The Download Link has been successfully sent to your Mobile Number. Please Download the App.
You are welcome to the world of inspiring, thrilling and motivating stories written in your own language by the young and aspiring authors on Matrubharti. You will get a life time experience of falling in love with stories.
ભાગવત રહસ્ય-૧૬૪ પિતાજી નામદેવને કહે છે- કે “સવારે વહેલા જાગી –સ્નાન કરી પવિત્ર...
मेरा नाम प्रिया है, और मेरी उम्र 35 साल है मे कोटा राजस्थान की रहने वाली हूँ, मे...
अध्याय 32 “अभी कुछ दिन पहले एक तेलुगु पिक्चर में मैंने देखा। एक हीर...
Lechery The family court room was packed to the brim. Ther...
जिंदगी एक सफर हा जिंदगी सफर ही तो हैं जैसे सफर मे इंशान कितने लोगो से मिलता है...
प्लीज आंटी जी अब रस्म शुरू करवाए. अब लेट मत कीजिए. बाते तो बाद में होती रहेंगी....
राघव आणि तन्वीचे मुंबईहून देवगडकडे येणारे प्रवास सुरू झाला होता. हा हिवाळ्याचा स...
SUCCESS IS NEVER a stroke of luck,it demands effort,vision,and perseverance.As I...
---------(11वा ससकरण ) ( मुक्त ) " ------ तुम खाना नही...
पितामह भीष्म अने मकरसंक्राती રાત્રી નો બીજો પહોર છે... આરતી નો પ્રસાદ લઈ ને સૈ...
एक कमरे के किंग साइज बेड पर दुल्हन के लिबास में पड़ी लड़की (कनिषा)बड़ी ही देर से सुबक रही थी,उसके आंसुओ से बेडशीट का वो हिस्सा पूरी तरह गिला हो चुका था,जिस जगह उसके आंसू बिना रुके...
फूलों को अपने होने पर गर्व था, यह जानते हुए भी शाम तक या एक-दो दिन में उन्हें मुरझा ही जाना है। 'फिर भी खिलना, मस्ती से झूमना नहीं छोड़ते,' हौले से हवा के झोंके की तरह एक आ...
महेश्वर में देखा उसे। मैरून रंग की चंदेरी साड़ी पहनी हुई थी जिस पर सुनहरी बिंदियां थीं और किनारी जरी बॉर्डर की थी। बहुत ही प्यारी साड़ी थी। असल में साड़ी की ही वजह से मेरा ध्यान उस...
हाॅल गच्च भरला होता. यावर्षी लागोपाठ तिस-यांदा कामीनी ट्रॅव्हल्सला उत्तम कामगिरीबद्दल पुरस्कार मिळाला होता. कामीनी ट्रॅव्हल्सचा सर्वेसर्वा होता हर्षवर्धन पटवर्धन. फार कमी दिवसांत ह...
रात्रि के अंधकार में सुनसानी सड़क पर कंधे लटकाए हाथ झुलाए कर्ण आहिस्ता-आहिस्ता चल रहा है। 'राजू नाई' के दूकान को पार कर वो अपने कदमों को विराम देता है तथा सिर ऊपर की ओर उठा...
‘जीवन संघर्ष और उत्कट जिजीविषा से जुडी हैं संग्रह की कहानियां’ मानव जीवन और उसके कार्य व्यवहार सदा ही अनंत कौतुक - कौतूहलों व जिज्ञासाओं का केंद्र रहे हैं । साहित्य किसी भी कालख...
शाम होने को थी।रानी हड़बड़ाकर उठी।।उसने कपडे निकाले औऱ आदमकद शीशे के सामने आकर खड़ी हो गयी।उसने मैक्सी पहन रखी थी।उसने मेकशी उतारी।मैक्सी के नीचे उसने कुछ नही पहना था।मैक्सी खोलते ही...
એનાઉન્સમેન્ટ બાદ પડદો ખુલે છે સ્ટેજ ઉપર લાઈટ આવે છે બોલીવુડ સોંગ ચાલુ છે નીલમ અને પરમ ડાન્સ કરી રહ્યા છે “તેરી બાતો મેં એસા ઉલજા જીયા “ વીણા બેન ડાઇનિંગ ટેબલ પર બેઠા શાક કાપી રહ્ય...
राधा .....एक पंचवीस वर्षाची तरुणी ......हो ....तरुणीचं........कारण तिची स्वप्ने ही अजून तरूनच होती ...... नेहमी हसतमुख असणारी ....ओठांवर हसू ....आणी डोळ्यात एक अनोखी चमक ......सडपा...
पागल खाना पर पाठकीय प्रतिक्रिया याने समय का एक नपुंसक विद्रोह यशवंत कोठारी राजकमल ने ज्ञान चतुर्वेदी का पागलखाना छापा है.२७१ पन्नों का ५९५रु. का उपन्या...
Continue log in with
By clicking Log In, you agree to Matrubharti "Terms of Use" and "Privacy Policy"
Verification
Download App
Get a link to download app
Copyright © 2025, Matrubharti Technologies Pvt. Ltd. All Rights Reserved.
Please enable javascript on your browser