hindi Best Children Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Children Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and c...Read More


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नन्ही जासूस By Khushi Saifi

एक छोटी सी लड़की सलोनी किस तरह आपकी जान बचाती है खतरनाक गिरोह से, कैसे वो जासूस बनती है बिल्ली की मदद से.. जानिए नन्ही जासूस कहानी पढ़ कर ।

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Nani ki Kahani By DR JAGDISH LACHHANI

नानी की कहानी

-एक था राजा

लौट चलें बचपन की गिरह मैं, मज़ा आएगा.

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डिजिटल इंडिया में बच्चों की दुनिया By kaushlendra prapanna

डिजिटल इंडिया में जितनी तेजी से सूचनाएं विस्तारित और दुनिया भर में फैलती हैं यदि इसकी अहमियत को बच्चे समझें अपनी जानकारी और अनुभवों को वैश्विक कर सकते हैं। लेकिन अफ्सोसनाक बात यह भ...

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किस्मत कनेक्शन By Parikshit R. Joshi

मातृभारती बाल वार्ता लेखन स्पर्धा में विजेता रही कृति. मोटु और छोटु दो भिन्न प्रकृति के भाई, अलग अलग उनके शौक. व्यक्ति को उसे पूरा मन लगाकर, जिवन में जब भी मौका मिले पूरा करना चाहि...

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सीख By Pawnesh Dixit

प्रस्तुत कहानी में एक बहेलिया लड़की के माध्यम से चंचल , सीधे भोले -बुद्धू मन वाले लोग मुसीबत में कैसे प्रतिक्रिया करते हैं !! दिखाया गया है कहानी में जंगल के प्रसिद्ध जानवरों के...

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अनोखी दोस्ती By Sonia Gupta

“पिंकी” अपने माता पिता की इकलौती सन्तान थी ! बड़े लाड प्यार से उसका पालन पोषण किया उसके माता पिता ने ! कोई अपना भाई बहन न होने की वजह से “पिंकी” थोड़ी उदास सी रहती थी ! परन्तु उसके म...

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भूली का स्वप्न By paresh barai

चन्दनपुर गाँव मेँ मीठी नदी के किनारे एक सुंदर से घर में भूली नाम की एक बहुत प्यारी लड़की रहेती थी। भूली के माता पिता काफी गरीब थे, वह पूरा दिन महेनत मजदूरी कर के घर चलाते थे। नन्ही...

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स्नूफी और पिंकी By Pallavi Raj

पिंकी........पिंकी .....जल्दी करो स्कूल के लिए लेट हो रहा है.
हाँ.....माँ, आती हूँ.
दस साल की पिंकी बहुत ही नटखट थी. उसे जानवरों से बहुत लगाव था परंतु उसकी माँ को यह सब बिलुल...

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रणथम्भौर का नवजात बोल्ट By Manju Gupta

मंदिरों का नगर गंगा नदी के किनारे बसे ऋषिकेश में चंदा और तारा अपने माता – पिता के साथ रहती थीं .
खूबसूरत , विदूषी , मेहनती चंदा कक्षा आठवीं में और कुशाग्र बुद्धि तारा छठी में प...

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जिद्दी अप्पू By Neha Agarwal Neh

आज फिर अप्पू हाथी सुबह से बैचैन था। और होता भी क्यों नहीं सुबह से उसकी प्यारी दोस्त टिनटिन गिलहरी का कुछ अता पता ही नहीं था। आखिर अकेले शैतानी करने में भी कोई मजा आता है क्या, अब त...

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जंगल की सैर By Kavita Verma

उस छोटे से गांव के आखरी छोर पर बने उस बड़े से मकान में बड़ी सारी तैयारियाँ चल रही थीं। घर की खास साफ सफाई जो रोज़ होती है आज कुछ खास हो रही थी। बाहर बगीचे में माली काका पेड़ों की कटा...

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बचपन की खट्टी मीठी यादें By c P Hariharan

सरिगा और संगीता सहपाठी थे। दोनों एक ही गाँव में अड़ोस पड़ोस में ही रहते थे। उनके गाँव के पास ही एक बड़ी सी जंगल भी थी। उस गाँव की चारों तरफ पहाड़ भी थी। इसलिए वहां हमेशा ठंडी ताज़ी हवा...

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वाह ! चिंकी By Jahnavi Suman

चिंकी का गर्मी की छुटियों से पहले स्कूल में अाज अाखिरी दिवस था। वह ख़ुशी से बावली हुई जा रही थी , छुट्टियां शुरू होते ही नानी के घर दिल्ली जो जाना था, हवाई जहाज और उसके बाद मामाज...

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रिनी और रोमी By Amrita shukla

दस साल की रिनी बड़ी प्यारी और सुंदर लड़की थी।वह अपने मम्मी _पापा,दादा_दादी और बड़े भाई के साथ एक बड़े से घर में रहती थी। भाई रिनी से पांच साल बड़ा था। इसलिए सबसे छोटी रिनी सबकी बहुत लाड़...

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जादू की दुनिया से बाहर By Kashyapi Maha

कह तो सक्ते है ईस किताब को बच्चो की कहानी पर बडेबुढो को भी लुभाये एसे गुर है यह कहानी में. यूं तो जादू की दुनिया के अंदर की बातें होती है पर यहां बातें जादू की है लेकिन दुनिया बाह...

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gaon ki jhil By Pramila Verma

बच्चो ने कैसे अपने गांव की दिक्कतों को हटाकर अपने पर्यावरण को स्वच्छ किया.

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छात्रों के अजब सवाल ❓ By Sonu Kasana

कुछ ऐसे सवाल शायद जिनसे आप को भी दो चार होना पड़ा हो।

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Ghamandi Ko Sabak By Poonam Negi

अमरकण्टक वन में कपिला नाम की एक लोमड़ी रहती थी। वह बड़ी ही चालाक आैर घमण्डी थी। खरगोश, चूहे, मुर्गी, मेमनों आदि को वह मार कर खा जाया कती थी। वह बड़ी फुर्तीली थी, इसलिए तुरन्त शिकार कर...

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Aap Kaha He Madam By Dr Sunita

आज जब पीछे लौटकर देखती हूँ कि वह क्या था जिसने मेरे जीवन को ढर्रे का नहीं बनने दिया, हर क्षण कुछ न कुछ नया पढ़ने-गढ़ने, गुनने-समझने की तड़प मेरे भीतर से नहीं गई, तो एकाएक कुछ चेहरे...

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Ek Subha Ka Mahabharat By Prakash Manu

फिर एक दिन की बात है। सर्दियों की शाम। गाड़ी का इंतजार करने वालों की भीड़ कम थी। शायद कोई छुट्टी थी उस दिन। मैंने बेसब्री से उसी परिचित कोने पर निगाह घुमाई। वह नहीं थी। मैं निराश स...

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Karmu Chacha ka Tanga By Dr Sunita

बचपन की बातें याद करती है नीना, तो मन दौड़-दौड़कर नानी के गाँव जा पहुँचता है। और फिर सालवन गाँव की यादों में ऐसे रम जाता है कि समय का कुछ पता ही नहीं चलता।
नीना जब छोटी थी, कोई दस...

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Nila ka Naya School By Dr Sunita

बहुत छोटी-सी थी नीला। कोई आठ बरस की। उसे और लड़कियों की तरह ज्यादा बातें करना पसंद नहीं था। बढ़िया कपड़े पहनने का भी शौक नहीं था। जब देखो, अपने में खोई रहती। कुछ न कुछ पढ़ती रहती।...

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Kanoon ka Rakhwala By Prakash Manu

उसके पाँच साल बाद बब्बू से अचानक फिर मुलाकात हो जाएगी, यह कब सोचा था? पर जीवन में कुछ ऐसे संयोग होते हैं जिनकी कल्पना तक चकित करती है।
हुआ यह कि बच्चों के साथ घूमने के लिए मैं रो...

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Kiran Didi Ki Salah By Sandeep Meel

किरन दीदी की सलाह एक थी बिमला। उम्र लगभग 45 के आसपास। सुबह घर का काम करने के बाद पड़ौसनों के पास चौकड़ी जमा लेती थी। सुबह से लेकर शाम तक चुगली करती रहती। गांव का ऐसा कोई घर नहीं था ज...

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Saddi Rail Gaddi Aai By Prakash Manu

बब्बू ने बताया कि उसकी कहानी हमेशा से ऐसी नहीं थी, बल्कि उसमें सुख के कुछ चाँदिया तार भी जुड़े हुए थे। उसके पिता थे, जो उसे बहुत प्यार करते थे और उसका घर एक हँसता-खेलता घर था। पिता...

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Sink Wali Tai By Dr Sunita

सारा गाँव उन्हें कहता—सींक वाली ताई। बड़े भी, छोटे भी। सभी इसी नाम से बुलाते। सालवन गाँव में जब से ब्याह कर आई थीं ताई, तब से उनके गाँव का नाम सींक उनके नाम से जुड़ गया। ऐसा जुड़ा...

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Lumba By Prakash Manu

कहानी कहते हुए फिर एक मुश्किल! असल में कहानी मैं आज के बब्बूजी की कहना चाहता हूँ, पर आज से पाँच-छह साल पहले के बब्बू का चेहरा बार-बार मेरी आँखों के सामने आ-जा रहा है। तब पहले-पहल उ...

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Vah Udas Ladka By Prakash Manu

हमारे स्कूल में कोई प्रोग्राम हो, खासकर टूर का तो बच्चों को मुझे आनंदमोहन सर की सबसे पहले याद आती है। वे दूर से चीखते हुए आते हैं, “सर-सर, आप चलेंगे न हमारे साथ...चलेंगे? प्रॉमिस!”...

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Yatra Kabhi Khatm Nahi Hoti By Prakash Manu

गाड़ी चल पड़ी है, और गाड़ी के साथ वह भी। शायद वह नहीं, उसकी देह-मात्र। थकी, खंडित, बोझिल और भीतर की ओर मार करती हुई। लड़ाई से पहले ही पराजित और टूटी हुई देह। पर मन नहीं और मन के भी...

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सुकरात मेरे शहर में By Prakash Manu

पहली बार उसे गुलमोहर के लाल फूले पेड़ के नीचे बैठे देखा था। एक स्वस्थ, अधेड़ आदमी जिसकी गोदी में गुलमोहर के चार-छै फूल थे। लाल, दहकते हुए। उसने खुद ही उठाकर रखे थे या ऊपर से गिर पड...

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Tute kapo ka koras - 03 By Prakash Manu

वे दोनों अभी नए आए थे, एक वो, एक उसकी वो। वो चश्मा लगाए गोरा और लंबा और उसकी वो साधारण नाक-नक्श की साँवली-सी। पूरी लाइन में एक ही कमरा खाली था—बिजली दफ्तर के महेंद्र बाबू का, जो उन...

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अंकल को विश नही करोगे By Prakash Manu

9.11.2015 (यूनिकोड-मंगल फौंट, कुल पृष्ठ 66, शब्द-संख्या 21,972) कहानी-संग्रह (ई-बुक) टूटे कपों का कोरस प्रकाश मनु * 545, सेक्टर-29, फरीदाबाद (हरियाणा), पिन-121008, मो. +91-98106023...

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डाक्टर शोभा By Prakash Manu

शिक्षा: शुरू में विज्ञान के विद्यार्थी रहे। आगरा कॉलेजए आगरा से भौतिक विज्ञान में एम.एस-सी. (1973)। फिर साहित्यिक रुझान के कारण जीवन का ताना-बाना ही बदल गया। 1975 में आगरा विश्वविद...

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असहमती By Prakash Manu

शिक्षा रू शुरू में विज्ञान के विद्यार्थी रहे। आगरा कॉलेजए आगरा से भौतिक विज्ञान में एम.एस-सी. (1973)। फिर साहित्यिक रुझान के कारण जीवन का ताना-बाना ही बदल गया। 1975 में आगरा विश्वव...

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नन्ही जासूस By Khushi Saifi

एक छोटी सी लड़की सलोनी किस तरह आपकी जान बचाती है खतरनाक गिरोह से, कैसे वो जासूस बनती है बिल्ली की मदद से.. जानिए नन्ही जासूस कहानी पढ़ कर ।

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Nani ki Kahani By DR JAGDISH LACHHANI

नानी की कहानी

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लौट चलें बचपन की गिरह मैं, मज़ा आएगा.

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डिजिटल इंडिया में बच्चों की दुनिया By kaushlendra prapanna

डिजिटल इंडिया में जितनी तेजी से सूचनाएं विस्तारित और दुनिया भर में फैलती हैं यदि इसकी अहमियत को बच्चे समझें अपनी जानकारी और अनुभवों को वैश्विक कर सकते हैं। लेकिन अफ्सोसनाक बात यह भ...

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किस्मत कनेक्शन By Parikshit R. Joshi

मातृभारती बाल वार्ता लेखन स्पर्धा में विजेता रही कृति. मोटु और छोटु दो भिन्न प्रकृति के भाई, अलग अलग उनके शौक. व्यक्ति को उसे पूरा मन लगाकर, जिवन में जब भी मौका मिले पूरा करना चाहि...

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सीख By Pawnesh Dixit

प्रस्तुत कहानी में एक बहेलिया लड़की के माध्यम से चंचल , सीधे भोले -बुद्धू मन वाले लोग मुसीबत में कैसे प्रतिक्रिया करते हैं !! दिखाया गया है कहानी में जंगल के प्रसिद्ध जानवरों के...

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अनोखी दोस्ती By Sonia Gupta

“पिंकी” अपने माता पिता की इकलौती सन्तान थी ! बड़े लाड प्यार से उसका पालन पोषण किया उसके माता पिता ने ! कोई अपना भाई बहन न होने की वजह से “पिंकी” थोड़ी उदास सी रहती थी ! परन्तु उसके म...

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भूली का स्वप्न By paresh barai

चन्दनपुर गाँव मेँ मीठी नदी के किनारे एक सुंदर से घर में भूली नाम की एक बहुत प्यारी लड़की रहेती थी। भूली के माता पिता काफी गरीब थे, वह पूरा दिन महेनत मजदूरी कर के घर चलाते थे। नन्ही...

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स्नूफी और पिंकी By Pallavi Raj

पिंकी........पिंकी .....जल्दी करो स्कूल के लिए लेट हो रहा है.
हाँ.....माँ, आती हूँ.
दस साल की पिंकी बहुत ही नटखट थी. उसे जानवरों से बहुत लगाव था परंतु उसकी माँ को यह सब बिलुल...

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रणथम्भौर का नवजात बोल्ट By Manju Gupta

मंदिरों का नगर गंगा नदी के किनारे बसे ऋषिकेश में चंदा और तारा अपने माता – पिता के साथ रहती थीं .
खूबसूरत , विदूषी , मेहनती चंदा कक्षा आठवीं में और कुशाग्र बुद्धि तारा छठी में प...

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जिद्दी अप्पू By Neha Agarwal Neh

आज फिर अप्पू हाथी सुबह से बैचैन था। और होता भी क्यों नहीं सुबह से उसकी प्यारी दोस्त टिनटिन गिलहरी का कुछ अता पता ही नहीं था। आखिर अकेले शैतानी करने में भी कोई मजा आता है क्या, अब त...

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जंगल की सैर By Kavita Verma

उस छोटे से गांव के आखरी छोर पर बने उस बड़े से मकान में बड़ी सारी तैयारियाँ चल रही थीं। घर की खास साफ सफाई जो रोज़ होती है आज कुछ खास हो रही थी। बाहर बगीचे में माली काका पेड़ों की कटा...

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बचपन की खट्टी मीठी यादें By c P Hariharan

सरिगा और संगीता सहपाठी थे। दोनों एक ही गाँव में अड़ोस पड़ोस में ही रहते थे। उनके गाँव के पास ही एक बड़ी सी जंगल भी थी। उस गाँव की चारों तरफ पहाड़ भी थी। इसलिए वहां हमेशा ठंडी ताज़ी हवा...

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वाह ! चिंकी By Jahnavi Suman

चिंकी का गर्मी की छुटियों से पहले स्कूल में अाज अाखिरी दिवस था। वह ख़ुशी से बावली हुई जा रही थी , छुट्टियां शुरू होते ही नानी के घर दिल्ली जो जाना था, हवाई जहाज और उसके बाद मामाज...

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रिनी और रोमी By Amrita shukla

दस साल की रिनी बड़ी प्यारी और सुंदर लड़की थी।वह अपने मम्मी _पापा,दादा_दादी और बड़े भाई के साथ एक बड़े से घर में रहती थी। भाई रिनी से पांच साल बड़ा था। इसलिए सबसे छोटी रिनी सबकी बहुत लाड़...

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जादू की दुनिया से बाहर By Kashyapi Maha

कह तो सक्ते है ईस किताब को बच्चो की कहानी पर बडेबुढो को भी लुभाये एसे गुर है यह कहानी में. यूं तो जादू की दुनिया के अंदर की बातें होती है पर यहां बातें जादू की है लेकिन दुनिया बाह...

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gaon ki jhil By Pramila Verma

बच्चो ने कैसे अपने गांव की दिक्कतों को हटाकर अपने पर्यावरण को स्वच्छ किया.

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Ghamandi Ko Sabak By Poonam Negi

अमरकण्टक वन में कपिला नाम की एक लोमड़ी रहती थी। वह बड़ी ही चालाक आैर घमण्डी थी। खरगोश, चूहे, मुर्गी, मेमनों आदि को वह मार कर खा जाया कती थी। वह बड़ी फुर्तीली थी, इसलिए तुरन्त शिकार कर...

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Aap Kaha He Madam By Dr Sunita

आज जब पीछे लौटकर देखती हूँ कि वह क्या था जिसने मेरे जीवन को ढर्रे का नहीं बनने दिया, हर क्षण कुछ न कुछ नया पढ़ने-गढ़ने, गुनने-समझने की तड़प मेरे भीतर से नहीं गई, तो एकाएक कुछ चेहरे...

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Ek Subha Ka Mahabharat By Prakash Manu

फिर एक दिन की बात है। सर्दियों की शाम। गाड़ी का इंतजार करने वालों की भीड़ कम थी। शायद कोई छुट्टी थी उस दिन। मैंने बेसब्री से उसी परिचित कोने पर निगाह घुमाई। वह नहीं थी। मैं निराश स...

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Karmu Chacha ka Tanga By Dr Sunita

बचपन की बातें याद करती है नीना, तो मन दौड़-दौड़कर नानी के गाँव जा पहुँचता है। और फिर सालवन गाँव की यादों में ऐसे रम जाता है कि समय का कुछ पता ही नहीं चलता।
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Nila ka Naya School By Dr Sunita

बहुत छोटी-सी थी नीला। कोई आठ बरस की। उसे और लड़कियों की तरह ज्यादा बातें करना पसंद नहीं था। बढ़िया कपड़े पहनने का भी शौक नहीं था। जब देखो, अपने में खोई रहती। कुछ न कुछ पढ़ती रहती।...

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Kanoon ka Rakhwala By Prakash Manu

उसके पाँच साल बाद बब्बू से अचानक फिर मुलाकात हो जाएगी, यह कब सोचा था? पर जीवन में कुछ ऐसे संयोग होते हैं जिनकी कल्पना तक चकित करती है।
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Kiran Didi Ki Salah By Sandeep Meel

किरन दीदी की सलाह एक थी बिमला। उम्र लगभग 45 के आसपास। सुबह घर का काम करने के बाद पड़ौसनों के पास चौकड़ी जमा लेती थी। सुबह से लेकर शाम तक चुगली करती रहती। गांव का ऐसा कोई घर नहीं था ज...

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Saddi Rail Gaddi Aai By Prakash Manu

बब्बू ने बताया कि उसकी कहानी हमेशा से ऐसी नहीं थी, बल्कि उसमें सुख के कुछ चाँदिया तार भी जुड़े हुए थे। उसके पिता थे, जो उसे बहुत प्यार करते थे और उसका घर एक हँसता-खेलता घर था। पिता...

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सारा गाँव उन्हें कहता—सींक वाली ताई। बड़े भी, छोटे भी। सभी इसी नाम से बुलाते। सालवन गाँव में जब से ब्याह कर आई थीं ताई, तब से उनके गाँव का नाम सींक उनके नाम से जुड़ गया। ऐसा जुड़ा...

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Lumba By Prakash Manu

कहानी कहते हुए फिर एक मुश्किल! असल में कहानी मैं आज के बब्बूजी की कहना चाहता हूँ, पर आज से पाँच-छह साल पहले के बब्बू का चेहरा बार-बार मेरी आँखों के सामने आ-जा रहा है। तब पहले-पहल उ...

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Yatra Kabhi Khatm Nahi Hoti By Prakash Manu

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सुकरात मेरे शहर में By Prakash Manu

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9.11.2015 (यूनिकोड-मंगल फौंट, कुल पृष्ठ 66, शब्द-संख्या 21,972) कहानी-संग्रह (ई-बुक) टूटे कपों का कोरस प्रकाश मनु * 545, सेक्टर-29, फरीदाबाद (हरियाणा), पिन-121008, मो. +91-98106023...

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डाक्टर शोभा By Prakash Manu

शिक्षा: शुरू में विज्ञान के विद्यार्थी रहे। आगरा कॉलेजए आगरा से भौतिक विज्ञान में एम.एस-सी. (1973)। फिर साहित्यिक रुझान के कारण जीवन का ताना-बाना ही बदल गया। 1975 में आगरा विश्वविद...

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असहमती By Prakash Manu

शिक्षा रू शुरू में विज्ञान के विद्यार्थी रहे। आगरा कॉलेजए आगरा से भौतिक विज्ञान में एम.एस-सी. (1973)। फिर साहित्यिक रुझान के कारण जीवन का ताना-बाना ही बदल गया। 1975 में आगरा विश्वव...

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