Best Fiction Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Fiction Stories in All books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • वंश - भाग 3

    तीन उधर ट्रेन ने खिसककर प्लेटफार्म छोड़ा, इधर सीट पर पैर फैलाकर सुष्मिताजी ने टिफ...

  • बड़ी माँ - भाग 2

    2 शाम को देर से सोने के कारण अगली सुबह साहब जरा थोड़ी देर से उठे, इसलिए उन्होंने...

  • પીછાસ્ત્ર - ધ સ્ટોરી ઓફ વિરપરી - 2

    સ્વર્ગમાં પરીએ ખુશ રહેતા લોકોને જોયા. ત્યાં, જેને જ્યાં ફરવું હોય તે ફરી શકતા. ક...

उन्हीं रास्तों से गुज़रते हुए - भाग 15 By Neerja Hemendra

भाग 15 राजेश्वर धीर-गम्भीर रहता तथा उसकी कही गयी किसी भी बात को आदेश मानकर उसका पालन करने को सदैव तत्पर रहता। कभी भी ऐसा न हुआ कि उसने राजेश्वर से कुछ कहा हो और किसी भी परिस्थिति म...

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रिबर्थ ऑफ़ डेविल - 4 By Sanju

अब तक पढ़ा.....यामिनी - हो रही है मिना जाकर बुलाकर लाओ. आगे आप सब पढ़े......मिना केयर टेकर है जो बहुत सालो से काम करती थी {याँ कह लीजिये घर का सदस्य का अहम हिस्सा है।तोड़ी देर बाद.......

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वंश - भाग 3 By Prabodh Kumar Govil

तीन उधर ट्रेन ने खिसककर प्लेटफार्म छोड़ा, इधर सीट पर पैर फैलाकर सुष्मिताजी ने टिफिन खोला। फिर न जाने क्या सोचकर उसे बन्द करके साथ वाली टोकरी में वापस रख दिया और टोकरी में ऊपर ही ऊपर...

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बड़ी माँ - भाग 2 By Kishore Sharma Saraswat

2 शाम को देर से सोने के कारण अगली सुबह साहब जरा थोड़ी देर से उठे, इसलिए उन्होंने चाय के लिए रामू काका को नहीं बोला। नहाने-धोने से निवृत हुए तो आठ बज चुके थे। रामू काका सुबह से आदेश...

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પીછાસ્ત્ર - ધ સ્ટોરી ઓફ વિરપરી - 2 By Harshika Suthar Harshi True Living

સ્વર્ગમાં પરીએ ખુશ રહેતા લોકોને જોયા. ત્યાં, જેને જ્યાં ફરવું હોય તે ફરી શકતા. કેટલાક અહિયાં પણ ભગવાનની ભક્તિ કરતા હતા, તો કેટલાક અપ્સરાઓ, ગંધર્વો અને નર્તકોને નિહાળી રહ્યા હતા. આ...

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साँसत में काँटे - भाग 1 By Pradeep Shrivastava

भाग -1 प्रदीप श्रीवास्तव उसकी आँखों में भर आए आँसू उसके गालों पर गिरने ही वाले थे। आँसुओं से भरी उसकी आँखों में भीड़ और उनके हाथों में लहराते तिरंगे के अक्स दिखाई दे रहे थे। ज़ीरो ड...

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फागुन के मौसम - भाग 26 By शिखा श्रीवास्तव

जब राघव और जानकी की कार लुंबिनी की सीमा के पास पहुँचने को हुई तब जानकी ने अचानक गाड़ी रोक दी। राघव जिसकी हल्की-हल्की आँख लग चुकी थी, उसने हड़बड़ाते हुए कहा, "हम पहुँच गये क्या?" "न...

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વિષ રમત - 25 By Mrugesh desai

વાચક મિત્રો , CHALLANGE ..!!!CHALLANGE ..!!!CHALLANGE ..!!!માતૃ ભરતી પર એક નવીન શરૂઆત આજે વિષ રમત નો ૨૫ મો ભાગ આપણી સમક્ષ મૂકી રહ્યો છું ..આ વાત નો આનંદ છે ..એક શ્રીમંત કુટુંબ ની ખ...

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प्यार हुआ चुपके से - भाग 25 By Kavita Verma

शक्ति, अरूण के पास आकर बोला- अंकल मैं जानता हूं कि मैं गौरी की चाहत कभी नही रहा और शायद उसके दिल में वो जगह भी कभी ना बना सकूं, जो शिव की थी पर अंकल एक सच ये भी है कि शिव ने कभी उस...

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द्वारावती - 31 By Vrajesh Shashikant Dave

31 आनेवाले नए प्रभात की सुगंध वहां व्याप्त थी। गुल तथा केशव प्रतिदिन की भांति तट पर थे, समुद्र की जलराशि को देख रहे थे। जल राशि के उस पार महादेव थे जो आमंत्रित कर रहे थे। दोनों ने...

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नक़ल या अक्ल - 18 By Swati

18 वो तुम थे!!!   उन्होंने उसे भी पेपर देने की अनुमति  दे दीं। वह जल्दी से अपनी व्हील चेयर खिसकाता हुआ,  अंदर जाने लगा। राजवीर और रघु ने उसे देखा तो उन्हें भी थोड़ी हैरानी हुई,  मगर...

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फ़ाइनल डिसीज़न - भाग 1 By Pradeep Shrivastava

भाग -1 प्रदीप श्रीवास्तव आज वह फिर नस्लवादी कॉमेंट की बर्छियों से घायल होकर घर लौटी है। वह रास्ते भर कार ड्राइव करती हुई सोचती रही कि आख़िर ऐसे कॅरियर पैसे का क्या फ़ायदा जो सम्मान स...

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स्वयंवधू - 7 By Sayant

आज मेरे साथ दो घटना हुई। पहली, वृषा की मदद करने उनके कमरे में, उनके कपड़े निकालने पहली बार गयी,"ये क्या? क्या ये अंधेरे के बेटे है?", वृषा के पास सिर्फ शतरंज के पासे जैसे क...

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Wings Of Friendship - Part 10 By Tapan Oza

Wings of Friendship - Part-10 (To better synchronize with this story's flow, I recommend read previous Nine parts of the story)   Realizing the immense life-saving potential of his...

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મન ની લાઈફ સ્ટોરી - 2 By Story cafe

પ્રકરણ 2 : હકલું અને ઢગલું મિલન ગાર્ડન માં મેક્સ ને દોડતી જોઈને મનને પણ ત્યાં સવાર સવાર માં દોડવા જવાનું અને મેક્સ સાથે વાતો કરવાનું મન થયું. પણ શું કરે, આદત સે મજબૂર, જ્યારે એ લાલ...

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फादर्स डे - 76 By Praful Shah

लेखक: प्रफुल शाह खण्ड 76 रविवार 17/05/2015 सूर्यकान्त ने अब लहू के पैरों का हिस्सा और मृतदेह के पैरों का हिस्सा ठीक से देखा। लैपटॉप की स्क्रीन पर दोनों फोटो को बार-बार ज़ूम करके दे...

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दादा जी के साथ घर आयी चुड़ैल By Tarun Sachan

आज जो मै आपको किस्सा सुनाने जा रहा हु वो मेरे दादाजी के साथ हुआ था | दिसम्बर के कड़ी ठंड का समय था घना कोहरा छाया था | दादाजी शहर में क्लर्क थे उस दिन सारे लोग जल्दी कार्यालय का सार...

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शोहरत का घमंड - 86 By shama parveen

आर्यन की कॉल देख कर आलिया को बहुत ही गुस्सा आता है मगर वो मजबूरी में उसकी कॉल लेती हैं।तब आर्यन बोलता है, "सारी तैयारी हो गई है ना तुम्हारी कल के लिए"।तब आलिया गुस्से में बोलती है,...

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ચોરોનો ખજાનો - 66 By Kamejaliya Dipak

તેઓ પહોંચી ગયા સિરતનું જહાજ પેલા પોર્ટલમાંથી પસાર થઈ રહ્યું હતું. અંધકાર તેઓને દરેક દિશાએથી ઘેરી વળ્યો હતો. અચાનક જહાજની ગતિ વધી. એવું લાગ્યું કે કોઈ બહારની તાકાત જહાજને નીચે તરફ ખ...

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Intro of Shaithan - Chandrahasa By Saipavan Kasojwala

Pakistan Army commander Syed Wasim who is a ruthless demon starts hunting for the Chandrahasa.What is chandrahasa? Why everyone is searching for it? To know read chandrahasa - the...

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WEDDING.CO.IN-6 By Harshika Suthar Harshi True Living

**આવતાં જોયેલાં સપના ચૂર ચૂર થઈ ગયા. રોહિત તો હજુ બોલતો જ જતો હતો. અને સિયા ટેબલ પરથી ઊભી થવાની કોશિશ કરવા લાગી પણ આ વખતે રોહિતે તેનો હાથ પકડી લીધો. "સિયા, સોરી યાર, કંઈ તો બોલ."**...

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पुष्कर By Ankur Saxena Maddy

वर्ष 1999…. भारत के बेंगलुरु शहर में जून माह के अन्तिम सप्ताह की सुनहरी शाम का समय हो चला था| पुष्कर और आर्या, जो बचपन के मित्र थे, बेंगलुरु के एक बोर्डिंग स्कूल में आठवीं कक्षा से...

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આશાનું કિરણ - ભાગ 10 By Dr Bharti Koria

દિવ્યા બચી જાય છે. દિવ્યાને જે ઘટના થઈ એની સિરિયસનેસ સમજાતી ન હતી. પરંતુ દિવ્યાને ફાળ પડી ગયો હતો કે પોતે ટ્રેન નીચે આવી જાત. ફાટક ગાર્ડ અને બીજા બે લોકોએ એને બચાવી અને રોડ તરફ ધકે...

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એક હતી કાનન... - 30 By RAHUL VORA

એક હતી કાનન... - રાહુલ વોરા (પ્રકરણ - 30)કાનને પણ લાગણીનો સ્વીકાર કરી સાસરે પુનરાગમન કર્યું.આજકાલ કરતાં પાંત્રીસ વર્ષનો ગાળો પસાર થઈ ગયો હતો.મનન નિવૃત્ત થઈ ગયો હતો.કાનન અને મનન જીવ...

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उन्हीं रास्तों से गुज़रते हुए - भाग 15 By Neerja Hemendra

भाग 15 राजेश्वर धीर-गम्भीर रहता तथा उसकी कही गयी किसी भी बात को आदेश मानकर उसका पालन करने को सदैव तत्पर रहता। कभी भी ऐसा न हुआ कि उसने राजेश्वर से कुछ कहा हो और किसी भी परिस्थिति म...

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रिबर्थ ऑफ़ डेविल - 4 By Sanju

अब तक पढ़ा.....यामिनी - हो रही है मिना जाकर बुलाकर लाओ. आगे आप सब पढ़े......मिना केयर टेकर है जो बहुत सालो से काम करती थी {याँ कह लीजिये घर का सदस्य का अहम हिस्सा है।तोड़ी देर बाद.......

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वंश - भाग 3 By Prabodh Kumar Govil

तीन उधर ट्रेन ने खिसककर प्लेटफार्म छोड़ा, इधर सीट पर पैर फैलाकर सुष्मिताजी ने टिफिन खोला। फिर न जाने क्या सोचकर उसे बन्द करके साथ वाली टोकरी में वापस रख दिया और टोकरी में ऊपर ही ऊपर...

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बड़ी माँ - भाग 2 By Kishore Sharma Saraswat

2 शाम को देर से सोने के कारण अगली सुबह साहब जरा थोड़ी देर से उठे, इसलिए उन्होंने चाय के लिए रामू काका को नहीं बोला। नहाने-धोने से निवृत हुए तो आठ बज चुके थे। रामू काका सुबह से आदेश...

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પીછાસ્ત્ર - ધ સ્ટોરી ઓફ વિરપરી - 2 By Harshika Suthar Harshi True Living

સ્વર્ગમાં પરીએ ખુશ રહેતા લોકોને જોયા. ત્યાં, જેને જ્યાં ફરવું હોય તે ફરી શકતા. કેટલાક અહિયાં પણ ભગવાનની ભક્તિ કરતા હતા, તો કેટલાક અપ્સરાઓ, ગંધર્વો અને નર્તકોને નિહાળી રહ્યા હતા. આ...

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साँसत में काँटे - भाग 1 By Pradeep Shrivastava

भाग -1 प्रदीप श्रीवास्तव उसकी आँखों में भर आए आँसू उसके गालों पर गिरने ही वाले थे। आँसुओं से भरी उसकी आँखों में भीड़ और उनके हाथों में लहराते तिरंगे के अक्स दिखाई दे रहे थे। ज़ीरो ड...

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फागुन के मौसम - भाग 26 By शिखा श्रीवास्तव

जब राघव और जानकी की कार लुंबिनी की सीमा के पास पहुँचने को हुई तब जानकी ने अचानक गाड़ी रोक दी। राघव जिसकी हल्की-हल्की आँख लग चुकी थी, उसने हड़बड़ाते हुए कहा, "हम पहुँच गये क्या?" "न...

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વિષ રમત - 25 By Mrugesh desai

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प्यार हुआ चुपके से - भाग 25 By Kavita Verma

शक्ति, अरूण के पास आकर बोला- अंकल मैं जानता हूं कि मैं गौरी की चाहत कभी नही रहा और शायद उसके दिल में वो जगह भी कभी ना बना सकूं, जो शिव की थी पर अंकल एक सच ये भी है कि शिव ने कभी उस...

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द्वारावती - 31 By Vrajesh Shashikant Dave

31 आनेवाले नए प्रभात की सुगंध वहां व्याप्त थी। गुल तथा केशव प्रतिदिन की भांति तट पर थे, समुद्र की जलराशि को देख रहे थे। जल राशि के उस पार महादेव थे जो आमंत्रित कर रहे थे। दोनों ने...

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नक़ल या अक्ल - 18 By Swati

18 वो तुम थे!!!   उन्होंने उसे भी पेपर देने की अनुमति  दे दीं। वह जल्दी से अपनी व्हील चेयर खिसकाता हुआ,  अंदर जाने लगा। राजवीर और रघु ने उसे देखा तो उन्हें भी थोड़ी हैरानी हुई,  मगर...

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भाग -1 प्रदीप श्रीवास्तव आज वह फिर नस्लवादी कॉमेंट की बर्छियों से घायल होकर घर लौटी है। वह रास्ते भर कार ड्राइव करती हुई सोचती रही कि आख़िर ऐसे कॅरियर पैसे का क्या फ़ायदा जो सम्मान स...

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स्वयंवधू - 7 By Sayant

आज मेरे साथ दो घटना हुई। पहली, वृषा की मदद करने उनके कमरे में, उनके कपड़े निकालने पहली बार गयी,"ये क्या? क्या ये अंधेरे के बेटे है?", वृषा के पास सिर्फ शतरंज के पासे जैसे क...

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Wings Of Friendship - Part 10 By Tapan Oza

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મન ની લાઈફ સ્ટોરી - 2 By Story cafe

પ્રકરણ 2 : હકલું અને ઢગલું મિલન ગાર્ડન માં મેક્સ ને દોડતી જોઈને મનને પણ ત્યાં સવાર સવાર માં દોડવા જવાનું અને મેક્સ સાથે વાતો કરવાનું મન થયું. પણ શું કરે, આદત સે મજબૂર, જ્યારે એ લાલ...

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लेखक: प्रफुल शाह खण्ड 76 रविवार 17/05/2015 सूर्यकान्त ने अब लहू के पैरों का हिस्सा और मृतदेह के पैरों का हिस्सा ठीक से देखा। लैपटॉप की स्क्रीन पर दोनों फोटो को बार-बार ज़ूम करके दे...

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आज जो मै आपको किस्सा सुनाने जा रहा हु वो मेरे दादाजी के साथ हुआ था | दिसम्बर के कड़ी ठंड का समय था घना कोहरा छाया था | दादाजी शहर में क्लर्क थे उस दिन सारे लोग जल्दी कार्यालय का सार...

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शोहरत का घमंड - 86 By shama parveen

आर्यन की कॉल देख कर आलिया को बहुत ही गुस्सा आता है मगर वो मजबूरी में उसकी कॉल लेती हैं।तब आर्यन बोलता है, "सारी तैयारी हो गई है ना तुम्हारी कल के लिए"।तब आलिया गुस्से में बोलती है,...

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ચોરોનો ખજાનો - 66 By Kamejaliya Dipak

તેઓ પહોંચી ગયા સિરતનું જહાજ પેલા પોર્ટલમાંથી પસાર થઈ રહ્યું હતું. અંધકાર તેઓને દરેક દિશાએથી ઘેરી વળ્યો હતો. અચાનક જહાજની ગતિ વધી. એવું લાગ્યું કે કોઈ બહારની તાકાત જહાજને નીચે તરફ ખ...

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पुष्कर By Ankur Saxena Maddy

वर्ष 1999…. भारत के बेंगलुरु शहर में जून माह के अन्तिम सप्ताह की सुनहरी शाम का समय हो चला था| पुष्कर और आर्या, जो बचपन के मित्र थे, बेंगलुरु के एक बोर्डिंग स्कूल में आठवीं कक्षा से...

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દિવ્યા બચી જાય છે. દિવ્યાને જે ઘટના થઈ એની સિરિયસનેસ સમજાતી ન હતી. પરંતુ દિવ્યાને ફાળ પડી ગયો હતો કે પોતે ટ્રેન નીચે આવી જાત. ફાટક ગાર્ડ અને બીજા બે લોકોએ એને બચાવી અને રોડ તરફ ધકે...

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એક હતી કાનન... - 30 By RAHUL VORA

એક હતી કાનન... - રાહુલ વોરા (પ્રકરણ - 30)કાનને પણ લાગણીનો સ્વીકાર કરી સાસરે પુનરાગમન કર્યું.આજકાલ કરતાં પાંત્રીસ વર્ષનો ગાળો પસાર થઈ ગયો હતો.મનન નિવૃત્ત થઈ ગયો હતો.કાનન અને મનન જીવ...

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