hindi Best Children Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Children Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and c...Read More


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  • झूठी प्रशंसा

    1. झूठी प्रशंसा : -एक बार की बात है । एक महिला के घर पर कुछ मेहमान आने वाले थे ।...

  • जंगल की पाठशाला

    1.जंगल की पाठशाला -एक दिन शेर सिंह अपने जंगल में घूमने निकले। घूमते - घामते एक प...

  • ईमानदार खरगोश

    ईमानदार खरगोशएक समय की बात है, खरगोश नौकरी की तलाश में था। उसने फैसला कर लिया कि...

पर-कटी पाखी - 4. नया ठिकाना. By Anand Vishvas

4. नया ठिकाना. -आनन्द विश्वास आज स्कूल में भी सारे दिन उदास ही रही पाखी। शायद उसे अपनी कम और अपनी *पर-कटी* की चिन्ता कुछ ज्यादा ही सता रही थी। उसे रह-रह कर यही ख्याल आ रहा था कि वह...

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विद्यालय By DINESH KUMAR KEER

तालियाँ - बाल कहानीइस समय विद्यालय में गणतन्त्र दिवस समारोह के लिए सभी बच्चे और शिक्षक बड़े जोर - शोर से तैयारी में लगे थे । घर जाकर सभी अपने - अपने रोल का रिहर्सल करते थे । कोई बच...

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हैलो मिस मैगी By Kusum Agarwal

हैलो मिस मैगी!“रीना क्या तुमने मिस मैगी को देखा है?” कक्षा में आते ही यामा ने प्रश्न किया।“होगी यहीं कहीं या किसी गैस पर पड़ी उबल रही होगी।” यामा ने हँसते हुए कहा और अपना स्कूल बैग...

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पेड़ पौधे By DINESH KUMAR KEER

पेड़ पौधेएक बार दीपक नाम का लड़का किसी जंगल में गायों को चराने के लिए गाँव के अन्य लोगों के साथ गया। उस समय उसके माता-पिता कहीं बाहर गये थे। घर पर बूढ़े दादा-दादी ही थे, इसलिए गायो...

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बहुत जरूरी By DINESH KUMAR KEER

बहुत जरूरीआज खुशी के परिवार में बेहद ही खुशी का माहौल था। उसकी माँ तो फूले न समा रही थी। वह विद्यालय आकर सभी शिक्षकों से मिलकर उनके द्वारा किये गए सहयोग के लिए नतमस्तक हो आभार व्यक...

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मज़े से होली खेलेंगे By Kusum Agarwal

मजे से होली खेलेंगेजब से इरा आई थी, टीना के पांव जमीन पर नहीं पड़ते थे। वह पूरे दिन इरा के हाथों में हाथ डाले इधर से उधर घूमती रहती थी। नए-नए खेल खेलती थी। तरह-तरह की बातें करती थी।...

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झूठी प्रशंसा By DINESH KUMAR KEER

1. झूठी प्रशंसा : -एक बार की बात है । एक महिला के घर पर कुछ मेहमान आने वाले थे । वह महिला बहुत दिखावा करती थी । उस दिन वह बहुत उत्सुकतावश चहलकदमी करती जा रही थी । उसको सबसे प्रशंसा...

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जिज्ञासा By DINESH KUMAR KEER

1. जिज्ञासा -"मांँ! आज क्या मैं स्कूल नही जाऊंँ?""क्या हुआ तृप्ति बिटिया, तबियत तो ठीक है? देखूँ, कहीं बुखार तो नहीं है! अरे! तुम्हें बुखार भी तो नहीं है फिर दिक्कत क्या है? आखिर त...

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रेशम की डोरी से बंधा यह अनमोल बंधन .... By Purnima Kaushik

कभी खट्टा तो कभी मीठा, कभी प्यार तो कभी झगड़ा, कभी एक दूसरे के लिए बेशुमार प्यार और चिंता तो कभी एक दूसरे से अपने खेल खिलौनों और पसंदीदा खाने के लिए लड़ जाना, कभी एक दूसरे के लिए ब...

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जंगल की पाठशाला By DINESH KUMAR KEER

1.जंगल की पाठशाला -एक दिन शेर सिंह अपने जंगल में घूमने निकले। घूमते - घामते एक पेड़ पर टंगी एक तख्ती देखी। रुक गए। जोर से दहाड़ा। उनकी दहाड़ सुन चुन्नू चूहा अपने बिल से निकला। शेर सिं...

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तोता और मैना By DINESH KUMAR KEER

तोता और मैना की कहानीएक बार की बात है । एक जंगल में बड़े से पीपल के पेड़ पर एक तोता और मैना ने अपना बसेरा बना रखा था । हाल ही में बारिश का मौसम खत्म हो चुका था । कई जगह - जगह रास्त...

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कहां गए वो बचपन के दिन..... By Purnima Kaushik

वो हसीं ठिठोली के दिन, वो खेलने कूदने के दिन, वो मस्ती भरे हुए दिन न जाने कहां खो गए। जब व्यर्थ की कोई चिंता नहीं थी, जब हमेशा सपनों के ऊंचे ऊंचे महल बनाए जाते थे। जब किसी भी समस्य...

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ईमानदार खरगोश By DINESH KUMAR KEER

ईमानदार खरगोशएक समय की बात है, खरगोश नौकरी की तलाश में था। उसने फैसला कर लिया कि वह मेहनत की कमाई ही खायेगा, पर नौकरी मिलना आसान काम नहीं था। वह इधर - उधर भटकता रहा लेकिन उसे कहीं...

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प्यासा कौआ By DINESH KUMAR KEER

प्यासा कौआएक बार की बात है किसी जंगल में एक कौआ रहता था। एक दिन उसे बड़ी जोर से प्यास लगी । वह पानी की तलाश में वह बहुत दूर तक उड़ता रहा, परन्तु कहीं भी उसे पानी नहीं मिला। जब वह ब...

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मज़ेदार पहाड़े By DINESH KUMAR KEER

मज़ेदार पहाड़े 01 नेकीएक एकम एक, नेक बनो भई नेक।एक दूनी दो, न बुरा कहो - न सुनो।।एक तिया तीन, परोपकार में हो लीन।एक चौक चार, अच्छा रखो व्यवहार ।।एक पंजे पाँच, अच्छाई को नहीं आँच ।ए...

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बाल गीत By DINESH KUMAR KEER

बाल गीत1. घोड़ा... तांगे में भी ये है लगता। और लड़ाई में है लड़ता।। बहादुर भी है इस पर चढ़ता। सरपट दौड़े कभी न अड़ता।। सर्कस में ये खेल दिखाता। घास चने खुश होकर खाता।।2. तोता... हर...

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एक चिड़िया और लड़के की कहानी By Sonam

एक छोटे गाँव में एक चिड़िया रहती । चिड़िया का नाम टोपी था। टोपी बहुत ही प्यारी चिड़िया थी। वह हमेशा खुश रहती थी और अपने आसपास के सभी जानवरों से प्यार से रहती। एक दिन, टोपी पेड़ पर...

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आओ कुछ सीखे By Sonam

१) एक चिड़ीया की कहानी   एक छोटे से गाँव में एक छोटी सी चिड़िया रहती थी। चिड़िया का नाम टोपी था। टोपी बहुत ही प्यारी और मासूम चिड़िया थी। वह हमेशा खुश रहती थी और अपने आसपास के सभी...

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भूरा चूहा डैम खा गया.... By saurabh dixit manas

नेता और विवाद का चोली दामन का साथ माना जाता है और विवाद प्रारम्भ होता है उल्टे सीधे बयानों से। चाहे मोदी हों या योगी, राहुल हों या अखिलेश, बिहार हो या राजस्थान या फिर दिल्ली ऐसा लग...

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दानी की कहानी - 44 By Pranava Bharti

दानी की कहानी =========== "आज स्कूल से आते ही क्या हो गया ? क्यों झगड़ते आ रहे हो ?" दानी की आदत थी, कोई और हो या न हो लेकिन वे बच्चों के...

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मेरी नानी की कहानियाँ (मोर और कौआ) By [7P] RAVINDRA

नानी की कहानी - मोर और कौआ (मारवाड़ी कहानी हिन्दी में) एक बार की बात है राजस्थान के एक छोटे से गाँव में एक दिवरानी और जिठानी रहती थी | जहाँ दिवरानी दयालु और शांत स्वभाव की थी वहीं...

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लोमड़ी का मकसद By Rajesh Rajesh

छोटे से कस्बे के बस अड्डे के पास बहुत बड़ा और खूबसूरत बाजार था। उस बाजार में एक लोमड़ी रहती थी, उस लोमड़ी को बाजार के दुकानदार बाजार में सामान खरीदने आने वाले ग्राहक बहुत प्यार करत...

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नन्हा फरिश्ता By Wajid Husain

वाजिद हुसैन की कहानी-मार्मिक उत्तर प्रदेश के तराई में एक छोटा सा इलाका है। यहां अधिकतर सिखों के फॉर्म हाउस है। मजदूरों और कामगारों की अलग बस्ती है। एक झोपड़ी में एक मछुआरा और उसका...

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ज़िद्दी की ख्वाहिश By Rajesh Rajesh

केसरी लाल की अपने गांव में छोटी सी हलवाई की दुकान थी। शादी के बहुत साल बीतने के बाद भी केसरी लाल और उसकी पत्नी को जब औलाद का सुख नहीं मिलता है, तो वह और उसकी पत्नी कलावती बहुत अधिक...

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नानी की कहानियां By Rakesh Rakesh

रक्षा जब पांच बरस की थी, तब वह अपने नाना नानी के घर गई थी इसलिए आठ बरस की रक्षा को अब नाना नानी के बारे में कुछ भी याद नहीं था।इसलिए विद्यालय की गर्मियों की छुट्टी में नाना नानी से...

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लालची राजा By Rakesh Rakesh

छोटे से राज्य का बड़ा लालची राजा था। एक बार बुद्धिमान महामंत्री के कहने से बासमती चावल पड़ोसी राज्यों को ऊंचे दामों पर बेचता है, तो बासमती चावल बेचने से राज्य को बहुत अधिक मुनाफा ह...

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भूत या भगवान By Rajesh Rajesh

बबलू रोज भगवान से प्रार्थना करके सोता था, कि उसे भूत प्रेतों के डरावने सपने ना आए, लेकिन जितना भी वह भगवान से प्रार्थना करता था, उतना ही उसे भयानक डरावने सपने आते थे।और दिन में भी...

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दाई मां By Rakesh Rakesh

बूढ़ी दाई मां का असली नाम यशोदा था। यशोदा दाई के काम में इतनी होशियार थी कि बड़े-बड़े डॉक्टर भी उसके हुनर को नमस्कार करते थे। इसलिए यशोदा का अपने गांव और आसपास के गांव में बहुत मान...

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हाथी रंग-रँगीले By Yashvant Kothari

यशवन्त कोठारी सर्वत्र हाथियों का साम्राज्य छाया हुआ है। सफेद हाथी, काले हाथी, पीले, नीले और हरे हाथी। कहीं अंधों के हाथी हैं तो कहीं अंधों हाथी के पाँव में सबका पाँव है तो कहीं हाथ...

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अनजाना सा राही By DINESH KUMAR KEER

अनजाना सा राही     मैंने अपने दुःखो को बहुत करीब से देखा है मैं तुम्हारे अंदर खुद को तलाशने की असीम कोशिश मे कामयाब रहा मुझे तुम्हारे अंदर थोड़ा मैं दिखा बस और क्या मेरे द...

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अनोखी दोस्ती By DINESH KUMAR KEER

यारों का याराना...       चलो देखते हैं फिर एक समय पुराना,   शिक्षालय के चारों यार, यारों का था याराना,   हाथ में कपड़े के फटे हुए होते थे थैले,   खेल...

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Tigers of Sherkila By R.K Sharma

शेर-किला राष्ट्रीय उद्यान के रॉयल बंगाल टाइगर्स में सबसे मर्दाना और शाही, राणा शान-बहादुर, सूरज की पहली सुनहरी किरणों के रूप में जम्हाई और फैला हुआ था, जिसने उसके कोट में आग लगा दी...

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यादें बचपन की By धरमा

यादें बचपन की पांचवीं तक स्लेट की बत्ती को जीभ से चाटकर कैल्शियम की कमी पूरी करना हमारी स्थाई आदत थी लेकिन इसमें पापबोध भी था कि कहीं विद्यामाता नाराज न हो जायें... पढ़ाई का तनाव हम...

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गोलू भागा घर से - 29 - अंतिम भाग By Prakash Manu

29 रहमान चाचा की चिट्ठी एक हफ्ते बाद रहमान चाचा का एक लंबा पत्र आया। उन्होंने लिखा, “गोलू, तुम्हारी सच्ची कहानी पढ़ी। पढ़कर आँखें नम हो गईं। मुझसे ज्यादा तो घर में तुम्हारी स...

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पंचतंत्र By Rajveer Kotadiya । रावण ।

परिचय संस्कृत नीतिकथाओं में पंचतंत्र का पहला स्थान माना जाता है। इस ग्रंथ के रचयिता पं. विष्णु शर्मा हैं। आज विश्व की 50 से भी अधिक भाषाओं में इनका अनुवाद प्रकाशित हो चूका है। इतनी...

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पर-कटी पाखी - 4. नया ठिकाना. By Anand Vishvas

4. नया ठिकाना. -आनन्द विश्वास आज स्कूल में भी सारे दिन उदास ही रही पाखी। शायद उसे अपनी कम और अपनी *पर-कटी* की चिन्ता कुछ ज्यादा ही सता रही थी। उसे रह-रह कर यही ख्याल आ रहा था कि वह...

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विद्यालय By DINESH KUMAR KEER

तालियाँ - बाल कहानीइस समय विद्यालय में गणतन्त्र दिवस समारोह के लिए सभी बच्चे और शिक्षक बड़े जोर - शोर से तैयारी में लगे थे । घर जाकर सभी अपने - अपने रोल का रिहर्सल करते थे । कोई बच...

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हैलो मिस मैगी By Kusum Agarwal

हैलो मिस मैगी!“रीना क्या तुमने मिस मैगी को देखा है?” कक्षा में आते ही यामा ने प्रश्न किया।“होगी यहीं कहीं या किसी गैस पर पड़ी उबल रही होगी।” यामा ने हँसते हुए कहा और अपना स्कूल बैग...

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पेड़ पौधे By DINESH KUMAR KEER

पेड़ पौधेएक बार दीपक नाम का लड़का किसी जंगल में गायों को चराने के लिए गाँव के अन्य लोगों के साथ गया। उस समय उसके माता-पिता कहीं बाहर गये थे। घर पर बूढ़े दादा-दादी ही थे, इसलिए गायो...

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बहुत जरूरी By DINESH KUMAR KEER

बहुत जरूरीआज खुशी के परिवार में बेहद ही खुशी का माहौल था। उसकी माँ तो फूले न समा रही थी। वह विद्यालय आकर सभी शिक्षकों से मिलकर उनके द्वारा किये गए सहयोग के लिए नतमस्तक हो आभार व्यक...

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मज़े से होली खेलेंगे By Kusum Agarwal

मजे से होली खेलेंगेजब से इरा आई थी, टीना के पांव जमीन पर नहीं पड़ते थे। वह पूरे दिन इरा के हाथों में हाथ डाले इधर से उधर घूमती रहती थी। नए-नए खेल खेलती थी। तरह-तरह की बातें करती थी।...

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झूठी प्रशंसा By DINESH KUMAR KEER

1. झूठी प्रशंसा : -एक बार की बात है । एक महिला के घर पर कुछ मेहमान आने वाले थे । वह महिला बहुत दिखावा करती थी । उस दिन वह बहुत उत्सुकतावश चहलकदमी करती जा रही थी । उसको सबसे प्रशंसा...

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जिज्ञासा By DINESH KUMAR KEER

1. जिज्ञासा -"मांँ! आज क्या मैं स्कूल नही जाऊंँ?""क्या हुआ तृप्ति बिटिया, तबियत तो ठीक है? देखूँ, कहीं बुखार तो नहीं है! अरे! तुम्हें बुखार भी तो नहीं है फिर दिक्कत क्या है? आखिर त...

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रेशम की डोरी से बंधा यह अनमोल बंधन .... By Purnima Kaushik

कभी खट्टा तो कभी मीठा, कभी प्यार तो कभी झगड़ा, कभी एक दूसरे के लिए बेशुमार प्यार और चिंता तो कभी एक दूसरे से अपने खेल खिलौनों और पसंदीदा खाने के लिए लड़ जाना, कभी एक दूसरे के लिए ब...

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जंगल की पाठशाला By DINESH KUMAR KEER

1.जंगल की पाठशाला -एक दिन शेर सिंह अपने जंगल में घूमने निकले। घूमते - घामते एक पेड़ पर टंगी एक तख्ती देखी। रुक गए। जोर से दहाड़ा। उनकी दहाड़ सुन चुन्नू चूहा अपने बिल से निकला। शेर सिं...

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तोता और मैना By DINESH KUMAR KEER

तोता और मैना की कहानीएक बार की बात है । एक जंगल में बड़े से पीपल के पेड़ पर एक तोता और मैना ने अपना बसेरा बना रखा था । हाल ही में बारिश का मौसम खत्म हो चुका था । कई जगह - जगह रास्त...

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कहां गए वो बचपन के दिन..... By Purnima Kaushik

वो हसीं ठिठोली के दिन, वो खेलने कूदने के दिन, वो मस्ती भरे हुए दिन न जाने कहां खो गए। जब व्यर्थ की कोई चिंता नहीं थी, जब हमेशा सपनों के ऊंचे ऊंचे महल बनाए जाते थे। जब किसी भी समस्य...

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ईमानदार खरगोश By DINESH KUMAR KEER

ईमानदार खरगोशएक समय की बात है, खरगोश नौकरी की तलाश में था। उसने फैसला कर लिया कि वह मेहनत की कमाई ही खायेगा, पर नौकरी मिलना आसान काम नहीं था। वह इधर - उधर भटकता रहा लेकिन उसे कहीं...

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प्यासा कौआ By DINESH KUMAR KEER

प्यासा कौआएक बार की बात है किसी जंगल में एक कौआ रहता था। एक दिन उसे बड़ी जोर से प्यास लगी । वह पानी की तलाश में वह बहुत दूर तक उड़ता रहा, परन्तु कहीं भी उसे पानी नहीं मिला। जब वह ब...

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मज़ेदार पहाड़े By DINESH KUMAR KEER

मज़ेदार पहाड़े 01 नेकीएक एकम एक, नेक बनो भई नेक।एक दूनी दो, न बुरा कहो - न सुनो।।एक तिया तीन, परोपकार में हो लीन।एक चौक चार, अच्छा रखो व्यवहार ।।एक पंजे पाँच, अच्छाई को नहीं आँच ।ए...

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बाल गीत By DINESH KUMAR KEER

बाल गीत1. घोड़ा... तांगे में भी ये है लगता। और लड़ाई में है लड़ता।। बहादुर भी है इस पर चढ़ता। सरपट दौड़े कभी न अड़ता।। सर्कस में ये खेल दिखाता। घास चने खुश होकर खाता।।2. तोता... हर...

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एक चिड़िया और लड़के की कहानी By Sonam

एक छोटे गाँव में एक चिड़िया रहती । चिड़िया का नाम टोपी था। टोपी बहुत ही प्यारी चिड़िया थी। वह हमेशा खुश रहती थी और अपने आसपास के सभी जानवरों से प्यार से रहती। एक दिन, टोपी पेड़ पर...

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आओ कुछ सीखे By Sonam

१) एक चिड़ीया की कहानी   एक छोटे से गाँव में एक छोटी सी चिड़िया रहती थी। चिड़िया का नाम टोपी था। टोपी बहुत ही प्यारी और मासूम चिड़िया थी। वह हमेशा खुश रहती थी और अपने आसपास के सभी...

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भूरा चूहा डैम खा गया.... By saurabh dixit manas

नेता और विवाद का चोली दामन का साथ माना जाता है और विवाद प्रारम्भ होता है उल्टे सीधे बयानों से। चाहे मोदी हों या योगी, राहुल हों या अखिलेश, बिहार हो या राजस्थान या फिर दिल्ली ऐसा लग...

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दानी की कहानी - 44 By Pranava Bharti

दानी की कहानी =========== "आज स्कूल से आते ही क्या हो गया ? क्यों झगड़ते आ रहे हो ?" दानी की आदत थी, कोई और हो या न हो लेकिन वे बच्चों के...

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मेरी नानी की कहानियाँ (मोर और कौआ) By [7P] RAVINDRA

नानी की कहानी - मोर और कौआ (मारवाड़ी कहानी हिन्दी में) एक बार की बात है राजस्थान के एक छोटे से गाँव में एक दिवरानी और जिठानी रहती थी | जहाँ दिवरानी दयालु और शांत स्वभाव की थी वहीं...

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लोमड़ी का मकसद By Rajesh Rajesh

छोटे से कस्बे के बस अड्डे के पास बहुत बड़ा और खूबसूरत बाजार था। उस बाजार में एक लोमड़ी रहती थी, उस लोमड़ी को बाजार के दुकानदार बाजार में सामान खरीदने आने वाले ग्राहक बहुत प्यार करत...

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नन्हा फरिश्ता By Wajid Husain

वाजिद हुसैन की कहानी-मार्मिक उत्तर प्रदेश के तराई में एक छोटा सा इलाका है। यहां अधिकतर सिखों के फॉर्म हाउस है। मजदूरों और कामगारों की अलग बस्ती है। एक झोपड़ी में एक मछुआरा और उसका...

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ज़िद्दी की ख्वाहिश By Rajesh Rajesh

केसरी लाल की अपने गांव में छोटी सी हलवाई की दुकान थी। शादी के बहुत साल बीतने के बाद भी केसरी लाल और उसकी पत्नी को जब औलाद का सुख नहीं मिलता है, तो वह और उसकी पत्नी कलावती बहुत अधिक...

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नानी की कहानियां By Rakesh Rakesh

रक्षा जब पांच बरस की थी, तब वह अपने नाना नानी के घर गई थी इसलिए आठ बरस की रक्षा को अब नाना नानी के बारे में कुछ भी याद नहीं था।इसलिए विद्यालय की गर्मियों की छुट्टी में नाना नानी से...

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लालची राजा By Rakesh Rakesh

छोटे से राज्य का बड़ा लालची राजा था। एक बार बुद्धिमान महामंत्री के कहने से बासमती चावल पड़ोसी राज्यों को ऊंचे दामों पर बेचता है, तो बासमती चावल बेचने से राज्य को बहुत अधिक मुनाफा ह...

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भूत या भगवान By Rajesh Rajesh

बबलू रोज भगवान से प्रार्थना करके सोता था, कि उसे भूत प्रेतों के डरावने सपने ना आए, लेकिन जितना भी वह भगवान से प्रार्थना करता था, उतना ही उसे भयानक डरावने सपने आते थे।और दिन में भी...

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दाई मां By Rakesh Rakesh

बूढ़ी दाई मां का असली नाम यशोदा था। यशोदा दाई के काम में इतनी होशियार थी कि बड़े-बड़े डॉक्टर भी उसके हुनर को नमस्कार करते थे। इसलिए यशोदा का अपने गांव और आसपास के गांव में बहुत मान...

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हाथी रंग-रँगीले By Yashvant Kothari

यशवन्त कोठारी सर्वत्र हाथियों का साम्राज्य छाया हुआ है। सफेद हाथी, काले हाथी, पीले, नीले और हरे हाथी। कहीं अंधों के हाथी हैं तो कहीं अंधों हाथी के पाँव में सबका पाँव है तो कहीं हाथ...

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अनजाना सा राही By DINESH KUMAR KEER

अनजाना सा राही     मैंने अपने दुःखो को बहुत करीब से देखा है मैं तुम्हारे अंदर खुद को तलाशने की असीम कोशिश मे कामयाब रहा मुझे तुम्हारे अंदर थोड़ा मैं दिखा बस और क्या मेरे द...

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अनोखी दोस्ती By DINESH KUMAR KEER

यारों का याराना...       चलो देखते हैं फिर एक समय पुराना,   शिक्षालय के चारों यार, यारों का था याराना,   हाथ में कपड़े के फटे हुए होते थे थैले,   खेल...

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शेर-किला राष्ट्रीय उद्यान के रॉयल बंगाल टाइगर्स में सबसे मर्दाना और शाही, राणा शान-बहादुर, सूरज की पहली सुनहरी किरणों के रूप में जम्हाई और फैला हुआ था, जिसने उसके कोट में आग लगा दी...

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यादें बचपन की By धरमा

यादें बचपन की पांचवीं तक स्लेट की बत्ती को जीभ से चाटकर कैल्शियम की कमी पूरी करना हमारी स्थाई आदत थी लेकिन इसमें पापबोध भी था कि कहीं विद्यामाता नाराज न हो जायें... पढ़ाई का तनाव हम...

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गोलू भागा घर से - 29 - अंतिम भाग By Prakash Manu

29 रहमान चाचा की चिट्ठी एक हफ्ते बाद रहमान चाचा का एक लंबा पत्र आया। उन्होंने लिखा, “गोलू, तुम्हारी सच्ची कहानी पढ़ी। पढ़कर आँखें नम हो गईं। मुझसे ज्यादा तो घर में तुम्हारी स...

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पंचतंत्र By Rajveer Kotadiya । रावण ।

परिचय संस्कृत नीतिकथाओं में पंचतंत्र का पहला स्थान माना जाता है। इस ग्रंथ के रचयिता पं. विष्णु शर्मा हैं। आज विश्व की 50 से भी अधिक भाषाओं में इनका अनुवाद प्रकाशित हो चूका है। इतनी...

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