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  • ભાગવત રહસ્ય - 164

    ભાગવત રહસ્ય-૧૬૪   પિતાજી નામદેવને કહે છે- કે “સવારે વહેલા જાગી –સ્નાન કરી પવિત્ર...

  • शुरुवात : एक वेश्या

    मेरा नाम प्रिया है, और मेरी उम्र 35 साल है मे कोटा राजस्थान की रहने वाली हूँ, मे...

  • अपराध ही अपराध - भाग 32

    अध्याय 32   “अभी कुछ दिन पहले एक तेलुगु पिक्चर में मैंने देखा। एक हीर...

  • Lechery

    Lechery                       The family court room was packed to the brim. Ther...

  • जिंदगी एक सफर

    जिंदगी एक सफर  हा  जिंदगी सफर ही तो हैं जैसे सफर मे इंशान कितने लोगो से मिलता है...

  • इंटरनेट वाला लव - 96

    प्लीज आंटी जी अब रस्म शुरू करवाए. अब लेट मत कीजिए. बाते तो बाद में होती रहेंगी....

  • ती - भाग 1

    राघव आणि तन्वीचे मुंबईहून देवगडकडे येणारे प्रवास सुरू झाला होता. हा हिवाळ्याचा स...

  • Vision Of Success Story - 9

    SUCCESS IS NEVER a stroke of luck,it demands effort,vision,and perseverance.As I...

  • मुक्त - भाग 11

         ---------(11वा ससकरण )               (  मुक्त )     "  ------  तुम खाना नही...

  • ભિષ્મ પિતામહ

    पितामह भीष्म अने मकरसंक्राती   રાત્રી નો બીજો પહોર છે... આરતી નો પ્રસાદ લઈ ને સૈ...

बेखबर इश्क! By Sahnila Firdosh

एक कमरे के किंग साइज बेड पर दुल्हन के लिबास में पड़ी लड़की (कनिषा)बड़ी ही देर से सुबक रही थी,उसके आंसुओ से बेडशीट का वो हिस्सा पूरी तरह गिला हो चुका था,जिस जगह उसके आंसू बिना रुके...

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इंद्रधनुष उतर आया...... By pooja

फूलों को अपने होने पर गर्व था, यह जानते हुए भी शाम तक या एक-दो दिन में उन्हें मुरझा ही जाना है। 'फिर भी खिलना, मस्ती से झूमना नहीं छोड़ते,' हौले से हवा के झोंके की तरह एक आ...

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कोई अच्छा लगे तो.... By pooja

महेश्वर में देखा उसे। मैरून रंग की चंदेरी साड़ी पहनी हुई थी जिस पर सुनहरी बिंदियां थीं और किनारी जरी बॉर्डर की थी। बहुत ही प्यारी साड़ी थी। असल में साड़ी की ही वजह से मेरा ध्यान उस...

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कामीनी ट्रॅव्हल By Meenakshi Vaidya

हाॅल गच्च भरला होता. यावर्षी लागोपाठ तिस-यांदा कामीनी ट्रॅव्हल्सला उत्तम कामगिरीबद्दल पुरस्कार मिळाला होता. कामीनी ट्रॅव्हल्सचा सर्वेसर्वा होता हर्षवर्धन पटवर्धन. फार कमी दिवसांत ह...

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सुरासुर By Sorry zone

रात्रि के अंधकार में सुनसानी सड़क पर कंधे लटकाए हाथ झुलाए कर्ण आहिस्ता-आहिस्ता चल रहा है। 'राजू नाई' के दूकान को पार कर वो अपने कदमों को विराम देता है तथा सिर ऊपर की ओर उठा...

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रावी की लहरें By Sureshbabu Mishra

‘जीवन संघर्ष और उत्कट जिजीविषा से जुडी हैं संग्रह की कहानियां’

मानव जीवन और उसके कार्य व्यवहार सदा ही अनंत कौतुक - कौतूहलों व जिज्ञासाओं का केंद्र रहे हैं । साहित्य किसी भी कालख...

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प्रतिशोध.. By Kishanlal Sharma

शाम होने को थी।रानी हड़बड़ाकर उठी।।उसने कपडे निकाले औऱ आदमकद शीशे के सामने आकर खड़ी हो गयी।उसने मैक्सी पहन रखी थी।उसने मेकशी उतारी।मैक्सी के नीचे उसने कुछ नही पहना था।मैक्सी खोलते ही...

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કભી ખુશી કભી ગમ By PANKAJ BHATT

એનાઉન્સમેન્ટ બાદ પડદો ખુલે છે સ્ટેજ ઉપર લાઈટ આવે છે બોલીવુડ સોંગ ચાલુ છે નીલમ અને પરમ ડાન્સ કરી રહ્યા છે “તેરી બાતો મેં એસા ઉલજા જીયા “ વીણા બેન ડાઇનિંગ ટેબલ પર બેઠા શાક કાપી રહ્ય...

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अजून ही बरसात आहे ..... By Dhanashree Pisal

राधा .....एक पंचवीस वर्षाची तरुणी ......हो ....तरुणीचं........कारण तिची स्वप्ने ही अजून तरूनच होती ...... नेहमी हसतमुख असणारी ....ओठांवर हसू ....आणी डोळ्यात एक अनोखी चमक ......सडपा...

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पुस्तक समीक्षा By Yashvant Kothari

पागल खाना पर पाठकीय प्रतिक्रिया याने समय का एक नपुंसक विद्रोह यशवंत कोठारी राजकमल ने ज्ञान चतुर्वेदी का पागलखाना छापा है.२७१ पन्नों का ५९५रु. का उपन्या...

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बेखबर इश्क! By Sahnila Firdosh

एक कमरे के किंग साइज बेड पर दुल्हन के लिबास में पड़ी लड़की (कनिषा)बड़ी ही देर से सुबक रही थी,उसके आंसुओ से बेडशीट का वो हिस्सा पूरी तरह गिला हो चुका था,जिस जगह उसके आंसू बिना रुके...

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इंद्रधनुष उतर आया...... By pooja

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कोई अच्छा लगे तो.... By pooja

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कामीनी ट्रॅव्हल By Meenakshi Vaidya

हाॅल गच्च भरला होता. यावर्षी लागोपाठ तिस-यांदा कामीनी ट्रॅव्हल्सला उत्तम कामगिरीबद्दल पुरस्कार मिळाला होता. कामीनी ट्रॅव्हल्सचा सर्वेसर्वा होता हर्षवर्धन पटवर्धन. फार कमी दिवसांत ह...

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रावी की लहरें By Sureshbabu Mishra

‘जीवन संघर्ष और उत्कट जिजीविषा से जुडी हैं संग्रह की कहानियां’

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प्रतिशोध.. By Kishanlal Sharma

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अजून ही बरसात आहे ..... By Dhanashree Pisal

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