hindi Best Classic Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Classic Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cu...Read More


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  • पॉप म्यूज़िक

    रसोई में जाकर सभी डिब्बे एक बार पलट कर देखे और फ़िर लहसुन का एक पापड़ निकाल कर म...

  • चीर हरण

    वो प्रसन्न थे। शिक्षक की नौकरी से हाल ही में सेवा निवृत्त हुए थे। जीवन की सभी जि...

  • हॉर्मोनल फेंसिंग

    डॉ. रसबाला असमंजस में पड़ गईं। उनके इक्कीस साल के कैरियर में अब तक ऐसा कोई केस न...

पॉप म्यूज़िक By Prabodh Kumar Govil

रसोई में जाकर सभी डिब्बे एक बार पलट कर देखे और फ़िर लहसुन का एक पापड़ निकाल कर माइक्रोवेव में लगा दिया। पलक झपकते ही पापड़ भुन गया। वे उसे प्लेट में लेकर ड्राइंग रूम में आ गईं। उन्...

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बहू बेटी By Prabodh Kumar Govil

जब से वे सपना की शादी करके मुक्त हुईं तब से हर समय प्रसन्नचित्त दिखाई देती थीं। उनके चेहरे से हमेशा उल्लास टपकता रहता था। महरी से कोई गलती हो जाए, दूध वाला दूध में पानी अधिक मिला क...

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भारत सोने की चिड़िया By Arun Singla

भारत सोने की चिड़िया हिन्दुस्तान पहले सोने की चिडया था, यह कोई कपोल कल्पना नहीं, बल्कि ठोस हकीकत है. परन्तु हिन्दुस्तान हमेशा आपसी धर्म,जात-पात की लड़ाई व् गद्दारों के कारण, जब तब वि...

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चीर हरण By Prabodh Kumar Govil

वो प्रसन्न थे। शिक्षक की नौकरी से हाल ही में सेवा निवृत्त हुए थे। जीवन की सभी जिम्मेदारियां पूरी कर चुके थे। बच्चों को पढ़ा - लिखा कर योग्य बना दिया था और उनके विवाह भी कर दिए थे।...

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प्यार का दाग - 3 By SWARNIM स्वर्णिम

मेरे मन की उत्साह उसके हाथ में लिए हुए गुलाब की सुगन्ध से और बढ़ गया था। मैं अपने पूरे दिल को खुशी के पंखों से उड़ता हुआ महसूस करने लगी। "क्या तुम यहाँ अकेले बैठे हो?" "आप मेरे साथ...

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हॉर्मोनल फेंसिंग By Prabodh Kumar Govil

डॉ. रसबाला असमंजस में पड़ गईं। उनके इक्कीस साल के कैरियर में अब तक ऐसा कोई केस नहीं आया था। न भारत में, और न ही जमैका में, जहां उनके पति की पोस्टिंग के कारण उन्होंने सात साल रह कर...

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सीरिया का बटुआ By Prabodh Kumar Govil

बस करीब एक घंटा है लेट थी। बस के रुकते ही लगभग कूद कर टेढ़े मेढे रास्ते से घूमती, कीचड़ पानी से बचती बहिनजी जब स्कूल के अहाते में घुसीं, तब जाकर उन्हें चैन आया। कैसी उलझन थी, कोई ग...

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व्यापारी By Rohit Kumar Singh

रवि कुमार सरावगी ग़मगीन बैठा था,अपनी विशालकाय कुर्सी मे अपनी एक हथेली कुर्सी की पुश्त से टिका कर किसी गहरी सोच मे डूबा था,उसकी आंखो से आंसू टपक रहे थे,और चेहरा मायूसी भरा था।अभी उसक...

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Creation - Part 1 By Kishanlal Sharma

"Stop stop. You both have gone mad"She spoke separating them.This story is a century old.The means of transportation and communication were advanced,but not as many today.A ship wa...

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गोखुर By Anand Tripathi

शामू अपने बरामदे में ऐसे तन के बैठा था जैसे की मानो उसको लॉटरी लगी हो। बघिया और हीरा दोनो ही एक खटिया के लिए ऐसे लड़ झगड़ रहे की मानो किसी चुनाव में एक सीट के दो उम्मीद वार। उस दिन...

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द घोस्ट विलेज _ कुलधरा By Gurpreet Singh HR02

हमारे देश में कई ऐसे शहर जो अपने दामन में अनेक रहस्यों को समेटे हुए है। इन शहरों में काफी सालों पहले ऐसी घटनाएं हुई हैं जिनके रहस्य से आज तक भी पर्दा नहीं उठ पाया हैं। आज हम आपको ए...

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राज-सिंहासन--(अन्तिम भाग) By Saroj Verma

अब अखण्डबली की मृत्यु हो चुकी थी,किन्तु बसन्तसेना की मृत्यु से सहस्त्रबाहु को अत्यधिक आघात पहुँचा था,अब आगें की योजना का कार्यभार उसके काँधों पर आ गया था,यदि बसन्तसेना जीवित होती त...

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हां, मैने ये अपराध किया है। By Rohit Kumar Singh

जौनी ने अपना सर धीरे धीरे उपर उठाया,और अपनी आंखे झुका कर उसने कुबूल किया कि,"हां,मैने ये अपराध किया है"जज़ ने आश्चर्य से उस बूूढे आदमी की ओर देखा,जो कटघरेे मे सर को झुुुकाये खडा था,...

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स्वर्ण मंदिर अमृतसर By Gurpreet Singh HR02

अमृतसर का स्वर्ण मंदिर केवल भारत ही नहीं बल्कि दुनिया का मशहूर मंदिर है। ये सिख धर्म के मशहूर तीर्थ स्थलों में से एक है। इस मंदिर का ऊपरी माला 400 किलो सोने से निर्मित है, इसलिए इस...

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मै जि़न्दा हूं, चाचा By Rohit Kumar Singh

मेरे जूते के सोल की सिलाई उधड गयी थी,ढूंढते हुये मै एक मोची के पास पहुंचा,और मोल भाव करके जूता उसे सीने को दे दिया,बगल मे उसके एक छोटा सा टेबल पडा था,उसी पर बैठ गया,और उससे बाते कर...

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नीमराना किला By Gurpreet Singh HR02

नीमराना किला भारत उन प्राचीनतम किलो में शामिल हैं जिसे अब होटलो के रूप में इस्तेमाल किया जाता हैं। नीमराना एक ऐतिहासिक फोर्ट के साथ-साथ खूबसूरत फेमस टूरिस्ट डेस्टिनेशन है। जिस कारण...

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बाबा किला By Gurpreet Singh HR02

बाला किला’ किला अर्थ हैं ‘नया किला’ है। यह किला समुद्र तल से 1960 फुट ऊंचाई पर स्थित हैं। जोकि 8 किमी की परिधि में फैला हुआ है। दुश्मन पर गोलियां बरसाने के लिए खास तौर से इसे तैयार...

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ह ला ला या हलाल ? By राज कुमार कांदु

शबाना का शौहर अब्बास जब से बेरोजगार हुआ था मोहल्ले के लम्पट बदमाशों से उसकी दोस्ती गहरी हो गयी थी। उन्हीं में से एक कादिर उसका लंगोटिया यार बन गया था। पढ़ी लिखी शबाना एक फर्म में सह...

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दुधिया सब संसार By JUGAL KISHORE SHARMA

दुधिया सब संसार भरी दुपहरी मई की तपिष में व्यापारी खिलोने टोपिया के गठर में बांधे पीठ लादा गली मुहल्ले में घूम घूम बेचना चाह रहा था । आदमी तो है थक हार कर बड़ें से बरगद को देख कर सु...

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कुंवारा बाप। By DEVENDRA DWIVEDI

नई उम्र,18से22 की अवस्था। सरिर अपने विकास पर जोर लगा रही थी। मै बालपन से बढ़ती हुई उम्र में परिवर्तित हो रहा था। नए सपने, इक हम की भावना, अटूट जोश, असमान्य तेज। जिस पर किसी की नजर...

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कल By DEVENDRA DWIVEDI

अधेरी काली रात के 12बजे अचानक से पक्षी चीखने लगे,आसमान से बिजली कड़केने लगी लग रहा था मानो अब प्रलय आने को है। तभी फेरम अपने घर से लालटेन ले के निकलता है ,उसे पड़ोस की दाई की जरूरत...

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ऑड मैन आउट By Prabodh Kumar Govil

"ऑड मैन आउट" (हिंदी कहानी) छुट्टी का दिन होने से परिसर में सन्नाटा सा था। कहीं- कहीं चलते कूलरों की आवाज़ से ही पता चलता था कि कार्यालय में कुछ लोग मौजूद हैं। वो तो होते ही। छुट्टी...

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एक इंसान ऐसा भी By Mehul Pasaya

यहा कहानी है 2001 की और इस कहानी मे जो होगा वो चलो खुद जान्ने की कोशिश करते है.क्या पिछ्ले जन्म की यादे इस जन्म मे सब याद रह सकता है. क्या पिछ्ले जन्म मे जो लोग हमे मिले थे क्या वो...

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सॉफ्ट कॉर्नर By Prabodh Kumar Govil

चारों ओर नीरव सन्नाटा था। आसपास से हल्की किंतु बोझिल बातचीत का मंद सा स्वर कभी - कभी आ जाता था। सलाखों के बाहर संतरी के भारी बूटों का स्वर रिगसता - घिसटता उसके दांतों को चुभता था।...

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धूप By Prabodh Kumar Govil

"मुन्नू" का असली नाम ये नहीं था। लगभग बारह - चौदह बरस पहले बाईजी विधवा होकर अपनी ससुराल चांदगढ़ से अपने पीहर की इस कोठी में जब आई थीं, तो उन्हीं की ऊपरी साज - संभाल के लिए गांव से...

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संचित प्रायश्चित By Prabodh Kumar Govil

वह दौड़ कर वाशबेसिन के पास गया और ज़ोर से खखार कर थूकने लगा। आंखें लाल हो गई थीं और उनमें पानी छलक आया था। पुतलियां ऐसी लग रही थीं मानो तरबूज के कटे टुकड़े के भीतर धंसा काला बीज हो...

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अब भी देर थी By Prabodh Kumar Govil

सुनसान बियाबान था। सायं - सायं हो रही थी। सड़क के दोनों ओर बड़े- बड़े पेड़ों के तरह - तरह के छोटे - बड़े पत्ते खड़खड़ा रहे थे। कोई भय से, कोई उन्माद से तो कोई हताशा से। दूर - दूर त...

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पॉप म्यूज़िक By Prabodh Kumar Govil

रसोई में जाकर सभी डिब्बे एक बार पलट कर देखे और फ़िर लहसुन का एक पापड़ निकाल कर माइक्रोवेव में लगा दिया। पलक झपकते ही पापड़ भुन गया। वे उसे प्लेट में लेकर ड्राइंग रूम में आ गईं। उन्...

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बहू बेटी By Prabodh Kumar Govil

जब से वे सपना की शादी करके मुक्त हुईं तब से हर समय प्रसन्नचित्त दिखाई देती थीं। उनके चेहरे से हमेशा उल्लास टपकता रहता था। महरी से कोई गलती हो जाए, दूध वाला दूध में पानी अधिक मिला क...

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भारत सोने की चिड़िया By Arun Singla

भारत सोने की चिड़िया हिन्दुस्तान पहले सोने की चिडया था, यह कोई कपोल कल्पना नहीं, बल्कि ठोस हकीकत है. परन्तु हिन्दुस्तान हमेशा आपसी धर्म,जात-पात की लड़ाई व् गद्दारों के कारण, जब तब वि...

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चीर हरण By Prabodh Kumar Govil

वो प्रसन्न थे। शिक्षक की नौकरी से हाल ही में सेवा निवृत्त हुए थे। जीवन की सभी जिम्मेदारियां पूरी कर चुके थे। बच्चों को पढ़ा - लिखा कर योग्य बना दिया था और उनके विवाह भी कर दिए थे।...

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प्यार का दाग - 3 By SWARNIM स्वर्णिम

मेरे मन की उत्साह उसके हाथ में लिए हुए गुलाब की सुगन्ध से और बढ़ गया था। मैं अपने पूरे दिल को खुशी के पंखों से उड़ता हुआ महसूस करने लगी। "क्या तुम यहाँ अकेले बैठे हो?" "आप मेरे साथ...

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हॉर्मोनल फेंसिंग By Prabodh Kumar Govil

डॉ. रसबाला असमंजस में पड़ गईं। उनके इक्कीस साल के कैरियर में अब तक ऐसा कोई केस नहीं आया था। न भारत में, और न ही जमैका में, जहां उनके पति की पोस्टिंग के कारण उन्होंने सात साल रह कर...

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सीरिया का बटुआ By Prabodh Kumar Govil

बस करीब एक घंटा है लेट थी। बस के रुकते ही लगभग कूद कर टेढ़े मेढे रास्ते से घूमती, कीचड़ पानी से बचती बहिनजी जब स्कूल के अहाते में घुसीं, तब जाकर उन्हें चैन आया। कैसी उलझन थी, कोई ग...

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व्यापारी By Rohit Kumar Singh

रवि कुमार सरावगी ग़मगीन बैठा था,अपनी विशालकाय कुर्सी मे अपनी एक हथेली कुर्सी की पुश्त से टिका कर किसी गहरी सोच मे डूबा था,उसकी आंखो से आंसू टपक रहे थे,और चेहरा मायूसी भरा था।अभी उसक...

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Creation - Part 1 By Kishanlal Sharma

"Stop stop. You both have gone mad"She spoke separating them.This story is a century old.The means of transportation and communication were advanced,but not as many today.A ship wa...

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गोखुर By Anand Tripathi

शामू अपने बरामदे में ऐसे तन के बैठा था जैसे की मानो उसको लॉटरी लगी हो। बघिया और हीरा दोनो ही एक खटिया के लिए ऐसे लड़ झगड़ रहे की मानो किसी चुनाव में एक सीट के दो उम्मीद वार। उस दिन...

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द घोस्ट विलेज _ कुलधरा By Gurpreet Singh HR02

हमारे देश में कई ऐसे शहर जो अपने दामन में अनेक रहस्यों को समेटे हुए है। इन शहरों में काफी सालों पहले ऐसी घटनाएं हुई हैं जिनके रहस्य से आज तक भी पर्दा नहीं उठ पाया हैं। आज हम आपको ए...

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राज-सिंहासन--(अन्तिम भाग) By Saroj Verma

अब अखण्डबली की मृत्यु हो चुकी थी,किन्तु बसन्तसेना की मृत्यु से सहस्त्रबाहु को अत्यधिक आघात पहुँचा था,अब आगें की योजना का कार्यभार उसके काँधों पर आ गया था,यदि बसन्तसेना जीवित होती त...

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हां, मैने ये अपराध किया है। By Rohit Kumar Singh

जौनी ने अपना सर धीरे धीरे उपर उठाया,और अपनी आंखे झुका कर उसने कुबूल किया कि,"हां,मैने ये अपराध किया है"जज़ ने आश्चर्य से उस बूूढे आदमी की ओर देखा,जो कटघरेे मे सर को झुुुकाये खडा था,...

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स्वर्ण मंदिर अमृतसर By Gurpreet Singh HR02

अमृतसर का स्वर्ण मंदिर केवल भारत ही नहीं बल्कि दुनिया का मशहूर मंदिर है। ये सिख धर्म के मशहूर तीर्थ स्थलों में से एक है। इस मंदिर का ऊपरी माला 400 किलो सोने से निर्मित है, इसलिए इस...

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मै जि़न्दा हूं, चाचा By Rohit Kumar Singh

मेरे जूते के सोल की सिलाई उधड गयी थी,ढूंढते हुये मै एक मोची के पास पहुंचा,और मोल भाव करके जूता उसे सीने को दे दिया,बगल मे उसके एक छोटा सा टेबल पडा था,उसी पर बैठ गया,और उससे बाते कर...

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नीमराना किला By Gurpreet Singh HR02

नीमराना किला भारत उन प्राचीनतम किलो में शामिल हैं जिसे अब होटलो के रूप में इस्तेमाल किया जाता हैं। नीमराना एक ऐतिहासिक फोर्ट के साथ-साथ खूबसूरत फेमस टूरिस्ट डेस्टिनेशन है। जिस कारण...

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बाबा किला By Gurpreet Singh HR02

बाला किला’ किला अर्थ हैं ‘नया किला’ है। यह किला समुद्र तल से 1960 फुट ऊंचाई पर स्थित हैं। जोकि 8 किमी की परिधि में फैला हुआ है। दुश्मन पर गोलियां बरसाने के लिए खास तौर से इसे तैयार...

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ह ला ला या हलाल ? By राज कुमार कांदु

शबाना का शौहर अब्बास जब से बेरोजगार हुआ था मोहल्ले के लम्पट बदमाशों से उसकी दोस्ती गहरी हो गयी थी। उन्हीं में से एक कादिर उसका लंगोटिया यार बन गया था। पढ़ी लिखी शबाना एक फर्म में सह...

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दुधिया सब संसार By JUGAL KISHORE SHARMA

दुधिया सब संसार भरी दुपहरी मई की तपिष में व्यापारी खिलोने टोपिया के गठर में बांधे पीठ लादा गली मुहल्ले में घूम घूम बेचना चाह रहा था । आदमी तो है थक हार कर बड़ें से बरगद को देख कर सु...

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कुंवारा बाप। By DEVENDRA DWIVEDI

नई उम्र,18से22 की अवस्था। सरिर अपने विकास पर जोर लगा रही थी। मै बालपन से बढ़ती हुई उम्र में परिवर्तित हो रहा था। नए सपने, इक हम की भावना, अटूट जोश, असमान्य तेज। जिस पर किसी की नजर...

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कल By DEVENDRA DWIVEDI

अधेरी काली रात के 12बजे अचानक से पक्षी चीखने लगे,आसमान से बिजली कड़केने लगी लग रहा था मानो अब प्रलय आने को है। तभी फेरम अपने घर से लालटेन ले के निकलता है ,उसे पड़ोस की दाई की जरूरत...

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ऑड मैन आउट By Prabodh Kumar Govil

"ऑड मैन आउट" (हिंदी कहानी) छुट्टी का दिन होने से परिसर में सन्नाटा सा था। कहीं- कहीं चलते कूलरों की आवाज़ से ही पता चलता था कि कार्यालय में कुछ लोग मौजूद हैं। वो तो होते ही। छुट्टी...

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एक इंसान ऐसा भी By Mehul Pasaya

यहा कहानी है 2001 की और इस कहानी मे जो होगा वो चलो खुद जान्ने की कोशिश करते है.क्या पिछ्ले जन्म की यादे इस जन्म मे सब याद रह सकता है. क्या पिछ्ले जन्म मे जो लोग हमे मिले थे क्या वो...

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सॉफ्ट कॉर्नर By Prabodh Kumar Govil

चारों ओर नीरव सन्नाटा था। आसपास से हल्की किंतु बोझिल बातचीत का मंद सा स्वर कभी - कभी आ जाता था। सलाखों के बाहर संतरी के भारी बूटों का स्वर रिगसता - घिसटता उसके दांतों को चुभता था।...

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धूप By Prabodh Kumar Govil

"मुन्नू" का असली नाम ये नहीं था। लगभग बारह - चौदह बरस पहले बाईजी विधवा होकर अपनी ससुराल चांदगढ़ से अपने पीहर की इस कोठी में जब आई थीं, तो उन्हीं की ऊपरी साज - संभाल के लिए गांव से...

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संचित प्रायश्चित By Prabodh Kumar Govil

वह दौड़ कर वाशबेसिन के पास गया और ज़ोर से खखार कर थूकने लगा। आंखें लाल हो गई थीं और उनमें पानी छलक आया था। पुतलियां ऐसी लग रही थीं मानो तरबूज के कटे टुकड़े के भीतर धंसा काला बीज हो...

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अब भी देर थी By Prabodh Kumar Govil

सुनसान बियाबान था। सायं - सायं हो रही थी। सड़क के दोनों ओर बड़े- बड़े पेड़ों के तरह - तरह के छोटे - बड़े पत्ते खड़खड़ा रहे थे। कोई भय से, कोई उन्माद से तो कोई हताशा से। दूर - दूर त...

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