hindi Best Fiction Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Fiction Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cu...Read More


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चुनावी वर्ष By bhagirath

  चुनावी वर्ष          यह चुनावी साल है। राजनीतिक हलकों में अफरा-तफरी मची है। अखबार चाटने वाले, टीवी न्यूज से चिपके लोग, बहस-मुबाहिसे में उलझे लोग, चुनावी चर्चा में व्यस्त है। राजन...

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प्यार हुआ चुपके से - भाग 10 By Kavita Verma

रति ने गौरी की हथेली को अपने दोनों हाथों से पकड़ा और बोली- गौरी,कॉलेज में हुई हमारी पहली मुलाकात से लेकर आज तक तूने हर मुश्किल घड़ी में मेरा साथ दिया है इसलिए मैं खुद से ज्यादा तुझ...

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द्वारावती - 12 By Vrajesh Shashikant Dave

12प्रभात के प्रथम प्रहर का अवनी पर आगमन हो रहा था। रात्रि भर उत्सव समुद्र के तट पर ही रहा। उसे ज्ञात ही नहीं रहा कि वह रात्रि भर जागता रहा था। अनिमेष दृष्टि से वह समुद्र को देखता र...

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कर्म से तपोवन तक - भाग 1 By Santosh Srivastav

कथा माधवी गालव की संतोष श्रीवास्तव   माधवी को लिखना मेरे लिए चुनौती था **************** माधवी के बारे में लिखते हुए मैं स्त्री को जी रही थी। स्त्री के अनदेखे पहलुओं को जी रही...

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पथरीले कंटीले रास्ते - 11 By Sneh Goswami

पथरीले कंटीले रास्ते    11   केंद्रीय जेल का पहला फाटक था हरी भरी फुलवारी , रंग बिरंगे गेंदे , गुलाब , डेलिया के फूलों से मह मह करती क्यारियों से सजे मैदान वाला । चारों ओर बिछी हरी...

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अब और सनबर्न नहीं चाहिए - 2 By Neelam Kulshreshtha

एपीसोड ---2 तब दोपहर में मेरी ड्यूटी अस्पताल में रहने की लगी थी । रात में कुसुम मौसी किसी को वहाँ रहने नहीं देती थीं, स्वयं ही वहाँ रहतीं । दोपहर में मैं उनके बिस्तर के सामने बैठकर...

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फागुन के मौसम - भाग 2 By शिखा श्रीवास्तव

अगले दिन जब सुबह की तरोताज़ा हवा के बीच दशाश्वमेध घाट पर राघव की तारा से मुलाकात हुई तब तारा ने उसे बताया कि बैंगलोर में एक कॉलेज है जहाँ गेमिंग डिज़ाइन की पढ़ाई होती है। उसने साइबर...

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चाणक्य और चन्द्रगुप्त By Arvend Kumar Srivastava

  चाणक्य और चन्द्रगुप्त भारत - 362 ईसा पूर्व लगभग  प्राचीन मगध राज्य की राजधानी पाटलिपुत्र (वर्तमान पटना - बिहार प्रांत) के मुख्य चौराहे के एक ओर एक ऊंची दुकान के चबूतरे के नीचे बह...

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साथिया - 79 By डॉ. शैलजा श्रीवास्तव

"बचपन तो सांझ का बहुत अच्छा बीता था क्योंकि उसके मम्मी पापा ने उसे गोद लिया था अपने दोस्त से और वह उसे बहुत प्यार करते थे। पर शायद किस्मत सांझ की उतनी अच्छी नहीं थी कि जब वह पांच य...

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मैं, मेरा सपना और फिर वो By NR Omprakash Saini

मैं, मेरा सपना और फिर वो(शॉर्ट स्टोरी - घर का छोटा बेटा उपन्यास से।)लेखक - एन आर ओमप्रकाश अथक। एक बार एक लड़का होता है। बहुत सीधा सादा, सरल सहभाव, और सुलझा हुआ। अपने सपनो के प्रति...

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अमावस्या में खिला चाँद - 5 By Lajpat Rai Garg

- 5 -         सोमवार को कार्यालय में पहुँचकर प्रवीर कुमार ने ज़रूरी कार्य निपटाए। फिर बजर देकर पी.ए. को बुलाया। हाथ में नोटबुक तथा पैन पकड़े राजेन्द्र तुरन्त उप...

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फादर्स डे - 60 By Praful Shah

लेखक: प्रफुल शाह खण्ड 60 मंगलवार 11/07/2000 सूर्यकान्त को चंद्रकान्त की जुबानी जो कुछ भी सुनने को मिला उस पर उसका भरोसा ही नहीं बैठ रहा था। किस्सा हूबहू संकेत की ही तरह था। अपहरण क...

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भारत की रचना - 8 By Sharovan

भारत की रचना / धारावाहिक आठवाँ भाग रात ढले ज्योति और रचना, दोनों ही अपने कमरे में थीं. सारी लड़कियां भी 'स्टडी' समाप्त हो जाने पश्चात अपने-अपने कमरों में बंद हो चुकी थीं. इस...

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तू ही है आशिकी - भाग 3 By Vijay Sanga

कस्टमर का अपने चाचा को ऐसे चिल्लाने की वजह से अर्जुन को उस कस्टमर पर गुस्सा आने लगा था । अगर उस समय वो कस्टमर वहां पर होता तो अर्जुन उसको जरूर सबक सिखाता ।अर्जुन के चाचा जैसे ही कस...

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ताश का आशियाना - भाग 41 By Rajshree

यह बोलना गलत नहीं होंगा की ऐसा एक दिन नहीं गया होंगा जहा सिद्धार्थ को याद ना किया हो|आदत लग गयी थी सबको उसकी| आदते छुटती थोड़ी है जल्दी|जैसे की तीन की जगह चार लोगो का खाना बनाना, उस...

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आठवां वचन ( एक वादा खुद से) - 4 By डॉ. शैलजा श्रीवास्तव

एक साल पहले मेघना इस घर में ब्याह कर आई थी। अभिषेक की पत्नी बनकर। मन में एक नई उम्मीद और आंखों में ढेर सारे सपने लिए। अभिषेक के मम्मी पापा उसकी बुआ के दूर के रिश्तेदार थे। बुआ की ब...

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व्याधि - भाग 2 By Naresh Bokan Gurjar

व्याधि भाग 2 रमेश और कोमल कस्बे वाले घर में पहुँच चुके थे। यह जगह वाकई बहुत खुबसुरत, शांत और पहाड़ो से घिरी हुई थी। लंबे सफर के कारण दोनों पूरी तरह थक गये थे। चौकिदार ने उनके लिये...

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चुनावी वर्ष By bhagirath

  चुनावी वर्ष          यह चुनावी साल है। राजनीतिक हलकों में अफरा-तफरी मची है। अखबार चाटने वाले, टीवी न्यूज से चिपके लोग, बहस-मुबाहिसे में उलझे लोग, चुनावी चर्चा में व्यस्त है। राजन...

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प्यार हुआ चुपके से - भाग 10 By Kavita Verma

रति ने गौरी की हथेली को अपने दोनों हाथों से पकड़ा और बोली- गौरी,कॉलेज में हुई हमारी पहली मुलाकात से लेकर आज तक तूने हर मुश्किल घड़ी में मेरा साथ दिया है इसलिए मैं खुद से ज्यादा तुझ...

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द्वारावती - 12 By Vrajesh Shashikant Dave

12प्रभात के प्रथम प्रहर का अवनी पर आगमन हो रहा था। रात्रि भर उत्सव समुद्र के तट पर ही रहा। उसे ज्ञात ही नहीं रहा कि वह रात्रि भर जागता रहा था। अनिमेष दृष्टि से वह समुद्र को देखता र...

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कर्म से तपोवन तक - भाग 1 By Santosh Srivastav

कथा माधवी गालव की संतोष श्रीवास्तव   माधवी को लिखना मेरे लिए चुनौती था **************** माधवी के बारे में लिखते हुए मैं स्त्री को जी रही थी। स्त्री के अनदेखे पहलुओं को जी रही...

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पथरीले कंटीले रास्ते - 11 By Sneh Goswami

पथरीले कंटीले रास्ते    11   केंद्रीय जेल का पहला फाटक था हरी भरी फुलवारी , रंग बिरंगे गेंदे , गुलाब , डेलिया के फूलों से मह मह करती क्यारियों से सजे मैदान वाला । चारों ओर बिछी हरी...

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अब और सनबर्न नहीं चाहिए - 2 By Neelam Kulshreshtha

एपीसोड ---2 तब दोपहर में मेरी ड्यूटी अस्पताल में रहने की लगी थी । रात में कुसुम मौसी किसी को वहाँ रहने नहीं देती थीं, स्वयं ही वहाँ रहतीं । दोपहर में मैं उनके बिस्तर के सामने बैठकर...

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फागुन के मौसम - भाग 2 By शिखा श्रीवास्तव

अगले दिन जब सुबह की तरोताज़ा हवा के बीच दशाश्वमेध घाट पर राघव की तारा से मुलाकात हुई तब तारा ने उसे बताया कि बैंगलोर में एक कॉलेज है जहाँ गेमिंग डिज़ाइन की पढ़ाई होती है। उसने साइबर...

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चाणक्य और चन्द्रगुप्त By Arvend Kumar Srivastava

  चाणक्य और चन्द्रगुप्त भारत - 362 ईसा पूर्व लगभग  प्राचीन मगध राज्य की राजधानी पाटलिपुत्र (वर्तमान पटना - बिहार प्रांत) के मुख्य चौराहे के एक ओर एक ऊंची दुकान के चबूतरे के नीचे बह...

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साथिया - 79 By डॉ. शैलजा श्रीवास्तव

"बचपन तो सांझ का बहुत अच्छा बीता था क्योंकि उसके मम्मी पापा ने उसे गोद लिया था अपने दोस्त से और वह उसे बहुत प्यार करते थे। पर शायद किस्मत सांझ की उतनी अच्छी नहीं थी कि जब वह पांच य...

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मैं, मेरा सपना और फिर वो By NR Omprakash Saini

मैं, मेरा सपना और फिर वो(शॉर्ट स्टोरी - घर का छोटा बेटा उपन्यास से।)लेखक - एन आर ओमप्रकाश अथक। एक बार एक लड़का होता है। बहुत सीधा सादा, सरल सहभाव, और सुलझा हुआ। अपने सपनो के प्रति...

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- 5 -         सोमवार को कार्यालय में पहुँचकर प्रवीर कुमार ने ज़रूरी कार्य निपटाए। फिर बजर देकर पी.ए. को बुलाया। हाथ में नोटबुक तथा पैन पकड़े राजेन्द्र तुरन्त उप...

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फादर्स डे - 60 By Praful Shah

लेखक: प्रफुल शाह खण्ड 60 मंगलवार 11/07/2000 सूर्यकान्त को चंद्रकान्त की जुबानी जो कुछ भी सुनने को मिला उस पर उसका भरोसा ही नहीं बैठ रहा था। किस्सा हूबहू संकेत की ही तरह था। अपहरण क...

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भारत की रचना - 8 By Sharovan

भारत की रचना / धारावाहिक आठवाँ भाग रात ढले ज्योति और रचना, दोनों ही अपने कमरे में थीं. सारी लड़कियां भी 'स्टडी' समाप्त हो जाने पश्चात अपने-अपने कमरों में बंद हो चुकी थीं. इस...

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आठवां वचन ( एक वादा खुद से) - 4 By डॉ. शैलजा श्रीवास्तव

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व्याधि - भाग 2 By Naresh Bokan Gurjar

व्याधि भाग 2 रमेश और कोमल कस्बे वाले घर में पहुँच चुके थे। यह जगह वाकई बहुत खुबसुरत, शांत और पहाड़ो से घिरी हुई थी। लंबे सफर के कारण दोनों पूरी तरह थक गये थे। चौकिदार ने उनके लिये...

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