hindi Best Classic Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Classic Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cu...Read More


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आत्म विवाह - 3 - (विरोध) By r k lal

आत्म विवाह - भाग 3( विरोध)आर0 के0 लालविनोद ने एक ऐसे लड़की चित्रा की कहानी बताई जिसने कई साल पहले स्वत: मांग भर ली थी और उसे अपना घर छोड़ना पड़ा था क्योंकि घर वाले उस कार्य के खिला...

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अशोक बिंदुसार मौर्य से चक्रवर्ती सम्राट अशोक तक का सफार By Jatin Tyagi

सम्राट अशोक भारतीय इतिहास के एक ऐसे महान शासक थे, जिसकी तुलना विश्व में किसी से नहीं की जा सकती। वह भारत में मौर्य साम्राज्य के तीसरे शासक थे जिन्होंने 269 ईसापूर्व से 232 ईसापूर्व...

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दो बहने - 14 By Mansi

Part 14 अब तक आपने देखा कि शादी बस शुरू होने वाली है दोनो जोड़ी ने माला पहना दी थी अब आगे की कहानी देखते है। फार्म हाउस में बहुत अच्छे से सब बंदोबस्त किया गया था सबकी जरूरतों को ध्...

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रोहित.... - 1 By Lotus

रोहित .......मेरी एक छोटी सी फैमिली... मध्य प्रदेश भोपाल.... मेरे पापा एक सहकारी जोब करते थे मेरी मॉ हाऊस वाइफ मे उनका अकेला था बेटा हू ना भाई ना बहन बडी प्यारी लाइफ हम तीनो की खुश...

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चाणक्य एक दिव्यात्मा By Jatin Tyagi

आचार्य चाणक्य जो कि विष्णुगुप्त और कौटिल्य के नाम से प्रसिद्ध हैं। वे एक महान दार्शनिक, अर्थशास्त्री और राजनेता थे उन्होंने भारतीय राजनीतिक ग्रंथ, ‘ द अर्थशास्त्र’ लिखा था। इस ग्रं...

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बड़ों को चरण स्पर्श और छोटों को प्यार By r k lal

बड़ों को चरण स्पर्श और छोटों को प्यार आर0 के0 लाल आज रमेश के कॉलेज का वार्षिकोत्सव था पूरा ऑडिटोरियम खचाखच भरा हुआ था उसमें स्टूडेंट्स के साथ उनके पेरेंट्स ग्रैंडपेरेंट्स भी उपस्थित...

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दूसरे की बीवी By r k lal

दूसरे की बीवी आर0 के0 लाल अशोक ने चहकते हुए अपनी पत्नी उमा को आवाज लगायी, "अजी सुनती हो बच्चों की बुआ नीलम की देवरानी सन्नो के लड़के चिरंजीव अमिताभ की शादी का निमंत्रण आया है। देखो...

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स्वेटर के फंदे By Poonam Gujrani Surat

कहानीस्वेटर के फंदेसूरज अस्ताचल की ओर बढ़ते हुए अपनी लालीमा के निशान नीलगगन पर छोड़ रहा था। ऐसा लग रहा था मानो किसी सुहागिन के हाथ से सिंदूर की भर्ती हुई डिबिया छूट गई हो। पंछियों...

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कंक्रीट के महल By Dakshal Kumar Vyas

बरसो से चल रहा कार्य आज तेज हो गया । गांव जाते समय देखा ट्रेन में से क्या था क्या हो गया । नदी , नाले ,तालाब , जंगल , गांव । जहा 60 इंच तक बरसात में नदी नाले नही भरा करते थे और आज...

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पलायन - 2 By राज कुमार कांदु

कोरोना की पहली लहर से सबक न लेते हुए सरकार ने इस बीमारी से लड़ने का कोई कारगर उपाय नहीं किया जिसका नतीजा यह निकला कि गंगा का पानी लाशों से पट गया। गंगा किनारे रेत में गड़े इंसानी जिस...

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सत्य की खोज By Poonam Gujrani Surat

अजीब कशमकश थी गिरीराज के मन में ।रात आधी से ज्यादा बीत चुकी थी पर उसकी आंखों में अंश मात्र भी नींद नहीं थी। वो सोच रहा था- क्या कर राहा हूं मैं .... क्या करना चाहिए मुझे....जिन गुत...

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वेश्या का भाई - (अन्तिम भाग) By Saroj Verma

जब रामजस चुप हो गया तो कुशमा ने उससे कहा... तुम चुप क्यों हो गए? जी! आपने ही तो चुप रहने को कहा मुझसे,रामजस बोला।। अच्छा वो सब छोड़ो पहले ये बताओ तुमने अपनी दवा खाई,कुशमा ने पूछा।।...

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गुलाब का खून By Prabodh Kumar Govil

गुलाब का खून- प्रबोध कुमार गोविल ज़्यादा हरियाली तो अब नहीं बची थी पर जो कुछ भी था, उसे तो बचाना ही था। इसीलिए वो पानी का पाइप हाथ में लेकर लॉन के कौने वाले उस पौधे पर धार छोड़ने म...

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खुल जा सिम सिम By Prabodh Kumar Govil

बाहर गली में बच्चे खेल रहे थे। चौंकिए मत!आप कहेंगे कि बच्चे बाहर कब खेलते हैं, वो तो मोबाइल हाथ में लेकर घर के भीतर ही खेलते हैं। नहीं, ये आज की बात नहीं है। बरसों पुरानी बात है। त...

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चपरकनाती By Prabodh Kumar Govil

"चपरकनाती"- प्रबोध कुमार गोविल दूरबीन से इधर- उधर देखता हुआ वो सैलानी अपनी छोटी सी मोटरबोट को किनारे ले आया। उसे कुछ मछुआरे दिखे थे। उन्हीं से बात होने लगी। टोकरी से कुछ छोटी मछलिय...

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श्रीलाल शुक्ल By Saumya Jyotsna

साहित्य जगत में ऐसे अनेक नाम हुए हैं, जिन्होंने एक युग की शुरुआत की है। अपने साहित्य सृजन से लोगों को अनेक कृतियां प्रदान की हैं, जिसे पढ़कर पाठक जुड़ाव महसूस करने के साथ-साथ उससे...

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ख़ाम रात - 14 - अंतिम भाग By Prabodh Kumar Govil

थोड़ी देर के लिए मैं भूल गया कि घड़ी चल रही है, समय चल रहा है, दुनिया चल रही है! मैं ये भी भूल गया कि हर बीतते लम्हे का मैं भुगतान करने वाला हूं। समय मेरे ही ख़र्च पर गुज़र रहा है।...

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आत्म विवाह - 3 - (विरोध) By r k lal

आत्म विवाह - भाग 3( विरोध)आर0 के0 लालविनोद ने एक ऐसे लड़की चित्रा की कहानी बताई जिसने कई साल पहले स्वत: मांग भर ली थी और उसे अपना घर छोड़ना पड़ा था क्योंकि घर वाले उस कार्य के खिला...

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अशोक बिंदुसार मौर्य से चक्रवर्ती सम्राट अशोक तक का सफार By Jatin Tyagi

सम्राट अशोक भारतीय इतिहास के एक ऐसे महान शासक थे, जिसकी तुलना विश्व में किसी से नहीं की जा सकती। वह भारत में मौर्य साम्राज्य के तीसरे शासक थे जिन्होंने 269 ईसापूर्व से 232 ईसापूर्व...

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दो बहने - 14 By Mansi

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रोहित.... - 1 By Lotus

रोहित .......मेरी एक छोटी सी फैमिली... मध्य प्रदेश भोपाल.... मेरे पापा एक सहकारी जोब करते थे मेरी मॉ हाऊस वाइफ मे उनका अकेला था बेटा हू ना भाई ना बहन बडी प्यारी लाइफ हम तीनो की खुश...

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चाणक्य एक दिव्यात्मा By Jatin Tyagi

आचार्य चाणक्य जो कि विष्णुगुप्त और कौटिल्य के नाम से प्रसिद्ध हैं। वे एक महान दार्शनिक, अर्थशास्त्री और राजनेता थे उन्होंने भारतीय राजनीतिक ग्रंथ, ‘ द अर्थशास्त्र’ लिखा था। इस ग्रं...

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बड़ों को चरण स्पर्श और छोटों को प्यार By r k lal

बड़ों को चरण स्पर्श और छोटों को प्यार आर0 के0 लाल आज रमेश के कॉलेज का वार्षिकोत्सव था पूरा ऑडिटोरियम खचाखच भरा हुआ था उसमें स्टूडेंट्स के साथ उनके पेरेंट्स ग्रैंडपेरेंट्स भी उपस्थित...

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दूसरे की बीवी By r k lal

दूसरे की बीवी आर0 के0 लाल अशोक ने चहकते हुए अपनी पत्नी उमा को आवाज लगायी, "अजी सुनती हो बच्चों की बुआ नीलम की देवरानी सन्नो के लड़के चिरंजीव अमिताभ की शादी का निमंत्रण आया है। देखो...

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स्वेटर के फंदे By Poonam Gujrani Surat

कहानीस्वेटर के फंदेसूरज अस्ताचल की ओर बढ़ते हुए अपनी लालीमा के निशान नीलगगन पर छोड़ रहा था। ऐसा लग रहा था मानो किसी सुहागिन के हाथ से सिंदूर की भर्ती हुई डिबिया छूट गई हो। पंछियों...

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वेश्या का भाई - (अन्तिम भाग) By Saroj Verma

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गुलाब का खून By Prabodh Kumar Govil

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खुल जा सिम सिम By Prabodh Kumar Govil

बाहर गली में बच्चे खेल रहे थे। चौंकिए मत!आप कहेंगे कि बच्चे बाहर कब खेलते हैं, वो तो मोबाइल हाथ में लेकर घर के भीतर ही खेलते हैं। नहीं, ये आज की बात नहीं है। बरसों पुरानी बात है। त...

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चपरकनाती By Prabodh Kumar Govil

"चपरकनाती"- प्रबोध कुमार गोविल दूरबीन से इधर- उधर देखता हुआ वो सैलानी अपनी छोटी सी मोटरबोट को किनारे ले आया। उसे कुछ मछुआरे दिखे थे। उन्हीं से बात होने लगी। टोकरी से कुछ छोटी मछलिय...

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श्रीलाल शुक्ल By Saumya Jyotsna

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ख़ाम रात - 14 - अंतिम भाग By Prabodh Kumar Govil

थोड़ी देर के लिए मैं भूल गया कि घड़ी चल रही है, समय चल रहा है, दुनिया चल रही है! मैं ये भी भूल गया कि हर बीतते लम्हे का मैं भुगतान करने वाला हूं। समय मेरे ही ख़र्च पर गुज़र रहा है।...

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