Best Comedy stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Comedy stories in All books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cultu...Read More


Languages
Categories
Featured Books
  • जुगाड़ (व्यंग्य)

    जुगाड़ अरे.....आप शीर्षक पढ़कर क्या सोचने लगे? चलिए तो फिर आपकी औ...

  • हड़ासंखन गोत्र

    हमारे बाबा समाज में अपनी हाजिरजवाबी के लिए प्रसिद्ध थे। गाँव में यदि किसी का मर्...

  • फाईल दौड़ (व्यंग्य )

    फाईल दौड़ (व्यंग्य ) हमारे बाबू साहब अपने ऑफिस में बैठे पान की जुगाल...

नो गधा बनाइंग By Alok Mishra

गधा देश में यूं तो पूरे समय ही राजनीति की बहार रहती है परंतु चुनाव की आहट के साथ ही साथ गधों को गधा बनाने की पूरी राजनीति प्रारंभ हो जाती है । गधा देश के नेता अपने आप को जन...

Read Free

जुगाड़ (व्यंग्य) By Alok Mishra

जुगाड़ अरे.....आप शीर्षक पढ़कर क्या सोचने लगे? चलिए तो फिर आपकी और हमारी सोच को ही आगे बढ़ाते हैं । हमारा समाज कुछ खास नियमों से चलता है। इन नियमों से हट कर यदि आपको...

Read Free

सामाजिक देवी By राज कुमार कांदु

नमो नारायण की घोर तपस्या से गूगलेश्वर महाराज प्रसन्न हुए और उनसे वर माँगने को कहा।उनके समक्ष नतमस्तक होकर नमो नारायण बोला , " हे सर्वज्ञानी महाराज ! अगर आप मुझसे प्रसन्न हैं तो मुझ...

Read Free

समाज सेवक जी ( व्यंग्य ) By Alok Mishra

"समाज सेवा का मजा मेवा जिसने चखा, उसकी जिंदगी धन्य हो गई।" यह वाक्य हमारा नहीं मेवालाल जी का है। मेवालाल वैसे तो एक व्यापारी हैं लेकिन उन्हें सब लोग समाज सेवक के नाम से जानते...

Read Free

हड़ासंखन गोत्र By Anand M Mishra

हमारे बाबा समाज में अपनी हाजिरजवाबी के लिए प्रसिद्ध थे। गाँव में यदि किसी का मर्यादित मजाक उड़ाना है तो उस वक्त पूरे गाँव में वे बेजोड़ थे। गाँव की बात तो छोड़ ही दें, उनके जैसा पूरे...

Read Free

फाईल दौड़ (व्यंग्य ) By Alok Mishra

फाईल दौड़ (व्यंग्य ) हमारे बाबू साहब अपने ऑफिस में बैठे पान की जुगाली कर रहे थे कि बस अचानक चार फाईलें में अपने आरंभ स्थल यानी स्टार्टिंग प्वाइंट यानी टेबल पर पहुंचकर स...

Read Free

આદત સે પરેશાન By Viraj Pandya

आदत अच्छी हो तो इबादत बन जाती है। જીવન પ્રત્યેક ક્ષણ બદલાતું રહે છે. જીવનની કોઈ પણ બાબત એવી નથી જે સતત એક સરખી ચાલતી હોય. તમે રોજ એકજ સરખી સવાર જોતા હશો. પરંતુ આમાં પણ તમને કાયમ કશ...

Read Free

चोर (व्यंग्य ) By Alok Mishra

चोर (व्यंग्य ) नोखेलाल जी रोज ही शाम को टहलने निकलते हैं । कभी-कभी हम से उनकी मुलाकात हो जाती है । साठ की उम्र को पार करते अनोखेलाल अपने नाम को चरितार्थ करते हैं...

Read Free

छुट्टन लाल ..... जिंदाबाद  By Alok Mishra

छुट्टन लाल ..... जिंदाबाद "प्रणाम गुरुजी" कहते हुए उन्होंने हमारे घुटने छुए । आशीर्वाद के वचन के साथ ही वे सोफे पर अपनी तशरीफ रख चुके थे । हमारे घर आए हुए सज्जन को पू...

Read Free

कहानी सब्जीपुर की ( भाग -2 ) By राज कुमार कांदु

साथियों नमस्कार ! इससे पूर्व की कड़ी में आप सभी ने पढ़ा कि किस तरह आलूचन्द और कद्दू कुमारी की सगाई के मौके पर अचानक भिंडी कुमारी की वजह से अच्छा खासा बवाल हो गया और उनकी सगाई का मामल...

Read Free

वेलकम टू ड्रीम लैंड By Radha

कार्तिक ने हमेशा अपनी गर्लफ्रैंड से फ़ोन में ही बात की थीं। उसे कभी देखा नहीं था। आज वो अपनी गर्लफ्रैंड से मिलने गार्डन में जाता है, दोनों ने एक दूसरे को पहचानने का एक ड्रेस कोड रखा...

Read Free

हॉस्टल के किस्से By अनुराधा अनुश्री

होस्टल में शुरुआत के कुछ चट पटे से दिन और बिताई गई सबसे भयावह रात..एक भयावह रात हमारे कहानी का केंद्र है लेकिन उसके पहले मै हॉस्टल से जुड़ी कुछ खास यादें , कुछ खास बातें और वहां...

Read Free

चरणवंदन By Alok Mishra

चरणवंदन सोचता हूं सच कैसे बोलूं ? सच जो हमारे चारों ओर बिखरा है । सच जो मुझे दिखता है ,सच वह भी जो आपको दिखता है । मैं बोलने की कोशिश करता हूं और आप मौन रहते हैं । बहुत...

Read Free

मैं कोरोनावायरस बोल रहा हूं By Alok Mishra

मैं कोरोनावायरस बोल रहा हूं हाँ तो साहब मैं बोल रहा हूं । मैं यानी कौन ? मैं वही हूं ,जिसने पूरी दुनिया को परेशान किया हुआ है। मैं वही हूं जो आप लोगों का सर दर्द बन गया...

Read Free

बातों बातों में By Alok Mishra

बातों बातों में ----000---- - आप कौन है ? - नहीं पहचाना ? - नहीं तो ! - अपना नाम तो बताइए ? - दिमाग पर जोर डालिए। - आप कौन ......................... कौन .......

Read Free

ચાલો ઠીઠીયા કાઢીએ - 11 - જવાબદારીના ધાઢ જંગલમાં By Shailesh Joshi

ભાગ અગીયારવાચક મિત્રો, આગળના ભાગમાં આપણે જાણ્યું કે,આજે પ્યુન અશોક, ઉંચી Krain પર ચડી ગયેલ અડવીતરાને પકડી, એને ફેદોડી, એના ઘાભા ને ડૂચા કાઢી, વર્ષો જૂનો બદલો લેવા આટલો ઉતાવડો કેમ થ...

Read Free

आत्महत्या के अभिनव प्रयोग By Alok Mishra

आत्महत्या के अभिनव प्रयोग जमाना बदल रहा है, हम सब आधुनिक हो रहे है। इस आधुनिकता की दौड में हमारी खाना-पान, रहन-सहन के साथ ही साथ सोच-विचार भी बदल रहे है। मज़ावादी आधुनिक संस्कृ...

Read Free

अंकल By Kishanlal Sharma

"अंकल जी कुर्ला की एम एस टी बना दो।"खूबसूरत बाला अपना परिचय पत्र देते हुए बोली।उस युवा सुंदरी के मुंह से अंकल सुनकर तन बदन में आग लग गई।पर बोले कुछ नही।मन मसोसकर रह गए।लल्लू की बुक...

Read Free

બાળકો By Yuvrajsinh jadeja

બાળકો આજનો વિષય છે 'બાળકો' . કદાચ આ લેખ શરૂ કરતી વખતે મારા મોઢા પર આવતું ચમકદાર સ્મિત હું તમને બતાવી શકતો હોત . ખરેખર બાળકો બહું જ અદભુત વિષય છે હો . દુનિયાભરના...

Read Free

मैं नेता बनुंगा By Alok Mishra

मैं नेता बनुंगा आज तो मैं भौचक्का ही रह गया । उसने बस इतना ही कहा ‘‘ सर मैं नेता बनना चाहता हुॅ । ’’ सच कहुॅ तो शिक्षा विभाग में मेरा थट्टी ईयर का एक्सपीरियन्स धरा का ध...

Read Free

लाल  - हरी लाईट By Alok Mishra

लाल - हरी लाईट हम तो ठहरे छोटे से कस्बे में रहने वाले छोटे से आदमी । जब हमारे कस्बे में कोई कालेज खुल जाये , कोई अस्पताल दस से बीस बिस्तर का हो जाए या किसी चौक पर किसी...

Read Free

હસતા નહીં હો! - 20 - આળસ : એક વરદાન By પ્રથમ પરમાર

એક જમાનો હતો જ્યારે નિશાળના અને શિક્ષકોના દુર્ભાગ્ય હું પણ ભણવા જતો. લગભગ મારા ભીરુ સ્વભાવને ધ્યાનમાં રાખીને જ 'ચિત્રલેખા' દેવીએ મારા નસીબમાં એક જ શાળામાં અભ્યાસ કરવાનું...

Read Free

લોકડાઉનના કરતૂત By Bhavesh

ડરતાં ડરતાં આમથી તેમ દસ ડગલા ને ફરી તેમથી આમ દસ ડગલા. કંઈક અલગજ મુંઝવણ ફીલ થતી હતી...એ મૂંઝવણ પણ સ્વાભાવિક હતી. ચાલતા ચાલતા નજર કરી તો હજુ સવારના સાડા પાંચ જ થયા હતા ને જીવનમાં આજે...

Read Free

तबादलोत्सव By Anand M Mishra

उत्सव का नाम बहुत सुना था। देखा था। भाग लिया था। रंगोत्सव, फागोत्सव, दीपोत्सव, नववर्ष उत्सव। बीच-बीच में महोत्सव भी देखता-सुनता था। लेकिन यहाँ चर्चा “तबादलोत्सव” की कर रहे हैं। यह...

Read Free

छोटा सट्टा-बड़ा सट्टा By Alok Mishra

छोटा सट्टा-बड़ा सट्टा एक छोटे से चाय के टपरे के पास खड़े एक आदमी को एक बच्चा पैसे देकर ‘‘ओपन और क्लोज लगाने’’ के लिए कहता है । बस दूसरे दिन वो बच्चा किसी अखबार के कोने में अलग...

Read Free

एक जानवर का सच (व्यंग्य) By Alok Mishra

 एक जानवर का सच  एक सर्वे के अनुसार इन्टरनेट और मोबाइल के कारण अपराध और परिवारों का टूटना बढ़ा है इसके पीछे क्या कारण हो सकते है ? इसे जानने के लिए कृपा करके आप...

Read Free

पाक स्थान (व्यंग्य) By Alok Mishra

पाक स्थान (व्यंग्य) आपने शीर्षक तो ध्यान से पढा है न ? यहाँ हम अपने उस पडोसी की बात नहीं कर रहे है जिसे लाख कोशिशों के बाद भी हम बदल नही सके । हमारा पडोसी पाकिस्तान हमे...

Read Free

કેરી By Yuvrajsinh jadeja

ઉનાળો આવી ગયો છે . આખો દિવસ ફરી ફરીને છત પરના પંખા પણ હવે થાકવા લાગ્યા છે . સૌરાષ્ટ્રનો રહેવાસી છું એટલે ઉનાળામાં કેરીની વાત કર્યા વગર નથી રહી શકતો . આજે ઘરમાં મોસમની પહેલ...

Read Free

भगवान फॅस गए.....( व्यंग्य) By Alok Mishra

भगवान फॅस गए..... हमारे रामलाल जी हमेशा ही परेशानियों में रहते है । कुछ लोगों कहते है कि उनका और परेशानियों का चोली-दामन का साथ है तो कुछ लोग रामलाल को पैदायशी परेशान आदमी मा...

Read Free

त्याची बायको By वैशाली बनकर

"मी करेल त्याच्याशी लग्न"........... असे शब्द कानी पडताच कार्यालयातील सगळ्यांच्या माना आपसुक च मागे वळल्या.. एक 23 वर्षाची मुलगी मोठ्या आत्मविश्वास आणि आनंदात नवऱ्या मुलाकडे (अभिर...

Read Free

किरदारों की दुकान ( व्यंग्य ) By Alok Mishra

किरदारों की दुकान अमा यार ................. आप क्या सोचने लगे, ज्यादा ना सोचो, सोचने से लोगों का सिर दुखने लगता है और फिर ........... आपका ये नाचिज खिजमतदार आखिर किस दिन...

Read Free

નિંદર By Yuvrajsinh jadeja

આજ અચાનક મને નિંદર ઉપર લખવાનું મન થયું એ પણ એટલે કે રાતના બાર વાગ્યા છે પણ નિંદર નથી આવતી . નિંદર રોજિંદી અને સહજ ક્રિયા છે એટલે કદાચ આપણને વિચાર નહીં આવતો હોય કે નિંદર ક...

Read Free

એક મુલાકાત.... દરિયાકિનારે... By Bhumi Gohil

(સવાર ના 8 વાગ્યે)"અરે રાધુ કેટલો ટાઈમ જલ્દી આવ યાર...""અરે બાબા આવું છું તારે ક્યાં ટ્રેન છૂટી જાય છે શાંતી રાખને,"(અરે ભઈ એક મિનીટ intro કરાવી દવ?)(આ છે આપણી bestie માધવી સવાર સવ...

Read Free

आज मतगणना है.......(व्यंग्य) By Alok Mishra

आज मतगणना है....... आजकल एक हंगामा सा बरपा है । पिछले कुछ दिनों से जिसे देखिए एक ही बात करता है और बात है .... चुनाव की । चुनाव की घोषणा के साथ ही आचार संहिता में प्रशासकीय...

Read Free

आत्‍मसम्‍मान By rajendra shrivastava

कहानी--- आत्‍मसम्‍मान राजेन्‍द्र कुमार श्रीवास्‍तव,...

Read Free

जूता पुराण  By Alok Mishra

जूता पुराण आज खबरों में रोज ही जूतों की महिमा का गुणगान हो रहा है । जहाॅ देखिए वहीं निर्भीक भाव से जूते चलाए जा रहे है । जूते खाने वाले अक्सर ही ऐसे लोग होते...

Read Free

પ્રેમની કબૂલાત By Bhumi Gohil

પ્રેમ ની કબૂલાત? અરે વાહ!? આજે તો કંઈક વધારે જ શાંતિ છે નઈ મારા ઘરમાં... ઓ મેડમ...ક્યાં ગયા...રાધુ...... ક્યાં છે...યાર...? અમારા સાહેબે ઘરમાં પગ મુકતા જ બોલવાનું ચાલુ કરી દીધું. બ...

Read Free

ફાંકડી By SUNIL ANJARIA

ફાંકડીડોક્ટરનું દવાખાનું ખુલી ગયેલું પણ ડોક્ટર હજુ આવ્યા ન હતા. ફાસ્ટ ફરતા પંખા સાથે ડેટોલની વાસ તાજા કરેલા પોતાં સાથે વેઇટિંગ લાઉન્જમાં ફરતી હતી. અત્યારે ન હોય પણ નાક દવાની કલ્પિત...

Read Free

सियासत के हवाले से By Satyadeep Trivedi

सियासत के हवाले सेजिस प्रकार आत्मा मरती नहीं है, केवल पुराने शरीर को छोड़कर नये शरीर में प्रवेश कर जाती है। ठीक वैसे ही नेता भी नहीं मरता है। वो पुरानी पार्टी को छोड़कर नयी पार्टी मे...

Read Free

અને મેં હા કહી દીધી... By Bhumi Gohil

તો મીત્રો... તૈયાર થઈ જાવ પ્રેમની અનોખી સફર માટે...સીટ બેલ્ટ બાંધી લો... ચા પાણી થેપલા સાથે રાખો....વાંચતા વાંચતા પેટ પકડીને હસવું પણ આવી શકે છે.... તો વાત છે ત્રણ વર્ષ પહેલાં ની જ...

Read Free

पाठलाग By संदिप खुरुद

दोन दिवसांपासून एक माणूस अजयचा पाठलाग करत होता. त्याच्यावर पाळत ठेवत होता. पहिल्या दिवशी अजयच्या एवढं लक्षात आलं नाही. पण दुसऱ्या दिवशी त्याला ते चांगलंच जाणवलं. तो...

Read Free

आभार (व्यंग्य ) By Alok Mishra

आभार (व्यंग्य ) हमारे यहाॅ कोई भी मंचीय कार्यक्रम हो बहुत ही पारंपरिक तरीके से ही होता है । पूरे कार्यक्रम के पश्चात् जब लोग उठ कर जाने लगते है, अतिथी अपना स्थान छोड़ कर स्व...

Read Free

ગુજરાતી કહેવતો અને તેનો અર્થ-ગમ્મત સાથે - 6 By Yuvrajsinh jadeja

(1) અવળા ગણેશ બેસવા...● ભીખુએ નવી સવી ઝેરોક્ષ & લેમીનેશનની દુકાન કરી હોય . બધી તૈયારીઓ જોરશોરથી થઈ ગઈ હોય . મશીનો દુકાનમાં ગોઠવાઈ ગયા હોય . સગા વ્હાલા , દોસ્ત મિત્રોને ઉદ્ઘાટન ના ક...

Read Free

स्वयम्की (व्यंग्य ) By Alok Mishra

स्वयम्की ( व्यंग्य ) आप सोच रहे होंगे मुझे ‘‘स्वयम् की’’ लिखना चाहिये था। लेकिन नहीं सहाब मैं ‘‘स्वयम्की’’ ही लिखना चाहता था और वही लिखा है। अब आजकल जमाना बद...

Read Free

परिचय या पहचान पत्र (व्यंग्य) By Alok Mishra

परिचय या पहचान पत्र एक दिन बेचारे शर्मा जी से हमारी मुलाकत एक चैराहे पर हो गई। बेचारे वो... और उनकी बेचारगी का कारण यह है कि वे इस युग में भी सभी काम नियमानुसार करने पर...

Read Free

प्रवक्ता जी By Alok Mishra

प्रवक्ता जी हाँ तो साहब बात को प्रारम्भ से ही प्रारम्भ करते है , हम आप से पूछना चाहते है कि क्या आप सखाराम को जानते है ? हमने इतना कठिन प्रश्न तो नहींं पूछा ...... अरे....

Read Free

नो गधा बनाइंग By Alok Mishra

गधा देश में यूं तो पूरे समय ही राजनीति की बहार रहती है परंतु चुनाव की आहट के साथ ही साथ गधों को गधा बनाने की पूरी राजनीति प्रारंभ हो जाती है । गधा देश के नेता अपने आप को जन...

Read Free

जुगाड़ (व्यंग्य) By Alok Mishra

जुगाड़ अरे.....आप शीर्षक पढ़कर क्या सोचने लगे? चलिए तो फिर आपकी और हमारी सोच को ही आगे बढ़ाते हैं । हमारा समाज कुछ खास नियमों से चलता है। इन नियमों से हट कर यदि आपको...

Read Free

सामाजिक देवी By राज कुमार कांदु

नमो नारायण की घोर तपस्या से गूगलेश्वर महाराज प्रसन्न हुए और उनसे वर माँगने को कहा।उनके समक्ष नतमस्तक होकर नमो नारायण बोला , " हे सर्वज्ञानी महाराज ! अगर आप मुझसे प्रसन्न हैं तो मुझ...

Read Free

समाज सेवक जी ( व्यंग्य ) By Alok Mishra

"समाज सेवा का मजा मेवा जिसने चखा, उसकी जिंदगी धन्य हो गई।" यह वाक्य हमारा नहीं मेवालाल जी का है। मेवालाल वैसे तो एक व्यापारी हैं लेकिन उन्हें सब लोग समाज सेवक के नाम से जानते...

Read Free

हड़ासंखन गोत्र By Anand M Mishra

हमारे बाबा समाज में अपनी हाजिरजवाबी के लिए प्रसिद्ध थे। गाँव में यदि किसी का मर्यादित मजाक उड़ाना है तो उस वक्त पूरे गाँव में वे बेजोड़ थे। गाँव की बात तो छोड़ ही दें, उनके जैसा पूरे...

Read Free

फाईल दौड़ (व्यंग्य ) By Alok Mishra

फाईल दौड़ (व्यंग्य ) हमारे बाबू साहब अपने ऑफिस में बैठे पान की जुगाली कर रहे थे कि बस अचानक चार फाईलें में अपने आरंभ स्थल यानी स्टार्टिंग प्वाइंट यानी टेबल पर पहुंचकर स...

Read Free

આદત સે પરેશાન By Viraj Pandya

आदत अच्छी हो तो इबादत बन जाती है। જીવન પ્રત્યેક ક્ષણ બદલાતું રહે છે. જીવનની કોઈ પણ બાબત એવી નથી જે સતત એક સરખી ચાલતી હોય. તમે રોજ એકજ સરખી સવાર જોતા હશો. પરંતુ આમાં પણ તમને કાયમ કશ...

Read Free

चोर (व्यंग्य ) By Alok Mishra

चोर (व्यंग्य ) नोखेलाल जी रोज ही शाम को टहलने निकलते हैं । कभी-कभी हम से उनकी मुलाकात हो जाती है । साठ की उम्र को पार करते अनोखेलाल अपने नाम को चरितार्थ करते हैं...

Read Free

छुट्टन लाल ..... जिंदाबाद  By Alok Mishra

छुट्टन लाल ..... जिंदाबाद "प्रणाम गुरुजी" कहते हुए उन्होंने हमारे घुटने छुए । आशीर्वाद के वचन के साथ ही वे सोफे पर अपनी तशरीफ रख चुके थे । हमारे घर आए हुए सज्जन को पू...

Read Free

कहानी सब्जीपुर की ( भाग -2 ) By राज कुमार कांदु

साथियों नमस्कार ! इससे पूर्व की कड़ी में आप सभी ने पढ़ा कि किस तरह आलूचन्द और कद्दू कुमारी की सगाई के मौके पर अचानक भिंडी कुमारी की वजह से अच्छा खासा बवाल हो गया और उनकी सगाई का मामल...

Read Free

वेलकम टू ड्रीम लैंड By Radha

कार्तिक ने हमेशा अपनी गर्लफ्रैंड से फ़ोन में ही बात की थीं। उसे कभी देखा नहीं था। आज वो अपनी गर्लफ्रैंड से मिलने गार्डन में जाता है, दोनों ने एक दूसरे को पहचानने का एक ड्रेस कोड रखा...

Read Free

हॉस्टल के किस्से By अनुराधा अनुश्री

होस्टल में शुरुआत के कुछ चट पटे से दिन और बिताई गई सबसे भयावह रात..एक भयावह रात हमारे कहानी का केंद्र है लेकिन उसके पहले मै हॉस्टल से जुड़ी कुछ खास यादें , कुछ खास बातें और वहां...

Read Free

चरणवंदन By Alok Mishra

चरणवंदन सोचता हूं सच कैसे बोलूं ? सच जो हमारे चारों ओर बिखरा है । सच जो मुझे दिखता है ,सच वह भी जो आपको दिखता है । मैं बोलने की कोशिश करता हूं और आप मौन रहते हैं । बहुत...

Read Free

मैं कोरोनावायरस बोल रहा हूं By Alok Mishra

मैं कोरोनावायरस बोल रहा हूं हाँ तो साहब मैं बोल रहा हूं । मैं यानी कौन ? मैं वही हूं ,जिसने पूरी दुनिया को परेशान किया हुआ है। मैं वही हूं जो आप लोगों का सर दर्द बन गया...

Read Free

बातों बातों में By Alok Mishra

बातों बातों में ----000---- - आप कौन है ? - नहीं पहचाना ? - नहीं तो ! - अपना नाम तो बताइए ? - दिमाग पर जोर डालिए। - आप कौन ......................... कौन .......

Read Free

ચાલો ઠીઠીયા કાઢીએ - 11 - જવાબદારીના ધાઢ જંગલમાં By Shailesh Joshi

ભાગ અગીયારવાચક મિત્રો, આગળના ભાગમાં આપણે જાણ્યું કે,આજે પ્યુન અશોક, ઉંચી Krain પર ચડી ગયેલ અડવીતરાને પકડી, એને ફેદોડી, એના ઘાભા ને ડૂચા કાઢી, વર્ષો જૂનો બદલો લેવા આટલો ઉતાવડો કેમ થ...

Read Free

आत्महत्या के अभिनव प्रयोग By Alok Mishra

आत्महत्या के अभिनव प्रयोग जमाना बदल रहा है, हम सब आधुनिक हो रहे है। इस आधुनिकता की दौड में हमारी खाना-पान, रहन-सहन के साथ ही साथ सोच-विचार भी बदल रहे है। मज़ावादी आधुनिक संस्कृ...

Read Free

अंकल By Kishanlal Sharma

"अंकल जी कुर्ला की एम एस टी बना दो।"खूबसूरत बाला अपना परिचय पत्र देते हुए बोली।उस युवा सुंदरी के मुंह से अंकल सुनकर तन बदन में आग लग गई।पर बोले कुछ नही।मन मसोसकर रह गए।लल्लू की बुक...

Read Free

બાળકો By Yuvrajsinh jadeja

બાળકો આજનો વિષય છે 'બાળકો' . કદાચ આ લેખ શરૂ કરતી વખતે મારા મોઢા પર આવતું ચમકદાર સ્મિત હું તમને બતાવી શકતો હોત . ખરેખર બાળકો બહું જ અદભુત વિષય છે હો . દુનિયાભરના...

Read Free

मैं नेता बनुंगा By Alok Mishra

मैं नेता बनुंगा आज तो मैं भौचक्का ही रह गया । उसने बस इतना ही कहा ‘‘ सर मैं नेता बनना चाहता हुॅ । ’’ सच कहुॅ तो शिक्षा विभाग में मेरा थट्टी ईयर का एक्सपीरियन्स धरा का ध...

Read Free

लाल  - हरी लाईट By Alok Mishra

लाल - हरी लाईट हम तो ठहरे छोटे से कस्बे में रहने वाले छोटे से आदमी । जब हमारे कस्बे में कोई कालेज खुल जाये , कोई अस्पताल दस से बीस बिस्तर का हो जाए या किसी चौक पर किसी...

Read Free

હસતા નહીં હો! - 20 - આળસ : એક વરદાન By પ્રથમ પરમાર

એક જમાનો હતો જ્યારે નિશાળના અને શિક્ષકોના દુર્ભાગ્ય હું પણ ભણવા જતો. લગભગ મારા ભીરુ સ્વભાવને ધ્યાનમાં રાખીને જ 'ચિત્રલેખા' દેવીએ મારા નસીબમાં એક જ શાળામાં અભ્યાસ કરવાનું...

Read Free

લોકડાઉનના કરતૂત By Bhavesh

ડરતાં ડરતાં આમથી તેમ દસ ડગલા ને ફરી તેમથી આમ દસ ડગલા. કંઈક અલગજ મુંઝવણ ફીલ થતી હતી...એ મૂંઝવણ પણ સ્વાભાવિક હતી. ચાલતા ચાલતા નજર કરી તો હજુ સવારના સાડા પાંચ જ થયા હતા ને જીવનમાં આજે...

Read Free

तबादलोत्सव By Anand M Mishra

उत्सव का नाम बहुत सुना था। देखा था। भाग लिया था। रंगोत्सव, फागोत्सव, दीपोत्सव, नववर्ष उत्सव। बीच-बीच में महोत्सव भी देखता-सुनता था। लेकिन यहाँ चर्चा “तबादलोत्सव” की कर रहे हैं। यह...

Read Free

छोटा सट्टा-बड़ा सट्टा By Alok Mishra

छोटा सट्टा-बड़ा सट्टा एक छोटे से चाय के टपरे के पास खड़े एक आदमी को एक बच्चा पैसे देकर ‘‘ओपन और क्लोज लगाने’’ के लिए कहता है । बस दूसरे दिन वो बच्चा किसी अखबार के कोने में अलग...

Read Free

एक जानवर का सच (व्यंग्य) By Alok Mishra

 एक जानवर का सच  एक सर्वे के अनुसार इन्टरनेट और मोबाइल के कारण अपराध और परिवारों का टूटना बढ़ा है इसके पीछे क्या कारण हो सकते है ? इसे जानने के लिए कृपा करके आप...

Read Free

पाक स्थान (व्यंग्य) By Alok Mishra

पाक स्थान (व्यंग्य) आपने शीर्षक तो ध्यान से पढा है न ? यहाँ हम अपने उस पडोसी की बात नहीं कर रहे है जिसे लाख कोशिशों के बाद भी हम बदल नही सके । हमारा पडोसी पाकिस्तान हमे...

Read Free

કેરી By Yuvrajsinh jadeja

ઉનાળો આવી ગયો છે . આખો દિવસ ફરી ફરીને છત પરના પંખા પણ હવે થાકવા લાગ્યા છે . સૌરાષ્ટ્રનો રહેવાસી છું એટલે ઉનાળામાં કેરીની વાત કર્યા વગર નથી રહી શકતો . આજે ઘરમાં મોસમની પહેલ...

Read Free

भगवान फॅस गए.....( व्यंग्य) By Alok Mishra

भगवान फॅस गए..... हमारे रामलाल जी हमेशा ही परेशानियों में रहते है । कुछ लोगों कहते है कि उनका और परेशानियों का चोली-दामन का साथ है तो कुछ लोग रामलाल को पैदायशी परेशान आदमी मा...

Read Free

त्याची बायको By वैशाली बनकर

"मी करेल त्याच्याशी लग्न"........... असे शब्द कानी पडताच कार्यालयातील सगळ्यांच्या माना आपसुक च मागे वळल्या.. एक 23 वर्षाची मुलगी मोठ्या आत्मविश्वास आणि आनंदात नवऱ्या मुलाकडे (अभिर...

Read Free

किरदारों की दुकान ( व्यंग्य ) By Alok Mishra

किरदारों की दुकान अमा यार ................. आप क्या सोचने लगे, ज्यादा ना सोचो, सोचने से लोगों का सिर दुखने लगता है और फिर ........... आपका ये नाचिज खिजमतदार आखिर किस दिन...

Read Free

નિંદર By Yuvrajsinh jadeja

આજ અચાનક મને નિંદર ઉપર લખવાનું મન થયું એ પણ એટલે કે રાતના બાર વાગ્યા છે પણ નિંદર નથી આવતી . નિંદર રોજિંદી અને સહજ ક્રિયા છે એટલે કદાચ આપણને વિચાર નહીં આવતો હોય કે નિંદર ક...

Read Free

એક મુલાકાત.... દરિયાકિનારે... By Bhumi Gohil

(સવાર ના 8 વાગ્યે)"અરે રાધુ કેટલો ટાઈમ જલ્દી આવ યાર...""અરે બાબા આવું છું તારે ક્યાં ટ્રેન છૂટી જાય છે શાંતી રાખને,"(અરે ભઈ એક મિનીટ intro કરાવી દવ?)(આ છે આપણી bestie માધવી સવાર સવ...

Read Free

आज मतगणना है.......(व्यंग्य) By Alok Mishra

आज मतगणना है....... आजकल एक हंगामा सा बरपा है । पिछले कुछ दिनों से जिसे देखिए एक ही बात करता है और बात है .... चुनाव की । चुनाव की घोषणा के साथ ही आचार संहिता में प्रशासकीय...

Read Free

आत्‍मसम्‍मान By rajendra shrivastava

कहानी--- आत्‍मसम्‍मान राजेन्‍द्र कुमार श्रीवास्‍तव,...

Read Free

जूता पुराण  By Alok Mishra

जूता पुराण आज खबरों में रोज ही जूतों की महिमा का गुणगान हो रहा है । जहाॅ देखिए वहीं निर्भीक भाव से जूते चलाए जा रहे है । जूते खाने वाले अक्सर ही ऐसे लोग होते...

Read Free

પ્રેમની કબૂલાત By Bhumi Gohil

પ્રેમ ની કબૂલાત? અરે વાહ!? આજે તો કંઈક વધારે જ શાંતિ છે નઈ મારા ઘરમાં... ઓ મેડમ...ક્યાં ગયા...રાધુ...... ક્યાં છે...યાર...? અમારા સાહેબે ઘરમાં પગ મુકતા જ બોલવાનું ચાલુ કરી દીધું. બ...

Read Free

ફાંકડી By SUNIL ANJARIA

ફાંકડીડોક્ટરનું દવાખાનું ખુલી ગયેલું પણ ડોક્ટર હજુ આવ્યા ન હતા. ફાસ્ટ ફરતા પંખા સાથે ડેટોલની વાસ તાજા કરેલા પોતાં સાથે વેઇટિંગ લાઉન્જમાં ફરતી હતી. અત્યારે ન હોય પણ નાક દવાની કલ્પિત...

Read Free

सियासत के हवाले से By Satyadeep Trivedi

सियासत के हवाले सेजिस प्रकार आत्मा मरती नहीं है, केवल पुराने शरीर को छोड़कर नये शरीर में प्रवेश कर जाती है। ठीक वैसे ही नेता भी नहीं मरता है। वो पुरानी पार्टी को छोड़कर नयी पार्टी मे...

Read Free

અને મેં હા કહી દીધી... By Bhumi Gohil

તો મીત્રો... તૈયાર થઈ જાવ પ્રેમની અનોખી સફર માટે...સીટ બેલ્ટ બાંધી લો... ચા પાણી થેપલા સાથે રાખો....વાંચતા વાંચતા પેટ પકડીને હસવું પણ આવી શકે છે.... તો વાત છે ત્રણ વર્ષ પહેલાં ની જ...

Read Free

पाठलाग By संदिप खुरुद

दोन दिवसांपासून एक माणूस अजयचा पाठलाग करत होता. त्याच्यावर पाळत ठेवत होता. पहिल्या दिवशी अजयच्या एवढं लक्षात आलं नाही. पण दुसऱ्या दिवशी त्याला ते चांगलंच जाणवलं. तो...

Read Free

आभार (व्यंग्य ) By Alok Mishra

आभार (व्यंग्य ) हमारे यहाॅ कोई भी मंचीय कार्यक्रम हो बहुत ही पारंपरिक तरीके से ही होता है । पूरे कार्यक्रम के पश्चात् जब लोग उठ कर जाने लगते है, अतिथी अपना स्थान छोड़ कर स्व...

Read Free

ગુજરાતી કહેવતો અને તેનો અર્થ-ગમ્મત સાથે - 6 By Yuvrajsinh jadeja

(1) અવળા ગણેશ બેસવા...● ભીખુએ નવી સવી ઝેરોક્ષ & લેમીનેશનની દુકાન કરી હોય . બધી તૈયારીઓ જોરશોરથી થઈ ગઈ હોય . મશીનો દુકાનમાં ગોઠવાઈ ગયા હોય . સગા વ્હાલા , દોસ્ત મિત્રોને ઉદ્ઘાટન ના ક...

Read Free

स्वयम्की (व्यंग्य ) By Alok Mishra

स्वयम्की ( व्यंग्य ) आप सोच रहे होंगे मुझे ‘‘स्वयम् की’’ लिखना चाहिये था। लेकिन नहीं सहाब मैं ‘‘स्वयम्की’’ ही लिखना चाहता था और वही लिखा है। अब आजकल जमाना बद...

Read Free

परिचय या पहचान पत्र (व्यंग्य) By Alok Mishra

परिचय या पहचान पत्र एक दिन बेचारे शर्मा जी से हमारी मुलाकत एक चैराहे पर हो गई। बेचारे वो... और उनकी बेचारगी का कारण यह है कि वे इस युग में भी सभी काम नियमानुसार करने पर...

Read Free

प्रवक्ता जी By Alok Mishra

प्रवक्ता जी हाँ तो साहब बात को प्रारम्भ से ही प्रारम्भ करते है , हम आप से पूछना चाहते है कि क्या आप सखाराम को जानते है ? हमने इतना कठिन प्रश्न तो नहींं पूछा ...... अरे....

Read Free