hindi Best Fiction Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Fiction Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cu...Read More


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नक़ल या अक्ल - 51 By Swati

51 न्याय      रिमझिम की आँखे भी आसुँओ  से तर हो गई, उसने अपने आँसू  पोंछते हुए सवाल किया,   इसका  मतलब मेरी माँ को न्याय  नहीं मिला?   अब इन सब बातों का क्या फायदा, मैं तो हरो रोज़...

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रावी की लहरें - भाग 12 By Sureshbabu Mishra

बचपन की होली   उस समय मैं बदायूँ नगर के एस. के. इण्टर कालेज में फस्ट ईयर में पढ़ रहा था। कालेज में होली की छुट्टियाँ हो गई थी, और मैं होली मनाने गाँव आ गया था। उन दिनों होली क...

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Shadow Of The Packs - 20 By Vijay Sanga

पृथ्वीराज की बात सुनकर रूक्मणी उसकी बात समझने के बजाय और गुस्से मे आ गई। “आपने विक्रांत को ये तो बता दिया की इस लड़की को ठीक किया जा सकता है! पर तुमने विक्रांत को ये बताया की इस लड...

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स्वयंवधू - 17 By Sayant

डांसिंग स्टूडियो के पार्किंग स्थल पर-अब मैं अरबपति, वृषा बिजलानी के ठीक बगल में चल रही थी तब मुझे हमारे बीच कि वास्तविकता का अहसास फिर से हुआ। मैं कितना भी कमाने की कोशिश कर लूँ, म...

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पथरीले कंटीले रास्ते - 22 By Sneh Goswami

पथरीले कंटीले रास्ते    22   इंतजार को कातिल और कयामत किसी ने ऐसे ही नहीं कहा । इंतजार की घङियाँ बङी सुस्त होती हैं । इतना धीरे चलती हैं कि कभी खत्म होने में ही नहीं आती । जिसको कि...

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पीहर By prabha pareek

पीहरसुबह बाबुजी का फोन आया ,मां के जाने के बाद बाबुजी के बस एक आध ही तो फोन आये थे ।. आज उन्होंने बिना किसी लाग लपेट के बड़ी गंभीर आवाज में कहा था ’’जाकर घर संभाल आना, जो सामान ठिका...

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एमी - भाग 5 (अंतिम भाग) By Pradeep Shrivastava

भाग -5 मगर इस डिसीज़न ने मेरे कॅरियर पर बहुत बुरा प्रभाव डाला। मदर से एक लंबे गैप या यह कहें कि ना के बराबर कम्युनिकेशन होने, इमोशनल रिश्ते के कमज़ोर से धागे से जुड़े होने के कारण मेर...

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दिवाकर : दी फादर - भाग 1 By Lalit Kishor Aka Shitiz

सुबह सुबह रसोई से पराठों की खुशबू आ रही है और दीवाकर जी मंदिर में गायत्री मंत्र का पाठ कर रहे हैं। मगर सुमित्रा जी के पराठों की महक उनके नाक में घर करने लगी...... तभी पायल चिल्लाते...

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मैं तो ओढ चुनरिया - 61 By Sneh Goswami

  मैं तो ओढ चुनरिया    61 ग्यारह बजे से दोपहर हुई फिर शाम हो गई । पूरा दिन इंतजार करते करते बीत गया । धीरे धीरे अंधेरा छाने लगा । रात उतर आई पर अभी तक जरनैल का कोई पता न था । किससे...

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फिर मिलेंगे By S Sinha

                                                                                 कहानी - फिर मिलेंगे        बरसात  के मौसम में एक दिन बोकारो स्टील सिटी स्टेशन पर नयी दिल्ली जाने वा...

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सदफ़िया मंज़िल - भाग 4 (अंतिम भाग) By Pradeep Shrivastava

भाग -4 “इसी बीच एक दिन, एक दल्ला, एक ग्राहक रणजीत बख्स सिंह को लेकर इनके पास आया। यह आज भी उसका नाम भूली नहीं हैं। ज़हूरन के जाने के बाद से ही इन्होंने किसी ग्राहक के साथ सोना...

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बियोंड वर्ड्स : अ लव बॉर्न इन साइलेंस - भाग 11 By Dev Srivastava Divyam

   सुबह का समय,   सिद्धांत का घर,   लक्ष्मी सिद्धांत को मारने के लिए उसके पीछे दौड़ पड़ी तो वो तुरंत मिसेज माथुर के पीछे छिप गया । लक्ष्मी वहां गई तो वो दूसरी ओर चला गया । लक्ष्मी...

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ताश का आशियाना - भाग 44 By Rajshree

2 महीने से भी ऊपर का समय बीत चुका था।नारायण जी के हाल पूछे जाने अनुसार सिद्धार्थ किसी भी बात में रुचि नहीं दिखाता।लेकिन मेडिटेशन, उसमे अलग बात थी।सिद्धार्थ का झुकाव अध्यात्म और उसस...

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सत्तर - तीस By dilip kumar

“सत्तर -तीस”बाढ़ का पानी उतरते ही बाढ़ राहत सामग्री बंटने की बारी आ गयी। ग्राम सभा बड़ी थी जिसमें पांच मजरे थे , तीन मजरों में बाढ़ का पानी इतना ज्यादा आया था कि वाही -तबाही जैसे हालात...

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एक छलावे की परछाईं By Abhishek Chaturvedi

 अध्याय 1: अतीत की परछाईंरात के गहरे सन्नाटे में, जब पूरा गाँव नींद की आगोश में था, सूरजगढ़ के पुराने हवेली में एक हलचल थी। हवेली की खिड़कियों से छनकर आती हल्की पीली रोशनी अजीब सा...

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नक़ल या अक्ल - 51 By Swati

51 न्याय      रिमझिम की आँखे भी आसुँओ  से तर हो गई, उसने अपने आँसू  पोंछते हुए सवाल किया,   इसका  मतलब मेरी माँ को न्याय  नहीं मिला?   अब इन सब बातों का क्या फायदा, मैं तो हरो रोज़...

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रावी की लहरें - भाग 12 By Sureshbabu Mishra

बचपन की होली   उस समय मैं बदायूँ नगर के एस. के. इण्टर कालेज में फस्ट ईयर में पढ़ रहा था। कालेज में होली की छुट्टियाँ हो गई थी, और मैं होली मनाने गाँव आ गया था। उन दिनों होली क...

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Shadow Of The Packs - 20 By Vijay Sanga

पृथ्वीराज की बात सुनकर रूक्मणी उसकी बात समझने के बजाय और गुस्से मे आ गई। “आपने विक्रांत को ये तो बता दिया की इस लड़की को ठीक किया जा सकता है! पर तुमने विक्रांत को ये बताया की इस लड...

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स्वयंवधू - 17 By Sayant

डांसिंग स्टूडियो के पार्किंग स्थल पर-अब मैं अरबपति, वृषा बिजलानी के ठीक बगल में चल रही थी तब मुझे हमारे बीच कि वास्तविकता का अहसास फिर से हुआ। मैं कितना भी कमाने की कोशिश कर लूँ, म...

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पथरीले कंटीले रास्ते - 22 By Sneh Goswami

पथरीले कंटीले रास्ते    22   इंतजार को कातिल और कयामत किसी ने ऐसे ही नहीं कहा । इंतजार की घङियाँ बङी सुस्त होती हैं । इतना धीरे चलती हैं कि कभी खत्म होने में ही नहीं आती । जिसको कि...

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पीहर By prabha pareek

पीहरसुबह बाबुजी का फोन आया ,मां के जाने के बाद बाबुजी के बस एक आध ही तो फोन आये थे ।. आज उन्होंने बिना किसी लाग लपेट के बड़ी गंभीर आवाज में कहा था ’’जाकर घर संभाल आना, जो सामान ठिका...

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एमी - भाग 5 (अंतिम भाग) By Pradeep Shrivastava

भाग -5 मगर इस डिसीज़न ने मेरे कॅरियर पर बहुत बुरा प्रभाव डाला। मदर से एक लंबे गैप या यह कहें कि ना के बराबर कम्युनिकेशन होने, इमोशनल रिश्ते के कमज़ोर से धागे से जुड़े होने के कारण मेर...

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दिवाकर : दी फादर - भाग 1 By Lalit Kishor Aka Shitiz

सुबह सुबह रसोई से पराठों की खुशबू आ रही है और दीवाकर जी मंदिर में गायत्री मंत्र का पाठ कर रहे हैं। मगर सुमित्रा जी के पराठों की महक उनके नाक में घर करने लगी...... तभी पायल चिल्लाते...

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  मैं तो ओढ चुनरिया    61 ग्यारह बजे से दोपहर हुई फिर शाम हो गई । पूरा दिन इंतजार करते करते बीत गया । धीरे धीरे अंधेरा छाने लगा । रात उतर आई पर अभी तक जरनैल का कोई पता न था । किससे...

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फिर मिलेंगे By S Sinha

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बियोंड वर्ड्स : अ लव बॉर्न इन साइलेंस - भाग 11 By Dev Srivastava Divyam

   सुबह का समय,   सिद्धांत का घर,   लक्ष्मी सिद्धांत को मारने के लिए उसके पीछे दौड़ पड़ी तो वो तुरंत मिसेज माथुर के पीछे छिप गया । लक्ष्मी वहां गई तो वो दूसरी ओर चला गया । लक्ष्मी...

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2 महीने से भी ऊपर का समय बीत चुका था।नारायण जी के हाल पूछे जाने अनुसार सिद्धार्थ किसी भी बात में रुचि नहीं दिखाता।लेकिन मेडिटेशन, उसमे अलग बात थी।सिद्धार्थ का झुकाव अध्यात्म और उसस...

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सत्तर - तीस By dilip kumar

“सत्तर -तीस”बाढ़ का पानी उतरते ही बाढ़ राहत सामग्री बंटने की बारी आ गयी। ग्राम सभा बड़ी थी जिसमें पांच मजरे थे , तीन मजरों में बाढ़ का पानी इतना ज्यादा आया था कि वाही -तबाही जैसे हालात...

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एक छलावे की परछाईं By Abhishek Chaturvedi

 अध्याय 1: अतीत की परछाईंरात के गहरे सन्नाटे में, जब पूरा गाँव नींद की आगोश में था, सूरजगढ़ के पुराने हवेली में एक हलचल थी। हवेली की खिड़कियों से छनकर आती हल्की पीली रोशनी अजीब सा...

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