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  • जंगल - भाग 12

                                   ( 12)                        --------------------...

  • इश्क दा मारा - 26

    MLA साहब की बाते सुन कर गीतिका के घर वालों को बहुत ही गुस्सा आता है। तभी गीतिका...

  • दरिंदा - भाग - 13

    अल्पा अपने भाई मौलिक को बुलाने का सुनकर डर रही थी। तब विनोद ने कहा, "अल्पा बेटा...

  • आखेट महल - 8

    आठ घण्टा भर बीतते-बीतते फिर गौरांबर की जेब में पच्चीस रुपये थे। स्टेशन पर अन्दर...

  • द्वारावती - 75

    75                                    “मैं मेरी पुस्तकें अभी प्रकाशित नहीं करवान...

  • Devil I Hate You - 8

    अंश जानवी को देखने के लिए,,,,, अपने बिस्तर से उठ जानवी की तरफ चला जाता है ,,, जह...

  • My Devil Hubby Rebirth Love - 55

    अब आगे छिपकली सुन कर उस लड़की ने अपने हाथों की मुट्ठी गुस्से में कस्ली‌ और झूठी...

  • The Angel Inside - 65 - Chasm of despair

    Jay's PovEverything felt like a dream. Those 2 years of guilt and remorse ha...

  • क्रीपि फाईलज - खरी दृष्य भीतीची ... - सीजन 1 - भाग 3

    व्हिक्टोरिया 405 भाग ३भाग 3." मामा - मला वटवाघळू नाय बनायचं रे मला वाचव ..मामा.....

  • Predicament of a Girl - 15

    Predicament of a Girl A romantic and sentimental thriller Kotra Siva Rama Krishn...

बार्बी डॉल्स By Neela Prasad

बार्बी डॉल्स नीला प्रसाद (1) मैंने खुद को आईने के सामने खड़ी होकर देखा - फूले -फूले गालों, झरकर पतले हो गए बालों, पसरकर कमरा हो चुकी कमर, झुर्रियों की आहट समेटे चेहरे, थकी हुई आंखो...

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दहेज एक विनाशकारी चिंगारी By Uday Veer

सुबह के 8:00 बजे हैं, लक्ष्मी अपने कमरे में बिस्तर पर लेटी हुई है, उसे बहुत तेज बुखार है, उसका बदन बुखार से बुरी तरह तप रहा है, वह उठना तो चाहती है, लेकिन उसकी हिम्मत साथ नहीं देती...

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एक विधवा और एक चाँद By Neela Prasad

एक विधवा और एक चाँद नीला प्रसाद (1) आज यहाँ आखिरी रात है। फैसले की ये रात मान्या के दिल पर बहुत भारी है- अपनी कह और अजित की सुन सकने वाली आखिरी रात! 'आज का दिन मेरी उम्मीद का ह...

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बुरी औरत हूँ मैं By Vandana Gupta

बुरी औरत हूँ मैं (1) झुरमुटी शामों में उदास पपीहे की पीहू पीहू कौंच रही थी सीना और नरेन हर लहर से लड़ रहा था, समेट रहा था खुद को जब भी किसी दरीचे में कोई न कोई लहर आकर छेड़ जाती सुप्...

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ईश्वर चुप है By Neela Prasad

ईश्वर चुप है नीला प्रसाद (1) रंजना मंदिर की सीढ़ियां चढ़ती ठिठक रही है। ईश्वर से उसका रिश्ता बहुत पेचीदा होता जा रहा है। उसे इस रिश्ते को रेशे - रेशे कर समझने का मन होता है। हर बार...

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મારો દોસ્ત લોકડાઉન By કિશન કલ્યાણી કલમ

:- ફરીથી પપ્પા સાથે ઝગડો થયો ગયો છે મગજ દુઃખી ગયું છે. પપ્પા ને એમ કે છોકરી મોટી થઈ ગઈ છે એટલે હવે જીભ પણ મોટી થઈ ગઈ છે વધારે બોલે છે પાછી સ્વતંત્રતા ની વાતો કરે છે અરે એવું નથી હુ...

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खेल ----आखिर कब तक ? By Vandana Gupta

खेल ----आखिर कब तक ? (1) मन की उद्वेलना हमेशा शब्दों की मोहताज नहीं होती । होती है कोई कोई ऐसी उद्वेलना जिसके बीज मिट्टी में डले तो होते हैं मगर अंकुरित होने के मौसम शायद बने ही नह...

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आधा मुद्दा (सबसे बड़ा मुद्दा) By DILIP UTTAM

"अर्धांगिनी"----- कहने को अर्धांगिनी कहा जाता है परंतु आधा हिस्सा दिया किसने, आधा हक दिया किसने, और आधा अधिकार/मान-सम्मान दिया किसने, आधा तो क्या उसे हर मोड़ पर छला जाता...

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साक्षात्कार By Neelam Kulshreshtha

साक्षात्कार नीलम कुलश्रेष्ठ (1) मन में वही तड़प उठ खड़ी हुई है, उसकी कलम की रगें फड़कने लगीं है -उस अनूठे कलात्मक सौंदर्य को समेटने के लिए. शायद इसे ही किसी लेखक के मन का` क्लिक` कर...

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नीला आकाश By Niraj Sharma

नीला आकाश (1) सारी धुंध छँट गयी थी। खुशी का ओर छोर नहीं था। दोनों हाथ पैफलाये चक्राकार घूमते हुए वह पूरे आसमान को समेट लेना चाहती थी अपने अंक में। गहरी साँस लेकर पी लेना चाहती थी उ...

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एक विधवा और एक चाँद By Neela Prasad

एक विधवा और एक चाँद नीला प्रसाद (1) आज यहाँ आखिरी रात है। फैसले की ये रात मान्या के दिल पर बहुत भारी है- अपनी कह और अजित की सुन सकने वाली आखिरी रात! 'आज का दिन मेरी उम्मीद का ह...

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बुरी औरत हूँ मैं By Vandana Gupta

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ईश्वर चुप है By Neela Prasad

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