hindi Best Adventure Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Adventure Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and...Read More


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  • अन देखी दुनिया - 8

    अन देखी दुनिया - 8 अजय बगीचे में खड़ा सोच रहा था कि नजरबट्टू को कैसे हराए इतने म...

  • एक रहस्यमयी लड़का

    अचानक पता नहीं क्या हुआ रेलगाड़ी को ,इतना याद नहीं मुझे, मैं तो बस अपने काम से...

  • इज्जत के रहबर

    इज्जत के रहबर सारा कस्बा सन्न रह गया । पुलिस के जासूस लगातार तलाश रहे थे कि यह...

रहस्यमयी टापू--भाग (२) By Saroj Verma

रहस्यमयी टापू---भाग(२) मानिक ने चित्रलेखा से पूछा, आखिर ऐसा क्या राज है ?और वो लोग कौन थे,?कोई भटकती रूहें या कोई अंजानी ताकतें,जो इंसानों को देखकर इस क़दर वार करती है,कौन सी सच्चा...

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राजपुरा के जंगल ...रहस्य या कोई साजिश? - (भाग 2) By Apoorva Singh

अकीरा की बात सुन कर मान के चेहरे पर परेशानी के भाव आ जाते हैं लेकिन वो उन्हे छिपा लेता है और कहता है "क्या तुम पागल हो गयी हो? भला डेट पर कोई ऐसी जगह भी जाता है।अरे लोग तो किसी अच्...

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पृथ्वी के केंद्र तक का सफर - 4 By Abhilekh Dwivedi

चैप्टर 4 हमारे सफर की शुरुआत। "देखो, पूरा द्वीप ज्वालामुखियों से बना है।" प्रोफ़ेसर ने कहा, "और ध्यान दो, सभी के नाम 'जोकल' से जुड़े हैं। ये एक आइसलैंडिक शब्द है जिसका मतलब ह...

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अन देखी दुनिया - 8 By Vaibhav Surolia

अन देखी दुनिया - 8 अजय बगीचे में खड़ा सोच रहा था कि नजरबट्टू को कैसे हराए इतने में उसके सामने एक बूढ़े चाचा मैं उन बूढ़े चाचा ने अजय से कहा.....तुम यही सोच रहे हो ना कि नजरबट्टू को...

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एक रहस्यमयी लड़का By Saroj Verma

अचानक पता नहीं क्या हुआ रेलगाड़ी को ,इतना याद नहीं मुझे, मैं तो बस अपने काम से एक छोटे कस्बे जा रहा था, मेरी कम्पनी ने मुझे उस कस्बे से पन्द्रह किलोमीटर दूर भेजा था क्योंकि मेरी क...

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आखिर वह कौन था? By रवि प्रकाश सिंह रमण

उस घटना को बीते 25 साल हो गए फिर भी लगता है जैसे कल की हीं बात हो। बहुत हीं अजीब सा वाकया हुआ उस दिन मेरे साथ।अजीब इसलिए कि उस घटना का मेरे जीवन पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ा।ना डर...

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इज्जत के रहबर By padma sharma

इज्जत के रहबर सारा कस्बा सन्न रह गया । पुलिस के जासूस लगातार तलाश रहे थे कि यह वारदात किसने की ? लेकिन कहीं से कोई सूत्र नहीं मिल रहा था। बल्लू भी चकित था। जाने क्यों वह खो जाता...

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जलसमाधि By padma sharma

जलसमाधि पद्मा शर्मा बोलेरो जीप शहर की फोरलेन सपाट सड़कों को पीछे छोड़ती हुई तहसील की उथली सड़कों पर थिरकने लगी थी। कभी किसी बड़े गड्ढे में पहिया आ जाता तो जीप जोर से हिच...

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पानी वाले जादूगर - विलास राव सालुंके By राज बोहरे

पानी वाले सरपंच - विलास राव सालुंके उस इलाके में हरियाली का नामोनिशान न था। दूर दूर तक कोई पेड़ नहीं बचे थे। जहांतक नजरें फेंको वहां तक काले काले पह...

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मुख़बिर - मुहिम By राजनारायण बोहरे

मुहिम सिर पर टीकाटीक दोपहरी, लेकिन पुलिस वालों की तरफ से ऐसे कोई संकेत नहीं, कि भोजन-पानी की कोई व्यवस्था जल्दी ही करने वाले हों। भूख के मा...

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मुस्कुराहट की मौत..... - 5 By Rohiniba Raahi

कुँवर अपना बलिदान दे कर अपने गाँव को उस शैतान विमलराय से बचाना चाहती है। पर उसके पिताजी भूपतदेव इस बात से हिचकिचाते है। " ये क्या कर रही हो बेटा..? " - भूपतदेव कुँवर से पूछते...

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सितारा By Anurodh Srivastava

कहते हैं उसका जन्म सितारों के बीच कहीं हुआ था , नाम था सितारा । रंग शनि ग्रह की तरह नीला आँखें दहकते अंगारों सी , चेहरे पर सूर्य के समान तेज और इरादे ध्रुव तारे जैसे अटल । शरीर पृथ...

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क्यों बे बुड्ढे .. By Alok Mishra

‘क्यों बे बुड्ढे ... ’ मैसेज था । उसने अपने ऑफिस के कम्प्यूटर में देखा । उसने हमेशा की ही तरह उसे अनदेखा किया । वो अपने ऑफिस में कम्प्यूटर से हट कर दूसरे कामों को निपटा...

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गोलियाँ By Alok Mishra

दो देशों के बीच कई वर्षों से युद्ध चल रहा था । दोनों ही देश तबाही की कगार पर थे । विश्व समुदाय दो भागों में बंटा था । सभी देशों के अपने - अपने हित थे । हथियार बेचने वाले...

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किस्मत By Saroj Prajapati

हरिया जैसे ही अपने पिता को अस्पताल से दवाई दिला कर शाम को घर लौटा, तभी पड़ोस के मनु ने आकर उसे आवाज लगाई। "क्यों एक सास में चिल्लाए जा रहा है क्या आफत आ गयी!" हरिया बोला। "आफत क्या...

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पता, एक खोये हुए खज़ाने का - 23 अंतिम भाग By harshad solanki

मौत उनके बदन पर अपना वहशी पंजा पसारने लगी. उन्हें ऐसा लगने लगा जैसे यह गुफा ही उनकी जिंदगी का अंतिम ठिकाना हो. मृत्यु उनकी आंखों के सामने दिखाई देने लगी. वे आखरी बार अपने अपने इश्व...

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अनजाने लक्ष्य की यात्रा पे - भाग 30 - अंतिम भाग By Mirza Hafiz Baig

इस कथा के लम्बे सफर में आपने पढ़ा- उल्कानगर के एक बड़े व्यापारी की मुलाकात एक खजाना खोजने वाले एक बूढ़े से होती है, जिसके पास एक कुत्ता है। वह बूढ़ा बताता है, कि यह कुत्ता सूंघकर गड़ा ह...

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रजनीगंधा By Dr Sonika Sharma

रोज कॉलेज से आने-जाने का यही रास्ता है पिछले कई वर्षों से इसी एक रास्ते से कॉलेज आती-जाती हूँ आज घर आते समय हवा के तेज झोंके के साथ रजनीगंधा फूलों की सुगंध मेरी साँसों में आयी और र...

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मांझी - 1 By Rajesh Kumar

एक सीधा साधा होनहार युवा कल्पनाओं के पंख लगाकर जिंदगी की यात्रा में बढ़ रहा था। वक्त बिता माहौल बदला कल्पनाएं अपने अस्तित्व को खोने लगीं। वास्तविक चीजें धीरे धीरे उसकी जिंदगी का हिस...

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चुनाव By padma sharma

इलेक्शन आज सभी को अपने -अपने इलेक्शन बूथ का नम्बर पता लगाना था। कल टीम का नम्बर पता लग गया था और परस्पर परिचय भी हो गया था । राघव अपनी चुनाव टीम के साथ एक ओर खड़ा था। वह अपनी टीम...

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लालटेन पर झूमते परिन्दे By राजनारायण बोहरे

पक्षियों की आत्महत्या का रहस्य पक्षियों की अज्ञात आत्महत्या:जतिंगा राजनारायण बोहरे: लगभग एक सौ वर्ष पहले की सच्ची कहानी है यह !आसाम के घने जंगलों में निवास करने वाले जेमिनागा कबील...

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कुकुर By padma sharma

कुकुर किसी युद्ध का मैदान है! ... टैंक ही टैंक दिख रहे हैं। दोनों तरफ सेना अपने-अपने मोर्चे लिये हैं। बमबारी जारी है...

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लोको पायलेट By Rekha Pancholi

लोको पायलेट लेखिका -रेखा पंचोली "अरे बहु ! जरा चाय तो दे जा बड़ी देर से इंतजार कर रही हूँ |"कमरे से माँ की आवाज आई | लो अब ये भी उठ गईं...और उठते ही चाय...

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रहस्यमयी टापू--भाग (२) By Saroj Verma

रहस्यमयी टापू---भाग(२) मानिक ने चित्रलेखा से पूछा, आखिर ऐसा क्या राज है ?और वो लोग कौन थे,?कोई भटकती रूहें या कोई अंजानी ताकतें,जो इंसानों को देखकर इस क़दर वार करती है,कौन सी सच्चा...

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राजपुरा के जंगल ...रहस्य या कोई साजिश? - (भाग 2) By Apoorva Singh

अकीरा की बात सुन कर मान के चेहरे पर परेशानी के भाव आ जाते हैं लेकिन वो उन्हे छिपा लेता है और कहता है "क्या तुम पागल हो गयी हो? भला डेट पर कोई ऐसी जगह भी जाता है।अरे लोग तो किसी अच्...

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पृथ्वी के केंद्र तक का सफर - 4 By Abhilekh Dwivedi

चैप्टर 4 हमारे सफर की शुरुआत। "देखो, पूरा द्वीप ज्वालामुखियों से बना है।" प्रोफ़ेसर ने कहा, "और ध्यान दो, सभी के नाम 'जोकल' से जुड़े हैं। ये एक आइसलैंडिक शब्द है जिसका मतलब ह...

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अन देखी दुनिया - 8 By Vaibhav Surolia

अन देखी दुनिया - 8 अजय बगीचे में खड़ा सोच रहा था कि नजरबट्टू को कैसे हराए इतने में उसके सामने एक बूढ़े चाचा मैं उन बूढ़े चाचा ने अजय से कहा.....तुम यही सोच रहे हो ना कि नजरबट्टू को...

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एक रहस्यमयी लड़का By Saroj Verma

अचानक पता नहीं क्या हुआ रेलगाड़ी को ,इतना याद नहीं मुझे, मैं तो बस अपने काम से एक छोटे कस्बे जा रहा था, मेरी कम्पनी ने मुझे उस कस्बे से पन्द्रह किलोमीटर दूर भेजा था क्योंकि मेरी क...

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आखिर वह कौन था? By रवि प्रकाश सिंह रमण

उस घटना को बीते 25 साल हो गए फिर भी लगता है जैसे कल की हीं बात हो। बहुत हीं अजीब सा वाकया हुआ उस दिन मेरे साथ।अजीब इसलिए कि उस घटना का मेरे जीवन पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ा।ना डर...

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इज्जत के रहबर By padma sharma

इज्जत के रहबर सारा कस्बा सन्न रह गया । पुलिस के जासूस लगातार तलाश रहे थे कि यह वारदात किसने की ? लेकिन कहीं से कोई सूत्र नहीं मिल रहा था। बल्लू भी चकित था। जाने क्यों वह खो जाता...

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जलसमाधि By padma sharma

जलसमाधि पद्मा शर्मा बोलेरो जीप शहर की फोरलेन सपाट सड़कों को पीछे छोड़ती हुई तहसील की उथली सड़कों पर थिरकने लगी थी। कभी किसी बड़े गड्ढे में पहिया आ जाता तो जीप जोर से हिच...

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पानी वाले जादूगर - विलास राव सालुंके By राज बोहरे

पानी वाले सरपंच - विलास राव सालुंके उस इलाके में हरियाली का नामोनिशान न था। दूर दूर तक कोई पेड़ नहीं बचे थे। जहांतक नजरें फेंको वहां तक काले काले पह...

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मुख़बिर - मुहिम By राजनारायण बोहरे

मुहिम सिर पर टीकाटीक दोपहरी, लेकिन पुलिस वालों की तरफ से ऐसे कोई संकेत नहीं, कि भोजन-पानी की कोई व्यवस्था जल्दी ही करने वाले हों। भूख के मा...

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मुस्कुराहट की मौत..... - 5 By Rohiniba Raahi

कुँवर अपना बलिदान दे कर अपने गाँव को उस शैतान विमलराय से बचाना चाहती है। पर उसके पिताजी भूपतदेव इस बात से हिचकिचाते है। " ये क्या कर रही हो बेटा..? " - भूपतदेव कुँवर से पूछते...

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सितारा By Anurodh Srivastava

कहते हैं उसका जन्म सितारों के बीच कहीं हुआ था , नाम था सितारा । रंग शनि ग्रह की तरह नीला आँखें दहकते अंगारों सी , चेहरे पर सूर्य के समान तेज और इरादे ध्रुव तारे जैसे अटल । शरीर पृथ...

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क्यों बे बुड्ढे .. By Alok Mishra

‘क्यों बे बुड्ढे ... ’ मैसेज था । उसने अपने ऑफिस के कम्प्यूटर में देखा । उसने हमेशा की ही तरह उसे अनदेखा किया । वो अपने ऑफिस में कम्प्यूटर से हट कर दूसरे कामों को निपटा...

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गोलियाँ By Alok Mishra

दो देशों के बीच कई वर्षों से युद्ध चल रहा था । दोनों ही देश तबाही की कगार पर थे । विश्व समुदाय दो भागों में बंटा था । सभी देशों के अपने - अपने हित थे । हथियार बेचने वाले...

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किस्मत By Saroj Prajapati

हरिया जैसे ही अपने पिता को अस्पताल से दवाई दिला कर शाम को घर लौटा, तभी पड़ोस के मनु ने आकर उसे आवाज लगाई। "क्यों एक सास में चिल्लाए जा रहा है क्या आफत आ गयी!" हरिया बोला। "आफत क्या...

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पता, एक खोये हुए खज़ाने का - 23 अंतिम भाग By harshad solanki

मौत उनके बदन पर अपना वहशी पंजा पसारने लगी. उन्हें ऐसा लगने लगा जैसे यह गुफा ही उनकी जिंदगी का अंतिम ठिकाना हो. मृत्यु उनकी आंखों के सामने दिखाई देने लगी. वे आखरी बार अपने अपने इश्व...

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अनजाने लक्ष्य की यात्रा पे - भाग 30 - अंतिम भाग By Mirza Hafiz Baig

इस कथा के लम्बे सफर में आपने पढ़ा- उल्कानगर के एक बड़े व्यापारी की मुलाकात एक खजाना खोजने वाले एक बूढ़े से होती है, जिसके पास एक कुत्ता है। वह बूढ़ा बताता है, कि यह कुत्ता सूंघकर गड़ा ह...

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रजनीगंधा By Dr Sonika Sharma

रोज कॉलेज से आने-जाने का यही रास्ता है पिछले कई वर्षों से इसी एक रास्ते से कॉलेज आती-जाती हूँ आज घर आते समय हवा के तेज झोंके के साथ रजनीगंधा फूलों की सुगंध मेरी साँसों में आयी और र...

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मांझी - 1 By Rajesh Kumar

एक सीधा साधा होनहार युवा कल्पनाओं के पंख लगाकर जिंदगी की यात्रा में बढ़ रहा था। वक्त बिता माहौल बदला कल्पनाएं अपने अस्तित्व को खोने लगीं। वास्तविक चीजें धीरे धीरे उसकी जिंदगी का हिस...

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चुनाव By padma sharma

इलेक्शन आज सभी को अपने -अपने इलेक्शन बूथ का नम्बर पता लगाना था। कल टीम का नम्बर पता लग गया था और परस्पर परिचय भी हो गया था । राघव अपनी चुनाव टीम के साथ एक ओर खड़ा था। वह अपनी टीम...

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लालटेन पर झूमते परिन्दे By राजनारायण बोहरे

पक्षियों की आत्महत्या का रहस्य पक्षियों की अज्ञात आत्महत्या:जतिंगा राजनारायण बोहरे: लगभग एक सौ वर्ष पहले की सच्ची कहानी है यह !आसाम के घने जंगलों में निवास करने वाले जेमिनागा कबील...

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कुकुर By padma sharma

कुकुर किसी युद्ध का मैदान है! ... टैंक ही टैंक दिख रहे हैं। दोनों तरफ सेना अपने-अपने मोर्चे लिये हैं। बमबारी जारी है...

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लोको पायलेट By Rekha Pancholi

लोको पायलेट लेखिका -रेखा पंचोली "अरे बहु ! जरा चाय तो दे जा बड़ी देर से इंतजार कर रही हूँ |"कमरे से माँ की आवाज आई | लो अब ये भी उठ गईं...और उठते ही चाय...

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