hindi Best Fiction Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Fiction Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cu...Read More


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फागुन के मौसम - भाग 12 By शिखा श्रीवास्तव

शाम में जब यश और तारा राघव से मिलने पहुँचे तब हर्षित भी वहाँ आया हुआ था। हर्षित बार-बार राघव से अपनी भूल के लिए माफ़ी माँगते हुए कह रहा था कि उसने जानबूझकर राघव को भांग वाली ठंडाई...

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नक़ल या अक्ल - 3 By Swati

3 कौन झूलेगा??      बस वाले के ब्रेक लगाते ही चारों बस से उतर गए। सोमेश तो धीरे धीरे गॉंव  की तरफ  बढ़ने लगा, मगर निहाल  वही  रुककर सोनाली  और रिमझिम से बात करने लगा,  सोना ने उसकी...

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फादर्स डे - 68 By Praful Shah

लेखक: प्रफुल शाह खण्ड 68 भारत-भर की निगाहें मुंबई पर टिकी हुई थीं। हिंदू ह्रदय सम्राट शिवसेना सुप्रीमो बालासाहेब ठाकरे की संभावित गिरफ्तारी होगी या नहीं? यदि हो गई तो उसके परिणाम क...

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Falling for my Heart Criminal - 3 By simran

साषी जिसके चेहरे पर शैतानी मुस्कराहट थी वो जोर से हस्ते हुए कहती है ;: मोहब्बत करती थी न तुम उससे , तभी उसे हर बार मजाक करती थी , तुम्हारी मोहब्बत को तो जहनुम मै दिखाउंगी और तुम्हे...

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उन्हीं रास्तों से गुज़रते हुए - भाग 1 By Neerja Hemendra

नीरजा हेमेन्द्र   सम्मान -- उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा प्रदत्त विजयदेव नारायण साही नामित पुरस्कार, शिंगलू स्मृति सम्मान। फणीश्वरनाथ रेणु स्मृति सम्मान। कमलेश्वर कथा सम...

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द्वारावती - 17 By Vrajesh Shashikant Dave

17 किसी ने एकांत में बैठे, समुद्र के ऊपर किसी बिंदु को स्थिर दृष्टि से निहारते उत्सव को कहा।“उत्सव, तुम जिस शिला पर बैठे हो उसी शिला पर ही वह बैठा था। गुल को उसका नाम तब ज्ञात नहीं...

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शोहरत का घमंड - 79 By shama parveen

आलिया बहुत ही घबरा जाती है और रोते रोते ऑफ़िस से चली जाती है।आर्यन अरुण को कॉल करता है और बोलता है, "यार दिल की सारी बाते तो मैने आलिया से कह दी"।तब अरुण बोलता है, "तो फिर क्या बोल...

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कर्म से तपोवन तक - भाग 12 (अंतिम भाग) By Santosh Srivastav

अध्याय 12 नदी की उर्मियाँ सूर्यास्त के सुनहले रंग से भर उठी थी। माधवी गगरी उठाकर अपने आश्रम की ओर चलने लगी। कैसी सम्मोहित अवस्था हो गई थी जब नदी किनारे बैठे-बैठे उसने अतीत को पुनः...

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प्यार हुआ चुपके से - भाग 19 By Kavita Verma

अपने आसपास लोगों को फिल्म देखते देख रति अपने बीते हुए कल से बाहर आ गई और वहां से उठकर चली गई। सब फिल्म देखने में मग्न थे इसलिए किसी ने इस बात पर ध्यान ही नही दिया कि रति वहां नही ह...

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अमावस्या में खिला चाँद - 16 By Lajpat Rai Garg

- 16 -         कॉलेज में दिसम्बर की छुट्टियाँ होने पर घर जाने से पहले शीतल ने एक दिन प्रवीर के बच्चों के साथ बिताने की सोची। मन में विचार आते ही उसने प्रवीर को...

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पथरीले कंटीले रास्ते - 14 By Sneh Goswami

  पथरीले कंटीले रास्ते    14 अभी तक आपने पढा ... बठिंडा के आंचल में बसे गाँव चक राम सिंह वाला का रविंद्र पाल सिंह बठिंडा कालेज से एम ए कर रहा था । साथ साथ प्रतियोगी परीक्षाएँ भी दे...

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साथिया - 90 By डॉ. शैलजा श्रीवास्तव

"यह आपने ठीक नहीं किया मिस्टर राठौर..!! यह आपने ठीक नहीं किया। उसका नाम बदल देना उसकी याददाश्त चले जाना अलग बात है। पर आपने तो उसकी पहचान ही बदल दी।" मैने कहा था न तुम बर्दास्त नही...

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हक है सिर्फ मेरा - 1 By simran

हक है सिर्फ मेरा ........एक नई कहानी , नए किरदार बस प्यार वही जो हर किसी के नसीब में नहीं !अब इस कहानी में प्यार की कोई जगह है या नही ये जानने के लिए हम एक सफर शुरू करते है " हक है...

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Ye Ishq Bada Bedardi Hai - 4 By Vijay Sanga

पिछले भाग में आपने पढ़ा , वीर जब अपने चाचा चाची को हाईवे पर हुए एक्सीडेंट के बारे मे बताने जा रहा था तभी वहां पर उसकी बहन पूनम और उसके भाई आ जाते हैं। उनके वहां आने की वजह से वीर अ...

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स्वयंवधू - 2 By Sayant

"...फिर से कहना?", मुझे एक पल के लिए अपने कानों पर विश्वास नहीं हुआ,"अभी नहीं!", वह इतना शांत था जैसे कि वह इस जगह का मालिक हो।(त-तुम! मैं जानती थी! मैं जानती थी! मुझे पता था ये मा...

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मैं तो श्याम रंग रांची बनाम वैष्णवी By bhagirath

मैं तो श्याम रंग रांची बनाम वैष्णवी        गाँव के पालीवालों की वास में एक साथ उगे नीम और पीपल के पेड़ के चारों ओर एक बड़ा चौतरा बना हुआ था। नीम की छाया गहरी और पीपल की छाया छितराई ह...

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फागुन के मौसम - भाग 12 By शिखा श्रीवास्तव

शाम में जब यश और तारा राघव से मिलने पहुँचे तब हर्षित भी वहाँ आया हुआ था। हर्षित बार-बार राघव से अपनी भूल के लिए माफ़ी माँगते हुए कह रहा था कि उसने जानबूझकर राघव को भांग वाली ठंडाई...

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नक़ल या अक्ल - 3 By Swati

3 कौन झूलेगा??      बस वाले के ब्रेक लगाते ही चारों बस से उतर गए। सोमेश तो धीरे धीरे गॉंव  की तरफ  बढ़ने लगा, मगर निहाल  वही  रुककर सोनाली  और रिमझिम से बात करने लगा,  सोना ने उसकी...

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फादर्स डे - 68 By Praful Shah

लेखक: प्रफुल शाह खण्ड 68 भारत-भर की निगाहें मुंबई पर टिकी हुई थीं। हिंदू ह्रदय सम्राट शिवसेना सुप्रीमो बालासाहेब ठाकरे की संभावित गिरफ्तारी होगी या नहीं? यदि हो गई तो उसके परिणाम क...

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Falling for my Heart Criminal - 3 By simran

साषी जिसके चेहरे पर शैतानी मुस्कराहट थी वो जोर से हस्ते हुए कहती है ;: मोहब्बत करती थी न तुम उससे , तभी उसे हर बार मजाक करती थी , तुम्हारी मोहब्बत को तो जहनुम मै दिखाउंगी और तुम्हे...

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उन्हीं रास्तों से गुज़रते हुए - भाग 1 By Neerja Hemendra

नीरजा हेमेन्द्र   सम्मान -- उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा प्रदत्त विजयदेव नारायण साही नामित पुरस्कार, शिंगलू स्मृति सम्मान। फणीश्वरनाथ रेणु स्मृति सम्मान। कमलेश्वर कथा सम...

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द्वारावती - 17 By Vrajesh Shashikant Dave

17 किसी ने एकांत में बैठे, समुद्र के ऊपर किसी बिंदु को स्थिर दृष्टि से निहारते उत्सव को कहा।“उत्सव, तुम जिस शिला पर बैठे हो उसी शिला पर ही वह बैठा था। गुल को उसका नाम तब ज्ञात नहीं...

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शोहरत का घमंड - 79 By shama parveen

आलिया बहुत ही घबरा जाती है और रोते रोते ऑफ़िस से चली जाती है।आर्यन अरुण को कॉल करता है और बोलता है, "यार दिल की सारी बाते तो मैने आलिया से कह दी"।तब अरुण बोलता है, "तो फिर क्या बोल...

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कर्म से तपोवन तक - भाग 12 (अंतिम भाग) By Santosh Srivastav

अध्याय 12 नदी की उर्मियाँ सूर्यास्त के सुनहले रंग से भर उठी थी। माधवी गगरी उठाकर अपने आश्रम की ओर चलने लगी। कैसी सम्मोहित अवस्था हो गई थी जब नदी किनारे बैठे-बैठे उसने अतीत को पुनः...

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प्यार हुआ चुपके से - भाग 19 By Kavita Verma

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अमावस्या में खिला चाँद - 16 By Lajpat Rai Garg

- 16 -         कॉलेज में दिसम्बर की छुट्टियाँ होने पर घर जाने से पहले शीतल ने एक दिन प्रवीर के बच्चों के साथ बिताने की सोची। मन में विचार आते ही उसने प्रवीर को...

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पथरीले कंटीले रास्ते - 14 By Sneh Goswami

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साथिया - 90 By डॉ. शैलजा श्रीवास्तव

"यह आपने ठीक नहीं किया मिस्टर राठौर..!! यह आपने ठीक नहीं किया। उसका नाम बदल देना उसकी याददाश्त चले जाना अलग बात है। पर आपने तो उसकी पहचान ही बदल दी।" मैने कहा था न तुम बर्दास्त नही...

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हक है सिर्फ मेरा - 1 By simran

हक है सिर्फ मेरा ........एक नई कहानी , नए किरदार बस प्यार वही जो हर किसी के नसीब में नहीं !अब इस कहानी में प्यार की कोई जगह है या नही ये जानने के लिए हम एक सफर शुरू करते है " हक है...

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Ye Ishq Bada Bedardi Hai - 4 By Vijay Sanga

पिछले भाग में आपने पढ़ा , वीर जब अपने चाचा चाची को हाईवे पर हुए एक्सीडेंट के बारे मे बताने जा रहा था तभी वहां पर उसकी बहन पूनम और उसके भाई आ जाते हैं। उनके वहां आने की वजह से वीर अ...

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"...फिर से कहना?", मुझे एक पल के लिए अपने कानों पर विश्वास नहीं हुआ,"अभी नहीं!", वह इतना शांत था जैसे कि वह इस जगह का मालिक हो।(त-तुम! मैं जानती थी! मैं जानती थी! मुझे पता था ये मा...

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मैं तो श्याम रंग रांची बनाम वैष्णवी By bhagirath

मैं तो श्याम रंग रांची बनाम वैष्णवी        गाँव के पालीवालों की वास में एक साथ उगे नीम और पीपल के पेड़ के चारों ओर एक बड़ा चौतरा बना हुआ था। नीम की छाया गहरी और पीपल की छाया छितराई ह...

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