hindi Best Horror Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Horror Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cul...Read More


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प्रेत-लोक - 2 By Satish Thakur

अब तक आपने पढ़ा कि चारों दोस्त रायसेन किले की यात्रा पर निकलते हैं और बापसी में रात का खाना भोपाल से बीस किलोमीटर पहले एक ढाबे में करने का प्लान बना कर रायसेन से चलते हैं। पर ढाबे स...

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गाने मत सुनना नहीं तो... वो आ जाएगी By भारती भानु

वो शाम का समय था जब मैंने वो गीत चलाया था उस गीत का क्या परिणाम हुआ ये जानने के लिए बने रहिये मेरे सतग

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पिशाच.. - 2 - पिशाच के उल्टे पैर By Neerja Pandey

छीटें मारने के बाद भैरवी थोड़े होश में आई। वो डरी सहमी सी बस एक ही चीज बोली जा रही थी "सुनीता आंटी आप मुझे अकेला छोड़ कर मत जाओ।" लेकिन सुनीता के पांच व...

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भूतिया किला By Vishnu Dabhi

एक सुखा दूर दूर तक फैला हुआ रण क्षेत्र था। वहा पर पानी तो क्या लेकिन दूर दूर तक कोई पैड भी नहीं था। उस रण में लोग गुमने जाते थे। लेकिन पानी खाना आदि की व्यवस्था कर के वहा पर उं...

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कर्ण पिशाचिनी - 10 By Rahul Haldhar

भाग - 5विवेक की मां भगवान की मूर्ति के सामने से उठ ही नहीं रही हैं । केवल गुरु महाराज शांत व स्थिर हैं ।अंत में सभी को आश्चर्य करते हुए रात में लगभग साढ़े ती...

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बॉर्डर पर भूत By Mohit Trendster

कहा जाता है कि अगर कर्म अच्छे हों और नियत साफ़ रहे, तो इंसान खुश रहता है। यह बात बताते समय लोग भूल जाते हैं कि इंसान अपने कर्म और नियत को संभाल सकता है पर अगर दूसरे की नियत में खोट...

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मोतीमहल--(अन्तिम भाग) By Saroj Verma

कुछ ही देर में कमलनयनी ने खाना तैयार कर लिया और रणजीत से बोली___ चलो खाना तैयार है!! जी नहीं! मैं अकेले थोड़े ही खाऊँगा,तुम भी खाओ तभी अच्छा लगेगा,रणजीत बोला।। पहले तुम खा लो,बाद मे...

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मुख्य राजमार्ग पर एक फ्लैट! By Keyur Patel

यह पुरानी इमारतों के पीछे स्थित एक फ्लैट है, जिसके आसपास कोई भी व्यक्ति नहीं रहता है। यह बरगद की पेड़ की शाखाओं से ढका हुआ है, एक अंधेरे में जहाँ आप कुत्तों के भौंकने की आवाज़ सुन...

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प्रेत का घर By Satish Thakur

अब से लगभग तीस साल पहले सन 1990 की बात है मध्यप्रदेश के एक छोटे से कस्वे में जहाँ नर्मदा के पानी का कल-कल करता मधुर संगीत अनवरत अपनी गति से बहता रहता है। उसी छोटे से कस्वे में इंद्...

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दो प्यारी सी आत्माएँ - 2 By Mehul Pasaya

हा ये चाँदनी है इस्का नाम चाँदनी है और इस बेचारी का इक ही सपना था और वो है प्यार पर ऊपरवाले को ये तक नही देखा गया और उपर बुला लिया चाँदनी उठो अब आंटी जी क्या करेंगे किसके भरोशे रहे...

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माँ का उन्माद By Deepak sharma

मानस दर्शन की एक व्याख्या के अनुसार बाल स्मृतियाँ हमारे अवचेतन के भंडार में संचित रहती हैं और यदा-कदा हमारे सपनों में आन प्रकट होती हैं, उनके केंद्र में रही घटनाएँ बेशक परिधि् पर च...

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रॉयल फ्लैट रहस्य - 6 - अंतिम By Rahul Haldhar

उनके प्रश्न के उत्तर को ना देकर गौरव ने अपने पॉकेट से एक छोटे डायरी को निकाला । फिर एक के बाद एक पन्ने को पलट बीच के एक पन्ने पर रुक गया और मन लगाकर कुछ पढ़ने लगा । कुछ मिनट के बाद...

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नौ तेरह बाईस By Deepak sharma

“मैं निझावन बोल रहा हूं, सर” मेरे मोबाइल के दूसरी तरफ मेरे बॉस हैं, मेरे जिले के एस.पी। अपनी आई.पी.एस के अंतर्गत। जबकि मेरी प्रदेशीय पुलिस सेवा में मेरी तैनाती यहां के...

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भूतिया जंगल - अंतिम By Rahul Haldhar

अब आगे... आशीष को सांस लेने में बहुत ज्यादा कठिनाई हो रहा है ऐसा ही उस दिन भी हुआ था I उस दिन की तरह आज भी उसे लग रहा है कोहरे के बीच से कुछ भयानक सा निकल उसे जकड़ना चाहता है I इ...

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डरना पडेगा By Mehul Pasaya

डरना पडेगा " नही नही ये था क्यानमश्कार दोस्तो तो हम लेके आये हे एक नई कहानी पर इस कहानी मे डरावना रहश्य होगा बहुत सारे ऐसे मोमेंट होंगे जिसमे शॉक होने वाली बात भी होगी " अब आगे......

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शापित कब्रिस्तान By Akash Saxena "Ansh"

ये बात तब की है जब पियूष लगभग 12 साल का रहा होगा, वो अक्सर अपनी नानी के घर जाना पसंद करता था... उसकी नानी का घर उसके घर से यही कुछ बीस मिनट की दूरी पर था.....उस दिन पाता नहीं पियूष...

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वो रात! By BRIJESH PREM GOPINATH

श्री गणेश आय नम: वो रात! उत्तराखंड के चमोली ज़िले की रामगढ़ तहसील...

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मृत्यु भोग - 6 - अंतिम By Rahul Haldhar

अगले दिन बहुत सुबह ही प्रताप की नींद खुल गयी , उठकर ही अनुभव किया आज शरीर बहुत हल्का लग रहा है कम्बल से बाहर निकला प्रताप , और खिड़की को खोल दिया तुरंत ही कुछ कोहरा और ठंड उसके कमर...

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दमबाज By Deepak sharma

इधर म्यान्मार मैं इस पहली फरवरी से स्थापित किए गए सैन्य शासन के विरोध में मैं वहां की जनता के बढ़ रहे जुलूसों को देखती हूं तो मुझे अपनी नानी के अधूरे उपन्यास का जन-विरोध याद आ जाता...

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सीटी By Deepak sharma

“वौल्ट” (फलांग भरो) मां अपनी सीटी बजाती हैं। स्कूल का लाट मेरे सामने है। लगभग पैंतालीस मीटर की दूरी पर। “कैरी” (थाम लो), अपनी दूसरी सीटी के साथ लाट के बुर्ज...

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कबीर मुक्त द्वार संकरा... By Deepak sharma

मेरी पुरानी डायरी का ये पृष्ठ- मेरा जन्म 30 नवंबर 1928 के दिन हुआ था और आज 6 जून 2006 की रात है कल मेरी उम्र भीमरथी हो जाएगी…। भीमरथी? आप नहीं जानते? भीमरथी मनुष्य की वह अवस...

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प्रेत-लोक - 2 By Satish Thakur

अब तक आपने पढ़ा कि चारों दोस्त रायसेन किले की यात्रा पर निकलते हैं और बापसी में रात का खाना भोपाल से बीस किलोमीटर पहले एक ढाबे में करने का प्लान बना कर रायसेन से चलते हैं। पर ढाबे स...

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गाने मत सुनना नहीं तो... वो आ जाएगी By भारती भानु

वो शाम का समय था जब मैंने वो गीत चलाया था उस गीत का क्या परिणाम हुआ ये जानने के लिए बने रहिये मेरे सतग

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पिशाच.. - 2 - पिशाच के उल्टे पैर By Neerja Pandey

छीटें मारने के बाद भैरवी थोड़े होश में आई। वो डरी सहमी सी बस एक ही चीज बोली जा रही थी "सुनीता आंटी आप मुझे अकेला छोड़ कर मत जाओ।" लेकिन सुनीता के पांच व...

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भूतिया किला By Vishnu Dabhi

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कर्ण पिशाचिनी - 10 By Rahul Haldhar

भाग - 5विवेक की मां भगवान की मूर्ति के सामने से उठ ही नहीं रही हैं । केवल गुरु महाराज शांत व स्थिर हैं ।अंत में सभी को आश्चर्य करते हुए रात में लगभग साढ़े ती...

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बॉर्डर पर भूत By Mohit Trendster

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मोतीमहल--(अन्तिम भाग) By Saroj Verma

कुछ ही देर में कमलनयनी ने खाना तैयार कर लिया और रणजीत से बोली___ चलो खाना तैयार है!! जी नहीं! मैं अकेले थोड़े ही खाऊँगा,तुम भी खाओ तभी अच्छा लगेगा,रणजीत बोला।। पहले तुम खा लो,बाद मे...

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मुख्य राजमार्ग पर एक फ्लैट! By Keyur Patel

यह पुरानी इमारतों के पीछे स्थित एक फ्लैट है, जिसके आसपास कोई भी व्यक्ति नहीं रहता है। यह बरगद की पेड़ की शाखाओं से ढका हुआ है, एक अंधेरे में जहाँ आप कुत्तों के भौंकने की आवाज़ सुन...

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प्रेत का घर By Satish Thakur

अब से लगभग तीस साल पहले सन 1990 की बात है मध्यप्रदेश के एक छोटे से कस्वे में जहाँ नर्मदा के पानी का कल-कल करता मधुर संगीत अनवरत अपनी गति से बहता रहता है। उसी छोटे से कस्वे में इंद्...

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हा ये चाँदनी है इस्का नाम चाँदनी है और इस बेचारी का इक ही सपना था और वो है प्यार पर ऊपरवाले को ये तक नही देखा गया और उपर बुला लिया चाँदनी उठो अब आंटी जी क्या करेंगे किसके भरोशे रहे...

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माँ का उन्माद By Deepak sharma

मानस दर्शन की एक व्याख्या के अनुसार बाल स्मृतियाँ हमारे अवचेतन के भंडार में संचित रहती हैं और यदा-कदा हमारे सपनों में आन प्रकट होती हैं, उनके केंद्र में रही घटनाएँ बेशक परिधि् पर च...

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रॉयल फ्लैट रहस्य - 6 - अंतिम By Rahul Haldhar

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नौ तेरह बाईस By Deepak sharma

“मैं निझावन बोल रहा हूं, सर” मेरे मोबाइल के दूसरी तरफ मेरे बॉस हैं, मेरे जिले के एस.पी। अपनी आई.पी.एस के अंतर्गत। जबकि मेरी प्रदेशीय पुलिस सेवा में मेरी तैनाती यहां के...

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डरना पडेगा By Mehul Pasaya

डरना पडेगा " नही नही ये था क्यानमश्कार दोस्तो तो हम लेके आये हे एक नई कहानी पर इस कहानी मे डरावना रहश्य होगा बहुत सारे ऐसे मोमेंट होंगे जिसमे शॉक होने वाली बात भी होगी " अब आगे......

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शापित कब्रिस्तान By Akash Saxena "Ansh"

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वो रात! By BRIJESH PREM GOPINATH

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मृत्यु भोग - 6 - अंतिम By Rahul Haldhar

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दमबाज By Deepak sharma

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सीटी By Deepak sharma

“वौल्ट” (फलांग भरो) मां अपनी सीटी बजाती हैं। स्कूल का लाट मेरे सामने है। लगभग पैंतालीस मीटर की दूरी पर। “कैरी” (थाम लो), अपनी दूसरी सीटी के साथ लाट के बुर्ज...

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कबीर मुक्त द्वार संकरा... By Deepak sharma

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