name Ashika and Aman is in relationship but Ashika...

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भूखे मरने की नौबत By LOTUS

पूरे देश योजना प्राणी संगतों ने बांग्लादेश में धार्मिकथाको करने, प्रति करने, हिंदू बहू-बेटियों की संपतीतों पर कल्यण करने मंदिरों की करके पैरों से कुचलने जैसी बढ़ती वारदातों से आज ल...

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जंगल, पेड़ और बाज By DINESH KUMAR KEER

  मृत्यु से बड़ा भयजंगल में एक पेड़ पर दो बाज प्रेमपूर्वक रहते थे। दोनों शिकार की तलाश में निकलते और जो भी हाथ लगता शाम को उसे मिल बांटकर खाते। लंबे काल-खंड से यही क्रम चल रहा था। ए...

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बांग्लादेश के खिलाफ गुस्सा By LOTUS

बा वर्ष में भारी नाराजगी देखी जा रही है। भारत का हर राष्ट्रभक्तमें इस हो निव को इदुर सोम पर टक ही चार नक र नाएस्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ पूरे भारत खफा है। लगभग...

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डाकखाने में By Deepak sharma

 उन्नीस सौ बानवे के जिन दिनों कस्बापुर के एक पुराने डाकखाने में जब मैं सब पोस्ट मास्टर के पद पर नियुक्त हुआ था,तो मैं नहीं जानता था अस्सी वर्षीय मणिराम मेेरे डाकखाने पर रोज़ क...

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उसकी यादों की तस्वीर By R B Chavda

सर्द सुबह का मौसम था। कमरे में हल्की सी ठंडक थी, लेकिन दिल में एक गर्मी थी, जो उसे याद करने से पैदा हो रही थी। सूरज की हल्की किरणें खिड़की से छनकर कमरे में आ रही थीं, पर मेरे दिल क...

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उत्तराधिकारी By DINESH KUMAR KEER

 राजा का उत्तराधिकारी एक बार की बात है। एक राज्य में नंदाराम नाम का एक राजा हुआ करता था। वह बहुत ईमानदार और साहसी था। उसे अपनी प्रजा से बहुत प्यार था। उसके राज्य में सभी लोग उससे ख...

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मज़बूत बनकर लौटा समन्दर By LOTUS

भा आह के मुख्यमंत्री के रूप में तीसरी बार शपथ लेकरसतीष करता पार्टी के कुशल रणनीतिकार देवेंद्र फडणवीस ने यह प्रमाणित कर दिया कि महाराष्ट्र के असली चाणक्य यही हैं। बाकी भी अपने को चा...

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सार्वजनिक शौचालय By LOTUS

नमस्कार ! मैं एक टॉयलेट बोल रहा हूँ। जी हाँ, वही टॉयलेट जिसे संडास, पाखाना और शिष्ट भाषा में शौचालय के नाम से जाना जाता है, मैं वही चार दीवारों वाला शौचालय बोल रहा हूँ। वैसे मेरी ज...

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प्रबोध By Deepak sharma

  सन उन्नीस सौ पचास का वह दशक साल दर साल नया पन लाता रहा था। हमारी कस्बापुर रोड पर यदि किसी साल बर्फ़ का नया कारखाना खुला तो दूसरे साल कपास से धागा बनाने का। और यदि तीसरे...

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पाठशाला By Kishore Sharma Saraswat

पाठशालाअंग्रेजों का जमाना था। अशिक्षा, गरीबी और मूढ़ता का बोलबाला था। गाँव में जब कभी बाहर से कोई चिट्ठी या पत्र आ जाता तो उसे बाँचने वाला कोई न था। ऐसे में फिर पुरोहित व पाधा के घर...

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प्यार और विश्वास By DINESH KUMAR KEER

 गजराज और मूषकराज की दोस्तीएक बार की बात है, किसी नदी के किनारे एक शहर बसा हुआ था। एक बार वहां बहुत बारिश हुई, जिससे नदी ने अपना रास्ता बदल लिया। इससे शहर में पानी की कमी होने लगी,...

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Cinderella By R B Chavda

मुझे पता है कि आप सबको सिंड्रेला की कहानी पहले से ही मालूम होगी, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिंड्रेला की कहानी में एक गहरा संदेश भी छिपा हुआ है? आज मैं आपके साथ एक नई सिंड्रेला की...

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डिप्रेशन - भाग 2 By Neeta Batham

"में जंगलों की तरफ़ चल पड़ा हु छोड़ के घर।                   ये क्या की घर की उदासी भी साथ हो गई "वो नन्हा सा बचपन जो खुद अपने मम्मी - पापा के झगड़ों में खोजता है वो एक अकेले कमरे...

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ईमानदारी By DINESH KUMAR KEER

ईमानदारी ही सर्वश्रेष्ठ नीति    एक व्यक्ति काम की खोज में इधर-उधर धक्के खाने के बाद निराश होकर जब घर वापस लौटने लगा तो पीछे से आवाज आयी, ऐ भाई! यहाँ कोई मजदूर मिलेगा क्या?उसने पीछे...

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झुमका गिरा रे By S Sinha

                                     झुमका गिरा रे    सुनील की नयी नयी शादी हुई थी  . अभी तीन दिन पहले ही वह अपनी बीवी नेहा को ससुराल से विदा कर के लाया था  . नेहा की मुंह दिखाई की...

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पारिजात - स्वर्ग से आय पेड़े पौधें By DINESH KUMAR KEER

बाल कहानी - अनमोल पेड़ पौधेराहुल अपने माता - पिता के साथ शहर में रहता था । गर्मी की छुट्टी बिताने अपने गाँव में दादा - दादी के पास आया था । बस स्टॉप से दादाजी का घर काफी दूरी पर था...

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दीवारों के पार: सूरजपुर की नई सुबह By pinki

सूरजपुर गाँव, जहाँ जाति व्यवस्था ने लोगों की सोच और रिश्तों पर गहरी छाप छोड़ी थी। गाँव के अधिकांश लोग एससी समुदाय के थे, लेकिन समुदाय के भीतर भी कई जातियों का वर्गीकरण था। इस वर्गी...

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मैं तुलसी तेरे आँगन की By उषा जरवाल

कुछ दिन पहले मुझे 10 – 15 दिनों के लिए मुझे अपने घर से कहीं बाहर जाना पड़ा | वापस आकर देखा तो गमले में लगी तुलसी पूरी तरह सूख गई थी | सोसाइटी के बगीचे में छोटे – छोटे तुलसी के पौधे...

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फैल गईं अफवाहें By Ashoke Ghosh

  फैल गईं अफवाहें   बहुत दिन पहले यह बंगाल कई छोटे-छोटे राज्यों में बंटा हुआ था। ऐसे ही एक राज्य को अजवनगर कहा जाता था और लघुकर्ण नाम का एक राजा वहां शासन करता था। राजा के पार्षदों...

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दो पत्थरों की कहानी By DINESH KUMAR KEER

दो पत्थरों की कहानीनदी पहाड़ों की कठिन व लम्बी यात्रा के बाद तराई में पहुंची। उसके दोनों ही किनारों पर गोलाकार, अण्डाकार व बिना किसी निश्चित आकार के असंख्य पत्थरों का ढेर सा लगा हुआ...

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चेहरे का तिल By LOTUS

रात का सन्नाटा था और निश्चय हाईवे पर अकेला गाड़ी चला रहा था। बारिश की हल्की बूंदें शीशे पर टकरा रही थीं, और आस-पास सिर्फ घने जंगल और अंधकार था। अचानक, हेडलाइट की रोशनी में उसे सड़क...

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गरीब किसान By DINESH KUMAR KEER

1. बाल कहानी - सोच में बदलावरामू गरीब किसान था। उसके तीन बच्चे थे। दो लड़के एक लड़की। रामू के माता-पिता भी उसके साथ रहते थे। रामू को अपना परिवार चलाने में बड़ी तंगी का सामना करना प...

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हर सास की एक ही आस - सर्वगुण संपन्न बहू By उषा जरवाल

शहर के बाज़ार में एक बहुत बड़ी इमारत थी, उसमें एक भव्य समारोह का आयोजन किया था | जिस पर लिखा था - “यहाँ से आप अपनी पसंद के अनुसार ‘बहू’ चुन सकती हैं |” देखते ही देखते औरतों का एक हु...

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मोहब्बत - पार्ट 1 By mohammad sadique

कैसी हो सनाया अब आपकी तबियत कैसी है " "  सनाया से गज़ाला पुछती है। जी पहले से बेहतर है अब फुफ्फू जान। सनाया अपने बिस्तर से पैरों को समेटते हुऐ बैठ जाती है। बैठो ना फुफ्फू आप खडी क्...

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सनातन - 4 By अशोक असफल

कथा में आज मैंने यही विषय उठा लिया :मैंने कहा, 'हमें अपने भीतर ही रमण करना चाहिए। गीता में इसे आत्मा से आत्मा में रमण करना कहा गया है। पर आत्मा को खोजेंगे तो उलझ जाएँगे। मन सरल...

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साइकिल और हुनरमन्द By DINESH KUMAR KEER

1. बाल कहानी - साइकिलतीन मित्र थे, राजू, सोनू और पप्पू। तीनों में बड़ी गहरी मित्रता थी। छुट्टी का दिन था। तीनों ने एक योजना बनायी कि, "चलो, क्यों न हम लोग आज साइकिल की दौड़ करते है...

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राजा और दो पुत्रियाँ By DINESH KUMAR KEER

1. बाल कहानी - अनोखा सिक्काएक राजा के दो पुत्रियाँ थीं । दोनों ही बहुत ही समझदार और होशियार तथा उतनी ही सुन्दर थीं । छोटी वाली पुत्री को अपनी सुन्दरता पर बहुत घमण्ड था । वह कहती थी...

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सही या गलत... By Diya Jethwani

कहते हैं इंसान वही जिसमें इंसानियत जिंदा हो.... लेकिन कभी कभी ये इंसानियत हमें सोचने पर मजबूर कर देतीं हैं की क्या हमने सही किया....!! कल किसी काम से बेटी के साथ आरटीओ कार्यालय गयी...

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खुशी का सिर्फ अहसास By DINESH KUMAR KEER

1. लालची कुत्ताएक गाँव में एक कुत्ता था । वह बहुत लालची था । वह भोजन की खोज में इधर - उधर भटकता रहा लेकिन कही भी उसे भोजन नहीं मिला । अंत में उसे एक होटल के बाहर से मांस का एक टुकड...

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छोटा सा अहंकार By Virajgiri Gosai

आज काजल बहुत गुस्से में ऑफिस से निकली थी। गुस्से का कारण कुछ ऐसा था कि जिससे उसे अपने आत्मसम्मान को ठेस पहुंचने का भ्रम हो रहा था। मुंबई की लोकल ट्रेन के लेडीज कोच में खड़ी-खड़ी वह...

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वो यादगार लम्हे, वो सच्ची दोस्ती By R B Chavda

यह कहानी है बचपन की एक ऐसी दोस्ती की, जो मासूमियत और सच्चे विश्वास के धागों से बंधी हुई थी। एक ऐसी दोस्ती, जो आज भी यादों के रूप में दिल में धड़कती है, भले ही वक्त ने उनके रास्ते ज...

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दादीमा की कहानियाँ - 2 By Ashish

दादीना की कहानियाँ, पढ़ने जे बाद मुझे comments अवसता चाहिए... आशिष, concept.shah@gmail.com * प्रेरक प्रसंग ️**!! एक रुपये का सिक्का !!**एक ब्राह्मण व्यक्ति सुबह उठकर मंदिर की ओर जा...

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आडंबर By Deepak sharma

’मां कैसी लगीं? रेवती मेरे परिवार से आज पहली बार मिली है । “असुरक्षित और किसी अस्फुट दबाव से ग्रस्त,” किसी को भी पहली बार मिलने के बाद उस का विश्लेषण और व्याख्या...

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लिव! लिव! लिव! By Deepak sharma

(1)         "विभागाध्यक्षा की ऊंची एड़ी की सैंडिल अपनी धमक के साथ विभाग की ओर तेजी से बढ़ रही थी जहां सुधा अपने अगले पीरियड में पढ़ाए जाने वाले 'ज्वालामुखी&#3...

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My Devil Hubby Rebirth Love - 49 By Naaz Zehra

अब आगे मेरी डॉल जिससे भी प्यार करती है उसका साथ कभी नहीं छोड़ती और वह आपसे भी इतना प्यार करती है वह आपको छोड़कर कभी नहीं जाएगी जैसे वह मुझे छोड़कर नहीं गई रुद्र तुमसे किसने कहा कि...

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कहानियाँ By DINESH KUMAR KEER

1. शेर और चूहाएक जंगल था। जंगल का राजा शेर था। वह पेड़ की छाया में सो रहा था। वहाँ एक चूहा आया। चूहा शेर के ऊपर चढ़ गया। वह शेर के ऊपर उछलने-कूदने लगा। शेर जाग गया। चूहा भागा। शेर...

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शिकंजी - सी ज़िंदगी By उषा जरवाल

एक बार एक आचार्य  जी कक्षा में पढ़ा रहे थे | कक्षा के सभी छात्र रुचिपूर्वक उन्हें सुन रहे थे और उनके द्वारा पूछे गए प्रश्नों के जवाब दे रहे थे | पर उन छात्रों के बीच एक छात्र ऐसा भी...

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रक्षण By Deepak sharma

मेरी नींद नए आए यात्रियों ने तोड़ी।  “देखो तो यह सवारी कैसे मुंह ढांप कर सो रही है।” “जब कि अभी शाम के आठ ही तो बजे हैं।” दोनों पुरुष स्वर थे। निष्ठुर...

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आकाश श्रेया के बेड के पास एक डेस्क पे बैठा। "यू शुड रेस्ट। हम बाद में.." उसे बीच में रोकते हुए श्रेया ने कहा, "नहीं। मुझे आज ही और अभी ही बात करनी है।" श्रेया की आवाज ऊंची और गंभीर...

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भूखे मरने की नौबत By LOTUS

पूरे देश योजना प्राणी संगतों ने बांग्लादेश में धार्मिकथाको करने, प्रति करने, हिंदू बहू-बेटियों की संपतीतों पर कल्यण करने मंदिरों की करके पैरों से कुचलने जैसी बढ़ती वारदातों से आज ल...

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जंगल, पेड़ और बाज By DINESH KUMAR KEER

  मृत्यु से बड़ा भयजंगल में एक पेड़ पर दो बाज प्रेमपूर्वक रहते थे। दोनों शिकार की तलाश में निकलते और जो भी हाथ लगता शाम को उसे मिल बांटकर खाते। लंबे काल-खंड से यही क्रम चल रहा था। ए...

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बांग्लादेश के खिलाफ गुस्सा By LOTUS

बा वर्ष में भारी नाराजगी देखी जा रही है। भारत का हर राष्ट्रभक्तमें इस हो निव को इदुर सोम पर टक ही चार नक र नाएस्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ पूरे भारत खफा है। लगभग...

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डाकखाने में By Deepak sharma

 उन्नीस सौ बानवे के जिन दिनों कस्बापुर के एक पुराने डाकखाने में जब मैं सब पोस्ट मास्टर के पद पर नियुक्त हुआ था,तो मैं नहीं जानता था अस्सी वर्षीय मणिराम मेेरे डाकखाने पर रोज़ क...

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उसकी यादों की तस्वीर By R B Chavda

सर्द सुबह का मौसम था। कमरे में हल्की सी ठंडक थी, लेकिन दिल में एक गर्मी थी, जो उसे याद करने से पैदा हो रही थी। सूरज की हल्की किरणें खिड़की से छनकर कमरे में आ रही थीं, पर मेरे दिल क...

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उत्तराधिकारी By DINESH KUMAR KEER

 राजा का उत्तराधिकारी एक बार की बात है। एक राज्य में नंदाराम नाम का एक राजा हुआ करता था। वह बहुत ईमानदार और साहसी था। उसे अपनी प्रजा से बहुत प्यार था। उसके राज्य में सभी लोग उससे ख...

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मज़बूत बनकर लौटा समन्दर By LOTUS

भा आह के मुख्यमंत्री के रूप में तीसरी बार शपथ लेकरसतीष करता पार्टी के कुशल रणनीतिकार देवेंद्र फडणवीस ने यह प्रमाणित कर दिया कि महाराष्ट्र के असली चाणक्य यही हैं। बाकी भी अपने को चा...

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सार्वजनिक शौचालय By LOTUS

नमस्कार ! मैं एक टॉयलेट बोल रहा हूँ। जी हाँ, वही टॉयलेट जिसे संडास, पाखाना और शिष्ट भाषा में शौचालय के नाम से जाना जाता है, मैं वही चार दीवारों वाला शौचालय बोल रहा हूँ। वैसे मेरी ज...

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  सन उन्नीस सौ पचास का वह दशक साल दर साल नया पन लाता रहा था। हमारी कस्बापुर रोड पर यदि किसी साल बर्फ़ का नया कारखाना खुला तो दूसरे साल कपास से धागा बनाने का। और यदि तीसरे...

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पाठशाला By Kishore Sharma Saraswat

पाठशालाअंग्रेजों का जमाना था। अशिक्षा, गरीबी और मूढ़ता का बोलबाला था। गाँव में जब कभी बाहर से कोई चिट्ठी या पत्र आ जाता तो उसे बाँचने वाला कोई न था। ऐसे में फिर पुरोहित व पाधा के घर...

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प्यार और विश्वास By DINESH KUMAR KEER

 गजराज और मूषकराज की दोस्तीएक बार की बात है, किसी नदी के किनारे एक शहर बसा हुआ था। एक बार वहां बहुत बारिश हुई, जिससे नदी ने अपना रास्ता बदल लिया। इससे शहर में पानी की कमी होने लगी,...

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ईमानदारी By DINESH KUMAR KEER

ईमानदारी ही सर्वश्रेष्ठ नीति    एक व्यक्ति काम की खोज में इधर-उधर धक्के खाने के बाद निराश होकर जब घर वापस लौटने लगा तो पीछे से आवाज आयी, ऐ भाई! यहाँ कोई मजदूर मिलेगा क्या?उसने पीछे...

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झुमका गिरा रे By S Sinha

                                     झुमका गिरा रे    सुनील की नयी नयी शादी हुई थी  . अभी तीन दिन पहले ही वह अपनी बीवी नेहा को ससुराल से विदा कर के लाया था  . नेहा की मुंह दिखाई की...

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पारिजात - स्वर्ग से आय पेड़े पौधें By DINESH KUMAR KEER

बाल कहानी - अनमोल पेड़ पौधेराहुल अपने माता - पिता के साथ शहर में रहता था । गर्मी की छुट्टी बिताने अपने गाँव में दादा - दादी के पास आया था । बस स्टॉप से दादाजी का घर काफी दूरी पर था...

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मैं तुलसी तेरे आँगन की By उषा जरवाल

कुछ दिन पहले मुझे 10 – 15 दिनों के लिए मुझे अपने घर से कहीं बाहर जाना पड़ा | वापस आकर देखा तो गमले में लगी तुलसी पूरी तरह सूख गई थी | सोसाइटी के बगीचे में छोटे – छोटे तुलसी के पौधे...

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फैल गईं अफवाहें By Ashoke Ghosh

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दो पत्थरों की कहानी By DINESH KUMAR KEER

दो पत्थरों की कहानीनदी पहाड़ों की कठिन व लम्बी यात्रा के बाद तराई में पहुंची। उसके दोनों ही किनारों पर गोलाकार, अण्डाकार व बिना किसी निश्चित आकार के असंख्य पत्थरों का ढेर सा लगा हुआ...

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गरीब किसान By DINESH KUMAR KEER

1. बाल कहानी - सोच में बदलावरामू गरीब किसान था। उसके तीन बच्चे थे। दो लड़के एक लड़की। रामू के माता-पिता भी उसके साथ रहते थे। रामू को अपना परिवार चलाने में बड़ी तंगी का सामना करना प...

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मोहब्बत - पार्ट 1 By mohammad sadique

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साइकिल और हुनरमन्द By DINESH KUMAR KEER

1. बाल कहानी - साइकिलतीन मित्र थे, राजू, सोनू और पप्पू। तीनों में बड़ी गहरी मित्रता थी। छुट्टी का दिन था। तीनों ने एक योजना बनायी कि, "चलो, क्यों न हम लोग आज साइकिल की दौड़ करते है...

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राजा और दो पुत्रियाँ By DINESH KUMAR KEER

1. बाल कहानी - अनोखा सिक्काएक राजा के दो पुत्रियाँ थीं । दोनों ही बहुत ही समझदार और होशियार तथा उतनी ही सुन्दर थीं । छोटी वाली पुत्री को अपनी सुन्दरता पर बहुत घमण्ड था । वह कहती थी...

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सही या गलत... By Diya Jethwani

कहते हैं इंसान वही जिसमें इंसानियत जिंदा हो.... लेकिन कभी कभी ये इंसानियत हमें सोचने पर मजबूर कर देतीं हैं की क्या हमने सही किया....!! कल किसी काम से बेटी के साथ आरटीओ कार्यालय गयी...

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खुशी का सिर्फ अहसास By DINESH KUMAR KEER

1. लालची कुत्ताएक गाँव में एक कुत्ता था । वह बहुत लालची था । वह भोजन की खोज में इधर - उधर भटकता रहा लेकिन कही भी उसे भोजन नहीं मिला । अंत में उसे एक होटल के बाहर से मांस का एक टुकड...

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छोटा सा अहंकार By Virajgiri Gosai

आज काजल बहुत गुस्से में ऑफिस से निकली थी। गुस्से का कारण कुछ ऐसा था कि जिससे उसे अपने आत्मसम्मान को ठेस पहुंचने का भ्रम हो रहा था। मुंबई की लोकल ट्रेन के लेडीज कोच में खड़ी-खड़ी वह...

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वो यादगार लम्हे, वो सच्ची दोस्ती By R B Chavda

यह कहानी है बचपन की एक ऐसी दोस्ती की, जो मासूमियत और सच्चे विश्वास के धागों से बंधी हुई थी। एक ऐसी दोस्ती, जो आज भी यादों के रूप में दिल में धड़कती है, भले ही वक्त ने उनके रास्ते ज...

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दादीमा की कहानियाँ - 2 By Ashish

दादीना की कहानियाँ, पढ़ने जे बाद मुझे comments अवसता चाहिए... आशिष, concept.shah@gmail.com * प्रेरक प्रसंग ️**!! एक रुपये का सिक्का !!**एक ब्राह्मण व्यक्ति सुबह उठकर मंदिर की ओर जा...

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लिव! लिव! लिव! By Deepak sharma

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My Devil Hubby Rebirth Love - 49 By Naaz Zehra

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कहानियाँ By DINESH KUMAR KEER

1. शेर और चूहाएक जंगल था। जंगल का राजा शेर था। वह पेड़ की छाया में सो रहा था। वहाँ एक चूहा आया। चूहा शेर के ऊपर चढ़ गया। वह शेर के ऊपर उछलने-कूदने लगा। शेर जाग गया। चूहा भागा। शेर...

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शिकंजी - सी ज़िंदगी By उषा जरवाल

एक बार एक आचार्य  जी कक्षा में पढ़ा रहे थे | कक्षा के सभी छात्र रुचिपूर्वक उन्हें सुन रहे थे और उनके द्वारा पूछे गए प्रश्नों के जवाब दे रहे थे | पर उन छात्रों के बीच एक छात्र ऐसा भी...

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