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Featured Books
  • Passion - 1

    Oh, what was it? Where I was? It was already 1 a.m. by the time she fell asleep....

  • అరె ఏమైందీ? - 6

    అరె ఏమైందీ? హాట్ హాట్ రొమాంటిక్ థ్రిల్లర్ కొట్ర శివ రామ కృష్ణ "అక్క చెప్తూన్నది...

  • ઍટિટ્યૂડ is EVERYTHING

    પુસ્તક: ઍટિટ્યૂડ is EVERYTHING - લેખક જેફ કેલરપરિચય: રાકેશ ઠક્કર        કોઈએ કહ્...

  • પ્રેમ થાય કે કરાય? ભાગ - 3

    વિચાર    મમ્મી આજે ખબર નહિ કેમ રસોડાનું દરેક કામ ઝડપથી પૂરું કરવાની લ્હાયમાં દેખ...

  • गुलमोहर की छांव में

    तपती दोपहर में बस स्टैंड के सामने से अल्हड़ लड़कियों का झूंड गुजरा... किसी के हा...

  • त्यांनाही सुख उपभोगता यावं

    त्यांनाही सुख भोगता यावं?         *जाती कशा निर्माण झाल्या असतील बरे? हा लोकांना...

  • Surfing in Timeline with my Bro - 3

    Martin :- "This is for surfing in time. "Kevin confusingly :- "I don't under...

  • Devils Passionate Love - 17

    आयान ताहिरी चिक को सुनने के बाद धीरे-धीरे उसके रूम की तरफ बरने लगा। वो रूम कि तर...

  • इश्क दा मारा - 18

    गीतिका कॉलेज पहुंच जाती हैं और जा कर क्लास में बैठ जाती है और पढ़ने लगती हैं।उधर...

  • ખજાનો - 49

    " હા, તું સૌથી પહેલાં તેને મૂર્છિત કરવાની સોય તેને ભોંકી દેજે. જેથી કરીને તેની ત...

काँटों से खींच कर ये आँचल By Rita Gupta

क्षितीज पर सिन्दूरी सांझ उतर रही थी और अंतस में जमा हुआ बहुत कुछ जैसे पिघलता जा रहा था. मन में जाग रही नयी-नयी ऊष्मा से दिलों दिमाग पर जमी बर्फ अब पिघल रही थी. एक ठंडापन जो पसरा हु...

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एक अदद फ्लैट By Arpan Kumar

नंदलाल यादव दिल्ली में नौकरी करते हैं और साहिबाबाद में किराए के एक फ्लैट में रहते हैं। लोकल ट्रेन से आना-जाना करते हैं। आई.टी.ओ. पर उतर कर बस से आर.के.पुरम जाते हैं।सुबह शाम सप्ताह...

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खूँटे By Kusum Bhatt

‘‘मुझे हवा के घूँट पीने हैं....’’ आवाज झमक कर चेतना में गिरती है... सफेद पिलपिले हाथों से चेहरा घुमाने लगा है बेताल - सीधे..... ‘‘लिजलिजे स्पृश के बोझ तले दबी मेरी गर्दन टीसने लगी...

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कांट्रैक्टर By Arpan Kumar

सब अपने-अपने हिसाब से नौकरी करने आए थे। सब अपने-अपने हिसाब से नौकरी किए जा रहे थे। अगर देखा जाए तो आख़िरकार कोई ऑफिस भला क्या होता है! राजनीति और कार्यनीति का अखाड़ा ही तो। एन.आई.सी....

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खिलता है बुरांश ! By Kusum Bhatt

....आज सांवली शाम का जादू गायब था! वह टहलुई सी चलती रही..., मन का बेड़ा अभी अचानक उठे तूफान के बीच फंसा था...! एक पल को उसके जेहन में खौफनाक विचार उठा - समाप्त कर दे काया माँ... निर...

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अँधेरे में जुगनू By Kusum Bhatt

घर से निकलते समय उसने एक बार भी नहीं सोचा। तूफान का मुकाबला करने की ताकत नहीं थी उसमें। पति ने मारपीट की- बच्चों के सामने! ग्लानि हुई! रोज़-रोज़ गाली-गलौज़, मारपीट... तंग आ गयी थी। वह...

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POSTMORTEM By Abhijit Chakraborty

What comes into our mind when we hear the word "Postmortem”? It's an examination of a dead body. But it's the misconception. We read the newspaper daily. There we find...

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એવરગ્રીન ફ્રેન્ડશીપ By Gopi Kukadiya

એવરગ્રીન ફ્રેન્ડશીપ                             પાર્ટ-1           હેલો ફ્રે...

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પ્રેમચંદજીની શ્રેષ્ઠ વાર્તાઓ By Munshi Premchand

આયખાનો મોટો ભાગ આ ઘરમાં જ વીતાવ્યો હોવા છતાં
સુખ તો ક્યારેય જોયું નથી. દુનિયાની નજરે મારા પતિ શિષ્ટ,
ઉદાર, સૌમ્ય અને સજ્જન જણાતા હતા. પણ એ તો જેને વીત્યું
હોય એને જ ખબર પડે ને!...

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मोती का पेड By Anita salunkhe Dalvi

पात्र -चार लडके एक लडकी उम्र -7-8-9नाम- प्रेम ,समीर ,ईशान ,राज      राज की बहन रानी        सारे बच्चे अपने मामा की गाव छ...

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खिलता है बुरांश ! By Kusum Bhatt

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मोती का पेड By Anita salunkhe Dalvi

पात्र -चार लडके एक लडकी उम्र -7-8-9नाम- प्रेम ,समीर ,ईशान ,राज      राज की बहन रानी        सारे बच्चे अपने मामा की गाव छ...

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