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કાવ્ય સંગ્રહ By Jasmina Shah

" મારી મા " સૌથી પહેલો પ્રેમનો અહેસાસ કરાવ્યો મારી "મા" એ સૂતી હું તેના ગર્ભમાં હતી ત્યારે.... ન હતી ખબર આટલી સુંદર હશે "મા"....!! ગાલ પર જ્યારે પપ્પી દેતી...

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મારી કવિતા.. By Mahendra R. Amin

મારી કવિતા ... 01 01. મારી વહાલી બહેનાને ... !! ડગમગ ડગમગ ડગલાં ભરતી નાની મારી બહેન, તરસ લાગી તો કેરોસીન પી ગઈ મારી એ બહેન. ઈશ્વર ના ઉપકાર વશ બચી નાની મારી બહેન, જોત જોતામાં મોટી થ...

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જીવન... મારી દ્રષ્ટિએ... By Yuvrajsinh jadeja

જીવન... મારી દ્રષ્ટિએ આ બુક મારી કવિતાઓ નો સંગ્રહ છે .બધી જ કવિતાઓ માં મેં આપણું એટલે કે લોકો નું અને આપણા જીવન નું (આજના...

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મારા કાવ્ય By Nikita panchal

1.तड़पतेरे इश्क ने ये हालत कैसी कर दी मेरी ये जालिम।दरबदर भटकते रहेते हम तुम्हें भूलने को रात दिन।हम तो मयखाने में भी जाते है तुम्हे भुलाने के लिए।कमबख्त शराब की हर एक बूंद में भी...

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गांव की तलाश By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

जीवन को स्‍वस्‍थ्‍य और समृद्ध बनाने वाली पावन ग्राम-स्‍थली जहां जीवन की सभी मूलभूत सुविधाऐं प्राप्‍त होती हैं, उस अंचल में आने का आग्रह इस कविता संगह ‘गांव की तलाश ’में किया गया है...

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मैं भारत बोल रहा हूं-काव्य संकलन By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

(काव्य संकलन) वेदराम प्रजापति‘ मनमस्त’ 1. सरस्वती बंदना (मॉं शारदे) मॉं शारदे! मृदु सार दे!!, सबके मनोरथ सार दै!!! झंकृत हो, मृदु वीणा मधुर, मॉं शारदे, वह प्यार दे।। अज्ञान त...

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सचमुच तुम ईश्वर हो! By ramgopal bhavuk

व्यंग्य की तेजधर उच्छंखल समाज की शल्य-क्रिया करने में समर्थ होती है। आज के दूषित वातावरण में यहाँ संवेदना मृत प्रायः हो रही है। केवल व्यंग्य पर ही मेरा विश्वास टिक पा रहा है कि कही...

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तुम्हारे बाद By Pranava Bharti

दिल के दरवाज़े पे साँकल जो लगा रखी थी
उसकी झिर्री से कभी ताक़ लिया करती थी
वो जो परिंदों की गुटरगूं सुनाई देती थी
उसकी आवाजों को ही माप लिया करती थी
न जाने गुम सी हो गईं हैं ये...

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सुरेश पाण्‍डे सरस डबरा का काव्‍य संग्रह By Ramgopal Bhavuk Gwaaliyar

श्री सुरेश पाण्‍डे सरस की कृति है। इस संग्रह की अधिकतर रचनायें (कवितायें) जिस धरती पर अंकुरित हुई हैं। उसे हम प्रेम की धरती कह सकते हैं यों भी कविता का विशेष कर ‘गीत’ का जन्‍म प्रे...

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वो भारत! है कहाँ मेरा? By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

आज मानव संवेदनाओं का यह दौर बड़ा ही भयावह है। इस समय मानव त्राशदी चरम सीमा पर चल रही है। मानवता की गमगीनता चारों तरफ बोल रहीं है जहां मानव चिंतन उस विगत परिवेश को तलासता दिख रहा है,...

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કાવ્ય સંગ્રહ By Jasmina Shah

" મારી મા " સૌથી પહેલો પ્રેમનો અહેસાસ કરાવ્યો મારી "મા" એ સૂતી હું તેના ગર્ભમાં હતી ત્યારે.... ન હતી ખબર આટલી સુંદર હશે "મા"....!! ગાલ પર જ્યારે પપ્પી દેતી...

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મારી કવિતા.. By Mahendra R. Amin

મારી કવિતા ... 01 01. મારી વહાલી બહેનાને ... !! ડગમગ ડગમગ ડગલાં ભરતી નાની મારી બહેન, તરસ લાગી તો કેરોસીન પી ગઈ મારી એ બહેન. ઈશ્વર ના ઉપકાર વશ બચી નાની મારી બહેન, જોત જોતામાં મોટી થ...

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જીવન... મારી દ્રષ્ટિએ... By Yuvrajsinh jadeja

જીવન... મારી દ્રષ્ટિએ આ બુક મારી કવિતાઓ નો સંગ્રહ છે .બધી જ કવિતાઓ માં મેં આપણું એટલે કે લોકો નું અને આપણા જીવન નું (આજના...

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મારા કાવ્ય By Nikita panchal

1.तड़पतेरे इश्क ने ये हालत कैसी कर दी मेरी ये जालिम।दरबदर भटकते रहेते हम तुम्हें भूलने को रात दिन।हम तो मयखाने में भी जाते है तुम्हे भुलाने के लिए।कमबख्त शराब की हर एक बूंद में भी...

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गांव की तलाश By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

जीवन को स्‍वस्‍थ्‍य और समृद्ध बनाने वाली पावन ग्राम-स्‍थली जहां जीवन की सभी मूलभूत सुविधाऐं प्राप्‍त होती हैं, उस अंचल में आने का आग्रह इस कविता संगह ‘गांव की तलाश ’में किया गया है...

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मैं भारत बोल रहा हूं-काव्य संकलन By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

(काव्य संकलन) वेदराम प्रजापति‘ मनमस्त’ 1. सरस्वती बंदना (मॉं शारदे) मॉं शारदे! मृदु सार दे!!, सबके मनोरथ सार दै!!! झंकृत हो, मृदु वीणा मधुर, मॉं शारदे, वह प्यार दे।। अज्ञान त...

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सचमुच तुम ईश्वर हो! By ramgopal bhavuk

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तुम्हारे बाद By Pranava Bharti

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सुरेश पाण्‍डे सरस डबरा का काव्‍य संग्रह By Ramgopal Bhavuk Gwaaliyar

श्री सुरेश पाण्‍डे सरस की कृति है। इस संग्रह की अधिकतर रचनायें (कवितायें) जिस धरती पर अंकुरित हुई हैं। उसे हम प्रेम की धरती कह सकते हैं यों भी कविता का विशेष कर ‘गीत’ का जन्‍म प्रे...

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वो भारत! है कहाँ मेरा? By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

आज मानव संवेदनाओं का यह दौर बड़ा ही भयावह है। इस समय मानव त्राशदी चरम सीमा पर चल रही है। मानवता की गमगीनता चारों तरफ बोल रहीं है जहां मानव चिंतन उस विगत परिवेश को तलासता दिख रहा है,...

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