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Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Anything in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cultures....Read More


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  • घोड़खिंड की लड़ाई!

    अधिकांश लोगों ने संभवतः यह नाम ही नहीं सुना होगा! कक्षा दसवीं तक पढ़ाए जाने वाले...

  • वो अजनबी हसीना

    1.आज कुछ पुराने ख़त मिले,उसमें आज भी तुम मेरे थे ...!2.मोहब्बत का कोई इरादा तो न...

खामोशी (एक अनजाना एहसास) By DINESH KUMAR KEER

1.हाए वोह वक़्त की तारी थी मोहब्बत हम पर हम भी चौंक उठते थे इक नाम से, पहले पहले हम भी सोते थे कोई याद सिरहाने रख कर हाँ मगर ! गार्दिशे ए अय्याम से, पहले पहले2.क्या तुम्हें पता है,...

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स्त्री (अनुभूति का विषय है सहानुभूति का नहीं) By DINESH KUMAR KEER

1.अगर आप मुझे मेरे नाम की वजह से प्यार करते हो तो मुझसे प्यार मत करो। नाम आज है कल बदनाम भी हो सकता है, फिर मेरे साथ अपना नाम जोड़कर आप बहुत पछताओगे।मेरे काम की वजह से अगर आप मुझसे...

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औरत - एक पहेली By DINESH KUMAR KEER

1.इक शख़्स जिस को देख के ख़ुद पर नज़र गई वो आइना बना, और मेरी क़िस्मत सँवर गई 2.ये दिल, भूलता नहीं है मोहब्बतें उसकी!पड़ी हुई थीं मुझे कितनी आदतें उस की!!ये मेरा सारा सफ़र उस की ख़...

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एक उम्मीद की किरण By DINESH KUMAR KEER

1.तेरे बिन मेरा मनजैसे बन में हिरनजैसे पगली पवनलागी तुमसे मन की लगनलगन लागी तुमसे मन की लगन2.वो खेल वो साथी वो झूले वो दौड़ के कहना आ छू लेहम आज तलक भी न भूले वो ख़्वाब सुहाना बचपन...

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बेटियां (खुशबू की तरह) By DINESH KUMAR KEER

1.मैं यह सोचकर उसके दर से उठी थीकि वह रोक लेगा मना लेगा मुझको ।हवाओं में लहराता आता था दामनकि दामन पकड़कर बिठा लेगा मुझको ।क़दम ऐसे अंदाज़ से उठ रहे थेकि आवाज़ देकर बुला लेगा मुझको...

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हम और तुम By DINESH KUMAR KEER

1.मैं न यूसुफ़ हूँ न ये शहर - ए - ज़ुलेख़ा यारोक्यों चले आए हो ले कर सर - ए - बाज़ार मुझे2.इक़रार - ए - मोहब्बत तो बड़ी बात है लेकिनइंकार - ए - मोहब्बत की अदा और ही कुछ है3.तुम मुख...

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तुम बिन जाऊं कहां By DINESH KUMAR KEER

1.किस - किस को बताएँगे जुदाई का सबब हमतू मुझ से ख़फ़ा है तो ज़माने के लिए आ2.तुम हुस्न की ख़ुद इक दुनिया हो शायद ये तुम्हें मालूम नहींमहफ़िल में तुम्हारे आने से हर चीज़ पे नूर आ जा...

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बेपनाह इश्क (दास्तान मोहब्बत की) By DINESH KUMAR KEER

1.चेहरे अजनबी हो भी जायें तो कोई बात नहीं लेकिन,रवैये अजनबी हो जाये... तो बड़ी तकलीफ देते हैं!2.नशीली आंखो से वो जब हमें देखते हैं ...! हम घबरा के अपनी आँखें झुका लेते हैं ...!!कैस...

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एहसास (बन्धन प्यार का) By DINESH KUMAR KEER

1.निभाना ही तो मुश्किल है ,चाहना तो हर किसी को आता है...2._ मंगलसूत्र लटका हो तो लड़की _ शादीशुदा_ और मुंँह लटका हो तो लड़का_ शादीशुदा 3.झुक कर सहना छोड़ दिया जुबान खींच लेंगे अगर...

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एक तस्वीर मुस्कराती हुई By DINESH KUMAR KEER

1.मुझ को अक्सर उदास करती हैएक तस्वीर मुस्कुराती हुई2.आइना देख के कहते हैं सँवरने वालेआज बे - मौत मरेंगे मिरे मरने वाले3.ज़िंदगी किस तरह बसर होगीदिल नहीं लग रहा मोहब्बत में4.मेरे सभ...

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जरा ये धुप ढ़ल जाए By DINESH KUMAR KEER

1.वो इतनी दूर रहने वाला शख्सटकराया भी तो सीधा दिल से !2.अगर वो पूछ ले हमसे, तुम्हे किस बात का गम हैतो फिर किस बात का गम है, अगर वो पूछ लें हमसे!3.जरा ये धुप ढ़ल जाए, तो हाल पूछेंगे...

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क्या तुम आओगे By DINESH KUMAR KEER

1.शामिल हूँ मैं तेरे रतजगों मेंजागूँ भी तो तेरे ख़्वाब सोचूँ2.तिरछी नज़र के वार चलेदिल वाले दिल हार चले3.बहुत अंधेरा है ऐ इश्क़, तेरे गलियों में ,हमने भी दिल जलाया फिर भी रौशनी न ह...

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तुम मेरी वो मुस्कान हो By DINESH KUMAR KEER

1.मुझको मार रही है ज़रा ज़रा करकेमेरी दुश्मन हो गई है मोहब्ब्त तुम्हारी2.इश्क़ भी बेरोजगारी में होता है साहबनौकरी लगने के बाद तो रिश्ते आते हैं।3.स्त्री एक बेहतरीन दोस्त है....!!अग...

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Failure - Real Story By Dr. Ashmi Chaudhari

जिंदगी में असफलता होनी भी जरूरी है तभी तो हम सीख पाएंगे कि जिंदगी क्या है और असफलता ना होने पर हमें कैसे पता चलेगा कि जिंदगी कैसे जी सकते हैं । आज मैं आज मैं एक ऐसी कहानी की बात कर...

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घोड़खिंड की लड़ाई! By MB (Official)

अधिकांश लोगों ने संभवतः यह नाम ही नहीं सुना होगा! कक्षा दसवीं तक पढ़ाए जाने वाले इतिहास में इस लड़ाई को स्थान नहीं दिया गया है। परन्तु, 350 वर्षों से भी पूर्व लड़ी गई इस #लड़ाई ने...

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अहसास दिलो के नादान परिंदे By DINESH KUMAR KEER

1.सुनो जानदूर रहकर करीब रहना नजाकत है मेरी...याद बनकर आँखों मे बसना शरारत हे मेरी...करीब ना होते हुए भी करीब पाओगे,क्योकि, एहसास बनकर दिल में रहना आदत हे मेरी...!2.नजरे जो झुकाओगे...

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सपने के अन्दर सपना By DINESH KUMAR KEER

1.किताबें सैकड़ों पढ़ लीं मगर ये रम्ज़ ना आयाकोई अपना बिछड़ जाये तो फिर सब्र कैसे हो2.वक़्त के साथ खुद को मजबूत बना रहा हुंज़िन्दगी में अकेले कैसे ख़ुश रहना है खुद को सीखा रहा हुँ3.मेरी आ...

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तुमको है पाना By DINESH KUMAR KEER

1.लोग अपनी अच्छाईयों का दिख़ावा करते हैंमैं खुद की कमीयों से मशहूर होना पसंद करती हूँ2.मेरा खुदा वाकिफ हैं मेरे बेदाग किरदार सेमुझे गलत बोलने वाले पहले अपना किरदार देखे3.बड़ी मुद्दत...

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सजना है मुझे सजना के लिए By DINESH KUMAR KEER

1.तू हक़ीक़त है मैं सिर्फ़ एहसास हूँ...तू समंदर... मैं अनबुझी प्यास हूँ...2.ख्यालों में तुम दिल इतना धड़काते हो,मुलाकात होगी तो मार ही डालोगे।3.जिंदगी की मुश्किलों को, 'अपनों&#...

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एहसास तेरे प्यार का By DINESH KUMAR KEER

1.जो तू बन जाए दवा इश्क़ की तो,मैं मोहब्बत में बीमार होने को तैयार हूँ...2.दोबारा इश्क़ हुआ तो तुझ से ही होगाखफा हुआ हूँ मैं लेकिनबेवफा नहीं3.तुमको चाहने की वजह कुछ भी नही...इश्क की...

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क्या यही प्यार है? By DINESH KUMAR KEER

1.कुछ चीजे एक साथ ही अच्छी लगती है जैसे आप और हम 2.मैं आई तो थी फ़ेसबुक में मोहब्बतें इश्क लेकरयहाँ तो सब जख्मों के इलाज ढूंढ रहे हैं ...!3.लोग चाहे कितने भी करीब हो किसी केमगर हर क...

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वो अजनबी हसीना By DINESH KUMAR KEER

1.आज कुछ पुराने ख़त मिले,उसमें आज भी तुम मेरे थे ...!2.मोहब्बत का कोई इरादा तो नही था ऐ - दिलनशीं, पर देखी जो तेरी अदा तो नियत ही बदल गयी ...। 3.अधूरी ख्वाहिशों का कारवां है जिंदगी...

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तुम दिल चुराने लगे हो By DINESH KUMAR KEER

1.कुछ सुनाओ के जी नही लगतागुनगुनाओ के जी नही लगता धड़कनो में ज़रा तो हलचल हो पास आओ के जी नही लगतामुझ पे हक़ है तुम्हारा जान - ए - जाँ हक़ जताओ के जी नही लगता अब ना तारों से बात बनेगी...

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हमे तुमसे मोहब्बत है By DINESH KUMAR KEER

1. हां मुझे इश्क़ है...सुनो...तुम समझोगे नहीं लेकिन,फिर भी बता दूं तुम्हे ,कि हां मुझे इश्क़ है तुमसे,और खुद से भी क्यूंकि,मुझमें भी तुम ही तुम रहते हो,मेरे सीने में धड़कन कि तरह,म...

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ओट में अस्तित्व By DINESH KUMAR KEER

1.न नींद आती है मुझे न चैन आता है मुझे न जाने कब रात से सुबह हो जाती हैबस पूरी रात अपनी दिल की बातें लिखती रहती हूँ ...2.मन लागे चाहे न लागे मन लगाना पड़ता है नींद आए या न आए लेकिन...

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टूटे रिश्ते, छूटे रिश्ते By DINESH KUMAR KEER

1.गिरते तो सभी है, मगर हारता केवल वों ही हैं,जो फिर से उठने का साहस नहीं करता हैं।2.सुनो आज तुमसे अपने दिल की बात कहती हूंइस दुनिया में सबसे ज्यादाप्यार मैं तुमसे करती हूं...!3.ख़्...

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जिन्दगी धूप तुम घना साया By DINESH KUMAR KEER

1.किस बात का रोना है किस बात पर रोते हैकस्ती के मुशाफिर ही कस्ती डुबो देते है2.रत जगे को आंखों की सुर्खियां बताती हैं किस क़दर मोहब्बत है दूरियां बताती हैं।3.उफ्फ ये सर्द हवा... ये...

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क्या आरक्षण अभी भी ज़रूरी है? By SUNIL ANJARIA

क्या आरक्षण अब भी आवश्यक है? शुरू में ही एक स्पष्टता। मैं ज्ञातिवाद में नहीं मानता। ईश्वर एक से ही शरीरों को जन्म देता है।सरखे यानि सरखे। किसीको भी कोई भी कारण से कुछ भी ज्यादा नही...

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जिन्दगी बहुत छोटी है By DINESH KUMAR KEER

1.चलो मुस्कुराने की वजह ढूंढते हैं ऐ जिन्दगीतुम हमें ढूंढो... हम तुम्हे ढूंढते हैं...!2.तुझसे इश्क़ मेरी मर्जी है,इसमें भी मेरी ही तो खुदगर्जी है...!3.हमारी शक्ल पर हैं अर्जियां कु...

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शब्दों के मोती By DINESH KUMAR KEER

1.आज धुंध बहुत है शहर में... काश! वो मुझसे टकरा जाए...!2.मेरे प्यार की चाहत में अब बह जाओ तुम,अपने दिल की हर बात आज कह जाओ तुम,एक बार तुम मेरे करीब आओ,मुझको रख लो या मुझ में ही रह...

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लम्हें जिन्दगी के By DINESH KUMAR KEER

1.हम शायर नहीं हैं जनाब,हम तो कैद हैं उन की मौहब्बत में,बस जब याद आती है उनकी,तो अल्फाजों में ढाल देते हैं।2.तुम लफ्ज़ बन कर समाये हो मुझमें,अब कागजों पे उतरे हो स्याही बन कर...!3....

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तलास सुकून की By DINESH KUMAR KEER

1.मैंने यूं ही तुम्हारा नामसुकून नहीं रख रखा हैराहत मिल जाती है मुझेजो तुमसे बात हो जाती हैनिगाह उठाकर देख लोमेरी तरफ एक नजर तुमपूरी कायनात मुझे अपनेकदमों तले नजर आती हैजाने जां इत...

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जिन्दगी खूबसूरत है By DINESH KUMAR KEER

1.सारे गिले - शिकवे भुलाकर एक बार फिर से मुस्करा दो ।क्या पता कल ये ज़िंदगी रहे न रहे ।मेरी इस ज़िंदगी को फिर से एक ख़ूबसूरत मोड़ दे दो ।क्या पता --- ।ये ज़िंदगी बहुत ही अनिश्चितता...

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रंगों से भरी ज़िन्दगी By DINESH KUMAR KEER

1. शराफ़त का चोला एक कबूतर और क़बूतरी पेड़ की डाल पर बैठे थे. उन्हें बहुत दूर से एक आदमी आता दिखाई दिया. कबूतरी के मन में कुछ शंका हुई, और उसने क़बूतर से कहा कि चलो जल्दी उड़ चलें, नहीं...

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बागों में बहार है By DINESH KUMAR KEER

1.किसी के होठों की मुस्कान बनकर देख, ए आदमी, तू भी कभी इंसान बनकर देख पहेलियां ये जिंदगी की हो जाएंगी हल,मुश्किल वक्त में तू आसान बनकर देख ये मायूस से चेहरे चाहते हैं मुस्कुराना,उद...

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तुम हो तो हम है By DINESH KUMAR KEER

1.उम्र मुझे यूँ छलती रहीउम्मीदों में ही कटती रहीसुख - दुख की राहों पर, वक्त की धारा बहती रही कभी उठती कभी गिरती, लहरों सी मचलती रहीकुछ पाने की ख्वाहिश में, पलकों में आस पलती रहीस्व...

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मिलने की राहें By DINESH KUMAR KEER

1.किस पर कितना विश्वास बता दूं,कौन आम कौन खास बता दूं चोरी और बेईमानी का पैसाआता नहीं कभी रास बता दूं पतझड़ सा लगता ये जीवन कैसे भला मधुमास बता दूं कब बढ़ जाती प्यार में दूरी होता...

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मन की बात आप के साथ By DINESH KUMAR KEER

1.औरत को आईने में यूँ उलझा दिया गया,बखान करके हुस्न का, बहला दिया गया.ना हक दिया ज़मीन का, न घर कहीं दिया,गृहस्वामिनी के नाम का, रुतबा दिया गया.छूती रही जब पाँव, परमेश्वर पति को कह...

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हम दिल में उतर जायेंगे By DINESH KUMAR KEER

1.आज कुछ जज़्बात है दिल में उनको कहने दोसबके लिए गुमनाम हूँ मुझे गुमनाम ही रहने दोसारे जग को मान के अपनाहमने हाथ बढ़ायावक्त आने पर पता चलाकौन अपना कौन पराया बे मतलब की इस दुनिया कोब...

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बिना कहे सब कुछ By DINESH KUMAR KEER

1. दो किसान - रामू और श्यामाएक गांँव में दो किसान रामू और श्यामू रहते थे। वे दोनों ही बहुत बहुत मेहनती थे। अपनी मेहनत के बल पर दोनों के खेतों में गाँव में सबसे अधिक फसल होती थी, ले...

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बूंदी बनिया By Renu

श्रीरामदासजी बूंदी नगर के निवासी थे। जाति के बनिया थे। अतः वर्ण-धर्मानुसार व्यापार करते हुए भगवद्भक्ति की साधना करते थे। अपनी पीठ पर नमक-मिर्च-गुड़ आदि की गठरी लादकर गाँवों में फेर...

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श्री हरीदास By Renu

श्रीखेमालरत्न राठौर जी के वंश में वैष्णव सुपुत्र उत्पन्न हुए। श्रीहरीदास भगवान् के एवं भगवद्भक्तों के भक्त थे। भक्ति एवं भक्तरूपी मन्दिर के कलश थे। भजन-भाव में आप सुदृढ़ निष्ठा वाल...

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हमसफर By DINESH KUMAR KEER

1. अनमोल दौलत अजी सुनते हो ..!! आज एक बात पूछूँ, आपसे ! एक 80 वर्षीय की बुजुर्ग पत्नी ने अपने 84 वर्षीय पति से कहा. बुजुर्ग पति छड़ी का सहारा लिए अपनी बुजुर्ग पत्नी के करीब आए और बो...

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जिंदगी - एक एहसास By DINESH KUMAR KEER

1. चार दिन गायब होकर देख लीजिए, लोग आपका नाम भूल जाएंगे इंसान सारी ज़िंदगी इस धोखे में रहता है, कि वह लोगों के लिए अहम है... लेकिन हक़ीक़त यह होती है, कि आपके होने ना होने से किसी...

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तुझमें कही बाकी हूं मैं By DINESH KUMAR KEER

1.सफलता भी तब फ़ीकी लगती हैंजब कोई बधाई देने वाला कोई न होऔर विफलता भी अच्छी लगती हैजब आपके साथ कोई अपना खड़ा होरिश्तें ना ही दूर रहने से टूट जाते हैंना पास रहने से जुड़ जाते हैंये तो...

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जिंदगी के रंग हजार - 11 By Kishanlal Sharma

"मैने तो बाबू से बोल दिया है।तू चाहे जो ले लेना लेकिन मेरा सेटलमेंट सही से कर देना"मेरे एक मित्र है।जो अभी कुछ महीने पहले केंट स्टेशन से गार्ड से रिटायर हुए हैं।रेल सेवा स रिटायर ह...

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श्री कीताजी By Renu

श्रीकीताजी महाराज का जन्म जंगल में आखेट करने वाली जाति में हुआ था, परंतु पूर्वजन्म के संस्कार वश आपकी चित्तवृत्ति अनिमेषरूप से भगवत्स्वरूप में लगी रहती थी। आप सर्वदा भगवान् श्रीराम...

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हम तेरे है By DINESH KUMAR KEER

1.इतना चाहती थी मुझको कि मेरे गमो का बोझ,ओ मुझे तनहा कभी ढोने नही दी।मेरे हर दर्द में मरहम बन के रही,मेरे गालो को मेरे अश्को से कभी धोने नही दी।नही दी मौका ओ कभी मुझे टूट के बिखरने...

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दिल तेरा साथ चाहे By DINESH KUMAR KEER

1.जिससे आप बेइंतहा प्यार करते हैं उसकी गर आपको आवाज भी सुनने को मिल जाए ना तो सुकून सा आ जाता है मगर जब वहीं इंसान नजरों के सामने हो तो उसे देखना, उसे छु पाना, और चूमना ये जो एहसास...

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दिल मे हो तुम By DINESH KUMAR KEER

1.हां मुझे इश्क़ है...सुनो...तुम समझोगे नहीं लेकिन,फिर भी बता दूं तुम्हे, कि हां मुझे इश्क़ है तुमसे,और खुद से भी क्यूंकि,मुझमें भी तुम ही तुम रहते हो,मेरे सीने में धड़कन कि तरह,मे...

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खामोशी (एक अनजाना एहसास) By DINESH KUMAR KEER

1.हाए वोह वक़्त की तारी थी मोहब्बत हम पर हम भी चौंक उठते थे इक नाम से, पहले पहले हम भी सोते थे कोई याद सिरहाने रख कर हाँ मगर ! गार्दिशे ए अय्याम से, पहले पहले2.क्या तुम्हें पता है,...

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स्त्री (अनुभूति का विषय है सहानुभूति का नहीं) By DINESH KUMAR KEER

1.अगर आप मुझे मेरे नाम की वजह से प्यार करते हो तो मुझसे प्यार मत करो। नाम आज है कल बदनाम भी हो सकता है, फिर मेरे साथ अपना नाम जोड़कर आप बहुत पछताओगे।मेरे काम की वजह से अगर आप मुझसे...

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औरत - एक पहेली By DINESH KUMAR KEER

1.इक शख़्स जिस को देख के ख़ुद पर नज़र गई वो आइना बना, और मेरी क़िस्मत सँवर गई 2.ये दिल, भूलता नहीं है मोहब्बतें उसकी!पड़ी हुई थीं मुझे कितनी आदतें उस की!!ये मेरा सारा सफ़र उस की ख़...

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एक उम्मीद की किरण By DINESH KUMAR KEER

1.तेरे बिन मेरा मनजैसे बन में हिरनजैसे पगली पवनलागी तुमसे मन की लगनलगन लागी तुमसे मन की लगन2.वो खेल वो साथी वो झूले वो दौड़ के कहना आ छू लेहम आज तलक भी न भूले वो ख़्वाब सुहाना बचपन...

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बेटियां (खुशबू की तरह) By DINESH KUMAR KEER

1.मैं यह सोचकर उसके दर से उठी थीकि वह रोक लेगा मना लेगा मुझको ।हवाओं में लहराता आता था दामनकि दामन पकड़कर बिठा लेगा मुझको ।क़दम ऐसे अंदाज़ से उठ रहे थेकि आवाज़ देकर बुला लेगा मुझको...

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हम और तुम By DINESH KUMAR KEER

1.मैं न यूसुफ़ हूँ न ये शहर - ए - ज़ुलेख़ा यारोक्यों चले आए हो ले कर सर - ए - बाज़ार मुझे2.इक़रार - ए - मोहब्बत तो बड़ी बात है लेकिनइंकार - ए - मोहब्बत की अदा और ही कुछ है3.तुम मुख...

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तुम बिन जाऊं कहां By DINESH KUMAR KEER

1.किस - किस को बताएँगे जुदाई का सबब हमतू मुझ से ख़फ़ा है तो ज़माने के लिए आ2.तुम हुस्न की ख़ुद इक दुनिया हो शायद ये तुम्हें मालूम नहींमहफ़िल में तुम्हारे आने से हर चीज़ पे नूर आ जा...

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बेपनाह इश्क (दास्तान मोहब्बत की) By DINESH KUMAR KEER

1.चेहरे अजनबी हो भी जायें तो कोई बात नहीं लेकिन,रवैये अजनबी हो जाये... तो बड़ी तकलीफ देते हैं!2.नशीली आंखो से वो जब हमें देखते हैं ...! हम घबरा के अपनी आँखें झुका लेते हैं ...!!कैस...

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एहसास (बन्धन प्यार का) By DINESH KUMAR KEER

1.निभाना ही तो मुश्किल है ,चाहना तो हर किसी को आता है...2._ मंगलसूत्र लटका हो तो लड़की _ शादीशुदा_ और मुंँह लटका हो तो लड़का_ शादीशुदा 3.झुक कर सहना छोड़ दिया जुबान खींच लेंगे अगर...

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एक तस्वीर मुस्कराती हुई By DINESH KUMAR KEER

1.मुझ को अक्सर उदास करती हैएक तस्वीर मुस्कुराती हुई2.आइना देख के कहते हैं सँवरने वालेआज बे - मौत मरेंगे मिरे मरने वाले3.ज़िंदगी किस तरह बसर होगीदिल नहीं लग रहा मोहब्बत में4.मेरे सभ...

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जरा ये धुप ढ़ल जाए By DINESH KUMAR KEER

1.वो इतनी दूर रहने वाला शख्सटकराया भी तो सीधा दिल से !2.अगर वो पूछ ले हमसे, तुम्हे किस बात का गम हैतो फिर किस बात का गम है, अगर वो पूछ लें हमसे!3.जरा ये धुप ढ़ल जाए, तो हाल पूछेंगे...

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क्या तुम आओगे By DINESH KUMAR KEER

1.शामिल हूँ मैं तेरे रतजगों मेंजागूँ भी तो तेरे ख़्वाब सोचूँ2.तिरछी नज़र के वार चलेदिल वाले दिल हार चले3.बहुत अंधेरा है ऐ इश्क़, तेरे गलियों में ,हमने भी दिल जलाया फिर भी रौशनी न ह...

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तुम मेरी वो मुस्कान हो By DINESH KUMAR KEER

1.मुझको मार रही है ज़रा ज़रा करकेमेरी दुश्मन हो गई है मोहब्ब्त तुम्हारी2.इश्क़ भी बेरोजगारी में होता है साहबनौकरी लगने के बाद तो रिश्ते आते हैं।3.स्त्री एक बेहतरीन दोस्त है....!!अग...

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Failure - Real Story By Dr. Ashmi Chaudhari

जिंदगी में असफलता होनी भी जरूरी है तभी तो हम सीख पाएंगे कि जिंदगी क्या है और असफलता ना होने पर हमें कैसे पता चलेगा कि जिंदगी कैसे जी सकते हैं । आज मैं आज मैं एक ऐसी कहानी की बात कर...

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घोड़खिंड की लड़ाई! By MB (Official)

अधिकांश लोगों ने संभवतः यह नाम ही नहीं सुना होगा! कक्षा दसवीं तक पढ़ाए जाने वाले इतिहास में इस लड़ाई को स्थान नहीं दिया गया है। परन्तु, 350 वर्षों से भी पूर्व लड़ी गई इस #लड़ाई ने...

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अहसास दिलो के नादान परिंदे By DINESH KUMAR KEER

1.सुनो जानदूर रहकर करीब रहना नजाकत है मेरी...याद बनकर आँखों मे बसना शरारत हे मेरी...करीब ना होते हुए भी करीब पाओगे,क्योकि, एहसास बनकर दिल में रहना आदत हे मेरी...!2.नजरे जो झुकाओगे...

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सपने के अन्दर सपना By DINESH KUMAR KEER

1.किताबें सैकड़ों पढ़ लीं मगर ये रम्ज़ ना आयाकोई अपना बिछड़ जाये तो फिर सब्र कैसे हो2.वक़्त के साथ खुद को मजबूत बना रहा हुंज़िन्दगी में अकेले कैसे ख़ुश रहना है खुद को सीखा रहा हुँ3.मेरी आ...

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तुमको है पाना By DINESH KUMAR KEER

1.लोग अपनी अच्छाईयों का दिख़ावा करते हैंमैं खुद की कमीयों से मशहूर होना पसंद करती हूँ2.मेरा खुदा वाकिफ हैं मेरे बेदाग किरदार सेमुझे गलत बोलने वाले पहले अपना किरदार देखे3.बड़ी मुद्दत...

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सजना है मुझे सजना के लिए By DINESH KUMAR KEER

1.तू हक़ीक़त है मैं सिर्फ़ एहसास हूँ...तू समंदर... मैं अनबुझी प्यास हूँ...2.ख्यालों में तुम दिल इतना धड़काते हो,मुलाकात होगी तो मार ही डालोगे।3.जिंदगी की मुश्किलों को, 'अपनों&#...

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एहसास तेरे प्यार का By DINESH KUMAR KEER

1.जो तू बन जाए दवा इश्क़ की तो,मैं मोहब्बत में बीमार होने को तैयार हूँ...2.दोबारा इश्क़ हुआ तो तुझ से ही होगाखफा हुआ हूँ मैं लेकिनबेवफा नहीं3.तुमको चाहने की वजह कुछ भी नही...इश्क की...

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क्या यही प्यार है? By DINESH KUMAR KEER

1.कुछ चीजे एक साथ ही अच्छी लगती है जैसे आप और हम 2.मैं आई तो थी फ़ेसबुक में मोहब्बतें इश्क लेकरयहाँ तो सब जख्मों के इलाज ढूंढ रहे हैं ...!3.लोग चाहे कितने भी करीब हो किसी केमगर हर क...

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वो अजनबी हसीना By DINESH KUMAR KEER

1.आज कुछ पुराने ख़त मिले,उसमें आज भी तुम मेरे थे ...!2.मोहब्बत का कोई इरादा तो नही था ऐ - दिलनशीं, पर देखी जो तेरी अदा तो नियत ही बदल गयी ...। 3.अधूरी ख्वाहिशों का कारवां है जिंदगी...

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तुम दिल चुराने लगे हो By DINESH KUMAR KEER

1.कुछ सुनाओ के जी नही लगतागुनगुनाओ के जी नही लगता धड़कनो में ज़रा तो हलचल हो पास आओ के जी नही लगतामुझ पे हक़ है तुम्हारा जान - ए - जाँ हक़ जताओ के जी नही लगता अब ना तारों से बात बनेगी...

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हमे तुमसे मोहब्बत है By DINESH KUMAR KEER

1. हां मुझे इश्क़ है...सुनो...तुम समझोगे नहीं लेकिन,फिर भी बता दूं तुम्हे ,कि हां मुझे इश्क़ है तुमसे,और खुद से भी क्यूंकि,मुझमें भी तुम ही तुम रहते हो,मेरे सीने में धड़कन कि तरह,म...

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ओट में अस्तित्व By DINESH KUMAR KEER

1.न नींद आती है मुझे न चैन आता है मुझे न जाने कब रात से सुबह हो जाती हैबस पूरी रात अपनी दिल की बातें लिखती रहती हूँ ...2.मन लागे चाहे न लागे मन लगाना पड़ता है नींद आए या न आए लेकिन...

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टूटे रिश्ते, छूटे रिश्ते By DINESH KUMAR KEER

1.गिरते तो सभी है, मगर हारता केवल वों ही हैं,जो फिर से उठने का साहस नहीं करता हैं।2.सुनो आज तुमसे अपने दिल की बात कहती हूंइस दुनिया में सबसे ज्यादाप्यार मैं तुमसे करती हूं...!3.ख़्...

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जिन्दगी धूप तुम घना साया By DINESH KUMAR KEER

1.किस बात का रोना है किस बात पर रोते हैकस्ती के मुशाफिर ही कस्ती डुबो देते है2.रत जगे को आंखों की सुर्खियां बताती हैं किस क़दर मोहब्बत है दूरियां बताती हैं।3.उफ्फ ये सर्द हवा... ये...

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क्या आरक्षण अभी भी ज़रूरी है? By SUNIL ANJARIA

क्या आरक्षण अब भी आवश्यक है? शुरू में ही एक स्पष्टता। मैं ज्ञातिवाद में नहीं मानता। ईश्वर एक से ही शरीरों को जन्म देता है।सरखे यानि सरखे। किसीको भी कोई भी कारण से कुछ भी ज्यादा नही...

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जिन्दगी बहुत छोटी है By DINESH KUMAR KEER

1.चलो मुस्कुराने की वजह ढूंढते हैं ऐ जिन्दगीतुम हमें ढूंढो... हम तुम्हे ढूंढते हैं...!2.तुझसे इश्क़ मेरी मर्जी है,इसमें भी मेरी ही तो खुदगर्जी है...!3.हमारी शक्ल पर हैं अर्जियां कु...

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शब्दों के मोती By DINESH KUMAR KEER

1.आज धुंध बहुत है शहर में... काश! वो मुझसे टकरा जाए...!2.मेरे प्यार की चाहत में अब बह जाओ तुम,अपने दिल की हर बात आज कह जाओ तुम,एक बार तुम मेरे करीब आओ,मुझको रख लो या मुझ में ही रह...

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लम्हें जिन्दगी के By DINESH KUMAR KEER

1.हम शायर नहीं हैं जनाब,हम तो कैद हैं उन की मौहब्बत में,बस जब याद आती है उनकी,तो अल्फाजों में ढाल देते हैं।2.तुम लफ्ज़ बन कर समाये हो मुझमें,अब कागजों पे उतरे हो स्याही बन कर...!3....

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तलास सुकून की By DINESH KUMAR KEER

1.मैंने यूं ही तुम्हारा नामसुकून नहीं रख रखा हैराहत मिल जाती है मुझेजो तुमसे बात हो जाती हैनिगाह उठाकर देख लोमेरी तरफ एक नजर तुमपूरी कायनात मुझे अपनेकदमों तले नजर आती हैजाने जां इत...

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जिन्दगी खूबसूरत है By DINESH KUMAR KEER

1.सारे गिले - शिकवे भुलाकर एक बार फिर से मुस्करा दो ।क्या पता कल ये ज़िंदगी रहे न रहे ।मेरी इस ज़िंदगी को फिर से एक ख़ूबसूरत मोड़ दे दो ।क्या पता --- ।ये ज़िंदगी बहुत ही अनिश्चितता...

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रंगों से भरी ज़िन्दगी By DINESH KUMAR KEER

1. शराफ़त का चोला एक कबूतर और क़बूतरी पेड़ की डाल पर बैठे थे. उन्हें बहुत दूर से एक आदमी आता दिखाई दिया. कबूतरी के मन में कुछ शंका हुई, और उसने क़बूतर से कहा कि चलो जल्दी उड़ चलें, नहीं...

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बागों में बहार है By DINESH KUMAR KEER

1.किसी के होठों की मुस्कान बनकर देख, ए आदमी, तू भी कभी इंसान बनकर देख पहेलियां ये जिंदगी की हो जाएंगी हल,मुश्किल वक्त में तू आसान बनकर देख ये मायूस से चेहरे चाहते हैं मुस्कुराना,उद...

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तुम हो तो हम है By DINESH KUMAR KEER

1.उम्र मुझे यूँ छलती रहीउम्मीदों में ही कटती रहीसुख - दुख की राहों पर, वक्त की धारा बहती रही कभी उठती कभी गिरती, लहरों सी मचलती रहीकुछ पाने की ख्वाहिश में, पलकों में आस पलती रहीस्व...

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मिलने की राहें By DINESH KUMAR KEER

1.किस पर कितना विश्वास बता दूं,कौन आम कौन खास बता दूं चोरी और बेईमानी का पैसाआता नहीं कभी रास बता दूं पतझड़ सा लगता ये जीवन कैसे भला मधुमास बता दूं कब बढ़ जाती प्यार में दूरी होता...

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मन की बात आप के साथ By DINESH KUMAR KEER

1.औरत को आईने में यूँ उलझा दिया गया,बखान करके हुस्न का, बहला दिया गया.ना हक दिया ज़मीन का, न घर कहीं दिया,गृहस्वामिनी के नाम का, रुतबा दिया गया.छूती रही जब पाँव, परमेश्वर पति को कह...

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हम दिल में उतर जायेंगे By DINESH KUMAR KEER

1.आज कुछ जज़्बात है दिल में उनको कहने दोसबके लिए गुमनाम हूँ मुझे गुमनाम ही रहने दोसारे जग को मान के अपनाहमने हाथ बढ़ायावक्त आने पर पता चलाकौन अपना कौन पराया बे मतलब की इस दुनिया कोब...

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बिना कहे सब कुछ By DINESH KUMAR KEER

1. दो किसान - रामू और श्यामाएक गांँव में दो किसान रामू और श्यामू रहते थे। वे दोनों ही बहुत बहुत मेहनती थे। अपनी मेहनत के बल पर दोनों के खेतों में गाँव में सबसे अधिक फसल होती थी, ले...

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बूंदी बनिया By Renu

श्रीरामदासजी बूंदी नगर के निवासी थे। जाति के बनिया थे। अतः वर्ण-धर्मानुसार व्यापार करते हुए भगवद्भक्ति की साधना करते थे। अपनी पीठ पर नमक-मिर्च-गुड़ आदि की गठरी लादकर गाँवों में फेर...

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श्री हरीदास By Renu

श्रीखेमालरत्न राठौर जी के वंश में वैष्णव सुपुत्र उत्पन्न हुए। श्रीहरीदास भगवान् के एवं भगवद्भक्तों के भक्त थे। भक्ति एवं भक्तरूपी मन्दिर के कलश थे। भजन-भाव में आप सुदृढ़ निष्ठा वाल...

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हमसफर By DINESH KUMAR KEER

1. अनमोल दौलत अजी सुनते हो ..!! आज एक बात पूछूँ, आपसे ! एक 80 वर्षीय की बुजुर्ग पत्नी ने अपने 84 वर्षीय पति से कहा. बुजुर्ग पति छड़ी का सहारा लिए अपनी बुजुर्ग पत्नी के करीब आए और बो...

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जिंदगी - एक एहसास By DINESH KUMAR KEER

1. चार दिन गायब होकर देख लीजिए, लोग आपका नाम भूल जाएंगे इंसान सारी ज़िंदगी इस धोखे में रहता है, कि वह लोगों के लिए अहम है... लेकिन हक़ीक़त यह होती है, कि आपके होने ना होने से किसी...

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तुझमें कही बाकी हूं मैं By DINESH KUMAR KEER

1.सफलता भी तब फ़ीकी लगती हैंजब कोई बधाई देने वाला कोई न होऔर विफलता भी अच्छी लगती हैजब आपके साथ कोई अपना खड़ा होरिश्तें ना ही दूर रहने से टूट जाते हैंना पास रहने से जुड़ जाते हैंये तो...

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जिंदगी के रंग हजार - 11 By Kishanlal Sharma

"मैने तो बाबू से बोल दिया है।तू चाहे जो ले लेना लेकिन मेरा सेटलमेंट सही से कर देना"मेरे एक मित्र है।जो अभी कुछ महीने पहले केंट स्टेशन से गार्ड से रिटायर हुए हैं।रेल सेवा स रिटायर ह...

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श्री कीताजी By Renu

श्रीकीताजी महाराज का जन्म जंगल में आखेट करने वाली जाति में हुआ था, परंतु पूर्वजन्म के संस्कार वश आपकी चित्तवृत्ति अनिमेषरूप से भगवत्स्वरूप में लगी रहती थी। आप सर्वदा भगवान् श्रीराम...

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हम तेरे है By DINESH KUMAR KEER

1.इतना चाहती थी मुझको कि मेरे गमो का बोझ,ओ मुझे तनहा कभी ढोने नही दी।मेरे हर दर्द में मरहम बन के रही,मेरे गालो को मेरे अश्को से कभी धोने नही दी।नही दी मौका ओ कभी मुझे टूट के बिखरने...

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दिल तेरा साथ चाहे By DINESH KUMAR KEER

1.जिससे आप बेइंतहा प्यार करते हैं उसकी गर आपको आवाज भी सुनने को मिल जाए ना तो सुकून सा आ जाता है मगर जब वहीं इंसान नजरों के सामने हो तो उसे देखना, उसे छु पाना, और चूमना ये जो एहसास...

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दिल मे हो तुम By DINESH KUMAR KEER

1.हां मुझे इश्क़ है...सुनो...तुम समझोगे नहीं लेकिन,फिर भी बता दूं तुम्हे, कि हां मुझे इश्क़ है तुमसे,और खुद से भी क्यूंकि,मुझमें भी तुम ही तुम रहते हो,मेरे सीने में धड़कन कि तरह,मे...

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