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  • ભાગવત રહસ્ય - 86

    ભાગવત રહસ્ય-૮૬   દુર્યોધને નોકરોને હુકમ કર્યો કે- આ વિદુરજીને ધક્કા મારી ને બહાર...

  • નિતુ - પ્રકરણ 40

    નિતુ : ૪૦ (ભાવ) નિતુએ ફરી ડાયરી ઉપાડી કે ઋષભ જાગીને બહાર આવ્યો અને તેને કહેવા લા...

  • Love Behind the mask

    **Love Behind the Mask**Kabir was a celebrated international actor, an Oscar win...

  • रिश्ता अनोखा सरलता का

    1.ऐसा ना हो कि,तुम्हें जब मेरी आदत होने लगे,अपने आस पास,मुझे ढूंढने की,कवायद होन...

  • नियती - भाग 20

    भाग 20तिलाही तर तेच हवे होते... स्पर्शातून त्याच्या निरपेक्ष प्रेम जाणवत होते......

  • परिस मेळ्ळो

    परीस मेळ्ळो

    घाटी चढल्यावर शेवटच्या मोडणाला रात्या आंब्याखाली तानू देवळी दम खा...

  • ખજાનો - 53

    "જોકે હમણાં તેઓ બેભાન છે ત્યાં સુધી બહુ વાંધો નહીં આવે પણ, આપણે જૉની અને હર્ષિતન...

  • Passion - 3

    He slammed the door shut and, drenched in sweat, hurriedly dialed his wife’s num...

  • दर्द ए इश्क - 1

    पारुल जो दिखाने मे यही कुछ 22 सल की थी वो अपने कमरे में बैठी अपने फर्स्ट एनिवर्स...

  • એક ષડયંત્ર.... - ભાગ 100

    (સુધાબેન સિયાની આવી દશા કરવા માટે કયારે પણ ભગવાન માફ નહીં કરે એમ કહે છે. કનિકા ક...

कामीनी ट्रॅव्हल By Meenakshi Vaidya

हाॅल गच्च भरला होता. यावर्षी लागोपाठ तिस-यांदा कामीनी ट्रॅव्हल्सला उत्तम कामगिरीबद्दल पुरस्कार मिळाला होता. कामीनी ट्रॅव्हल्सचा सर्वेसर्वा होता हर्षवर्धन पटवर्धन. फार कमी दिवसांत ह...

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सुरासुर By Sorry zone

रात्रि के अंधकार में सुनसानी सड़क पर कंधे लटकाए हाथ झुलाए कर्ण आहिस्ता-आहिस्ता चल रहा है। 'राजू नाई' के दूकान को पार कर वो अपने कदमों को विराम देता है तथा सिर ऊपर की ओर उठा...

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हमराज By Gajendra Kudmate

खिड़की खुली जरा, जरा परदा सरक गया बहोत ही खबसूरत सा गाना सोनू नीगम का गाया हुआ रेडिओ पर बज रहा था और तभी रोडपर हंगामा हो गया. कोई राह चलता हुआ युवक एक महिला से टकरा गया जो सब्जीमंड...

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रावी की लहरें By Sureshbabu Mishra

‘जीवन संघर्ष और उत्कट जिजीविषा से जुडी हैं संग्रह की कहानियां’

मानव जीवन और उसके कार्य व्यवहार सदा ही अनंत कौतुक - कौतूहलों व जिज्ञासाओं का केंद्र रहे हैं । साहित्य किसी भी कालख...

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प्रतिशोध.. By Kishanlal Sharma

शाम होने को थी।रानी हड़बड़ाकर उठी।।उसने कपडे निकाले औऱ आदमकद शीशे के सामने आकर खड़ी हो गयी।उसने मैक्सी पहन रखी थी।उसने मेकशी उतारी।मैक्सी के नीचे उसने कुछ नही पहना था।मैक्सी खोलते ही...

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કભી ખુશી કભી ગમ By PANKAJ BHATT

એનાઉન્સમેન્ટ બાદ પડદો ખુલે છે સ્ટેજ ઉપર લાઈટ આવે છે બોલીવુડ સોંગ ચાલુ છે નીલમ અને પરમ ડાન્સ કરી રહ્યા છે “તેરી બાતો મેં એસા ઉલજા જીયા “ વીણા બેન ડાઇનિંગ ટેબલ પર બેઠા શાક કાપી રહ્ય...

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अजून ही बरसात आहे ..... By Dhanashree Pisal

राधा .....एक पंचवीस वर्षाची तरुणी ......हो ....तरुणीचं........कारण तिची स्वप्ने ही अजून तरूनच होती ...... नेहमी हसतमुख असणारी ....ओठांवर हसू ....आणी डोळ्यात एक अनोखी चमक ......सडपा...

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पुस्तक समीक्षा By Yashvant Kothari

पागल खाना पर पाठकीय प्रतिक्रिया याने समय का एक नपुंसक विद्रोह यशवंत कोठारी राजकमल ने ज्ञान चतुर्वेदी का पागलखाना छापा है.२७१ पन्नों का ५९५रु. का उपन्या...

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बुजुर्गो का आशिष By Ashish

बुजुर्गो ने मुझे बहुत सी कहानियाँ सुनाई है उसमें से कुछ....

आशिष / आशीर्वाद

*!! समस्या रूपी बंदर !!

*एक बार स्वामी विवेकानंद को बंदरों का सामना करना पड़ा था। वह इस आप बी...

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पहिल प्रेम आणि अनुभव By Monika Suryavanshi

मी या आधी प्रेम नव्हत केल आणि अनुभव ही नव्हता ना कधी करु वाटल.

अचानक मी मुबंई वर गावी आली.काही अडचणीमुळे याव‌ लागल.वाईट वाटत होत गावी राहायच मग माझ्या आयुष्याच कस.आणि प्रत्येक...

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कामीनी ट्रॅव्हल By Meenakshi Vaidya

हाॅल गच्च भरला होता. यावर्षी लागोपाठ तिस-यांदा कामीनी ट्रॅव्हल्सला उत्तम कामगिरीबद्दल पुरस्कार मिळाला होता. कामीनी ट्रॅव्हल्सचा सर्वेसर्वा होता हर्षवर्धन पटवर्धन. फार कमी दिवसांत ह...

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रात्रि के अंधकार में सुनसानी सड़क पर कंधे लटकाए हाथ झुलाए कर्ण आहिस्ता-आहिस्ता चल रहा है। 'राजू नाई' के दूकान को पार कर वो अपने कदमों को विराम देता है तथा सिर ऊपर की ओर उठा...

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हमराज By Gajendra Kudmate

खिड़की खुली जरा, जरा परदा सरक गया बहोत ही खबसूरत सा गाना सोनू नीगम का गाया हुआ रेडिओ पर बज रहा था और तभी रोडपर हंगामा हो गया. कोई राह चलता हुआ युवक एक महिला से टकरा गया जो सब्जीमंड...

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रावी की लहरें By Sureshbabu Mishra

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प्रतिशोध.. By Kishanlal Sharma

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કભી ખુશી કભી ગમ By PANKAJ BHATT

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अजून ही बरसात आहे ..... By Dhanashree Pisal

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पहिल प्रेम आणि अनुभव By Monika Suryavanshi

मी या आधी प्रेम नव्हत केल आणि अनुभव ही नव्हता ना कधी करु वाटल.

अचानक मी मुबंई वर गावी आली.काही अडचणीमुळे याव‌ लागल.वाईट वाटत होत गावी राहायच मग माझ्या आयुष्याच कस.आणि प्रत्येक...

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