हिमाद्रि Home Paperback Himadri. Paperback Name : हिमाद्रि By Ashish Kumar Trivedi(Author) एक लेखक जब एक कहानी कहता है तो उसके माध्यम से मानव ह्रदय की किसी भावना को ही उद्वेलित करता है। मानव ह्रदय में कई तरह की भावनाएं होती हैं। जैसे प्यार, नफरत, ईर्ष्या, दया, भय आदि। कोई भी कहानी इनमें से किसी एक या कई भावनाओं की अभिव्यक्ति ही होती है। जो कहानी के चरित्रों द्वारा आपके सामने व्यक्त होती हैं। प्रस्तुत पुस्तक हिमाद्रि भी ऐसे ही कई भावनाओं की अभिव्यक्ति करती है। परंतु इसमें भय की भावना को प्रमुख रूप से दर्शाया गया है। भय मनुष्य की ऐसी भावना है जो सबसे अधिक उस पर हावी होती है। मनुष्य के भय के बहुत से कारण होते हैं। लेकिन उसके भय की सबसे बड़ी वजह वह शक्तियां होती हैं जो उसके आसपास अदृश्य रूप से रहती हैं। इन अदृश्य शक्तियों को भूत, पिशाच, चुड़ैल और प्रेत कहा जाता है। यह कहानी भी एक प्रेत की कहानी है। जिसने कुमुद के जीवन में उथल-पुथल मचा रखी है। उसकी हंसती मुस्कुराती ज़िंदगी में दुख के बादल छा गए हैं। यह कहानी है उमेश के अपनी पत्नी कुमुद के लिए प्रेम व समर्पण की। अपनी पत्नी को दुख से उबारने के लिए किए गए प्रयासों की। कहानी वर्तमान में आरंभ होकर आपको अतीत में ब्रिटिश काल में ले जाएगी। कई उतार चढ़ावों के बाद यह कहानी बहुत ही रोमांचक मोड़ पर समाप्त होती है। मुझे उम्मीद है कि यह पुस्तक आपका भरपूर मनोरंजन करेगी। मैं एक अच्छे स्टोरी टेलर के रूप में स धन्यवाद - आशीष कुमार त्रिवेदी Buy Now Share Selling Price : 140 MRP : 199 You save : 59 FREE Delivery (7 to 10 days across India)In stock. ADD A NEW DELIVERY ADDRESS Name : Enter your full name Mobile : Enter your mobile number Address Line 1 : Enter your address Address Line 2 : Enter your address City : Search your city State : Search your state Address Type: Select Office Home Select your address type Pincode : Enter your pincode number Order Now Price details Price (1 Item ) 199 Delivery Charges Free Discount 59 Amount Payable 140 Qty : { 1 { 2 { 3 { 4 { 5 { 6 { 7 { 8 { 9 { 10 Your Total Savings on this order 59