hindi Best Children Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Children Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and c...Read More


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फूल नहीं तोड़ेंगे हम By Anand Vishvas

"फूल नहीं तोड़ेंगे हम" -आनन्द विश्वास 14 नवम्बर, बाल दिवस, बच्चों के प्यारे चाचा नेहरू का जन्म-दिवस, कबीर के स्कूल में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। सभी छात्र बड़े उत्साह और उम...

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इतिहास का वह सबसे महान विदूषक - 10 By Prakash Manu

10 पोलूराम की खुली पोल राजा कृष्णदेव राय का न्याय ऐसा था कि दूध का दूध, पानी का पानी हो जाता था। कोई कितना ही होशियार, छल-बल वाला या तिकड़मी क्यों न हो, दरबार में राजा कृष्णदेव राय...

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श्री क्षय पारो By Anand Vishvas

"श्री क्षय पारो" -आनन्द विश्वास सोसायटी के ग्राउन्ड में कबीर और उसके साथी क्रिकेट खेल रहे थे। कबीर बैटिंग कर रहा था, अधिक ज़ोर से शॉट लगने के कारण बॉल कम्पाउड वॉल के बाहर चली गई। ब...

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चिड़िया फुर्र.. By Anand Vishvas

चिड़िया फुर्र.. -आनन्द विश्वास अभी दो चार दिनों से कबीर के घर के बरामदे में चिड़ियों की आवाजाही कुछ ज्यादा ही हो गई थी। चिड़ियाँ तिनके लेकर आती, उन्हें ऊपर रखतीं और फिर चली जातीं,...

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एक आने के दो समोसे By Anand Vishvas

“एक आने के दो समोसे” -आनन्द विश्वास बात उन दिनों की है जब एक आने के दो समोसे आते थे और एक रुपये का सोलह सेर गुड़। अठन्नी-चवन्नी का जमाना था तब। प्राइमरी स्कूल के बच्चे पेन-पेन्सिल...

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जंगल चला शहर होने - 13 (अंतिम भाग) By Prabodh Kumar Govil

चर्चा जारी थी।तभी राजा साहब ने कहा - क्या ये सब समस्याएं इंसानों में नहीं आतीं? वो भी तो अलग अलग रंग, आकार और हैसियत के होते हैं? वो इन समस्याओं का हल कैसे करते हैं। कुछ उनसे पता ल...

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दानी की कहानी By Pranava Bharti

दानी की कहानी - ---------------- दानी इस बार बहुत दिनों बाद अपने नाती से मिल सकीं थीं | अधिकतर वे यहीं रहतीं थी लेकिन बीच में उनका मन हुआ कि वे कुछ दिन हरिद्वार रहकर आएँ | उन्होंने...

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स्कूल के दिन By Yayawargi (Divangi Joshi)

चलो एक अपनी बात बताती हूं कत में अपनी वो ही पुरानी स्कूल गई थी बोहोत से कहानियों के बिच एक किस्सा याद आ गया नौवीं कक्षा का। में लिखती हूँ । आज २०२२ में आप सब को पता है पर में २०१२...

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बरगद का पेड़... By Saroj Verma

रात का समय,एक बहुत ही घना जंगल..... किसी के रोने की आवाज़ आ रही थी, आवाज़ इतनी जोर जोर से आ रही थी कि सभी हैरान और परेशान होकर,बाहर निकल आएं___ सबसे पहले बनी खरगोश अपनी पत्नी रैबीट...

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बचपन के क़िस्से By Lalit Rathod

अभनपुर में मेरी माँ का एक सुंदर बचपन बीता है। उन्हें इस जगह को छोड़े वर्षों बीत चुके है, लेकिन सारा कुछ आज भी पहले जैसा है। यहाँ बचपन से आ रहा हूँ। बीते कुछ वर्षों से जब भी आता हूँ...

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बड़ों का कहना मानो By Amrita shukla

रिजल्ट का चक्करराजू,अपना रिजल्ट तो दिखाओ,_जैसे ही राजू ने घर में कदम रखा उसकी बडी बहन मीरा ने कहा ।राजू पढने में बहुत अच्छा था।उसके पेपर भी अच्छे हुए थे।यह बात मीरा दीदी जानती थी फ...

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मेरी बेटी By Ratna Pandey

चिराग और आशा ने एक ऐसे गरीब परिवार में जन्म लिया था, जहाँ पर लक्ष्मी जी का आशीर्वाद भले ही ना हो लेकिन माँ सरस्वती का आशीर्वाद उन्हें ज़रूर मिला था। यदि वे मेहनत करें तो लक्ष्मी जी...

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दुआ में ताक़त By Asha Saraswat

बाल कहानी- दुआ में ताक़त दुआओं में बहुत ताक़त होती है, दुआओं में अनोखी ताक़त होती है दुआओं से मनुष्य की क़िस्मत चमक जाती है,ऐसा कहते हुए हम सब ने बहुत से लोगों क...

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विवेक By Asha Saraswat

बाल कहानी- विवेक एक नदी में मगरमच्छ रहता था, नदी में चारों तरफ़ उछाल भरता। जब उसका आहार मिल जाता तो खाने के बाद नदी में ही पड़ा रहता । शाम होने पर कोई दूसरा शिकार तला...

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ईद का बकरा By SAMIR GANGULY

सुबह-सवेरे मुसलमानों के गांव कमलिया से चार नौजवान हिन्दुओं के गांव जोगीपुरा में आ पहुंचे. एक दूसरे से सटे हुए गांव थे ये दोनों. और बाहर की दुनिया इन्हें मुसलमानों और हिन्दुओं के गा...

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क्या वे होते हैं? By SAMIR GANGULY

विशाल वृक्ष की तेरहवीं शाखा से उल्टा लटकने वाले ने अचानक पूछा, ‘‘ क्या आदमी होते हैं?’’तुरंत ही कई खोपड़ियां 360 डिग्री घूम गई और उसकी तरफ डर, गुस्से और असंमजस से देखने लगी.सन्नाटा...

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शक्तिमान By Priya pandey

शक्तिमान मैं तुम्हें चिट्ठी लिखना चाहती हूं, लेकिन मुझे तुम्हारे घर का पता नहीं मालूम । तुम्हारे लिए चिट्ठी लिख चुकी हूँ। जब भी खेलने जाती हूं जेब में वह चिट्ठी भी साथ होती है। अगर...

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गप्पी दास  By Ratna Pandey

मधुबन सोसाइटी में रहने वाला बंटी होशियार होने के साथ बड़ा ही नटखट था । पाँच बच्चों की उनकी टोली थी, जिसमें युवान उसका घनिष्ठ मित्र था । टोली के सभी बच्चों से बंटी उम्र में लगभग डेढ...

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गुल्लक  By Ratna Pandey

बोनस, कैसा बोनस? किस बात का बोनस? त्यौहार है, तुम्हें मिठाई दी तो है मैंने और क्या चाहिए?

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छोटा-सा पत्र  By Ratna Pandey

आठ वर्ष की रूहानी बहुत ही चंचल, बहुत ही शैतान, लेकिन उतनी ही संवेदनशील भी थी। वह छोटी-से छोटी बात को भी गहराई तक समझती थी। रूहानी की माँ निराली स्कूल में अध्यापिका थीं। जिस स्कूल...

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चंदा जाए कहाँ रे, चंदा आए कहाँ रे... By Manju Mahima

यह एक बाल कथा है जिसके माध्यम से शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष के बारे में रोचक वर्णन है, साथ ही भाषा की दृष्टि से अनुस्वार और चंद्र बिंदु का अंतर भी बताया गया है. चंदा जाए कहाँ रे, चंद...

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फूल नहीं तोड़ेंगे हम By Anand Vishvas

"फूल नहीं तोड़ेंगे हम" -आनन्द विश्वास 14 नवम्बर, बाल दिवस, बच्चों के प्यारे चाचा नेहरू का जन्म-दिवस, कबीर के स्कूल में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। सभी छात्र बड़े उत्साह और उम...

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इतिहास का वह सबसे महान विदूषक - 10 By Prakash Manu

10 पोलूराम की खुली पोल राजा कृष्णदेव राय का न्याय ऐसा था कि दूध का दूध, पानी का पानी हो जाता था। कोई कितना ही होशियार, छल-बल वाला या तिकड़मी क्यों न हो, दरबार में राजा कृष्णदेव राय...

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श्री क्षय पारो By Anand Vishvas

"श्री क्षय पारो" -आनन्द विश्वास सोसायटी के ग्राउन्ड में कबीर और उसके साथी क्रिकेट खेल रहे थे। कबीर बैटिंग कर रहा था, अधिक ज़ोर से शॉट लगने के कारण बॉल कम्पाउड वॉल के बाहर चली गई। ब...

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चिड़िया फुर्र.. By Anand Vishvas

चिड़िया फुर्र.. -आनन्द विश्वास अभी दो चार दिनों से कबीर के घर के बरामदे में चिड़ियों की आवाजाही कुछ ज्यादा ही हो गई थी। चिड़ियाँ तिनके लेकर आती, उन्हें ऊपर रखतीं और फिर चली जातीं,...

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एक आने के दो समोसे By Anand Vishvas

“एक आने के दो समोसे” -आनन्द विश्वास बात उन दिनों की है जब एक आने के दो समोसे आते थे और एक रुपये का सोलह सेर गुड़। अठन्नी-चवन्नी का जमाना था तब। प्राइमरी स्कूल के बच्चे पेन-पेन्सिल...

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जंगल चला शहर होने - 13 (अंतिम भाग) By Prabodh Kumar Govil

चर्चा जारी थी।तभी राजा साहब ने कहा - क्या ये सब समस्याएं इंसानों में नहीं आतीं? वो भी तो अलग अलग रंग, आकार और हैसियत के होते हैं? वो इन समस्याओं का हल कैसे करते हैं। कुछ उनसे पता ल...

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दानी की कहानी By Pranava Bharti

दानी की कहानी - ---------------- दानी इस बार बहुत दिनों बाद अपने नाती से मिल सकीं थीं | अधिकतर वे यहीं रहतीं थी लेकिन बीच में उनका मन हुआ कि वे कुछ दिन हरिद्वार रहकर आएँ | उन्होंने...

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स्कूल के दिन By Yayawargi (Divangi Joshi)

चलो एक अपनी बात बताती हूं कत में अपनी वो ही पुरानी स्कूल गई थी बोहोत से कहानियों के बिच एक किस्सा याद आ गया नौवीं कक्षा का। में लिखती हूँ । आज २०२२ में आप सब को पता है पर में २०१२...

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बरगद का पेड़... By Saroj Verma

रात का समय,एक बहुत ही घना जंगल..... किसी के रोने की आवाज़ आ रही थी, आवाज़ इतनी जोर जोर से आ रही थी कि सभी हैरान और परेशान होकर,बाहर निकल आएं___ सबसे पहले बनी खरगोश अपनी पत्नी रैबीट...

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बचपन के क़िस्से By Lalit Rathod

अभनपुर में मेरी माँ का एक सुंदर बचपन बीता है। उन्हें इस जगह को छोड़े वर्षों बीत चुके है, लेकिन सारा कुछ आज भी पहले जैसा है। यहाँ बचपन से आ रहा हूँ। बीते कुछ वर्षों से जब भी आता हूँ...

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बड़ों का कहना मानो By Amrita shukla

रिजल्ट का चक्करराजू,अपना रिजल्ट तो दिखाओ,_जैसे ही राजू ने घर में कदम रखा उसकी बडी बहन मीरा ने कहा ।राजू पढने में बहुत अच्छा था।उसके पेपर भी अच्छे हुए थे।यह बात मीरा दीदी जानती थी फ...

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मेरी बेटी By Ratna Pandey

चिराग और आशा ने एक ऐसे गरीब परिवार में जन्म लिया था, जहाँ पर लक्ष्मी जी का आशीर्वाद भले ही ना हो लेकिन माँ सरस्वती का आशीर्वाद उन्हें ज़रूर मिला था। यदि वे मेहनत करें तो लक्ष्मी जी...

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दुआ में ताक़त By Asha Saraswat

बाल कहानी- दुआ में ताक़त दुआओं में बहुत ताक़त होती है, दुआओं में अनोखी ताक़त होती है दुआओं से मनुष्य की क़िस्मत चमक जाती है,ऐसा कहते हुए हम सब ने बहुत से लोगों क...

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विवेक By Asha Saraswat

बाल कहानी- विवेक एक नदी में मगरमच्छ रहता था, नदी में चारों तरफ़ उछाल भरता। जब उसका आहार मिल जाता तो खाने के बाद नदी में ही पड़ा रहता । शाम होने पर कोई दूसरा शिकार तला...

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ईद का बकरा By SAMIR GANGULY

सुबह-सवेरे मुसलमानों के गांव कमलिया से चार नौजवान हिन्दुओं के गांव जोगीपुरा में आ पहुंचे. एक दूसरे से सटे हुए गांव थे ये दोनों. और बाहर की दुनिया इन्हें मुसलमानों और हिन्दुओं के गा...

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क्या वे होते हैं? By SAMIR GANGULY

विशाल वृक्ष की तेरहवीं शाखा से उल्टा लटकने वाले ने अचानक पूछा, ‘‘ क्या आदमी होते हैं?’’तुरंत ही कई खोपड़ियां 360 डिग्री घूम गई और उसकी तरफ डर, गुस्से और असंमजस से देखने लगी.सन्नाटा...

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शक्तिमान By Priya pandey

शक्तिमान मैं तुम्हें चिट्ठी लिखना चाहती हूं, लेकिन मुझे तुम्हारे घर का पता नहीं मालूम । तुम्हारे लिए चिट्ठी लिख चुकी हूँ। जब भी खेलने जाती हूं जेब में वह चिट्ठी भी साथ होती है। अगर...

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गप्पी दास  By Ratna Pandey

मधुबन सोसाइटी में रहने वाला बंटी होशियार होने के साथ बड़ा ही नटखट था । पाँच बच्चों की उनकी टोली थी, जिसमें युवान उसका घनिष्ठ मित्र था । टोली के सभी बच्चों से बंटी उम्र में लगभग डेढ...

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गुल्लक  By Ratna Pandey

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छोटा-सा पत्र  By Ratna Pandey

आठ वर्ष की रूहानी बहुत ही चंचल, बहुत ही शैतान, लेकिन उतनी ही संवेदनशील भी थी। वह छोटी-से छोटी बात को भी गहराई तक समझती थी। रूहानी की माँ निराली स्कूल में अध्यापिका थीं। जिस स्कूल...

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चंदा जाए कहाँ रे, चंदा आए कहाँ रे... By Manju Mahima

यह एक बाल कथा है जिसके माध्यम से शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष के बारे में रोचक वर्णन है, साथ ही भाषा की दृष्टि से अनुस्वार और चंद्र बिंदु का अंतर भी बताया गया है. चंदा जाए कहाँ रे, चंद...

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