hindi Best Horror Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Horror Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cul...Read More


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  • मौत का जादू

    इक़बाल ने नफ़ीस की कोठी के अंदर कदम रखा।अंदर का नज़ारा देखकर वो ठिठककर रुक गया। बैठ...

  • अपराध

    सुनसान सड़क दूर-दूर तक फैला अंधेरा , कटीली झाड़ियां और ऊंचे-ऊंचे पेड़। चोर-डाकूऔ...

  • रक्तवन्या

    रक्तवन्या हृषीकेश सुलभ अजीब होती जा रही है केया दास। उसे अब अपने-आप से भय लगने ल...

बंद तालों का बदला - 4 By Swati

कहीं यह घर भी भूतिया तो नहीं है । थोड़ा अंदर चलते है अगर यहाँ छुपा जा सकता है तो फिलहाल छुपने में भी कोई बुराई नहीं है । सभी अंदर के कमरों की तरफ़ चल प...

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वसुंधरा गाँव - 3 By Sohail K Saifi

अगली सुबह इन्द्र अपने घर पर लेटा हुआ था, वो अपने साथ घट रही अजीब घटनाओं के चलते इतना परेशान था कि लाख कोशिश पर भी उसको नींद नही आ रही थी, वो बेचैनी से रात भर करवटें बदलता रहा, और ज...

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हवशी पेड़ - 1 By ADARSH PRATAP SINGH

पेड़ और पंछियों की दोस्ती बहुत गहरी होती है लेकिन कभी कभी दोस्ती से बढ़कर भी कुछ हो जाता है........ सूर्य के उगने से पेड़ो से आकाश में चले जाना ,और डूबते ही फिर लौट आना यही तो होता है...

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वो आसमान से आती थी - 3 By Adil Uddin

भाग 2 में हमनें पढ़ा कैसे कबीर उस अजनबी लड़की की ख्वाबों की दुनिया से बाहर आता है और नींद से जाग जाता है आगे पढ़ते हैं क्या होता है.....कबीर ने ख्वाब से बाहर आकर घड़ी की तरफ देखा,घड़ी न...

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विश्रान्ति - 8 By Arvind Kumar Sahu

विश्रान्ति (‘रहस्य एक रात का’A NIGHT OF HORROR) अरविन्द कुमार ‘साहू’ विश्रान्ति (The horror night) ("ये लो बेटी"- बूढ़े ने ढेरों चमचमाते हुए चाँदी के सिक्के दुर्गा मौसी के आंचल में...

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शापित गुड़िया - भाग १ By Lalit Raj

श्रापित गुड़िया जिसका भय एक गांव में है जिसकी वजह से बच्चे गायब हो जाते हैं इसलिए वहां एक इंस्पेक्टर की पोस्टिंग होती है और वो सुलझाता है उस गुड़िया का रहस्य लेकिन इस केस से उसकी खुद...

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पलक - भाग-१ By Anil Sainger

मैं और विराट पहले एक ही कम्पनी में काम किया करते थे | लेकिन पिछले कुछ समय से उसे भूत सवार था कि इस कम्पनी में कोई भविष्य नहीं है और न ही ये कोई तरक्की देने वाले हैं | इसलिए जितनी ज...

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इश्क़ जुनून - 8 By PARESH MAKWANA

वो ओर कोई नही कावेरी के क्लास का लड़का वीरा था। वीरा ठुकर साहब के दोस्त रतनसिंह का छोटा बेटा था, वैसे वीरा पर तो स्कूल की सारी लड़कियां मरती थी पर कावेरी...

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ज्याँकों राँखें साईंयाँ.. भाग 3 By योगेश जोजारे

वह युवी को निगलने ही वाला था तभी युवीका हाथ अपने गले मे पहने, बाबा के लॉकेट पर पड़ा. जिस में बाबा की शिर्डी की पवित्र विभूति भरी थी. उसने वह लॉकेट गले से खीचते हुए निकाला और उस पिशा...

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भूतिया बगीचा - SJT By Poetry Of SJT

आज चार साल बाद आया हूं यहां , कुछ भी नहीं बदला सब कुछ पहले जैसे ही है , आज भी सूरज की रोशनी अन्दर नहीं आ पाती है ठीक से , इतना घना बग़ीचा है ।फिर भी पत्तों के बीच से छनकर के सूरज...

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अनोखा कैमरा By Renu Jindal

कई साल पहले की बात है, जब मैं ,.मेरा भाई अपने माता-पिता के साथ एक खूबसूरत से नगर -पालमपुर में रहते थे। यही तीन - चार साल पहले हमने वह नगर छोड़ दिया था। बात उन दिनों की है जब...

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वीरान किले की चीख By Jyoti Prakash Rai

होनी अनहोनी किस्मत का ही एक हिस्सा होता है जो हर किसी के साथ घटित होता है और कुछ ऐसे पल छोड़ जाता है जो किसी भी समय मस्तिष्क को झकझोर कर रख देता है। महाराजाओं के बने किले जिसमें अब...

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भूतिया बंगला By Lalit Raj

चार दोस्तों जो जॉब के लिऐ शहर आते हैं और वहां ठहरने के लिऐ जगहा तलाशते हैं तो जहां उन्हें जॉब मिला उसी कम्पनी के मालिक ने अपने बंगले में रहने के लिऐ कहा जो की कई सालों से वीरान पढा...

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रोता प्रेत By Ravi Sharma

सबसे पहले आप सभी का धन्यवाद की आप ने मेरी सभी कहानियो को इतना पसंद किया .अगर कही कोई कमी लगे तो आप अपना प्रतिभावा जरूर दे comment कर के.दोस्तों आज की कहानी एक अति उत्साही युवक क...

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मौत का जादू By Shubhanand

इक़बाल ने नफ़ीस की कोठी के अंदर कदम रखा।अंदर का नज़ारा देखकर वो ठिठककर रुक गया। बैठक के बीचोंबीच साढ़े छह फुटा नफ़ीस ज़मीन पर दरी बिछा कर बैठा हुआ था। उसने पालथी मारकर ध्यान की मुद्रा बन...

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कुलधरा गांव की खौफनाक रात By Renu Jindal

बात उस समय की है जब हमने गांव छोड़ा , मानो तकरीबन 15-20 साल पहले की। तब मैं और मेरा भाई इतने छोटे थे कि सही से चल भी नहीं पाते थे। धीरे धीरे हम बढ़ने लगे। मैं, मेरा भाई, माता-पिता...

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क्या तुम वापस आ गयी ? पार्ट - २ By zeba Praveen

डॉ साहिल अपने अतीत में जाते हुए अपनी बातों को फिर से जारी करते हैं:- "मेरे लिए आलिया का अहसास होना ही काफ़ी था, मैं आत्माओ में विश्वाश करता था, मेरी माँ बचपन के दिनों........

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नीलांजना (थ्रिलर हॉरर कादम्बरी भाग-2) By Praveen Kulkarni

अमृता और नवीन को पेहले ही पिक्-अप् कर लिया था सुबोधने. कृति आके फ़्रंट् सीट् पर बैठ गयी, अब सिर्फ़ चरण बाक़ी रेह गया था। “प्राइमरी स्कूल् में भी मेरी जानेमन कितनी प्यारी दिखती थी क...

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हॉंटेल होन्टेड - भाग - 5 By Prem Rathod

दूसरे दिन सब लोग उसी जगह पर खड़े थे पिछली रात जो कुछ भी हुआ उसके बारे में किसी को कुछ भी पता नहीं चला। इंसान स्वार्थ और लालच में इतना अंधा हो जाता है कि उसे अपने अलावा और कुछ भी दि...

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डर की वो रात By Ravi Sharma

दोस्तों आज जो मे वाक्या आप से share करने जा रहा हु ये मेरे एक रिस्तेदार के साथ घटी हुई घटना है. आगे की कहानी मे उनकी जुबानी आप को सुनाऊंगा .मे राजस्थान के एक छोटे से गांव मे रहता...

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रास्ते की गुड़िया By Jyoti Prakash Rai

विजयदशमी का दिन था पूरे गांव और बाजार में चहल-पहल सा माहौल छाया हुआ था और घर को सजाने की तैयारियां चल रही थी। कि मानों प्रभु श्री रामचन्द्र जी का आगमन आज ही हो रहा हो, और हो भी क्य...

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अपराध By Rajesh Mewade

सुनसान सड़क दूर-दूर तक फैला अंधेरा , कटीली झाड़ियां और ऊंचे-ऊंचे पेड़। चोर-डाकूऔ के लिए तो यह बेहद ही उपयुक्त स्थान है। लेकिन यहां दूर-दूर तक कोई गांव नहीं, सिर्फ आती हुई और जाती ह...

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रक्तवन्या By Hrishikesh Sulabh

रक्तवन्या हृषीकेश सुलभ अजीब होती जा रही है केया दास। उसे अब अपने-आप से भय लगने लगा है। जंगल की ये रातें उसे तिलिस्मी लगती हैं। डरावनी। पूरे शरीर में सिहरन भर देने वाली रातें। केया...

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वारलॉक - इतिहास का सबसे निर्मम तांत्रिक और सीरियल किलर – 4 By Vikkram Dewan

अध्याय 3 बंधक लड़की जिस समय अभय खाली सड़कों से गुजर रहा था, उस समय शहर के दूसरे छोर पर स्थित महरौली का राउल एस्टेट अंधेरे में डूबा हुआ था। वह एस्टेट 4 एकड़ में फैला हुआ था, जिसका...

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मुझे याद रखना - 6 By आयुषी सिंह

मैं - पर बाबा इस सब में मैं कैसे फंस गया मैं अभी तक नहीं समझ पा रहा हूँ। धारा, आख्या और विश्वास राव इन सब से मेरा क्या नाता?महात्मा जी - बेटा तुम इतने अधीर क्यों हो रहे हो? सब्र रख...

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डर और मां By Jyoti Prakash Rai

एक समय की बात है जब मै ज्योति प्रकाश कक्षा पांच में पढ़ता था, और मेरी उम्र लगभग नौ साल की थी। मेरे पिता जी श्री संतराम राय एक अध्यापक थे और जिस स्कूल में वो पढ़ाते थे उस समय उसी स्...

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बंद तालों का बदला - 4 By Swati

कहीं यह घर भी भूतिया तो नहीं है । थोड़ा अंदर चलते है अगर यहाँ छुपा जा सकता है तो फिलहाल छुपने में भी कोई बुराई नहीं है । सभी अंदर के कमरों की तरफ़ चल प...

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वसुंधरा गाँव - 3 By Sohail K Saifi

अगली सुबह इन्द्र अपने घर पर लेटा हुआ था, वो अपने साथ घट रही अजीब घटनाओं के चलते इतना परेशान था कि लाख कोशिश पर भी उसको नींद नही आ रही थी, वो बेचैनी से रात भर करवटें बदलता रहा, और ज...

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हवशी पेड़ - 1 By ADARSH PRATAP SINGH

पेड़ और पंछियों की दोस्ती बहुत गहरी होती है लेकिन कभी कभी दोस्ती से बढ़कर भी कुछ हो जाता है........ सूर्य के उगने से पेड़ो से आकाश में चले जाना ,और डूबते ही फिर लौट आना यही तो होता है...

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वो आसमान से आती थी - 3 By Adil Uddin

भाग 2 में हमनें पढ़ा कैसे कबीर उस अजनबी लड़की की ख्वाबों की दुनिया से बाहर आता है और नींद से जाग जाता है आगे पढ़ते हैं क्या होता है.....कबीर ने ख्वाब से बाहर आकर घड़ी की तरफ देखा,घड़ी न...

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विश्रान्ति - 8 By Arvind Kumar Sahu

विश्रान्ति (‘रहस्य एक रात का’A NIGHT OF HORROR) अरविन्द कुमार ‘साहू’ विश्रान्ति (The horror night) ("ये लो बेटी"- बूढ़े ने ढेरों चमचमाते हुए चाँदी के सिक्के दुर्गा मौसी के आंचल में...

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शापित गुड़िया - भाग १ By Lalit Raj

श्रापित गुड़िया जिसका भय एक गांव में है जिसकी वजह से बच्चे गायब हो जाते हैं इसलिए वहां एक इंस्पेक्टर की पोस्टिंग होती है और वो सुलझाता है उस गुड़िया का रहस्य लेकिन इस केस से उसकी खुद...

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पलक - भाग-१ By Anil Sainger

मैं और विराट पहले एक ही कम्पनी में काम किया करते थे | लेकिन पिछले कुछ समय से उसे भूत सवार था कि इस कम्पनी में कोई भविष्य नहीं है और न ही ये कोई तरक्की देने वाले हैं | इसलिए जितनी ज...

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इश्क़ जुनून - 8 By PARESH MAKWANA

वो ओर कोई नही कावेरी के क्लास का लड़का वीरा था। वीरा ठुकर साहब के दोस्त रतनसिंह का छोटा बेटा था, वैसे वीरा पर तो स्कूल की सारी लड़कियां मरती थी पर कावेरी...

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ज्याँकों राँखें साईंयाँ.. भाग 3 By योगेश जोजारे

वह युवी को निगलने ही वाला था तभी युवीका हाथ अपने गले मे पहने, बाबा के लॉकेट पर पड़ा. जिस में बाबा की शिर्डी की पवित्र विभूति भरी थी. उसने वह लॉकेट गले से खीचते हुए निकाला और उस पिशा...

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भूतिया बगीचा - SJT By Poetry Of SJT

आज चार साल बाद आया हूं यहां , कुछ भी नहीं बदला सब कुछ पहले जैसे ही है , आज भी सूरज की रोशनी अन्दर नहीं आ पाती है ठीक से , इतना घना बग़ीचा है ।फिर भी पत्तों के बीच से छनकर के सूरज...

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अनोखा कैमरा By Renu Jindal

कई साल पहले की बात है, जब मैं ,.मेरा भाई अपने माता-पिता के साथ एक खूबसूरत से नगर -पालमपुर में रहते थे। यही तीन - चार साल पहले हमने वह नगर छोड़ दिया था। बात उन दिनों की है जब...

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वीरान किले की चीख By Jyoti Prakash Rai

होनी अनहोनी किस्मत का ही एक हिस्सा होता है जो हर किसी के साथ घटित होता है और कुछ ऐसे पल छोड़ जाता है जो किसी भी समय मस्तिष्क को झकझोर कर रख देता है। महाराजाओं के बने किले जिसमें अब...

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भूतिया बंगला By Lalit Raj

चार दोस्तों जो जॉब के लिऐ शहर आते हैं और वहां ठहरने के लिऐ जगहा तलाशते हैं तो जहां उन्हें जॉब मिला उसी कम्पनी के मालिक ने अपने बंगले में रहने के लिऐ कहा जो की कई सालों से वीरान पढा...

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रोता प्रेत By Ravi Sharma

सबसे पहले आप सभी का धन्यवाद की आप ने मेरी सभी कहानियो को इतना पसंद किया .अगर कही कोई कमी लगे तो आप अपना प्रतिभावा जरूर दे comment कर के.दोस्तों आज की कहानी एक अति उत्साही युवक क...

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मौत का जादू By Shubhanand

इक़बाल ने नफ़ीस की कोठी के अंदर कदम रखा।अंदर का नज़ारा देखकर वो ठिठककर रुक गया। बैठक के बीचोंबीच साढ़े छह फुटा नफ़ीस ज़मीन पर दरी बिछा कर बैठा हुआ था। उसने पालथी मारकर ध्यान की मुद्रा बन...

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कुलधरा गांव की खौफनाक रात By Renu Jindal

बात उस समय की है जब हमने गांव छोड़ा , मानो तकरीबन 15-20 साल पहले की। तब मैं और मेरा भाई इतने छोटे थे कि सही से चल भी नहीं पाते थे। धीरे धीरे हम बढ़ने लगे। मैं, मेरा भाई, माता-पिता...

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क्या तुम वापस आ गयी ? पार्ट - २ By zeba Praveen

डॉ साहिल अपने अतीत में जाते हुए अपनी बातों को फिर से जारी करते हैं:- "मेरे लिए आलिया का अहसास होना ही काफ़ी था, मैं आत्माओ में विश्वाश करता था, मेरी माँ बचपन के दिनों........

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नीलांजना (थ्रिलर हॉरर कादम्बरी भाग-2) By Praveen Kulkarni

अमृता और नवीन को पेहले ही पिक्-अप् कर लिया था सुबोधने. कृति आके फ़्रंट् सीट् पर बैठ गयी, अब सिर्फ़ चरण बाक़ी रेह गया था। “प्राइमरी स्कूल् में भी मेरी जानेमन कितनी प्यारी दिखती थी क...

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हॉंटेल होन्टेड - भाग - 5 By Prem Rathod

दूसरे दिन सब लोग उसी जगह पर खड़े थे पिछली रात जो कुछ भी हुआ उसके बारे में किसी को कुछ भी पता नहीं चला। इंसान स्वार्थ और लालच में इतना अंधा हो जाता है कि उसे अपने अलावा और कुछ भी दि...

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डर की वो रात By Ravi Sharma

दोस्तों आज जो मे वाक्या आप से share करने जा रहा हु ये मेरे एक रिस्तेदार के साथ घटी हुई घटना है. आगे की कहानी मे उनकी जुबानी आप को सुनाऊंगा .मे राजस्थान के एक छोटे से गांव मे रहता...

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रास्ते की गुड़िया By Jyoti Prakash Rai

विजयदशमी का दिन था पूरे गांव और बाजार में चहल-पहल सा माहौल छाया हुआ था और घर को सजाने की तैयारियां चल रही थी। कि मानों प्रभु श्री रामचन्द्र जी का आगमन आज ही हो रहा हो, और हो भी क्य...

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अपराध By Rajesh Mewade

सुनसान सड़क दूर-दूर तक फैला अंधेरा , कटीली झाड़ियां और ऊंचे-ऊंचे पेड़। चोर-डाकूऔ के लिए तो यह बेहद ही उपयुक्त स्थान है। लेकिन यहां दूर-दूर तक कोई गांव नहीं, सिर्फ आती हुई और जाती ह...

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रक्तवन्या By Hrishikesh Sulabh

रक्तवन्या हृषीकेश सुलभ अजीब होती जा रही है केया दास। उसे अब अपने-आप से भय लगने लगा है। जंगल की ये रातें उसे तिलिस्मी लगती हैं। डरावनी। पूरे शरीर में सिहरन भर देने वाली रातें। केया...

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अध्याय 3 बंधक लड़की जिस समय अभय खाली सड़कों से गुजर रहा था, उस समय शहर के दूसरे छोर पर स्थित महरौली का राउल एस्टेट अंधेरे में डूबा हुआ था। वह एस्टेट 4 एकड़ में फैला हुआ था, जिसका...

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मैं - पर बाबा इस सब में मैं कैसे फंस गया मैं अभी तक नहीं समझ पा रहा हूँ। धारा, आख्या और विश्वास राव इन सब से मेरा क्या नाता?महात्मा जी - बेटा तुम इतने अधीर क्यों हो रहे हो? सब्र रख...

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डर और मां By Jyoti Prakash Rai

एक समय की बात है जब मै ज्योति प्रकाश कक्षा पांच में पढ़ता था, और मेरी उम्र लगभग नौ साल की थी। मेरे पिता जी श्री संतराम राय एक अध्यापक थे और जिस स्कूल में वो पढ़ाते थे उस समय उसी स्...

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