hindi Best Children Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Children Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and c...Read More


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अदृश्य गाँव का रहस्य - 2 By Mukesh nagar

(गतांक से आगे..) उस अनोखे से गाँव के यह चार बच्चे।राजू और मुन्ना एक ही कक्षा के छात्र थे। संजू और जीतू उन दोनों से एक-एक कक्षा नीचे...परंतु चारो की मित्रता बड़ी सुदृढ़ थी। इन बच्चों...

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दानी की कहानी - 3 By Pranava Bharti

आप झूठ क्यों बोले ?(दानी की कहानी ) ------------------------------------ दानी की एक चचेरी बहन थीं शीलो जीजी (दीदी )जिनकी उम्र दानी की मम्मी के बराबर थी और बच्चे दानी से कोई छोटा ,क...

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स्वप्न हो गये बचपन के दिन भी... (9) By Anandvardhan Ojha

स्वप्न हो गये बचपन के दिन भी (9)'कील गुर्रों' उर्फ़ काठ का घोड़ा... मेरे घर के सामने ही उनका घर था--भिन्न-मुखी ! मेरा घर पश्चिमाभिमुखी तो उनका उत्तराभिमुखी ! १२ वर्ष का चंचल...

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बिखरते सपने - 10 - अंतिम भाग By Goodwin Masih

बिखरते सपने (10) ‘‘बेटा, तुम रोज छत पर खड़ी होकर मुन्ना का खेल देखती हो, तो क्या तुम्हें खेल देखना अच्छा लगता है...?’’ ‘‘जी, जब मुन्ना को बैडमिन्टन खेलते हुए देखती हूं तो मेरा भी मन...

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वफादार मोती By Udita Mishra

वफादार मोती बहुत पहले की बात है एक छोटा सा गांव था उसकी सीमा खतम होने पर एक घना जंगल था। जिसमे बहुत से जंगली जानवर रहते थे पर कोई उस गांव मे नही आता था लेकिन दो भेड़िये रोज रात को प...

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मिठ्ठू और शानी By Udita Mishra

मिठ्ठू और शानी शानी अपने माता पिता के साथ रहती थी वह अपने माता पिता की अकेली संतान थी। वह पढ़ाई में शुरू से ही बहुत होशियार थी वह अपने मामा लोगों की तरह मशहूर डाॅक्टर बनना चाहती थी।...

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रघुवन की कहानियां - सतरंगी दवाई By Sandeep Shrivastava

रघुवन में गुड्डू गैंड़ाहाथी की पहचान भोजन के दुश्मन के नाम से होती थी | वो जिधर भी कुछ भी खाने योग्य देखता तो उसे ख़त्म कर देता| जो भी गुड्डू खाता देखता उसको यही लगता की मेरे लिए खान...

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दाई की माला By Pranava Bharti

दाई की माला ------------ आज नन्ही मीनू सत्तर वर्ष की वृद्धा हो चली है |हँसी आती है न सत्तर वर्ष की उम्रदराज़ स्त्री को नन्ही मीनू कहते हुए | कभी तो सब ही नन्हे-मुन्ने हो...

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भोला भालू By Udita Mishra

भोला भालू एक जंगल था जिसमें बहुत से जानवर परिवार समेत मिल जुल कर रहते थे । उस जंगल का राजा बब्बर शेर था जो बहुत दयालु था और सभी जानवरों का ध्यान रखता था, इसलिए उसने पूरे जंगल के जा...

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बदमाश शैतान बिल्ला By Udita Mishra

बदमाश शैतान बिल्ला आज सुबह मम्मी ने मुझे याद दिलाया कि मैं अपने दोस्त के लिए एक कटोरा दूध में एक रोटी डाल कर रख दूं किचन में रोटी तैयार है। वो तुम्हारी राह देख रहा है। असल में वो द...

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उदना और उदनी - 2 By Abhinav Bajpai

उदना ने जब बड़कू शेर की पूंछ काट दी तब से उदना और उदनी फिर से सुखपूर्वक रहने लगे थे। बड़कू शेर अपनी पूंछ कट जाने के बाद से लज्जा के कारण ज्यादा इधर उधर नहीं निकालता था, लेकिन बड़कू...

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बंदरिया के बच्चे By Udita Mishra

बंदरिया के बच्चे एक जंगल था जिसका नाम चंपक था। उस जंगल का राजा शेरसिंह नामक शेर था। वैसे तो वह जंगल बहुत सुंदर था पर धीरे धीरे जंगल में जानवर की संख्या कम हो लगी इस का कारण था शेरस...

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बच्चों को सुनाएँ - 8 लॉकडाउन मन की उड़ान By r k lal

बच्चों को सुनाएँ – 8- “लॉकडाउन मन की उड़ान” आर० के० लाल कोरोना वायरस से निपटने के लिए सरकार ने लॉकडाउन घोषित कर दिया तो सभी लोग अपने अपने घरों में कैद हो गए ।...

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नन्हे हाथी By Udita Mishra

नन्हे हाथी एक जंगल था जहाँ बहुत से हाथियों का एक झुंड रहता था और और भी तमाम जानवर रहते थे। उस जंगल का नियम था कि हर दस साल में मुखिया का चुनाव होता था और जंगल के उम्र में सबसे बड़े...

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नन्हीं बया By Udita Mishra

नन्हीं बया कीनू का एक नियम था कि वह रोज अलसुबह उठकर अपने घर की छत पर जाकर अपने पापा के साथ मिलकर पक्षियों (कबूतर, नीले रंग की बडी़ चोंच वाली चिड़िया, तीतर, कोयल, बया, गोरैया आदि )के...

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दोस्ती By Udita Mishra

दोस्ती एक शहर में प्रसिद्ध हड्डी के डाक्टर अपने परिवार के साथ रहते हैं । उनके परिवार में उनके माता पिता, उनकी पत्नी, दो बेटियां हैं । बड़ी बेटी का नाम सोनम था। जो डाँक्टर बनने की पढ़...

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हाँ जी और नहीं जी By Sneh Goswami

हां जी और नहीं जी किसी गांव में दो भाई रहते थे। बड़ा और छोटा। बड़ा बेहद गंभीर, समझदार और सयाना था ।पर छोटा उतना ही लापरवाह और कुछ कुछ मूर्ख किस्म का । समय बीता। बड़े भाई की श...

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चुनमुन और गिलहरी By Udita Mishra

चुनमुन और गिलहरी एक प्यारी सी लड़की थी । जिसकी उम्र लगभग सात या आठ साल होगी । जिसका नाम आरूषि था । लोग उसे प्यार से चुनमुन कहते थे । वह अपने माता-पिता दीदी और दादा दादी के साथ एक छो...

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परियों का पेड़ - 23 - अंतिम भाग By Arvind Kumar Sahu

परियों का पेड़ (23) लालच का परिणाम राजू ने एक बार फिर पिताजी से बहुत कड़ा विरोध किया – “पिताजी ! इस पेड़ को मत काटो | ये देखो, ये पेड़ से बहता हुआ पानी नहीं, बल्कि परियों के आँसू है |...

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अदृश्य गाँव का रहस्य - 2 By Mukesh nagar

(गतांक से आगे..) उस अनोखे से गाँव के यह चार बच्चे।राजू और मुन्ना एक ही कक्षा के छात्र थे। संजू और जीतू उन दोनों से एक-एक कक्षा नीचे...परंतु चारो की मित्रता बड़ी सुदृढ़ थी। इन बच्चों...

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दानी की कहानी - 3 By Pranava Bharti

आप झूठ क्यों बोले ?(दानी की कहानी ) ------------------------------------ दानी की एक चचेरी बहन थीं शीलो जीजी (दीदी )जिनकी उम्र दानी की मम्मी के बराबर थी और बच्चे दानी से कोई छोटा ,क...

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स्वप्न हो गये बचपन के दिन भी... (9) By Anandvardhan Ojha

स्वप्न हो गये बचपन के दिन भी (9)'कील गुर्रों' उर्फ़ काठ का घोड़ा... मेरे घर के सामने ही उनका घर था--भिन्न-मुखी ! मेरा घर पश्चिमाभिमुखी तो उनका उत्तराभिमुखी ! १२ वर्ष का चंचल...

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बिखरते सपने - 10 - अंतिम भाग By Goodwin Masih

बिखरते सपने (10) ‘‘बेटा, तुम रोज छत पर खड़ी होकर मुन्ना का खेल देखती हो, तो क्या तुम्हें खेल देखना अच्छा लगता है...?’’ ‘‘जी, जब मुन्ना को बैडमिन्टन खेलते हुए देखती हूं तो मेरा भी मन...

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वफादार मोती By Udita Mishra

वफादार मोती बहुत पहले की बात है एक छोटा सा गांव था उसकी सीमा खतम होने पर एक घना जंगल था। जिसमे बहुत से जंगली जानवर रहते थे पर कोई उस गांव मे नही आता था लेकिन दो भेड़िये रोज रात को प...

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मिठ्ठू और शानी By Udita Mishra

मिठ्ठू और शानी शानी अपने माता पिता के साथ रहती थी वह अपने माता पिता की अकेली संतान थी। वह पढ़ाई में शुरू से ही बहुत होशियार थी वह अपने मामा लोगों की तरह मशहूर डाॅक्टर बनना चाहती थी।...

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रघुवन की कहानियां - सतरंगी दवाई By Sandeep Shrivastava

रघुवन में गुड्डू गैंड़ाहाथी की पहचान भोजन के दुश्मन के नाम से होती थी | वो जिधर भी कुछ भी खाने योग्य देखता तो उसे ख़त्म कर देता| जो भी गुड्डू खाता देखता उसको यही लगता की मेरे लिए खान...

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दाई की माला By Pranava Bharti

दाई की माला ------------ आज नन्ही मीनू सत्तर वर्ष की वृद्धा हो चली है |हँसी आती है न सत्तर वर्ष की उम्रदराज़ स्त्री को नन्ही मीनू कहते हुए | कभी तो सब ही नन्हे-मुन्ने हो...

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भोला भालू By Udita Mishra

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बदमाश शैतान बिल्ला By Udita Mishra

बदमाश शैतान बिल्ला आज सुबह मम्मी ने मुझे याद दिलाया कि मैं अपने दोस्त के लिए एक कटोरा दूध में एक रोटी डाल कर रख दूं किचन में रोटी तैयार है। वो तुम्हारी राह देख रहा है। असल में वो द...

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बंदरिया के बच्चे By Udita Mishra

बंदरिया के बच्चे एक जंगल था जिसका नाम चंपक था। उस जंगल का राजा शेरसिंह नामक शेर था। वैसे तो वह जंगल बहुत सुंदर था पर धीरे धीरे जंगल में जानवर की संख्या कम हो लगी इस का कारण था शेरस...

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नन्हीं बया By Udita Mishra

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दोस्ती By Udita Mishra

दोस्ती एक शहर में प्रसिद्ध हड्डी के डाक्टर अपने परिवार के साथ रहते हैं । उनके परिवार में उनके माता पिता, उनकी पत्नी, दो बेटियां हैं । बड़ी बेटी का नाम सोनम था। जो डाँक्टर बनने की पढ़...

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हाँ जी और नहीं जी By Sneh Goswami

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