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Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Anything in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cultures....Read More


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लम्हें जिन्दगी के By DINESH KUMAR KEER

1.हम शायर नहीं हैं जनाब,हम तो कैद हैं उन की मौहब्बत में,बस जब याद आती है उनकी,तो अल्फाजों में ढाल देते हैं।2.तुम लफ्ज़ बन कर समाये हो मुझमें,अब कागजों पे उतरे हो स्याही बन कर...!3....

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तलास सुकून की By DINESH KUMAR KEER

1.मैंने यूं ही तुम्हारा नामसुकून नहीं रख रखा हैराहत मिल जाती है मुझेजो तुमसे बात हो जाती हैनिगाह उठाकर देख लोमेरी तरफ एक नजर तुमपूरी कायनात मुझे अपनेकदमों तले नजर आती हैजाने जां इत...

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जिन्दगी खूबसूरत है By DINESH KUMAR KEER

1.सारे गिले - शिकवे भुलाकर एक बार फिर से मुस्करा दो ।क्या पता कल ये ज़िंदगी रहे न रहे ।मेरी इस ज़िंदगी को फिर से एक ख़ूबसूरत मोड़ दे दो ।क्या पता --- ।ये ज़िंदगी बहुत ही अनिश्चितता...

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रंगों से भरी ज़िन्दगी By DINESH KUMAR KEER

1. शराफ़त का चोला एक कबूतर और क़बूतरी पेड़ की डाल पर बैठे थे. उन्हें बहुत दूर से एक आदमी आता दिखाई दिया. कबूतरी के मन में कुछ शंका हुई, और उसने क़बूतर से कहा कि चलो जल्दी उड़ चलें, नहीं...

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बागों में बहार है By DINESH KUMAR KEER

1.किसी के होठों की मुस्कान बनकर देख, ए आदमी, तू भी कभी इंसान बनकर देख पहेलियां ये जिंदगी की हो जाएंगी हल,मुश्किल वक्त में तू आसान बनकर देख ये मायूस से चेहरे चाहते हैं मुस्कुराना,उद...

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तुम हो तो हम है By DINESH KUMAR KEER

1.उम्र मुझे यूँ छलती रहीउम्मीदों में ही कटती रहीसुख - दुख की राहों पर, वक्त की धारा बहती रही कभी उठती कभी गिरती, लहरों सी मचलती रहीकुछ पाने की ख्वाहिश में, पलकों में आस पलती रहीस्व...

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मिलने की राहें By DINESH KUMAR KEER

1.किस पर कितना विश्वास बता दूं,कौन आम कौन खास बता दूं चोरी और बेईमानी का पैसाआता नहीं कभी रास बता दूं पतझड़ सा लगता ये जीवन कैसे भला मधुमास बता दूं कब बढ़ जाती प्यार में दूरी होता...

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मन की बात आप के साथ By DINESH KUMAR KEER

1.औरत को आईने में यूँ उलझा दिया गया,बखान करके हुस्न का, बहला दिया गया.ना हक दिया ज़मीन का, न घर कहीं दिया,गृहस्वामिनी के नाम का, रुतबा दिया गया.छूती रही जब पाँव, परमेश्वर पति को कह...

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हम दिल में उतर जायेंगे By DINESH KUMAR KEER

1.आज कुछ जज़्बात है दिल में उनको कहने दोसबके लिए गुमनाम हूँ मुझे गुमनाम ही रहने दोसारे जग को मान के अपनाहमने हाथ बढ़ायावक्त आने पर पता चलाकौन अपना कौन पराया बे मतलब की इस दुनिया कोब...

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बिना कहे सब कुछ By DINESH KUMAR KEER

1. दो किसान - रामू और श्यामाएक गांँव में दो किसान रामू और श्यामू रहते थे। वे दोनों ही बहुत बहुत मेहनती थे। अपनी मेहनत के बल पर दोनों के खेतों में गाँव में सबसे अधिक फसल होती थी, ले...

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बूंदी बनिया By Renu

श्रीरामदासजी बूंदी नगर के निवासी थे। जाति के बनिया थे। अतः वर्ण-धर्मानुसार व्यापार करते हुए भगवद्भक्ति की साधना करते थे। अपनी पीठ पर नमक-मिर्च-गुड़ आदि की गठरी लादकर गाँवों में फेर...

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श्री हरीदास By Renu

श्रीखेमालरत्न राठौर जी के वंश में वैष्णव सुपुत्र उत्पन्न हुए। श्रीहरीदास भगवान् के एवं भगवद्भक्तों के भक्त थे। भक्ति एवं भक्तरूपी मन्दिर के कलश थे। भजन-भाव में आप सुदृढ़ निष्ठा वाल...

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हमसफर By DINESH KUMAR KEER

1. अनमोल दौलत अजी सुनते हो ..!! आज एक बात पूछूँ, आपसे ! एक 80 वर्षीय की बुजुर्ग पत्नी ने अपने 84 वर्षीय पति से कहा. बुजुर्ग पति छड़ी का सहारा लिए अपनी बुजुर्ग पत्नी के करीब आए और बो...

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जिंदगी - एक एहसास By DINESH KUMAR KEER

1. चार दिन गायब होकर देख लीजिए, लोग आपका नाम भूल जाएंगे इंसान सारी ज़िंदगी इस धोखे में रहता है, कि वह लोगों के लिए अहम है... लेकिन हक़ीक़त यह होती है, कि आपके होने ना होने से किसी...

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तुझमें कही बाकी हूं मैं By DINESH KUMAR KEER

1.सफलता भी तब फ़ीकी लगती हैंजब कोई बधाई देने वाला कोई न होऔर विफलता भी अच्छी लगती हैजब आपके साथ कोई अपना खड़ा होरिश्तें ना ही दूर रहने से टूट जाते हैंना पास रहने से जुड़ जाते हैंये तो...

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जिंदगी के रंग हजार - 11 By Kishanlal Sharma

"मैने तो बाबू से बोल दिया है।तू चाहे जो ले लेना लेकिन मेरा सेटलमेंट सही से कर देना"मेरे एक मित्र है।जो अभी कुछ महीने पहले केंट स्टेशन से गार्ड से रिटायर हुए हैं।रेल सेवा स रिटायर ह...

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श्री कीताजी By Renu

श्रीकीताजी महाराज का जन्म जंगल में आखेट करने वाली जाति में हुआ था, परंतु पूर्वजन्म के संस्कार वश आपकी चित्तवृत्ति अनिमेषरूप से भगवत्स्वरूप में लगी रहती थी। आप सर्वदा भगवान् श्रीराम...

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हम तेरे है By DINESH KUMAR KEER

1.इतना चाहती थी मुझको कि मेरे गमो का बोझ,ओ मुझे तनहा कभी ढोने नही दी।मेरे हर दर्द में मरहम बन के रही,मेरे गालो को मेरे अश्को से कभी धोने नही दी।नही दी मौका ओ कभी मुझे टूट के बिखरने...

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दिल तेरा साथ चाहे By DINESH KUMAR KEER

1.जिससे आप बेइंतहा प्यार करते हैं उसकी गर आपको आवाज भी सुनने को मिल जाए ना तो सुकून सा आ जाता है मगर जब वहीं इंसान नजरों के सामने हो तो उसे देखना, उसे छु पाना, और चूमना ये जो एहसास...

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श्री स्वभूरामदेवाचार्य By Renu

श्रीस्वभूरामदेवाचार्य जी महाराज का जन्म ब्राह्मण-कुल में हुआ था। आपके पिता का नाम श्रीकृष्णदत्त और माता का नाम श्रीराधादेवी था। श्रीकृष्णदत्त एवं राधादेवी को जब दीर्घकाल तक संतान क...

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दिल मे हो तुम By DINESH KUMAR KEER

1.हां मुझे इश्क़ है...सुनो...तुम समझोगे नहीं लेकिन,फिर भी बता दूं तुम्हे, कि हां मुझे इश्क़ है तुमसे,और खुद से भी क्यूंकि,मुझमें भी तुम ही तुम रहते हो,मेरे सीने में धड़कन कि तरह,मे...

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हम तेरे हो गये By DINESH KUMAR KEER

1. इश्क़... इश्क़ किस चिड़िया का नाम हैवो जो रातों के सपने उड़ाती हैया वो जो सुबह जगाती हैइश्क़ किस दरिया का नाम हैवो जो प्यास बुझाती है,या जिसे पीने की प्यास तड़पाती हैइश्क़ किस दर्द को...

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श्री सींवाजी By Renu

श्री सींवाजी भगवद्भक्त सद्गृहस्थ थे। आपकी सन्त सेवा में बड़ी निष्ठा थी। आपके दरवाजे पर सन्त मण्डली प्रायः आती रहती थी, इससे समाज में आपका सम्मान भी बहुत था। आपकी यह प्रतिष्ठा अनेक...

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आप मेरे हो By DINESH KUMAR KEER

1.प्रेम में मांगा नहीं जाताप्रेम में दिया जाता है प्रेम किया नही जाताप्रेम हो जाता है प्रेम में स्वार्थ नहीं होताप्रेम में निश्चल होना होता हैप्रेम को मापा नही जाता प्रेम को भक्ति...

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प्यार से हैं ज़िंदगी By DINESH KUMAR KEER

1.तुम्हें चाहा और मैने पा लिया के चांद!पर तुम्हें पाने की इक चाहत मेंखुद को ही खो दिया मैने!इसे खुद कीखुशनसीबी कहूँ मैं !या कहूँ तुम्हारी चाहत का नशा....पाकर तुम्हे खुश तो बहुत हूँ...

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Dark Forces And Dark Energy - 2 By Krishz

इसके बाद नंबर लगता है लुईस 16 और उस्की बीवी मैरी एंटोनेट का मैरी ये हीरा अपने ड्रेस में लगाकर पार्टियां वगैरा करती थी मगर फ्रांस में राजनितिक टेंशन और दोनो को राजद्रोह का दोषी पाने...

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भारतीय रेल के बारे में आप कितना जानते हैं By S Sinha

भारतीय रेल के बारे में आप कितना जानते हैं What You Know About Indian Railways  अक्सर हमलोग अपने रेलवे को कोसने से बाज नहीं आते हैं , खास कर जब यह लेट होती है  . ट्रेन लेट होने से य...

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आनन्द की विशिष्ट अवस्था - मृत्यु By Mayank Saxena Honey

आनन्द की विशिष्ट अवस्था 'मृत्यु' "मृत्यु की कल्पना भी जहाँ कष्टकारी है वहीं मृत व्यक्ति के लिए मृत्यु दीर्घकालीन आनन्द की अवस्था है। जीवितों के लिए जहाँ मृत्यु अमावस्या का स्याह अं...

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जीवन फिर से लौट आया By DINESH KUMAR KEER

1. जीवन फिर से लौट आयाखेड़ा गांँव के लोग बहुत आलसी थे । वे अपने दिन इधर - उधर घूमने, झगड़ने, सोने और शिकायत करने में बिताते थे ।एक बार गाँव में भयंकर सूखा पड़ा । फसलें सूख गयीं । क...

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मेरे मन की आवाज By DINESH KUMAR KEER

1.ले सको सात फेरे तो फिर उस मोहब्बत का तोड़ नहीं,इश्क में अगर महबूब अगर बेवफा निकल जाए तो इस रोग से बड़ा कोढ़ नहीं...2.हालात चुप कर देते है इंसान को,वरना बोलना सबको आता है...3.प्रे...

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सुहाना हम सफ़र By DINESH KUMAR KEER

1.इक सुकून सा है जो... मेरे साथ सोता है...इक बेचैनी है के मुझको... सोने नहीं देती... इक उम्र थी मेरी जो के... उसके साथ थी...इक उम्र है के खुद का... होने नहीं देती...2.लोग भूल जाएंग...

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युक्तिवाद By Ashok Gujarati

अशोक गुजराती निशीथ के पिताजी नगर के सम्मानित व्यक्ति थे. वे आरडीजी महिला महाविद्यालय की प्रबंधन समिति के वरिष्ठ सदस्य थे. उस कालेज में हिन्दी की प्राध्यापिका का पद रिक्त था. उसके ल...

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हम है राही प्यार के By DINESH KUMAR KEER

1.कुछ होश नही रहता,कुछ ध्यान नही रहता,इंसान मुहब्बत में, इंसान नही रहता...2.तुम पसंद आए ये इतेफाक था,तुम ही पसंद रह गए ये इश्क हैं...3.सुना हूं बहुत बारिश हुई है तुम्हारे शहर में ज...

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आईना जज्बातों वाला By DINESH KUMAR KEER

1.लहज़ा बदलकर कुछ नही हासिल,ज़रा किरदार पर गौर फरमाए तो कुछ बात बने..!2.चूड़ी, चुनर, सोलह श्रृंगार सारा...तेरे बगैर फिर कुछ मेरा न रहा..!3.ना शहर मेरा ना फिज़ा मेरी,बिछड़कर जीना तु...

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संग्राम By Arjit Mishra

आज की तारीख़ 10 मई 1857 को मेरठ से भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का आरम्भ हुआ| हालाँकि बहुत से इतिहासकार इसे भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम नहीं मानते| कुछ इसे सिपाही विद्रोह म...

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काश आप हमारे होते By DINESH KUMAR KEER

1.चाहतें होती है बिल्कुल औंस की बूंदों जैसी,कोमल, सुंदर, नम और मनमोहक सी ...!2.कभी बेसाख्ता हंस दूं तो समझ लेना,हद से ज्यादा उदास हूं मैं.!3.तेरे तसव्वुर में फिर बीती रात सारी,कभी...

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मेरी मुस्कान तुम से है By DINESH KUMAR KEER

1.मैं लिखना चाहती हूं एक ख़त,इन हवाओं के ज़रिए,मैं पंहुचाना चाहती हूं तुम तक,अपने एहसास,अपने जज़्बात सारे,सुनो,क्या मेरी तरह तुम्हे भी ,हर और दिखाई देता है अक्स मेरा,क्या मेरी आवाज...

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मन परिंदा By DINESH KUMAR KEER

1.यूँही बे-सबब न फिरा करो कोई शाम घर में रहा करोवो ग़ज़ल की सच्ची किताब है उसे चुपके चुपके पढ़ा करोकोई हाथ भी न मिलाएगा जो गले मिलोगे तपाक सेये नए मिज़ाज का शहर है ज़रा फ़ासले से म...

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प्यार के परिंदे By DINESH KUMAR KEER

1दिल्लगी में हो, ना जाना इतने मशगूल की सही गलत का फर्क भी जाओ भूल दिल लगाना किसी ऐसे शख्स से जिससे हर बात कह सको पूरे हक़ से अक्सर जल्दी बाजी में दिल लगा बैठते हैं लोग जहां देखी सू...

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दिल का रिश्ता By DINESH KUMAR KEER

1.उनकी मेहरबानी बेमिसाल थीजाते जाते हजारों गम दे गये हम कितने खुदगर्ज निकले मोहब्बत के सिवा उनको कुछ और न दे सके..!2.आसमान का चाँद तेरी बाँहो में हो,तू जो चाहे वो तेरी राहों में हो...

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जिन्दगी एक पहेली By DINESH KUMAR KEER

1.पूछा जो हमसे कि क्या हुआहमने कहा….“कुछ नहीं”इस ‘कुछ नहीं’ में कितना कुछ होता है नामगर उस होने को हम कहाँ बता पाते हैं शायद कुछ बताने के लिए होता ही नहींया शायद इतना कुछ होता है ब...

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वैश्विक परिवर्तन में मीडिया की भूमिका By Sudhir Srivastava

लोकतंत्र के चौथे किंतु अत्यंत महत्वपूर्ण स्तंभ मीडिया की हर स्तर पर, हर क्षेत्र में उपस्थित लगभग अनिवार्य सी हो गई है, जिसका सकारात्मक प्रभाव भी दिखता है,तो कहीं कहीं नकारात्मक प्र...

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रिश्ता ये तेरा मेरा By DINESH KUMAR KEER

1. मददगारएक गांँव था। उस गांँव का नाम रामपुरा था। रामपुरा गांँव के पास से बहुत घना वन था। उस वन में शेर, चीता, भालू, हिरण, लोमड़ी, बन्दर आदि बहुत से जंगली जानवर रहते थे। रामपुरा के...

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तुम बिन जिया न जाए By DINESH KUMAR KEER

1.मरीज हो अगर दिल के तो कर लो इश्क..क्योंकि धड़कना दिलों को सिखा देता है इश्क...!!2.मुनाफा का तो पता नहीं लेकिन बेचने वालेतो यादों को भी कारोबार बना कर बेच देते है..!!3.तुम्हें अपन...

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मेरी कलम ही मेरी पहचान है By DINESH KUMAR KEER

1.मेरी बेचैनी का आलम मेरी बेचैनी से पूछो..मेरे चहरे से पूछोगे कहेगा ठीक है सब कुछ..!!2.सफलता का मुख्य आधार..सकारात्मक सोच और निरंतर प्रयास है..!!3.ये कैसा रिश्ता है तेरे और मेरे दर...

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नन्हा बच्चा By DINESH KUMAR KEER

1.एक बार एक नन्हा बच्चा दोपहर में नंगे पैर फूल बेच रहा था। लोग मोलभाव कर उससे फूल ख़रीद रहे थे। तभी अचानक एक सज्जन की नज़र उसके पैरों पर पड़ी। उसने पाया कि उस बच्चे के पैरों में जू...

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मां कब आयेगी - भाग 1 By Dr.Dixit

राधे राधे सभी को आज मैं ये कहानी एक छोटी सी नन्ही सी प्यारी लड़की के बारे में लिख रही हूं।जो अपना सब कुछ सिर्फ भगवान और समय पर छोड़ कर जीवन बिताती है।ऐसा नहीं है कि बह खुद से कुछ न...

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दिल के जज़्बात By DINESH KUMAR KEER

1."तुझे देखते ही बहक जाते है हम""कहना कुछ होता है कह कुछ जाते है हम"2.कहाँ किसी के लिए है मुमकिनसब के लिए एक-सा होनाथोड़ा-सा दिल मेरा बुरा हैथोड़ा भला है सीने में....!!3.मेरी नज़रों...

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एक किताब सी जिन्दगी मेरी By DINESH KUMAR KEER

1.एक किताब सी जिंदगी मेरी..!एक खुली किताब सी है ये जिंदगी मेरी.जिस पर कहीं खुशी के पल,तो कहीं गम लिखा है,जिस पन्ने पर फिर भी जैसा लिखा है,मैंने हर पन्ने को,उतनी ही खुबसूरती से पढ़ा...

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लम्हें जिन्दगी के By DINESH KUMAR KEER

1.हम शायर नहीं हैं जनाब,हम तो कैद हैं उन की मौहब्बत में,बस जब याद आती है उनकी,तो अल्फाजों में ढाल देते हैं।2.तुम लफ्ज़ बन कर समाये हो मुझमें,अब कागजों पे उतरे हो स्याही बन कर...!3....

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तलास सुकून की By DINESH KUMAR KEER

1.मैंने यूं ही तुम्हारा नामसुकून नहीं रख रखा हैराहत मिल जाती है मुझेजो तुमसे बात हो जाती हैनिगाह उठाकर देख लोमेरी तरफ एक नजर तुमपूरी कायनात मुझे अपनेकदमों तले नजर आती हैजाने जां इत...

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जिन्दगी खूबसूरत है By DINESH KUMAR KEER

1.सारे गिले - शिकवे भुलाकर एक बार फिर से मुस्करा दो ।क्या पता कल ये ज़िंदगी रहे न रहे ।मेरी इस ज़िंदगी को फिर से एक ख़ूबसूरत मोड़ दे दो ।क्या पता --- ।ये ज़िंदगी बहुत ही अनिश्चितता...

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रंगों से भरी ज़िन्दगी By DINESH KUMAR KEER

1. शराफ़त का चोला एक कबूतर और क़बूतरी पेड़ की डाल पर बैठे थे. उन्हें बहुत दूर से एक आदमी आता दिखाई दिया. कबूतरी के मन में कुछ शंका हुई, और उसने क़बूतर से कहा कि चलो जल्दी उड़ चलें, नहीं...

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बागों में बहार है By DINESH KUMAR KEER

1.किसी के होठों की मुस्कान बनकर देख, ए आदमी, तू भी कभी इंसान बनकर देख पहेलियां ये जिंदगी की हो जाएंगी हल,मुश्किल वक्त में तू आसान बनकर देख ये मायूस से चेहरे चाहते हैं मुस्कुराना,उद...

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तुम हो तो हम है By DINESH KUMAR KEER

1.उम्र मुझे यूँ छलती रहीउम्मीदों में ही कटती रहीसुख - दुख की राहों पर, वक्त की धारा बहती रही कभी उठती कभी गिरती, लहरों सी मचलती रहीकुछ पाने की ख्वाहिश में, पलकों में आस पलती रहीस्व...

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मिलने की राहें By DINESH KUMAR KEER

1.किस पर कितना विश्वास बता दूं,कौन आम कौन खास बता दूं चोरी और बेईमानी का पैसाआता नहीं कभी रास बता दूं पतझड़ सा लगता ये जीवन कैसे भला मधुमास बता दूं कब बढ़ जाती प्यार में दूरी होता...

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मन की बात आप के साथ By DINESH KUMAR KEER

1.औरत को आईने में यूँ उलझा दिया गया,बखान करके हुस्न का, बहला दिया गया.ना हक दिया ज़मीन का, न घर कहीं दिया,गृहस्वामिनी के नाम का, रुतबा दिया गया.छूती रही जब पाँव, परमेश्वर पति को कह...

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हम दिल में उतर जायेंगे By DINESH KUMAR KEER

1.आज कुछ जज़्बात है दिल में उनको कहने दोसबके लिए गुमनाम हूँ मुझे गुमनाम ही रहने दोसारे जग को मान के अपनाहमने हाथ बढ़ायावक्त आने पर पता चलाकौन अपना कौन पराया बे मतलब की इस दुनिया कोब...

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बिना कहे सब कुछ By DINESH KUMAR KEER

1. दो किसान - रामू और श्यामाएक गांँव में दो किसान रामू और श्यामू रहते थे। वे दोनों ही बहुत बहुत मेहनती थे। अपनी मेहनत के बल पर दोनों के खेतों में गाँव में सबसे अधिक फसल होती थी, ले...

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बूंदी बनिया By Renu

श्रीरामदासजी बूंदी नगर के निवासी थे। जाति के बनिया थे। अतः वर्ण-धर्मानुसार व्यापार करते हुए भगवद्भक्ति की साधना करते थे। अपनी पीठ पर नमक-मिर्च-गुड़ आदि की गठरी लादकर गाँवों में फेर...

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श्री हरीदास By Renu

श्रीखेमालरत्न राठौर जी के वंश में वैष्णव सुपुत्र उत्पन्न हुए। श्रीहरीदास भगवान् के एवं भगवद्भक्तों के भक्त थे। भक्ति एवं भक्तरूपी मन्दिर के कलश थे। भजन-भाव में आप सुदृढ़ निष्ठा वाल...

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हमसफर By DINESH KUMAR KEER

1. अनमोल दौलत अजी सुनते हो ..!! आज एक बात पूछूँ, आपसे ! एक 80 वर्षीय की बुजुर्ग पत्नी ने अपने 84 वर्षीय पति से कहा. बुजुर्ग पति छड़ी का सहारा लिए अपनी बुजुर्ग पत्नी के करीब आए और बो...

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जिंदगी - एक एहसास By DINESH KUMAR KEER

1. चार दिन गायब होकर देख लीजिए, लोग आपका नाम भूल जाएंगे इंसान सारी ज़िंदगी इस धोखे में रहता है, कि वह लोगों के लिए अहम है... लेकिन हक़ीक़त यह होती है, कि आपके होने ना होने से किसी...

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तुझमें कही बाकी हूं मैं By DINESH KUMAR KEER

1.सफलता भी तब फ़ीकी लगती हैंजब कोई बधाई देने वाला कोई न होऔर विफलता भी अच्छी लगती हैजब आपके साथ कोई अपना खड़ा होरिश्तें ना ही दूर रहने से टूट जाते हैंना पास रहने से जुड़ जाते हैंये तो...

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जिंदगी के रंग हजार - 11 By Kishanlal Sharma

"मैने तो बाबू से बोल दिया है।तू चाहे जो ले लेना लेकिन मेरा सेटलमेंट सही से कर देना"मेरे एक मित्र है।जो अभी कुछ महीने पहले केंट स्टेशन से गार्ड से रिटायर हुए हैं।रेल सेवा स रिटायर ह...

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श्री कीताजी By Renu

श्रीकीताजी महाराज का जन्म जंगल में आखेट करने वाली जाति में हुआ था, परंतु पूर्वजन्म के संस्कार वश आपकी चित्तवृत्ति अनिमेषरूप से भगवत्स्वरूप में लगी रहती थी। आप सर्वदा भगवान् श्रीराम...

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हम तेरे है By DINESH KUMAR KEER

1.इतना चाहती थी मुझको कि मेरे गमो का बोझ,ओ मुझे तनहा कभी ढोने नही दी।मेरे हर दर्द में मरहम बन के रही,मेरे गालो को मेरे अश्को से कभी धोने नही दी।नही दी मौका ओ कभी मुझे टूट के बिखरने...

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दिल तेरा साथ चाहे By DINESH KUMAR KEER

1.जिससे आप बेइंतहा प्यार करते हैं उसकी गर आपको आवाज भी सुनने को मिल जाए ना तो सुकून सा आ जाता है मगर जब वहीं इंसान नजरों के सामने हो तो उसे देखना, उसे छु पाना, और चूमना ये जो एहसास...

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श्री स्वभूरामदेवाचार्य By Renu

श्रीस्वभूरामदेवाचार्य जी महाराज का जन्म ब्राह्मण-कुल में हुआ था। आपके पिता का नाम श्रीकृष्णदत्त और माता का नाम श्रीराधादेवी था। श्रीकृष्णदत्त एवं राधादेवी को जब दीर्घकाल तक संतान क...

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दिल मे हो तुम By DINESH KUMAR KEER

1.हां मुझे इश्क़ है...सुनो...तुम समझोगे नहीं लेकिन,फिर भी बता दूं तुम्हे, कि हां मुझे इश्क़ है तुमसे,और खुद से भी क्यूंकि,मुझमें भी तुम ही तुम रहते हो,मेरे सीने में धड़कन कि तरह,मे...

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हम तेरे हो गये By DINESH KUMAR KEER

1. इश्क़... इश्क़ किस चिड़िया का नाम हैवो जो रातों के सपने उड़ाती हैया वो जो सुबह जगाती हैइश्क़ किस दरिया का नाम हैवो जो प्यास बुझाती है,या जिसे पीने की प्यास तड़पाती हैइश्क़ किस दर्द को...

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श्री सींवाजी By Renu

श्री सींवाजी भगवद्भक्त सद्गृहस्थ थे। आपकी सन्त सेवा में बड़ी निष्ठा थी। आपके दरवाजे पर सन्त मण्डली प्रायः आती रहती थी, इससे समाज में आपका सम्मान भी बहुत था। आपकी यह प्रतिष्ठा अनेक...

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आप मेरे हो By DINESH KUMAR KEER

1.प्रेम में मांगा नहीं जाताप्रेम में दिया जाता है प्रेम किया नही जाताप्रेम हो जाता है प्रेम में स्वार्थ नहीं होताप्रेम में निश्चल होना होता हैप्रेम को मापा नही जाता प्रेम को भक्ति...

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प्यार से हैं ज़िंदगी By DINESH KUMAR KEER

1.तुम्हें चाहा और मैने पा लिया के चांद!पर तुम्हें पाने की इक चाहत मेंखुद को ही खो दिया मैने!इसे खुद कीखुशनसीबी कहूँ मैं !या कहूँ तुम्हारी चाहत का नशा....पाकर तुम्हे खुश तो बहुत हूँ...

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Dark Forces And Dark Energy - 2 By Krishz

इसके बाद नंबर लगता है लुईस 16 और उस्की बीवी मैरी एंटोनेट का मैरी ये हीरा अपने ड्रेस में लगाकर पार्टियां वगैरा करती थी मगर फ्रांस में राजनितिक टेंशन और दोनो को राजद्रोह का दोषी पाने...

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भारतीय रेल के बारे में आप कितना जानते हैं By S Sinha

भारतीय रेल के बारे में आप कितना जानते हैं What You Know About Indian Railways  अक्सर हमलोग अपने रेलवे को कोसने से बाज नहीं आते हैं , खास कर जब यह लेट होती है  . ट्रेन लेट होने से य...

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आनन्द की विशिष्ट अवस्था - मृत्यु By Mayank Saxena Honey

आनन्द की विशिष्ट अवस्था 'मृत्यु' "मृत्यु की कल्पना भी जहाँ कष्टकारी है वहीं मृत व्यक्ति के लिए मृत्यु दीर्घकालीन आनन्द की अवस्था है। जीवितों के लिए जहाँ मृत्यु अमावस्या का स्याह अं...

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जीवन फिर से लौट आया By DINESH KUMAR KEER

1. जीवन फिर से लौट आयाखेड़ा गांँव के लोग बहुत आलसी थे । वे अपने दिन इधर - उधर घूमने, झगड़ने, सोने और शिकायत करने में बिताते थे ।एक बार गाँव में भयंकर सूखा पड़ा । फसलें सूख गयीं । क...

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मेरे मन की आवाज By DINESH KUMAR KEER

1.ले सको सात फेरे तो फिर उस मोहब्बत का तोड़ नहीं,इश्क में अगर महबूब अगर बेवफा निकल जाए तो इस रोग से बड़ा कोढ़ नहीं...2.हालात चुप कर देते है इंसान को,वरना बोलना सबको आता है...3.प्रे...

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सुहाना हम सफ़र By DINESH KUMAR KEER

1.इक सुकून सा है जो... मेरे साथ सोता है...इक बेचैनी है के मुझको... सोने नहीं देती... इक उम्र थी मेरी जो के... उसके साथ थी...इक उम्र है के खुद का... होने नहीं देती...2.लोग भूल जाएंग...

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युक्तिवाद By Ashok Gujarati

अशोक गुजराती निशीथ के पिताजी नगर के सम्मानित व्यक्ति थे. वे आरडीजी महिला महाविद्यालय की प्रबंधन समिति के वरिष्ठ सदस्य थे. उस कालेज में हिन्दी की प्राध्यापिका का पद रिक्त था. उसके ल...

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हम है राही प्यार के By DINESH KUMAR KEER

1.कुछ होश नही रहता,कुछ ध्यान नही रहता,इंसान मुहब्बत में, इंसान नही रहता...2.तुम पसंद आए ये इतेफाक था,तुम ही पसंद रह गए ये इश्क हैं...3.सुना हूं बहुत बारिश हुई है तुम्हारे शहर में ज...

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आईना जज्बातों वाला By DINESH KUMAR KEER

1.लहज़ा बदलकर कुछ नही हासिल,ज़रा किरदार पर गौर फरमाए तो कुछ बात बने..!2.चूड़ी, चुनर, सोलह श्रृंगार सारा...तेरे बगैर फिर कुछ मेरा न रहा..!3.ना शहर मेरा ना फिज़ा मेरी,बिछड़कर जीना तु...

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संग्राम By Arjit Mishra

आज की तारीख़ 10 मई 1857 को मेरठ से भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का आरम्भ हुआ| हालाँकि बहुत से इतिहासकार इसे भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम नहीं मानते| कुछ इसे सिपाही विद्रोह म...

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काश आप हमारे होते By DINESH KUMAR KEER

1.चाहतें होती है बिल्कुल औंस की बूंदों जैसी,कोमल, सुंदर, नम और मनमोहक सी ...!2.कभी बेसाख्ता हंस दूं तो समझ लेना,हद से ज्यादा उदास हूं मैं.!3.तेरे तसव्वुर में फिर बीती रात सारी,कभी...

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मेरी मुस्कान तुम से है By DINESH KUMAR KEER

1.मैं लिखना चाहती हूं एक ख़त,इन हवाओं के ज़रिए,मैं पंहुचाना चाहती हूं तुम तक,अपने एहसास,अपने जज़्बात सारे,सुनो,क्या मेरी तरह तुम्हे भी ,हर और दिखाई देता है अक्स मेरा,क्या मेरी आवाज...

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मन परिंदा By DINESH KUMAR KEER

1.यूँही बे-सबब न फिरा करो कोई शाम घर में रहा करोवो ग़ज़ल की सच्ची किताब है उसे चुपके चुपके पढ़ा करोकोई हाथ भी न मिलाएगा जो गले मिलोगे तपाक सेये नए मिज़ाज का शहर है ज़रा फ़ासले से म...

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प्यार के परिंदे By DINESH KUMAR KEER

1दिल्लगी में हो, ना जाना इतने मशगूल की सही गलत का फर्क भी जाओ भूल दिल लगाना किसी ऐसे शख्स से जिससे हर बात कह सको पूरे हक़ से अक्सर जल्दी बाजी में दिल लगा बैठते हैं लोग जहां देखी सू...

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दिल का रिश्ता By DINESH KUMAR KEER

1.उनकी मेहरबानी बेमिसाल थीजाते जाते हजारों गम दे गये हम कितने खुदगर्ज निकले मोहब्बत के सिवा उनको कुछ और न दे सके..!2.आसमान का चाँद तेरी बाँहो में हो,तू जो चाहे वो तेरी राहों में हो...

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जिन्दगी एक पहेली By DINESH KUMAR KEER

1.पूछा जो हमसे कि क्या हुआहमने कहा….“कुछ नहीं”इस ‘कुछ नहीं’ में कितना कुछ होता है नामगर उस होने को हम कहाँ बता पाते हैं शायद कुछ बताने के लिए होता ही नहींया शायद इतना कुछ होता है ब...

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वैश्विक परिवर्तन में मीडिया की भूमिका By Sudhir Srivastava

लोकतंत्र के चौथे किंतु अत्यंत महत्वपूर्ण स्तंभ मीडिया की हर स्तर पर, हर क्षेत्र में उपस्थित लगभग अनिवार्य सी हो गई है, जिसका सकारात्मक प्रभाव भी दिखता है,तो कहीं कहीं नकारात्मक प्र...

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रिश्ता ये तेरा मेरा By DINESH KUMAR KEER

1. मददगारएक गांँव था। उस गांँव का नाम रामपुरा था। रामपुरा गांँव के पास से बहुत घना वन था। उस वन में शेर, चीता, भालू, हिरण, लोमड़ी, बन्दर आदि बहुत से जंगली जानवर रहते थे। रामपुरा के...

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तुम बिन जिया न जाए By DINESH KUMAR KEER

1.मरीज हो अगर दिल के तो कर लो इश्क..क्योंकि धड़कना दिलों को सिखा देता है इश्क...!!2.मुनाफा का तो पता नहीं लेकिन बेचने वालेतो यादों को भी कारोबार बना कर बेच देते है..!!3.तुम्हें अपन...

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मेरी कलम ही मेरी पहचान है By DINESH KUMAR KEER

1.मेरी बेचैनी का आलम मेरी बेचैनी से पूछो..मेरे चहरे से पूछोगे कहेगा ठीक है सब कुछ..!!2.सफलता का मुख्य आधार..सकारात्मक सोच और निरंतर प्रयास है..!!3.ये कैसा रिश्ता है तेरे और मेरे दर...

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नन्हा बच्चा By DINESH KUMAR KEER

1.एक बार एक नन्हा बच्चा दोपहर में नंगे पैर फूल बेच रहा था। लोग मोलभाव कर उससे फूल ख़रीद रहे थे। तभी अचानक एक सज्जन की नज़र उसके पैरों पर पड़ी। उसने पाया कि उस बच्चे के पैरों में जू...

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मां कब आयेगी - भाग 1 By Dr.Dixit

राधे राधे सभी को आज मैं ये कहानी एक छोटी सी नन्ही सी प्यारी लड़की के बारे में लिख रही हूं।जो अपना सब कुछ सिर्फ भगवान और समय पर छोड़ कर जीवन बिताती है।ऐसा नहीं है कि बह खुद से कुछ न...

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दिल के जज़्बात By DINESH KUMAR KEER

1."तुझे देखते ही बहक जाते है हम""कहना कुछ होता है कह कुछ जाते है हम"2.कहाँ किसी के लिए है मुमकिनसब के लिए एक-सा होनाथोड़ा-सा दिल मेरा बुरा हैथोड़ा भला है सीने में....!!3.मेरी नज़रों...

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एक किताब सी जिन्दगी मेरी By DINESH KUMAR KEER

1.एक किताब सी जिंदगी मेरी..!एक खुली किताब सी है ये जिंदगी मेरी.जिस पर कहीं खुशी के पल,तो कहीं गम लिखा है,जिस पन्ने पर फिर भी जैसा लिखा है,मैंने हर पन्ने को,उतनी ही खुबसूरती से पढ़ा...

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