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रेत समाधि याने टोम्ब ऑफ़ सेंड By Yashvant Kothari

रेत समाधि याने टोम्ब ऑफ़ सेंड - मातृशक्ति की महागाथा --एक पाठकीय प्रतिक्रिया यशवंत कोठारी कुछ समय पहले तक गीतांजलि श्री के नाम से परिचित नहीं था. अचानक टाइम्स ऑफ़ इंडिया में उनकी पुस...

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आदमी की नब्ज.राम गोपाल भावुक By Ram Bharose Mishra

आदमी की नब्ज - श्री राम गोपाल भावुकराम भरोसे मिश्राश्री राम गोपाल भावुक का नया कहानी संग्रह "आदमी की नब्ज़"लोकमित्र प्रकाशन दिल्ली से प्रकाशित हुआ है। इसमें लेखक की चौदह कहानियाँ सम...

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आढा़ वक्त -राज बोहरे By Ram Bharose Mishra

आड़ा वक़्त : अथ किसान कथा उपन्यास राजनारायण बोहरे भारत एक कृषि प्रधान देश है। प्रेमचंद से लेकर आज तक किसानों की दयनीय हालत पर बहुत कुछ लिखा गया है, लेकिन मर्ज बढ़ता गया ज्यों-ज्यों द...

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दीपक करे पहल रवींद्र परमार By Ram Bharose Mishra

दीपककरे पहल रवींद्रसिंह परमाररामभरोसे मिश्रादीपक रविंद्र सिंह परमार का कविता संग्रह 'दीपक करे पहल' पिछले दिनों संदर्भ प्रकाशन भोपाल से प्रकाशित होकर आया है। यह कवि का पहला...

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उठा पटक- प्रभुदयाल खट्टर By राजीव तनेजा

आजकल की फ़िल्मों या कहानियों के मुकाबले अगर 60-70 के दशक की फिल्मों या कहानियों को देखो तो उनमें एक तहज़ीब..एक अदब..एक आदर्शवादिता का फ़र्क दिखाई देता है। आजकल की फ़िल्मों अथवा नयी हिं...

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यह गाँव बिकाऊ है-एम एम चन्द्रा By राजनारायण बोहरे

समीक्षा यह गाँव बिकाऊ हैउंपन्यासएम एम चंद्रायुवा उपन्यासकार एम. एम. चंद्रा द्वारा रची जा रही उपन्यासत्रयी का दूसरा उपन्यास " यह गांव बिकाऊ है "डायमंड पब्लिकेशन से प्रकाशित हुआ है।...

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कोरोनकालीन पाखण्ड है कोरोना माई By Kishanlal Sharma

है कोरोना माई--उपन्यास--लेखक-डॉ राकेश कुमार सिंहप्रकाशक--निखिल पब्लिशर्स एंडडिस्टिब्यूटर्स, आगरामूल्य 500रु पृष्ठ-144-------------------------------------------------------ख्यातिलब...

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प्रेमचंद का किसान और आज By राजनारायण बोहरे

प्रेमचन्द की परंपरा पुनर्जीवित : केबीएल पाण्डेयप्रस्तुति राज बोहरे 'प्रेमचंद का कथा साहित्य सहज ही स्पष्ट कर देता है कि वे सर्वहारा वर्ग के पैरोकार हैं।उनका लेख "महाजनी सभ्यता"...

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CIU क्रिमिनल्स इन यूनिफॉर्म- संजय सिंह राकेश त्रिवेदी By राजीव तनेजा

आजकल जहाँ एक तरफ़ बॉलीवुड की फिल्में अपनी लचर कहानी या बड़े..महँगे..नखरीले सुपर स्टार्स की अनाप शनाप शर्तों के तहत जल्दबाज़ी में बन बुरी तरह फ्लॉप हो.. धड़ाधड़ पिट रही हैं तो वहीं दूसरी...

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व्यंग्यगणिका समीक्षा -अनिल कुमार गुप्ता By ramgopal bhavuk

व्यंग्य और अनुभूतिपरक सृजन का सेतु है ‘ व्यंग्य गणिका’ – डॉ. अनिल कुमार गुप्ता ऐतिहासिक सालवई की माटी में जनमें एवं भवभूति की कर्मस्थली के सच्चे कलासाधक रामगोपाल भावुक की कृति ‘ व्...

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सियाराम सर्राफ - कसक By ramgopal bhavuk

कवि सियाराम सर्राफ की कसक रामगोपाल भावुक सियाराम सर्राफ जी अपनी कसक के अनुरोध में लिखते हैं-मैं कोई कवि नहीं, चिन्तक नहीं, विचारक नहीं पर मेर अपनी कुछ चिन्ताएं हैं कुछ भावनाएं हैं...

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मास्क मोहन कोरोना (समीक्षा) By Kishanlal Sharma

मास्क मोहन कोरोना,उपन्यासकार -डॉ राकेश कुमार सिंहप्रकाशक-निखिल पब्लिशर्स एंड डिस्टिब्यूटर्स,37 शिवराम कृपा,विष्णु कॉलोनी,शाहगंज,आगरा-282010पृष्ठ-144,मूल्य-500रुबिना दवाई के इलाज की...

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लक्खूराम चहवरिया का समग्र साहित्य By ramgopal bhavuk

लक्खूराम चहवरिया का समग्र साहित्य रामगोपाल भावुक मोवाइल-9425715707 चहवरिया जी की शिव सहस्त्रनाम कृति में आपने कविता, गीत गजल, बुन्देली गीत, दोहे, चैपाई के साथ कहानी लेखन एवं समीक्ष...

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योग वशिष्ठ रामायण-राधारमण बोहरे By ramgopal bhavuk

आनन्द के सागर में डुबोने वाली योग वशिष्ठ रामायण राम गोपाल भावुक मो. 9425715707 पं.राधारमण बोहरे के चिन्तन -मनन के परिणाम स्वरूप योग वशिष्ठ रामायण को जीवन में पहली बार पढ़ने का अवसर...

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कानून सो रहा है-अयोध्या कौशिक चक्रेश By ramgopal bhavuk

कानून सो रहा है। राम गोपाल भावुकपंचमहल की धरती पर चक्रेश ग्वालियरी जैसा व्यक्तित्व विचरण करता रहा है। आपका काव्य संकलन कानून सो रहा है जनवादी लेखक संध डबरा इकाई ने प्रकाशित किया है...

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रेड लाइट एरिया- जयंती रंगनाथन (संपादन) By राजीव तनेजा

"बेवफ़ा होना महज़ शग़ल नहीं उसके लिए मजबूरी था पति अपाहिज बच्चे भूखे पेट सबका भरना ज़रूरी था" दोस्तों..कुछ वक्त पहले जब मैंने ये टू लाइनर लिखा था तो उस वक्त ज़ेहन में एक ऐसी स्त्री की द...

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पं. रमाशंकर चतुर्वेदी ‘आनन्द’-मंथन काव्य संकलन By ramgopal bhavuk

आनन्द के अनुभवों का दस्तावेज मंथन राम गोपाल भावुकपंचमहल की धरती पं. रमाशंकर चतुर्वेदी ‘आनन्द’ की कर्म स्थली रही है। आप विजली विभाग में सेवा करते रहें। बोली- बाणी से आप मधुरभाषी हैं...

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पण्डित हरनारायण बोहरे का समग्र साहित्य By ramgopal bhavuk

पण्डित हरनारायण बोहरे का समग्र साहित्य राम गोपाल भावुक इस समय काव्य कलाधर पं.हरनारायण बोहरे की आठ पुस्तकें सामने हैं। उनसे उनकी रचनायें सुनने का मुझे सौभाग्य मिला हैं। उनकी ज्योतिष...

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श्री दत्तात्रेय ज्ञान दर्शन-पं. हरचरनलाल शर्मा वैद्य By ramgopal bhavuk

श्री दत्तात्रेय ज्ञान दर्शन की तलाश में- रामगोपाल भावुकजब मैं पहली वार अपने लधु भ्राता जगदीश तिवारी जी के साथ चित्रकूट की यात्रा पर गया था, उस समय वहां के चारों धाम की यात्रा करते...

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महावीर काव्य कुसुम-डा. महावीर प्रसाद चंसौलिया By ramgopal bhavuk

परम्पराओं को खगालती महावीर काव्य कुसुम, रामगोपाल भावुक डा. महावीर प्रसाद चंसौलिया जी की कुछ क्ृतियां महावीर ज्योतिष दोहावली, और रामचरितमानस में नई दृष्टि पर मैंने अपनी बात रखी थी।...

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रानी सत्यवती कृत श्रृंगार- मंजरी By ramgopal bhavuk

भक्ति भावना से ओत प्रोत रानी सत्यवती कृत श्रृंगार- मंजरी रामगोपाल भावुक रानी सत्यवती द्वारा विरचित श्रृंगार मंजरी वि. सं. 2001 में लिखी गई और वि. सं. 2033 में प्रकाशित की गई थी। सं...

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क्योटो टू काशी- सौरभ शर्मा By राजीव तनेजा

धार्मिक नज़रिए से भारत में बनारस की काशी नगरी और जापान में वहाँ का क्योटो शहर काफ़ी महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है। जैसे काशी में मंदिरों की भरमार है ठीक वैसे ही क्योटो भी बौद्ध मंदिरों...

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राज बोहरे का कथा साहित्य By राजनारायण बोहरे

राज बोहरे का कथा साहित्यप्रथम पुस्तकगोस्टा तथा अन्य कहानियाँDr के बी एल पाण्डेयबौद्धिक विविधता और सामाजिक-सांस्कृतिक अनुभवों में व्यावहारिक संलग्नता से समग्र रूप में विकसित राजनारा...

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आड़ा वक्त – किसान का उपन्यास By ramgopal bhavuk

आड़ा वक्त – किसान का उपन्यास                                                                                  रामगोपाल भावुक              आदमी धन-सम्पदा कमाकर अपने पास रखता है आड़े व...

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नीला स्कार्फ़ - अनु सिंह चौधरी By राजीव तनेजा

कई बार हम जब किसी लेखक या लेखिका का लेखन पहली बार पढ़ते हैं तो पसन्द आने पर उसके लेखन के मुरीद हो जाने के साथ साथ ये भी सोचने लगते हैं जब भी इनका लिखा कुछ और पढ़ने को मिलेगा तो हम ज़र...

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मालूशाही मेरा छलिया बुराँश-प्रज्ञा By राजनारायण बोहरे

'मालूशाही...मेरा छलिया बुरांश'प्रज्ञा का नया व सशक्त कथा सँग्रहराजनारायण बोहरे मालूशाही...मेरा छलिया बुरांश नाम का यह कहानी संग्रह लोकभारती प्रकाशन इलाहाबाद से आया है, इसकी...

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हनुमान साठिका-बलदेव दास By ramgopal bhavuk

हनुमान साठिका-बलदेव दासमंत्र समान छंददतिया निवासी प्रोफेसर राम भरोसे मिश्रा के सौजन्य से प्राप्त 'हनुमान साठिका' नामक एक लघु ग्रंथ प्राप्त हुआ है। यह पुस्तक श्रीसीताराम प्रकाशन की...

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वो फ़ोन कॉल- वंदना बाजपेयी By राजीव तनेजा

जब भी हम किसी लेखक या लेखिका की रचनाओं पर ग़ौर करते हैं तो पाते है कि बहुत से लेखक/लेखिकाएँ अपने एक ही सैट पैटर्न या ढर्रे पर चलते हुए..एक ही जैसे तरीके से अपनी रचनाओं का विन्यास एव...

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गुर्जरी पल्लव By Pranava Bharti

गुर्जरी पल्लव ---एक नई फिज़ा का स्वागत -------------------------------------------------- जैसे कोई महके -सबा, जैसे फूलों में बहार आ जाए, वैसे ही 'गुर्जरी पल्लव' को देख क्यों...

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मास्टरबा- कुमार विक्रमादित्य By राजीव तनेजा

किसी भी देश..राज्य..इलाके अथवा समाज के उद्धार के लिए ये बहुत ज़रूरी है कि वहाँ के ज़्यादा से ज़्यादा लोग पढ़े लिखे यानी कि समझदार हों। क्योंकि सिर्फ़ पढ़ा लिखा समझदार व्यक्ति ही अपने दिम...

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इतिहास और साहित्य अन्तर निर्भरता By कृष्ण विहारी लाल पांडेय

इतिहास और साहित्य अंतर निर्भरता केबीएल पांडेय इतिहास सामान्यतः मनुष्य के अतीत की घटनाओं कार्यों और स्थितियों का अध्ययन करता है। ज्ञान के विभिन्न अनुसाशनो में व्यापकता के साथ ही परस...

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रूपसिंह चन्देल की लोकप्रिय कहानियाँ - रूपसिंह चन्देल By राजीव तनेजा

मैं जब भी किसी कहानी संकलन या उपन्यास को पढ़ने का विचार बनाता हूँ तो अमूमन सबसे पहले मेरे सामने ये दुविधा उत्पन्न हो जाती है कि मैं किस किताब से अपने नए साहित्यिक सफ़र की शुरुआत करूँ...

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ईसुरी का श्रृंगार काव्य By कृष्ण विहारी लाल पांडेय

ईसुरी का श्रृंगार काव्यडॉ.के. बी. एल.पाण्डेयईसुरी मूलतः श्रृंगार के कवि हैं। उन्होंने भक्ति, वैराग्य, नीति और सामाजिक जीवन पर भी फागों की रचना की है,किंतु उनकी अधिकांश फागों का विष...

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वल्लभ सिद्धार्थ  By कृष्ण विहारी लाल पांडेय

वल्लभ सिद्धार्थ का जाना: एक दुःखद दृश्यांतरडॉ. के. बी. एल. पाण्डेयजाना हिंदी की सबसे खौफनाक क्रिया है- केदारनाथ सिंह सिर्फ संदर्भ बदलकर यह अनुभव वल्लभ सिद्धार्थ के चले जाने से भी ह...

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नरोत्तम दस पांडेय मधु By कृष्ण विहारी लाल पांडेय

शब्द का तर्पण-कवि मधु के नामडॉ.अवध विहारी पाठक बड़े गौर से सुन रहा था जमानातुम्ही सो गए दास्तां कहते कहते -साविक लखनवी समय इंसानी जिंदगी की बड़ी बुरी शै है । यह रहस्य ही है सदियों...

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बेहया- विनीता अस्थाना By राजीव तनेजा

आमतौर पर जब भी कोई लेखक किसी कहानी या उपन्यास को लिखने की बात अपने ज़ेहन में लाता है तो उसके मन में कहानी की शुरुआत से ले कर उसके अंत तक का एक ऐसा रफ़ खाका खिंचा रहता है। जिसमें उसके...

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सूखे पत्तों पर चलते शैलेंद्रशरण By राजनारायण बोहरे

समीक्षासूखे पत्ते पर चलते हुएशैलेन्द्र शरण का सशक्त सँग्रहराज बोहरेशैलेंद्र शरण एक विचारशील कवि हैं वे अपनी कविता में दर्शन विचार और सामाजिकता को शामिल करते हैं । यह शामिल करना साय...

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समीक्षा - कहानी संग्रह, सुर्ख़ लाल रंग By VIRENDER VEER MEHTA

जीवन के ठोस धरातल से जन्म लेती कहानियाँ. . . 'सुर्ख़ लाल रंग'साहित्य की विधाओं में कहानी विधा एक मात्र ऐसी विधा है जिसकी पहुँच एक साधारण पाठक से लेकर एक श्रेष्ठ ज्ञानी तक सम...

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खजुराहो की अनकही कथाएं By राजनारायण बोहरे

जिन्होंने खजुराहो नही देखा-अद्भुत उपन्यासखजुराहो का लपका :सुनील चतुर्वेदीराज बोहरेसुनील चतुर्वेदी का चौथा उपन्यास 'खजुराहो का लपका' भाषाई रूप से समृद्ध, शैलीगत रूप से एकदम...

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द देह, दरद और दिल! - विभा रानी By राजीव तनेजा

कई बार किसी किताब के कठिन या अलग़ से शीर्षक को देख कर अथवा लेखक की बड़े नाम वाली नामीगिरामी शख़्सियत को देख कर स्वतः ही मन में एक धारणा बनने लगती है कि..इस किताब को पढ़ना वाकयी में एक...

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कर्ज़ा वसूली- गिरिजा कुलश्रेष्ठ By राजीव तनेजा

आमतौर पर आप सभी ने कभी ना कभी देखा होगा कि आप किसी को कोई बात याद दिलाएँ या पूछें तो मज़ाक मज़ाक में सामने से ये सुनने को मिल जाता है कि हमें ये तक तो याद नहीं कि कल क्या खाया था? अब...

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स्टिल वेटिंग फ़ॉर यू- रश्मि रविजा By राजीव तनेजा

70- 80 के दशक के तक आते आते बॉलीवुडीय फिल्मों में कुछ तयशुदा फ़ॉर्मूले इस हद तक गहरे में अपनी पैठ बना चुके थे कि उनके बिना किसी भी फ़िल्म की कल्पना करना कई बार बेमानी सा लगने लगता था...

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Mirror Image Man of India By Piyush Goel

Piyush Goel - Mirror Image Man of IndiaPiyush Goel is popularly known as “Mirror Image Man” by the media and the Writer of “World First Handwrite Needle Book ‘Madhushala’.Piyush Go...

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प्रेमचंद By Anand Saxena

मचंद एक युग सृष्टा साहित्यकार थे उनमें जो जीवंतता थी वह अनुकरणीय है प्रेमचंद एक आम आदमी के रूप में जीवन जीते थे और आम आदमी के लिए ही लिखते थे समाज में व्याप्त जाति प्रथा विधवा दुर्...

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रमणिका गुप्ता: अनुवाद की श्रंखला - भाग 6 - अंतिम कड़ी By Neelam Kulshreshtha

रमणिका गुप्ता - श्रंखला -6 अंतिम कड़ी “परदेस से आती देशी स्त्री कलम की कसक” [ नीलम कुलश्रेष्ठ  ]          बाज़ारवाद के आक्रमण व लेखिकाओं की...

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डॉ.श्रीनारायण तिवारी जी की शोध परक दृष्टि By ramgopal bhavuk

       डॉ.श्रीनारायण तिवारी जी की शोध परक दृष्टि                                                                                              रामगोपाल भावुक                  डॉ.श्र...

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अपने अपने मेघदूत- पूनम अहमद By राजीव तनेजा

किसी भी कहानी या उपन्यास के लेखन का मकसद अगर ज़्यादा से ज़्यादा पाठकों तक उसकी पहुँच.. उसकी पकड़ को बनाना हो तो ये लाज़मी हो जाता है कि उसकी भाषा..शैली एवं ट्रीटमेंट आम आदमी की समझ के...

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रेत समाधि याने टोम्ब ऑफ़ सेंड By Yashvant Kothari

रेत समाधि याने टोम्ब ऑफ़ सेंड - मातृशक्ति की महागाथा --एक पाठकीय प्रतिक्रिया यशवंत कोठारी कुछ समय पहले तक गीतांजलि श्री के नाम से परिचित नहीं था. अचानक टाइम्स ऑफ़ इंडिया में उनकी पुस...

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आदमी की नब्ज.राम गोपाल भावुक By Ram Bharose Mishra

आदमी की नब्ज - श्री राम गोपाल भावुकराम भरोसे मिश्राश्री राम गोपाल भावुक का नया कहानी संग्रह "आदमी की नब्ज़"लोकमित्र प्रकाशन दिल्ली से प्रकाशित हुआ है। इसमें लेखक की चौदह कहानियाँ सम...

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आढा़ वक्त -राज बोहरे By Ram Bharose Mishra

आड़ा वक़्त : अथ किसान कथा उपन्यास राजनारायण बोहरे भारत एक कृषि प्रधान देश है। प्रेमचंद से लेकर आज तक किसानों की दयनीय हालत पर बहुत कुछ लिखा गया है, लेकिन मर्ज बढ़ता गया ज्यों-ज्यों द...

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दीपक करे पहल रवींद्र परमार By Ram Bharose Mishra

दीपककरे पहल रवींद्रसिंह परमाररामभरोसे मिश्रादीपक रविंद्र सिंह परमार का कविता संग्रह 'दीपक करे पहल' पिछले दिनों संदर्भ प्रकाशन भोपाल से प्रकाशित होकर आया है। यह कवि का पहला...

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उठा पटक- प्रभुदयाल खट्टर By राजीव तनेजा

आजकल की फ़िल्मों या कहानियों के मुकाबले अगर 60-70 के दशक की फिल्मों या कहानियों को देखो तो उनमें एक तहज़ीब..एक अदब..एक आदर्शवादिता का फ़र्क दिखाई देता है। आजकल की फ़िल्मों अथवा नयी हिं...

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यह गाँव बिकाऊ है-एम एम चन्द्रा By राजनारायण बोहरे

समीक्षा यह गाँव बिकाऊ हैउंपन्यासएम एम चंद्रायुवा उपन्यासकार एम. एम. चंद्रा द्वारा रची जा रही उपन्यासत्रयी का दूसरा उपन्यास " यह गांव बिकाऊ है "डायमंड पब्लिकेशन से प्रकाशित हुआ है।...

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कोरोनकालीन पाखण्ड है कोरोना माई By Kishanlal Sharma

है कोरोना माई--उपन्यास--लेखक-डॉ राकेश कुमार सिंहप्रकाशक--निखिल पब्लिशर्स एंडडिस्टिब्यूटर्स, आगरामूल्य 500रु पृष्ठ-144-------------------------------------------------------ख्यातिलब...

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प्रेमचंद का किसान और आज By राजनारायण बोहरे

प्रेमचन्द की परंपरा पुनर्जीवित : केबीएल पाण्डेयप्रस्तुति राज बोहरे 'प्रेमचंद का कथा साहित्य सहज ही स्पष्ट कर देता है कि वे सर्वहारा वर्ग के पैरोकार हैं।उनका लेख "महाजनी सभ्यता"...

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CIU क्रिमिनल्स इन यूनिफॉर्म- संजय सिंह राकेश त्रिवेदी By राजीव तनेजा

आजकल जहाँ एक तरफ़ बॉलीवुड की फिल्में अपनी लचर कहानी या बड़े..महँगे..नखरीले सुपर स्टार्स की अनाप शनाप शर्तों के तहत जल्दबाज़ी में बन बुरी तरह फ्लॉप हो.. धड़ाधड़ पिट रही हैं तो वहीं दूसरी...

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व्यंग्यगणिका समीक्षा -अनिल कुमार गुप्ता By ramgopal bhavuk

व्यंग्य और अनुभूतिपरक सृजन का सेतु है ‘ व्यंग्य गणिका’ – डॉ. अनिल कुमार गुप्ता ऐतिहासिक सालवई की माटी में जनमें एवं भवभूति की कर्मस्थली के सच्चे कलासाधक रामगोपाल भावुक की कृति ‘ व्...

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सियाराम सर्राफ - कसक By ramgopal bhavuk

कवि सियाराम सर्राफ की कसक रामगोपाल भावुक सियाराम सर्राफ जी अपनी कसक के अनुरोध में लिखते हैं-मैं कोई कवि नहीं, चिन्तक नहीं, विचारक नहीं पर मेर अपनी कुछ चिन्ताएं हैं कुछ भावनाएं हैं...

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मास्क मोहन कोरोना (समीक्षा) By Kishanlal Sharma

मास्क मोहन कोरोना,उपन्यासकार -डॉ राकेश कुमार सिंहप्रकाशक-निखिल पब्लिशर्स एंड डिस्टिब्यूटर्स,37 शिवराम कृपा,विष्णु कॉलोनी,शाहगंज,आगरा-282010पृष्ठ-144,मूल्य-500रुबिना दवाई के इलाज की...

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लक्खूराम चहवरिया का समग्र साहित्य By ramgopal bhavuk

लक्खूराम चहवरिया का समग्र साहित्य रामगोपाल भावुक मोवाइल-9425715707 चहवरिया जी की शिव सहस्त्रनाम कृति में आपने कविता, गीत गजल, बुन्देली गीत, दोहे, चैपाई के साथ कहानी लेखन एवं समीक्ष...

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योग वशिष्ठ रामायण-राधारमण बोहरे By ramgopal bhavuk

आनन्द के सागर में डुबोने वाली योग वशिष्ठ रामायण राम गोपाल भावुक मो. 9425715707 पं.राधारमण बोहरे के चिन्तन -मनन के परिणाम स्वरूप योग वशिष्ठ रामायण को जीवन में पहली बार पढ़ने का अवसर...

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कानून सो रहा है-अयोध्या कौशिक चक्रेश By ramgopal bhavuk

कानून सो रहा है। राम गोपाल भावुकपंचमहल की धरती पर चक्रेश ग्वालियरी जैसा व्यक्तित्व विचरण करता रहा है। आपका काव्य संकलन कानून सो रहा है जनवादी लेखक संध डबरा इकाई ने प्रकाशित किया है...

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रेड लाइट एरिया- जयंती रंगनाथन (संपादन) By राजीव तनेजा

"बेवफ़ा होना महज़ शग़ल नहीं उसके लिए मजबूरी था पति अपाहिज बच्चे भूखे पेट सबका भरना ज़रूरी था" दोस्तों..कुछ वक्त पहले जब मैंने ये टू लाइनर लिखा था तो उस वक्त ज़ेहन में एक ऐसी स्त्री की द...

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पं. रमाशंकर चतुर्वेदी ‘आनन्द’-मंथन काव्य संकलन By ramgopal bhavuk

आनन्द के अनुभवों का दस्तावेज मंथन राम गोपाल भावुकपंचमहल की धरती पं. रमाशंकर चतुर्वेदी ‘आनन्द’ की कर्म स्थली रही है। आप विजली विभाग में सेवा करते रहें। बोली- बाणी से आप मधुरभाषी हैं...

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पण्डित हरनारायण बोहरे का समग्र साहित्य By ramgopal bhavuk

पण्डित हरनारायण बोहरे का समग्र साहित्य राम गोपाल भावुक इस समय काव्य कलाधर पं.हरनारायण बोहरे की आठ पुस्तकें सामने हैं। उनसे उनकी रचनायें सुनने का मुझे सौभाग्य मिला हैं। उनकी ज्योतिष...

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श्री दत्तात्रेय ज्ञान दर्शन-पं. हरचरनलाल शर्मा वैद्य By ramgopal bhavuk

श्री दत्तात्रेय ज्ञान दर्शन की तलाश में- रामगोपाल भावुकजब मैं पहली वार अपने लधु भ्राता जगदीश तिवारी जी के साथ चित्रकूट की यात्रा पर गया था, उस समय वहां के चारों धाम की यात्रा करते...

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महावीर काव्य कुसुम-डा. महावीर प्रसाद चंसौलिया By ramgopal bhavuk

परम्पराओं को खगालती महावीर काव्य कुसुम, रामगोपाल भावुक डा. महावीर प्रसाद चंसौलिया जी की कुछ क्ृतियां महावीर ज्योतिष दोहावली, और रामचरितमानस में नई दृष्टि पर मैंने अपनी बात रखी थी।...

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रानी सत्यवती कृत श्रृंगार- मंजरी By ramgopal bhavuk

भक्ति भावना से ओत प्रोत रानी सत्यवती कृत श्रृंगार- मंजरी रामगोपाल भावुक रानी सत्यवती द्वारा विरचित श्रृंगार मंजरी वि. सं. 2001 में लिखी गई और वि. सं. 2033 में प्रकाशित की गई थी। सं...

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क्योटो टू काशी- सौरभ शर्मा By राजीव तनेजा

धार्मिक नज़रिए से भारत में बनारस की काशी नगरी और जापान में वहाँ का क्योटो शहर काफ़ी महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है। जैसे काशी में मंदिरों की भरमार है ठीक वैसे ही क्योटो भी बौद्ध मंदिरों...

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राज बोहरे का कथा साहित्य By राजनारायण बोहरे

राज बोहरे का कथा साहित्यप्रथम पुस्तकगोस्टा तथा अन्य कहानियाँDr के बी एल पाण्डेयबौद्धिक विविधता और सामाजिक-सांस्कृतिक अनुभवों में व्यावहारिक संलग्नता से समग्र रूप में विकसित राजनारा...

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आड़ा वक्त – किसान का उपन्यास By ramgopal bhavuk

आड़ा वक्त – किसान का उपन्यास                                                                                  रामगोपाल भावुक              आदमी धन-सम्पदा कमाकर अपने पास रखता है आड़े व...

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नीला स्कार्फ़ - अनु सिंह चौधरी By राजीव तनेजा

कई बार हम जब किसी लेखक या लेखिका का लेखन पहली बार पढ़ते हैं तो पसन्द आने पर उसके लेखन के मुरीद हो जाने के साथ साथ ये भी सोचने लगते हैं जब भी इनका लिखा कुछ और पढ़ने को मिलेगा तो हम ज़र...

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मालूशाही मेरा छलिया बुराँश-प्रज्ञा By राजनारायण बोहरे

'मालूशाही...मेरा छलिया बुरांश'प्रज्ञा का नया व सशक्त कथा सँग्रहराजनारायण बोहरे मालूशाही...मेरा छलिया बुरांश नाम का यह कहानी संग्रह लोकभारती प्रकाशन इलाहाबाद से आया है, इसकी...

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हनुमान साठिका-बलदेव दास By ramgopal bhavuk

हनुमान साठिका-बलदेव दासमंत्र समान छंददतिया निवासी प्रोफेसर राम भरोसे मिश्रा के सौजन्य से प्राप्त 'हनुमान साठिका' नामक एक लघु ग्रंथ प्राप्त हुआ है। यह पुस्तक श्रीसीताराम प्रकाशन की...

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वो फ़ोन कॉल- वंदना बाजपेयी By राजीव तनेजा

जब भी हम किसी लेखक या लेखिका की रचनाओं पर ग़ौर करते हैं तो पाते है कि बहुत से लेखक/लेखिकाएँ अपने एक ही सैट पैटर्न या ढर्रे पर चलते हुए..एक ही जैसे तरीके से अपनी रचनाओं का विन्यास एव...

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गुर्जरी पल्लव By Pranava Bharti

गुर्जरी पल्लव ---एक नई फिज़ा का स्वागत -------------------------------------------------- जैसे कोई महके -सबा, जैसे फूलों में बहार आ जाए, वैसे ही 'गुर्जरी पल्लव' को देख क्यों...

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मास्टरबा- कुमार विक्रमादित्य By राजीव तनेजा

किसी भी देश..राज्य..इलाके अथवा समाज के उद्धार के लिए ये बहुत ज़रूरी है कि वहाँ के ज़्यादा से ज़्यादा लोग पढ़े लिखे यानी कि समझदार हों। क्योंकि सिर्फ़ पढ़ा लिखा समझदार व्यक्ति ही अपने दिम...

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इतिहास और साहित्य अन्तर निर्भरता By कृष्ण विहारी लाल पांडेय

इतिहास और साहित्य अंतर निर्भरता केबीएल पांडेय इतिहास सामान्यतः मनुष्य के अतीत की घटनाओं कार्यों और स्थितियों का अध्ययन करता है। ज्ञान के विभिन्न अनुसाशनो में व्यापकता के साथ ही परस...

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रूपसिंह चन्देल की लोकप्रिय कहानियाँ - रूपसिंह चन्देल By राजीव तनेजा

मैं जब भी किसी कहानी संकलन या उपन्यास को पढ़ने का विचार बनाता हूँ तो अमूमन सबसे पहले मेरे सामने ये दुविधा उत्पन्न हो जाती है कि मैं किस किताब से अपने नए साहित्यिक सफ़र की शुरुआत करूँ...

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ईसुरी का श्रृंगार काव्य By कृष्ण विहारी लाल पांडेय

ईसुरी का श्रृंगार काव्यडॉ.के. बी. एल.पाण्डेयईसुरी मूलतः श्रृंगार के कवि हैं। उन्होंने भक्ति, वैराग्य, नीति और सामाजिक जीवन पर भी फागों की रचना की है,किंतु उनकी अधिकांश फागों का विष...

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वल्लभ सिद्धार्थ  By कृष्ण विहारी लाल पांडेय

वल्लभ सिद्धार्थ का जाना: एक दुःखद दृश्यांतरडॉ. के. बी. एल. पाण्डेयजाना हिंदी की सबसे खौफनाक क्रिया है- केदारनाथ सिंह सिर्फ संदर्भ बदलकर यह अनुभव वल्लभ सिद्धार्थ के चले जाने से भी ह...

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नरोत्तम दस पांडेय मधु By कृष्ण विहारी लाल पांडेय

शब्द का तर्पण-कवि मधु के नामडॉ.अवध विहारी पाठक बड़े गौर से सुन रहा था जमानातुम्ही सो गए दास्तां कहते कहते -साविक लखनवी समय इंसानी जिंदगी की बड़ी बुरी शै है । यह रहस्य ही है सदियों...

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बेहया- विनीता अस्थाना By राजीव तनेजा

आमतौर पर जब भी कोई लेखक किसी कहानी या उपन्यास को लिखने की बात अपने ज़ेहन में लाता है तो उसके मन में कहानी की शुरुआत से ले कर उसके अंत तक का एक ऐसा रफ़ खाका खिंचा रहता है। जिसमें उसके...

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सूखे पत्तों पर चलते शैलेंद्रशरण By राजनारायण बोहरे

समीक्षासूखे पत्ते पर चलते हुएशैलेन्द्र शरण का सशक्त सँग्रहराज बोहरेशैलेंद्र शरण एक विचारशील कवि हैं वे अपनी कविता में दर्शन विचार और सामाजिकता को शामिल करते हैं । यह शामिल करना साय...

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समीक्षा - कहानी संग्रह, सुर्ख़ लाल रंग By VIRENDER VEER MEHTA

जीवन के ठोस धरातल से जन्म लेती कहानियाँ. . . 'सुर्ख़ लाल रंग'साहित्य की विधाओं में कहानी विधा एक मात्र ऐसी विधा है जिसकी पहुँच एक साधारण पाठक से लेकर एक श्रेष्ठ ज्ञानी तक सम...

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खजुराहो की अनकही कथाएं By राजनारायण बोहरे

जिन्होंने खजुराहो नही देखा-अद्भुत उपन्यासखजुराहो का लपका :सुनील चतुर्वेदीराज बोहरेसुनील चतुर्वेदी का चौथा उपन्यास 'खजुराहो का लपका' भाषाई रूप से समृद्ध, शैलीगत रूप से एकदम...

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द देह, दरद और दिल! - विभा रानी By राजीव तनेजा

कई बार किसी किताब के कठिन या अलग़ से शीर्षक को देख कर अथवा लेखक की बड़े नाम वाली नामीगिरामी शख़्सियत को देख कर स्वतः ही मन में एक धारणा बनने लगती है कि..इस किताब को पढ़ना वाकयी में एक...

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कर्ज़ा वसूली- गिरिजा कुलश्रेष्ठ By राजीव तनेजा

आमतौर पर आप सभी ने कभी ना कभी देखा होगा कि आप किसी को कोई बात याद दिलाएँ या पूछें तो मज़ाक मज़ाक में सामने से ये सुनने को मिल जाता है कि हमें ये तक तो याद नहीं कि कल क्या खाया था? अब...

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स्टिल वेटिंग फ़ॉर यू- रश्मि रविजा By राजीव तनेजा

70- 80 के दशक के तक आते आते बॉलीवुडीय फिल्मों में कुछ तयशुदा फ़ॉर्मूले इस हद तक गहरे में अपनी पैठ बना चुके थे कि उनके बिना किसी भी फ़िल्म की कल्पना करना कई बार बेमानी सा लगने लगता था...

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Mirror Image Man of India By Piyush Goel

Piyush Goel - Mirror Image Man of IndiaPiyush Goel is popularly known as “Mirror Image Man” by the media and the Writer of “World First Handwrite Needle Book ‘Madhushala’.Piyush Go...

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प्रेमचंद By Anand Saxena

मचंद एक युग सृष्टा साहित्यकार थे उनमें जो जीवंतता थी वह अनुकरणीय है प्रेमचंद एक आम आदमी के रूप में जीवन जीते थे और आम आदमी के लिए ही लिखते थे समाज में व्याप्त जाति प्रथा विधवा दुर्...

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रमणिका गुप्ता: अनुवाद की श्रंखला - भाग 6 - अंतिम कड़ी By Neelam Kulshreshtha

रमणिका गुप्ता - श्रंखला -6 अंतिम कड़ी “परदेस से आती देशी स्त्री कलम की कसक” [ नीलम कुलश्रेष्ठ  ]          बाज़ारवाद के आक्रमण व लेखिकाओं की...

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डॉ.श्रीनारायण तिवारी जी की शोध परक दृष्टि By ramgopal bhavuk

       डॉ.श्रीनारायण तिवारी जी की शोध परक दृष्टि                                                                                              रामगोपाल भावुक                  डॉ.श्र...

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अपने अपने मेघदूत- पूनम अहमद By राजीव तनेजा

किसी भी कहानी या उपन्यास के लेखन का मकसद अगर ज़्यादा से ज़्यादा पाठकों तक उसकी पहुँच.. उसकी पकड़ को बनाना हो तो ये लाज़मी हो जाता है कि उसकी भाषा..शैली एवं ट्रीटमेंट आम आदमी की समझ के...

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