hindi Best Anything Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Anything in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cultures....Read More


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  • मेरे अन्दर का लेखक

    1.आप किताबों में प्रकृति को चुनते हैं।पद्मश्री प्रकृति से किताबें चुनी है।।2.खाम...

  • हॉस्टल लाइफ

    आंख पे पट्टीकुछ साल पहले की बात है, लगभग रात के 12:00 बजे का समय होगा और हमारे क...

  • पूर्ण जनम ( एक इंतकाम ) - 1

    एक शहर में बहुत ही खूबसूरत घर में एक लड़का ( जिसकी उम्र करीब 12 साल की थी) अपने क...

दिल की बातें By DINESH KUMAR KEER

1.जिस इंसान को, सच बोलने की आदत होती है। उस इंसान से लोग, सबसे ज्यादा नफरत करते हैं।। 2.अच्छे संस्कार और संस्कृति ही, हमारे जीवन को सभ्य और सराहनीय बनाते हैं। 3.अरसे बित गए, तेरे इ...

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आजादी का नया इतिहास By Sudhir Srivastava

आज़ादी का नया इतिहास************* आज जब देश दुनिया का वैश्विक स्वरूप बदलता दिखाई पड़ रहा है, तब हर संप्रभु राष्ट्र अपनी संपूर्ण क्षमता के साथ अपने अपने सामर्थ्य का भरपूर इस्तेमाल क...

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लेखक का सपना By DINESH KUMAR KEER

1. मिलो की दूरी उपस्तिथि तुम्हारीसर्वस्व तो समर्पित कर दिया है प्रेम मेंअब इस नश्वर तन का क्या मोल भला प्रेम में तन का मिलन तो औपचारिकता मात्र है मन से मन का मेल हुआ तो प्रेम हुआजब...

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मेरे एहसास By DINESH KUMAR KEER

1.मोहब्बत को, करीब से जाते हुए देखा है। जुदाई को, आंखों से बहते हुए देखा है।। 2.अच्छे व्यवहार का कोई आर्थिक मूल्य भले ही ना हो,लेकिन अच्छा व्यवहार करोड़ों दिलों को खरीदने की शक्ति...

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सपनों को पंख देती कलम By DINESH KUMAR KEER

1.अपने लिए भी कुछ समय निकालो, दुनिया ने तो सारा वक़्त छीन ही लेना है। 2.सरे - आम ​मुझे, यह शिकायत है ज़िन्दगी से​। क्यूँ मिलता नहीं, मिजाज़ मेरा किसी से।। 3.दर्द की तुरपाइयों की नज़ा...

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मेरे सपने मेरे अपने By DINESH KUMAR KEER

1.किसी का शुकून बनो, सिर दर्द तो कोई भी बन सकता है।2.मिलते रहना, किसी ना किसी बहाने से। रिश्ते मजबूत बनते है, दो पल साथ बिताने से।। 3.दर्द तब होती है, जब खुद को ठोकर लगती। वरना, दू...

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पुनर्जन्म की सच्ची घटनाएं By Vijay Nagar

दादा का पोते के रूप में जन्म (शंकर-पूजन तथा सनातन धर्म विरुद्ध दाह-संस्कार दोष के परिणाम)यह मार्च 1960 की बात है। हम मुजफ्फर नगर के गाँव में पुनर्जन्म सम्बन्धी घटनाओं की सत्यता का...

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मेरे अन्दर का लेखक By DINESH KUMAR KEER

1.आप किताबों में प्रकृति को चुनते हैं।पद्मश्री प्रकृति से किताबें चुनी है।।2.खामोशी छाई है समुंदर पर और क़तरे बहुत उछलते हैं। यह तो दुनिया की रस्म है 'दिनेश' जो अकड़ते हैं...

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भक्त श्री पूर्णजी By Renu

श्रीपूर्णजी की महिमा अपार है, कोई भी उसका वर्णन नहीं कर सकता है। आप उदयाचल और अस्ताचल –इन दो ऊँचे पर्वतके बीच बहनेवाली सबसे बड़ी (श्रेष्ठ) नदीके समीप पहाड़की गुफामें रहते थे। योगकी...

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नाम जप साधना - भाग 17 By Charu Mittal

नाम जप सम्बन्धी शंका समाधानजिज्ञासा- कौन सा नाम जपें ?समाधान- भगवद्भाव से अपनी रुचि के अनुसार किसी भी नाम का जप कर सकते हैं।जिज्ञासा- किस समय जप करना चाहिए?समाधान - जगने से लेकर सो...

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हॉस्टल लाइफ By Jay Piprotar

आंख पे पट्टीकुछ साल पहले की बात है, लगभग रात के 12:00 बजे का समय होगा और हमारे कॉलेज में रीडिंग वैकेशन चल रहा था, इस वजह से हॉस्टल में हम सिर्फ सौराष्ट्र वाले बच्चे ही बचे हुए थे,...

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जिंदगी के रंग हजार - 8 By Kishanlal Sharma

सन 1971 में मेरा रिश्ता तय हो गया था।रिश्ता तय का मतलब चट मंगनी पट ब्याह नही।आजकल तो हो जाता है।लेकिन मेरे साथ ऐसा नही हुआ।सितम्बर1971 में सगाई हुई और शादी जून1973 में हुई इसकी वजह...

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पूर्ण जनम ( एक इंतकाम ) - 1 By ....

एक शहर में बहुत ही खूबसूरत घर में एक लड़का ( जिसकी उम्र करीब 12 साल की थी) अपने कमरे में सो रहा था। वहाँ एक दम शांति सी थी तभी एक जोरदार आवाज आती है "अंश बेटा उठ जा , सुबह हो गई...

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सम्राट् पुष्यमित्र शुंग By Mohan Dhama

पुष्यमित्र शुंग (185-149 ई. पू.) प्राचीन उत्तर भारत के एक हिंदू राजा थे। वे शुंग साम्राज्य के संस्थापक और प्रथम राजा थे। इससे पहले वे मौर्य साम्राज्य में सेनापति थे। 185 ई.पू. में...

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अमेरिका ऐसा लड्डू जो खाये वो पछताए और …. By S Sinha

                           अमेरिका  ऐसा लड्डू जो खाये वो  पछताए और  ….  रिटायरमेंट के बाद घर में बस दो प्राणी बच गए  हैं   , एक मैं और दूसरा मेरा  जीवनसाथी अमन .  दोनों बच्चे पढ़ लि...

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माँ का पत्र By DINESH KUMAR KEER

माँ का पत्र मोनू एक बस में सफ़र कर रहा था तो जब वह बस से उतरकर मोनू ने अपनी जेब में हाथ डाला ही था कि चौंक गया, उसकी जेब कट चुकी थी । उस समय मोनू के पैरों तले से जमीं किसकी गयी व स...

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श्वपच भक्त वाल्मीकिजी By Renu

श्वपच वाल्मीकि नामक एक भगवान्के बड़े भारी भक्त थे, वे अपनी भक्ति को गुप्त ही रखते थे। एक बार की बात है, धर्मपुत्र राजा युधिष्ठिर ने बड़ा भारी यज्ञ किया। उसमें इतने ऋषि महर्षि पधारे...

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कंगन By DINESH KUMAR KEER

कंगन आज सुजाता सुबह जल्दी ही उठ गई । आज घर में बहुत बड़ा दिन था । विनोद की बहन नीलू की शादी थी ।विनोद नाश्ता करके शादी वाले हाल की तरफ़ निकल गया । नीलू भी ब्यूटी पार्लर की तरफ़ निक...

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श्री प्राचीनबर्हिजी By Renu

आदिराज महाराज पृथु के विमल वंश में श्रीहविर्धान की पत्नी हविर्धानी से बर्हिषद्, गय, शुक्ल, कृष्ण, सत्य और जितव्रत नामके छः पुत्र पैदा हुए। इनमें महाभाग बर्हिषद् यज्ञादि कर्मकाण्ड औ...

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भक्त रानी रत्नावती By Renu

रानी रत्नावती भगवान की बड़ी भक्त थीं। उनका मन सदगुण और सद्विचारों से सुसज्जित था। पति-चरणों में उनका बड़ा प्रेम था। रत्नावती का स्वभाव बड़ा मधुर था। दासियों के साथ भी मधुर व्यवहार...

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संत श्री तुलसीदासजी By Renu

कराल कलिकाल के कपटी प्राणियों का उद्धार करने के लिये आदिकवि महर्षि वाल्मीकि ने गोस्वामी श्रीतुलसीदास के रूपमें अवतार लिया। आदिकवि ने त्रेतायुगमें श्रीरामायण नामक प्रबन्ध महाकाव्य ल...

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दृष्टिकोण - 15 - HOPE By ADRIL

~~~~~~~ 15 - HOPE ~~~~~~~   जिंदगी में कभी कभी हम उम्मीद खो देते है और कभी कभी हम उम्मीद के सहारे वक्त बर्बाद कर देते है,.. उम्मीद को बेलेंस करना बहोत जरुरी है,... एक कहानी से समज़त...

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जीतेन्द्रीय हनुमान By Arun

मैं राम दूत को प्रणाम करता हूँ, जो वायुदेव के पुत्र तथा वानरों में श्रेष्ठ थे, जिनका अपनी इंद्रियों पर पूर्ण नियंत्रण था और जो अत्यंत बुद्धिमान थे, जो मन की गति की के समान फुर्तीले...

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हाशिएपर By prabhat samir

डॉ प्रभात समीर कश्यप चाचा के बेटे काव्य के एक्सीडेंट की खबर शहर में हवा की तरह फैल गई। काव्य अकेला नहीं था, उसके साथ उसकी पत्नी रीमा, बेटा करतल और ड्राइवर भी थे। मंदिर में अपनी मुर...

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ईरान हिजाब आंदोलन फ़ाईल्स - 2 By Neelam Kulshreshtha

ईरान हिजाब आंदोलन फ़ाईल्स ---2 रेहाना ज़ब्बारी ! इन समाचारों के बीच घूम फिरकर मैं तुम तक फिर अटक गईं हूँ। अरे !तुम्हारी उम्र ही क्या थी उन्नीस बरस जब तुम्हें जेल में डाला गया था। ?मै...

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आदिवासी जीवनशैली - 3 By Dr. Ashmi Chaudhari

" जय जोहार जय आदिवासी " टंट्या भील (टंट्या या टंट्या मामा) (26 जनवरी 1842 – 4 दिसंबर 1889) 1878 और 1889 के बीच भारत में सक्रिय एक जननायक (आदिवासी नायक) थे। द न्यूयॉर्क टाइम्स मे 10...

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विपत्तियों में स्वभाव - संस्कार सहायक By Sudhir Srivastava

लघुलेख विपत्तियों में स्वभाव - संस्कार सहायक स्वभाव और संस्कारों के विविध पहलुओं की चर्चा छिड़ जाय तो हर कोई अपना ज्ञान बघारने लगता है लेकिन अपने या अपने परिवार को वह शायद ही उसमें...

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साक्षात्कार… - 2 By Piyush Goel

1.अपने बारे में बताईए। मैं माता रविकांता गोयल ब पिता डॉ देवेंद्र कुमार गोयल के यहाँ १०.०२.१९६७ को पैदा हुआ, एक मध्यम वर्गीय परिवार से हूँ यांत्रिक अभियंता, दर्पण छवि लेखक, कार्टूनि...

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दिल की बातें By DINESH KUMAR KEER

1.जिस इंसान को, सच बोलने की आदत होती है। उस इंसान से लोग, सबसे ज्यादा नफरत करते हैं।। 2.अच्छे संस्कार और संस्कृति ही, हमारे जीवन को सभ्य और सराहनीय बनाते हैं। 3.अरसे बित गए, तेरे इ...

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आजादी का नया इतिहास By Sudhir Srivastava

आज़ादी का नया इतिहास************* आज जब देश दुनिया का वैश्विक स्वरूप बदलता दिखाई पड़ रहा है, तब हर संप्रभु राष्ट्र अपनी संपूर्ण क्षमता के साथ अपने अपने सामर्थ्य का भरपूर इस्तेमाल क...

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लेखक का सपना By DINESH KUMAR KEER

1. मिलो की दूरी उपस्तिथि तुम्हारीसर्वस्व तो समर्पित कर दिया है प्रेम मेंअब इस नश्वर तन का क्या मोल भला प्रेम में तन का मिलन तो औपचारिकता मात्र है मन से मन का मेल हुआ तो प्रेम हुआजब...

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मेरे एहसास By DINESH KUMAR KEER

1.मोहब्बत को, करीब से जाते हुए देखा है। जुदाई को, आंखों से बहते हुए देखा है।। 2.अच्छे व्यवहार का कोई आर्थिक मूल्य भले ही ना हो,लेकिन अच्छा व्यवहार करोड़ों दिलों को खरीदने की शक्ति...

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सपनों को पंख देती कलम By DINESH KUMAR KEER

1.अपने लिए भी कुछ समय निकालो, दुनिया ने तो सारा वक़्त छीन ही लेना है। 2.सरे - आम ​मुझे, यह शिकायत है ज़िन्दगी से​। क्यूँ मिलता नहीं, मिजाज़ मेरा किसी से।। 3.दर्द की तुरपाइयों की नज़ा...

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मेरे सपने मेरे अपने By DINESH KUMAR KEER

1.किसी का शुकून बनो, सिर दर्द तो कोई भी बन सकता है।2.मिलते रहना, किसी ना किसी बहाने से। रिश्ते मजबूत बनते है, दो पल साथ बिताने से।। 3.दर्द तब होती है, जब खुद को ठोकर लगती। वरना, दू...

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पुनर्जन्म की सच्ची घटनाएं By Vijay Nagar

दादा का पोते के रूप में जन्म (शंकर-पूजन तथा सनातन धर्म विरुद्ध दाह-संस्कार दोष के परिणाम)यह मार्च 1960 की बात है। हम मुजफ्फर नगर के गाँव में पुनर्जन्म सम्बन्धी घटनाओं की सत्यता का...

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मेरे अन्दर का लेखक By DINESH KUMAR KEER

1.आप किताबों में प्रकृति को चुनते हैं।पद्मश्री प्रकृति से किताबें चुनी है।।2.खामोशी छाई है समुंदर पर और क़तरे बहुत उछलते हैं। यह तो दुनिया की रस्म है 'दिनेश' जो अकड़ते हैं...

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भक्त श्री पूर्णजी By Renu

श्रीपूर्णजी की महिमा अपार है, कोई भी उसका वर्णन नहीं कर सकता है। आप उदयाचल और अस्ताचल –इन दो ऊँचे पर्वतके बीच बहनेवाली सबसे बड़ी (श्रेष्ठ) नदीके समीप पहाड़की गुफामें रहते थे। योगकी...

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नाम जप साधना - भाग 17 By Charu Mittal

नाम जप सम्बन्धी शंका समाधानजिज्ञासा- कौन सा नाम जपें ?समाधान- भगवद्भाव से अपनी रुचि के अनुसार किसी भी नाम का जप कर सकते हैं।जिज्ञासा- किस समय जप करना चाहिए?समाधान - जगने से लेकर सो...

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हॉस्टल लाइफ By Jay Piprotar

आंख पे पट्टीकुछ साल पहले की बात है, लगभग रात के 12:00 बजे का समय होगा और हमारे कॉलेज में रीडिंग वैकेशन चल रहा था, इस वजह से हॉस्टल में हम सिर्फ सौराष्ट्र वाले बच्चे ही बचे हुए थे,...

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जिंदगी के रंग हजार - 8 By Kishanlal Sharma

सन 1971 में मेरा रिश्ता तय हो गया था।रिश्ता तय का मतलब चट मंगनी पट ब्याह नही।आजकल तो हो जाता है।लेकिन मेरे साथ ऐसा नही हुआ।सितम्बर1971 में सगाई हुई और शादी जून1973 में हुई इसकी वजह...

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पूर्ण जनम ( एक इंतकाम ) - 1 By ....

एक शहर में बहुत ही खूबसूरत घर में एक लड़का ( जिसकी उम्र करीब 12 साल की थी) अपने कमरे में सो रहा था। वहाँ एक दम शांति सी थी तभी एक जोरदार आवाज आती है "अंश बेटा उठ जा , सुबह हो गई...

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सम्राट् पुष्यमित्र शुंग By Mohan Dhama

पुष्यमित्र शुंग (185-149 ई. पू.) प्राचीन उत्तर भारत के एक हिंदू राजा थे। वे शुंग साम्राज्य के संस्थापक और प्रथम राजा थे। इससे पहले वे मौर्य साम्राज्य में सेनापति थे। 185 ई.पू. में...

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अमेरिका ऐसा लड्डू जो खाये वो पछताए और …. By S Sinha

                           अमेरिका  ऐसा लड्डू जो खाये वो  पछताए और  ….  रिटायरमेंट के बाद घर में बस दो प्राणी बच गए  हैं   , एक मैं और दूसरा मेरा  जीवनसाथी अमन .  दोनों बच्चे पढ़ लि...

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माँ का पत्र By DINESH KUMAR KEER

माँ का पत्र मोनू एक बस में सफ़र कर रहा था तो जब वह बस से उतरकर मोनू ने अपनी जेब में हाथ डाला ही था कि चौंक गया, उसकी जेब कट चुकी थी । उस समय मोनू के पैरों तले से जमीं किसकी गयी व स...

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श्वपच भक्त वाल्मीकिजी By Renu

श्वपच वाल्मीकि नामक एक भगवान्के बड़े भारी भक्त थे, वे अपनी भक्ति को गुप्त ही रखते थे। एक बार की बात है, धर्मपुत्र राजा युधिष्ठिर ने बड़ा भारी यज्ञ किया। उसमें इतने ऋषि महर्षि पधारे...

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कंगन By DINESH KUMAR KEER

कंगन आज सुजाता सुबह जल्दी ही उठ गई । आज घर में बहुत बड़ा दिन था । विनोद की बहन नीलू की शादी थी ।विनोद नाश्ता करके शादी वाले हाल की तरफ़ निकल गया । नीलू भी ब्यूटी पार्लर की तरफ़ निक...

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श्री प्राचीनबर्हिजी By Renu

आदिराज महाराज पृथु के विमल वंश में श्रीहविर्धान की पत्नी हविर्धानी से बर्हिषद्, गय, शुक्ल, कृष्ण, सत्य और जितव्रत नामके छः पुत्र पैदा हुए। इनमें महाभाग बर्हिषद् यज्ञादि कर्मकाण्ड औ...

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भक्त रानी रत्नावती By Renu

रानी रत्नावती भगवान की बड़ी भक्त थीं। उनका मन सदगुण और सद्विचारों से सुसज्जित था। पति-चरणों में उनका बड़ा प्रेम था। रत्नावती का स्वभाव बड़ा मधुर था। दासियों के साथ भी मधुर व्यवहार...

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कराल कलिकाल के कपटी प्राणियों का उद्धार करने के लिये आदिकवि महर्षि वाल्मीकि ने गोस्वामी श्रीतुलसीदास के रूपमें अवतार लिया। आदिकवि ने त्रेतायुगमें श्रीरामायण नामक प्रबन्ध महाकाव्य ल...

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~~~~~~~ 15 - HOPE ~~~~~~~   जिंदगी में कभी कभी हम उम्मीद खो देते है और कभी कभी हम उम्मीद के सहारे वक्त बर्बाद कर देते है,.. उम्मीद को बेलेंस करना बहोत जरुरी है,... एक कहानी से समज़त...

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जीतेन्द्रीय हनुमान By Arun

मैं राम दूत को प्रणाम करता हूँ, जो वायुदेव के पुत्र तथा वानरों में श्रेष्ठ थे, जिनका अपनी इंद्रियों पर पूर्ण नियंत्रण था और जो अत्यंत बुद्धिमान थे, जो मन की गति की के समान फुर्तीले...

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हाशिएपर By prabhat samir

डॉ प्रभात समीर कश्यप चाचा के बेटे काव्य के एक्सीडेंट की खबर शहर में हवा की तरह फैल गई। काव्य अकेला नहीं था, उसके साथ उसकी पत्नी रीमा, बेटा करतल और ड्राइवर भी थे। मंदिर में अपनी मुर...

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ईरान हिजाब आंदोलन फ़ाईल्स - 2 By Neelam Kulshreshtha

ईरान हिजाब आंदोलन फ़ाईल्स ---2 रेहाना ज़ब्बारी ! इन समाचारों के बीच घूम फिरकर मैं तुम तक फिर अटक गईं हूँ। अरे !तुम्हारी उम्र ही क्या थी उन्नीस बरस जब तुम्हें जेल में डाला गया था। ?मै...

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आदिवासी जीवनशैली - 3 By Dr. Ashmi Chaudhari

" जय जोहार जय आदिवासी " टंट्या भील (टंट्या या टंट्या मामा) (26 जनवरी 1842 – 4 दिसंबर 1889) 1878 और 1889 के बीच भारत में सक्रिय एक जननायक (आदिवासी नायक) थे। द न्यूयॉर्क टाइम्स मे 10...

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विपत्तियों में स्वभाव - संस्कार सहायक By Sudhir Srivastava

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साक्षात्कार… - 2 By Piyush Goel

1.अपने बारे में बताईए। मैं माता रविकांता गोयल ब पिता डॉ देवेंद्र कुमार गोयल के यहाँ १०.०२.१९६७ को पैदा हुआ, एक मध्यम वर्गीय परिवार से हूँ यांत्रिक अभियंता, दर्पण छवि लेखक, कार्टूनि...

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