hindi Best Fiction Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Fiction Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cu...Read More


Languages
Categories
Featured Books
  • वंश - भाग 4

    चार सुष्मिताजी घर के सारे कार्य निपटाकर बत्तियाँ बुझाकर जब अपने बेडरूम में जाकर...

  • नक़ल या अक्ल - 20

    20 सच   राधा ने जब देखा कि दोपहर को सब सोए हुए हैं तो उसने एक सेकंड भी बर्बाद कर...

  • प्यार हुआ चुपके से - भाग 26

    शिव को देखकर अरूण अभी भी बुत बने खड़े थे। उन्हें अपनी आंखों पर यकीन नही हो रहा थ...

द्वारावती - 34 By Vrajesh Shashikant Dave

34घर से जब गुल निकली तो रात्रि का अंतिम प्रहर अपने अंतकाल में था। “इतने अंधकार में कहाँ जा रही हो? प्रतिदिन जिस समय तुम समुद्र तट पर जाती हो वह समय आने में अभी समय है।” गुल के पिता...

Read Free

स्वयंवधू - 8 By Sayant

कैसा लगेगा जब तुम्हें पता चलेगा कि तुम्हारे कमरे में कैमरे लगाए गए हो? यही हुआ मेरे साथ। मेरे कमरे में कैमरा कब लगा, कैसे लगा पता नहीं। पूल में लगभग धकेले के बाद कैमरे में कैद होना...

Read Free

बड़ी माँ - भाग 4 By Kishore Sharma Saraswat

4 रातभर मुरली को बेचैनी रही। उसे नींद नहीं आ रही थी। सारी रात उसके मन में यही उधेड़-बुन चलती रही कि इस लड़के का क्या किया जाए? यदि कहीं इसके घर वालों को पता चल गया तो ये हाथ से चला ज...

Read Free

साँसत में काँटे - भाग 3 By Pradeep Shrivastava

भाग -3 उसके अब्बा ने कहा, “हमारा परिवार पाँचों वक़्त का नमाज़ी है। अल्लाह के ही बताए रास्ते पर चलता है, मज़हब के लिए ख़ानदान के कई लोग अपनी क़ुर्बानी दे चुके हैं।” लेकिन दहश...

Read Free

फादर्स डे - 78 By Praful Shah

लेखक: प्रफुल शाह खण्ड 78 सोमवार 13/02/2017 सूर्यकान्त भांडेपाटील की सुबह रोज की आदत के मुताबिक अखबार और चाय के कप के साथ हुई। उसकी खोजी नजरें खबरों के महासागर में से कोने में दबी छ...

Read Free

वंश - भाग 4 By Prabodh Kumar Govil

चार सुष्मिताजी घर के सारे कार्य निपटाकर बत्तियाँ बुझाकर जब अपने बेडरूम में जाकर बिस्तर पर लेटीं, उस समय उनका अनुमान था कि लेटते ही नींद आ जायेगी। लेकिन शरीर के जरा से आराम में आ जा...

Read Free

Shadow Of The Packs - 1 By Vijay Sanga

इस कहानी की शुरुवात होती है एक घनी अंधेरी रात से, जहाँ एक आदमी बड़ी तेजी से जंगल के अंदर वाले रास्ते पर चला जा रहा था। अचानक से उसे कुछ आहट सुनाई दी। उसने इधर उधर देखा पर उसे कुछ द...

Read Free

नक़ल या अक्ल - 20 By Swati

20 सच   राधा ने जब देखा कि दोपहर को सब सोए हुए हैं तो उसने एक सेकंड भी बर्बाद करना ठीक नहीं समझा और अपनी  छोटी  बहन  सुमित्रा को  किसी सहली से मिलने का बोलकर घर से निकल गई।  बड़ी  स...

Read Free

उन्हीं रास्तों से गुज़रते हुए - भाग 16 By Neerja Hemendra

भाग 16 आज सुबह से अभय से कोई बात नही हुई मेरी। उसे चाय देने से लेकर घर के सभी कार्य कर मैं घर से कार्यालय के लिए निकली हूँ। बस की खिडकी के पास बैठी मैं बाहर के दृश्य देेख रही हूँ।...

Read Free

फ़ाइनल डिसीज़न - भाग 3 By Pradeep Shrivastava

भाग -3 ब्रेस्ट में पेन की बात सुनकर गार्गी काफ़ी चिंतित हो उठी। उसने बेटी से काफ़ी विस्तार से एक-एक बात पूछनी शुरू कर दी। बेटी ने भी शुरूआती संकोच के बाद सारी बातें बता दीं। गार्गी न...

Read Free

प्यार हुआ चुपके से - भाग 26 By Kavita Verma

शिव को देखकर अरूण अभी भी बुत बने खड़े थे। उन्हें अपनी आंखों पर यकीन नही हो रहा था, कि शिव उनके सामने खड़ा है। शिव उनके पास आया, तो वो बिना कुछ कहे उसे एकटक देखने लगे, पर फिर उन्हों...

Read Free

वो मस्ताना बादल By Pradeep Shrivastava

प्रदीप श्रीवास्तव कोविड-१९ महामारी से दुनिया में लाखों की संख्या में हो रही मौतें भी उन्हें नहीं डरा पाईं थीं। मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी-टेक थे। नौकरी में रुचि नहीं थी। आर्ट्स कॉ...

Read Free

फागुन के मौसम - भाग 27 By शिखा श्रीवास्तव

सुबह के साढ़े चार बज रहे थे जब राघव के मोबाइल की घंटी बजी। उसने हड़बड़ाते हुए मोबाइल उठाकर देखा तो उसकी स्क्रीन पर जानकी का नाम फ़्लैश हो रहा था। "हाँ जानकी, क्या हुआ? सब ठीक तो है?...

Read Free

रिबर्थ ऑफ़ डेविल - 4 By Sanju

अब तक पढ़ा.....यामिनी - हो रही है मिना जाकर बुलाकर लाओ. आगे आप सब पढ़े......मिना केयर टेकर है जो बहुत सालो से काम करती थी {याँ कह लीजिये घर का सदस्य का अहम हिस्सा है।तोड़ी देर बाद.......

Read Free

शोहरत का घमंड - 86 By shama parveen

आर्यन की कॉल देख कर आलिया को बहुत ही गुस्सा आता है मगर वो मजबूरी में उसकी कॉल लेती हैं।तब आर्यन बोलता है, "सारी तैयारी हो गई है ना तुम्हारी कल के लिए"।तब आलिया गुस्से में बोलती है,...

Read Free

दादा जी के साथ घर आयी चुड़ैल By Tarun Sachan

आज जो मै आपको किस्सा सुनाने जा रहा हु वो मेरे दादाजी के साथ हुआ था | दिसम्बर के कड़ी ठंड का समय था घना कोहरा छाया था | दादाजी शहर में क्लर्क थे उस दिन सारे लोग जल्दी कार्यालय का सार...

Read Free

द्वारावती - 34 By Vrajesh Shashikant Dave

34घर से जब गुल निकली तो रात्रि का अंतिम प्रहर अपने अंतकाल में था। “इतने अंधकार में कहाँ जा रही हो? प्रतिदिन जिस समय तुम समुद्र तट पर जाती हो वह समय आने में अभी समय है।” गुल के पिता...

Read Free

स्वयंवधू - 8 By Sayant

कैसा लगेगा जब तुम्हें पता चलेगा कि तुम्हारे कमरे में कैमरे लगाए गए हो? यही हुआ मेरे साथ। मेरे कमरे में कैमरा कब लगा, कैसे लगा पता नहीं। पूल में लगभग धकेले के बाद कैमरे में कैद होना...

Read Free

बड़ी माँ - भाग 4 By Kishore Sharma Saraswat

4 रातभर मुरली को बेचैनी रही। उसे नींद नहीं आ रही थी। सारी रात उसके मन में यही उधेड़-बुन चलती रही कि इस लड़के का क्या किया जाए? यदि कहीं इसके घर वालों को पता चल गया तो ये हाथ से चला ज...

Read Free

साँसत में काँटे - भाग 3 By Pradeep Shrivastava

भाग -3 उसके अब्बा ने कहा, “हमारा परिवार पाँचों वक़्त का नमाज़ी है। अल्लाह के ही बताए रास्ते पर चलता है, मज़हब के लिए ख़ानदान के कई लोग अपनी क़ुर्बानी दे चुके हैं।” लेकिन दहश...

Read Free

फादर्स डे - 78 By Praful Shah

लेखक: प्रफुल शाह खण्ड 78 सोमवार 13/02/2017 सूर्यकान्त भांडेपाटील की सुबह रोज की आदत के मुताबिक अखबार और चाय के कप के साथ हुई। उसकी खोजी नजरें खबरों के महासागर में से कोने में दबी छ...

Read Free

वंश - भाग 4 By Prabodh Kumar Govil

चार सुष्मिताजी घर के सारे कार्य निपटाकर बत्तियाँ बुझाकर जब अपने बेडरूम में जाकर बिस्तर पर लेटीं, उस समय उनका अनुमान था कि लेटते ही नींद आ जायेगी। लेकिन शरीर के जरा से आराम में आ जा...

Read Free

Shadow Of The Packs - 1 By Vijay Sanga

इस कहानी की शुरुवात होती है एक घनी अंधेरी रात से, जहाँ एक आदमी बड़ी तेजी से जंगल के अंदर वाले रास्ते पर चला जा रहा था। अचानक से उसे कुछ आहट सुनाई दी। उसने इधर उधर देखा पर उसे कुछ द...

Read Free

नक़ल या अक्ल - 20 By Swati

20 सच   राधा ने जब देखा कि दोपहर को सब सोए हुए हैं तो उसने एक सेकंड भी बर्बाद करना ठीक नहीं समझा और अपनी  छोटी  बहन  सुमित्रा को  किसी सहली से मिलने का बोलकर घर से निकल गई।  बड़ी  स...

Read Free

उन्हीं रास्तों से गुज़रते हुए - भाग 16 By Neerja Hemendra

भाग 16 आज सुबह से अभय से कोई बात नही हुई मेरी। उसे चाय देने से लेकर घर के सभी कार्य कर मैं घर से कार्यालय के लिए निकली हूँ। बस की खिडकी के पास बैठी मैं बाहर के दृश्य देेख रही हूँ।...

Read Free

फ़ाइनल डिसीज़न - भाग 3 By Pradeep Shrivastava

भाग -3 ब्रेस्ट में पेन की बात सुनकर गार्गी काफ़ी चिंतित हो उठी। उसने बेटी से काफ़ी विस्तार से एक-एक बात पूछनी शुरू कर दी। बेटी ने भी शुरूआती संकोच के बाद सारी बातें बता दीं। गार्गी न...

Read Free

प्यार हुआ चुपके से - भाग 26 By Kavita Verma

शिव को देखकर अरूण अभी भी बुत बने खड़े थे। उन्हें अपनी आंखों पर यकीन नही हो रहा था, कि शिव उनके सामने खड़ा है। शिव उनके पास आया, तो वो बिना कुछ कहे उसे एकटक देखने लगे, पर फिर उन्हों...

Read Free

वो मस्ताना बादल By Pradeep Shrivastava

प्रदीप श्रीवास्तव कोविड-१९ महामारी से दुनिया में लाखों की संख्या में हो रही मौतें भी उन्हें नहीं डरा पाईं थीं। मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी-टेक थे। नौकरी में रुचि नहीं थी। आर्ट्स कॉ...

Read Free

फागुन के मौसम - भाग 27 By शिखा श्रीवास्तव

सुबह के साढ़े चार बज रहे थे जब राघव के मोबाइल की घंटी बजी। उसने हड़बड़ाते हुए मोबाइल उठाकर देखा तो उसकी स्क्रीन पर जानकी का नाम फ़्लैश हो रहा था। "हाँ जानकी, क्या हुआ? सब ठीक तो है?...

Read Free

रिबर्थ ऑफ़ डेविल - 4 By Sanju

अब तक पढ़ा.....यामिनी - हो रही है मिना जाकर बुलाकर लाओ. आगे आप सब पढ़े......मिना केयर टेकर है जो बहुत सालो से काम करती थी {याँ कह लीजिये घर का सदस्य का अहम हिस्सा है।तोड़ी देर बाद.......

Read Free

शोहरत का घमंड - 86 By shama parveen

आर्यन की कॉल देख कर आलिया को बहुत ही गुस्सा आता है मगर वो मजबूरी में उसकी कॉल लेती हैं।तब आर्यन बोलता है, "सारी तैयारी हो गई है ना तुम्हारी कल के लिए"।तब आलिया गुस्से में बोलती है,...

Read Free

दादा जी के साथ घर आयी चुड़ैल By Tarun Sachan

आज जो मै आपको किस्सा सुनाने जा रहा हु वो मेरे दादाजी के साथ हुआ था | दिसम्बर के कड़ी ठंड का समय था घना कोहरा छाया था | दादाजी शहर में क्लर्क थे उस दिन सारे लोग जल्दी कार्यालय का सार...

Read Free