hindi Best Fiction Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Fiction Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cu...Read More


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द्वारावती - 39 By Vrajesh Shashikant Dave

39मंदिर से पूर्व ही एक श्रद्धालु ने केशव को रोक लिया। “बेटे, तुम ब्राह्मण हो?”“हाँ। किन्तु आपको संदेह क्यूँ है?”“क्यों कि यह पीताम्बर आदि परिधान मैंने अन्य व्यक्तियों में भी देखा ह...

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युवा किंतु मजबूर - पार्ट 2 By Lalit Kishor Aka Shitiz

चुनाव का नतीजा आ चुका था, खाने के पैकेट और मोबाइल बांटने वाली पार्टी जो सत्ता में थी, उसे हार का सामना करना पड़ा। विपक्षी दल ने मंदिर और धर्मस्थलों के नाम पर वोट बटोर कर अपनी सरकार...

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ताश का आशियाना - भाग 43 By Rajshree

एक बनाया गया चक्रव्यूह एक वक्र(curve) जो कहीं जाकर रुक ही नहीं रहा था और बीचो बीच बनाया गया एक बिंदु।उस डूडल के नीचे लिखा गया था, चक्रव्यूह में फंसा अर्जुन। तीन राक्षस जिनके बड़े ब...

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Shadow Of The Packs - 5 By Vijay Sanga

तान्या और उसकी दोस्त के वहां से जाने का बाद, विक्रांत भी कैंटीन से जाने ही वाला था की तभी वहां सुप्रिया आ जाती है। “अरे अचानक कहां चल दिए? अभी तो मैं आई हूं और तुम जा रहे हो! क्या...

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प्यार हुआ चुपके से - भाग 29 By Kavita Verma

शिव और अजय ने रति को ओंकारेश्वर के हर मन्दिर में तलाशा, पर उन्हें रति कहीं नही मिली। थककर शिव नर्मदा नदी के किनारे एक घाट पर आकर बैठ गया। तभी अजय दो दोने लेकर वहां आया और शिव की बग...

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रुबिका के दायरे - भाग 4 (अंतिम भाग) By Pradeep Shrivastava

भाग -4 “भ्रम फैला भी लेकिन लाचित ने अपनी बुद्धिमत्ता, रण-कौशल से ब्रह्मपुत्र नदी युद्ध में भी मुग़ल सेना को कुचल कर रख दिया। मुग़लों ने हार मानते हुए लिखा ‘महाराज की जय ह...

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फागुन के मौसम - भाग 31 By शिखा श्रीवास्तव

गोरखपुर पहुँचने के बाद जब राघव और जानकी खाना खाने के लिए रुके तब राघव ने तारा को फ़ोन किया। "क्या हाल-चाल है मैनेज़र मैडम?" "सब ठीक है बॉस। आप बताइये कहाँ हैं आप?" "मैं तो गोरखपुर मे...

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बड़ी माँ - भाग 8 By Kishore Sharma Saraswat

8 राम आसरी का समय अब बहुत अच्छी तरह से व्यतीत होने लगा था। सारा दिन घर के कामों में व्यस्त रहती। शाम को मुन्ना के साथ बैठकर बहुत देर तक बतियाती। न खाने की चिंता थी और न पहनने की। र...

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तू भी सताया जायेगा ! - भाग - 3 By Shalini Chaudhary

जय श्री कृष्णा ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने,प्रणतः क्लेश नाशाय गोविंदाय नमो नमः।हे फैमिली आशा है की आप सब को मेरा ये नया प्रयास पसंद आ रहा होगा। कहानी के हर मोड़ का मजा ले, औ...

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रिबर्थ ऑफ़ डेविल - 7 By Sanju

क्लास में अभी सब एक दूसरे से बातें कर रहे थे कि तभी अचानक से साइलेंट हो जाता है।परी - अचानक साइलेंट क्यों हो गया?.मोहित - प्रोफेसर जो वापस आ गए हैं परी ने कहा आई जो मैंने उनके कार...

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जेहादन - भाग 4 By Pradeep Shrivastava

भाग -4 वह ऐसे बोलती चली जा रही थी, जैसे बहुत दिन से भरी बैठी थी और उसे छेड़ दिया गया। निखत और खुदेजा ने कल्पना भी नहीं की थी कि वह इतना कुछ जानती ही नहीं बल्कि बोलेगी भी। दोनों अंदर...

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वंश - भाग 8 By Prabodh Kumar Govil

आठ उस दिन की गोष्ठी के बाद आयोजकों और अन्य विशिष्ट व्यक्तियों के बीच सुष्मिताजी का स्वागत जिस गर्मजोशी से हुआ, उससे वे पुलकित हो गईं। गिरधर, जिसने इस समारोह के लिए सुष्मिताजी पर वि...

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नक़ल या अक्ल - 24 By Swati

24 जान पहचान   किशोर राधा राधा  चिल्ला रहा है I  तभी उसे नन्हें ने नींद से जगाते  हुए कहा,  “भाई  क्या हुआ  ? उठो! सब ठीक  तो है न? “  किशोर एकदम से उठ गया I उसने माथे  पर पसीना झल...

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उन्हीं रास्तों से गुज़रते हुए - भाग 20 By Neerja Hemendra

भाग 20 " तुम्हारे लक्षण ठीक नही है। इन्द्रेश के जाने के बाद तुम हमारे वश में नही हो। मनमौजी हो गयी हो। तुम हमारे घर में नही रह सकती। हमारा घर तुरन्त खाली करो । हमारा तुमसे कोई नाता...

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गैंगस्टर का सनकी इश्क - 6 By Sanju

मुंबई......हेडकॉटर पुलिस स्टेसन......एक बड़े से रुम के अंदर प्रोजेक्टर चल रहे थे तस्वीर.... 'एक पुलिस ऑफिस था जिसका नाम आकाश मितल था' वो अपने साथियो से कह रहा था आप देख सकते...

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स्वयंवधू - 9 By Sayant

मैं इतना भयभीत हो गयी थी कि, "क..क-क...ब...", मेरे शब्द निकल नहीं रहे थे। ऐसा था जैसे किसीने मेरी ज़बान सिल दी थी।"चिंता मत करो हमने पूरी रात जाँच-पड़ताल की। यह कैमरे और माइक्रोफोन...

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शोहरत का घमंड - 88 By shama parveen

आलिया कोर्ट से बाहर आ कर बैंच पर बैठ जाती हैं। तभी आर्यन वहा पर आ कर बोलता है, "अब क्या हुआ तुम्हे, अब किस बात का मातम मना रही हो ??????तब आलिया बोलती है, "अपनी शादी का मातम मना रह...

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कहन - सुनन By Deepak sharma

सितम्बर का दूसरा शनिवार है। माँ और बाबूजी के कमरे में बिस्तर के बगल में बैठी बहन माँ से कह रही है, ’’इस मालिश और व्यायाम से आप बहुत जल्दी फिर से पहले की तरह नहाने लगेंग...

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बेदर्दी तेरे प्यार की - भाग 2 By Aarushi Thakur

जय श्री राम अब आगेरोते रोते अमयारा वही बेड पर सिकुड कर भारी भरकम लहंगे में ही सो जाती है थोड़ी देर के बाद सिद्धार्थ फ्रेश हो कर बाहर आता है। तब तक अमयरा सो गई थी।सिद्धार्थ जब भी अम...

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फादर्स डे - 79 By Praful Shah

लेखक: प्रफुल शाह खण्ड 79 मंगलवार 14/02/2017 डॉक्यू-नॉवेल ‘दृश्यम अदृश्यम’ प्रकरण अंतिम चरण में है। इसके वास्तविक पात्रो की जीवन यात्रा निरंतर बढ़ती रहेगी। कथा-प्रवाह को...

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मैं तो ओढ चुनरिया - 59 By Sneh Goswami

  मैं तो ओढ चुनरिया    59       एक तो नया शहर , ऊपर से नया घर , नया माहौल , नये लोग और इस तरह का अकेलापन । मन बुरी तरह से घबरा रहा था । कोई तो आए जिसकी आवाज कानों में सुनाई पङे । ब...

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द्वारावती - 39 By Vrajesh Shashikant Dave

39मंदिर से पूर्व ही एक श्रद्धालु ने केशव को रोक लिया। “बेटे, तुम ब्राह्मण हो?”“हाँ। किन्तु आपको संदेह क्यूँ है?”“क्यों कि यह पीताम्बर आदि परिधान मैंने अन्य व्यक्तियों में भी देखा ह...

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युवा किंतु मजबूर - पार्ट 2 By Lalit Kishor Aka Shitiz

चुनाव का नतीजा आ चुका था, खाने के पैकेट और मोबाइल बांटने वाली पार्टी जो सत्ता में थी, उसे हार का सामना करना पड़ा। विपक्षी दल ने मंदिर और धर्मस्थलों के नाम पर वोट बटोर कर अपनी सरकार...

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ताश का आशियाना - भाग 43 By Rajshree

एक बनाया गया चक्रव्यूह एक वक्र(curve) जो कहीं जाकर रुक ही नहीं रहा था और बीचो बीच बनाया गया एक बिंदु।उस डूडल के नीचे लिखा गया था, चक्रव्यूह में फंसा अर्जुन। तीन राक्षस जिनके बड़े ब...

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Shadow Of The Packs - 5 By Vijay Sanga

तान्या और उसकी दोस्त के वहां से जाने का बाद, विक्रांत भी कैंटीन से जाने ही वाला था की तभी वहां सुप्रिया आ जाती है। “अरे अचानक कहां चल दिए? अभी तो मैं आई हूं और तुम जा रहे हो! क्या...

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प्यार हुआ चुपके से - भाग 29 By Kavita Verma

शिव और अजय ने रति को ओंकारेश्वर के हर मन्दिर में तलाशा, पर उन्हें रति कहीं नही मिली। थककर शिव नर्मदा नदी के किनारे एक घाट पर आकर बैठ गया। तभी अजय दो दोने लेकर वहां आया और शिव की बग...

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रुबिका के दायरे - भाग 4 (अंतिम भाग) By Pradeep Shrivastava

भाग -4 “भ्रम फैला भी लेकिन लाचित ने अपनी बुद्धिमत्ता, रण-कौशल से ब्रह्मपुत्र नदी युद्ध में भी मुग़ल सेना को कुचल कर रख दिया। मुग़लों ने हार मानते हुए लिखा ‘महाराज की जय ह...

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फागुन के मौसम - भाग 31 By शिखा श्रीवास्तव

गोरखपुर पहुँचने के बाद जब राघव और जानकी खाना खाने के लिए रुके तब राघव ने तारा को फ़ोन किया। "क्या हाल-चाल है मैनेज़र मैडम?" "सब ठीक है बॉस। आप बताइये कहाँ हैं आप?" "मैं तो गोरखपुर मे...

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बड़ी माँ - भाग 8 By Kishore Sharma Saraswat

8 राम आसरी का समय अब बहुत अच्छी तरह से व्यतीत होने लगा था। सारा दिन घर के कामों में व्यस्त रहती। शाम को मुन्ना के साथ बैठकर बहुत देर तक बतियाती। न खाने की चिंता थी और न पहनने की। र...

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तू भी सताया जायेगा ! - भाग - 3 By Shalini Chaudhary

जय श्री कृष्णा ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने,प्रणतः क्लेश नाशाय गोविंदाय नमो नमः।हे फैमिली आशा है की आप सब को मेरा ये नया प्रयास पसंद आ रहा होगा। कहानी के हर मोड़ का मजा ले, औ...

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रिबर्थ ऑफ़ डेविल - 7 By Sanju

क्लास में अभी सब एक दूसरे से बातें कर रहे थे कि तभी अचानक से साइलेंट हो जाता है।परी - अचानक साइलेंट क्यों हो गया?.मोहित - प्रोफेसर जो वापस आ गए हैं परी ने कहा आई जो मैंने उनके कार...

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जेहादन - भाग 4 By Pradeep Shrivastava

भाग -4 वह ऐसे बोलती चली जा रही थी, जैसे बहुत दिन से भरी बैठी थी और उसे छेड़ दिया गया। निखत और खुदेजा ने कल्पना भी नहीं की थी कि वह इतना कुछ जानती ही नहीं बल्कि बोलेगी भी। दोनों अंदर...

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वंश - भाग 8 By Prabodh Kumar Govil

आठ उस दिन की गोष्ठी के बाद आयोजकों और अन्य विशिष्ट व्यक्तियों के बीच सुष्मिताजी का स्वागत जिस गर्मजोशी से हुआ, उससे वे पुलकित हो गईं। गिरधर, जिसने इस समारोह के लिए सुष्मिताजी पर वि...

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नक़ल या अक्ल - 24 By Swati

24 जान पहचान   किशोर राधा राधा  चिल्ला रहा है I  तभी उसे नन्हें ने नींद से जगाते  हुए कहा,  “भाई  क्या हुआ  ? उठो! सब ठीक  तो है न? “  किशोर एकदम से उठ गया I उसने माथे  पर पसीना झल...

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भाग 20 " तुम्हारे लक्षण ठीक नही है। इन्द्रेश के जाने के बाद तुम हमारे वश में नही हो। मनमौजी हो गयी हो। तुम हमारे घर में नही रह सकती। हमारा घर तुरन्त खाली करो । हमारा तुमसे कोई नाता...

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गैंगस्टर का सनकी इश्क - 6 By Sanju

मुंबई......हेडकॉटर पुलिस स्टेसन......एक बड़े से रुम के अंदर प्रोजेक्टर चल रहे थे तस्वीर.... 'एक पुलिस ऑफिस था जिसका नाम आकाश मितल था' वो अपने साथियो से कह रहा था आप देख सकते...

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स्वयंवधू - 9 By Sayant

मैं इतना भयभीत हो गयी थी कि, "क..क-क...ब...", मेरे शब्द निकल नहीं रहे थे। ऐसा था जैसे किसीने मेरी ज़बान सिल दी थी।"चिंता मत करो हमने पूरी रात जाँच-पड़ताल की। यह कैमरे और माइक्रोफोन...

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शोहरत का घमंड - 88 By shama parveen

आलिया कोर्ट से बाहर आ कर बैंच पर बैठ जाती हैं। तभी आर्यन वहा पर आ कर बोलता है, "अब क्या हुआ तुम्हे, अब किस बात का मातम मना रही हो ??????तब आलिया बोलती है, "अपनी शादी का मातम मना रह...

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सितम्बर का दूसरा शनिवार है। माँ और बाबूजी के कमरे में बिस्तर के बगल में बैठी बहन माँ से कह रही है, ’’इस मालिश और व्यायाम से आप बहुत जल्दी फिर से पहले की तरह नहाने लगेंग...

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बेदर्दी तेरे प्यार की - भाग 2 By Aarushi Thakur

जय श्री राम अब आगेरोते रोते अमयारा वही बेड पर सिकुड कर भारी भरकम लहंगे में ही सो जाती है थोड़ी देर के बाद सिद्धार्थ फ्रेश हो कर बाहर आता है। तब तक अमयरा सो गई थी।सिद्धार्थ जब भी अम...

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फादर्स डे - 79 By Praful Shah

लेखक: प्रफुल शाह खण्ड 79 मंगलवार 14/02/2017 डॉक्यू-नॉवेल ‘दृश्यम अदृश्यम’ प्रकरण अंतिम चरण में है। इसके वास्तविक पात्रो की जीवन यात्रा निरंतर बढ़ती रहेगी। कथा-प्रवाह को...

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मैं तो ओढ चुनरिया - 59 By Sneh Goswami

  मैं तो ओढ चुनरिया    59       एक तो नया शहर , ऊपर से नया घर , नया माहौल , नये लोग और इस तरह का अकेलापन । मन बुरी तरह से घबरा रहा था । कोई तो आए जिसकी आवाज कानों में सुनाई पङे । ब...

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