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  • એટૉમિક હૅબિટ્સ

    પુસ્તક: એટૉમિક હૅબિટ્સ, લેખક: જેમ્સ ક્લિયરપરિચય: રાકેશ ઠક્કર* એક નવો વિચાર શીખવા...

  • నిరుపమ - 8

    నిరుపమ (కొన్నిరహస్యాలు ఎప్పటికీ రహస్యాలుగానే ఉండిపోతే మంచిది) శివ రామ కృష్ణ కొట్...

  • બર્મ્યુડાને આંટી જાય તેવા રહસ્યમય સ્થળ

     જ્યારે પણ રહસ્યાત્મક સ્થળોની ચર્ચા થાય ત્યારે બર્મ્યુડા ટ્રાયેંગલનો જરૂર ઉલ્લેખ...

  • द्वारावती - 71

    71संध्या आरती सम्पन्न कर जब गुल लौटी तो उत्सव आ चुका था। गुल की प्रतीक्षा कर रहा...

  • Martandya, The Setting Sun.

       Kunti was born to king Surasena of Mathura. But as promised to his friend and...

  • आई कैन सी यू - 39

    अब तक हम ने पढ़ा की सुहागरात को कमेला तो नही आई थी लेकिन जब सब ठीक चल रहा था और...

  • परीवर्तन

    परिवर्तन राजा चंडप्रताप नखशिखांत रक्‍ताने भरत्ला होता. शत्रूला यमसदनास पाठवून, अ...

  • आखेट महल - 4

    चारगौरांबर को आज तीसरा दिन था इसी तरह से भटकते हुए। वह रात को सोने के लिए कभी रे...

  • વિખુટી વિજોગણ

    કુદરતના ખોળે આવેલું કુંજર નામે અત્યંત નિર્મલ અને શાંત ગામ આવેલું હતું.બધીયે જાતન...

  • जंगल - भाग 8

                      अंजली कभी माधुरी, लिखने मे गलती माफ़ होंगी, नहीं, नम्बर कट गए।...

मृण्मयीची डायरी By Meenakshi Vaidya

नमस्कार

वाचकांसाठी यावेळी मी वेगळ्या विषयावर कथा मालिका घेऊन आले आहे. हा वेगळा विषय वाचकांना आवडेल अशी आशा करते.माझं लिखाण आवडत असेल तर नक्की तुमच्या ओळखीच्या लोकांना पा...

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पकडौवा - थोपी गयी दुल्हन By Kishanlal Sharma

सूरज ढल रहा था।ढलते सूरज की तिरक्षी किरणें नदी के बहते पानी मे पड़ रही थी।अनुपम नदी के किनारे एक पत्थर पर बैठा बहते हुए पानी को देख रहा था।जब भी उसका मन करता वह यहां आकर बैठ जाता था...

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वो कौन था. By Saroj Verma

कुदरत जब सितम-ज़रीफ़ी (अत्याचार करने) पर उतर आए तो हज़रत इंसान का तमाशा बना देती है। ठाकुर साहब हरनाम सिंह ने कभी ख्वाब में भी न सोचा था कि उन्हें इतने बड़े इम्तिहान से दो-चार होना...

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निस्वार्थी मैत्री By रोशनी

रिया : आई माला उशीर होतोय निघते का आता

रिया एका माध्यम वर्गीय कुटुंबातली मुलगी
ती तिच्या आईला देवळात घेऊन जात होती

आई : आले ग बाई
तुज्यासोबत जायचं म्हणलं की थोड टापटीप निघा...

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प्रतीक्षा By Kishanlal Sharma

जनवरी के महीने की रात।मौसम बेहद ठंडा था।य कोहरे की वजह से बिजली के लट्ठों पर लगे बल्बों का प्रकाश टिमटिमाता नजर आ रहा था।
प्लेटफॉर्म पर कोई आता जाता नजर नही आ रहा था।मुसाफिर लोग ठ...

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યોગ વિયોગ By Kajal Oza Vaidya

“...અખિલ બ્રહ્માંડમાં એક તું શ્રીહરિ... જૂજવે રૂપે અનંત ભાસે... દેહમાં દેવ તું, તેજમાં તત્ત્વ તું... શૂન્યમાં શબ્દ થઈ વેદ વાસે...” ‘શ્રીજી વિલા’ની સવાર રોજ આમ જ પડતી. સવારે સાડા છ...

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अनोखा प्रस्ताव By Kishanlal Sharma

सर्दियी की रात।रात के बारह बज चुके थे।वर्षा के सास ससुर और ननद कब के अपने अपने कमरों में जाकर सो चुके थे।वर्षा भी रोज सो जाती थी।लेकिन आज उसकी आँखों मे नींद नही थी।
वर्षा ने शेखर...

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शेष जीवन By Kishanlal Sharma

1--प्यार"आप अंदर जा सकते है।"नर्स के कहने पर रमेश अंदर चला गया।इला पलँग पर लेटी थी।उसकी बगल में उसका नवजात शिशु सो रहा था।रमेश बच्चे की तरफ देखते हुए बोला,"इसकी आंखे तु...

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પશ્ચાતાપ By Payal Chavda Palodara

મનોજભાઇ અને સેવંતીબેનને સંતાનમાં એકમાત્ર પુત્ર તરીકે અનુજ હતો. તેઓ બંને પતિ-પત્ની પોતે પણ એટલા ભણેલા હતા કે તેઓએ તેમના પુત્રના ભણતરમાં કોઇ કમી જ નહોતી રાખી. અનુજ પણ ભણવામાં ખૂબ જ હ...

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बहुत करीब मंजिल By Sunita Bishnolia

‘‘वाह! बहनजी, बहुत ही खूबसूरत कढ़ाई की है इन चुन्नियों पर। अब ये सारी चुन्नियाँ सीधी फिल्मों के सेट पर जाएँगी। इन चुन्नियों को फिल्मों की हिरोइनें अपनी फिल्मों में ओढ़ेंगी।’’...

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सूरज ढल रहा था।ढलते सूरज की तिरक्षी किरणें नदी के बहते पानी मे पड़ रही थी।अनुपम नदी के किनारे एक पत्थर पर बैठा बहते हुए पानी को देख रहा था।जब भी उसका मन करता वह यहां आकर बैठ जाता था...

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कुदरत जब सितम-ज़रीफ़ी (अत्याचार करने) पर उतर आए तो हज़रत इंसान का तमाशा बना देती है। ठाकुर साहब हरनाम सिंह ने कभी ख्वाब में भी न सोचा था कि उन्हें इतने बड़े इम्तिहान से दो-चार होना...

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निस्वार्थी मैत्री By रोशनी

रिया : आई माला उशीर होतोय निघते का आता

रिया एका माध्यम वर्गीय कुटुंबातली मुलगी
ती तिच्या आईला देवळात घेऊन जात होती

आई : आले ग बाई
तुज्यासोबत जायचं म्हणलं की थोड टापटीप निघा...

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प्रतीक्षा By Kishanlal Sharma

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अनोखा प्रस्ताव By Kishanlal Sharma

सर्दियी की रात।रात के बारह बज चुके थे।वर्षा के सास ससुर और ननद कब के अपने अपने कमरों में जाकर सो चुके थे।वर्षा भी रोज सो जाती थी।लेकिन आज उसकी आँखों मे नींद नही थी।
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शेष जीवन By Kishanlal Sharma

1--प्यार"आप अंदर जा सकते है।"नर्स के कहने पर रमेश अंदर चला गया।इला पलँग पर लेटी थी।उसकी बगल में उसका नवजात शिशु सो रहा था।रमेश बच्चे की तरफ देखते हुए बोला,"इसकी आंखे तु...

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‘‘वाह! बहनजी, बहुत ही खूबसूरत कढ़ाई की है इन चुन्नियों पर। अब ये सारी चुन्नियाँ सीधी फिल्मों के सेट पर जाएँगी। इन चुन्नियों को फिल्मों की हिरोइनें अपनी फिल्मों में ओढ़ेंगी।’’...

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