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હાલ કાના મને દ્વારીકા બતાવ By Siddharth Maniyar

અત્યાર સુધીની મારી તમામ વાર્તામાં કોઇક ને કોઇક બોધ પાઠ આપવાનો પ્રયાસ કર્યો છે. ત્યારે આ વખતની આ વાર્તામાં ભગવાન પ્રત્યેની અંધશ્રદ્ધા નહીં પરંતુ તેના પરના વિશ્વાસ અને શ્રદ્ધાના વિષય...

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हम साथ साथ है By Meenakshi Vaidya

ऑफीस संपवून घरी परतणाऱ्या सुलभाला घरी जाण्याची इच्छाच नव्हती. आजकाल रोजच तिला असं वाटायचं. कारण घरी गेल्यावर नेहमीप्रमाणे सासूचा लांब चेहरा बघा आणि मधून मधून कुचकट बोलणी ऐका. तेही...

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धोखा या इश्क By aruhi

एक लड़का ,,,,एक लड़की का गला दबाते हुए,,,,उसे दीवार से लगा देता है,,,,,और गुस्से से उसे घूरते हुए ,,,,,स्नेहा तुमने सही नहीं किया ,,,,,,जब तुम्हें मुझसे प्यार था ही नहीं,,,,तो मुझस...

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पर्दाफाश By Ratna Pandey

14 वर्ष की आहुति ने अपना पूरा मन बना लिया था कि अब वह घर में नहीं रहेगी, उसे अपने इस प्यारे से घर को छोड़कर जाना ही होगा। लेकिन कहाँ...? कैसे...? यह चिंता उसे सता रही थी। वह अपनी म...

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ख्वाहिश,,,,कत्ल उम्मीदों का By Paramjeet Kaur

पहली महिला :- दूसरी महिला से,,,,,सुना है बहन जी इनकी बेटी कल से घर नही आई है ,अरे उसके बाप ने देखो तो कितना खर्च किया है उसके लिए, और बेटी का कोई पता ठिकाना नहीं है कहां गई ,कल से...

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मला स्पेस हवी पर्व १ By Meenakshi Vaidya

मागील भागात आपण बघीतलं की नेहा सुधीरला मला स्पेस हवी आहे हे सांगते सुधीरला धक्का बसतो. ऋषी आल्यामुळे दोघांचं बोलणं अर्धवट राहतं.या भागात बघू काय होईल.

किती तरी वेळ सुधीर आपल्याच...

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गुलकंद By श्रुत कीर्ति अग्रवाल

मैं, एक लेखिका, श्रुत कीर्ति अग्रवाल, आज पहली बार आपके साथ अपनी रचनाओं के माध्यम से नहीं, स्वयं अपने-आप को माध्यम बना आपके समक्ष हूँ। अभी तक मुझे लगता था कि अगर मैं अपनी सारी बातें...

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म्हणींच्या कथा By Kalyani Deshpande

इकडे आड तिकडे विहीर शब्दशः(अक्षरशः) अर्थ: ह्या बाजूला आड आहे आणि त्याबाजूला बघितलं तर विहीर आहे त्यामुळे कुठे जावं कळत नाही,दोन्ही बाजूला जायला रस्ता नाही. गर्भितार्थ(लाक्षणिक अर्थ...

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સીમાંકન By મૃગતૃષ્ણા mrigtrushna"

આ રચના સંપૂર્ણ કાલ્પનિક તથા મૌલિક છે જેનો કોઈ વ્યક્તિ વિશેષ કે ઘટના સાથે સીધો સંબંધ નથી.
**********************

તા. ૧૬મી ઑગસ્ટ ૨૦૨૨

આજે મન કાબૂમાં નથી. વારંવાર ખંખેરવા છતાં...

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सर्कस By Madhavi Marathe

हम लोग हमेशा सर्कस से जुडे हुए लोगों के जीवन के बारे में, जानने के लिए बहुत उत्सुक रहते है। उनका खानाबदोशजीवन, मंच पर अभिनय, साहसिक खेल, जानवरों की दुनिया, रोज की तालियाँ, लेकिन जि...

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હાલ કાના મને દ્વારીકા બતાવ By Siddharth Maniyar

અત્યાર સુધીની મારી તમામ વાર્તામાં કોઇક ને કોઇક બોધ પાઠ આપવાનો પ્રયાસ કર્યો છે. ત્યારે આ વખતની આ વાર્તામાં ભગવાન પ્રત્યેની અંધશ્રદ્ધા નહીં પરંતુ તેના પરના વિશ્વાસ અને શ્રદ્ધાના વિષય...

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हम साथ साथ है By Meenakshi Vaidya

ऑफीस संपवून घरी परतणाऱ्या सुलभाला घरी जाण्याची इच्छाच नव्हती. आजकाल रोजच तिला असं वाटायचं. कारण घरी गेल्यावर नेहमीप्रमाणे सासूचा लांब चेहरा बघा आणि मधून मधून कुचकट बोलणी ऐका. तेही...

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धोखा या इश्क By aruhi

एक लड़का ,,,,एक लड़की का गला दबाते हुए,,,,उसे दीवार से लगा देता है,,,,,और गुस्से से उसे घूरते हुए ,,,,,स्नेहा तुमने सही नहीं किया ,,,,,,जब तुम्हें मुझसे प्यार था ही नहीं,,,,तो मुझस...

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पर्दाफाश By Ratna Pandey

14 वर्ष की आहुति ने अपना पूरा मन बना लिया था कि अब वह घर में नहीं रहेगी, उसे अपने इस प्यारे से घर को छोड़कर जाना ही होगा। लेकिन कहाँ...? कैसे...? यह चिंता उसे सता रही थी। वह अपनी म...

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ख्वाहिश,,,,कत्ल उम्मीदों का By Paramjeet Kaur

पहली महिला :- दूसरी महिला से,,,,,सुना है बहन जी इनकी बेटी कल से घर नही आई है ,अरे उसके बाप ने देखो तो कितना खर्च किया है उसके लिए, और बेटी का कोई पता ठिकाना नहीं है कहां गई ,कल से...

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मला स्पेस हवी पर्व १ By Meenakshi Vaidya

मागील भागात आपण बघीतलं की नेहा सुधीरला मला स्पेस हवी आहे हे सांगते सुधीरला धक्का बसतो. ऋषी आल्यामुळे दोघांचं बोलणं अर्धवट राहतं.या भागात बघू काय होईल.

किती तरी वेळ सुधीर आपल्याच...

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गुलकंद By श्रुत कीर्ति अग्रवाल

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म्हणींच्या कथा By Kalyani Deshpande

इकडे आड तिकडे विहीर शब्दशः(अक्षरशः) अर्थ: ह्या बाजूला आड आहे आणि त्याबाजूला बघितलं तर विहीर आहे त्यामुळे कुठे जावं कळत नाही,दोन्ही बाजूला जायला रस्ता नाही. गर्भितार्थ(लाक्षणिक अर्थ...

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સીમાંકન By મૃગતૃષ્ણા mrigtrushna"

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તા. ૧૬મી ઑગસ્ટ ૨૦૨૨

આજે મન કાબૂમાં નથી. વારંવાર ખંખેરવા છતાં...

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सर्कस By Madhavi Marathe

हम लोग हमेशा सर्कस से जुडे हुए लोगों के जीवन के बारे में, जानने के लिए बहुत उत्सुक रहते है। उनका खानाबदोशजीवन, मंच पर अभिनय, साहसिक खेल, जानवरों की दुनिया, रोज की तालियाँ, लेकिन जि...

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