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Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Biography in All books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cultures....Read More


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  • अचार्य पण्डित हंस नाथ मणि

    मुर्द्वन्व विद्वान संत योगी विलक्षण व्यक्तित्व आचार्य पण्डित हंस नाथ मणि त्रिपाठ...

  • અખો

    ધારાવાહિક:- આપણાં મહાનુભાવોભાગ:- 30મહાનુભાવ:- અખોલેખિકા:- શ્રીમતી સ્નેહલ રાજન જા...

  • खुशी महसूस करें। 

    अंतर्मन को पुनर्जीवित कैसे करें, जबकि पहले से ही अपनी आत्मा को उजागर करने के सार...

अचार्य पण्डित हंस नाथ मणि By नंदलाल मणि त्रिपाठी

मुर्द्वन्व विद्वान संत योगी विलक्षण व्यक्तित्व आचार्य पण्डित हंस नाथ मणि त्रिपाठी--संदर्भ---अनूठा व्यक्तित्वसंसार और समय अपनी गति की निरंतरता से चलते रहते है जहाँ करोड़ो प्राणि जन्म...

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फ़िल्मों की महिला संगीतकार ऊषा खन्ना By Neelam Kulshreshtha

[40 वर्ष तक फ़िल्मी गीतों को संगीत बद्ध करने वाली अकेली महिला फ़िल्म संगीतकार ] नीलम कुलश्रेष्ठ कहते हैं दुनियाँ में किसी के जाने के बाद कोई जगह नहीं खाली रहती लेकिन ऐसा हो गया है। स...

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वो फिर नही आते - Revealing Rajesh Khanna By Manish Dixit

१९६० दशक के शुरुवाती सालो तक "मुग़ल ए आझ़म", "मदर इंडिया" और "प्यासा" जैसी बेहतरीन फिल्मों ने हिंदी फिल्म जगत में तहलका मचा दिया था।१९५७ में आई मदर इंडिया हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की...

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અખો By Tr. Mrs. Snehal Jani

ધારાવાહિક:- આપણાં મહાનુભાવોભાગ:- 30મહાનુભાવ:- અખોલેખિકા:- શ્રીમતી સ્નેહલ રાજન જાનીઆપણું ગુજરાતી સાહિત્ય ખૂબ જ વિશાળ છે. અનેક કવિઓ અને લેખકો પોતાની સર્જનશક્તિ દ્વારા સમાજને પ્રેરણાર...

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ધંધાની વાત - ભાગ 7 (છેલ્લો ભાગ) By Kandarp Patel

લક્ષ્મી નારાયણ મિત્તલ ‘કોલ્ડ સ્ટીલ’ આર્સેલર મિત્તલ(ધ મેન વિથ એ મિશન) ‘મહત્વાકાંક્ષા ઉંચી રાખો, પરંતુ કદમ નાના માંડો.જીવનમાં ઈંટ પર ઈંટ મૂકાય તો જ આકાર ઘડાય.&rsquo...

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खुशी महसूस करें।  By Bharat(Raj)

अंतर्मन को पुनर्जीवित कैसे करें, जबकि पहले से ही अपनी आत्मा को उजागर करने के सारे रास्ते बंद करके रखें हो। और क्या अंतर्मन को पूरी तरह से खोल कर रख देने से अपना जीवन आनंदित हो उठेग...

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जीवन जोशी साहित्य के अमर अमिट हस्ताक्षर By नंदलाल मणि त्रिपाठी

जीवन परिचय- ( क)-जन्म -लीलाधर जोशी न्याय विभाग में मुंसिफ पद पर कार्यरत थे जिला शहर उनका ताबादला होता रहता था सफीपुर जिला उन्नाव उत्तर प्रदेश में उन दिनों तैनाती थी जब 23 अगस्त सन...

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बचपन सवाल करता.... By Bharat(Raj)

आज कुछ ऐसा हुआ जो मै ना लिखूँ तो यह बचपन पर मेरा कुठारधात होगा।मै लिखना चाहता हु शायाद आप के बच्चे भी, कुछ ऐसा ही सोचते होंगे या फिर ऐसे सवाल का कभी ना कभी आपने भी सामने किया होगा।...

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संविधान शिल्पी बाबा साहब By नंदलाल मणि त्रिपाठी

संविधान शिल्पी - बाबा साहब 1-जन्म बचपन एवं शिक्षा -बाबा साहब भीम राव अंबेडकर भारतीय इतिहास के ऐसे विराट व्यक्तित्व जिनके बिना ना तो वर्तमान भारत कल्पनीय है ना ही भारत कि स्वतंत्रता...

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आत्मकथा ... By Bharat(Raj)

मै जो लिख रहा हु, वो कोई काल्पनिक कहानी नहीं है। मेरे जीवन का कड़वा सच है ।जिसे मैंने और मेरी माँ ने जिया है। यह उस जमाने की बात है, जब मोबाईल फोन नहीं हुआ करते थे। मेरी माँ जो की अ...

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आरम्भ... By Bharat(Raj)

आरम्भ..... आरंभ कहा से करे? जीवन की उन ऊंचाइयों को छुने का। जिसका न रास्ता, न लक्ष्य, न कमजोरियां और न ही मजबूतिया का कोई ज्ञान हो। प्रतिदिन हजारो विचार मन मे आते है । पर कौन से वि...

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नेता जी (शोध लेख) By नंदलाल मणि त्रिपाठी

1-साहित्य के आलोक में नेता जी-नेता जी सुभाष चन्द्र बोस का जन्म 1897 में कटक में जानकी नाथ बोस की 14 संन्तानो में नवी संतान के रूप में हुआ1-साहित्य के आलोक में नेता जी-नेता जी सुभाष...

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डॉ निशंक बहुआयामी व्यक्तित्व By नंदलाल मणि त्रिपाठी

डॉ निशंक जी का दैदीप्यमान बहुआयामी व्यक्तित्व -(A)-जीवन परिचय -रमेश पोखरियाल निशंक किसी परिचय सम्मान के मोहताज नही जैसा की नाम है निशंक निडर वेवाक विद्वत मनीषी पुरुषार्थ पराक्रम ऊर...

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गुरु गोविंद सिंह एक आगळे वेगळे व्यक्तीमत्व By Ankush Shingade

गुरु गोविंदसिंह-:एक आगळे वेगळे व्यक्तीमत्व २० जानेवारी गुरू गोविंदसिंह जयंती विशेष गुरु गोविंदसिंह हे एक आगळेवेगळे व्यक्तीमत्व होते. असे म्हटल्यास आतिशयोक्ती होणार नाही. त्याचं कार...

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असमर्थों का बल समर्थ रामदास - भाग 27 By ՏᎪᎠᎻᎪᏙᏆ ՏOΝᎪᎡᏦᎪᎡ ⸙

सत्वगुण लक्षण सारइंसान की युद्ध करने की वृत्ति को तमोगुण माना जाता है। लेकिन वही युद्ध अगर सत्य के लिए, किसी की रक्षा के लिए, दुष्टों का संहार करने के लिए किया जाए तो यह सत्वगुण लक...

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गगन--तुम ही तुम हो मेरे जीवन मे - 17 By Kishanlal Sharma

घण्टे पर घण्टे बीत रहे थे।लेकिन पत्नी की डिलीवरी नही हुई।बाहर मैं और माँ परेशान थे।अंदर कोई जा नही सकता था।दर्द और पीड़ा से औरते कराह रही थी।लेकिन पत्नी दर्द को सहन करके पड़ी थी।जब त...

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संत श्री कबीरदास By Renu

श्रीकबीरदासने भक्तिहीन षड्दर्शन एवं वर्णाश्रम धर्मको मान्यता नहीं दी। वे भक्ति से विरुद्ध धर्मको अधर्म ही कहते थे। उन्होंने बिना भजनके योग, यज्ञ, व्रत और दान आदि को व्यर्थ सिद्ध कि...

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श्री सनकादि ऋषि By Renu

सनक, सनन्दन, सनातन, सनत्कुमार और सनत्सुजात—ये पाँचों ही ब्रह्माके मानस पुत्र हैं। कहीं-कहीं सनत्कुमार और सनत्सुजातको एक मानकर चार ही कहा गया है। कहते हैं कि जब ब्रह्मासे पाँच पर्वो...

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श्री हनुमान् जी By Renu

यत्र यत्र रघुनाथकीर्तनं तत्र तत्र कृतमस्तकाञ्जलिम्। बाष्पवारिपरिपूर्णलोचनं मारुतिं नमत राक्षसान्तकम् ॥ प्रनवउँ पवनकुमार खल बन पावक ग्यानघन। जासु हृदय आगार बसहिं राम सर चाप धर॥ भगवा...

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श्री द्रौपदी जी By Renu

द्रोणाचार्यको गुरुदक्षिणा देनेके लिये अर्जुनने द्रुपदको पराजित कर दिया। यद्यपि आचार्य द्रोणने द्रुपदको पाशमुक्त करके केवल आधा राज्य लेकर मित्र बना लिया, परंतु वे इस अपमानको भूल न स...

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प्रफुल्ल कथा - 22 By Prafulla Kumar Tripathi

पाठकों ,आत्मकथा अधूरी रहेगी अगर मैं उस घटना का जिक्र नहीँ करूंगा जिसमें मुझे देश के प्रतिष्ठित औद्योगिक घराने टाटा ने सम्मानित किया था। अखिल भारतीय स्तर पर सम्पन्न प्रतियोगिता में...

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श्री सतीजी By Renu

पतिव्रता स्त्रियों में सबसे पहले दक्ष-कन्या सतीका नाम लिया जाता है। वे ही साध्वी स्त्रियोंकी आदर्श हैं। उन्हींके नामपर अन्य पतिव्रता स्त्रियाँ भी 'सती' की उपाधिसे विभूषित ह...

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भक्तिमती श्री करमैती By Renu

श्रीकरमैतीजी इस घोर कलिकालमें उत्पन्न होकर भी सर्वथा निष्कलंक रही। इन्होंने अपने शरीर के पतिके प्रति नश्वर प्रेमको छोड़कर आत्मा के पति भगवान् श्रीकृष्णचन्द्र के श्रीचरणोंमें सच्चा...

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श्री जनक जी By Renu

श्रीजनकजी निमिवंश में जितने भी राजा हुए सभी ‘जनक’ कहलाते थे, ब्रह्म ज्ञानी होने से इन सबों की विदेह संज्ञा भी थी। किंतु जनक के नाम से अधिक प्रसिद्ध सीताजी के पिता ही हुए हैं। उनका...

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सम्राट् चंद्रगुप्त प्रथम By Mohan Dhama

मौर्यों की ही भाँति गुप्त वंश में भी अनेक महान् वीर तथा पराक्रमी सम्राट् हुए, जिन्होंने इस वंश के प्रभुत्व एवं कीर्ति में अभूतपूर्व वृद्धि की। मौर्यों के पतन के पश्चात् भारत को पुन...

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महावीर लचित बड़फूकन - पार्ट - 8 By Mohan Dhama

जब लचित को शत्रु के सम्भावित आक्रमण की खबर मिली तो वह बीमारी की स्थिति में भी युद्ध के लिये तैयार हो गया। उसे 'आखोई फुटा' ज्वर था । इस भयावह ज्वर में रोगी के शरीर पर चावल क...

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संत श्रीपीपा By Renu

भक्तवर श्री पीपा जी पहले भवानी देवी के भक्त थे। मुक्ति माँगने के लिये आपने देवी का ध्यान किया, देवी ने प्रत्यक्ष दर्शन देकर सत्य बात कही कि मुक्ति देने की शक्ति मुझमें नहीं है, वह...

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नाभदास जी - भक्तमाल के रचियता श्री नाभादास जी By Renu

श्रीनाभाजी का जन्म प्रशंसनीय हनुमान-वंश में हुआ था। आश्चर्यजनक एक नयी बात यह जानिये कि ये जन्म से ही नेत्रहीन थे। जब इनकी आयु पाँच वर्ष की हुई, उसी समय अकाल के दुःख से दुःखित माता...

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बालिपुत्र अंगद By Renu

वनवासके समय भगवती जानकीका अन्वेषण करते हुए मर्यादापुरुषोत्तम ऋष्यमूकपर पहुँचे। वहाँ उन्होंने सुग्रीव से मित्रता की। सुग्रीव का पक्ष लेकर उन्होंने वानरराज बालि को मारा। मरते समय बाल...

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टेगोर साक्षात्कार By Yashvant Kothari

मैं अपने परिवेश के प्रति बहुत ही सतर्क रहता हूं ! -रवीन्द्रनाथ टेगौर . . सर्व श्री बनारसीदास चतुर्वेदी, सुदर्शन, चंद्रगुप्त विद्यालंकार तथा श्रीमती सत्यवती देवी ने रवींद्रनाथ ठाकुर...

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अचार्य पण्डित हंस नाथ मणि By नंदलाल मणि त्रिपाठी

मुर्द्वन्व विद्वान संत योगी विलक्षण व्यक्तित्व आचार्य पण्डित हंस नाथ मणि त्रिपाठी--संदर्भ---अनूठा व्यक्तित्वसंसार और समय अपनी गति की निरंतरता से चलते रहते है जहाँ करोड़ो प्राणि जन्म...

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फ़िल्मों की महिला संगीतकार ऊषा खन्ना By Neelam Kulshreshtha

[40 वर्ष तक फ़िल्मी गीतों को संगीत बद्ध करने वाली अकेली महिला फ़िल्म संगीतकार ] नीलम कुलश्रेष्ठ कहते हैं दुनियाँ में किसी के जाने के बाद कोई जगह नहीं खाली रहती लेकिन ऐसा हो गया है। स...

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वो फिर नही आते - Revealing Rajesh Khanna By Manish Dixit

१९६० दशक के शुरुवाती सालो तक "मुग़ल ए आझ़म", "मदर इंडिया" और "प्यासा" जैसी बेहतरीन फिल्मों ने हिंदी फिल्म जगत में तहलका मचा दिया था।१९५७ में आई मदर इंडिया हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की...

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અખો By Tr. Mrs. Snehal Jani

ધારાવાહિક:- આપણાં મહાનુભાવોભાગ:- 30મહાનુભાવ:- અખોલેખિકા:- શ્રીમતી સ્નેહલ રાજન જાનીઆપણું ગુજરાતી સાહિત્ય ખૂબ જ વિશાળ છે. અનેક કવિઓ અને લેખકો પોતાની સર્જનશક્તિ દ્વારા સમાજને પ્રેરણાર...

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ધંધાની વાત - ભાગ 7 (છેલ્લો ભાગ) By Kandarp Patel

લક્ષ્મી નારાયણ મિત્તલ ‘કોલ્ડ સ્ટીલ’ આર્સેલર મિત્તલ(ધ મેન વિથ એ મિશન) ‘મહત્વાકાંક્ષા ઉંચી રાખો, પરંતુ કદમ નાના માંડો.જીવનમાં ઈંટ પર ઈંટ મૂકાય તો જ આકાર ઘડાય.&rsquo...

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खुशी महसूस करें।  By Bharat(Raj)

अंतर्मन को पुनर्जीवित कैसे करें, जबकि पहले से ही अपनी आत्मा को उजागर करने के सारे रास्ते बंद करके रखें हो। और क्या अंतर्मन को पूरी तरह से खोल कर रख देने से अपना जीवन आनंदित हो उठेग...

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जीवन जोशी साहित्य के अमर अमिट हस्ताक्षर By नंदलाल मणि त्रिपाठी

जीवन परिचय- ( क)-जन्म -लीलाधर जोशी न्याय विभाग में मुंसिफ पद पर कार्यरत थे जिला शहर उनका ताबादला होता रहता था सफीपुर जिला उन्नाव उत्तर प्रदेश में उन दिनों तैनाती थी जब 23 अगस्त सन...

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बचपन सवाल करता.... By Bharat(Raj)

आज कुछ ऐसा हुआ जो मै ना लिखूँ तो यह बचपन पर मेरा कुठारधात होगा।मै लिखना चाहता हु शायाद आप के बच्चे भी, कुछ ऐसा ही सोचते होंगे या फिर ऐसे सवाल का कभी ना कभी आपने भी सामने किया होगा।...

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संविधान शिल्पी बाबा साहब By नंदलाल मणि त्रिपाठी

संविधान शिल्पी - बाबा साहब 1-जन्म बचपन एवं शिक्षा -बाबा साहब भीम राव अंबेडकर भारतीय इतिहास के ऐसे विराट व्यक्तित्व जिनके बिना ना तो वर्तमान भारत कल्पनीय है ना ही भारत कि स्वतंत्रता...

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आत्मकथा ... By Bharat(Raj)

मै जो लिख रहा हु, वो कोई काल्पनिक कहानी नहीं है। मेरे जीवन का कड़वा सच है ।जिसे मैंने और मेरी माँ ने जिया है। यह उस जमाने की बात है, जब मोबाईल फोन नहीं हुआ करते थे। मेरी माँ जो की अ...

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आरम्भ... By Bharat(Raj)

आरम्भ..... आरंभ कहा से करे? जीवन की उन ऊंचाइयों को छुने का। जिसका न रास्ता, न लक्ष्य, न कमजोरियां और न ही मजबूतिया का कोई ज्ञान हो। प्रतिदिन हजारो विचार मन मे आते है । पर कौन से वि...

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नेता जी (शोध लेख) By नंदलाल मणि त्रिपाठी

1-साहित्य के आलोक में नेता जी-नेता जी सुभाष चन्द्र बोस का जन्म 1897 में कटक में जानकी नाथ बोस की 14 संन्तानो में नवी संतान के रूप में हुआ1-साहित्य के आलोक में नेता जी-नेता जी सुभाष...

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डॉ निशंक बहुआयामी व्यक्तित्व By नंदलाल मणि त्रिपाठी

डॉ निशंक जी का दैदीप्यमान बहुआयामी व्यक्तित्व -(A)-जीवन परिचय -रमेश पोखरियाल निशंक किसी परिचय सम्मान के मोहताज नही जैसा की नाम है निशंक निडर वेवाक विद्वत मनीषी पुरुषार्थ पराक्रम ऊर...

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गुरु गोविंद सिंह एक आगळे वेगळे व्यक्तीमत्व By Ankush Shingade

गुरु गोविंदसिंह-:एक आगळे वेगळे व्यक्तीमत्व २० जानेवारी गुरू गोविंदसिंह जयंती विशेष गुरु गोविंदसिंह हे एक आगळेवेगळे व्यक्तीमत्व होते. असे म्हटल्यास आतिशयोक्ती होणार नाही. त्याचं कार...

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असमर्थों का बल समर्थ रामदास - भाग 27 By ՏᎪᎠᎻᎪᏙᏆ ՏOΝᎪᎡᏦᎪᎡ ⸙

सत्वगुण लक्षण सारइंसान की युद्ध करने की वृत्ति को तमोगुण माना जाता है। लेकिन वही युद्ध अगर सत्य के लिए, किसी की रक्षा के लिए, दुष्टों का संहार करने के लिए किया जाए तो यह सत्वगुण लक...

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गगन--तुम ही तुम हो मेरे जीवन मे - 17 By Kishanlal Sharma

घण्टे पर घण्टे बीत रहे थे।लेकिन पत्नी की डिलीवरी नही हुई।बाहर मैं और माँ परेशान थे।अंदर कोई जा नही सकता था।दर्द और पीड़ा से औरते कराह रही थी।लेकिन पत्नी दर्द को सहन करके पड़ी थी।जब त...

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संत श्री कबीरदास By Renu

श्रीकबीरदासने भक्तिहीन षड्दर्शन एवं वर्णाश्रम धर्मको मान्यता नहीं दी। वे भक्ति से विरुद्ध धर्मको अधर्म ही कहते थे। उन्होंने बिना भजनके योग, यज्ञ, व्रत और दान आदि को व्यर्थ सिद्ध कि...

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श्री सनकादि ऋषि By Renu

सनक, सनन्दन, सनातन, सनत्कुमार और सनत्सुजात—ये पाँचों ही ब्रह्माके मानस पुत्र हैं। कहीं-कहीं सनत्कुमार और सनत्सुजातको एक मानकर चार ही कहा गया है। कहते हैं कि जब ब्रह्मासे पाँच पर्वो...

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श्री हनुमान् जी By Renu

यत्र यत्र रघुनाथकीर्तनं तत्र तत्र कृतमस्तकाञ्जलिम्। बाष्पवारिपरिपूर्णलोचनं मारुतिं नमत राक्षसान्तकम् ॥ प्रनवउँ पवनकुमार खल बन पावक ग्यानघन। जासु हृदय आगार बसहिं राम सर चाप धर॥ भगवा...

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श्री द्रौपदी जी By Renu

द्रोणाचार्यको गुरुदक्षिणा देनेके लिये अर्जुनने द्रुपदको पराजित कर दिया। यद्यपि आचार्य द्रोणने द्रुपदको पाशमुक्त करके केवल आधा राज्य लेकर मित्र बना लिया, परंतु वे इस अपमानको भूल न स...

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प्रफुल्ल कथा - 22 By Prafulla Kumar Tripathi

पाठकों ,आत्मकथा अधूरी रहेगी अगर मैं उस घटना का जिक्र नहीँ करूंगा जिसमें मुझे देश के प्रतिष्ठित औद्योगिक घराने टाटा ने सम्मानित किया था। अखिल भारतीय स्तर पर सम्पन्न प्रतियोगिता में...

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श्री सतीजी By Renu

पतिव्रता स्त्रियों में सबसे पहले दक्ष-कन्या सतीका नाम लिया जाता है। वे ही साध्वी स्त्रियोंकी आदर्श हैं। उन्हींके नामपर अन्य पतिव्रता स्त्रियाँ भी 'सती' की उपाधिसे विभूषित ह...

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भक्तिमती श्री करमैती By Renu

श्रीकरमैतीजी इस घोर कलिकालमें उत्पन्न होकर भी सर्वथा निष्कलंक रही। इन्होंने अपने शरीर के पतिके प्रति नश्वर प्रेमको छोड़कर आत्मा के पति भगवान् श्रीकृष्णचन्द्र के श्रीचरणोंमें सच्चा...

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श्री जनक जी By Renu

श्रीजनकजी निमिवंश में जितने भी राजा हुए सभी ‘जनक’ कहलाते थे, ब्रह्म ज्ञानी होने से इन सबों की विदेह संज्ञा भी थी। किंतु जनक के नाम से अधिक प्रसिद्ध सीताजी के पिता ही हुए हैं। उनका...

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सम्राट् चंद्रगुप्त प्रथम By Mohan Dhama

मौर्यों की ही भाँति गुप्त वंश में भी अनेक महान् वीर तथा पराक्रमी सम्राट् हुए, जिन्होंने इस वंश के प्रभुत्व एवं कीर्ति में अभूतपूर्व वृद्धि की। मौर्यों के पतन के पश्चात् भारत को पुन...

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महावीर लचित बड़फूकन - पार्ट - 8 By Mohan Dhama

जब लचित को शत्रु के सम्भावित आक्रमण की खबर मिली तो वह बीमारी की स्थिति में भी युद्ध के लिये तैयार हो गया। उसे 'आखोई फुटा' ज्वर था । इस भयावह ज्वर में रोगी के शरीर पर चावल क...

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संत श्रीपीपा By Renu

भक्तवर श्री पीपा जी पहले भवानी देवी के भक्त थे। मुक्ति माँगने के लिये आपने देवी का ध्यान किया, देवी ने प्रत्यक्ष दर्शन देकर सत्य बात कही कि मुक्ति देने की शक्ति मुझमें नहीं है, वह...

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नाभदास जी - भक्तमाल के रचियता श्री नाभादास जी By Renu

श्रीनाभाजी का जन्म प्रशंसनीय हनुमान-वंश में हुआ था। आश्चर्यजनक एक नयी बात यह जानिये कि ये जन्म से ही नेत्रहीन थे। जब इनकी आयु पाँच वर्ष की हुई, उसी समय अकाल के दुःख से दुःखित माता...

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बालिपुत्र अंगद By Renu

वनवासके समय भगवती जानकीका अन्वेषण करते हुए मर्यादापुरुषोत्तम ऋष्यमूकपर पहुँचे। वहाँ उन्होंने सुग्रीव से मित्रता की। सुग्रीव का पक्ष लेकर उन्होंने वानरराज बालि को मारा। मरते समय बाल...

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टेगोर साक्षात्कार By Yashvant Kothari

मैं अपने परिवेश के प्रति बहुत ही सतर्क रहता हूं ! -रवीन्द्रनाथ टेगौर . . सर्व श्री बनारसीदास चतुर्वेदी, सुदर्शन, चंद्रगुप्त विद्यालंकार तथा श्रीमती सत्यवती देवी ने रवींद्रनाथ ठाकुर...

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