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Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Biography in All books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cultures....Read More


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વિજય બારસે By Tr. Mrs. Snehal Jani

ધારાવાહિક:- આપણાં મહાનુભાવોભાગ:- 33મહાનુભાવ:- વિજય બારસેલેખિકા:- શ્રીમતી સ્નેહલ રાજન જાનીફૂટબોલ આ દેશમાં સૌથી વધુ પ્રિય અને રમાતી રમત છે. વળી તે ભારત દેશની રાષ્ટ્રીય રમત પણ છે. એક...

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सम्राट् कनिष्क By Mohan Dhama

कनिष्क कुषाण वंश का तृतीय एवं सर्वाधिक प्रतिभाशाली शासक था, जो विम के बाद सिंहासनारूढ़ हुआ। कनिष्क इस वंश का सर्वाधिक प्रतापी तथा यशस्वी सम्राट् था, जिसे भारतीय इतिहास में एक महान्...

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यादों की अशर्फियाँ - 2. डेमो लेक्चर्स By Urvi Vaghela

2. डेमो लेक्चर्स सुबह यूं तो सबको प्यारी लगती है पर बचपन की वह सुबह को हमने सबसे ज्यादा धिक्कारा है जब छुट्टियों के बाद सुबह 6 बजे न चाहते हुए मम्मी की लगातार आवाज या उस कमबख्त अला...

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निश्छल आत्मीयता - संस्मरण By Sudhir Srivastava

7 अप्रैल 2024 को गोरखपुर एक साहित्यिक आयोजन में आमंत्रित किया गया था। स्वास्थ्य को लेकर बहुत आश्वस्त तो नहीं था। लेकिन माँ शारदे की ऐसी कृपा हुई कि उक्त तिथि से कूछ दिन पूर्व मैं अ...

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गोमती, तुम बहती रहना - 1 By Prafulla Kumar Tripathi

अपने जन्म वर्ष 1953 से अपने जीवन की युवावस्था और दाम्पत्य तथा नौकरी शुरुआत तक की अवधि का आत्मगंधी लेखा- जोखा मैंने अपनी आत्मकथा के पहले खंड “ आमी से गोमती तक “ में दे दिया है जिसे...

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फ़िल्म 'दुकान'की प्रेरणा - आनंद की डॉ. नयना पटेल By Neelam Kulshreshtha

[ नीलम कुलश्रेष्ठ ] उनकी आँखों से झर झर आंसू झर रहे हैं, गालों पर बह रहें हैं -नहीं नहीं ये उनके दिल में बिंधी तीखे दंशों की डोरियाँ हैं जो गालों से आगे तक बहकर लगातार आँचल में गिर...

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નસીબવંતા ટીડા જોશી By કહાની નંબર વન

નસીબવંતા ટીડા જોશી એક રાજ્યમાં ટીડા જોશી નામના જ્યોતિષ રહેતા હતા. તે લોકોને કહેતા કે તે બધું જ જાણે છે. તે બધાનું ભવિષ્ય કહી શકે છે. તે ઘણા જ નસીબદાર હતા આથી જયારે પણ તે ભવિષ્ય કહે...

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कर्नाटक का हिंदी का सूरज : बी. एस. शांता बाई By Neelam Kulshreshtha

साक्षात्कार " कर्नाटक का हिंदी का सूरज : बी. एस. शांता बाई " [ नीलम कुलश्रेष्ठ  ] [ 15 मार्च 2024 को 97 की उम्र में निधन ] “हिंदी राजभाषा है तो राष्ट्रभाषा क्यों नहीं बन...

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સેમ બહાદુર - જનરલ સામ માણેકશા By Bipin Ramani

સામ હોરમૂસજી ફરામજી જમશેદજી માણેકશા (૩ એપ્રિલ, ૧૯૧૪ – ૨૭ જૂન, ૨૦૦૮) જે સામ માણેકશા અને સેમ બહાદુર ("સેમ ધ બ્રેવ") તરીકે વ્યાપકપણે જાણીતા હતા, તેઓ ૧૯૭૧ના ભારત-પાકિસ્તાની યુદ્ધ દરમિય...

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श्री विष्णुपुरी जी By Renu

श्रीविष्णुपुरीजीने कलियुगके प्रपंची जीवोंके कल्याणके लिये बड़े भारी खजानेको (भक्तिको) इकट्ठा किया। उन्होंने वैष्णवधर्मको ही सर्वश्रेष्ठ माना। अन्य अवैदिक धर्मोकी ओर देखा भी नहीं। ज...

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पाण्डु By Renu

सत्यवती के चित्रांगद और विचित्रवीर्य नामक दो पुत्र हुये। जब चित्रांगद और विचित्रवीर्य के छोटे ही थे तभी शान्तनु का स्वर्गवास हो गया था इसलिये उनका पालन पोषण भीष्म ने किया। भीष्म ने...

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कुन्ती By Renu

महाभारत के प्रमुख पात्रों में से एक हैं। वे वसुदेव की बहन और भगवान श्रीकृष्ण की बुआ थीं। महाराज कुन्तिभोज से इनके पिता की मित्रता थी। कुन्तीभोज की कोई सन्तान नहीं थी, अत: ये कुन्ति...

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महाकवि श्री जयदेव जी By Renu

एक महाकवि श्रीजयदेवजी संस्कृतके कविराजोंके राजा चक्रवर्ती-सम्राट् थे। शेष दूसरे सभी कवि आपके सामने छोटे-बड़े राजाओंके समान थे। आपके द्वारा रचित 'गीतगोविन्द' महाकाव्य तीनों...

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श्री नामदेव जी By Renu

जल-थल और अग्नि आदिमें सर्वत्र अपने इष्टका ही दर्शन करूंगा—यह प्रतिज्ञा श्रीनामदेवजीकी उसी प्रकार निभी, जैसे कि त्रेतायुगमें नरसिंहभगवान्‌के दास श्रीप्रह्लादजीकी निभी थी। बचपनमें ही...

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श्री शंकराचार्य जी By Renu

शंकरावतार भगवान् श्री शंकराचार्य के जन्म समय के सम्बन्ध में बड़ा मतभेद है। कुछ लोगों के मतानुसार ईसा से पूर्व की छठी शताब्दी से लेकर नवम शताब्दी पर्यन्त किसी समय इनका आविर्भाव हुआ...

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प्रफुल्ल कथा - 23 By Prafulla Kumar Tripathi

आकाशवाणी इलाहाबाद केंद्र पर जबरन दूसरी बार भेज दिए जाने और उस अवधि में वहाँ बेमन से काम करने के बाद मैनें 13 जुलाई 1984 को समान पद पर आकाशवाणी गोरखपुर ज्वाइन कर लिया | यहाँ मेरे सह...

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अचार्य पण्डित हंस नाथ मणि By नंदलाल मणि त्रिपाठी

मुर्द्वन्व विद्वान संत योगी विलक्षण व्यक्तित्व आचार्य पण्डित हंस नाथ मणि त्रिपाठी--संदर्भ---अनूठा व्यक्तित्वसंसार और समय अपनी गति की निरंतरता से चलते रहते है जहाँ करोड़ो प्राणि जन्म...

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फ़िल्मों की महिला संगीतकार ऊषा खन्ना By Neelam Kulshreshtha

[40 वर्ष तक फ़िल्मी गीतों को संगीत बद्ध करने वाली अकेली महिला फ़िल्म संगीतकार ] नीलम कुलश्रेष्ठ कहते हैं दुनियाँ में किसी के जाने के बाद कोई जगह नहीं खाली रहती लेकिन ऐसा हो गया है। स...

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वो फिर नही आते - Revealing Rajesh Khanna By Manish Dixit

१९६० दशक के शुरुवाती सालो तक "मुग़ल ए आझ़म", "मदर इंडिया" और "प्यासा" जैसी बेहतरीन फिल्मों ने हिंदी फिल्म जगत में तहलका मचा दिया था।१९५७ में आई मदर इंडिया हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की...

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ધંધાની વાત - ભાગ 7 (છેલ્લો ભાગ) By Kandarp Patel

લક્ષ્મી નારાયણ મિત્તલ ‘કોલ્ડ સ્ટીલ’ આર્સેલર મિત્તલ(ધ મેન વિથ એ મિશન) ‘મહત્વાકાંક્ષા ઉંચી રાખો, પરંતુ કદમ નાના માંડો.જીવનમાં ઈંટ પર ઈંટ મૂકાય તો જ આકાર ઘડાય.&rsquo...

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खुशी महसूस करें।  By Bharat(Raj)

अंतर्मन को पुनर्जीवित कैसे करें, जबकि पहले से ही अपनी आत्मा को उजागर करने के सारे रास्ते बंद करके रखें हो। और क्या अंतर्मन को पूरी तरह से खोल कर रख देने से अपना जीवन आनंदित हो उठेग...

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जीवन जोशी साहित्य के अमर अमिट हस्ताक्षर By नंदलाल मणि त्रिपाठी

जीवन परिचय- ( क)-जन्म -लीलाधर जोशी न्याय विभाग में मुंसिफ पद पर कार्यरत थे जिला शहर उनका ताबादला होता रहता था सफीपुर जिला उन्नाव उत्तर प्रदेश में उन दिनों तैनाती थी जब 23 अगस्त सन...

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बचपन सवाल करता.... By Bharat(Raj)

आज कुछ ऐसा हुआ जो मै ना लिखूँ तो यह बचपन पर मेरा कुठारधात होगा।मै लिखना चाहता हु शायाद आप के बच्चे भी, कुछ ऐसा ही सोचते होंगे या फिर ऐसे सवाल का कभी ना कभी आपने भी सामने किया होगा।...

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आत्मकथा ... By Bharat(Raj)

मै जो लिख रहा हु, वो कोई काल्पनिक कहानी नहीं है। मेरे जीवन का कड़वा सच है ।जिसे मैंने और मेरी माँ ने जिया है। यह उस जमाने की बात है, जब मोबाईल फोन नहीं हुआ करते थे। मेरी माँ जो की अ...

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संविधान शिल्पी बाबा साहब By नंदलाल मणि त्रिपाठी

संविधान शिल्पी - बाबा साहब 1-जन्म बचपन एवं शिक्षा -बाबा साहब भीम राव अंबेडकर भारतीय इतिहास के ऐसे विराट व्यक्तित्व जिनके बिना ना तो वर्तमान भारत कल्पनीय है ना ही भारत कि स्वतंत्रता...

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आरम्भ... By Bharat(Raj)

आरम्भ..... आरंभ कहा से करे? जीवन की उन ऊंचाइयों को छुने का। जिसका न रास्ता, न लक्ष्य, न कमजोरियां और न ही मजबूतिया का कोई ज्ञान हो। प्रतिदिन हजारो विचार मन मे आते है । पर कौन से वि...

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नेता जी (शोध लेख) By नंदलाल मणि त्रिपाठी

1-साहित्य के आलोक में नेता जी-नेता जी सुभाष चन्द्र बोस का जन्म 1897 में कटक में जानकी नाथ बोस की 14 संन्तानो में नवी संतान के रूप में हुआ1-साहित्य के आलोक में नेता जी-नेता जी सुभाष...

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डॉ निशंक बहुआयामी व्यक्तित्व By नंदलाल मणि त्रिपाठी

डॉ निशंक जी का दैदीप्यमान बहुआयामी व्यक्तित्व -(A)-जीवन परिचय -रमेश पोखरियाल निशंक किसी परिचय सम्मान के मोहताज नही जैसा की नाम है निशंक निडर वेवाक विद्वत मनीषी पुरुषार्थ पराक्रम ऊर...

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गुरु गोविंद सिंह एक आगळे वेगळे व्यक्तीमत्व By Ankush Shingade

गुरु गोविंदसिंह-:एक आगळे वेगळे व्यक्तीमत्व २० जानेवारी गुरू गोविंदसिंह जयंती विशेष गुरु गोविंदसिंह हे एक आगळेवेगळे व्यक्तीमत्व होते. असे म्हटल्यास आतिशयोक्ती होणार नाही. त्याचं कार...

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असमर्थों का बल समर्थ रामदास - भाग 27 By ՏᎪᎠᎻᎪᏙᏆ ՏOΝᎪᎡᏦᎪᎡ ⸙

सत्वगुण लक्षण सारइंसान की युद्ध करने की वृत्ति को तमोगुण माना जाता है। लेकिन वही युद्ध अगर सत्य के लिए, किसी की रक्षा के लिए, दुष्टों का संहार करने के लिए किया जाए तो यह सत्वगुण लक...

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गगन--तुम ही तुम हो मेरे जीवन मे - 17 By Kishanlal Sharma

घण्टे पर घण्टे बीत रहे थे।लेकिन पत्नी की डिलीवरी नही हुई।बाहर मैं और माँ परेशान थे।अंदर कोई जा नही सकता था।दर्द और पीड़ा से औरते कराह रही थी।लेकिन पत्नी दर्द को सहन करके पड़ी थी।जब त...

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संत श्री कबीरदास By Renu

श्रीकबीरदासने भक्तिहीन षड्दर्शन एवं वर्णाश्रम धर्मको मान्यता नहीं दी। वे भक्ति से विरुद्ध धर्मको अधर्म ही कहते थे। उन्होंने बिना भजनके योग, यज्ञ, व्रत और दान आदि को व्यर्थ सिद्ध कि...

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श्री सनकादि ऋषि By Renu

सनक, सनन्दन, सनातन, सनत्कुमार और सनत्सुजात—ये पाँचों ही ब्रह्माके मानस पुत्र हैं। कहीं-कहीं सनत्कुमार और सनत्सुजातको एक मानकर चार ही कहा गया है। कहते हैं कि जब ब्रह्मासे पाँच पर्वो...

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श्री हनुमान् जी By Renu

यत्र यत्र रघुनाथकीर्तनं तत्र तत्र कृतमस्तकाञ्जलिम्। बाष्पवारिपरिपूर्णलोचनं मारुतिं नमत राक्षसान्तकम् ॥ प्रनवउँ पवनकुमार खल बन पावक ग्यानघन। जासु हृदय आगार बसहिं राम सर चाप धर॥ भगवा...

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વિજય બારસે By Tr. Mrs. Snehal Jani

ધારાવાહિક:- આપણાં મહાનુભાવોભાગ:- 33મહાનુભાવ:- વિજય બારસેલેખિકા:- શ્રીમતી સ્નેહલ રાજન જાનીફૂટબોલ આ દેશમાં સૌથી વધુ પ્રિય અને રમાતી રમત છે. વળી તે ભારત દેશની રાષ્ટ્રીય રમત પણ છે. એક...

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सम्राट् कनिष्क By Mohan Dhama

कनिष्क कुषाण वंश का तृतीय एवं सर्वाधिक प्रतिभाशाली शासक था, जो विम के बाद सिंहासनारूढ़ हुआ। कनिष्क इस वंश का सर्वाधिक प्रतापी तथा यशस्वी सम्राट् था, जिसे भारतीय इतिहास में एक महान्...

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यादों की अशर्फियाँ - 2. डेमो लेक्चर्स By Urvi Vaghela

2. डेमो लेक्चर्स सुबह यूं तो सबको प्यारी लगती है पर बचपन की वह सुबह को हमने सबसे ज्यादा धिक्कारा है जब छुट्टियों के बाद सुबह 6 बजे न चाहते हुए मम्मी की लगातार आवाज या उस कमबख्त अला...

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निश्छल आत्मीयता - संस्मरण By Sudhir Srivastava

7 अप्रैल 2024 को गोरखपुर एक साहित्यिक आयोजन में आमंत्रित किया गया था। स्वास्थ्य को लेकर बहुत आश्वस्त तो नहीं था। लेकिन माँ शारदे की ऐसी कृपा हुई कि उक्त तिथि से कूछ दिन पूर्व मैं अ...

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गोमती, तुम बहती रहना - 1 By Prafulla Kumar Tripathi

अपने जन्म वर्ष 1953 से अपने जीवन की युवावस्था और दाम्पत्य तथा नौकरी शुरुआत तक की अवधि का आत्मगंधी लेखा- जोखा मैंने अपनी आत्मकथा के पहले खंड “ आमी से गोमती तक “ में दे दिया है जिसे...

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फ़िल्म 'दुकान'की प्रेरणा - आनंद की डॉ. नयना पटेल By Neelam Kulshreshtha

[ नीलम कुलश्रेष्ठ ] उनकी आँखों से झर झर आंसू झर रहे हैं, गालों पर बह रहें हैं -नहीं नहीं ये उनके दिल में बिंधी तीखे दंशों की डोरियाँ हैं जो गालों से आगे तक बहकर लगातार आँचल में गिर...

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નસીબવંતા ટીડા જોશી By કહાની નંબર વન

નસીબવંતા ટીડા જોશી એક રાજ્યમાં ટીડા જોશી નામના જ્યોતિષ રહેતા હતા. તે લોકોને કહેતા કે તે બધું જ જાણે છે. તે બધાનું ભવિષ્ય કહી શકે છે. તે ઘણા જ નસીબદાર હતા આથી જયારે પણ તે ભવિષ્ય કહે...

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कर्नाटक का हिंदी का सूरज : बी. एस. शांता बाई By Neelam Kulshreshtha

साक्षात्कार " कर्नाटक का हिंदी का सूरज : बी. एस. शांता बाई " [ नीलम कुलश्रेष्ठ  ] [ 15 मार्च 2024 को 97 की उम्र में निधन ] “हिंदी राजभाषा है तो राष्ट्रभाषा क्यों नहीं बन...

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સેમ બહાદુર - જનરલ સામ માણેકશા By Bipin Ramani

સામ હોરમૂસજી ફરામજી જમશેદજી માણેકશા (૩ એપ્રિલ, ૧૯૧૪ – ૨૭ જૂન, ૨૦૦૮) જે સામ માણેકશા અને સેમ બહાદુર ("સેમ ધ બ્રેવ") તરીકે વ્યાપકપણે જાણીતા હતા, તેઓ ૧૯૭૧ના ભારત-પાકિસ્તાની યુદ્ધ દરમિય...

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श्री विष्णुपुरी जी By Renu

श्रीविष्णुपुरीजीने कलियुगके प्रपंची जीवोंके कल्याणके लिये बड़े भारी खजानेको (भक्तिको) इकट्ठा किया। उन्होंने वैष्णवधर्मको ही सर्वश्रेष्ठ माना। अन्य अवैदिक धर्मोकी ओर देखा भी नहीं। ज...

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पाण्डु By Renu

सत्यवती के चित्रांगद और विचित्रवीर्य नामक दो पुत्र हुये। जब चित्रांगद और विचित्रवीर्य के छोटे ही थे तभी शान्तनु का स्वर्गवास हो गया था इसलिये उनका पालन पोषण भीष्म ने किया। भीष्म ने...

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कुन्ती By Renu

महाभारत के प्रमुख पात्रों में से एक हैं। वे वसुदेव की बहन और भगवान श्रीकृष्ण की बुआ थीं। महाराज कुन्तिभोज से इनके पिता की मित्रता थी। कुन्तीभोज की कोई सन्तान नहीं थी, अत: ये कुन्ति...

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महाकवि श्री जयदेव जी By Renu

एक महाकवि श्रीजयदेवजी संस्कृतके कविराजोंके राजा चक्रवर्ती-सम्राट् थे। शेष दूसरे सभी कवि आपके सामने छोटे-बड़े राजाओंके समान थे। आपके द्वारा रचित 'गीतगोविन्द' महाकाव्य तीनों...

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श्री नामदेव जी By Renu

जल-थल और अग्नि आदिमें सर्वत्र अपने इष्टका ही दर्शन करूंगा—यह प्रतिज्ञा श्रीनामदेवजीकी उसी प्रकार निभी, जैसे कि त्रेतायुगमें नरसिंहभगवान्‌के दास श्रीप्रह्लादजीकी निभी थी। बचपनमें ही...

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श्री शंकराचार्य जी By Renu

शंकरावतार भगवान् श्री शंकराचार्य के जन्म समय के सम्बन्ध में बड़ा मतभेद है। कुछ लोगों के मतानुसार ईसा से पूर्व की छठी शताब्दी से लेकर नवम शताब्दी पर्यन्त किसी समय इनका आविर्भाव हुआ...

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प्रफुल्ल कथा - 23 By Prafulla Kumar Tripathi

आकाशवाणी इलाहाबाद केंद्र पर जबरन दूसरी बार भेज दिए जाने और उस अवधि में वहाँ बेमन से काम करने के बाद मैनें 13 जुलाई 1984 को समान पद पर आकाशवाणी गोरखपुर ज्वाइन कर लिया | यहाँ मेरे सह...

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अचार्य पण्डित हंस नाथ मणि By नंदलाल मणि त्रिपाठी

मुर्द्वन्व विद्वान संत योगी विलक्षण व्यक्तित्व आचार्य पण्डित हंस नाथ मणि त्रिपाठी--संदर्भ---अनूठा व्यक्तित्वसंसार और समय अपनी गति की निरंतरता से चलते रहते है जहाँ करोड़ो प्राणि जन्म...

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फ़िल्मों की महिला संगीतकार ऊषा खन्ना By Neelam Kulshreshtha

[40 वर्ष तक फ़िल्मी गीतों को संगीत बद्ध करने वाली अकेली महिला फ़िल्म संगीतकार ] नीलम कुलश्रेष्ठ कहते हैं दुनियाँ में किसी के जाने के बाद कोई जगह नहीं खाली रहती लेकिन ऐसा हो गया है। स...

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वो फिर नही आते - Revealing Rajesh Khanna By Manish Dixit

१९६० दशक के शुरुवाती सालो तक "मुग़ल ए आझ़म", "मदर इंडिया" और "प्यासा" जैसी बेहतरीन फिल्मों ने हिंदी फिल्म जगत में तहलका मचा दिया था।१९५७ में आई मदर इंडिया हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की...

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લક્ષ્મી નારાયણ મિત્તલ ‘કોલ્ડ સ્ટીલ’ આર્સેલર મિત્તલ(ધ મેન વિથ એ મિશન) ‘મહત્વાકાંક્ષા ઉંચી રાખો, પરંતુ કદમ નાના માંડો.જીવનમાં ઈંટ પર ઈંટ મૂકાય તો જ આકાર ઘડાય.&rsquo...

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खुशी महसूस करें।  By Bharat(Raj)

अंतर्मन को पुनर्जीवित कैसे करें, जबकि पहले से ही अपनी आत्मा को उजागर करने के सारे रास्ते बंद करके रखें हो। और क्या अंतर्मन को पूरी तरह से खोल कर रख देने से अपना जीवन आनंदित हो उठेग...

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जीवन जोशी साहित्य के अमर अमिट हस्ताक्षर By नंदलाल मणि त्रिपाठी

जीवन परिचय- ( क)-जन्म -लीलाधर जोशी न्याय विभाग में मुंसिफ पद पर कार्यरत थे जिला शहर उनका ताबादला होता रहता था सफीपुर जिला उन्नाव उत्तर प्रदेश में उन दिनों तैनाती थी जब 23 अगस्त सन...

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बचपन सवाल करता.... By Bharat(Raj)

आज कुछ ऐसा हुआ जो मै ना लिखूँ तो यह बचपन पर मेरा कुठारधात होगा।मै लिखना चाहता हु शायाद आप के बच्चे भी, कुछ ऐसा ही सोचते होंगे या फिर ऐसे सवाल का कभी ना कभी आपने भी सामने किया होगा।...

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आत्मकथा ... By Bharat(Raj)

मै जो लिख रहा हु, वो कोई काल्पनिक कहानी नहीं है। मेरे जीवन का कड़वा सच है ।जिसे मैंने और मेरी माँ ने जिया है। यह उस जमाने की बात है, जब मोबाईल फोन नहीं हुआ करते थे। मेरी माँ जो की अ...

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संविधान शिल्पी बाबा साहब By नंदलाल मणि त्रिपाठी

संविधान शिल्पी - बाबा साहब 1-जन्म बचपन एवं शिक्षा -बाबा साहब भीम राव अंबेडकर भारतीय इतिहास के ऐसे विराट व्यक्तित्व जिनके बिना ना तो वर्तमान भारत कल्पनीय है ना ही भारत कि स्वतंत्रता...

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आरम्भ... By Bharat(Raj)

आरम्भ..... आरंभ कहा से करे? जीवन की उन ऊंचाइयों को छुने का। जिसका न रास्ता, न लक्ष्य, न कमजोरियां और न ही मजबूतिया का कोई ज्ञान हो। प्रतिदिन हजारो विचार मन मे आते है । पर कौन से वि...

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नेता जी (शोध लेख) By नंदलाल मणि त्रिपाठी

1-साहित्य के आलोक में नेता जी-नेता जी सुभाष चन्द्र बोस का जन्म 1897 में कटक में जानकी नाथ बोस की 14 संन्तानो में नवी संतान के रूप में हुआ1-साहित्य के आलोक में नेता जी-नेता जी सुभाष...

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डॉ निशंक बहुआयामी व्यक्तित्व By नंदलाल मणि त्रिपाठी

डॉ निशंक जी का दैदीप्यमान बहुआयामी व्यक्तित्व -(A)-जीवन परिचय -रमेश पोखरियाल निशंक किसी परिचय सम्मान के मोहताज नही जैसा की नाम है निशंक निडर वेवाक विद्वत मनीषी पुरुषार्थ पराक्रम ऊर...

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गुरु गोविंद सिंह एक आगळे वेगळे व्यक्तीमत्व By Ankush Shingade

गुरु गोविंदसिंह-:एक आगळे वेगळे व्यक्तीमत्व २० जानेवारी गुरू गोविंदसिंह जयंती विशेष गुरु गोविंदसिंह हे एक आगळेवेगळे व्यक्तीमत्व होते. असे म्हटल्यास आतिशयोक्ती होणार नाही. त्याचं कार...

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असमर्थों का बल समर्थ रामदास - भाग 27 By ՏᎪᎠᎻᎪᏙᏆ ՏOΝᎪᎡᏦᎪᎡ ⸙

सत्वगुण लक्षण सारइंसान की युद्ध करने की वृत्ति को तमोगुण माना जाता है। लेकिन वही युद्ध अगर सत्य के लिए, किसी की रक्षा के लिए, दुष्टों का संहार करने के लिए किया जाए तो यह सत्वगुण लक...

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गगन--तुम ही तुम हो मेरे जीवन मे - 17 By Kishanlal Sharma

घण्टे पर घण्टे बीत रहे थे।लेकिन पत्नी की डिलीवरी नही हुई।बाहर मैं और माँ परेशान थे।अंदर कोई जा नही सकता था।दर्द और पीड़ा से औरते कराह रही थी।लेकिन पत्नी दर्द को सहन करके पड़ी थी।जब त...

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संत श्री कबीरदास By Renu

श्रीकबीरदासने भक्तिहीन षड्दर्शन एवं वर्णाश्रम धर्मको मान्यता नहीं दी। वे भक्ति से विरुद्ध धर्मको अधर्म ही कहते थे। उन्होंने बिना भजनके योग, यज्ञ, व्रत और दान आदि को व्यर्थ सिद्ध कि...

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श्री सनकादि ऋषि By Renu

सनक, सनन्दन, सनातन, सनत्कुमार और सनत्सुजात—ये पाँचों ही ब्रह्माके मानस पुत्र हैं। कहीं-कहीं सनत्कुमार और सनत्सुजातको एक मानकर चार ही कहा गया है। कहते हैं कि जब ब्रह्मासे पाँच पर्वो...

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श्री हनुमान् जी By Renu

यत्र यत्र रघुनाथकीर्तनं तत्र तत्र कृतमस्तकाञ्जलिम्। बाष्पवारिपरिपूर्णलोचनं मारुतिं नमत राक्षसान्तकम् ॥ प्रनवउँ पवनकुमार खल बन पावक ग्यानघन। जासु हृदय आगार बसहिं राम सर चाप धर॥ भगवा...

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