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सुनीता पाठक - कोर्नर वाले अंकल By ramgopal bhavuk

कॉर्नर वाले अंकल जी के बहाने सुनीता पाठक                                                                    रामगोपाल भावुक                                                         ...

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कुछ याद रहा कुछ भूल गया -राजकुमार शर्मा By ramgopal bhavuk

कुछ याद रहा कुछ भूल गया संस्मरणात्मक दस्तावेज।                                                                                                                                      ...

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रामगोपाल भावुक जी डबरा वालों की कहानियाँ By ramgopal bhavuk

          आदमी की नब्ज   आदमी की नब्ज श्री राम गोपाल भावुक का लिखा कहानी संग्रह है जो वास्तव में उनके अनुभवों के गुलसिता से निकला हुआ महत्वपूर्ण फूलों से तैयार एक गुलदस्ता है। जिसम...

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राघव (खण्ड -1) - विनय सक्सेना By राजीव तनेजा

बॉलीवुड की फ़िल्मों में आमतौर पर आपने देखा होगा कि ज़्यादातर प्रोड्यूसर एक ही ढर्रे या तयशुदा फॉर्मयुलों पर आधारित फ़िल्में बनाते हैं या बनाने का प्रयास करते हैं। एक समय था जब खोया-पा...

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पुस्तक समीक्षा - धूप के कतरे By नंदलाल मणि त्रिपाठी

समीक्षा-- धूप के खतरे (गजलकार घनश्याम परिश्रमी )नेपाली भाषा के ख्याति लब्ध साहित्यकार डॉ घनश्याम परिश्रमी जिन्होंने #नेपाल और हिंदी गज़लों का विशेणात्मक अध्ययन# विषय पर पी एच डी किय...

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समीक्ष - विपश्यना लेखिका- इंदिरा दांगी By नंदलाल मणि त्रिपाठी

समीक्षा--- विपश्यना लेखिका-- इंदिरा दांगीविपश्यना कहानी संग्रह विदुषी इन्दिरा दांगी जीवन की अनुभूतियों अनुभव को समेटे काल कलेवर के परिवर्तित आचरण कि अभिव्यक्तियो कि बेहद सुंदर संकल...

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सुबह की धूप - समीक्षा By नंदलाल मणि त्रिपाठी

सुबह कि धूप - शिक्षक समाज निर्माण कि धुरी होता है वह समय का साक्ष्य बनकर एव धैर्य धीर रहकर राष्ट्र के निर्माण में अपनी सर्वांगीण भूमिकाओं का निर्वहन करता है शिक्षक के अंतर्मन में व...

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समीक्षा काव्य संग्रह मुरारी की चौपाल By नंदलाल मणि त्रिपाठी

*पम्परागत मूल्यों एवं मान्यताओं के परिपेक्ष्य में, अतुलनीय है यह काव्य-संग्रह*(समीक्षक- नन्दलाल मणि त्रिपाठी 'पीताम्बर',गोरखपुर) "मुरारी की चौपाल" अतुल जी की अविस्मरणीय छंद...

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दरद न जाने कोय By Yashwant Kothari

दरद न जाने कोय- याने जीवन तो सरलता से जीने की कला है रमेश खत्री का ताज़ा उपन्यास दरद न जाने कोय आया है. उपन्यास को पढना एक सुखद अनुभव रहा. मध्यम वर्ग का नायक किस तरह जीवन की उलझनों...

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देर आयद - दिलीप जैन By राज बोहरे

: दिलीप जैन का उपन्यास देर आयद पिछले दिनों पढ़ने को मिला इस उपन्यास को पढ़ते समय मैंने महसूस किया कि बरसों पहले जो सामाजिक उपन्यास लिखे जाते थे जिनमें से कुछ तो पाठ्यक्रम में भी रह...

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काल के कपाल पर हस्ताक्षर –धुंधले है. -समीक्षा By Yashvant Kothari

पाठकीय प्रतिक्रिया यशवन्त कोठारी काल के कपाल पर हस्ताक्षर –धुंधले है.  हरिशंकर परसाई की जीवनी पर राजेन्द्र चंद्रकांत राय का उपन्यास आया है. पुस्तक प्रकाशक से लेना चाहता...

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अजंता भित्तिचित्रों पर उकेरी प्रेम की अद्भुत कहानी By Neelam Kulshreshtha

(डॉ. नूतन पांडेय) नीलम कुलश्रेष्ठ का उपन्यास `पारू के लिये काला गुलाब’ पाठक को पहली दृष्टि में एक रोमानी प्रेम कहानी सा लग सकता है लेकिन जैसे-जैसे पाठक इस उपन्यास के विविध पक...

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गुमशुदा क्रेडिट कार्ड्स - ये कहानियां मेरी नज़र में - 2 By Neelam Kulshreshtha

एपीसोड ---2 डॉ. रंजना जायसवाल की कहानी में वही जद्दो जेहद है --' रोज़ सुबह आँख खुलते ही ज़िंदगी उसका इम्तिहान लेने के लिए खड़ी रहती ...और अपने आप से सवाल करती... आज मैं पास तो हो...

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विनय पत्रिका - पुस्तक समीक्षा By नंदलाल मणि त्रिपाठी

1-विनय पत्रिका ----आदरणीय तुलसी दास जी द्वारा रचित विनय पत्रिका तुलसी दास जी के सम्पूर्ण भाव व्यक्तित्व से निकला यैसा रस है जो तुलसी दास जी के काल में तुलसी दास द्वारा मानव मानवता...

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धर्मबीर भारती कि कनुप्रिया By नंदलाल मणि त्रिपाठी

धर्मबीर भारती की काल जयी कृति कनुप्रिया-----कनुप्रिया यानी कृष्ण की प्रिया यह रचना नारी मन की संवेदनशीलता की परम शक्ति राधा की अनुभूतियों की गाथा है साथ ही साथ नारी अन्तर्मन की गहर...

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मृदुल कीर्ति जी का गद्य कोष एव वैचारिक ऊर्जा By नंदलाल मणि त्रिपाठी

मृदुल कीर्ती जी का गद्यकोष एवं वैचारिक ऊर्जा---मृदुल कीर्ति जी का यह लेख जीवनदर्शन की सकारात्मकता का बोध है जो व्यक्ति व्यक्तित्व एव जीवन जन्म की सार्थकता को विचारों के निर्माण से...

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नृशंस सभ्य समाज की जंगलों से आदिवासियों को खदेड़ने की साज़िश - समीक्षा By Neelam Kulshreshtha

[ नीलम कुलश्रेष्ठ ] उस दिन मुम्बई के अपने घर में उपन्यास 'कालचिती को पढ़कर आदिवासियों की हालत जान कर दिल दहल रहा था। मैं किसी ज़रूरी काम से सड़क तक आ गई थी, ख़ामख़्याली में ये पुस्त...

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कहानी भूख कि समीक्षा By नंदलाल मणि त्रिपाठी

भूख--भूख चित्रा मुद्गल जी कि मार्मिक समाज एव जीवन के यथार्थ का आईंना है।नगर महानगर की संस्कृति में मानवीय मुल्यों के छरणएव द्वंद के प्रतिकर्षण की वेदना एवं कराह का वर्तमान तो भविष्...

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पूतोंवाली - शिवानी By राजीव तनेजा

आजकल के इस आपाधापी से भरे माहौल में हम सब जीवन के एक ऐसे फेज़ से गुज़र रहे हैं जिसमें कम समय में ज़्यादा से ज़्यादा पा लेने की चाहत की वजह से निरंतर आगे बढ़ते हुए बहुत कुछ पीछे ऐसा छूट...

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मुंशी प्रेमचंद कि कहानी नशा कि समीक्षा By नंदलाल मणि त्रिपाठी

मुन्सी प्रेम चंद्र की कहानी नशा की समीक्षाकथा सम्राट मुन्सी प्रेम चंद्र जी कीकहानियों की समीक्षा करना किसी भी साधारण साहित्यकार के लिये कदाचित संभव नहीं है ।मात्र यही गौरव की बात ह...

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पूर्णाहुति By नंदलाल मणि त्रिपाठी

मृदुल बिहारी जी कि कालज्यी कृति पूर्णाहुति -मृदुल बिहारी एक ऐसा नाम जिनकी अभिव्यक्ति ने साहित्य को एक नई पहचान एवं ऊंचाई प्रधान करने कि साध्य साधना के महा अनुष्ठान के महायज्ञ की हव...

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घर का ठूठ By नंदलाल मणि त्रिपाठी

घर का ठूठ -घर का ठूठ कहानी कहानीकार के अंतर्मन से उठती संवेदनाओं का साक्षात है संबंधों का मिलना बिछड़ना उनके साथ बिताए जीवन के सुख दुःख के पल प्रहर कि वेदना कहती है घर का ठूंठ । कह...

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कोरोनकाल में रही बुद्धजीवियों की भूमिका की कथा By Kishanlal Sharma

कोरोना को नहीं दोषु गोंसाईउपन्यासकार-डॉ राकेश कुमार सिंहप्रकाशक--निखिल पब्लिशर्स एन्ड डिस्टिब्यूटर्सविष्णु कॉलोनी,शाहगंज, आगरापृष्ठ-144,मूल्य-500रु---------------------------------...

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यूपी 65 निखिल सचान उपन्यास समीक्षा By Agatha Christie

कहानी: 3.5/5पात्र: 3.5/5लेखन शैली: 4/5उत्कर्ष: 4/5मनोरंजन: 4/5“वाह जी वाह! एक गुलजार साहब हुए हैं। और एक हुए हैं अमित कुमार पांडे। इतिहास में आज तक का सबसे दर्द भरा ब्रेक अप लेटर ग...

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नया सबेरा - उपन्यास - समीक्षा By Prafulla Kumar Tripathi

समीक्ष्य पुस्तक : नया सबेरा (उपन्यास ):लेखक -श्री सूर्य नारायण शुक्ल उपन्यास लेखन के प्रमुखत : 6 तत्व होते हैं-(१) कथानक / कथावस्तु (२) पात्र / चरित्र-चित्रण (३) कथोप कथन / संवाद (...

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महिमा प्रभु श्रीराम की-कमलकान्त शर्मा By राज बोहरे

महिमा प्रभु श्रीराम कीकमलकान्त शर्मासंदर्भ प्रकाशन भोपाल से कमलकांत शर्मा की कृति 'महिमा प्रभु श्री राम की' पिछले दिनों प्रकाशित हुई है। भारत वर्ष में राम कथा और कृष्ण कथा...

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उम्र दर उम्र-अनिता रश्मि By राज बोहरे

समीक्षा -उम्र दर उम्र(कहानी सँग्रह)लेखिका-अनिता रश्मिप्रकाशक-राष्ट्रीय सेल्स एजेंसी जयपुररांची बिहार की कथा लेखिका अनीता रश्मि का पहला कहानी संग्रह "उम्र दर उम्र" राष्ट्रीय सेल्स ए...

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संजना : (उपन्यास) - पुस्तक समीक्षा By Prafulla Kumar Tripathi

संजना : अतीत ऐसा जो पीछा छोड़ना नहीँ चाहता !श्री सूर्य नारायण शुक्ल का लिखा उपन्यास "संजना" एक ऐसी कैशोर्य उम्र की लड़की संजना की रोचक कहानी का ताना बाना लिए हुए है जिसके जीवन में अन...

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द डार्केस्ट डेस्टिनी - डॉ. राजकुमारी By राजीव तनेजा

आमतौर पर जब भी कभी किसी के परिवार में कोई खुशी या पर्व का अवसर होता है, तो हम देखते हैं कि हमारे घरों में हिजड़े (किन्नर) आ कर नाचते-गाते हुए बधाइयाँ दे कर इनाम वगैरह ले जाते हैं। क...

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महिमा मण्डित– सुषमा मुनीन्द्र By राज बोहरे

महिमा मंडित समीक्षा ‘महिमा मंडित’ कहानी संग्रह सुषमा मुनींद्र का बारह कहानियों का संग्रह है, जो श्री प्रकाशन दुर्ग से प्रकाशित हुआ है। इस कहानी संग्रह से सुषमा मुनींद्र के कहानी सं...

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चिन्तन-चन्द्रशेखर गोस्वामी By राज बोहरे

चिंतनचंद्रशेखर गोस्वामी का यह गद्य संग्रह 'चिंतन 'कुल बारह रचनाओं के साथ साहित्य केंद्र प्रकाशन दिल्ली से प्रकाशित हुआ है। साहित्य से इतर रसायन शास्त्र की पाठ्यपुस्तकों आदि...

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रश्मिरथी पुस्तक परिचय By Divya Modh

पुस्तक नाम: रश्मिरथी लेखक: : रामधारी सिंह दिनकर प्रकाशन:१९५२   आज तक महाभारत को सब ने कृष्णा और पांडव की नजरो से समझा और देखा है। पर रामधारी सिंह दिनकर जी  की लिखी रश्मिरथी एक  ऐसी...

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सितारों में सूराख़ - अनिलप्रभा कुमार By राजीव तनेजा

अभी हाल-फिलहाल में ही एक ख़बर सुनने..पढ़ने एवं टीवी के ज़रिए जानने को मिली कि हमारे यहाँ किसी उन्मादी सिपाही ने चलती ट्रेन में अपनी सरकारी बंदूक से एक ख़ास तबके के निरपराध यात्रियों पर...

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कनक मृग-पूरनचंद शर्मा -समीक्षा By राज बोहरे

कनक मृगखण्ड काव्यपूरन चन्द्र शर्मा समीक्षा- राज बोहरे राष्ट्र कवि मैथिलीशरण गुप्त ने लिखा है -राम तुम्हारा नाम स्वयं ही काव्य है,कोई कवि बन जाए सहज संभाव्य है !ऐसी ही विनम्र टिप्पण...

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हांडी भरी यातना-शोभनाथ शुक्ल By राज बोहरे

समीक्षा हांडी भरी यातनाराजनारायण बोहरे‘हांडी भरी यातना’ डॉ . शोभनाथ शुक्ला का कहानी संग्रह है जिसमें उनकी आठ कहानियां शामिल है ।यह समस्त कहानियां अपने लिखे जाने के दिनों में हिंदी...

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गूंगा गांव - श्याम त्रिपाठी संपादक हिंदी चेतना कैनेडा By ramgopal bhavuk

समीक्षा- गूंगा गांव लेखक रामगोपाल भावुक अत्याचारों के विरुद्ध क्रांतिकारी चेतावनी श्याम त्रिपाठी संपादक हिंदी चेतना कैनेडा कुछ अस्वस्थ होने के कारण पत्र व्यवहार और लेखन कार्य को सु...

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वैदिक काल में स्त्री पुरुष का सामाजिक स्तर समान था ? By Neelam Kulshreshtha

डॉ. उमा देशपांडे [ अनुवाद :नीलम कुलश्रेष्ठ] [हम एक थियोरी लेकर चलते हैं की वैदिक काल में स्त्री-पुरुष को समान अधिकार थे। वड़ोदरा की एन जी ओ “सहियर” व अहमदाबाद की एन जीओ...

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केशवदास की भाषा By राज बोहरे

केशव एक अनूठा भाषा संसार बनाते हैं आचार्य केशव दास जी की भाषा पर बात करते समय अनेक अनेक पहलुओं पर गौर करना आवश्यक है। केशव केवल एक साधारण कवि नहीं थे वे तो परंपराओं के सेतु थे, एक...

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श्री श्यामसुंदर श्याम का कवि रूप By शैलेंद्र् बुधौलिया

श्री श्याम सुन्दर 'श्याम' की काव्य रचना- शैलेन्द्र बुधोलियाऐसे व्यक्तित्व दुर्लभ और महान होते हैं जिनका विकास एक रैखिक न होकर अनेक आयामों में समान रचना धर्मिता की उपलब्धियो...

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ढोलक बजाती वो औरत -- मेरी माँ By Neelam Kulshreshtha

[ नीलम कुलश्रेष्ठ ] ९ जून २०१८ को भतीजे अभिन्न ने आगरा से सुबह साढ़े सात बजे सूचना दी कि मेरी मम्मी जी नहीं रहीं। उनके अंत से अपने व उनके समबन्ध को स्पष्ट कर रहीं हूँ। मैं बेंगलौर म...

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स्मृति ग्रँथ-डॉ हरिहर गोस्वामी By शैलेंद्र् बुधौलिया

स्मृति ग्रँथ डॉ हरिहर गोस्वामी सामान्य मध्यम वर्गीय परिवार में जन्म लेकर और सहज सामान्य रूप में पल बढ़कर कैसे महानता और सरलता के शीर्ष को छुआ जा सकता है, यह डॉ हरिहर गोस्वामी मानस...

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प्रमोद अश्क -चंद गजलें अश्क की By राज बोहरे

प्रमोद अश्क -चंद गजलें अश्क कीकम लेकिन घनीभूत संवेदना की ग़ज़ल -राजनारायण बोहरे दतियापुस्तक-चंद गजलें अश्क कीकवि- प्रमोद अश्क प्रकाशक-हिंदी उर्दू मजलिसप्रमोद अश्क का नाम उन पुख्ता कव...

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अवध की बात - हरिकृष्ण हरि By शैलेंद्र् बुधौलिया

लोकसंस्कृति को समर्पित कवि –हरिकृष्णहरि  दिनांक तेरह दिसम्बर दो  हजार उन्नीस  को ‘साहित्य एक्सप्रेस’ का डॉक्टर मानस विश्वास पर केंद्रित विशेषांक लोकार्पित हुआ तो उसमें यह पढ़कर अत्...

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हरिसिंह हरीश की ग़ज़ल By राज बोहरे

पुस्तक समीक्षा- हरिसिंह हरीशराजनारायण बोहरे हर मिजाज की ग़ज़लेंपुस्तक-गम लेके फूल दियेग़ज़ल संग्रहकवि- हरिसिंह हरीशप्रकाशक-सुमन साहित्य सदन दतियाहरिसिंह हरीश संवेदनाओं से लबरेज ऐसे रचन...

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डॉ श्याम बिहारी श्रीवास्तव By शैलेंद्र् बुधौलिया

श्याम बिहारी श्रीवास्तव साहित्य और साहित्यकार मानव समाज को परमपिता परमात्मा की बड़ी देन है। धर्म, अर्थ, काम मोक्ष इन चारों की सिद्धियों में सदसाहित्य का अविस्मरणीय योगदान है। हमारा...

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बेहटा कलां - इंदु सिंह By राजीव तनेजा

आज़ादी बाद के इन 76 सालों में तमाम तरह की उन्नति करने के बाद आज हम बेशक अपने सतत प्रयासों से चाँद की सतह को छू पाने तक के मुकाम पर पहुँच गए हैं मगर बुनियादी तौर पर हम आज भी वही पुरा...

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सुनीता पाठक - कोर्नर वाले अंकल By ramgopal bhavuk

कॉर्नर वाले अंकल जी के बहाने सुनीता पाठक                                                                    रामगोपाल भावुक                                                         ...

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कुछ याद रहा कुछ भूल गया -राजकुमार शर्मा By ramgopal bhavuk

कुछ याद रहा कुछ भूल गया संस्मरणात्मक दस्तावेज।                                                                                                                                      ...

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रामगोपाल भावुक जी डबरा वालों की कहानियाँ By ramgopal bhavuk

          आदमी की नब्ज   आदमी की नब्ज श्री राम गोपाल भावुक का लिखा कहानी संग्रह है जो वास्तव में उनके अनुभवों के गुलसिता से निकला हुआ महत्वपूर्ण फूलों से तैयार एक गुलदस्ता है। जिसम...

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राघव (खण्ड -1) - विनय सक्सेना By राजीव तनेजा

बॉलीवुड की फ़िल्मों में आमतौर पर आपने देखा होगा कि ज़्यादातर प्रोड्यूसर एक ही ढर्रे या तयशुदा फॉर्मयुलों पर आधारित फ़िल्में बनाते हैं या बनाने का प्रयास करते हैं। एक समय था जब खोया-पा...

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पुस्तक समीक्षा - धूप के कतरे By नंदलाल मणि त्रिपाठी

समीक्षा-- धूप के खतरे (गजलकार घनश्याम परिश्रमी )नेपाली भाषा के ख्याति लब्ध साहित्यकार डॉ घनश्याम परिश्रमी जिन्होंने #नेपाल और हिंदी गज़लों का विशेणात्मक अध्ययन# विषय पर पी एच डी किय...

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समीक्ष - विपश्यना लेखिका- इंदिरा दांगी By नंदलाल मणि त्रिपाठी

समीक्षा--- विपश्यना लेखिका-- इंदिरा दांगीविपश्यना कहानी संग्रह विदुषी इन्दिरा दांगी जीवन की अनुभूतियों अनुभव को समेटे काल कलेवर के परिवर्तित आचरण कि अभिव्यक्तियो कि बेहद सुंदर संकल...

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सुबह की धूप - समीक्षा By नंदलाल मणि त्रिपाठी

सुबह कि धूप - शिक्षक समाज निर्माण कि धुरी होता है वह समय का साक्ष्य बनकर एव धैर्य धीर रहकर राष्ट्र के निर्माण में अपनी सर्वांगीण भूमिकाओं का निर्वहन करता है शिक्षक के अंतर्मन में व...

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समीक्षा काव्य संग्रह मुरारी की चौपाल By नंदलाल मणि त्रिपाठी

*पम्परागत मूल्यों एवं मान्यताओं के परिपेक्ष्य में, अतुलनीय है यह काव्य-संग्रह*(समीक्षक- नन्दलाल मणि त्रिपाठी 'पीताम्बर',गोरखपुर) "मुरारी की चौपाल" अतुल जी की अविस्मरणीय छंद...

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दरद न जाने कोय By Yashwant Kothari

दरद न जाने कोय- याने जीवन तो सरलता से जीने की कला है रमेश खत्री का ताज़ा उपन्यास दरद न जाने कोय आया है. उपन्यास को पढना एक सुखद अनुभव रहा. मध्यम वर्ग का नायक किस तरह जीवन की उलझनों...

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देर आयद - दिलीप जैन By राज बोहरे

: दिलीप जैन का उपन्यास देर आयद पिछले दिनों पढ़ने को मिला इस उपन्यास को पढ़ते समय मैंने महसूस किया कि बरसों पहले जो सामाजिक उपन्यास लिखे जाते थे जिनमें से कुछ तो पाठ्यक्रम में भी रह...

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काल के कपाल पर हस्ताक्षर –धुंधले है. -समीक्षा By Yashvant Kothari

पाठकीय प्रतिक्रिया यशवन्त कोठारी काल के कपाल पर हस्ताक्षर –धुंधले है.  हरिशंकर परसाई की जीवनी पर राजेन्द्र चंद्रकांत राय का उपन्यास आया है. पुस्तक प्रकाशक से लेना चाहता...

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अजंता भित्तिचित्रों पर उकेरी प्रेम की अद्भुत कहानी By Neelam Kulshreshtha

(डॉ. नूतन पांडेय) नीलम कुलश्रेष्ठ का उपन्यास `पारू के लिये काला गुलाब’ पाठक को पहली दृष्टि में एक रोमानी प्रेम कहानी सा लग सकता है लेकिन जैसे-जैसे पाठक इस उपन्यास के विविध पक...

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गुमशुदा क्रेडिट कार्ड्स - ये कहानियां मेरी नज़र में - 2 By Neelam Kulshreshtha

एपीसोड ---2 डॉ. रंजना जायसवाल की कहानी में वही जद्दो जेहद है --' रोज़ सुबह आँख खुलते ही ज़िंदगी उसका इम्तिहान लेने के लिए खड़ी रहती ...और अपने आप से सवाल करती... आज मैं पास तो हो...

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विनय पत्रिका - पुस्तक समीक्षा By नंदलाल मणि त्रिपाठी

1-विनय पत्रिका ----आदरणीय तुलसी दास जी द्वारा रचित विनय पत्रिका तुलसी दास जी के सम्पूर्ण भाव व्यक्तित्व से निकला यैसा रस है जो तुलसी दास जी के काल में तुलसी दास द्वारा मानव मानवता...

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धर्मबीर भारती कि कनुप्रिया By नंदलाल मणि त्रिपाठी

धर्मबीर भारती की काल जयी कृति कनुप्रिया-----कनुप्रिया यानी कृष्ण की प्रिया यह रचना नारी मन की संवेदनशीलता की परम शक्ति राधा की अनुभूतियों की गाथा है साथ ही साथ नारी अन्तर्मन की गहर...

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मृदुल कीर्ति जी का गद्य कोष एव वैचारिक ऊर्जा By नंदलाल मणि त्रिपाठी

मृदुल कीर्ती जी का गद्यकोष एवं वैचारिक ऊर्जा---मृदुल कीर्ति जी का यह लेख जीवनदर्शन की सकारात्मकता का बोध है जो व्यक्ति व्यक्तित्व एव जीवन जन्म की सार्थकता को विचारों के निर्माण से...

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नृशंस सभ्य समाज की जंगलों से आदिवासियों को खदेड़ने की साज़िश - समीक्षा By Neelam Kulshreshtha

[ नीलम कुलश्रेष्ठ ] उस दिन मुम्बई के अपने घर में उपन्यास 'कालचिती को पढ़कर आदिवासियों की हालत जान कर दिल दहल रहा था। मैं किसी ज़रूरी काम से सड़क तक आ गई थी, ख़ामख़्याली में ये पुस्त...

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कहानी भूख कि समीक्षा By नंदलाल मणि त्रिपाठी

भूख--भूख चित्रा मुद्गल जी कि मार्मिक समाज एव जीवन के यथार्थ का आईंना है।नगर महानगर की संस्कृति में मानवीय मुल्यों के छरणएव द्वंद के प्रतिकर्षण की वेदना एवं कराह का वर्तमान तो भविष्...

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पूतोंवाली - शिवानी By राजीव तनेजा

आजकल के इस आपाधापी से भरे माहौल में हम सब जीवन के एक ऐसे फेज़ से गुज़र रहे हैं जिसमें कम समय में ज़्यादा से ज़्यादा पा लेने की चाहत की वजह से निरंतर आगे बढ़ते हुए बहुत कुछ पीछे ऐसा छूट...

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मुंशी प्रेमचंद कि कहानी नशा कि समीक्षा By नंदलाल मणि त्रिपाठी

मुन्सी प्रेम चंद्र की कहानी नशा की समीक्षाकथा सम्राट मुन्सी प्रेम चंद्र जी कीकहानियों की समीक्षा करना किसी भी साधारण साहित्यकार के लिये कदाचित संभव नहीं है ।मात्र यही गौरव की बात ह...

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पूर्णाहुति By नंदलाल मणि त्रिपाठी

मृदुल बिहारी जी कि कालज्यी कृति पूर्णाहुति -मृदुल बिहारी एक ऐसा नाम जिनकी अभिव्यक्ति ने साहित्य को एक नई पहचान एवं ऊंचाई प्रधान करने कि साध्य साधना के महा अनुष्ठान के महायज्ञ की हव...

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घर का ठूठ By नंदलाल मणि त्रिपाठी

घर का ठूठ -घर का ठूठ कहानी कहानीकार के अंतर्मन से उठती संवेदनाओं का साक्षात है संबंधों का मिलना बिछड़ना उनके साथ बिताए जीवन के सुख दुःख के पल प्रहर कि वेदना कहती है घर का ठूंठ । कह...

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कोरोनकाल में रही बुद्धजीवियों की भूमिका की कथा By Kishanlal Sharma

कोरोना को नहीं दोषु गोंसाईउपन्यासकार-डॉ राकेश कुमार सिंहप्रकाशक--निखिल पब्लिशर्स एन्ड डिस्टिब्यूटर्सविष्णु कॉलोनी,शाहगंज, आगरापृष्ठ-144,मूल्य-500रु---------------------------------...

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यूपी 65 निखिल सचान उपन्यास समीक्षा By Agatha Christie

कहानी: 3.5/5पात्र: 3.5/5लेखन शैली: 4/5उत्कर्ष: 4/5मनोरंजन: 4/5“वाह जी वाह! एक गुलजार साहब हुए हैं। और एक हुए हैं अमित कुमार पांडे। इतिहास में आज तक का सबसे दर्द भरा ब्रेक अप लेटर ग...

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नया सबेरा - उपन्यास - समीक्षा By Prafulla Kumar Tripathi

समीक्ष्य पुस्तक : नया सबेरा (उपन्यास ):लेखक -श्री सूर्य नारायण शुक्ल उपन्यास लेखन के प्रमुखत : 6 तत्व होते हैं-(१) कथानक / कथावस्तु (२) पात्र / चरित्र-चित्रण (३) कथोप कथन / संवाद (...

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महिमा प्रभु श्रीराम की-कमलकान्त शर्मा By राज बोहरे

महिमा प्रभु श्रीराम कीकमलकान्त शर्मासंदर्भ प्रकाशन भोपाल से कमलकांत शर्मा की कृति 'महिमा प्रभु श्री राम की' पिछले दिनों प्रकाशित हुई है। भारत वर्ष में राम कथा और कृष्ण कथा...

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उम्र दर उम्र-अनिता रश्मि By राज बोहरे

समीक्षा -उम्र दर उम्र(कहानी सँग्रह)लेखिका-अनिता रश्मिप्रकाशक-राष्ट्रीय सेल्स एजेंसी जयपुररांची बिहार की कथा लेखिका अनीता रश्मि का पहला कहानी संग्रह "उम्र दर उम्र" राष्ट्रीय सेल्स ए...

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संजना : (उपन्यास) - पुस्तक समीक्षा By Prafulla Kumar Tripathi

संजना : अतीत ऐसा जो पीछा छोड़ना नहीँ चाहता !श्री सूर्य नारायण शुक्ल का लिखा उपन्यास "संजना" एक ऐसी कैशोर्य उम्र की लड़की संजना की रोचक कहानी का ताना बाना लिए हुए है जिसके जीवन में अन...

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द डार्केस्ट डेस्टिनी - डॉ. राजकुमारी By राजीव तनेजा

आमतौर पर जब भी कभी किसी के परिवार में कोई खुशी या पर्व का अवसर होता है, तो हम देखते हैं कि हमारे घरों में हिजड़े (किन्नर) आ कर नाचते-गाते हुए बधाइयाँ दे कर इनाम वगैरह ले जाते हैं। क...

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महिमा मण्डित– सुषमा मुनीन्द्र By राज बोहरे

महिमा मंडित समीक्षा ‘महिमा मंडित’ कहानी संग्रह सुषमा मुनींद्र का बारह कहानियों का संग्रह है, जो श्री प्रकाशन दुर्ग से प्रकाशित हुआ है। इस कहानी संग्रह से सुषमा मुनींद्र के कहानी सं...

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चिन्तन-चन्द्रशेखर गोस्वामी By राज बोहरे

चिंतनचंद्रशेखर गोस्वामी का यह गद्य संग्रह 'चिंतन 'कुल बारह रचनाओं के साथ साहित्य केंद्र प्रकाशन दिल्ली से प्रकाशित हुआ है। साहित्य से इतर रसायन शास्त्र की पाठ्यपुस्तकों आदि...

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रश्मिरथी पुस्तक परिचय By Divya Modh

पुस्तक नाम: रश्मिरथी लेखक: : रामधारी सिंह दिनकर प्रकाशन:१९५२   आज तक महाभारत को सब ने कृष्णा और पांडव की नजरो से समझा और देखा है। पर रामधारी सिंह दिनकर जी  की लिखी रश्मिरथी एक  ऐसी...

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सितारों में सूराख़ - अनिलप्रभा कुमार By राजीव तनेजा

अभी हाल-फिलहाल में ही एक ख़बर सुनने..पढ़ने एवं टीवी के ज़रिए जानने को मिली कि हमारे यहाँ किसी उन्मादी सिपाही ने चलती ट्रेन में अपनी सरकारी बंदूक से एक ख़ास तबके के निरपराध यात्रियों पर...

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कनक मृग-पूरनचंद शर्मा -समीक्षा By राज बोहरे

कनक मृगखण्ड काव्यपूरन चन्द्र शर्मा समीक्षा- राज बोहरे राष्ट्र कवि मैथिलीशरण गुप्त ने लिखा है -राम तुम्हारा नाम स्वयं ही काव्य है,कोई कवि बन जाए सहज संभाव्य है !ऐसी ही विनम्र टिप्पण...

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हांडी भरी यातना-शोभनाथ शुक्ल By राज बोहरे

समीक्षा हांडी भरी यातनाराजनारायण बोहरे‘हांडी भरी यातना’ डॉ . शोभनाथ शुक्ला का कहानी संग्रह है जिसमें उनकी आठ कहानियां शामिल है ।यह समस्त कहानियां अपने लिखे जाने के दिनों में हिंदी...

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गूंगा गांव - श्याम त्रिपाठी संपादक हिंदी चेतना कैनेडा By ramgopal bhavuk

समीक्षा- गूंगा गांव लेखक रामगोपाल भावुक अत्याचारों के विरुद्ध क्रांतिकारी चेतावनी श्याम त्रिपाठी संपादक हिंदी चेतना कैनेडा कुछ अस्वस्थ होने के कारण पत्र व्यवहार और लेखन कार्य को सु...

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वैदिक काल में स्त्री पुरुष का सामाजिक स्तर समान था ? By Neelam Kulshreshtha

डॉ. उमा देशपांडे [ अनुवाद :नीलम कुलश्रेष्ठ] [हम एक थियोरी लेकर चलते हैं की वैदिक काल में स्त्री-पुरुष को समान अधिकार थे। वड़ोदरा की एन जी ओ “सहियर” व अहमदाबाद की एन जीओ...

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केशवदास की भाषा By राज बोहरे

केशव एक अनूठा भाषा संसार बनाते हैं आचार्य केशव दास जी की भाषा पर बात करते समय अनेक अनेक पहलुओं पर गौर करना आवश्यक है। केशव केवल एक साधारण कवि नहीं थे वे तो परंपराओं के सेतु थे, एक...

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श्री श्यामसुंदर श्याम का कवि रूप By शैलेंद्र् बुधौलिया

श्री श्याम सुन्दर 'श्याम' की काव्य रचना- शैलेन्द्र बुधोलियाऐसे व्यक्तित्व दुर्लभ और महान होते हैं जिनका विकास एक रैखिक न होकर अनेक आयामों में समान रचना धर्मिता की उपलब्धियो...

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ढोलक बजाती वो औरत -- मेरी माँ By Neelam Kulshreshtha

[ नीलम कुलश्रेष्ठ ] ९ जून २०१८ को भतीजे अभिन्न ने आगरा से सुबह साढ़े सात बजे सूचना दी कि मेरी मम्मी जी नहीं रहीं। उनके अंत से अपने व उनके समबन्ध को स्पष्ट कर रहीं हूँ। मैं बेंगलौर म...

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स्मृति ग्रँथ-डॉ हरिहर गोस्वामी By शैलेंद्र् बुधौलिया

स्मृति ग्रँथ डॉ हरिहर गोस्वामी सामान्य मध्यम वर्गीय परिवार में जन्म लेकर और सहज सामान्य रूप में पल बढ़कर कैसे महानता और सरलता के शीर्ष को छुआ जा सकता है, यह डॉ हरिहर गोस्वामी मानस...

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प्रमोद अश्क -चंद गजलें अश्क की By राज बोहरे

प्रमोद अश्क -चंद गजलें अश्क कीकम लेकिन घनीभूत संवेदना की ग़ज़ल -राजनारायण बोहरे दतियापुस्तक-चंद गजलें अश्क कीकवि- प्रमोद अश्क प्रकाशक-हिंदी उर्दू मजलिसप्रमोद अश्क का नाम उन पुख्ता कव...

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अवध की बात - हरिकृष्ण हरि By शैलेंद्र् बुधौलिया

लोकसंस्कृति को समर्पित कवि –हरिकृष्णहरि  दिनांक तेरह दिसम्बर दो  हजार उन्नीस  को ‘साहित्य एक्सप्रेस’ का डॉक्टर मानस विश्वास पर केंद्रित विशेषांक लोकार्पित हुआ तो उसमें यह पढ़कर अत्...

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हरिसिंह हरीश की ग़ज़ल By राज बोहरे

पुस्तक समीक्षा- हरिसिंह हरीशराजनारायण बोहरे हर मिजाज की ग़ज़लेंपुस्तक-गम लेके फूल दियेग़ज़ल संग्रहकवि- हरिसिंह हरीशप्रकाशक-सुमन साहित्य सदन दतियाहरिसिंह हरीश संवेदनाओं से लबरेज ऐसे रचन...

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डॉ श्याम बिहारी श्रीवास्तव By शैलेंद्र् बुधौलिया

श्याम बिहारी श्रीवास्तव साहित्य और साहित्यकार मानव समाज को परमपिता परमात्मा की बड़ी देन है। धर्म, अर्थ, काम मोक्ष इन चारों की सिद्धियों में सदसाहित्य का अविस्मरणीय योगदान है। हमारा...

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बेहटा कलां - इंदु सिंह By राजीव तनेजा

आज़ादी बाद के इन 76 सालों में तमाम तरह की उन्नति करने के बाद आज हम बेशक अपने सतत प्रयासों से चाँद की सतह को छू पाने तक के मुकाम पर पहुँच गए हैं मगर बुनियादी तौर पर हम आज भी वही पुरा...

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