hindi Best Poems Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Poems in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cultures. Th...Read More


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मोक्षधाम - 3 By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

मोक्षधाम 3 (मिटा सके श्मशान क्याॽ) समर्पणः- इस धरा धाम के संरक्षण में, जिन्होंने अपना शास्वत जीवन- हर पल बिताया, उन्ही सात्विक-...

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भारत - 1 By नन्दलाल सुथार राही

भारत की विविधताओं एवं यहाँ की संस्कृति पर एक काव्य ग्रंथ जिसमें अलग-अलग कविताओं का संग्रह है। जिसकी शुरुआत "भारत" कविता से कर रहा हूँ । आशा है आप इस रचना को उ...

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जीवन पथ By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

जीवन पथ है बड़ा अनोखाफिर भी मानव चलता जाए।कभी उजाला कभी अंधेराना जाने कब जीवन में आए।जीवन पथ पर चलते जानायही विडंबना है जीवन की ।घोर अंधेरा ऐसा छायाकाले बादल यू मंडराएजीवन पथ अब नज...

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खिमुली काव्य - खंड-1 By जयदीप पत्रिका

पहली कवितालिखता हूँ एक कविता लिखता हूँ एक कविता, कुछ लाइनों में, ऐ मेरे वतन, तेरे उन जवानों के लिए। जिन्होंने अपना सीना चीर दिया गोलियों से, और नहीं आने दी तेरे आंगन में कोई दरार।।...

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समय की नब्ज पहिचानों - 4 - अंतिम भाग By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

समय की नब्ज पहिचानों 4 काव्य संकलन- समर्पण- समय के वे सभी हस्ताक्षर, जिन्होने समय की नब्ज को,...

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सरल नहीं था यह काम - 5 - अंतिम भाग By डॉ स्वतन्त्र कुमार सक्सैना

सरल नहीं था यह काम 5 काव्‍य संग्रह स्‍वतंत्र कुमार सक...

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में और मेरे अहसास - 42 By Darshita Babubhai Shah

न पुछो हमसे की महोब्बत मे वो कीतना खयाल रखती है।लाखो की भीड मे भी वो मेरा सबके सामने हाल पुछती है। मुझे देखकर ना वक़्त देखती है, ना वक़्त का तकाज़ा देखती है lभरी महफिल मे भी वो मेर...

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बोलता आईना - 4 - अंतिम भाग By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

बोलता आईना 4 (काव्य संकलन) समर्पण- जिन्होंने अपने जीवन को, समय के आईने के समक्ष, खड़ाकर,उससे कुछ सीखने-...

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मेरा भारत लौटा दो - 11 - अंतिम भाग By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

मेरा भारत लौटा दो 11 काव्‍य संकलन वेदराम प्रजापति ‘’मनमस्...

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निर्माण कविता एवं अन्य रचनाएं By Abha Dave

1)निर्माण--------------कर रहा जग उन्नति चारों दिशाओं मेंआगे बढ़ रहे हैं कदम चाँद -तारों मेंविज्ञान ने कर ली है तरक्की हर पैमाने मेंआदमी भी मशीन बन गया अब तो इस जमाने मेंवहीं रोबोट...

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Meri Shayari By MANISH SINGH

1. बिखर रहे थे सपने पंन्नो की शक्ल में चाहता था पकड़ लूं किसी को पर शायद लंबी छलांग लगाना मेरे बस में नहीं

2. जिंदगी एक बहुत ही सुहाना सफर है जिंदगी में नय नय लोग मिलते जाते हैं औ...

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कभी सोचा न था- भाग-२ By महेश रौतेला

कभी सोचा न था ( भाग-२)२२.जब भी गाया धुन अपनी थीजब भी गाया धुन अपनी थीजब भी सोचा, मन अपना थाजब भी देखा, दृष्टि साफ थीजब भी पूजा, भगवान पास था।मन में कोई दोष नहीं थादूर चला था लय नया...

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क्षणभर - भाग-२ By महेश रौतेला

क्षणभर (भाग-२)२४.इस वर्षइस वर्षविचार उखड़ेआँधियां चलींप्यार की दो-चार बातेन हुयीं,दो-चार छूट गयीं।उनसे हुयी मुलाकातयाद आयी,बीते समय की चिट्ठीफिर पढ़ ली,ईश्वर निर्मित चाहहमारे साथ हो...

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'बेरोजगार' : यथार्थवादी कविताओं का एक संग्रह By Prabhat Anand

#नींद "भगवान के लिए, बेकार! बेकार! का ये शोर बंद करो" ...वो अधेड़ युवक रात भर बड़बड़ाता है,सोये अपनी ख्वाहिशों की कब्र पे। #सपनें सपनें-जिनको पूरा होतेसोचने भर से,कभी रोमांच...

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मेरे शब्द मेरी पहचान - 11 By Shruti Sharma

आज भारत के 75वें स्वंतंत्रता दिवस की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं । आज मेरी कविताएं मेरे वतन मेरे अमर शहीदों को समर्पित है ।????????????????????????????????????❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤--...

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हरियाली तीज - कविता By Abha Dave

कविताएं-------------1)हरियाली तीज-------------------हरियाली तीज आ गईसुहागन के मन को भा गईसावन की छटा निराली हैप्रियतम को भी भा गई ।रखती है सुहागन उपवासपिया रहे हमेशा उसके पासउसकी उ...

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कविता विशेष By ARUANDHATEE GARG मीठी

आप सब जानते हो आप सब मेरे लिए क्या हो...???? आप सब मेरे लिए मेरी चाय हो, जिनसे मिलते ही मुझे ताजगी का एहसास होता है आप सब न मेरे मोबाइल हो वो इस तरह ....., कि अगर ज्यादा वक्त तक आप...

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नंगा बदन By Narayan Menariya

नंगा बदन नंगा बदन पुस्तक मेरी लिखी हुई पाँच कविताओ का संग्रह है, जिसमे समाज मे फैली गरीबी, अराजकता, द्वेष एवं बाल शोषण का जिक्र किया हुआ है। साथ ही साथ सूर्य का भड़कना, नदी का उफान...

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ओ वसंत - 2 By महेश रौतेला

ओ वसंत भाग-२३१.जो तारे माँ ने दिखायेजो तारे माँ ने दिखायेवे अभी भी चमक रहे हैं,जो ध्रुव तारा पिता ने दिखायाअभी भी अटल है,जो शब्द माता-पिता ने सिखायेअभी भी जिह्वा पर हैं,जो रास्ते म...

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करवट बदलता भारत - 10 - अंतिम भाग By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

’’करवट बदलता भारत’’ 10 काव्‍य संकलन- वेदराम प्रजापति...

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मोक्षधाम - 3 By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

मोक्षधाम 3 (मिटा सके श्मशान क्याॽ) समर्पणः- इस धरा धाम के संरक्षण में, जिन्होंने अपना शास्वत जीवन- हर पल बिताया, उन्ही सात्विक-...

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भारत - 1 By नन्दलाल सुथार राही

भारत की विविधताओं एवं यहाँ की संस्कृति पर एक काव्य ग्रंथ जिसमें अलग-अलग कविताओं का संग्रह है। जिसकी शुरुआत "भारत" कविता से कर रहा हूँ । आशा है आप इस रचना को उ...

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जीवन पथ By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

जीवन पथ है बड़ा अनोखाफिर भी मानव चलता जाए।कभी उजाला कभी अंधेराना जाने कब जीवन में आए।जीवन पथ पर चलते जानायही विडंबना है जीवन की ।घोर अंधेरा ऐसा छायाकाले बादल यू मंडराएजीवन पथ अब नज...

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खिमुली काव्य - खंड-1 By जयदीप पत्रिका

पहली कवितालिखता हूँ एक कविता लिखता हूँ एक कविता, कुछ लाइनों में, ऐ मेरे वतन, तेरे उन जवानों के लिए। जिन्होंने अपना सीना चीर दिया गोलियों से, और नहीं आने दी तेरे आंगन में कोई दरार।।...

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समय की नब्ज पहिचानों - 4 - अंतिम भाग By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

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में और मेरे अहसास - 42 By Darshita Babubhai Shah

न पुछो हमसे की महोब्बत मे वो कीतना खयाल रखती है।लाखो की भीड मे भी वो मेरा सबके सामने हाल पुछती है। मुझे देखकर ना वक़्त देखती है, ना वक़्त का तकाज़ा देखती है lभरी महफिल मे भी वो मेर...

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बोलता आईना - 4 - अंतिम भाग By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

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आप सब जानते हो आप सब मेरे लिए क्या हो...???? आप सब मेरे लिए मेरी चाय हो, जिनसे मिलते ही मुझे ताजगी का एहसास होता है आप सब न मेरे मोबाइल हो वो इस तरह ....., कि अगर ज्यादा वक्त तक आप...

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नंगा बदन By Narayan Menariya

नंगा बदन नंगा बदन पुस्तक मेरी लिखी हुई पाँच कविताओ का संग्रह है, जिसमे समाज मे फैली गरीबी, अराजकता, द्वेष एवं बाल शोषण का जिक्र किया हुआ है। साथ ही साथ सूर्य का भड़कना, नदी का उफान...

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करवट बदलता भारत - 10 - अंतिम भाग By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

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