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क्षणभर By महेश रौतेला

१.बेटी से संवादतुम्हारा हँसना, तुम्हारा खिलखिलाना,तुम्हारा चलना,तुम्हारा मुड़ना , तुम्हारा नाचना ,बहुत दूर तक गुदगुदायेगा।मीठी-मीठी बातें ,समुद्र की तरह उछलना,आकाश को पकड़ना ,हवा की...

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ओ वसंत By महेश रौतेला

ओ वसन्त भाग-११.ओ वसन्त ओ वसन्तमैं फूल बन जाऊँसुगन्ध के लिए,ओ आसमानमैं नक्षत्र बन जाऊँटिमटिमाने के लिए।ओ शिशिरमैं बर्फ बन जाऊँदिन-रात चमकने के लिए,ओ समुद्रमैं लहर बन जाऊँथपेड़ों में...

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करवट बदलता भारत By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

’’करवट बदलता भारत’’ 1 काव्‍य संकलन- वेदराम प्रजापति ‘’मनमस्‍त’’ समर्पण— श्री सिद्ध गुरूदेव महाराज, जिनके आशीर्वाद से ही कमजोर करों को ताकत मिली, उन्‍हीं के श्री चरणों मे...

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वीर पंजाब की धरती By हेतराम भार्गव हिन्दी जुड़वाँ

*वीर पंजाब की धरती* महाकाव्य के दशम कृपाण (सर्ग): *"माच्छीवाडा़ से तलवंडी यात्रा चित्रण"* से चुनिंदा पद -?*जब गुरु गोविंद सिंह महाराज चमकोर युद्ध के बाद मछीवाड़ा जंगल में...

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અવધિ કાવ્ય સંગ્રહ... By Seema Parmar “અવધિ"

અનોખો સંબંધ તારો મારો સંબંધ અનોખો છે બંને શબ્દ જ તો અનોખો છે તારા મારા ઝગડા માં પણ પ્રેમ છે તારો મારો સંબંધ અનોખો છે માં બની તુ પ્...

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बेटी’ By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

‘दो शब्दों की अपनी राहें’’

मां के आँचल की छाँव में पलता, बढ़ता एक अनजाना बचपन(भ्रूण), जो कल का पौधा बनने की अपनी अनूठी लालसा लिए, एक नवीन काव्य संकलन-‘‘बेटी’’ के रूप में, अपन...

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कलम मेरी लिखती जाएँ By navita

स नावेल मे आप सब को अलग अलग तरह की कविताएं पढ़ने को मिली गई l
इस नावेल को लिख कर जितनी मुझे ख़ुशी हो रही है , उम्मीद है आप सब wonderful readers को भी जे नावेल पढ़ कर उतनी ही ख़ुशी हो...

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શબ્દ પુષ્પ By anjana Vegda

કેટલીક ગઝલ ને કાવ્યો રજૂ કરું છું.. આશા છે આપને પસંદ આવશે. મહેકાઇ જવું છે❤️ અડાબીડ વનમાં તે શું કામ જવું? આશ્લેષમાં તારી ખોવાઈ જવું છે. ઊંડા મહેરામણમાં શું કામ તરવું? આંખોમાં જ તા...

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नि.र.स. By Rajat Singhal

नि.र.स.

---------------------------------------------------
क्या तुम्हे पता है कि -
गर तुम कुछ ना कहो, ना लिखो,
ना ही मेरी हकीकत में हो,
तो मै नि.र.स. हो जाता हूँ।
-------...

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मेरा भारत दिखा तुम्‍हें क्‍या By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

आज की इस भयावह चकाचौंध में भारत की पावन धरती से मानवी के बहुत सारे सच्‍चे चेहरे गायब और अनदिखे से हो रहे हैं, उन्‍हीं की खोज में यह काव्‍य संकलन ‘मेरा भारत दिखा तुम्‍हें क्‍या ?’...

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क्षणभर By महेश रौतेला

१.बेटी से संवादतुम्हारा हँसना, तुम्हारा खिलखिलाना,तुम्हारा चलना,तुम्हारा मुड़ना , तुम्हारा नाचना ,बहुत दूर तक गुदगुदायेगा।मीठी-मीठी बातें ,समुद्र की तरह उछलना,आकाश को पकड़ना ,हवा की...

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ओ वसंत By महेश रौतेला

ओ वसन्त भाग-११.ओ वसन्त ओ वसन्तमैं फूल बन जाऊँसुगन्ध के लिए,ओ आसमानमैं नक्षत्र बन जाऊँटिमटिमाने के लिए।ओ शिशिरमैं बर्फ बन जाऊँदिन-रात चमकने के लिए,ओ समुद्रमैं लहर बन जाऊँथपेड़ों में...

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करवट बदलता भारत By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

’’करवट बदलता भारत’’ 1 काव्‍य संकलन- वेदराम प्रजापति ‘’मनमस्‍त’’ समर्पण— श्री सिद्ध गुरूदेव महाराज, जिनके आशीर्वाद से ही कमजोर करों को ताकत मिली, उन्‍हीं के श्री चरणों मे...

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वीर पंजाब की धरती By हेतराम भार्गव हिन्दी जुड़वाँ

*वीर पंजाब की धरती* महाकाव्य के दशम कृपाण (सर्ग): *"माच्छीवाडा़ से तलवंडी यात्रा चित्रण"* से चुनिंदा पद -?*जब गुरु गोविंद सिंह महाराज चमकोर युद्ध के बाद मछीवाड़ा जंगल में...

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અનોખો સંબંધ તારો મારો સંબંધ અનોખો છે બંને શબ્દ જ તો અનોખો છે તારા મારા ઝગડા માં પણ પ્રેમ છે તારો મારો સંબંધ અનોખો છે માં બની તુ પ્...

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बेटी’ By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

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कलम मेरी लिखती जाएँ By navita

स नावेल मे आप सब को अलग अलग तरह की कविताएं पढ़ने को मिली गई l
इस नावेल को लिख कर जितनी मुझे ख़ुशी हो रही है , उम्मीद है आप सब wonderful readers को भी जे नावेल पढ़ कर उतनी ही ख़ुशी हो...

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શબ્દ પુષ્પ By anjana Vegda

કેટલીક ગઝલ ને કાવ્યો રજૂ કરું છું.. આશા છે આપને પસંદ આવશે. મહેકાઇ જવું છે❤️ અડાબીડ વનમાં તે શું કામ જવું? આશ્લેષમાં તારી ખોવાઈ જવું છે. ઊંડા મહેરામણમાં શું કામ તરવું? આંખોમાં જ તા...

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नि.र.स. By Rajat Singhal

नि.र.स.

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क्या तुम्हे पता है कि -
गर तुम कुछ ना कहो, ना लिखो,
ना ही मेरी हकीकत में हो,
तो मै नि.र.स. हो जाता हूँ।
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मेरा भारत दिखा तुम्‍हें क्‍या By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

आज की इस भयावह चकाचौंध में भारत की पावन धरती से मानवी के बहुत सारे सच्‍चे चेहरे गायब और अनदिखे से हो रहे हैं, उन्‍हीं की खोज में यह काव्‍य संकलन ‘मेरा भारत दिखा तुम्‍हें क्‍या ?’...

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