hindi Best Classic Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Classic Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cu...Read More


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रत्नावली-8 संस्कृतानुवादकः पं. गुलामदस्तगीरः By रामगोपाल तिवारी

रत्नावली लेखकः रामगोपाल ‘भावुकः’ संस्कृतानुवादकः पं. गुलामदस्तगीरः मुंबई सम्पादकः डा. विष्णुनारायण तिवारी रत्नावली - 8 प्रतिदिनानुसारं रत्नावली अद्यापि समयेन...

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इश्क़ के रंग हज़ार By Rita Gupta

इश्क के रंग हजार सालों से अकेलेपन का दंश झेलती सॊम्या के जीवन में एक ठहराव आ चुका था। अपनी नॊकरी ऒर जिन्दगी को एकरसता से जीते जीते वह मशीन बन चुकी थी। जीवन के सब रंग उसके लिए...

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दिल धड़क रहा है (हृदय प्रत्यारोपण) By मंजरी शर्मा

नमस्ते आंटी! मैं दीपक; ये मेरी माँ और मेरी पत्नी ज्योति! शायद आपने मुझे पहचाना नहीं ..."आइये... तशरीफ़ रखिये ..." मैं, अभी आती हूँ. बड़ी मुश्किल से अपने आसुंओ को रोकती हुई शबाना कमरे...

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मैं स्पेशल-बच्ची की स्पेशल-माँ हूँ. By मंजरी शर्मा

मैं स्पेशल-बच्ची की स्पेशल-माँ हूँ."" भगवान् भी ना जाने कितना निष्ठुर हो जाता है. पता नहीं किन पापों का दोष है. """" हाय!! बेचारी.."""" अरे; काहे की बेचारी!! """" एक तो पाप; ऊपर से...

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ईश्वर का घर By Ashish Dalal

‘पापा, दीदी को मत ले जाओ. मैं अब उसके संग कभी नहीं खेलूंगा. प्रॉमिस पापा. मैं उन्हें परेशान भी नहीं करूंगा.’ राजनाथ ने पन्द्रह साल की रानू का हाथ पकड़कर जैसे ही घर की दहलीज से बाहर...

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प्रेम की परिभाषा By Ashish Dalal

बगल वाले कमरे से आती आवाज कानों में पड़ते ही माधुरी की नींद टूट गई. आंखें मसलते हुए उसने अपने तकिये के नीचे रखे मोबाइल का बटन दबाकर समय देखा. अभी सुबह के साढ़े पांच बज रहे थे. ‘रविवा...

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अन्तर से By डा.कुसुम जोशी

अंतस से *2010,/6 नवम्बर की एक गुनगुनी ठन्डी शाम अचानक छोटे भाई श्रेय का फोन आया , उसकी आवाज में निराशा थी ,बोला "शैला दीदी उदिता शादी के लिये मना कर रह...

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काश! अतीत को बदल सकती ... By मंजरी शर्मा

"नमस्ते आंटी; मैं नेहा... आपके नए पड़ोसी. वो नवरात्री का आज आखिरी कीर्तन है; तो मम्मी ने आपको बुलाने भेजा है. उन्होंने कहा है की आज तो कीर्तन में आपको आना ही होगा.""हाँ हाँ... मैं ज़...

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न वो हारा न मै .. By Alok Mishra

वो बगावत करने पर उतारू है । उसने हिन्दी सहित्य के आदर्शवादी नायकों की तरह स्वयम् को प्रस्तुत करने से इंकार कर दिया । वो आदर्शों को नये और अपने ही तरीको...

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लक्ष्मी का गृहप्रवेश... By मंजरी शर्मा

अरे!! आप... आप लक्ष्मी जी हैं ना..." रमाकांत ने आँखों पर चश्मा लगाते हुए कहा."जी; लेकिन आप कौन? माफ़ कीजियेगा, मैंने आप को पहचाना नहीं." लक्ष्मी ने आश्चर्य से पूछा."मैं; मैं; रमाकां...

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प्रसिद्ध मृदंग बादक - कुदऊ सिंह By राजनारायण बोहरे

प्रसिद्ध मृदंग बादक - कुदऊ सिंह लेखकः- राजनारायण बोहरे शास्त्रीय संगीत में मृदंग का अलग महत्व है। भारतीय संगीत में जब मृदंग की चर्च...

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इश्क़ 92 दा वार - (पार्ट-12) By Deepak Bundela AryMoulik

इश्क 92दा वार (पार्ट -12)रात गहरा चुकी थी अनु को रिया ने दवा खिला कर सुला दिया था रिया बिस्तर पर लेटे सोच रही थी.. कि किसी किसी की ज़िन्दगी में इतना तूफ़ान क्यों होता है.. आखिर अनु क...

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हीरामन कारसदेव - 2 By राजनारायण बोहरे

हीरामन कारसदेव २ लेखक के उपन्यास मुखबिर का अंश पंडित बोल रहे थे-ये बच्चा पुष्य नक्षत्र में जनमा है , असका पुण्य प्रताप पूरे जग मे फैलेगा , तुम्हारा बेटा अवतारी पुरूष है ।...

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गमकौआ भात By Smita

छोटी उम्र में लगभग रोज सींकू ( बिहार में दुबले-पतले बच्चे को मजाक-मजाक में सींक, सींकू, बांस, सींकिया पहलवान आदि नाम से पुकारने लगते हैं) किसी न किसी से यह कहते हुए जरूर सुनता कि उ...

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टूट गई अंधविश्वास की छड़ी... By Smita

उसका क्या नाम था, कोई नहीं जानता। उसकी बेटी का नाम निर्मला था, यह बात पूरे गांव को पता थी। तभी तो पूरा फर्दपुर उसे निर्मलिया माय कहकर पुकारता था। बिहार के गांवों में नाम के साथ या,...

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गधों का संरक्षण By Alok Mishra

वैधानिक चेतावनी " इस आलेख का मानव जाति के किसी व्यक्ति से कोई संबंध नहीं है । वैसे यह बताए जाने के बावजूद भी शायद किसी को ऐसा लग सकता है कि यह आलेख उन...

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मिट्टी के दीये By Smita

सुनयना नोएडा के किसी प्राइवेट कंपनी में प्रबंधन से जुड़ी है। वह बेटी सुकन्या को प्यार से सुकू बुलाती है। उसने जब सुकू को गेहूं के आटे से दीया बनाते देखा, तो पहले उसे बहुत तेज गुस्सा...

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पंचमहली गंध By रामगोपाल तिवारी

कहानी पंचमहली गंध रामगोपाल भावुक मोहल्ले के बच्चे उसे काफी कहते हैं। वह कभी निराश नहीं दिखती थी। जब से पन्ना बीमार पड़...

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रसूल By Alok Mishra

वो बच्चा गोल चेहरा, सुनहरे से बाल लाल टी-शर्ट और नीली नेकर पहने अपनी अम्मी और अब्बा के साथ घर से निकल पड़ा। ये परिवार पूरी खामोशी के साथ अपने घर से निकला है। सैर-सपाटे के लिये जा रह...

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खुशबुएं पकड़ में कहां आती हैं By Prabodh Kumar Govil

उसे पक्का यकीन हो गया कि भावनाएं कहीं नहीं पहुंचतीं। वह कोई अन्तर्यामी तो है नहीं, पहुंचती भी होंगी, पर इतना वह ज़रूर कह सकता है कि भावनाओं की पावती नहीं आती। प्रत्यावर्तन का कोई ऐ...

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धुस - कुटुस By Prabodh Kumar Govil

"धुस- कुटुस" तहलका मच गया। ये तो सोने पर सुहागा ही था कि एक ओर जहां विश्व नीड़म विद्यानिकेतन का स्वर्ण जयंती समारोह मनाए जाने की घोषणा ज़ोर- शोर से हुई, वहीं डॉक्टर लीली पुटियन की...

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विभीषिका By rajendra shrivastava

लघु-कथा-- विभीषिका...

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मातृत्व By Sangeeta Gupta

"आंती,हमाली बोल दे दो " गुलाब की क्यारी गोड़ते हुए सुरभि ने पीछे पलटकर देखा। मेहंदी की बाढ़ के टूटे हुए पैबंद से एक गोरा चिट्टा बच्चा लाल स्वेटर पहने, अपने दोनों हाथ बढ़ाए खड़ा था।...

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स्थायित्व By Ramnarayan Sungariya

कहानी-- स्थायित्व आर। एन। सुनगरया '' हॉं कमलेश मैं इतना टूट चुका हूँ ..... इसलिए ....... बस अब पथराई औखों...

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पागल-ए-इश्क़ - (पार्ट -4) By Deepak Bundela AryMoulik

कंटीन्यू पार्ट -4महक की कार तेज गती से घर की तरफ दौड़े जा रही थी.. महक पीछे की सीट पर बैठी बैठी सोच रही थी.. कि रेनू को जरूर कुछ आभास हों गया हैं.. तभी दयाल जी ने चुप्पी तोड़ते हुए क...

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हरी चूड़ियाँ By राजेश ओझा

शब्बीर चच्चा आज जैसे बाजार से घर आये..बच्चों ने रोज की तरह घेर लिया..'मेरे लिये क्या है-मेरे लिये क्या है' रोज की तरह थैले को खींचने की होड़ लगने ही वाली थी कि चच्चा ने...

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दिल की दौलत By Ramnarayan Sungariya

कहानी दिल की दौलत आर. एन. सुनगरया, मैं बहुत खुश दिख रही हूँ, इसलिये नहीं कि आज मेरी सगाई के लिये वही लोग आ रहे हैं, जिन्‍होंने कर...

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पठान चाचा By Rohit Kumar Singh

रहा हुंगा मै शायद कोई दसेक साल का,ये तब की हमारे मुहल्ले की बात है,हमारे मुहल्ले की पब्लिक खास तौर पर मुसलमानों और हिन्दुओं की मिश्रित जनता थी,आधा आधा समझ लिजीये,पर कुछ क्रिश्चचियन...

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नो झगड़ा नो लाइफ By r k lal

नो झगड़ा नो लाइफ आर ० के ० लाल रात के दस बज रहे थे। सचिन अभी अभी काम से लौटा था। सचिन की पत्नी वर्षा बड़े गुस्से से तिलमिला रही थी। आज उसकी मैरिज एनिवर्सरी थी और उसने...

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गंधैला By राजेश ओझा

रमेसर तिवारी जमींदार खानदान से थे..जमींदारी उन्मूलन भले हो गयी हो पर 'मुई हाथी तौ सवाव लाख' वाली बात उनपर फिट बैठ रही थी..बड़ा सा दो मंजिला मकान था..क्षेत्र के बड़े काश्तका...

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अंत भला तो सब भला By Rama Sharma Manavi

राधिका के मोबाइल की घण्टी बजती है, देखा तो कोई नया नम्बर था।पुनः बजने पर फोन उठा लिया, हैलो करने पर उधर से चहकती हुई आवाज आई,राधिका कैसी हो तुम।आवाज पहचानते ही खुशी से राधिका बो...

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हर बार वो By Afzal Malla

हर बार वो (कहानी नही है ये है सच्चाई)हर बार वो पल्लू क्यों संभालेतुम कभी अपनी नजरे संभाल लोहर बार वोही घर क्यों संभालेकभी तुम हाथ बटा लिया कारोहर बार वो क्यों ताने सुनेप्यार से कभी...

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कोरा कागज By Sunita Agarwal

बारिश थी कि रुकने का नाम नहीं ले रही थी।आकाश में बिजली चमक रही थी,बादल गरज रहे थे।शाहीन ने घड़ी पर नजर डाली तो देखा रात के बारह बज रहे हैं।पर नींद उसकी आँखों से कोसों दूर थी।आकाश के...

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बच्चों की कहानियाँ कैसी हों By r k lal

बच्चों की कहानियाँ कैसी हों आर 0 के0 लाल मुझे अगर कोई कठिन काम लगता था तो वह बच्चों को कहानी सुनाना था। मैं बड़ा सा बड़ा काम कर सकता हूं , च...

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चार बीघा खेत By राजेश ओझा

दल थम्हन शुकुल ने जैसे ही जलेबी को दही में लपेटा था कि मोबाइल बज उठी..अनमने होकर जलेबी को दोने में रखा और मोबाइल निकाला..अन्दाजा सही निकला..फोन बड़े बेटे का ही था..आज सभी बेटों ने...

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कन्यादान By Sunita Agarwal

सहेलियों से घिरी हुई अवनी दुल्हन के लाल जोड़े में बेहद खूबसूरत लग रही है।उसकी सखियाँ हँसी ठिठोली कर रही हैं। "देखो अवनी के हाथों में मेंहदी कितनी गहरी लगी है जीजू बहुत प्यार करेंगे...

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बेहया के फूल By राजेश ओझा

'सुनिए, आप जहां भी हैं, वहां से जल्दी आ जाइए!' फोन पर पत्नी वैदेही की अकुलाहट भरी आवाज़ सुनकर मनोहर चौंक गए। पूछने पर पता चला कि मंजू का आकस्मिक निधन हो गया है। मंजू, यानी...

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रत्नावली-8 संस्कृतानुवादकः पं. गुलामदस्तगीरः By रामगोपाल तिवारी

रत्नावली लेखकः रामगोपाल ‘भावुकः’ संस्कृतानुवादकः पं. गुलामदस्तगीरः मुंबई सम्पादकः डा. विष्णुनारायण तिवारी रत्नावली - 8 प्रतिदिनानुसारं रत्नावली अद्यापि समयेन...

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इश्क़ के रंग हज़ार By Rita Gupta

इश्क के रंग हजार सालों से अकेलेपन का दंश झेलती सॊम्या के जीवन में एक ठहराव आ चुका था। अपनी नॊकरी ऒर जिन्दगी को एकरसता से जीते जीते वह मशीन बन चुकी थी। जीवन के सब रंग उसके लिए...

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दिल धड़क रहा है (हृदय प्रत्यारोपण) By मंजरी शर्मा

नमस्ते आंटी! मैं दीपक; ये मेरी माँ और मेरी पत्नी ज्योति! शायद आपने मुझे पहचाना नहीं ..."आइये... तशरीफ़ रखिये ..." मैं, अभी आती हूँ. बड़ी मुश्किल से अपने आसुंओ को रोकती हुई शबाना कमरे...

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मैं स्पेशल-बच्ची की स्पेशल-माँ हूँ. By मंजरी शर्मा

मैं स्पेशल-बच्ची की स्पेशल-माँ हूँ."" भगवान् भी ना जाने कितना निष्ठुर हो जाता है. पता नहीं किन पापों का दोष है. """" हाय!! बेचारी.."""" अरे; काहे की बेचारी!! """" एक तो पाप; ऊपर से...

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ईश्वर का घर By Ashish Dalal

‘पापा, दीदी को मत ले जाओ. मैं अब उसके संग कभी नहीं खेलूंगा. प्रॉमिस पापा. मैं उन्हें परेशान भी नहीं करूंगा.’ राजनाथ ने पन्द्रह साल की रानू का हाथ पकड़कर जैसे ही घर की दहलीज से बाहर...

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प्रेम की परिभाषा By Ashish Dalal

बगल वाले कमरे से आती आवाज कानों में पड़ते ही माधुरी की नींद टूट गई. आंखें मसलते हुए उसने अपने तकिये के नीचे रखे मोबाइल का बटन दबाकर समय देखा. अभी सुबह के साढ़े पांच बज रहे थे. ‘रविवा...

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अन्तर से By डा.कुसुम जोशी

अंतस से *2010,/6 नवम्बर की एक गुनगुनी ठन्डी शाम अचानक छोटे भाई श्रेय का फोन आया , उसकी आवाज में निराशा थी ,बोला "शैला दीदी उदिता शादी के लिये मना कर रह...

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काश! अतीत को बदल सकती ... By मंजरी शर्मा

"नमस्ते आंटी; मैं नेहा... आपके नए पड़ोसी. वो नवरात्री का आज आखिरी कीर्तन है; तो मम्मी ने आपको बुलाने भेजा है. उन्होंने कहा है की आज तो कीर्तन में आपको आना ही होगा.""हाँ हाँ... मैं ज़...

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न वो हारा न मै .. By Alok Mishra

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लक्ष्मी का गृहप्रवेश... By मंजरी शर्मा

अरे!! आप... आप लक्ष्मी जी हैं ना..." रमाकांत ने आँखों पर चश्मा लगाते हुए कहा."जी; लेकिन आप कौन? माफ़ कीजियेगा, मैंने आप को पहचाना नहीं." लक्ष्मी ने आश्चर्य से पूछा."मैं; मैं; रमाकां...

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प्रसिद्ध मृदंग बादक - कुदऊ सिंह By राजनारायण बोहरे

प्रसिद्ध मृदंग बादक - कुदऊ सिंह लेखकः- राजनारायण बोहरे शास्त्रीय संगीत में मृदंग का अलग महत्व है। भारतीय संगीत में जब मृदंग की चर्च...

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इश्क 92दा वार (पार्ट -12)रात गहरा चुकी थी अनु को रिया ने दवा खिला कर सुला दिया था रिया बिस्तर पर लेटे सोच रही थी.. कि किसी किसी की ज़िन्दगी में इतना तूफ़ान क्यों होता है.. आखिर अनु क...

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हीरामन कारसदेव - 2 By राजनारायण बोहरे

हीरामन कारसदेव २ लेखक के उपन्यास मुखबिर का अंश पंडित बोल रहे थे-ये बच्चा पुष्य नक्षत्र में जनमा है , असका पुण्य प्रताप पूरे जग मे फैलेगा , तुम्हारा बेटा अवतारी पुरूष है ।...

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गमकौआ भात By Smita

छोटी उम्र में लगभग रोज सींकू ( बिहार में दुबले-पतले बच्चे को मजाक-मजाक में सींक, सींकू, बांस, सींकिया पहलवान आदि नाम से पुकारने लगते हैं) किसी न किसी से यह कहते हुए जरूर सुनता कि उ...

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टूट गई अंधविश्वास की छड़ी... By Smita

उसका क्या नाम था, कोई नहीं जानता। उसकी बेटी का नाम निर्मला था, यह बात पूरे गांव को पता थी। तभी तो पूरा फर्दपुर उसे निर्मलिया माय कहकर पुकारता था। बिहार के गांवों में नाम के साथ या,...

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गधों का संरक्षण By Alok Mishra

वैधानिक चेतावनी " इस आलेख का मानव जाति के किसी व्यक्ति से कोई संबंध नहीं है । वैसे यह बताए जाने के बावजूद भी शायद किसी को ऐसा लग सकता है कि यह आलेख उन...

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मिट्टी के दीये By Smita

सुनयना नोएडा के किसी प्राइवेट कंपनी में प्रबंधन से जुड़ी है। वह बेटी सुकन्या को प्यार से सुकू बुलाती है। उसने जब सुकू को गेहूं के आटे से दीया बनाते देखा, तो पहले उसे बहुत तेज गुस्सा...

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पंचमहली गंध By रामगोपाल तिवारी

कहानी पंचमहली गंध रामगोपाल भावुक मोहल्ले के बच्चे उसे काफी कहते हैं। वह कभी निराश नहीं दिखती थी। जब से पन्ना बीमार पड़...

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खुशबुएं पकड़ में कहां आती हैं By Prabodh Kumar Govil

उसे पक्का यकीन हो गया कि भावनाएं कहीं नहीं पहुंचतीं। वह कोई अन्तर्यामी तो है नहीं, पहुंचती भी होंगी, पर इतना वह ज़रूर कह सकता है कि भावनाओं की पावती नहीं आती। प्रत्यावर्तन का कोई ऐ...

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धुस - कुटुस By Prabodh Kumar Govil

"धुस- कुटुस" तहलका मच गया। ये तो सोने पर सुहागा ही था कि एक ओर जहां विश्व नीड़म विद्यानिकेतन का स्वर्ण जयंती समारोह मनाए जाने की घोषणा ज़ोर- शोर से हुई, वहीं डॉक्टर लीली पुटियन की...

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विभीषिका By rajendra shrivastava

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"आंती,हमाली बोल दे दो " गुलाब की क्यारी गोड़ते हुए सुरभि ने पीछे पलटकर देखा। मेहंदी की बाढ़ के टूटे हुए पैबंद से एक गोरा चिट्टा बच्चा लाल स्वेटर पहने, अपने दोनों हाथ बढ़ाए खड़ा था।...

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स्थायित्व By Ramnarayan Sungariya

कहानी-- स्थायित्व आर। एन। सुनगरया '' हॉं कमलेश मैं इतना टूट चुका हूँ ..... इसलिए ....... बस अब पथराई औखों...

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हरी चूड़ियाँ By राजेश ओझा

शब्बीर चच्चा आज जैसे बाजार से घर आये..बच्चों ने रोज की तरह घेर लिया..'मेरे लिये क्या है-मेरे लिये क्या है' रोज की तरह थैले को खींचने की होड़ लगने ही वाली थी कि चच्चा ने...

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दिल की दौलत By Ramnarayan Sungariya

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गंधैला By राजेश ओझा

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हर बार वो By Afzal Malla

हर बार वो (कहानी नही है ये है सच्चाई)हर बार वो पल्लू क्यों संभालेतुम कभी अपनी नजरे संभाल लोहर बार वोही घर क्यों संभालेकभी तुम हाथ बटा लिया कारोहर बार वो क्यों ताने सुनेप्यार से कभी...

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कोरा कागज By Sunita Agarwal

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चार बीघा खेत By राजेश ओझा

दल थम्हन शुकुल ने जैसे ही जलेबी को दही में लपेटा था कि मोबाइल बज उठी..अनमने होकर जलेबी को दोने में रखा और मोबाइल निकाला..अन्दाजा सही निकला..फोन बड़े बेटे का ही था..आज सभी बेटों ने...

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कन्यादान By Sunita Agarwal

सहेलियों से घिरी हुई अवनी दुल्हन के लाल जोड़े में बेहद खूबसूरत लग रही है।उसकी सखियाँ हँसी ठिठोली कर रही हैं। "देखो अवनी के हाथों में मेंहदी कितनी गहरी लगी है जीजू बहुत प्यार करेंगे...

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बेहया के फूल By राजेश ओझा

'सुनिए, आप जहां भी हैं, वहां से जल्दी आ जाइए!' फोन पर पत्नी वैदेही की अकुलाहट भरी आवाज़ सुनकर मनोहर चौंक गए। पूछने पर पता चला कि मंजू का आकस्मिक निधन हो गया है। मंजू, यानी...

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