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40== कुछ दिनों बाद दीनानाथ ने देखा कि आशी ऑफ़िस जाकर अपने प्रॉजेक्ट पर का...
1. बाल कहानी - गलतीसूर्या नामक बालक अपने माता - पिता के साथ शहर में रहता था । सू...
అరె ఏమైందీ? హాట్ హాట్ రొమాంటిక్ థ్రిల్లర్ కొట్ర శివ రామ కృష్ణ "అవి...........అవి...
"सर..." राखी ने रॉनित को रोका। "ही इस माई ब्रदर।""ओह।" रॉनित समझ नहीं पाया कि व...
સૌ કિનારા પાસે ઉભેલી બોટ તરફ ચાલવા લાગ્યા. કાચ જેવું સ્વચ્છ પાણી થોડી થોડી વારે...
પ્રેમ સમાધિ પ્રકરણ-125 વિજયનાં દમણ સ્થિત બંગલે આજે રૂંડો અવસર આવ્યો એનો બંગલો આસ...
...मैं दिखने में प्रौढ़ और वेशभूषा से पंडित किस्म का आदमी हूँ इसलिए मीनाक्षी को म...
MYSTERIOUS RAPIST AND MURDER (Based on a hellish rape and murder case) PRE...
இன்ஸ்பெக்டரிடம் இருந்துதான் ஃபோன் வந்திருந்தது . விஷால் உங்களை ஆக்சிடென்ட் பண்ணி...
भाग 36सुंदर च्या हालचालींचे निरीक्षण करत...फौजदार म्हणाले..."नानाजी.. आम्ही सगळे...
एक लड़की अभी खिड़की के पास खड़ी खड़ी कुछ सोच रही थी .. असमान में बेहद ही प्यारा सा moon ? चमक रहा था. जो उसकी रोशनी से बेहद ही प्यारी लाइट अपने आसपास के वातारण में नई ऊर्जा भर रहा...
में अकसर सोचती थी की अगर हम कोई अच्छा काम करे तो हमारे माता पिता एवम् परिवार वालो की कीर्ति तो बढ़ेंगी ही पर उन शिक्षको और दोस्तो का क्या जिसने भी हमारी सफलता में अमूल्य योगदान दिय...
A tiny girl was standing with the help of stool to farewell her parents in early morning. Usually children habituated to sleep till late morning, specially children like Nancy but...
हम लोग एक व्हाट्सएप समूह के मार्फत आभासी मित्र थे। वह लगभग अस्सी-नब्बे लोगों का समूह। रोज सभी लोग एक दूसरे को सुप्रभात वाले पोस्टर डालते। दिन में कुछ लोग तो अपनी मौलिक रचनाएँ पर अध...
अपने जन्म वर्ष 1953 से अपने जीवन की युवावस्था और दाम्पत्य तथा नौकरी शुरुआत तक की अवधि का आत्मगंधी लेखा- जोखा मैंने अपनी आत्मकथा के पहले खंड “ आमी से गोमती तक “ में दे दिया है जिसे...
मी आणि माझे अहसास भाग -१ आई " सर्वोत्तम आहे ची आवृत्ती अगोदर निर्देश केलेल्या बाबीसंबंधी बोलताना मानव । ************************************ प्रियजनांशी दुष्ट वागणे ही चांगली गोष्ट...
बात उन दिनों की है, एक मकान बना कर रहना, एक मिसाल और योग्यता थी। मकान अगर मंजिले हो, तो कया बात, बहुत अमीर समझे जाने वाला शक्श....." हाहाहा, "हसता हुँ, आपने पर.... ये दोगल...
असं म्हणतात की, मनुष्य जेव्हा जन्माला येतो तेव्हाच हे ठरून जातं की त्याची मृत्यू कधी होईल, मृत्यू नंतर म्हणतात की शरीर जाडलं तर राख आणि गाडलं तर खाक, पण एक जीवन अस ही असत जे मृत्यू...
Mother: "Rahul, get ready, we're going to the temple." Rahul: "Mom, I don't want to go." Mother: "What do you mean you don't want to go? We go...
*Note:* This story is true, only the names of places and characters have been changed. We often see injustices happening around us, but we ignore them and move on, thinking we c...
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