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Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Magazine in All books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cultures. T...Read More


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શક્તિ પર્વ - નવરાત્રી By Thummar Komal

નવરાત્રિના દિવસો ચાલી રહ્યા છે. આપણા શાસ્ત્રો અનુસાર આમ તો મૂળ ચાર નવરાત્રી નો ઉલ્લેખ છે. પરંતુ જે આસો મહિનાના પ્રથમ દિવસે શરૂ થાય છે એ નવરાત્રી વિશ્વવિખ્યાત છે. એમાં પણ ગરબા ના ના...

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છૂટાછેડા - ફારગતી કે દુર્ગતિ By Thummar Komal

હમણા જ આપણે સૌએ ગણપતિ વિસર્જનની ધામધૂમથી ઉજવણી કરી. ઘર, સમાજ, સોસાયટી, સંસ્થાઓ અને સોશિયલ મીડિયા પ્લેટફોર્મ પર આપણે જોયું કે ગણપતિની મૂર્તિ નું વિસર્જન કરતા કેટલાય લોકોની આંખોમાં આ...

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લેખાકૃતી - 1 By Story cafe

લેખ : ૦૧મારો સખા : મૃત્યુજ્યારે હું કોઈના પણ મૃત્યુ નાં સમાચાર સાંભળુ ત્યારે મને ધ્યાન પડે કે, મૌત હજુ જુવે છે. નક્કર મારા રોજિંદા જીવનમાં મૃત્યુનું નામ જ સાંભળવા મળે નથી. કારણ કે,...

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हिन्दी दिवस १४ सितंबर By Abhishek Chaturvedi

हिन्दी दिवस हर वर्ष 14 सितंबर को मनाया जाता है, और इसके पीछे एक रोचक ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है जो हमारे देश की विविधता और सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाती है। इस अवसर से जुड़ी एक महत्वपूर्ण...

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ટચૂકડી ક્ષણ છે જીંદગી By Thummar Komal

થોડા દિવસો પહેલા મારા કાકા નું નાની ઉંમર માં હાર્ટ એટેક આવવાથી અવસાન થઈ ગયું. મારા કાકી રડતા રડતા બોલ્યા કે અમે આખી જિંદગી જઘડો જ કર્યો છે. નિર્જીવ પડેલા શરીરના પગ પકડીને માફી માગત...

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આત્મા નો આનંદ - નિજાનંદ By Thummar Komal

મુંબઈ હાઇવે પર સડસડાટ ચાલી રહેલી ચકચકિત લેમ્બોર્ગીની ટોલ પ્લાઝા નજીક આવતા બ્રેક લગાવે છે. ગાડીઓની કતાર લાંબી હોવાથી કારચાલક ગાડી થોભાવે છે. એવામાં એક બાર તેર વર્ષનો છોકરો હાથમાં થો...

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कुछ सवाल खुद से By ArUu

कुछ लोग या कहूं भारत में अधिकांश लोग ये कहते हुए बहुत गर्व महसूस करते है की हम हिंदू है ।उनसे जब हिंदू का अर्थ पूछे तो वो कहेंगे भाई हम तो हिंदू है बस। कुछ लोग तो घनघोर बगावत कर जा...

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The battle of - You vs You By muhammad Kamal

hello there,it's me Muhammad Kamal the content writer have a past 23 experiences in life, today I am here with an interesting topic"you vs you"which I got from my past life. be...

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Hey there By Amit

Love is a set of emotions, behaviors, and beliefs with strong feelings of affection. So, for example, a person might say he or she loves his or her dog, loves freedom, or loves God...

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मणिपुर By ABHAY SINGH

राहुल गांधी और अखिलेश यादव की रॉकिंग स्पीच के बीच इस महत्वपूर्ण भाषण को सुना जाना चाहिए। ●●भारत का इतिहास बाहरी आक्रमणों से भरा पड़ा है। और इसका इपीसेन्टर, उत्तर पश्चिम के खैबर दर्...

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वळु चे घर By Xiaoba sagar

### वाळूचे घर: नाशवंततेची आणि सत्यतेची ओळखवाळूचे घर, एक साधी संकल्पना असूनही, मानवी जीवनाच्या विविध पैलूंवर अधोरेखित करणारे प्रतिक आहे. वाळूचे घर हे तात्पुरते, नाशवंत, आणि अपरिहार्...

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संवर रहा है वृन्दाबन की बंगाली विधवाओं [माइयों]का जीवन By Neelam Kulshreshtha

[नीलम कुलश्रेष्ठ ] कहतें हैं लेखकों के काम की कीमत उनके मरने के, दुनियाँ से जाने के बाद पहचानी जाती है किन्तु मैं बेहद खुश हूँ, बेहद.क्योंकि मैंने वृन्दाबन की माइयों [बंगाली विधवाओ...

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અગ્નિકાંડ By Parth Prajapati

ક્યારેક ગરમ પાણીથી કે અગરબત્તીના તણખાથી દાઝ્યા છો? એક આંગળી પણ દાઝે તો કેવી બળતરા થાય...! ઉનાળાની કાળઝાળ ગરમીમાં માત્ર 45 ડીગ્રી તાપમાનમાં બહાર નીકળતાં આપણે તોબા પોકારી જઈએ છીએ, ત્...

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प्रारब्ध का सत्य By नंदलाल मणि त्रिपाठी

होनी एव संयोग एक दूसरे के सहोदर है जो प्रारब्ध कि प्रेरणा है लेकिन इन तीनो को कर्म ज्ञान और सत्य से परिवर्तित किया जा सकता है।प्रस्तुत कहानी में सुभद्रा से अजुर्न को किसी संतान का...

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The Timeless Wisdom of the Gita - Chapter 3 By Chandni Virani

Over the next few weeks, Arjun found himself immersed in a series of thoughtful discussions with Krishnan, as the older man gently guided him through the timeless wisdom of the Bha...

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नर नारायण By नंदलाल मणि त्रिपाठी

नर नारायण--ब्रह्मांड के दो प्रमुख अवयव है जो परब्रम्ह परमात्मा कि कल्पना रचना कि वास्तविकता है प्रथम प्रकृति है जो ब्रह्मांड का आधार है जिसमे पंच तत्व महाभूतों का सत्यार्थ परिलक्षि...

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સરકારી નોકરી સારી પણ તે જ જોઈએ એવી જીદ ખોટી By Parth Prajapati

આજકાલ દરેક માબાપનું સપનું હોય છે કે તેમનો દીકરો કે દીકરી કોઈ મોટાં સરકારી અધિકારી બને, સરકારના ઉચ્ચ હોદ્દા પર બિરાજે તેમજ પોતાના પરિવાર અને સમાજનું નામ ઉજ્જવળ કરે. આ ઘેલછાને કારણે...

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અપરાજિતા સાયબર સુરક્ષા - ભાગ 1 By Zala Dhrey

"સાયબર ક્રાઈમ” આજના ટેક્નોલોજીના યુગમાં ખૂબ જ ઝડપથી વધી રહ્યો છે. આથી નાગરિકોએ સાયબર ગુનાઓથી બચવા કેવા પ્રકારની તકેદારી રાખવી અને આવા ગુનાનો ભોગ ન બને તે અંગે આ વાર્તા સ્વરૂપ માં મ...

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જમણવારના પાસ By RIZWAN KHOJA

જમણવારના પાસ   હાલ ફાગણ માસ ચાલે છે ને અત્યાર થી જ ગુજરાતમાં ગરમીનું પ્રમાણ વધવાનું ચાલુ થઇ ગયું છે ને હવે પછી ચૈત્રને વૈશાખ આવશે ત્યારે તો ગરમીનો પારો ખુબ ઉંચો હશે ને વળી ગુજરાતમા...

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कचरा By Gajendra Kudmate

नमस्कार मित्रांनो, पुन्हा आपली भेट होत आहे. आजवरचा आपला प्रवास म्हणजे तुमचा आणि माझ्या नात्याचा अर्थात मैत्रीचा नात्याचा प्रवास हा फारच उत्तम आणि हवाहवासा वाटणारा असा होत आहे. ईश्व...

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ખોરવાઇ માનવતા By vaani manundra

મહામારી ટાણે ખોરવાયેલી માનવતા ...!!! મિત્રો કહેવાય છે મંદિરોની દીવાલે જેટલી દુઆ નથી સાંભળી તેટલી હાલ ના સમય માં હોસ્પિટલમાં સંભળાય છે.કોરોનાની મહામારીમાં જનજીવન બેબાકળું બની ગયું છ...

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The Corrupted President Xi Jingping and who is his original daughter By Khandaker Sakib Farhad

Xi Jingping is one of the best presidents of China to ever live and during his time the prosperity of China has flourished beyond any human expectations. China has become the panic...

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દર્દી ના ખબરઅંતર કે બખડજંતર ? By RIZWAN KHOJA

દર્દી ના ખબરઅંતર કે બખડજંતર ? આપણે ત્યાં દર્દીના ખબરઅંતર પૂછવા જવાની જે ટેવ તેમજ લાગણી છે એ ખૂબ જ સારી બાબત છે, પણ ઘણી વખત આ લાગણીની જે અતિશયોક્તિ થઈ જાય છે ને તેના લીધે દર્દીનુ દર...

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हिंदी व्यंग्य में स्तम्भ लेखन की भूमिका By Yashwant Kothari

यशवंत कोठारी स्तम्भ लेखन की परिभाषा क्या होनी चाहिए ? एक मित्र के अनुसार किसी पत्रिका के एक स्तम्भ में किसी के एक या दो लेख छप जाये तो वह लेखक स्तम्भकार हो जाता है, मैं इस से सहमत...

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सत्यार्थ -सात भागो में By नंदलाल मणि त्रिपाठी

सत्यार्थ - प्रथमप्राणि के जन्म जीवन की खास बात यह है कि जो उसके निहित स्वार्थ शुख बैभव भोग के तथ्य तत्व माध्यम है उन्हें ना तो वह छोड़ना चाहता ना ही विस्मृत करना चाहता है।अपने निहित...

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परमात्मा और परमार्थ By नंदलाल मणि त्रिपाठी

परमात्मा और परमार्थ -परमात्मा वास्तव में आत्मा कि परम यात्रा का ही सत्यार्थ है या कुछ अन्य आत्मा किवास्तविकता शोध का विषय है या नही अपने आप मे बड़ा प्रश्न है आत्मा परमात्मा दोनों के...

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सोशल मिडिया पर हिन्दी का सुनहरा भविष्य By Yashwant Kothari

यशवंत कोठारी सोशल मीडिया पर हिंसी व् हिंदी सहिय बड़ी तेजी से पैर पसार रहा है. वास्तव में पिछले कुछ वर्षो में इन्टरनेट पर हिन्दी ने अपनी जगह सुरक्षित कर ली है और हिन्दी व अन्य भारतीय...

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The Formula to save lives of Targeted Individuals By Khandaker Sakib Farhad

The targeted individuals are actually placed in the Targeted Watch list, but the strategy they use for this is the Kim Jong Un Strategy where the target is not only the Targeted In...

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जीवन मे सफलता के सिंद्धान्त प्रतिस्पर्धा एव धैर्य By नंदलाल मणि त्रिपाठी

जीवन मे सफलता के सिद्धांत प्रतिस्पर्धा एव धैर्य---प्रतिस्पर्धा ,चुनौती जिन्दंगी के जंग का हिस्सा है जिंदगी जंग है जिंदगी मीत है, जिंदगी खुद की है ,जिंदगी खुद की दुश्मन भी है ।तात्प...

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वैचारिक ऊर्जा By नंदलाल मणि त्रिपाठी

वैचारिक ऊर्जा जीवन दर्शन कि सकारात्मकता का बोध है जो व्यक्ति व्यक्तित्व एव जीवन जन्म की सार्थकता को विचारों के निर्माण से लेकर उसके परिणाम की ऊर्जा उत्साह ईश्वरीय चेतना का सत्त्यार...

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हिंदी एव राष्ट्रीय चेतना By नंदलाल मणि त्रिपाठी

हिंदी एव राष्ट्रीय चेतना---1-हिंदी कविताओं में राष्ट्रीय भक्ति भवना--राष्ट्रीय चेतना प्रेम एव राष्ट्रिय भावना ही राष्ट्रीयता कहलाती है राष्ट्रीयता प्रभाव शाली राष्ट्रीयता का भाव है...

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संस्कारिक क्रांति का शंखनाद By नंदलाल मणि त्रिपाठी

भारत कि मूल संस्कृति के संस्कारिक क्रांति का शंखनाद स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से प्रधान मंत्री के उदगार - छिहत्तरवे स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से प्रधान मं...

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वर्तमान परिपेक्ष्य में भारतीय लोकतंत्र चुनौतीयां एव समाधान By नंदलाल मणि त्रिपाठी

वर्तमान परिपेक्ष्य में भारतीय लोकतंत्र चुनौतियां एव समाधान -लोक तंत्र के वर्तमान स्वरूप को स्थिर करने में चार महत्वपूर्ण क्रांतियों की मुख्य भूमिका है- 1-1668 में इंग्लैंड की रक्तह...

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भारत एव मीडिया By नंदलाल मणि त्रिपाठी

भारत एवं मीडिया -भारत मे मीडिया विकास को मुख्यतः तीन चरणों मे बिभक्त किया जा सकता है 1- पन्द्रहवी सोलहवीं सदी में ईसाई मिशनरियों का धार्मिक साहित्य प्रकाशन करने के लिए प्रिटिंग प्र...

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स्वातंत्र्योत्तर हिंदी उपन्यास साहित्य के विविध आयाम By नंदलाल मणि त्रिपाठी

स्वातंत्रयोत्तर हिंदी उपन्यास साहित्य की विविध आयाम - (क)-उपन्यास क्या है-उपन्यास हिंदी गद्य की एक आधुनिक विधा है इस विधा का हिंदी में प्रदुर्भाव अंग्रेजी साहित्य के प्रभाव के रूप...

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आस्था एव श्रद्धा By नंदलाल मणि त्रिपाठी

आस्था एवं श्रद्धा -आस्था अर्थात अनुभूति का याथार्त आस्था अस्तित्व का वह बोध जो स्वयं के होने के प्रमाण जैसा होता है ।आस्था वह भाव है जो किसी भी अंतर को समाप्त कर एक नई अभिव्यक्ति क...

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श्रद्धा By Gajendra Kudmate

नमस्कार मित्रांनो, आज मी अशाविषयावर माझे मनोगत मांडणार आहे, जोविषय तुमचा माझ्या आणि आपल्यासगळ्या भारतीय बांधवांचाशी निगड़ित आहे आणि असणार. हा विषय आपल्या सगळ्यांच्या ओळखीचा आहे. तो...

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नशा नाश का मार्ग By नंदलाल मणि त्रिपाठी

नशा या नाश का मार्ग - भाग तीनमदिरा, शराब ,वाइन ,लीकर,दारू समय के साथ साथ बदलते नाम लेकिन प्रकृति में कोई बदलाव नही मदिरा महाराज,यानी राजा मतलब सपन्न व्यक्ति के लिये हो सकता है शक्त...

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समाचार जहात में लेख By Yashwant Kothari

आज के दैनिक समाचार जगत के साप्ताहिक स्तम्भ ढूँढाड़ के सर्जक में प्रकाशित मन को झकझोरने वाली तथा असंगतियों पर प्रहार करने वाले व्यंग्य लेखन रचनाकार, शब्द शिल्पी : यशवंत कोठारी आलेख...

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गुजरात में स्वत्तन्त्रता प्राप्ति के बाद का महिला लेखन - 2 By Neelam Kulshreshtha

एपीसोड --2 मेरा सं 2018 में व्यंग संग्रह प्रकाशित हुआ था, ``महिला चटपटी बतकहियाँ `.मुझे नहीं पता गुजरात से हिंदी में किसी महिला का व्यंग संग्रह प्रकाशित हुआ है। हर्ष की बात एक और ह...

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ज्योतिष एवं स्वप्न विवेचना By नंदलाल मणि त्रिपाठी

ज्योतिष एव स्वप्न विवेचना--मनुष्य के जन्म समय काल मे ग्रह नक्षत्रों की जो स्थितियां रहती है ज्योतिष विज्ञान उसके आधर पर उसके जन्म जीवन का आंकलन मूल्यांकन करता है। जो यदि सही ज्योति...

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भारत मे शिक्षा By नंदलाल मणि त्रिपाठी

--- *भारत में शिक्षा * ---- 1- *शिक्षा का महत्व* ----शिक्षा और समाज किसी भी राष्ट्र और उसमे निवास करने वाले समाज की भौतिकता और नैतिकता का निर्धारण उस राष्ट्र के शिक्षा स्तर पर ही न...

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SOCIAL MEDIA AND EMOTIONAL SKILLS OF INDIAN YOUTH By Arya Tiwari

This article discusses the potential effects of social media use on the social and emotional skills of young users in India. It covers what makes social media so powerful and how o...

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भारतीय रेल का वर्तमान एव अतीत By नंदलाल मणि त्रिपाठी

1-भारतीय रेल का वर्तमान एव अतीत---भारत की आजादी के संघर्षो में एव आजादी के बाद भारतीय रेल के योग दान की कदापी अनदेखी नही की जा सकता भारतीय रेल चाहे भारतीय जन का चाहे आजादी का संघर्...

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ચિતન,પાળીયા .. By Manjibhai Bavaliya મનરવ

સુરા પુરાને પાળીયા,આપણું લોક સાહિત્ય અને લોક જીવન માં કસ રહેલો હોય છે .આપણા ખમીર અને ગૌરવ એ આપણી સંસ્કૃતિ ની આગવી વિશેષતા ઓ રહેલી છે .આપણા ઈતિહાસની ગૌરવ ગાથા આજના જમાનામાં પણ અડીખમ...

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अंतर्मन (दैनंदिनी पत्रिका) - 1 By संदीप सिंह (ईशू)

अंतर्मन अर्थात अपने मन की वो असीम गहराई जहां हित, नात , यार, मित्र, समाज, रिश्ते नाते, कार्य, प्रतिभा, विशेष कला, स्वार्थ, साम, दाम, लोभ, दंड, भेद इत्यादि सब से परे जा कर एकाग्रचित...

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पंडित राहुलसंस्कृत्यायन एव बौद्ध दर्शन By नंदलाल मणि त्रिपाठी

पण्डित राहुल सांकृत्यायन एव बौद्ध दर्शन-----जीवन परिचय-----पंडित राहुल सांकृत्यायन को उनकी अन्वेषी प्रबृत्ति उन्हें घुमक्कड़ बनाती विश्व के अनेक संस्कृतियों भाषाओं एव परिवेश को आकर्...

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संत कबीर सत्य के प्रतीक By नंदलाल मणि त्रिपाठी

संन्त कबीर सत्य के प्रतीक----कबीर ऐसे व्यक्तित्व जिनके विषय में स्पष्ट कहा जा सकता है कि संत सत्य निरपेक्षता के जाग्रत परिभाषक़ एवं जन्म जीवन की सार्थकता के क्रम भाष्य थे कबीर को स...

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धैर्य कि दृष्टि धनपत राय कि लेखनी By नंदलाल मणि त्रिपाठी

धैर्य कि दृष्टि धनपत राय की लेखनी -मुंशी प्रेम चन्द्र जी का जन्म 31 जुलाई 1880 को वाराणसी के लमही गाँव मे एक सम्पन्न कायस्थ परिवार में हुआ था ।प्रेम चन्द्र जी उपन्यासकार कहानीकार व...

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શક્તિ પર્વ - નવરાત્રી By Thummar Komal

નવરાત્રિના દિવસો ચાલી રહ્યા છે. આપણા શાસ્ત્રો અનુસાર આમ તો મૂળ ચાર નવરાત્રી નો ઉલ્લેખ છે. પરંતુ જે આસો મહિનાના પ્રથમ દિવસે શરૂ થાય છે એ નવરાત્રી વિશ્વવિખ્યાત છે. એમાં પણ ગરબા ના ના...

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છૂટાછેડા - ફારગતી કે દુર્ગતિ By Thummar Komal

હમણા જ આપણે સૌએ ગણપતિ વિસર્જનની ધામધૂમથી ઉજવણી કરી. ઘર, સમાજ, સોસાયટી, સંસ્થાઓ અને સોશિયલ મીડિયા પ્લેટફોર્મ પર આપણે જોયું કે ગણપતિની મૂર્તિ નું વિસર્જન કરતા કેટલાય લોકોની આંખોમાં આ...

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લેખાકૃતી - 1 By Story cafe

લેખ : ૦૧મારો સખા : મૃત્યુજ્યારે હું કોઈના પણ મૃત્યુ નાં સમાચાર સાંભળુ ત્યારે મને ધ્યાન પડે કે, મૌત હજુ જુવે છે. નક્કર મારા રોજિંદા જીવનમાં મૃત્યુનું નામ જ સાંભળવા મળે નથી. કારણ કે,...

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हिन्दी दिवस १४ सितंबर By Abhishek Chaturvedi

हिन्दी दिवस हर वर्ष 14 सितंबर को मनाया जाता है, और इसके पीछे एक रोचक ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है जो हमारे देश की विविधता और सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाती है। इस अवसर से जुड़ी एक महत्वपूर्ण...

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ટચૂકડી ક્ષણ છે જીંદગી By Thummar Komal

થોડા દિવસો પહેલા મારા કાકા નું નાની ઉંમર માં હાર્ટ એટેક આવવાથી અવસાન થઈ ગયું. મારા કાકી રડતા રડતા બોલ્યા કે અમે આખી જિંદગી જઘડો જ કર્યો છે. નિર્જીવ પડેલા શરીરના પગ પકડીને માફી માગત...

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આત્મા નો આનંદ - નિજાનંદ By Thummar Komal

મુંબઈ હાઇવે પર સડસડાટ ચાલી રહેલી ચકચકિત લેમ્બોર્ગીની ટોલ પ્લાઝા નજીક આવતા બ્રેક લગાવે છે. ગાડીઓની કતાર લાંબી હોવાથી કારચાલક ગાડી થોભાવે છે. એવામાં એક બાર તેર વર્ષનો છોકરો હાથમાં થો...

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कुछ सवाल खुद से By ArUu

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The battle of - You vs You By muhammad Kamal

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Love is a set of emotions, behaviors, and beliefs with strong feelings of affection. So, for example, a person might say he or she loves his or her dog, loves freedom, or loves God...

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मणिपुर By ABHAY SINGH

राहुल गांधी और अखिलेश यादव की रॉकिंग स्पीच के बीच इस महत्वपूर्ण भाषण को सुना जाना चाहिए। ●●भारत का इतिहास बाहरी आक्रमणों से भरा पड़ा है। और इसका इपीसेन्टर, उत्तर पश्चिम के खैबर दर्...

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वळु चे घर By Xiaoba sagar

### वाळूचे घर: नाशवंततेची आणि सत्यतेची ओळखवाळूचे घर, एक साधी संकल्पना असूनही, मानवी जीवनाच्या विविध पैलूंवर अधोरेखित करणारे प्रतिक आहे. वाळूचे घर हे तात्पुरते, नाशवंत, आणि अपरिहार्...

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संवर रहा है वृन्दाबन की बंगाली विधवाओं [माइयों]का जीवन By Neelam Kulshreshtha

[नीलम कुलश्रेष्ठ ] कहतें हैं लेखकों के काम की कीमत उनके मरने के, दुनियाँ से जाने के बाद पहचानी जाती है किन्तु मैं बेहद खुश हूँ, बेहद.क्योंकि मैंने वृन्दाबन की माइयों [बंगाली विधवाओ...

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અગ્નિકાંડ By Parth Prajapati

ક્યારેક ગરમ પાણીથી કે અગરબત્તીના તણખાથી દાઝ્યા છો? એક આંગળી પણ દાઝે તો કેવી બળતરા થાય...! ઉનાળાની કાળઝાળ ગરમીમાં માત્ર 45 ડીગ્રી તાપમાનમાં બહાર નીકળતાં આપણે તોબા પોકારી જઈએ છીએ, ત્...

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प्रारब्ध का सत्य By नंदलाल मणि त्रिपाठी

होनी एव संयोग एक दूसरे के सहोदर है जो प्रारब्ध कि प्रेरणा है लेकिन इन तीनो को कर्म ज्ञान और सत्य से परिवर्तित किया जा सकता है।प्रस्तुत कहानी में सुभद्रा से अजुर्न को किसी संतान का...

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The Timeless Wisdom of the Gita - Chapter 3 By Chandni Virani

Over the next few weeks, Arjun found himself immersed in a series of thoughtful discussions with Krishnan, as the older man gently guided him through the timeless wisdom of the Bha...

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नर नारायण By नंदलाल मणि त्रिपाठी

नर नारायण--ब्रह्मांड के दो प्रमुख अवयव है जो परब्रम्ह परमात्मा कि कल्पना रचना कि वास्तविकता है प्रथम प्रकृति है जो ब्रह्मांड का आधार है जिसमे पंच तत्व महाभूतों का सत्यार्थ परिलक्षि...

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સરકારી નોકરી સારી પણ તે જ જોઈએ એવી જીદ ખોટી By Parth Prajapati

આજકાલ દરેક માબાપનું સપનું હોય છે કે તેમનો દીકરો કે દીકરી કોઈ મોટાં સરકારી અધિકારી બને, સરકારના ઉચ્ચ હોદ્દા પર બિરાજે તેમજ પોતાના પરિવાર અને સમાજનું નામ ઉજ્જવળ કરે. આ ઘેલછાને કારણે...

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અપરાજિતા સાયબર સુરક્ષા - ભાગ 1 By Zala Dhrey

"સાયબર ક્રાઈમ” આજના ટેક્નોલોજીના યુગમાં ખૂબ જ ઝડપથી વધી રહ્યો છે. આથી નાગરિકોએ સાયબર ગુનાઓથી બચવા કેવા પ્રકારની તકેદારી રાખવી અને આવા ગુનાનો ભોગ ન બને તે અંગે આ વાર્તા સ્વરૂપ માં મ...

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જમણવારના પાસ By RIZWAN KHOJA

જમણવારના પાસ   હાલ ફાગણ માસ ચાલે છે ને અત્યાર થી જ ગુજરાતમાં ગરમીનું પ્રમાણ વધવાનું ચાલુ થઇ ગયું છે ને હવે પછી ચૈત્રને વૈશાખ આવશે ત્યારે તો ગરમીનો પારો ખુબ ઉંચો હશે ને વળી ગુજરાતમા...

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कचरा By Gajendra Kudmate

नमस्कार मित्रांनो, पुन्हा आपली भेट होत आहे. आजवरचा आपला प्रवास म्हणजे तुमचा आणि माझ्या नात्याचा अर्थात मैत्रीचा नात्याचा प्रवास हा फारच उत्तम आणि हवाहवासा वाटणारा असा होत आहे. ईश्व...

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ખોરવાઇ માનવતા By vaani manundra

મહામારી ટાણે ખોરવાયેલી માનવતા ...!!! મિત્રો કહેવાય છે મંદિરોની દીવાલે જેટલી દુઆ નથી સાંભળી તેટલી હાલ ના સમય માં હોસ્પિટલમાં સંભળાય છે.કોરોનાની મહામારીમાં જનજીવન બેબાકળું બની ગયું છ...

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The Corrupted President Xi Jingping and who is his original daughter By Khandaker Sakib Farhad

Xi Jingping is one of the best presidents of China to ever live and during his time the prosperity of China has flourished beyond any human expectations. China has become the panic...

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દર્દી ના ખબરઅંતર કે બખડજંતર ? By RIZWAN KHOJA

દર્દી ના ખબરઅંતર કે બખડજંતર ? આપણે ત્યાં દર્દીના ખબરઅંતર પૂછવા જવાની જે ટેવ તેમજ લાગણી છે એ ખૂબ જ સારી બાબત છે, પણ ઘણી વખત આ લાગણીની જે અતિશયોક્તિ થઈ જાય છે ને તેના લીધે દર્દીનુ દર...

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हिंदी व्यंग्य में स्तम्भ लेखन की भूमिका By Yashwant Kothari

यशवंत कोठारी स्तम्भ लेखन की परिभाषा क्या होनी चाहिए ? एक मित्र के अनुसार किसी पत्रिका के एक स्तम्भ में किसी के एक या दो लेख छप जाये तो वह लेखक स्तम्भकार हो जाता है, मैं इस से सहमत...

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सत्यार्थ -सात भागो में By नंदलाल मणि त्रिपाठी

सत्यार्थ - प्रथमप्राणि के जन्म जीवन की खास बात यह है कि जो उसके निहित स्वार्थ शुख बैभव भोग के तथ्य तत्व माध्यम है उन्हें ना तो वह छोड़ना चाहता ना ही विस्मृत करना चाहता है।अपने निहित...

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परमात्मा और परमार्थ By नंदलाल मणि त्रिपाठी

परमात्मा और परमार्थ -परमात्मा वास्तव में आत्मा कि परम यात्रा का ही सत्यार्थ है या कुछ अन्य आत्मा किवास्तविकता शोध का विषय है या नही अपने आप मे बड़ा प्रश्न है आत्मा परमात्मा दोनों के...

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सोशल मिडिया पर हिन्दी का सुनहरा भविष्य By Yashwant Kothari

यशवंत कोठारी सोशल मीडिया पर हिंसी व् हिंदी सहिय बड़ी तेजी से पैर पसार रहा है. वास्तव में पिछले कुछ वर्षो में इन्टरनेट पर हिन्दी ने अपनी जगह सुरक्षित कर ली है और हिन्दी व अन्य भारतीय...

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The Formula to save lives of Targeted Individuals By Khandaker Sakib Farhad

The targeted individuals are actually placed in the Targeted Watch list, but the strategy they use for this is the Kim Jong Un Strategy where the target is not only the Targeted In...

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जीवन मे सफलता के सिंद्धान्त प्रतिस्पर्धा एव धैर्य By नंदलाल मणि त्रिपाठी

जीवन मे सफलता के सिद्धांत प्रतिस्पर्धा एव धैर्य---प्रतिस्पर्धा ,चुनौती जिन्दंगी के जंग का हिस्सा है जिंदगी जंग है जिंदगी मीत है, जिंदगी खुद की है ,जिंदगी खुद की दुश्मन भी है ।तात्प...

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वैचारिक ऊर्जा By नंदलाल मणि त्रिपाठी

वैचारिक ऊर्जा जीवन दर्शन कि सकारात्मकता का बोध है जो व्यक्ति व्यक्तित्व एव जीवन जन्म की सार्थकता को विचारों के निर्माण से लेकर उसके परिणाम की ऊर्जा उत्साह ईश्वरीय चेतना का सत्त्यार...

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हिंदी एव राष्ट्रीय चेतना By नंदलाल मणि त्रिपाठी

हिंदी एव राष्ट्रीय चेतना---1-हिंदी कविताओं में राष्ट्रीय भक्ति भवना--राष्ट्रीय चेतना प्रेम एव राष्ट्रिय भावना ही राष्ट्रीयता कहलाती है राष्ट्रीयता प्रभाव शाली राष्ट्रीयता का भाव है...

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संस्कारिक क्रांति का शंखनाद By नंदलाल मणि त्रिपाठी

भारत कि मूल संस्कृति के संस्कारिक क्रांति का शंखनाद स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से प्रधान मंत्री के उदगार - छिहत्तरवे स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से प्रधान मं...

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वर्तमान परिपेक्ष्य में भारतीय लोकतंत्र चुनौतीयां एव समाधान By नंदलाल मणि त्रिपाठी

वर्तमान परिपेक्ष्य में भारतीय लोकतंत्र चुनौतियां एव समाधान -लोक तंत्र के वर्तमान स्वरूप को स्थिर करने में चार महत्वपूर्ण क्रांतियों की मुख्य भूमिका है- 1-1668 में इंग्लैंड की रक्तह...

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भारत एव मीडिया By नंदलाल मणि त्रिपाठी

भारत एवं मीडिया -भारत मे मीडिया विकास को मुख्यतः तीन चरणों मे बिभक्त किया जा सकता है 1- पन्द्रहवी सोलहवीं सदी में ईसाई मिशनरियों का धार्मिक साहित्य प्रकाशन करने के लिए प्रिटिंग प्र...

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स्वातंत्र्योत्तर हिंदी उपन्यास साहित्य के विविध आयाम By नंदलाल मणि त्रिपाठी

स्वातंत्रयोत्तर हिंदी उपन्यास साहित्य की विविध आयाम - (क)-उपन्यास क्या है-उपन्यास हिंदी गद्य की एक आधुनिक विधा है इस विधा का हिंदी में प्रदुर्भाव अंग्रेजी साहित्य के प्रभाव के रूप...

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आस्था एव श्रद्धा By नंदलाल मणि त्रिपाठी

आस्था एवं श्रद्धा -आस्था अर्थात अनुभूति का याथार्त आस्था अस्तित्व का वह बोध जो स्वयं के होने के प्रमाण जैसा होता है ।आस्था वह भाव है जो किसी भी अंतर को समाप्त कर एक नई अभिव्यक्ति क...

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श्रद्धा By Gajendra Kudmate

नमस्कार मित्रांनो, आज मी अशाविषयावर माझे मनोगत मांडणार आहे, जोविषय तुमचा माझ्या आणि आपल्यासगळ्या भारतीय बांधवांचाशी निगड़ित आहे आणि असणार. हा विषय आपल्या सगळ्यांच्या ओळखीचा आहे. तो...

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नशा नाश का मार्ग By नंदलाल मणि त्रिपाठी

नशा या नाश का मार्ग - भाग तीनमदिरा, शराब ,वाइन ,लीकर,दारू समय के साथ साथ बदलते नाम लेकिन प्रकृति में कोई बदलाव नही मदिरा महाराज,यानी राजा मतलब सपन्न व्यक्ति के लिये हो सकता है शक्त...

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समाचार जहात में लेख By Yashwant Kothari

आज के दैनिक समाचार जगत के साप्ताहिक स्तम्भ ढूँढाड़ के सर्जक में प्रकाशित मन को झकझोरने वाली तथा असंगतियों पर प्रहार करने वाले व्यंग्य लेखन रचनाकार, शब्द शिल्पी : यशवंत कोठारी आलेख...

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गुजरात में स्वत्तन्त्रता प्राप्ति के बाद का महिला लेखन - 2 By Neelam Kulshreshtha

एपीसोड --2 मेरा सं 2018 में व्यंग संग्रह प्रकाशित हुआ था, ``महिला चटपटी बतकहियाँ `.मुझे नहीं पता गुजरात से हिंदी में किसी महिला का व्यंग संग्रह प्रकाशित हुआ है। हर्ष की बात एक और ह...

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ज्योतिष एवं स्वप्न विवेचना By नंदलाल मणि त्रिपाठी

ज्योतिष एव स्वप्न विवेचना--मनुष्य के जन्म समय काल मे ग्रह नक्षत्रों की जो स्थितियां रहती है ज्योतिष विज्ञान उसके आधर पर उसके जन्म जीवन का आंकलन मूल्यांकन करता है। जो यदि सही ज्योति...

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भारत मे शिक्षा By नंदलाल मणि त्रिपाठी

--- *भारत में शिक्षा * ---- 1- *शिक्षा का महत्व* ----शिक्षा और समाज किसी भी राष्ट्र और उसमे निवास करने वाले समाज की भौतिकता और नैतिकता का निर्धारण उस राष्ट्र के शिक्षा स्तर पर ही न...

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SOCIAL MEDIA AND EMOTIONAL SKILLS OF INDIAN YOUTH By Arya Tiwari

This article discusses the potential effects of social media use on the social and emotional skills of young users in India. It covers what makes social media so powerful and how o...

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भारतीय रेल का वर्तमान एव अतीत By नंदलाल मणि त्रिपाठी

1-भारतीय रेल का वर्तमान एव अतीत---भारत की आजादी के संघर्षो में एव आजादी के बाद भारतीय रेल के योग दान की कदापी अनदेखी नही की जा सकता भारतीय रेल चाहे भारतीय जन का चाहे आजादी का संघर्...

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ચિતન,પાળીયા .. By Manjibhai Bavaliya મનરવ

સુરા પુરાને પાળીયા,આપણું લોક સાહિત્ય અને લોક જીવન માં કસ રહેલો હોય છે .આપણા ખમીર અને ગૌરવ એ આપણી સંસ્કૃતિ ની આગવી વિશેષતા ઓ રહેલી છે .આપણા ઈતિહાસની ગૌરવ ગાથા આજના જમાનામાં પણ અડીખમ...

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अंतर्मन (दैनंदिनी पत्रिका) - 1 By संदीप सिंह (ईशू)

अंतर्मन अर्थात अपने मन की वो असीम गहराई जहां हित, नात , यार, मित्र, समाज, रिश्ते नाते, कार्य, प्रतिभा, विशेष कला, स्वार्थ, साम, दाम, लोभ, दंड, भेद इत्यादि सब से परे जा कर एकाग्रचित...

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पंडित राहुलसंस्कृत्यायन एव बौद्ध दर्शन By नंदलाल मणि त्रिपाठी

पण्डित राहुल सांकृत्यायन एव बौद्ध दर्शन-----जीवन परिचय-----पंडित राहुल सांकृत्यायन को उनकी अन्वेषी प्रबृत्ति उन्हें घुमक्कड़ बनाती विश्व के अनेक संस्कृतियों भाषाओं एव परिवेश को आकर्...

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संत कबीर सत्य के प्रतीक By नंदलाल मणि त्रिपाठी

संन्त कबीर सत्य के प्रतीक----कबीर ऐसे व्यक्तित्व जिनके विषय में स्पष्ट कहा जा सकता है कि संत सत्य निरपेक्षता के जाग्रत परिभाषक़ एवं जन्म जीवन की सार्थकता के क्रम भाष्य थे कबीर को स...

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धैर्य कि दृष्टि धनपत राय कि लेखनी By नंदलाल मणि त्रिपाठी

धैर्य कि दृष्टि धनपत राय की लेखनी -मुंशी प्रेम चन्द्र जी का जन्म 31 जुलाई 1880 को वाराणसी के लमही गाँव मे एक सम्पन्न कायस्थ परिवार में हुआ था ।प्रेम चन्द्र जी उपन्यासकार कहानीकार व...

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