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Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Anything in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cultures....Read More


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हम तेरे है By DINESH KUMAR KEER

1.इतना चाहती थी मुझको कि मेरे गमो का बोझ,ओ मुझे तनहा कभी ढोने नही दी।मेरे हर दर्द में मरहम बन के रही,मेरे गालो को मेरे अश्को से कभी धोने नही दी।नही दी मौका ओ कभी मुझे टूट के बिखरने...

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दिल तेरा साथ चाहे By DINESH KUMAR KEER

1.जिससे आप बेइंतहा प्यार करते हैं उसकी गर आपको आवाज भी सुनने को मिल जाए ना तो सुकून सा आ जाता है मगर जब वहीं इंसान नजरों के सामने हो तो उसे देखना, उसे छु पाना, और चूमना ये जो एहसास...

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श्री स्वभूरामदेवाचार्य By Renu

श्रीस्वभूरामदेवाचार्य जी महाराज का जन्म ब्राह्मण-कुल में हुआ था। आपके पिता का नाम श्रीकृष्णदत्त और माता का नाम श्रीराधादेवी था। श्रीकृष्णदत्त एवं राधादेवी को जब दीर्घकाल तक संतान क...

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दिल मे हो तुम By DINESH KUMAR KEER

1.हां मुझे इश्क़ है...सुनो...तुम समझोगे नहीं लेकिन,फिर भी बता दूं तुम्हे, कि हां मुझे इश्क़ है तुमसे,और खुद से भी क्यूंकि,मुझमें भी तुम ही तुम रहते हो,मेरे सीने में धड़कन कि तरह,मे...

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हम तेरे हो गये By DINESH KUMAR KEER

1. इश्क़... इश्क़ किस चिड़िया का नाम हैवो जो रातों के सपने उड़ाती हैया वो जो सुबह जगाती हैइश्क़ किस दरिया का नाम हैवो जो प्यास बुझाती है,या जिसे पीने की प्यास तड़पाती हैइश्क़ किस दर्द को...

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श्री सींवाजी By Renu

श्री सींवाजी भगवद्भक्त सद्गृहस्थ थे। आपकी सन्त सेवा में बड़ी निष्ठा थी। आपके दरवाजे पर सन्त मण्डली प्रायः आती रहती थी, इससे समाज में आपका सम्मान भी बहुत था। आपकी यह प्रतिष्ठा अनेक...

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आप मेरे हो By DINESH KUMAR KEER

1.प्रेम में मांगा नहीं जाताप्रेम में दिया जाता है प्रेम किया नही जाताप्रेम हो जाता है प्रेम में स्वार्थ नहीं होताप्रेम में निश्चल होना होता हैप्रेम को मापा नही जाता प्रेम को भक्ति...

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प्यार से हैं ज़िंदगी By DINESH KUMAR KEER

1.तुम्हें चाहा और मैने पा लिया के चांद!पर तुम्हें पाने की इक चाहत मेंखुद को ही खो दिया मैने!इसे खुद कीखुशनसीबी कहूँ मैं !या कहूँ तुम्हारी चाहत का नशा....पाकर तुम्हे खुश तो बहुत हूँ...

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Dark Forces And Dark Energy - 2 By Krishz

इसके बाद नंबर लगता है लुईस 16 और उस्की बीवी मैरी एंटोनेट का मैरी ये हीरा अपने ड्रेस में लगाकर पार्टियां वगैरा करती थी मगर फ्रांस में राजनितिक टेंशन और दोनो को राजद्रोह का दोषी पाने...

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भारतीय रेल के बारे में आप कितना जानते हैं By S Sinha

भारतीय रेल के बारे में आप कितना जानते हैं What You Know About Indian Railways  अक्सर हमलोग अपने रेलवे को कोसने से बाज नहीं आते हैं , खास कर जब यह लेट होती है  . ट्रेन लेट होने से य...

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आनन्द की विशिष्ट अवस्था - मृत्यु By Mayank Saxena Honey

आनन्द की विशिष्ट अवस्था 'मृत्यु' "मृत्यु की कल्पना भी जहाँ कष्टकारी है वहीं मृत व्यक्ति के लिए मृत्यु दीर्घकालीन आनन्द की अवस्था है। जीवितों के लिए जहाँ मृत्यु अमावस्या का स्याह अं...

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जीवन फिर से लौट आया By DINESH KUMAR KEER

1. जीवन फिर से लौट आयाखेड़ा गांँव के लोग बहुत आलसी थे । वे अपने दिन इधर - उधर घूमने, झगड़ने, सोने और शिकायत करने में बिताते थे ।एक बार गाँव में भयंकर सूखा पड़ा । फसलें सूख गयीं । क...

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मेरे मन की आवाज By DINESH KUMAR KEER

1.ले सको सात फेरे तो फिर उस मोहब्बत का तोड़ नहीं,इश्क में अगर महबूब अगर बेवफा निकल जाए तो इस रोग से बड़ा कोढ़ नहीं...2.हालात चुप कर देते है इंसान को,वरना बोलना सबको आता है...3.प्रे...

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सुहाना हम सफ़र By DINESH KUMAR KEER

1.इक सुकून सा है जो... मेरे साथ सोता है...इक बेचैनी है के मुझको... सोने नहीं देती... इक उम्र थी मेरी जो के... उसके साथ थी...इक उम्र है के खुद का... होने नहीं देती...2.लोग भूल जाएंग...

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युक्तिवाद By Ashok Gujarati

अशोक गुजराती निशीथ के पिताजी नगर के सम्मानित व्यक्ति थे. वे आरडीजी महिला महाविद्यालय की प्रबंधन समिति के वरिष्ठ सदस्य थे. उस कालेज में हिन्दी की प्राध्यापिका का पद रिक्त था. उसके ल...

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हम है राही प्यार के By DINESH KUMAR KEER

1.कुछ होश नही रहता,कुछ ध्यान नही रहता,इंसान मुहब्बत में, इंसान नही रहता...2.तुम पसंद आए ये इतेफाक था,तुम ही पसंद रह गए ये इश्क हैं...3.सुना हूं बहुत बारिश हुई है तुम्हारे शहर में ज...

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आईना जज्बातों वाला By DINESH KUMAR KEER

1.लहज़ा बदलकर कुछ नही हासिल,ज़रा किरदार पर गौर फरमाए तो कुछ बात बने..!2.चूड़ी, चुनर, सोलह श्रृंगार सारा...तेरे बगैर फिर कुछ मेरा न रहा..!3.ना शहर मेरा ना फिज़ा मेरी,बिछड़कर जीना तु...

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संग्राम By Arjit Mishra

आज की तारीख़ 10 मई 1857 को मेरठ से भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का आरम्भ हुआ| हालाँकि बहुत से इतिहासकार इसे भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम नहीं मानते| कुछ इसे सिपाही विद्रोह म...

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काश आप हमारे होते By DINESH KUMAR KEER

1.चाहतें होती है बिल्कुल औंस की बूंदों जैसी,कोमल, सुंदर, नम और मनमोहक सी ...!2.कभी बेसाख्ता हंस दूं तो समझ लेना,हद से ज्यादा उदास हूं मैं.!3.तेरे तसव्वुर में फिर बीती रात सारी,कभी...

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मेरी मुस्कान तुम से है By DINESH KUMAR KEER

1.मैं लिखना चाहती हूं एक ख़त,इन हवाओं के ज़रिए,मैं पंहुचाना चाहती हूं तुम तक,अपने एहसास,अपने जज़्बात सारे,सुनो,क्या मेरी तरह तुम्हे भी ,हर और दिखाई देता है अक्स मेरा,क्या मेरी आवाज...

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मन परिंदा By DINESH KUMAR KEER

1.यूँही बे-सबब न फिरा करो कोई शाम घर में रहा करोवो ग़ज़ल की सच्ची किताब है उसे चुपके चुपके पढ़ा करोकोई हाथ भी न मिलाएगा जो गले मिलोगे तपाक सेये नए मिज़ाज का शहर है ज़रा फ़ासले से म...

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प्यार के परिंदे By DINESH KUMAR KEER

1दिल्लगी में हो, ना जाना इतने मशगूल की सही गलत का फर्क भी जाओ भूल दिल लगाना किसी ऐसे शख्स से जिससे हर बात कह सको पूरे हक़ से अक्सर जल्दी बाजी में दिल लगा बैठते हैं लोग जहां देखी सू...

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दिल का रिश्ता By DINESH KUMAR KEER

1.उनकी मेहरबानी बेमिसाल थीजाते जाते हजारों गम दे गये हम कितने खुदगर्ज निकले मोहब्बत के सिवा उनको कुछ और न दे सके..!2.आसमान का चाँद तेरी बाँहो में हो,तू जो चाहे वो तेरी राहों में हो...

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जिन्दगी एक पहेली By DINESH KUMAR KEER

1.पूछा जो हमसे कि क्या हुआहमने कहा….“कुछ नहीं”इस ‘कुछ नहीं’ में कितना कुछ होता है नामगर उस होने को हम कहाँ बता पाते हैं शायद कुछ बताने के लिए होता ही नहींया शायद इतना कुछ होता है ब...

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रिश्ता ये तेरा मेरा By DINESH KUMAR KEER

1. मददगारएक गांँव था। उस गांँव का नाम रामपुरा था। रामपुरा गांँव के पास से बहुत घना वन था। उस वन में शेर, चीता, भालू, हिरण, लोमड़ी, बन्दर आदि बहुत से जंगली जानवर रहते थे। रामपुरा के...

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वैश्विक परिवर्तन में मीडिया की भूमिका By Sudhir Srivastava

लोकतंत्र के चौथे किंतु अत्यंत महत्वपूर्ण स्तंभ मीडिया की हर स्तर पर, हर क्षेत्र में उपस्थित लगभग अनिवार्य सी हो गई है, जिसका सकारात्मक प्रभाव भी दिखता है,तो कहीं कहीं नकारात्मक प्र...

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जिंदगी के रंग हजार - 10 By Kishanlal Sharma

प्रवृत्ति----------"राशन मिला काजयपुर गया हुआ था।वहाँ हर चीज महंगी है।सब्जी भी।हमारे यहाँ जो सब्जी सीजन में 10 या 20 रु किलो तक मिल जाती है।वो सब्जी वहा दुकान पर 40 रु किलो से कम न...

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तुम बिन जिया न जाए By DINESH KUMAR KEER

1.मरीज हो अगर दिल के तो कर लो इश्क..क्योंकि धड़कना दिलों को सिखा देता है इश्क...!!2.मुनाफा का तो पता नहीं लेकिन बेचने वालेतो यादों को भी कारोबार बना कर बेच देते है..!!3.तुम्हें अपन...

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मेरी कलम ही मेरी पहचान है By DINESH KUMAR KEER

1.मेरी बेचैनी का आलम मेरी बेचैनी से पूछो..मेरे चहरे से पूछोगे कहेगा ठीक है सब कुछ..!!2.सफलता का मुख्य आधार..सकारात्मक सोच और निरंतर प्रयास है..!!3.ये कैसा रिश्ता है तेरे और मेरे दर...

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नन्हा बच्चा By DINESH KUMAR KEER

1.एक बार एक नन्हा बच्चा दोपहर में नंगे पैर फूल बेच रहा था। लोग मोलभाव कर उससे फूल ख़रीद रहे थे। तभी अचानक एक सज्जन की नज़र उसके पैरों पर पड़ी। उसने पाया कि उस बच्चे के पैरों में जू...

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मां कब आयेगी - भाग 1 By Dr.Dixit

राधे राधे सभी को आज मैं ये कहानी एक छोटी सी नन्ही सी प्यारी लड़की के बारे में लिख रही हूं।जो अपना सब कुछ सिर्फ भगवान और समय पर छोड़ कर जीवन बिताती है।ऐसा नहीं है कि बह खुद से कुछ न...

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दिल के जज़्बात By DINESH KUMAR KEER

1."तुझे देखते ही बहक जाते है हम""कहना कुछ होता है कह कुछ जाते है हम"2.कहाँ किसी के लिए है मुमकिनसब के लिए एक-सा होनाथोड़ा-सा दिल मेरा बुरा हैथोड़ा भला है सीने में....!!3.मेरी नज़रों...

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एक किताब सी जिन्दगी मेरी By DINESH KUMAR KEER

1.एक किताब सी जिंदगी मेरी..!एक खुली किताब सी है ये जिंदगी मेरी.जिस पर कहीं खुशी के पल,तो कहीं गम लिखा है,जिस पन्ने पर फिर भी जैसा लिखा है,मैंने हर पन्ने को,उतनी ही खुबसूरती से पढ़ा...

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अनजाने एहसास By DINESH KUMAR KEER

1.नज़राना मोहब्बत काअपने महबूब को क्या दूंजो ख़ुद बेशकीमती है मेरे लियेमैं उसे तोहफ़ा क्या दूंइश्क़ की किताब परसिर्फ तुमको ही लिखा है अपनीप्यार की उस इबादत कोमैं शब्दों का आशियाना...

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जो दिल कहें By DINESH KUMAR KEER

1.अपनी उलझन को बढ़ाने की जरूरत क्या है।छोड़ना है तो बहाने की जरूरत क्या है। लग चुकी आग तो लाज़िम है धुँआ उठेगादर्द को दिल में छुपाने की जरूरत क्या हैउम्र भर रहना है ताबीर से गर दूर...

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अनकही दास्तां By DINESH KUMAR KEER

1.इश्क़ है तो इश्क़ का इज़हार होना चाहिए,आप को चेहरे से भी बीमार होना चाहिए।अपनी यादों से कहो इक दिन की छुट्टी दे मुझे, इश्क़ के हिस्से में भी इतवार होना चाहिए।2.ये ज़ुल्फ़ अगर खुल...

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लम्हें जिन्दगी के By DINESH KUMAR KEER

1.याद हम ज़्यादा और वो कम करते हैफिर भी वो कहते है कि प्यार वो ज़्यादा और हम कम करते है2.लफ्जों का भी तापमान होता हैकभी सुकून देते हैं कभी जला देते हैं3.इजाज़त लेकर जो दिल में आए उ...

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जीवन एक संघर्ष है By DINESH KUMAR KEER

1.पत्तों सी हो गई है हर रिश्तों की उम्रआज हरे कल पीले तो परसों सूखे2.जीने वालो से भी पूछो कि वो कैसे जिन्दा है मरने वाले का तो सब पूछते है कैसे मरा3.कभी सागर कभी झील तो कभी जाम रखा...

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काश कोई तो अपना होता By DINESH KUMAR KEER

1. एहसासतेरी चाहत भूल गयी है जीवन को महकाना अबमेरी भी इन तस्वीरों ने छोड़ दिया शरमाना अबजो इक बात बयां होती थी तेरी-मेरी नज़रों सेकितना मुश्किल है उसको यूँ लफ्ज़ों में समझाना अबमेर...

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अंखियों के झरोखों से By DINESH KUMAR KEER

1.शहंशाह की तरह जीते थे कुछ साल पहले हम भीएक लड़की क्या आई जिंदगी में मेरी दुनिया तबाह कर दी!!2.न जाने कौन सी मोड़ पर दगा दे जाए जिंदगीइसलिए हर दिन यारो मुस्कुराकर जिया करो!!3.ख्वा...

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कोई तुमसा नहीं By DINESH KUMAR KEER

1.इस सम्पूर्ण सृष्टि केसमस्त अनुबंधों से परेमेरे प्रेम की पराकाष्ठा सिर्फ तुम हो ,सिर्फ तुम ।लिप्त रही मैं सदा ही बेबस मर्यादा की बुझती ज्योति में,भस्म होती मेरी हर कामना,अंतर्मन क...

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कुछ अनकही ख़ामोश यादें By DINESH KUMAR KEER

1.ये क्या कह दिया तुमने..फुरसत हो तो..??मेरा हर लम्हा....बस तुम्हारा हैपढ़ा है... हर रात तुम्हे..देखा है.. सुना हैहर पल.. हर लम्हा..तुम्हे ही तो बुना हैऔर सब्र...हर एक रात कीचौखट पर...

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मुस्कान By DINESH KUMAR KEER

1.ये नरम लहजा प्यारी बातें तेरे लिए है,हम इस लहजे में सब से बात नहीं करते...2.तुमने पूछा था ना मेरे लिए कौन हो तुम,तो सुनो स्वार्थी से जीवन में निस्वार्थ प्रेम हो तुम...3.अब तो ₹20...

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कुछ अनकही बातें दिल से By DINESH KUMAR KEER

1.तेरी एक झलक पाने को तरस जाता है दिल मेरा,खुश किसमत है वो लोग जो तेरे घर के सामने रहते है...2.उसी की तरह मुझे सारा जमाना चाहे,वो मेरा होने से ज्यादा मुझे पाना चाहे...3.आहिस्ता चल...

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वक्त के साथ मेरे एहसास By DINESH KUMAR KEER

1.बगैर उसको बताए निभाना पड़ता है,ये इश्क राज है इसे छुपाना पड़ता है...2.तुमसे मिलकर ये हसरत ए मुलाकात रह गई,ऐसा लगा बादल घर आए और बरसात रह गई...3.जिंदगी में मुसाफ़िर बने रहना बहुत...

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तुम मेरे हो मेरे ही रहना By DINESH KUMAR KEER

1.रूह भी तू सुकून भी तूइबादत भी तू जन्नत भी तूखामोशी भी तू अल्फाज़ भी तूइश्क़ भी तू जिन्दगी भी तूआखरी है इल्तेजा यूं ना आज़मा मुझे...रूह को सुकून दे या खाक में मिला मुझे... लोग मुक...

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सजना साथ निभाना By DINESH KUMAR KEER

1.कौन है जिसको नज़रों में फिर छुपाने लगी हो लोग कहते है ग़ज़ल तुम भी मुस्कुराने लगी होफिर मोहब्बत का असर तुम पे आ गया शायद या देख ख़्वाब तुम कहानी कोई बनाने लगी हो2.सुना है वो कह कर गय...

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सामूहिक सेवा से व्यक्तिगत लाभप्रदता तक By Gunavathi Bendukurthi

सामूहिक सेवा से व्यक्तिगत लाभप्रदता तकः आज के आर्य समाज की लुप्त होती गौरवशाली कहानी   डॉ. गुणवती बेन्दुकुर्थी   प्रसिद्ध समाज सुधारक और क्रांतिकारी महर्षि दयानंद सरस्वती द्वारा वर...

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फूलों की ख़ुशबू By DINESH KUMAR KEER

1.मिला दिल, मिल के टूटा जा रहा हैनसीबा बन के फूटा जा रहा है..दवा-ए-दर्द-ए-दिल मिलनी थी जिससेवही अब हम से रूठा जा रहा हैअंधेरा हर तरफ़, तूफ़ान भारीऔर उनका हाथ छूटा जा रहा हैदुहाई अह...

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हम तेरे है By DINESH KUMAR KEER

1.इतना चाहती थी मुझको कि मेरे गमो का बोझ,ओ मुझे तनहा कभी ढोने नही दी।मेरे हर दर्द में मरहम बन के रही,मेरे गालो को मेरे अश्को से कभी धोने नही दी।नही दी मौका ओ कभी मुझे टूट के बिखरने...

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दिल तेरा साथ चाहे By DINESH KUMAR KEER

1.जिससे आप बेइंतहा प्यार करते हैं उसकी गर आपको आवाज भी सुनने को मिल जाए ना तो सुकून सा आ जाता है मगर जब वहीं इंसान नजरों के सामने हो तो उसे देखना, उसे छु पाना, और चूमना ये जो एहसास...

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श्री स्वभूरामदेवाचार्य By Renu

श्रीस्वभूरामदेवाचार्य जी महाराज का जन्म ब्राह्मण-कुल में हुआ था। आपके पिता का नाम श्रीकृष्णदत्त और माता का नाम श्रीराधादेवी था। श्रीकृष्णदत्त एवं राधादेवी को जब दीर्घकाल तक संतान क...

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दिल मे हो तुम By DINESH KUMAR KEER

1.हां मुझे इश्क़ है...सुनो...तुम समझोगे नहीं लेकिन,फिर भी बता दूं तुम्हे, कि हां मुझे इश्क़ है तुमसे,और खुद से भी क्यूंकि,मुझमें भी तुम ही तुम रहते हो,मेरे सीने में धड़कन कि तरह,मे...

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हम तेरे हो गये By DINESH KUMAR KEER

1. इश्क़... इश्क़ किस चिड़िया का नाम हैवो जो रातों के सपने उड़ाती हैया वो जो सुबह जगाती हैइश्क़ किस दरिया का नाम हैवो जो प्यास बुझाती है,या जिसे पीने की प्यास तड़पाती हैइश्क़ किस दर्द को...

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श्री सींवाजी By Renu

श्री सींवाजी भगवद्भक्त सद्गृहस्थ थे। आपकी सन्त सेवा में बड़ी निष्ठा थी। आपके दरवाजे पर सन्त मण्डली प्रायः आती रहती थी, इससे समाज में आपका सम्मान भी बहुत था। आपकी यह प्रतिष्ठा अनेक...

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आप मेरे हो By DINESH KUMAR KEER

1.प्रेम में मांगा नहीं जाताप्रेम में दिया जाता है प्रेम किया नही जाताप्रेम हो जाता है प्रेम में स्वार्थ नहीं होताप्रेम में निश्चल होना होता हैप्रेम को मापा नही जाता प्रेम को भक्ति...

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प्यार से हैं ज़िंदगी By DINESH KUMAR KEER

1.तुम्हें चाहा और मैने पा लिया के चांद!पर तुम्हें पाने की इक चाहत मेंखुद को ही खो दिया मैने!इसे खुद कीखुशनसीबी कहूँ मैं !या कहूँ तुम्हारी चाहत का नशा....पाकर तुम्हे खुश तो बहुत हूँ...

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Dark Forces And Dark Energy - 2 By Krishz

इसके बाद नंबर लगता है लुईस 16 और उस्की बीवी मैरी एंटोनेट का मैरी ये हीरा अपने ड्रेस में लगाकर पार्टियां वगैरा करती थी मगर फ्रांस में राजनितिक टेंशन और दोनो को राजद्रोह का दोषी पाने...

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भारतीय रेल के बारे में आप कितना जानते हैं By S Sinha

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आनन्द की विशिष्ट अवस्था - मृत्यु By Mayank Saxena Honey

आनन्द की विशिष्ट अवस्था 'मृत्यु' "मृत्यु की कल्पना भी जहाँ कष्टकारी है वहीं मृत व्यक्ति के लिए मृत्यु दीर्घकालीन आनन्द की अवस्था है। जीवितों के लिए जहाँ मृत्यु अमावस्या का स्याह अं...

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जीवन फिर से लौट आया By DINESH KUMAR KEER

1. जीवन फिर से लौट आयाखेड़ा गांँव के लोग बहुत आलसी थे । वे अपने दिन इधर - उधर घूमने, झगड़ने, सोने और शिकायत करने में बिताते थे ।एक बार गाँव में भयंकर सूखा पड़ा । फसलें सूख गयीं । क...

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मेरे मन की आवाज By DINESH KUMAR KEER

1.ले सको सात फेरे तो फिर उस मोहब्बत का तोड़ नहीं,इश्क में अगर महबूब अगर बेवफा निकल जाए तो इस रोग से बड़ा कोढ़ नहीं...2.हालात चुप कर देते है इंसान को,वरना बोलना सबको आता है...3.प्रे...

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सुहाना हम सफ़र By DINESH KUMAR KEER

1.इक सुकून सा है जो... मेरे साथ सोता है...इक बेचैनी है के मुझको... सोने नहीं देती... इक उम्र थी मेरी जो के... उसके साथ थी...इक उम्र है के खुद का... होने नहीं देती...2.लोग भूल जाएंग...

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युक्तिवाद By Ashok Gujarati

अशोक गुजराती निशीथ के पिताजी नगर के सम्मानित व्यक्ति थे. वे आरडीजी महिला महाविद्यालय की प्रबंधन समिति के वरिष्ठ सदस्य थे. उस कालेज में हिन्दी की प्राध्यापिका का पद रिक्त था. उसके ल...

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हम है राही प्यार के By DINESH KUMAR KEER

1.कुछ होश नही रहता,कुछ ध्यान नही रहता,इंसान मुहब्बत में, इंसान नही रहता...2.तुम पसंद आए ये इतेफाक था,तुम ही पसंद रह गए ये इश्क हैं...3.सुना हूं बहुत बारिश हुई है तुम्हारे शहर में ज...

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आईना जज्बातों वाला By DINESH KUMAR KEER

1.लहज़ा बदलकर कुछ नही हासिल,ज़रा किरदार पर गौर फरमाए तो कुछ बात बने..!2.चूड़ी, चुनर, सोलह श्रृंगार सारा...तेरे बगैर फिर कुछ मेरा न रहा..!3.ना शहर मेरा ना फिज़ा मेरी,बिछड़कर जीना तु...

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संग्राम By Arjit Mishra

आज की तारीख़ 10 मई 1857 को मेरठ से भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का आरम्भ हुआ| हालाँकि बहुत से इतिहासकार इसे भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम नहीं मानते| कुछ इसे सिपाही विद्रोह म...

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काश आप हमारे होते By DINESH KUMAR KEER

1.चाहतें होती है बिल्कुल औंस की बूंदों जैसी,कोमल, सुंदर, नम और मनमोहक सी ...!2.कभी बेसाख्ता हंस दूं तो समझ लेना,हद से ज्यादा उदास हूं मैं.!3.तेरे तसव्वुर में फिर बीती रात सारी,कभी...

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मेरी मुस्कान तुम से है By DINESH KUMAR KEER

1.मैं लिखना चाहती हूं एक ख़त,इन हवाओं के ज़रिए,मैं पंहुचाना चाहती हूं तुम तक,अपने एहसास,अपने जज़्बात सारे,सुनो,क्या मेरी तरह तुम्हे भी ,हर और दिखाई देता है अक्स मेरा,क्या मेरी आवाज...

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मन परिंदा By DINESH KUMAR KEER

1.यूँही बे-सबब न फिरा करो कोई शाम घर में रहा करोवो ग़ज़ल की सच्ची किताब है उसे चुपके चुपके पढ़ा करोकोई हाथ भी न मिलाएगा जो गले मिलोगे तपाक सेये नए मिज़ाज का शहर है ज़रा फ़ासले से म...

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प्यार के परिंदे By DINESH KUMAR KEER

1दिल्लगी में हो, ना जाना इतने मशगूल की सही गलत का फर्क भी जाओ भूल दिल लगाना किसी ऐसे शख्स से जिससे हर बात कह सको पूरे हक़ से अक्सर जल्दी बाजी में दिल लगा बैठते हैं लोग जहां देखी सू...

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दिल का रिश्ता By DINESH KUMAR KEER

1.उनकी मेहरबानी बेमिसाल थीजाते जाते हजारों गम दे गये हम कितने खुदगर्ज निकले मोहब्बत के सिवा उनको कुछ और न दे सके..!2.आसमान का चाँद तेरी बाँहो में हो,तू जो चाहे वो तेरी राहों में हो...

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जिन्दगी एक पहेली By DINESH KUMAR KEER

1.पूछा जो हमसे कि क्या हुआहमने कहा….“कुछ नहीं”इस ‘कुछ नहीं’ में कितना कुछ होता है नामगर उस होने को हम कहाँ बता पाते हैं शायद कुछ बताने के लिए होता ही नहींया शायद इतना कुछ होता है ब...

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रिश्ता ये तेरा मेरा By DINESH KUMAR KEER

1. मददगारएक गांँव था। उस गांँव का नाम रामपुरा था। रामपुरा गांँव के पास से बहुत घना वन था। उस वन में शेर, चीता, भालू, हिरण, लोमड़ी, बन्दर आदि बहुत से जंगली जानवर रहते थे। रामपुरा के...

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वैश्विक परिवर्तन में मीडिया की भूमिका By Sudhir Srivastava

लोकतंत्र के चौथे किंतु अत्यंत महत्वपूर्ण स्तंभ मीडिया की हर स्तर पर, हर क्षेत्र में उपस्थित लगभग अनिवार्य सी हो गई है, जिसका सकारात्मक प्रभाव भी दिखता है,तो कहीं कहीं नकारात्मक प्र...

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जिंदगी के रंग हजार - 10 By Kishanlal Sharma

प्रवृत्ति----------"राशन मिला काजयपुर गया हुआ था।वहाँ हर चीज महंगी है।सब्जी भी।हमारे यहाँ जो सब्जी सीजन में 10 या 20 रु किलो तक मिल जाती है।वो सब्जी वहा दुकान पर 40 रु किलो से कम न...

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तुम बिन जिया न जाए By DINESH KUMAR KEER

1.मरीज हो अगर दिल के तो कर लो इश्क..क्योंकि धड़कना दिलों को सिखा देता है इश्क...!!2.मुनाफा का तो पता नहीं लेकिन बेचने वालेतो यादों को भी कारोबार बना कर बेच देते है..!!3.तुम्हें अपन...

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मेरी कलम ही मेरी पहचान है By DINESH KUMAR KEER

1.मेरी बेचैनी का आलम मेरी बेचैनी से पूछो..मेरे चहरे से पूछोगे कहेगा ठीक है सब कुछ..!!2.सफलता का मुख्य आधार..सकारात्मक सोच और निरंतर प्रयास है..!!3.ये कैसा रिश्ता है तेरे और मेरे दर...

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नन्हा बच्चा By DINESH KUMAR KEER

1.एक बार एक नन्हा बच्चा दोपहर में नंगे पैर फूल बेच रहा था। लोग मोलभाव कर उससे फूल ख़रीद रहे थे। तभी अचानक एक सज्जन की नज़र उसके पैरों पर पड़ी। उसने पाया कि उस बच्चे के पैरों में जू...

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मां कब आयेगी - भाग 1 By Dr.Dixit

राधे राधे सभी को आज मैं ये कहानी एक छोटी सी नन्ही सी प्यारी लड़की के बारे में लिख रही हूं।जो अपना सब कुछ सिर्फ भगवान और समय पर छोड़ कर जीवन बिताती है।ऐसा नहीं है कि बह खुद से कुछ न...

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दिल के जज़्बात By DINESH KUMAR KEER

1."तुझे देखते ही बहक जाते है हम""कहना कुछ होता है कह कुछ जाते है हम"2.कहाँ किसी के लिए है मुमकिनसब के लिए एक-सा होनाथोड़ा-सा दिल मेरा बुरा हैथोड़ा भला है सीने में....!!3.मेरी नज़रों...

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एक किताब सी जिन्दगी मेरी By DINESH KUMAR KEER

1.एक किताब सी जिंदगी मेरी..!एक खुली किताब सी है ये जिंदगी मेरी.जिस पर कहीं खुशी के पल,तो कहीं गम लिखा है,जिस पन्ने पर फिर भी जैसा लिखा है,मैंने हर पन्ने को,उतनी ही खुबसूरती से पढ़ा...

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अनजाने एहसास By DINESH KUMAR KEER

1.नज़राना मोहब्बत काअपने महबूब को क्या दूंजो ख़ुद बेशकीमती है मेरे लियेमैं उसे तोहफ़ा क्या दूंइश्क़ की किताब परसिर्फ तुमको ही लिखा है अपनीप्यार की उस इबादत कोमैं शब्दों का आशियाना...

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जो दिल कहें By DINESH KUMAR KEER

1.अपनी उलझन को बढ़ाने की जरूरत क्या है।छोड़ना है तो बहाने की जरूरत क्या है। लग चुकी आग तो लाज़िम है धुँआ उठेगादर्द को दिल में छुपाने की जरूरत क्या हैउम्र भर रहना है ताबीर से गर दूर...

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अनकही दास्तां By DINESH KUMAR KEER

1.इश्क़ है तो इश्क़ का इज़हार होना चाहिए,आप को चेहरे से भी बीमार होना चाहिए।अपनी यादों से कहो इक दिन की छुट्टी दे मुझे, इश्क़ के हिस्से में भी इतवार होना चाहिए।2.ये ज़ुल्फ़ अगर खुल...

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लम्हें जिन्दगी के By DINESH KUMAR KEER

1.याद हम ज़्यादा और वो कम करते हैफिर भी वो कहते है कि प्यार वो ज़्यादा और हम कम करते है2.लफ्जों का भी तापमान होता हैकभी सुकून देते हैं कभी जला देते हैं3.इजाज़त लेकर जो दिल में आए उ...

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जीवन एक संघर्ष है By DINESH KUMAR KEER

1.पत्तों सी हो गई है हर रिश्तों की उम्रआज हरे कल पीले तो परसों सूखे2.जीने वालो से भी पूछो कि वो कैसे जिन्दा है मरने वाले का तो सब पूछते है कैसे मरा3.कभी सागर कभी झील तो कभी जाम रखा...

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काश कोई तो अपना होता By DINESH KUMAR KEER

1. एहसासतेरी चाहत भूल गयी है जीवन को महकाना अबमेरी भी इन तस्वीरों ने छोड़ दिया शरमाना अबजो इक बात बयां होती थी तेरी-मेरी नज़रों सेकितना मुश्किल है उसको यूँ लफ्ज़ों में समझाना अबमेर...

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अंखियों के झरोखों से By DINESH KUMAR KEER

1.शहंशाह की तरह जीते थे कुछ साल पहले हम भीएक लड़की क्या आई जिंदगी में मेरी दुनिया तबाह कर दी!!2.न जाने कौन सी मोड़ पर दगा दे जाए जिंदगीइसलिए हर दिन यारो मुस्कुराकर जिया करो!!3.ख्वा...

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कोई तुमसा नहीं By DINESH KUMAR KEER

1.इस सम्पूर्ण सृष्टि केसमस्त अनुबंधों से परेमेरे प्रेम की पराकाष्ठा सिर्फ तुम हो ,सिर्फ तुम ।लिप्त रही मैं सदा ही बेबस मर्यादा की बुझती ज्योति में,भस्म होती मेरी हर कामना,अंतर्मन क...

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कुछ अनकही ख़ामोश यादें By DINESH KUMAR KEER

1.ये क्या कह दिया तुमने..फुरसत हो तो..??मेरा हर लम्हा....बस तुम्हारा हैपढ़ा है... हर रात तुम्हे..देखा है.. सुना हैहर पल.. हर लम्हा..तुम्हे ही तो बुना हैऔर सब्र...हर एक रात कीचौखट पर...

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मुस्कान By DINESH KUMAR KEER

1.ये नरम लहजा प्यारी बातें तेरे लिए है,हम इस लहजे में सब से बात नहीं करते...2.तुमने पूछा था ना मेरे लिए कौन हो तुम,तो सुनो स्वार्थी से जीवन में निस्वार्थ प्रेम हो तुम...3.अब तो ₹20...

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कुछ अनकही बातें दिल से By DINESH KUMAR KEER

1.तेरी एक झलक पाने को तरस जाता है दिल मेरा,खुश किसमत है वो लोग जो तेरे घर के सामने रहते है...2.उसी की तरह मुझे सारा जमाना चाहे,वो मेरा होने से ज्यादा मुझे पाना चाहे...3.आहिस्ता चल...

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वक्त के साथ मेरे एहसास By DINESH KUMAR KEER

1.बगैर उसको बताए निभाना पड़ता है,ये इश्क राज है इसे छुपाना पड़ता है...2.तुमसे मिलकर ये हसरत ए मुलाकात रह गई,ऐसा लगा बादल घर आए और बरसात रह गई...3.जिंदगी में मुसाफ़िर बने रहना बहुत...

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तुम मेरे हो मेरे ही रहना By DINESH KUMAR KEER

1.रूह भी तू सुकून भी तूइबादत भी तू जन्नत भी तूखामोशी भी तू अल्फाज़ भी तूइश्क़ भी तू जिन्दगी भी तूआखरी है इल्तेजा यूं ना आज़मा मुझे...रूह को सुकून दे या खाक में मिला मुझे... लोग मुक...

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सजना साथ निभाना By DINESH KUMAR KEER

1.कौन है जिसको नज़रों में फिर छुपाने लगी हो लोग कहते है ग़ज़ल तुम भी मुस्कुराने लगी होफिर मोहब्बत का असर तुम पे आ गया शायद या देख ख़्वाब तुम कहानी कोई बनाने लगी हो2.सुना है वो कह कर गय...

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सामूहिक सेवा से व्यक्तिगत लाभप्रदता तक By Gunavathi Bendukurthi

सामूहिक सेवा से व्यक्तिगत लाभप्रदता तकः आज के आर्य समाज की लुप्त होती गौरवशाली कहानी   डॉ. गुणवती बेन्दुकुर्थी   प्रसिद्ध समाज सुधारक और क्रांतिकारी महर्षि दयानंद सरस्वती द्वारा वर...

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फूलों की ख़ुशबू By DINESH KUMAR KEER

1.मिला दिल, मिल के टूटा जा रहा हैनसीबा बन के फूटा जा रहा है..दवा-ए-दर्द-ए-दिल मिलनी थी जिससेवही अब हम से रूठा जा रहा हैअंधेरा हर तरफ़, तूफ़ान भारीऔर उनका हाथ छूटा जा रहा हैदुहाई अह...

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