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Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Classic Stories in All books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • राज-सिंहासन--भाग(९)

    सूरजगढ़ के सैनिकों के जाने के उपरांत सभी जनों का वार्तालाप समाप्त हो चुका था क्यो...

  • कल

    अधेरी काली रात के 12बजे अचानक से पक्षी चीखने लगे,आसमान से बिजली कड़केने लगी लग र...

  • सॉफ्ट कॉर्नर

    चारों ओर नीरव सन्नाटा था। आसपास से हल्की किंतु बोझिल बातचीत का मंद सा स्वर कभी -...

राज-सिंहासन--भाग(९) By Saroj Verma

सूरजगढ़ के सैनिकों के जाने के उपरांत सभी जनों का वार्तालाप समाप्त हो चुका था क्योंकि सबको नीलमणी एवं सहस्त्रबाहु की सत्यता ज्ञात हो चुकी थी,कुछ शेष ही नही रह गया था,इसलिए सभी अपनी अ...

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कुंवारा बाप। By DEVENDRA DWIVEDI

नई उम्र,18से22 की अवस्था। सरिर अपने विकास पर जोर लगा रही थी। मै बालपन से बढ़ती हुई उम्र में परिवर्तित हो रहा था। नए सपने, इक हम की भावना, अटूट जोश, असमान्य तेज। जिस पर किसी की नजर...

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कल By DEVENDRA DWIVEDI

अधेरी काली रात के 12बजे अचानक से पक्षी चीखने लगे,आसमान से बिजली कड़केने लगी लग रहा था मानो अब प्रलय आने को है। तभी फेरम अपने घर से लालटेन ले के निकलता है ,उसे पड़ोस की दाई की जरूरत...

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ऑड मैन आउट By Prabodh Kumar Govil

"ऑड मैन आउट" (हिंदी कहानी) छुट्टी का दिन होने से परिसर में सन्नाटा सा था। कहीं- कहीं चलते कूलरों की आवाज़ से ही पता चलता था कि कार्यालय में कुछ लोग मौजूद हैं। वो तो होते ही। छुट्टी...

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एक इंसान ऐसा भी By Mehul Pasaya

यहा कहानी है 2001 की और इस कहानी मे जो होगा वो चलो खुद जान्ने की कोशिश करते है.क्या पिछ्ले जन्म की यादे इस जन्म मे सब याद रह सकता है. क्या पिछ्ले जन्म मे जो लोग हमे मिले थे क्या वो...

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અસ્મિતા - 1 By Pallavi Oza

પ્રકરણ. ૧"કમુ.. એ.. કમુ ક્યાં ગઈ, આ તો કાંઈ સાંભળતી જ નથી.," "શું કામ વારાઘડીએ બરકો છો, એની બેનપણીયુ સાથે રમતી હશે પાંચીકે.. તમારા બધા કામ પતાવીને ગઈ છે ને હૈયે ધરપત રાખો, હમણાં આવ...

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सॉफ्ट कॉर्नर By Prabodh Kumar Govil

चारों ओर नीरव सन्नाटा था। आसपास से हल्की किंतु बोझिल बातचीत का मंद सा स्वर कभी - कभी आ जाता था। सलाखों के बाहर संतरी के भारी बूटों का स्वर रिगसता - घिसटता उसके दांतों को चुभता था।...

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धूप By Prabodh Kumar Govil

"मुन्नू" का असली नाम ये नहीं था। लगभग बारह - चौदह बरस पहले बाईजी विधवा होकर अपनी ससुराल चांदगढ़ से अपने पीहर की इस कोठी में जब आई थीं, तो उन्हीं की ऊपरी साज - संभाल के लिए गांव से...

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संचित प्रायश्चित By Prabodh Kumar Govil

वह दौड़ कर वाशबेसिन के पास गया और ज़ोर से खखार कर थूकने लगा। आंखें लाल हो गई थीं और उनमें पानी छलक आया था। पुतलियां ऐसी लग रही थीं मानो तरबूज के कटे टुकड़े के भीतर धंसा काला बीज हो...

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अब भी देर थी By Prabodh Kumar Govil

सुनसान बियाबान था। सायं - सायं हो रही थी। सड़क के दोनों ओर बड़े- बड़े पेड़ों के तरह - तरह के छोटे - बड़े पत्ते खड़खड़ा रहे थे। कोई भय से, कोई उन्माद से तो कोई हताशा से। दूर - दूर त...

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મારા અનુભવો - 1 - એક દિવસ મારા રૂમમાં By Alpesh Umaraniya

ઘર, જે રૂમ - રસોડું અને ઓસરી હોવાથી નથી બનતું પણ ઘરના, પરિવારના સભ્યો હોવાથી એ ઘર બને છે. અહીંયા તો ઘર હું પણ નથી કહી શકતો કેમ કે પરિવાર જોડેં નથી. કોઈને કહી પણ ના શકું કે હું ઘરમા...

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मददगारों के बीच By Prabodh Kumar Govil

रास्ता बहुत ही ऊबड़ - खाबड़ था। बड़े - बड़े पत्थरों से तो फिर भी किसी तरह बचते - बचाते जिप्सी बढ़ रही थी किंतु जगह- जगह सूखे बबूलों की जो टहनियां पड़ी थीं उनके कांटे बड़े खतरनाक थे...

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रोहित.... - 2 By Lotus

में चाहता तो अपने पापा की सहकारी नौकरी BHEL में कर सकता था मगर मे नहीं कर सकता क्योंकि मे आजाद ज़िन्दगी जीना चाहता हूं अपने मॉ बाप का एकलोता हू और वो जितना कर के गये हैं मेरे लिए म...

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ગ્રહ દશા - 3 By Jayesh Gandhi

નીલ ઘરે પહોંચ્યો પછી સરલા સાથે જોબ માટે આવતી કાલ થી જવાનું છે તેમ કહ્યું .સરલા નું એમ માનવું હતું કે એક વાર જુના શેઠ ને વાત તો કરો પણ નીલ એક નો બે ના થયો તે સંપૂર્ણ રીતે નવી જોબ અન...

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सपाट अक्स By Prabodh Kumar Govil

वह पिछले कई बरस से इस नौकरी में था। उसके रिटायरमेंट में अभी तीन - चार बरस का समय और भी बाकी था। यह पहली जगह थी जहां जमकर वह इतने अर्से तक टिका था। वरना इससे पहले तो हर दो - तीन साल...

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महाराणा प्रताप और अकबर की वो मुलाकात By Mohit Trendster

ध्यान दें - ये उस कालखंड और तब हुई घटनाओं के अनुसार लिखी एक काल्पनिक कहानी (Historical Fiction) है।  पराक्रम से गूंजा ये गगन,थर-थर कांपे जिससे दुश्मन,सिंह के पंजों में तड़पे जैसे भु...

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वितंडी By Prabodh Kumar Govil

- सर, मुझसे ये सब सहन नहीं होता। - सहनशीलता... टॉलरेंस, ये एक गुण है। ये जन्मजात भी हो सकता है और इसे विकसित भी किया जा सकता है। हर व्यक्ति को अपने व्यक्तित्व निर्माण के लिए ऐसा कर...

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जवानों के भी दिल होते हैं By Jatin Tyagi

जहाँ खुफिया एजेंसी से सिर्फ 4-5 आतंकवादियों के सीमा पार से कश्मीर के एक गांव में छुपने की खबर मिली थी, तो श्रीनगर आर्मी बेस के ब्रिगेडियर साहब ने भी मेजर के नेतृत्व में 8 सैनिकों क...

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अंतर By Prabodh Kumar Govil

- आप समझने की कोशिश कीजिए मिस्टर, इस तरह बचपना करके आप एक नहीं बल्कि दो- दो जिंदगियों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। डॉ. तिवारी ने कहा। - पर डॉक्टर, मैं कैसे समझाऊं आपको कि मानसिक तौर...

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अंकल का मज़ाक By Prabodh Kumar Govil

चेतन घर में घुसा तो कुछ मायूस था। मुझे अजीब सा लगा। क्या बात हो सकती है? अभी- अभी अपनी साइकिल उठा कर बाहर गया था तब तो बड़ा चहक रहा था। घड़ी भर में ही पस्त सा वापस लौटा है। होगा कु...

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अब नहीं आयेंगे वे By Prabodh Kumar Govil

- गौरा, ओ गौरा... अम्मा ने चिल्लाकर आवाज़ लगाई। जाने कहां मर गई, इसे तो जब देखो तब बाहर ही भागने की लगी रहती है, जरा काम से फुर्सत मिली और निकल भागी। अब जरा जरा से काम के लिए चिल्ल...

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अपाहिज By Prabodh Kumar Govil

पिछले कुछ सालों में उसकी उम्र ने कुछ ज़्यादा ही रफ़्तार से फासले तय किए हैं। सब कुछ ऐसे गुजरता चला गया है कि जैसे समय बहुत ही कम हो और होनी की घटना - श्रृंखलाएं बहुत अधिक। इसीलिए ह...

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દરિયા નું મીઠું પાણી - 5 - પંડિત ઓમકાર ઠાકુર By Binal Jay Thumbar

એક સત્ય ઘટના*ઇટાલીના સરમુખત્યાર મુસોલિનીની આત્મકથામાં પડેલો આ પ્રસંગ વાંચીને દરેક ભારતવાસી પોતાની પ્રાચીન સંસ્કૃતિ માટે ગૌરવનો અનુભવ કરી શકે તેમ છે.**ભારતના મહાન સંગીતકાર ઓમકારનાથ...

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आत्म विवाह - 4 - (लिव-इन रिलेशनशिप) By r k lal

आत्म विवाह भाग- 4(लिव-इन रिलेशनशिप)आर ० के ० लालचित्रा ने आगे बताया कि एक दिन मेरी रूममेट रेखा जिसे मैंने भगा दिया था अचानक घर पर आ गई, उसके हाथ में एक सूटकेस था। आते ही वह रोने लग...

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(ઓરમાન) મા By SHAMIM MERCHANT

"નિર્મલા, મારે તારી પાસેથી ફક્ત એક જ વસ્તુ જોઈએ છે; આપણા પરિવારને પ્રેમ અને જતનથી પૂર્ણ કરી નાખજે. મારી દીકરીને એક માની જરૂર છે. મને આશા છે કે તું તેના માટે એક પ્રેમાળ અને સારી માં...

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એક પ્રશ્ન - 3 By Mansi

ભાગ ૩ અત્યાર સુધી તમે જોયું કે એક બા એ વિરેન્દ્ર અને તેજ ને લગન નો સુજાવ આપ્યો હતો.તેઓ એમની વાત માની ને છોકરી ની શોધ માં નીકળી ગયા. વિરેન્દ્ર ના પરિવાર માં કેવલ તેનો છોકરો તેજ અને...

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અજાણ્યો હમદર્દ - ભાગ ૮ - છેલ્લો ભાગ By Dhruti Mehta અસમંજસ

એક દિવસ મારા પપ્પાના સૌતેલા ભાઈ ગામડેથી એમના પરિવાર સાથે અમારા ઘરે આવ્યા અને પોતાના માતપિતાના મૃત્યુ અને દુઃખી જીવન વિશેની કહાનીઓ સંભળાવી. ગામડે તેમના ધંધામાં ખુબજ મોટું નુકશાન થયુ...

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અનુવાદિત વાર્તા-૫ - વીસ વર્ષ પછી - ઓ હેનરી By Tanu Kadri

એક પોલીસ ઓફીસર સડક ઉપર ખુબ જ તેજીથી ચાલતો હતો. રાતના ૧૦ વાગ્યા હશે. પણ ઓછા વરસાદ અને ઠંડી હવાના લીધે રસ્તા ઉપર ખુબજ ઓછા લોકો દેખાતા હતા. રસ્તાની એક બાજુ એક ખૂણામાં એક વખાર હતી. જ્ય...

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अशोक बिंदुसार मौर्य से चक्रवर्ती सम्राट अशोक तक का सफार By Jatin Tyagi

सम्राट अशोक भारतीय इतिहास के एक ऐसे महान शासक थे, जिसकी तुलना विश्व में किसी से नहीं की जा सकती। वह भारत में मौर्य साम्राज्य के तीसरे शासक थे जिन्होंने 269 ईसापूर्व से 232 ईसापूर्व...

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दो बहने - 14 By Mansi

Part 14 अब तक आपने देखा कि शादी बस शुरू होने वाली है दोनो जोड़ी ने माला पहना दी थी अब आगे की कहानी देखते है। फार्म हाउस में बहुत अच्छे से सब बंदोबस्त किया गया था सबकी जरूरतों को ध्...

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પાપા - અંકલ By VIJAY THAKKAR

વહેલી સવારે ઉઠીને ઝડપથી તૈયાર થઇ જવાનું અને સવારે આઠ વાગ્યાની સબર્બન ટ્રેન લઈને ઓફીસ જવાનું..મલાડથી ચર્ચગેટ.આજ નિત્યક્રમ…મલાડ સ્ટેશનથી પાંચ મીનીટના અંતરે જ ચાહવાલા મેન્શનના ત્રીજા...

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राज-सिंहासन--भाग(९) By Saroj Verma

सूरजगढ़ के सैनिकों के जाने के उपरांत सभी जनों का वार्तालाप समाप्त हो चुका था क्योंकि सबको नीलमणी एवं सहस्त्रबाहु की सत्यता ज्ञात हो चुकी थी,कुछ शेष ही नही रह गया था,इसलिए सभी अपनी अ...

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कुंवारा बाप। By DEVENDRA DWIVEDI

नई उम्र,18से22 की अवस्था। सरिर अपने विकास पर जोर लगा रही थी। मै बालपन से बढ़ती हुई उम्र में परिवर्तित हो रहा था। नए सपने, इक हम की भावना, अटूट जोश, असमान्य तेज। जिस पर किसी की नजर...

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कल By DEVENDRA DWIVEDI

अधेरी काली रात के 12बजे अचानक से पक्षी चीखने लगे,आसमान से बिजली कड़केने लगी लग रहा था मानो अब प्रलय आने को है। तभी फेरम अपने घर से लालटेन ले के निकलता है ,उसे पड़ोस की दाई की जरूरत...

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ऑड मैन आउट By Prabodh Kumar Govil

"ऑड मैन आउट" (हिंदी कहानी) छुट्टी का दिन होने से परिसर में सन्नाटा सा था। कहीं- कहीं चलते कूलरों की आवाज़ से ही पता चलता था कि कार्यालय में कुछ लोग मौजूद हैं। वो तो होते ही। छुट्टी...

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एक इंसान ऐसा भी By Mehul Pasaya

यहा कहानी है 2001 की और इस कहानी मे जो होगा वो चलो खुद जान्ने की कोशिश करते है.क्या पिछ्ले जन्म की यादे इस जन्म मे सब याद रह सकता है. क्या पिछ्ले जन्म मे जो लोग हमे मिले थे क्या वो...

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અસ્મિતા - 1 By Pallavi Oza

પ્રકરણ. ૧"કમુ.. એ.. કમુ ક્યાં ગઈ, આ તો કાંઈ સાંભળતી જ નથી.," "શું કામ વારાઘડીએ બરકો છો, એની બેનપણીયુ સાથે રમતી હશે પાંચીકે.. તમારા બધા કામ પતાવીને ગઈ છે ને હૈયે ધરપત રાખો, હમણાં આવ...

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सॉफ्ट कॉर्नर By Prabodh Kumar Govil

चारों ओर नीरव सन्नाटा था। आसपास से हल्की किंतु बोझिल बातचीत का मंद सा स्वर कभी - कभी आ जाता था। सलाखों के बाहर संतरी के भारी बूटों का स्वर रिगसता - घिसटता उसके दांतों को चुभता था।...

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धूप By Prabodh Kumar Govil

"मुन्नू" का असली नाम ये नहीं था। लगभग बारह - चौदह बरस पहले बाईजी विधवा होकर अपनी ससुराल चांदगढ़ से अपने पीहर की इस कोठी में जब आई थीं, तो उन्हीं की ऊपरी साज - संभाल के लिए गांव से...

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संचित प्रायश्चित By Prabodh Kumar Govil

वह दौड़ कर वाशबेसिन के पास गया और ज़ोर से खखार कर थूकने लगा। आंखें लाल हो गई थीं और उनमें पानी छलक आया था। पुतलियां ऐसी लग रही थीं मानो तरबूज के कटे टुकड़े के भीतर धंसा काला बीज हो...

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अब भी देर थी By Prabodh Kumar Govil

सुनसान बियाबान था। सायं - सायं हो रही थी। सड़क के दोनों ओर बड़े- बड़े पेड़ों के तरह - तरह के छोटे - बड़े पत्ते खड़खड़ा रहे थे। कोई भय से, कोई उन्माद से तो कोई हताशा से। दूर - दूर त...

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મારા અનુભવો - 1 - એક દિવસ મારા રૂમમાં By Alpesh Umaraniya

ઘર, જે રૂમ - રસોડું અને ઓસરી હોવાથી નથી બનતું પણ ઘરના, પરિવારના સભ્યો હોવાથી એ ઘર બને છે. અહીંયા તો ઘર હું પણ નથી કહી શકતો કેમ કે પરિવાર જોડેં નથી. કોઈને કહી પણ ના શકું કે હું ઘરમા...

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मददगारों के बीच By Prabodh Kumar Govil

रास्ता बहुत ही ऊबड़ - खाबड़ था। बड़े - बड़े पत्थरों से तो फिर भी किसी तरह बचते - बचाते जिप्सी बढ़ रही थी किंतु जगह- जगह सूखे बबूलों की जो टहनियां पड़ी थीं उनके कांटे बड़े खतरनाक थे...

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रोहित.... - 2 By Lotus

में चाहता तो अपने पापा की सहकारी नौकरी BHEL में कर सकता था मगर मे नहीं कर सकता क्योंकि मे आजाद ज़िन्दगी जीना चाहता हूं अपने मॉ बाप का एकलोता हू और वो जितना कर के गये हैं मेरे लिए म...

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ગ્રહ દશા - 3 By Jayesh Gandhi

નીલ ઘરે પહોંચ્યો પછી સરલા સાથે જોબ માટે આવતી કાલ થી જવાનું છે તેમ કહ્યું .સરલા નું એમ માનવું હતું કે એક વાર જુના શેઠ ને વાત તો કરો પણ નીલ એક નો બે ના થયો તે સંપૂર્ણ રીતે નવી જોબ અન...

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सपाट अक्स By Prabodh Kumar Govil

वह पिछले कई बरस से इस नौकरी में था। उसके रिटायरमेंट में अभी तीन - चार बरस का समय और भी बाकी था। यह पहली जगह थी जहां जमकर वह इतने अर्से तक टिका था। वरना इससे पहले तो हर दो - तीन साल...

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महाराणा प्रताप और अकबर की वो मुलाकात By Mohit Trendster

ध्यान दें - ये उस कालखंड और तब हुई घटनाओं के अनुसार लिखी एक काल्पनिक कहानी (Historical Fiction) है।  पराक्रम से गूंजा ये गगन,थर-थर कांपे जिससे दुश्मन,सिंह के पंजों में तड़पे जैसे भु...

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वितंडी By Prabodh Kumar Govil

- सर, मुझसे ये सब सहन नहीं होता। - सहनशीलता... टॉलरेंस, ये एक गुण है। ये जन्मजात भी हो सकता है और इसे विकसित भी किया जा सकता है। हर व्यक्ति को अपने व्यक्तित्व निर्माण के लिए ऐसा कर...

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जवानों के भी दिल होते हैं By Jatin Tyagi

जहाँ खुफिया एजेंसी से सिर्फ 4-5 आतंकवादियों के सीमा पार से कश्मीर के एक गांव में छुपने की खबर मिली थी, तो श्रीनगर आर्मी बेस के ब्रिगेडियर साहब ने भी मेजर के नेतृत्व में 8 सैनिकों क...

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अंतर By Prabodh Kumar Govil

- आप समझने की कोशिश कीजिए मिस्टर, इस तरह बचपना करके आप एक नहीं बल्कि दो- दो जिंदगियों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। डॉ. तिवारी ने कहा। - पर डॉक्टर, मैं कैसे समझाऊं आपको कि मानसिक तौर...

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अंकल का मज़ाक By Prabodh Kumar Govil

चेतन घर में घुसा तो कुछ मायूस था। मुझे अजीब सा लगा। क्या बात हो सकती है? अभी- अभी अपनी साइकिल उठा कर बाहर गया था तब तो बड़ा चहक रहा था। घड़ी भर में ही पस्त सा वापस लौटा है। होगा कु...

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अब नहीं आयेंगे वे By Prabodh Kumar Govil

- गौरा, ओ गौरा... अम्मा ने चिल्लाकर आवाज़ लगाई। जाने कहां मर गई, इसे तो जब देखो तब बाहर ही भागने की लगी रहती है, जरा काम से फुर्सत मिली और निकल भागी। अब जरा जरा से काम के लिए चिल्ल...

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अपाहिज By Prabodh Kumar Govil

पिछले कुछ सालों में उसकी उम्र ने कुछ ज़्यादा ही रफ़्तार से फासले तय किए हैं। सब कुछ ऐसे गुजरता चला गया है कि जैसे समय बहुत ही कम हो और होनी की घटना - श्रृंखलाएं बहुत अधिक। इसीलिए ह...

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દરિયા નું મીઠું પાણી - 5 - પંડિત ઓમકાર ઠાકુર By Binal Jay Thumbar

એક સત્ય ઘટના*ઇટાલીના સરમુખત્યાર મુસોલિનીની આત્મકથામાં પડેલો આ પ્રસંગ વાંચીને દરેક ભારતવાસી પોતાની પ્રાચીન સંસ્કૃતિ માટે ગૌરવનો અનુભવ કરી શકે તેમ છે.**ભારતના મહાન સંગીતકાર ઓમકારનાથ...

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आत्म विवाह - 4 - (लिव-इन रिलेशनशिप) By r k lal

आत्म विवाह भाग- 4(लिव-इन रिलेशनशिप)आर ० के ० लालचित्रा ने आगे बताया कि एक दिन मेरी रूममेट रेखा जिसे मैंने भगा दिया था अचानक घर पर आ गई, उसके हाथ में एक सूटकेस था। आते ही वह रोने लग...

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(ઓરમાન) મા By SHAMIM MERCHANT

"નિર્મલા, મારે તારી પાસેથી ફક્ત એક જ વસ્તુ જોઈએ છે; આપણા પરિવારને પ્રેમ અને જતનથી પૂર્ણ કરી નાખજે. મારી દીકરીને એક માની જરૂર છે. મને આશા છે કે તું તેના માટે એક પ્રેમાળ અને સારી માં...

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એક પ્રશ્ન - 3 By Mansi

ભાગ ૩ અત્યાર સુધી તમે જોયું કે એક બા એ વિરેન્દ્ર અને તેજ ને લગન નો સુજાવ આપ્યો હતો.તેઓ એમની વાત માની ને છોકરી ની શોધ માં નીકળી ગયા. વિરેન્દ્ર ના પરિવાર માં કેવલ તેનો છોકરો તેજ અને...

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અજાણ્યો હમદર્દ - ભાગ ૮ - છેલ્લો ભાગ By Dhruti Mehta અસમંજસ

એક દિવસ મારા પપ્પાના સૌતેલા ભાઈ ગામડેથી એમના પરિવાર સાથે અમારા ઘરે આવ્યા અને પોતાના માતપિતાના મૃત્યુ અને દુઃખી જીવન વિશેની કહાનીઓ સંભળાવી. ગામડે તેમના ધંધામાં ખુબજ મોટું નુકશાન થયુ...

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અનુવાદિત વાર્તા-૫ - વીસ વર્ષ પછી - ઓ હેનરી By Tanu Kadri

એક પોલીસ ઓફીસર સડક ઉપર ખુબ જ તેજીથી ચાલતો હતો. રાતના ૧૦ વાગ્યા હશે. પણ ઓછા વરસાદ અને ઠંડી હવાના લીધે રસ્તા ઉપર ખુબજ ઓછા લોકો દેખાતા હતા. રસ્તાની એક બાજુ એક ખૂણામાં એક વખાર હતી. જ્ય...

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अशोक बिंदुसार मौर्य से चक्रवर्ती सम्राट अशोक तक का सफार By Jatin Tyagi

सम्राट अशोक भारतीय इतिहास के एक ऐसे महान शासक थे, जिसकी तुलना विश्व में किसी से नहीं की जा सकती। वह भारत में मौर्य साम्राज्य के तीसरे शासक थे जिन्होंने 269 ईसापूर्व से 232 ईसापूर्व...

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दो बहने - 14 By Mansi

Part 14 अब तक आपने देखा कि शादी बस शुरू होने वाली है दोनो जोड़ी ने माला पहना दी थी अब आगे की कहानी देखते है। फार्म हाउस में बहुत अच्छे से सब बंदोबस्त किया गया था सबकी जरूरतों को ध्...

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પાપા - અંકલ By VIJAY THAKKAR

વહેલી સવારે ઉઠીને ઝડપથી તૈયાર થઇ જવાનું અને સવારે આઠ વાગ્યાની સબર્બન ટ્રેન લઈને ઓફીસ જવાનું..મલાડથી ચર્ચગેટ.આજ નિત્યક્રમ…મલાડ સ્ટેશનથી પાંચ મીનીટના અંતરે જ ચાહવાલા મેન્શનના ત્રીજા...

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